Chhapra: अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था रिलायंस इंटरनेशनल की स्थानीय इकाई लायंस क्लब छपरा सारण के द्वारा मौना नीम स्थित निजी विद्यालय में छात्राओं के बीच “सावन मेहंदी प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में लगभग 50 छात्राओं ने भाग लिया एवं एक से बढ़कर एक मेहंदी के डिजाइन को एक दूसरे के हाथों में रचा।

मौके पर मौजूद अध्यक्ष रणधीर जायसवाल ने बताया कि इस तरह के प्रतियोगिता से बच्चों में स्किल डेवलपमेंट होता है, इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन लायंस क्लब के द्वारा विद्यार्थियों के बीच में किया जाता रहा है। आज आर बी एस पब्लिक स्कूल के बच्चों ने बहुत ही सुंदर तरीके से एक दूसरे के हाथों में मेहंदी लगाकर अपने कला का प्रदर्शन किया एवं लायंस क्लब के द्वारा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया । वहीं स्कूल की प्रिंसिपल नीलम गुप्ता ने इस तरह के सुंदर प्रतियोगिता का आयोजन उनके विद्यालय परिसर में करने के लिए लायंस क्लब का आभार प्रकट किया।

इस मौके पर लायंस अध्यक्ष रणधीर जायसवाल, स्कूल की प्रिंसिपल नीलम गुप्ता, स्कूल के निदेशक राजू गुप्ता, क्लब कोषाध्यक्ष वासुदेव गुप्ता, प्रमोद मिश्रा, अमर कुमार, गणेश पाठक, जगदीश शर्मा, आनंद अग्रहरि, सुभाष कुमार, सोनी गुप्ता आदि सदस्य मौजूद रहें ।

उक्त जानकारी लायन साकेत श्रीवास्तव ने दी।

तुस्सी तारा सिंह को जानते नहीं…, दुश्मनों से पूछो तारा सिंह कौन है…, अपनी माँ के आंख में आंसू देखता हूं तो मन करता है संसार में आग लगा दूं…, कटोरा ले कर घूमोगे… भीख भी नहीं मिलेगी…, ऐसे कई जोरदार Dialogue, शक्तिमान तलवार की रोमांचित कर देने वाली कहानी, Anil Sharma का चित्ताकर्षक निर्देशन, शानदार Screenplay, तारा सिंह का ख़तरनाक एक्शन अवतार, Ameesha Patel की खूबसूरती, उत्कर्ष शर्मा का बढ़िया Screen Presence, मनीष वाधवा का ख़ौफ़नाक विलेन अवतार, बवाल Background Score, सिट्टी मार एक्शन, बंदूकों की आवाज़, बम – बारूद का खेल, हिंदुस्तान – पाकिस्तान के बीच मतभेद, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद की गूंज, गीता – कुरान की पवित्रता, लाहौर की वादियां, हिंदुस्तानी की खूबसूरती, नजीब खान की मनोहर कैमरा वर्क, Udit Narayan की Melodius आवाज़, संगीतकार मिथुन की मनमोहक धुन और अंत में मानवतापूर्ण संदेश से सजी है फ़िल्म Gadar 2.

 

Special Mention :

 

एक Mass Entertainer Film, जो कुछ सालों से हिंदी सिनेमा से ग़ायब थी। Film देख कर Audience पागल है। दर्शक सिट्टी मार रही है, ताली बजा रही है, शर्ट खोल कर हवा में लहरा रही है। ऐसा नज़ारा सदियों में एक बार ही किसी फिल्म के लिए देखने मिलता है। फ़िल्म में हर वो स्वाद है जो आपने इससे पहले Gadar में देखा था। फर्क बस इतना सा है कि तब तारा सिंह ने Handpump उखाड़ा था और इस बार बिजली का पोल ही उखाड़ दिया है। तारा सिंह फ़िल्म की जान हैं, जितना बार भी पर्दे पर आते है दर्शक अपना जोश खो देते हैं और हिंदुस्तान ज़िंदाबाद हॉल में गूंज उठता हैं। फ़िल्म के Elements बवाल हैं… सिनेमा हॉल में नहीं देखना एक भूल होगी। Anil Sharma ने जो एक Atmosphere, एक Panorama Create किया है उसका मज़ा 70 mm के पर्दे पर ही आएगा।

 

Story Screenplay & Dialogue : 

 

