नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार साइबर अपराध को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने की योजना बना रही है।

गृहमंत्री शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अमित शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और रिज़र्व बैंक तथा अन्य सभी बैंकों के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान की व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास जारी है। म्यूल अकाउंट को ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की व्यवस्था भी की जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ के मंत्र के बारे में जानकारी देकर उन्हें साइबर अपराधों के प्रति सतर्क किया जा सके।

गृहमंत्री ने कहा कि आई4सी पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 ‘ऐप्स’ और 3266 वेबसाइट-लिंक को आई4सी की सिफारिश पर ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं। साथ ही 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा साझा किया गया, 19 लाख से अधिक म्यूल खाते पकड़े गए और 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन रोके गए हैं।उल्लेखनीय है कि म्यूल अकाउंट- धोखाधड़ी के जरिए कमाए गए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बैंक खाते को कहते हैं।

भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया

अमित शाह ने कहा कि आज भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। भारत की कुल अर्थव्यवस्था में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 प्रतिशत है। गृह मंत्रालय का लक्ष्य साइबर अपराध के मामलों और उनकी एफआईआर को शून्य करना है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार प्रकार की रणनीति अपनाई है, जिसमें अभिसरण, समन्वय, संचार और क्षमता शामिल है। इन सभी को स्पष्ट उद्देश्यों और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के भीतर अंतर-मंत्रालयी और अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत किया गया है, जिससे निर्बाध संचार और सूचना का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हुआ है।

‘1930’ हेल्पलाइन

शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, सीईआरटी-आईएन, आई4सी और दूरसंचार और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वस्थ परंपरा के कारण कई साइबर अपराध मामलों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली है। गृहमंत्री ने साइबर अपराध को रोकने के लिए जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया और समिति के सभी सदस्यों से आई4सी हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया। साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मद्देनजर, ‘1930’ हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हुए एक-बिंदु समाधान प्रदान करती है।

अमित शाह ने कहा कि 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। साइट्रेन प्लेटफॉर्म, जो कि एक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) प्लेटफॉर्म है, पर 101,561 पुलिस अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है और 78,000 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

बैठक में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय एवं बंदी संजय कुमार, समिति के सदस्य, केंद्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

Patna: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, रविवार, 10 दिसंबर,2023 को बिहार की राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड राज्य शामिल हैं। यह बैठक भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालाय द्वारा बिहार सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री भाग लेंगे। राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में 5क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केन्द्रीय गृह मंत्री इन पाँचों क्षेत्रीय परिषदों में प्रत्येक के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषदमें शामिल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उप-राज्यपाल/प्रशासकइसके सदस्य हैं, जिनमें से एक मुख्यमंत्री हर साल बारी-बारी से उपाध्यक्ष होते हैं। राज्यपाल द्वारा प्रत्येक राज्य से 2 और मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष हैं।

राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को सर्वप्रथम संबन्धित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। जिन मुद्दों का आपसी सहमति से समाधान नहीं निकल पाता हैउन्हें क्षेत्रीय परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के लिए प्रस्तुत किया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वांगीण विकास हासिल करने के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। क्षेत्रीय परिषदें सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं की भावना के अनुरूप दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर नियमित संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और मंच प्रदान करती हैं।सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से वर्ष 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 55 बैठकें हुईं हैं, इनमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 26 बैठकें शामिल है।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों मेंये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ बंधन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। परिषदों की बैठकों में कोदो, कुटकी एवं अन्य श्री-अन्न (minor millets) फसलों का रागी के बराबर समर्थन मूल्य, व्यापक सिल्ट प्रबंधन नीति के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2022 में तलछट (Sediment) प्रबंधन के लिए नेशनल फ्रेमवर्क ज़ारी करना, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा लाख की खेती के लिए वित्त का पैमाना तय करना और लाख की खेती को 2022-23 से किसान क्रेडिट कार्ड में शामिल करना आदि निर्णय लिए गए।क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा करती हैं जिनमें खनन, कुछ मदों में केन्द्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं कानिर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्थानांतरण, जल बँटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम(DBT) का कार्यान्वयन, राज्य- पुनर्गठन और क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।

क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व् के अनेकमुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन,प्रत्येक गांव में 5 किमी के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा,देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मानभारत-प्रधानमंत्रीजनआरोग्ययोजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी तथा राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।

Chhapra/Jalalpur (Surabhit Dutt): केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छठी वाहिनी के मुख्यालय का उद्घाटन किया. रविवार को पटना से बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से जिले के जलालपुर प्रखंड के कोठियां स्थित ITBP मुख्यालय में पहुंचे. उनके साथ सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी पहुंचे.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अनुशासन, जीत और चरित्र ITBP के व्यवहार में है. दूरदराज के क्षेत्रों में कैंप की स्थापना से लोगो में इसके प्रति विश्वास जगता है. वही आपदा के समय तुरत सहायता के लिए जवान तत्पर रहते है. 

