Chhapra: सदर अस्पताल के ऑन ड्यूटी चिकित्सक से भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा के द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने का मामला सामने आया है. घटना बुधवार देर शाम की बताई जा रही है.

मिली जानकारी के अनुसार अमनौर से भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा देर शाम अपने किसी करीबी मरीज से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ राकेश कुमार से कुछ बातचीत की और इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक से कथित रूप से बकझक होने लगी.

चिकित्सक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि उनसे बातचीत के क्रम में ही वे बिफर गए और दुर्व्यवहार किया.

इस घटना में बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों में रोष है. घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ भी अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों को समझाया. चिकित्सकों ने बैठक की और आगे की रणनीति पर विचार किया. इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी सारण को भी दी गयी और कार्रवाई की मांग की गई है.

इस घटना पर अमनौर विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा ने बताया कि वे किसी अन्य गंभीर मरीज को देखने गए थे. इसी क्रम में परसा से रेफर एक अन्य मरीज को जो पहले से अस्पताल में था के बारे में चिकित्सक से पूछा, जिसपर उसकी एंट्री रजिस्टर में ना होने की बात सामने आयी. इसको लेकर चिकित्सक से पूछताछ की. जिसपर ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने सही जानकारी नही दी. विधायक ने आरोपो से इनकार किया है.

इस मामले में चिकित्सकों ने भगवान बाजार थाना में विधायक के खिलाफ आवेदन दिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

वही दूसरी ओर भासा ने आरोपी विधायक पर कार्रवाई की मांग की है और फिलहाल ओपीडी (OPD) बहिष्कार का निर्णय लिया है. डॉक्टरों के समर्थन में एंबुलेंस के कर्मचारी भी उतर आए हैं और काम ठप कर दिया गया है.

New Delhi: Corona संक्रमण में ईलाज करने के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश पास किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अध्यादेश लाई जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी. 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी. जबकि एक साल के अंदर फैसला आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. जबकि गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.

वही स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला करने वालों को उनकी मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई करना होगा.