फ़िल्म की कहानी को लिखा है शक्तिमान तलवार ने और ये मानना पड़ेगा कि कहानी दर्शकों को बांधे रखती है। कहानी में वो दम है जो एक मसाला फ़िल्म में होना चाहिए। कहानी शुरू होती है 1947 के बंटवारे से जहां देश में मातम से माहौल के बीच लोग अपने शरण की तलाश में भटक रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान में मेजर जनरल हामिद इक़बाल के किरदार में मनीष वाधवा एक भारतिय के सामने गीता और कुरान में से एक चुनने को कहते हैं। भारतीय व्यक्ति द्वारा गीता चुनने पर मेजर जनरल अपनी क्रूरता दिखाते हुए उसका सर कलम कर देते हैं। दूसरी तरफ तारा सिंह, सकीना अपने बेटे जीते के साथ खुशी से ज़िंदगी बसर कर रहे होते है। समय बीतता है और अचानक बॉर्डर पर हालात जब बिगड़ने लगते हैं तब लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र रावत मदद के लिए तारा सिंह को बुलाते हैं और तारा सिंह को सेना की मदद के लिए बॉर्डर पर भेज देते हैं। तारा सिंह अपने ज़ाबाज़ी से भारतिय सेना की मदद करते हुए पाकिस्तानी सिमा के नजदीक चले जाते हैं और भारतीय सेना के लाख कोशिशों के बावजूद भी नहीं मिल पाते। ये ख़बर सुन कर सकीना की हालत ख़राब हो जाती है। अपनी माँ को परेशान देख कर बेटा जीते पाकिस्तान जा कर वहाँ अपने पिता तारा सिंह को ढूंढने निकल जाता है। नकली पासपोर्ट बना कर वो पाकिस्तान में घुस तो जाता है लेकिन कोई पकड़ ना ले इसका डर उसे हमेशा बना रहता है। तारा सिंह को खोजने के लिए वो एक मुस्लिम परिवार में काम करने लगता है जहां उसकी मुलाकात मुस्कान (सिमरत कौर) से होती है। वक्त के साथ दोनो में प्यार हो जाता है और मुस्कान को जीते का सच पता चल जाता है, इसके बावजूद भी वो जीते की मदद करती है। एक रात तारा सिंह को ढूंढने जीते चोरी छिपे जेल के अंदर गुस तो जाता है लेकिन उसके बाद क्या होता है, इसका जवाब आपको सिनेमा हॉल के अंदर मिलेगा। तारा सिंह अचानक सेना की मदद करते कहा ग़ायब हो जाते हैं ? क्या जीते तारा सिंह को बचाया पाएगा ? क्या जीते पाकिस्तान से वापस भारत आ पाता है ? क्या तारा सिंह पाकिस्तान में है ? ऐसे कई सवालों का जवाब आपको फ़िल्म खत्म होते मिलता है।

 

फ़िल्म का Screenplay उतना ही शानदार है जितना फ़िल्म की कहानी। शुरू में ऐसा लगता है कि फ़िल्म को लम्बा खिंचा जा रहा है लेकिन धीरे धीरे कहानी अपनी रफ्तार पकड़ लेती है। कुछ sceen को काटने की गुंजाइश लगती है लेकिन दर्शक कहानी में इस कदर खो जाते हैं कि उसकी जरूरत नहीं लगती।

 

फ़िल्म में Dialogue जोरदार हैं। Gadar के पहले क़िस्त ने भी दर्शकों के बीच सनी देओल के फौलादी जिगर और आवाज़ के साथ Dialogue को जोरदार तरीके से पेश किया था। इस बार भी फ़िल्म ऐसा करने में कामयाब दिखती है। तारा सिंह की भारी – भरकम आवाज़ में हर एक Dialogue भौकाल जैसे लगते हैं और दर्शकों को ताली और सिट्टी बजाने पर मजबूर करते हैं। उत्कर्ष शर्मा के जिम्मे भी कुछ Dialogue हैं जिसे उन्होंने ने भी अच्छे अंदाज़ में पेश किया है।

 

Actor Performance :

 

