Chhapra:  वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा छपरा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया. जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल में नवनिर्मित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, लेबर रूम, इमरजेंसी वार्ड आईसीयू, आरटीपीसीर लैब, टीकाकरण कार्य तथा कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया गया.

इस दौरान जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन प्लांट से संबंधित आवश्यक जानकारी सिविल सर्जन से ली. इस दौरान सिविल सर्जन ने डीएम को बताया कि यह ऑक्सीजन प्लांट 1000 लीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से इमरजेंसी वार्ड तथा आईसीयू वार्ड, कोविड केयर सेंटर में पाइप लाइन के द्वारा अक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.

जिलाधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और अस्पताल में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. कोरोना के मरीजों को इस बार ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पूर्ति की गई है। सदर अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के द्वारा प्रति घंटा 1000 लिटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. इससे सारण वासियों को काफी राहत मिलेगी.

साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश:
निरीक्षण के दौरान जिला अधिकारी राजेश मीणा ने सिविल सर्जन समेत अन्य अधिकारियों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड समेत पूरे परिसर में साफ सफाई का विशेष रूप से ख्याल रखने का निर्देश दिया गया. डीएम ने निर्देश दिया कि इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका ख्याल रखा जाए. मरीजों को कंबल, चादर तथा बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को कोई परेशानी ना हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखना है। जच्चा बच्चा दोनों को अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई जाए और शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

कोविड केयर सेंटर को तैयार रखें:
इस दौरान जिला अधिकारी राजेश मीणा के द्वारा सदर अस्पताल के जीने में ट्रेनिंग स्कूल में बनाए गए कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया गया। जिला अधिकारी के द्वारा कोविड केयर सेंटर में उपलब्ध बेड आवश्यक उपकरणों ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा दवाओं की उपलब्धता की जांच की गई जिला अधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया कि कोविड केयर सेंटर को क्रियाशील अवस्था में रखा जाए। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके । जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन भरा कर रखें तथा आवश्यक दवाओं उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड जांच में तेजी लाएं लक्ष्य के अनुरूप सैंपल कलेक्शन करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाए ताकि संभावित तीसरी लहर से बचाव किया जा सके। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसडी सिंह, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा समेत अन्य चिकित्सक और कर्मी मौजूद थे।

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर दिया निर्देश

•नसबंदी कराने पर महिलाओं को दी जाती है 1400 की प्रोत्साहन राशि

•ऑपरेशन थिएटर को सेनीटाइज करने के दिए निर्देश

Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से प्रभावित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। बहुत सारी सेवाएं शुरू कर दी गई है। जिसमें से एक जरूरी सेवा परिवार नियोजन भी शामिल है। परिवार नियमित सेवाओं की उपलब्धता जरूरी है। परिवार नियोजन के तहत सभी सेवाओं को पुनः शुरू करने के निर्देश दिए गए है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने महिला नसबंदी सेवा को फिर से शुरू करने का निर्देश दे दिया गया है। कई जगहों पर महिलाओं का बंध्याकरण शुरू हो गई है अन्य जगहों पर शुरू करने की कार्रवाई की जा रही है।

परिवार नियोजन के अन्य सेवाओं को बहाल करने निर्देश:

कोविड-19 महामारी में स्वास्थ सेवा प्रणाली पर अतिरिक्त ध्यान देते हुए आरएमएमसीएच +ए सेवाएं दी जाती है। लॉकडाउन के कारण परिवार नियोजन की सेवा बाधित हो गई थी, जिसे राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले पुनः बहाल करने की पहल की जा रही है। महिला नसबंदी तथा परिवार नियोजन के अन्य सेवाओं को बहाल करने का निर्देश दिया है। साथ ही ऑपरेशन थिएटर को सेनीटाइज करने की भी बात बतायी गयी है।

पहले से पंजीकृत महिलाओं की ही होगी नसबंदी:

प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत महिला नसबंदी, कॉपर-टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा पहले की तरह प्रदान की जाएगी। महिला नसबंदी उन्हीं महिलाओं का होगा जो पहले से प्री- रजिस्टर्ड होंगी।लेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में सेवाएं प्रदान नहीं की जाएगी। फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी।