उन्होंने कहा कि देश मे वर्तमान समय मे कुछ ताकतें भारत को जाति, पंथ में भेद कराना चाह रहे है. जिसको रोकते हुए देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरुरत है. इन देश विरोधी ताकतों को मुहतोड़ जबाब दिया जायेगा. उन्होंने युवाओं से अपील किया कि इसे रोकने में अपनी भागीदारी दें. आज जरुरत है की देश में समरसता कायम रहे ताकि विकास अवरुद्धं करने वाली शक्तियों से डट कर लड़ा जा सके.

उन्होंने कहा कि अपना भारत वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर चलता रहा है. देश ही नहीं विश्व को भी हम एक परिवार के रूप में मानते आये है. देश को जाति, पंथ में बांटने वाली हर साजिस को नाकाम किया जायेगा. उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों का विकास जबतक नही होगा तब तक देश विकसित नही हो सकता.

 

उन्होंने भूमि देने वाले किसानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ITBP के जवान देश की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते ऐसे में उनके कैंप के लिए भूमि देने वाले किसान भी देश सेवा कर रहे है. श्री सिंह ने कहा कि समाजिक बुराइयों को मिटाकर समाज को आगे ले जाने का कार्य राज्य और केंद्र की सरकार कर रही है. उन्होंने बिहार में शराब पर प्रतिबन्ध लगाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद दिया.

मुश्किल हालात में अर्द्ध सैनिक बल रहते है तैनात:  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  

वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र ने आईटीबीपी के कैंप के लिए जमीन की मांग की थी जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने बिना देर किये जमीन उपलब्ध करायी जिससे की कैंप जल्द से जल्द बन सके. उन्होंने कहा कि पहले शांति व्यवस्था में परेशानी आने पर बाहर से RAF की टीम को बुलाना पड़ता था पर अब गृह मंत्रालय से की गयी मांग के बाद हाजीपुर में इसका केंद्र बन रहा है. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को चाहिए की युवाओं को रोजगार के अवसर दे और साथ ही उनको प्रशिक्षित भी करे ताकि वह सेना और अर्ध सैनिक बल में शामिल हो सके. शांति व्यवस्था के हालत बिगड़ने पर अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती हालात को सामान्य करने में सहायक होती है. बिहार में कैंप बनने से युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. 

सुरक्षा बलों में बिहार की भागीदारी सबसे अधिक: सुशील मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी सुरक्षा बलों में बिहार की भागीदारी सबसे अधिक है. जो सम्मान की बात है. ऐसे क्षेत्र में कैम्प के खुलने से इस क्षेत्र के युवा को भी भर्ती किया जा सकेगा.

पहले गांव के लोग शहर जाते थे, आज गांव आ रहे है: रूडी

सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने संबोधित करते हुए कहा कि इस सुदूर क्षेत्र में कैम्प खोलने से विकास को नया आयाम मिलेगा. कल का निर्णय आज के विकास में बड़ा सहायक सिद्ध हुआ है. छपरा से मुजफ्फरपुर पहले 5 घण्टे में जाते थे आज 50 मिनट में जाते है जो विकास का सूचक है. आज विकास ऐसा हुआ है कि गांव में बिजली, पानी, सड़क चमक रहे है. पहले गांव से लोग शहर जाते थे आज गांव आ रहे है.

सांसद सिग्रीवाल ने युवाओं को भर्ती के पूर्व प्रशिक्षण देने की मांग की

महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि सारण की धरती गौरवशाली भूमि है. उन्होंने गृहमंत्री का स्वागत करते हुए छपरा में जलालपुर स्थित इस कैम्प का उद्घाटन करने के लिए उन्होंने बधाई दी. उन्होंने राजनाथ सिंह को कहा कि इससे पहले छपरा आप भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के नेता के रूप में आये थे और आज पहली बार इस ग्रामीण क्षेत्र में गृह मंत्री आये है. सांसद सिग्रीवाल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कैम्प को ट्रेनिंग सेंटर बनाने और युवाओं को भर्ती के पूर्व प्रशिक्षण देने की मांग की.

हम हिम वीर है तो गृहमंत्री वीरों के वीर: डीजी पंचनंदा

डीजी आरके पंचनंदा ने कहा कि भारत और चीन की सीमा पर मुश्किल हालातों में मुस्तैदी से देश की रक्षा में जुटी है. नक्सल प्रभावित छतीसगढ़ में भी आईटीबीपी के जवान मुस्तैदी से तैनात है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी सदा समर्पित है. हम हिम वीर है तो गृहमंत्री वीरों के वीर है.

इस अवसर पर सीवान के सांसद ओमप्रकाश यादव, गोपालगंज के सांसद जनक राम, विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, विधायक डॉ सीएन गुप्ता, विधान पार्षद ई सच्चिदानंद राय, डॉ वीरेंद्र नारायण यादव, जिप अध्यक्ष मीना अरुण समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

बता दें कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 6वीं बटालियन का यह मुख्यालय करीब 71 एकड़ भूमि में फैला है. मुख्यालय में प्रशासनिक भवन, बैरक, अस्पताल के साथ कुल 9 भवन बनाये गए है. जिसमे 1200 से अधिक सैन्य बलों के रहने की व्यवस्था है.

इसके पूर्व कैंप पहुँचाने पर गृहमंत्री को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. वही कार्यक्रम में दौरान आईटीबीपी के जवानों ने युद्ध कौशल की झलक पेश की.

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