फ़िल्म की आन – बान – शान और जान तारा सिंह का के किरदार पर शायद कुछ कहना ठीक नहीं होगा। 20 साल पहले जिस किरदार को देख दर्शक पागल हो गयी थी आज फिर उसे दोहरा पाना एक चुनौती वाला काम था जिसे सनी पाजी से बहुत ही आले दर्जे से निभाया है। उनका चलना, उनका हँसना, उनकी आवाज़, उनका एक्शन हर चीज मानो जैसे उनके लिए ही बना हो। सनी पाजी के किरदार पर निर्देशक ने बढ़िया मेहनत किया है। सकीना के किरदार में अमीषा पटेल तब में और अब में फर्क नज़र आता है। वो नूर, वो खूबसूरत, वो एक्टिंग कहि ग़ायब दिखी। जीते के किरदार में उत्कर्ष शर्मा ने शानदार काम किया है। एक्टर वो अच्छे हैं इसके कोई शक नहीं है। बशर्ते कि उनसे अच्छे से काम लिया जाए। एक्शन सिन करते उत्कर्ष बहुत एनर्जेटिक दिखते है। हालांकि उनकी पिछली और पहली फ़िल्म ‘जिनिस’ (निर्देशक – अनिल शर्मा) बॉक्स आफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। मुस्कान के किरदार में सिमरत कौर खूबसूरत दिखती हैं। उत्कर्ष शर्मा के साथ उनके जितने भी सिन फिल्माए गए हैं वो काफी खूबसूरत दिखते हैं। Dialogue के संदर्भ में सिमरत कौर के पास करने कोई कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन वो अपने किरदार के साथ इंसाफ़ करने में सफल साबित हुईं हैं। मेजर जनरल हामिद इक़बाल के किरदार में मनीष वाधवा ने अपना काम खतरनाक किया है। एक नेगेटिव किरदार के लिए जो मूलभूत जरूरत होती है उसे वो दर्शकों तक पहुचाने में सफल हुए हैं। हालांकि अमरेश पूरी की कमी हर दर्शक को खली है। बाकी और भी बहुतेरों किरदार हैं जिन्होंने अपना काम बख़ूबी किया है।

 

Music & Background Score : 

 

फ़िल्म में संगीत मिथुन का है। एक सुलझे हुए संगीतकार के रूप में मिथुन की पहचान रही है। आशिक़ी 2, हाफ गर्लफ्रैंड, हेट स्टोरी 2, एक विलेन, कबीर सिंह, राधे श्याम जैसी फिल्मों में हिट गाने के पीछे मिथुन का धुन रहा है। एक बार फिर गदर में मिथुन ने अपने जबरदस्त संगीत से लोगों का दिल जीत है। गायक की बात करें तो तब की आवाज़ और अब की आवाज़ में अगर कुछ नहीं बदला है तो वो है उदित नारायण की Melody. फ़िल्म की शुरुआत में ही उदित नारायण की आवाज़ में दो गाने आपको मदहोश कर देगा। उदित नारायण की आवाज़ आपको फ़िल्म से भवनात्मक रूप से जोड़ देती है। फ़िल्म में Background Score Monty Sharma का है। एक एक्शन फिल्म में जिस टोन का म्यूजिक दर्शक को कहानी से जोड़े रखता है उसकी कमी को Monty Sharma ने पूरा किया है। इसके पहले Monty ने अनिल शर्मा की ही पिछली फिल्म ‘जिनिस’ में Background Score दिया है। वहां भी Monty के काम की तारीफ हुई थी। हालांकि फिल्म बॉक्स आफिस पर कामयाब नहीं हो पाई थी।

 

Direction & Technical Aspects

अनिल शर्मा का निर्देशन हिंदी सिनेमा के लिए एक लकीर रही है। उनकी हर फिल्म ने हिंदी सिनेमा को यादगार लम्हा दिया है। वीर, अपने, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, गदर, द हीरो, महाराजा, सिंह साहब द ग्रेट, हुकूमत जिसे कई सुपरहिट फिल्मों के निर्देशन में अनिल शर्मा ने अपना लोहा मनवाया है। इस फेरिस्त में गदर 2 भी अब शामिल होने जा रही है। एक्शन फिल्म का हर एक स्वाद इस फ़िल्म में अनिल शर्मा ने डाला है। अनिल शर्मा के डायरेक्शन स्टाइल का हर कोई दीवाना है। कहानी का सोल ज़िंदा रखते हुए जिस तरह से वो कहानी के अंदर जाते हैं और फिर स्टोरी को फोल्ड करते है ये सबके बस की बात नहीं। एक बाद फिर अनिल शर्मा ने अपने जबरदस्त निर्देशन से दर्शकों का दिल जीता है।

 

क्यों देखें ये फ़िल्म ?