इन परिवार नियोजन साधनों का उठायें लाभ:

पीपीआईयूसीडी :

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि बच्चों में अंतराल रखने तथा अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी(प्रसव उपरांत कॉपर टी संस्थापन) लगाया जाता है। गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे लंबे समय तक गर्भधारण की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें ऑपरेशन की भी आवश्यकता नहीं होती है। पीपीआईयूसीडी दो तरह की होती है। एक 5 साल के लिए तथा दूसरा 10 साल के लिए के लिए होता है। सभी सरकारी यह अस्पतालों में मुफ्त लगाई जाती है।

एमपीए (अंतरा):

अंतरा अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों में एक बहुत असरदार विधि है। एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं होती है। दूध पिलाती मां भी ले सकती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। ना ही शिशु पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यदि महिला ठीक 3 महीने बाद इंजेक्शन लगवाने नहीं आती तो निर्धारित तिथि से 14 दिन पहले 28 दिन बाद तक भी इंजेक्शन लगा सकती है। अंतरा महिलाओं के लिए एक सरल व सुरक्षित असरदार साधन है जिसे प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर महिला को एक इंजेक्शन लेना होता है। गर्भधारण रोकने में यह 99.7% प्रभावी होता है। तिमाही लगने वाली इंजेक्शन इसका पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रोन एसीटेट है। अंतरा का प्रयोग बंद करने के कुछ माह बाद महिलाओं को पहले की तरह माहवारी होने लगती है और वह पुनः गर्भधारण कर सकती है।

लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि :

बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए नवीन गर्भ निरोधक- ‘अंतरा’ की शुरुआत की गयी है। ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है, जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज या सूई लाभार्थी को 100 रूपये एवं उत्प्रेरक को भी 100 रूपये दिए जाने का प्रावधान है।

Chhapra: सदर अस्पताल के ऑन ड्यूटी चिकित्सक से भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा के द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने का मामला सामने आया है. घटना बुधवार देर शाम की बताई जा रही है.

मिली जानकारी के अनुसार अमनौर से भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा देर शाम अपने किसी करीबी मरीज से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ राकेश कुमार से कुछ बातचीत की और इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक से कथित रूप से बकझक होने लगी.

चिकित्सक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि उनसे बातचीत के क्रम में ही वे बिफर गए और दुर्व्यवहार किया.

इस घटना में बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों में रोष है. घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ भी अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों को समझाया. चिकित्सकों ने बैठक की और आगे की रणनीति पर विचार किया. इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी सारण को भी दी गयी और कार्रवाई की मांग की गई है.

इस घटना पर अमनौर विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा ने बताया कि वे किसी अन्य गंभीर मरीज को देखने गए थे. इसी क्रम में परसा से रेफर एक अन्य मरीज को जो पहले से अस्पताल में था के बारे में चिकित्सक से पूछा, जिसपर उसकी एंट्री रजिस्टर में ना होने की बात सामने आयी. इसको लेकर चिकित्सक से पूछताछ की. जिसपर ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने सही जानकारी नही दी. विधायक ने आरोपो से इनकार किया है.

इस मामले में चिकित्सकों ने भगवान बाजार थाना में विधायक के खिलाफ आवेदन दिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

वही दूसरी ओर भासा ने आरोपी विधायक पर कार्रवाई की मांग की है और फिलहाल ओपीडी (OPD) बहिष्कार का निर्णय लिया है. डॉक्टरों के समर्थन में एंबुलेंस के कर्मचारी भी उतर आए हैं और काम ठप कर दिया गया है.

