Chhapra: महिलाओं में होने वाले बच्चेदानी के कैंसर की जांच के साथ बेहतर इलाज व इसके रोकथाम के लिए छपरा में नए मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल का शुभारंभ 6 मार्च को किया जाएगा. शहर के काशी बाजार वृंदावन कॉलोनी में स्थित इस हॉस्पिटल में शहर की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रियंका शाही द्वारा मरीजों का इलाज किया जाएगा. डॉ शाही ने बताया महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर का इलाज अब छपरा में संभव है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा श्री साई हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी सेंटर का शुभारंभ किया जा रहा है. जिसमें मुंबई से डॉक्टर प्रिया गणेश कुमार आ रही है, जो सर्वाइकल कैंसर ट्रीटमेंट स्पेशलिस्ट हैं वो IARC/WHO/ FOZSI सर्टिफाइड हैं.

डॉक्टर शाही ने बताया कि हमारा मकसद बच्चेदानी के कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को यह बीमारी ना हो इसके लिए काम करना है. महिलाएं जागरूक नहीं होने के कारण बच्चेदानी के कैंसर का शिकार हो रही हैं. ऐसे में समय-समय पर जांच व टीकाकरण के साथ उनका इलाज किया जाएगा. वहीं जिस महिला को कैंसर होगा उनका पूरा इलाज किया जाएगा.

कैंसर की जांच ऑपरेशन व कीमोथेरेपी

सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं का इलाज छपरा में डॉ प्रियंका शाही द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले  बच्चेदानी मुख्य एवं कैंसर की विशेष जांच की जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट्स पॉज़िटिव आने पर प्री कैंसर ट्रीटमेंट किया जाएगा. सर्वाइकल कैंसर मरीजों के लिए हॉस्पिटल में ऑपरेशन की सुविधा है. साथ साथ यहां कीमोथेरेपी भी कराई जाएगी,ऑपरेशन के लिए बाहर से सर्जन बुलाए जाएंगे.

ये होंगी मुख्य सुविधाएं

प्रीवेंटिव ऑन्कोलॉजी के तहत सभी का इलाज किया जाएगा. डॉ प्रियंका साही ने बताया कि श्री साई हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी सेंटर में मेडिसिन विभाग, महिला एवं शिशु विभाग, हड्डी रोग विभाग तथा एक्सीडेंट, सर्जरी विभाग, निवारक ऑन्कोलॉजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग, डे केयर वर्ल्ड, नेत्र विज्ञान, ICU, PICU NICU आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. यह हॉस्पिटल चौबीसों घंटे मरीजों की सेवाओं के लिए खुला रहेगा.

प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी के तहत कैंसर रोकने का होगा प्रयास

डॉ शाही ने बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण है प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी पर काम करना. इसके तहत महिलाओं को लिए विशेष रुप से बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की जांच की जाएगी जो कॉल्पोस्कोप से होगी अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आते हैं तो उनका इलाज यही किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर उनके कीमोथेरेपी व ऑपरेशन भी किया जाएगा. डॉ प्रियंका शाही के अनुसार भारत में हर 4 में से 1 महिलाओं को बच्चेदानी का कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण भी किया जाता है. जिससे 9 से 45 साल के उम्र के महिलाओं को टीकाकरण किया जाता है. जिससे 9 से 15 साल तक 2 टीके व 15 से 45 साल की उम्र में 3 टीके लगाए जाते हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का रिस्क 2.5 प्रतिशत होता है वहीं इसमें 1.5 प्रतिशत मामलों में मौत होती है. दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से मरने वाली हर चौथी महिला भारतीय है.

Patna: राज्य में जल्द ही दो हज़ार स्थायी डॉक्टरों की बहाली की जाएगी. इसके लिए आयोग द्वारा अक्टूबर में विज्ञापन निकाला जाएगा.

ऐसे होगा चयन

डॉक्टरों का चयन MBBS या अन्य कोर्सों में प्राप्त किये गए अंकों के प्रतिशत के आधार पर होगा. जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार नही होगा. वहीं दिसम्बर गया जनवरी में यह बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. विभाग इसके लिए आरक्षण रोस्टर तैयार कर रहा है. जिसके तैयार होते ही वैकेंसी तकनीकी आयोग को भेज दी जाएगी.

गौरतलब है की सूबे के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के
लगभग 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं.

Chhapra: शनिवार को सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा.

ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से इलाज कराने आय मरीज बेहाल दिखे. वही दूर देहात से इलाज कराने आय मरीजों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. हालांकि राहत की बात यह रही कि डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं चालू रखा.

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ दीपक ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमिसन बिल के विरोध मे IMA के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उन्होंने बताया कि सरकार MCI के जगह NMC बिल ला रही है. जिसमें कई खामियां है. इस वजह से आज धिक्कार दिवस मनाने का आह्वान किया गया है.

क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल
नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के तहत चार स्वायत्त बोर्ड बनाने का प्रावधान है. NMC एक 25 सदस्यीय संगठन होगा जिसमें एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव, आठ पदेन सदस्य और 10 अंशकालिक सदस्य आदि शामिल होंगे. इस कमीशन का काम अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा को देखना, साथ ही चिकित्सा संस्थानों की मान्यता और डॉक्टरों के पंजीकरण की व्यवस्था को भी देखना होगा. इस कमीशन में सरकार द्वारा नामित चेयरमैन और सदस्य होंगे जबकि बोर्डों में सदस्य, सर्च कमेटी द्वारा तलाश किए जाएंगे. यह कैबिनेट सचिव की निगरानी में बनाई जाएगी.

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (Medical Council Of India, MCI) खत्म हो जाएगी और उसकी जगह नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission, NMC) लेगी.