मसाला फिल्मों के शौकीन हैं, एक्शन फिल्में देखना पसंद है, Sunny Deol को सालों बाद एक्शन अवतार में देखना चाहते हैं तो ये फ़िल्म आपके लिए है।

‘Gadar 2’ One Word Review : ख़तरनाक (A Complete 90’s era Film)

 

Review by : Abhinandan Dwivedi (Former RJ)

Chhapra: छपरा नगर निगम वार्ड नंबर 13 में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा अध्यक्ष प्रिंस राज के प्रयास से शुक्रवार को आयुष्मान भारत मिशन के तहत कैंप लगाया गया। जिसमें डॉ सुरेंद्र महतो एवं डॉ विद्या भारती के सहयोग से आयुष्मान मित्र धनंजय कुमार श्रीवास्तव, रास बिहारी मिश्रा, विक्की कुमार एवं मुकेश कुमार यादव (हीरो) द्वारा वार्ड नंबर 13 के 100 से अधिक लाभुकों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया।

वार्ड स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने पर लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने से वृद्ध और लाचार लोगों को पहुंचने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। कार्ड बन जाने पर विभिन्न गंभीर बीमारियों का नि शुल्क इलाज करना अब संभव हो जाएगा।

प्रिंस राज, युवा अध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं अभिजीत श्रीवास्तव युवा महासचिव अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने लाभुकों को बताया कि वे देश और प्रदेश के सूची सूचीबंद अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से परिवार के प्रत्येक सदस्य का 5 लाख तक का मुख्य इलाज कर सकते हैं।अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से परिवार के प्रत्येक सदस्य का 5 लाख तक का मुफ्त इलाज कर सकते हैं।

आयुष्मान कार्ड बनाने वाले में माया देवी, बबीता कुमारी, मुकेश कुमार यादव, भागेराम राय, लक्ष्मण राय, रूपेश पंडित, नेहा कुमारी, राजू कुमार, सीमा राय, आदित्य भास्कर, इरफान हुसैन इत्यादि साथ में राजीव कुमार उपाध्याय आरिफ इकबाल इत्यादि।

छपरा में मौत का कुंआ बनते बनते बचा खनुआ नाला, नाले में गिरी कार 4 साल के बच्चे सहित अन्य सवार को लोगों ने निकाला

Chhapra: शहर में निर्माणधीन खनुआ नाला शुक्रवार की शाम मौत का कुआं बनते बनते रह गया. शाम ढलने के साथ नगरपालिका चौक से थोड़ी ही दूर निर्माणाधीन खनुआ नाले में अचानक से एक कार पूरी तरह से आकर गिर गई. खनुआ नाले को गहराई करीब 14 फीट से अधिक है आसपास के लोगों ने तत्परता और मानवता का परिचय देते हुए तुरंत कार में सवार लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया.

दर्जनों लोगों की मदद से कार के अंदर बैठे चालक एवं बच्चों सहित अन्य सवार को बाहर निकाला गया. खनुआ नाले में डूबी कार से निकलने के बाद भले ही उसके सवार मौत के मुंह से बाहर आ गए लेकिन कार की दुर्घटना का डर उनके चेहरे पर स्पष्ट दिख रहा था.

शहर में खनुआ नाले के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है श्री नंदन पथ से लेकर नगरपालिका चौक कोर्ट परिसर होते हुए खनुआ नाला नदी की तरफ जा रहा है. इसके निर्माण का कार्य 70% से अधिक पूरा हो चुका है. लेकिन विगत एक वर्ष के लंबे अंतराल से नगरपालिका चौक पर समाहरणालय के समीप सड़क के दोनों और खनुआ नाला को जीर्णशीर्ण अवस्था में छोड़ दिया गया है. यहां तक की निर्माणधीन कंपनी द्वारा खनुआ नाले के अंत में किसी तरह का सूचना पट भी नहीं लगाया गया है. जिससे कि इस सड़क का प्रयोग करने वाले लोगों को आगे सड़क के समाप्ति की सूचना मिल सके.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शुक्रवार की शाम एक कर आ रही थी जो अचानक से खनुआ नाले में पूरी तरह गिर गई.