• 6वें से 5वें स्थान पर पहुंचा

• राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी की रैंकिग

• 34 स्वास्थ्य सूचकांको पर तय की गयी रैंकिंग

Chhapra: जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुयी है. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति नियमित तौर पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा भी करती है. इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा कर जिलावार रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले ने निर्धारित सूचकांकों में प्रगति की है. यही वजह है कि राज्य भर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले जिलों की सूची में सारण को 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस साल जनवरी माह की रैंकिंग में जिले को 6वां स्थान प्राप्त हुआ था। फरवरी माह की रैंकिंग में 5 वां स्थान मिला है।

34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर हुयी रैंकिंग

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर राज्य स्तरीय रैंकिंग जारी की है. जिसमें जिले की स्थिति पहले की तुलना में और बेहतर हुयी है. बेहतर कार्य के बदौलत 5 वां स्थान प्राप्त कर सका है. इससे जिले के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह वर्धन भी हुआ है. साथ ही इस रैंकिंग को बरक़रार रखने के साथ आगे बढ़ने की चुनौती भी अब बढ़ गयी है. इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन करने होंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जिला टॉप 3 की सूची में शामिल हो सकेगा. इसमे डीपीएम अरविंद कुमार, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा , डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग सराहनीय है।

इन सूचकांकों को किया गया शामिल

34 स्वास्थ्य सूचकांकों पर रैंकिंग तैयार की गयी है. जिसके लिए 800 अंक निर्धारित किये गए थे. जिसमें गर्भवती महिलाओं का निबंधन, प्रसव पूर्व पहली तिमाही में महिलाओं का निबंधन, संस्थागत प्रसव, आधुनिक परिवार कल्याण के उपायों की दर, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की संख्या एवं भर्ती रहे दिनों की संख्या , पूर्ण टीकाकरण, खून की कमी दूर करने में आयरन टैबलेट की आपूर्ति, एंबुलेंस का प्रतिदिन परिवहन की दर, पीएचसी स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या में हर माह ओपीडी की सेवा उठाने वाले मरीजों की संख्या, लेबोरेटरी में स्वास्थ्य जाँच कराने वाले लोगों की संख्या , अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता दर, खोजे गए नए टीबी मरीजों की संख्या, टीबी और कालाजार मरीजों के लिए दवा उपलब्धता की स्थिति , ओपीडी दवाओं की उपलब्धता, पैसे का खर्च, आशा का प्रशिक्षण, आशा का भुगतान, कन्या उत्थान योजना का भुगतान और चिकित्सकों का ओपीडी में प्रदर्शन शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी

क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रैंकिग जारी की गई है। जिसमें जिले को राज्य भर में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है. यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है. सभी स्वास्थ्य कर्यक्रमों का लाभ समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना जरुरी है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है. आने वाले समय में इससे भी बेहतर रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती है.

Chhapra: महिलाओं में होने वाले बच्चेदानी के कैंसर की जांच के साथ बेहतर इलाज व इसके रोकथाम के लिए छपरा में नए मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल का शुभारंभ 6 मार्च को किया जाएगा. शहर के काशी बाजार वृंदावन कॉलोनी में स्थित इस हॉस्पिटल में शहर की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रियंका शाही द्वारा मरीजों का इलाज किया जाएगा. डॉ शाही ने बताया महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर का इलाज अब छपरा में संभव है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा श्री साई हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी सेंटर का शुभारंभ किया जा रहा है. जिसमें मुंबई से डॉक्टर प्रिया गणेश कुमार आ रही है, जो सर्वाइकल कैंसर ट्रीटमेंट स्पेशलिस्ट हैं वो IARC/WHO/ FOZSI सर्टिफाइड हैं.

डॉक्टर शाही ने बताया कि हमारा मकसद बच्चेदानी के कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को यह बीमारी ना हो इसके लिए काम करना है. महिलाएं जागरूक नहीं होने के कारण बच्चेदानी के कैंसर का शिकार हो रही हैं. ऐसे में समय-समय पर जांच व टीकाकरण के साथ उनका इलाज किया जाएगा. वहीं जिस महिला को कैंसर होगा उनका पूरा इलाज किया जाएगा.

