छपरा में अवैध वन्य जीव व्यापार का भंडाफोड़, दो दुकानदार गिरफ़्तार
छपरा में अवैध वन्य जीव व्यापार का भंडाफोड़, दो दुकानदार गिरफ़्तार
Chhapra: छपरा में अवैध वन्य जीव के व्यापार करने वाले मौना चौक से दो दुकानदारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके पास से प्रतिबंधित समान भी जब्त किए है. जिनमे शेर की खाल, कछुए के खोल सहित अन्य सामान बरामद किए गए है.
छपरा वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुन्दर एम. के द्वारा बताया गया कि गुप्त सूचना के आधार पर सारण वन विभाग ने छपरा रेंज के रेंजर बांके पासवान और अन्य वनरक्षियों की टीम के नेतृत्व में मौना चौक, छपरा में सघन छापेमारी की गयी.
छापेमारी के दौरान मौना चौक के दुकानदार रंजीत कुमार, आकाश गुप्ता द्वारा संचालित दो दुकानों पर छापा मारा गया और कई वन्यजीव वस्तुएं मिली. जिन्हें रखने और व्यापार करने पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रतिबंध है. यह बिहार में हाल के दिनों में सबसे बड़ी छापेमारी है जिसमें बाघ की खाल के टुकड़े, बाघ के पंजे, कछुए के खोले, साही की कांटा, विभिन्न सांपों की खाल, मृग के सींग आदि शामिल थे.
इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 भारतीय वन अधिनियम-1927 और जैविक विविधता अधिनियम-2002 के तहत मामले दर्ज किए गए.
वन प्रमंडल पदाधिकारी सारण के द्वारा बताया गया कि अवैध वन्यजीव व्यापार से निपटने के लिए सबसे कड़े अधिनियम हैं.
डीएफओ सारण ने कहा कि इन अवैध वन्यजीव वस्तुओं की आपूर्ति के स्रोत और व्यापार नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जांच के बाद लिंकेज का पता लगाने के लिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और बिहार के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को रिपोर्ट भेजी जाएगी. बताया गया कि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम -1972 जंगली जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, उनके आवासों के प्रबंधन, जंगली जानवरों, पौधों तथा उनसे बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिये एक कानूनी ढाँचा प्रदान करता है.