लोगों का कहना था कि सड़क पर किसी तरह का सूचना पट नहीं लगाया गया है. चालक के नए होने के कारण उसे उसे सड़क का अंदाजा नहीं था. जिसके कारण कार पूरी तरह से खनुआ नाले में गिर गई. आनंद फानन में आसपास के लोगों की मदद से कार का शीशा तोड़ चालक एवं अन्य लोगों को बाहर निकाला गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार में चालक के अलावा 4 वर्ष के बच्चे एवं अन्य तीन लोग सवार थे. खनुआ नाले में कार के गिरने का भय उनके चेहरे पर दिख रहा था और वह काफी सहमे हुए थे. कुछ समय बाद क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया.

हृदयनारायण दीक्षित

चन्द्र देव भारतीय मनीषा की जिज्ञासा हैं। वे पृथ्वी के निवासियों का आकर्षण रहे हैं। संप्रति भारत की चन्द्रमा पर पहुँचने की महत्वाकांक्षी योजना चर्चा में है। सारी दुनिया का ध्यान चन्द्र देवता पर लगा हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रतिभाशाली वैज्ञानिक चन्द्रयान की सफलता को लेकर पूरे मनोयोग से जुटे हैं। चन्द्रयान की सफलता के बाद तमाम नए तथ्य प्रकाश में आएँगे। चन्द्रमा का पहला चित्र आ गया है। चन्द्रमा वैदिक काल से ही भारत का आकर्षण रहा है। लोकश्रुति के अनुसार चन्द्रमा माता पृथ्वी का भाई है। इसलिए हम सब का मामा है। प्रकृति सृष्टि के उदय के साथ ही चन्द्रमा का अस्तित्व भी प्रकट हुआ। ऋग्वेद के पुरुष सूक्त (10.90.13) में कहा गया है कि विराट पुरुष के मन से चन्द्रमा और आँखों से सूर्य प्रकट हुआ – चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्यो अजायतः।‘’ चन्द्रमा का सम्बंध मन से है। ऋग्वेद में चन्द्रमा भी एक देवता हैं। वे अंतरिक्ष स्थानीय देवता हैं। ऋग्वेद (10.85.19) में कहते हैं, ‘‘ये चन्द्र देवता नित्य उदित होते हैं और नवीनतम होते हैं। सूर्य देव प्रतिदिन नवीन रूप में प्रातःकाल प्रकट होते हैं। वे देवों के निमित्त यज्ञ के हवि भाग की व्यवस्था करते हैं।‘’ इसी तरह चन्द्र देव सबको आनंदित जीवन और दीर्घायु प्रदान करते हैं। भारतीय काव्य परम्परा में चन्द्रमा सुंदरता बोधक हैं। कवियों ने चन्द्रमा के सौंदर्य को सुंदरता का प्रतीक बताया है। भारतीय साहित्य में भी चन्द्र सौंदर्य भरा पूरा है।

वैदिक काल में चन्द्रमा की उपासना थी। इस उपासना के बीज भारतीय देव शास्त्र से लेकर प्राचीन यूनान, रोमन, ईरानी और जर्मन में पाए जाते हैं। डॉ. गया चरण त्रिपाठी ने ‘वैदिक देवता उद्भव और विकास’ के पृष्ठ 27 में लिखा है, ‘‘ऋग्वेद में सूर्य के साथ द्वंद्व समास में इसका कई स्थानों पर उल्लेख है। ग्रीक देवशास्त्र में चन्द्रमा को तीन चक्रों वाले रथ में आकाश में भ्रमण करते हुए बताया गया है।‘’ विष्णु पुराण में भी इसी तरह का उल्लेख है। वैदिक साहित्य में चन्द्रमा औषधियों और सोम लता से सम्बंधित हैं। वे औषधियों के राजा हैं। रात्रि में औषधियां चन्द्रमा की किरणों से रस ग्रहण करती हैं। सोम और चन्द्रमा का सम्बंध बहुत प्रीतिपूर्ण है। वैदिक देवशास्त्र में चन्द्रमा और सोम लगभग पर्यायवाची हो गए हैं। डॉ. त्रिपाठी ने बताया है, ‘‘आर्य जाति में सूर्य और चन्द्रमा की विभिन्न लिंगों में कल्पना बहुत प्राचीन है। जर्मन, ऐंग्लोसेक्शन और लिथुआनियन भाषाओं में सूर्यवाची शब्द स्त्रीलिंग में है और चन्द्रमा के शब्द पुल्लिंग में है। लेकिन ग्रीक और लैटिन भाषाओं में सूर्यवाची सभी शब्द पुल्लिंग हैं और चंद्रमा के वाची स्त्रीलिंग। दोनों की भाई और बहन या पति के रूप में कल्पना की गई है। एक लैटिन गीत में कहा गया है कि, ‘‘एक बार चन्द्रमा और सूर्य ने परस्पर विवाह किया। पत्नी सूर्य प्रातःकाल उठ जाती थी। लेकिन पति (चन्द्रमा) देर से उठता था। दोनों में लड़ाई हो गई। पति (चन्द्रमा) उषा काल के तारे से प्रेम करने लगा। इससे शक्तिशाली पैकुण्न नाराज हुआ। उसने पति (चन्द्रमा) पर खड़ग प्रहार किया जिससे वह खंडित हो गया।’ इसी तरह की एक रोचक बात यूरोपीय लोककथा में कही गई है। इस कथा में सूर्य आकाश की पुत्री है और चन्द्रमा पुत्र। पिता आकाश ने पुत्र चन्द्रमा को दिन में तथा पुत्री सूर्य को रात्रि में प्रकाश करने के लिए नियुक्त किया। पुत्री को रात्रि में डर लगता था। इसलिए उसने दोनों की ड्यूटी बदल दी। दूसरे दिन प्रातः आकाश पुत्री पूरब से उदित हुई। पृथ्वी के लोग उसकी ओर एक टक देख रहे थे। भारत की प्राचीन लोककथाओं में सूर्य और चन्द्रमा राजा रानी हैं।