कैंसर की जांच ऑपरेशन व कीमोथेरेपी

सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं का इलाज छपरा में डॉ प्रियंका शाही द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले  बच्चेदानी मुख्य एवं कैंसर की विशेष जांच की जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट्स पॉज़िटिव आने पर प्री कैंसर ट्रीटमेंट किया जाएगा. सर्वाइकल कैंसर मरीजों के लिए हॉस्पिटल में ऑपरेशन की सुविधा है. साथ साथ यहां कीमोथेरेपी भी कराई जाएगी,ऑपरेशन के लिए बाहर से सर्जन बुलाए जाएंगे.

ये होंगी मुख्य सुविधाएं

प्रीवेंटिव ऑन्कोलॉजी के तहत सभी का इलाज किया जाएगा. डॉ प्रियंका साही ने बताया कि श्री साई हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी सेंटर में मेडिसिन विभाग, महिला एवं शिशु विभाग, हड्डी रोग विभाग तथा एक्सीडेंट, सर्जरी विभाग, निवारक ऑन्कोलॉजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग, डे केयर वर्ल्ड, नेत्र विज्ञान, ICU, PICU NICU आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. यह हॉस्पिटल चौबीसों घंटे मरीजों की सेवाओं के लिए खुला रहेगा.

प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी के तहत कैंसर रोकने का होगा प्रयास

डॉ शाही ने बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण है प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी पर काम करना. इसके तहत महिलाओं को लिए विशेष रुप से बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की जांच की जाएगी जो कॉल्पोस्कोप से होगी अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आते हैं तो उनका इलाज यही किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर उनके कीमोथेरेपी व ऑपरेशन भी किया जाएगा. डॉ प्रियंका शाही के अनुसार भारत में हर 4 में से 1 महिलाओं को बच्चेदानी का कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण भी किया जाता है. जिससे 9 से 45 साल के उम्र के महिलाओं को टीकाकरण किया जाता है. जिससे 9 से 15 साल तक 2 टीके व 15 से 45 साल की उम्र में 3 टीके लगाए जाते हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का रिस्क 2.5 प्रतिशत होता है वहीं इसमें 1.5 प्रतिशत मामलों में मौत होती है. दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से मरने वाली हर चौथी महिला भारतीय है.

Patna: राज्य में जल्द ही दो हज़ार स्थायी डॉक्टरों की बहाली की जाएगी. इसके लिए आयोग द्वारा अक्टूबर में विज्ञापन निकाला जाएगा.

ऐसे होगा चयन

डॉक्टरों का चयन MBBS या अन्य कोर्सों में प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर होगा. जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार नही होगा. वहीं दिसम्बर गया जनवरी में यह बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. विभाग इसके लिए आरक्षण रोस्टर तैयार कर रहा है. जिसके तैयार होते ही वैकेंसी तकनीकी आयोग को भेज दी जाएगी.

गौरतलब है की सूबे के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के
लगभग 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं.

सारण में 2054 नवजातों को किया गया है चिन्हित
सारण के लिए 3810 वायल टीके मंगाए गए है
तीन डोज में लगाए जाएंगे टीके

Chhapra: 1 जून से सारण सहित राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन निशुल्क लगाई जाएगी.

इसके लिए सारण जिले में कुल 2054 नवजात बच्चों को चिन्हित किया गया है. जिन्हें टीका लगाया जाएगा. इसके लिए ज़िले के अस्पतालों में कुल 3810 वायल टीके मंगाए गए हैं.

सारण जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ जयश्री ने बताया कि यह टीका जानलेवा बीमारी से बचाएगा. साथ ही इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं होगा. उन्होंने बताया कि ज़िले के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1 जून से निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि बाजार में एक डोज की कीमत 3 से4 हज़ार रुपये की है. लेकिन सरकारी अस्पताल में यह मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी.

तीन डोज में लगेंगे टीके:

न्यूमोकोकल वायरस से बचाव के लिए यह टीका बच्चों को तीन डोज में लगाया जाएगा. पहला टीका डेढ़ माह पर, उसके बाद साढ़े तीन पर तथा तीसरा टीका नव माह पर लगाया जाएगा.

बताते चलें कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में पहली बार यह टिका नियमित टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा रहा है. राज्य के लगभग 30हज़ार नवजातों को शुक्रवार से टीका लगाने का काम शुरू होगा.