Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान बिहार चुनाव के बीच एक साथ दिखे. मौका था पूर्व केन्द्रीय मंत्री व लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के श्राद्ध कर्म का.

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. इस दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार का पांव छूकर आशीर्वाद लिया.

बिहार चुनाव में प्रचार का दौर जारी है ऐसे में नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में जुटे है. ऐसे में पक्ष और विपक्ष का एक जगह दिखना अपने आप में खास था.

बिहार में राजद-जदयू गठबंधन की सरकार है.कुल मिलाकर लालू राज बिहार में फिर से कायम है. लालू यादव ने बिहार विधान सभा चुनाव के पहले अपनी लडखड़ाती राजनीतिक पारी को अपने अनुभव और बुद्धिमता से जिस प्रकार संभाला है वो उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक है.

लालू प्रसाद यादव ने पहले अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी फिर अपनी बेटी मीसा भारती के जरिये बिहार की राजनीति में अपने और परिवार के लोगों की साख मजबूत करने का प्रयास किया पर कहीं ना कहीं सत्ता में फ्रंट से लीड करने की उनकी तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही थी.

ऐसे में गहन चिंतन के बाद जिस प्रकार लालू यादव ने पूरे आत्मविश्वास से अपने पुत्र तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में सक्रिय किया है और दोनों को एक मुकाम पर ला खड़ा किया है वो लालू यादव के ‘किंग मेकर’ वाली छवि को सार्थक करता है.

तेजस्वी इस समय बिहार के उप-मुख्यमंत्री है. जबकि तेजप्रताप बिहार के स्वास्थ्य मंत्री. दोनों ही नीतीश सरकार के खासमखास हैं. तेजस्वी ने जिस प्रकार हाल ही में अपने युवा जोश के साथ नीतीश कुमार के साथ कदम से कदम मिलाकर सरकार चलाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वो उनके राजनीतिक कुशलता को दर्शाता है. पिता से मिली सीख और वंशानुगत प्रभाव बिहार की राजनीति में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है.

इस बात से बिहार की जनता भलीभांति अवगत है कि लालू प्रसाद यादव ने समय रहते अपनी राजनीतिक विरासत को जिम्मेदार हाथो में सौंप दिया है. आने वाले समय में दोनों पुत्र बिहार समेत देश की राजनीति में अपनी साख मजबूत करने में सक्षम होंगे. लालू प्रसाद यादव ने अपने डगमगाते राजनीतिक भविष्य को जिस प्रकार आधार दिया है वो उनके विरोधियों के लिए बहुत बड़ी सबक है.