चन्द्रमा भारतीय सौन्दर्य कल्पनालोक का महानायक रहा है। चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। उसका अपना प्रकाश नहीं होता। एक तरह से चन्द्रमा ब्रह्माण्ड की पहली सौर्य ऊर्जा की लालटेन है। चन्द्रमा घटता-बढ़ता है। चन्द्र प्रकाश घटते-घटते पंद्रहवें दिन अमावस्या हो जाता है। इसी तरह बढ़ते-बढ़ते पंद्रहवें दिन पूर्णिमा बनता है। मास और मुहूर्त का विभाजन चन्द्रमा के कारण होता है। मुहूर्त का निर्धारण चन्द्र नक्षत्र के निर्वचन से होता है। मुहूर्त समय का अति छोटा हिस्सा होता है और सामान्य जीवन को प्रभावित करता है। महाभारतकार ने सुन्दर श्लोक में कहा है, ‘‘मुहूर्तं ज्वलितं श्रेयः, न तु धूमायितं चिरं।‘‘ – मुहूर्त भर पूरी शक्ति के साथ जलना और प्रकाश देना श्रेयस्कर है। लेकिन दीर्घ काल तक धुंआ देते जलना बेकार है। अल्पकाल के लोकमंगलकारी कार्य श्रेष्ठ होते हैं।

विश्व इतिहास के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर की प्रमुख रचना ‘वृहत संहिता’ है। इसकी व्याख्या डॉ. सुरेश चंद्र मिश्र ने की है। रंजन पब्लिकेशन से प्रकाशित इस पुस्तक के पृष्ठ 68 में वराहमिहिर ने कहा है, ‘‘चंद्रमा सूर्य के नीचे स्थित है। इस कारण उसके जिस भाग पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं वह भाग चमकता है। चन्द्रमा का प्रकाश वस्तुतः सूर्य का ही प्रकाश है। जिस भाग पर सूर्य की किरणें नहीं पड़ती वह भाग उसकी स्वयं की छाया के कारण काला दिखाई पड़ता है। वराह मिहिर ने चन्द्रमा को जलीय ग्रह बताया है। सूर्य की किरणें चन्द्रमा पर पड़ती हैं तो रात्रि के अंधकार का नाश करती हैं। अमावस्या के अंत में सूर्य व चन्द्रमा का स्पष्ट समान होने पर चन्द्रमा सूर्य के ठीक नीचे होता है। तब पृथ्वी की ओर वाला चन्द्रभाग अंधकार में रहने से पृथ्वीवासियों को नहीं दिखाई पड़ता। ज्योतिर्विज्ञानियों के अनुसार चन्द्रमा एक राशि पर सवा दो दिन गतिमान रहते हैं। आधुनिक काल की बात दीगर है। वैदिक काल से लेकर लगध, वराह मिहिर, आर्यभट्ट, ब्रह्म गुप्त, भास्कराचार्य, कमलाकर भट्ट व सुधाकर द्विवेदी के काल से गुजरते हुए चन्द्रमा और उसकी राशियों का निर्वचन जारी है। यद्यपि चन्द्रमा स्वयं देवता हैं। लेकिन पूरे एशिया में प्रचलित शिव रूद्र के मस्तक पर चन्द्रमा दिखाई पड़ता है। शिव और चन्द्रमा का सम्बंध बहुत प्राचीन है। अनेक विद्वान सोम को भी चन्द्रमा मानते हैं। कौषीतकि ब्राह्मण और ऐतरेय ब्राह्मण में चन्द्रमा और सोम की अभिन्नता बताई गई है। चन्द्र देवता ही मासों के सृजनकर्ता हैं। उनके उद्भव से ही शुक्ल और कृष्ण पक्ष बनते हैं। चन्द्रमा देवता स्तुतिकर्ताओं को शांति देते हैं और उनकी आयु में वृद्धि करते हैं। जैसे शिव सभी वर्गों, मनुष्यों, कीट पतिंगों और सांपों के भी जीवन रक्षक हैं। सांप उनके गले में रहता है। वैसे सोम भी वनस्पतियों के राजा हैं। चन्द्रमा की विश्व पुरुष से उत्पत्ति का उल्लेख तैत्तरीय ब्राह्मण में भी हुआ है। चन्द्रदेव के प्रकाश का अस्तित्व सूर्य पर आधारित है।

चन्द्रयान पर इसरो के अध्ययन से चन्द्रमा के सम्बंध में नए तथ्य प्राप्त होने की संभावनाएं हैं। संभव है कि चन्द्र अभियान के परिणाम प्राचीन भारतीय मान्यताओं की कमोबेश पुष्टि करने वाले हों। संभव यह भी है कि नितांत नए तथ्यों का उद्घाटन हो। एक अध्ययन प्राचीन है। तब साधन नहीं थे। वैज्ञानिक उपकरण नहीं थे। धरती से परम व्योम तक की जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा और जिजीविषा थी। ताजा अध्ययन नितांत नवीन और आधुनिक है। इसीलिए जिज्ञासुओं व जानकारों में इस अभियान के परिणामों की अधीर प्रतीक्षा है।

(लेखक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)

Chhapra: भारतीय रेलवे के द्वारा देश भर के रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल के महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक छपरा जंक्शन को भी विकसित किया जा रहा है।

रेलवे के द्वारा छपरा जंक्शन पर यात्री सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। छपरा जंक्शन पर प्लेटफार्म, यार्ड आदि को विकसित किया जा रहा है। साथ ही जंक्शन को एक नया प्रवेश द्वार देने की योजना है।

इस योजना के तहत जंक्शन के उत्तरी छोर पर नया प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। रेलवे के सूत्र बताते हैं कि सब कुछ सही रहा तो इसी वर्ष नवंबर माह तक निर्माण कार्य पूरा कर इस नए द्वार को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।

छपरा जंक्शन के उत्तरी छोर पर बन रहे इस द्वार के निर्माण कार्य के पूरा होने पर यात्रियों को काफी लाभ होगा। खासकर सारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से स्टेशन आने वालों के लिए शहर के जाम से छुटकारा मिलेगा और आसानी से स्टेशन पहुंचा जा सकेगा।

वहीं छपरा जंक्शन के उत्तरी क्षेत्र में बसे नए मुहल्ले विकसित होंगे और रोजगार के साधन भी विकसित होंगे। फिलहाल द्वार का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन (आईएनडीआईए) की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बोलने के दौरान ही विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए थे। इस बीच कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी को सदन की कार्यवाही से उनके व्यवहार के खिलाफ विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देने के दौरान चौधरी बार-बार प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में हस्तक्षेप कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री को भगोड़े आर्थिक अपराधी से भी जोड़ने की कोशिश की। उसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें अपने शब्द वापस लेने को कहा लेकिन वे नहीं माने।

प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में विपक्षी दलों के सदस्य नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। विपक्ष मणिपुर पर प्रधानमंत्री से बोलने की मांग कर रहा था। प्रधानमंत्री के भाषण के अंत में पेश अविश्वास प्रस्ताव भी विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से गिर गया।

इसके बाद अध्यक्ष ने भाजपा सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के व्यवहार पर सवाल उठाया। इस पर विरेन्द्र सिंह मस्त ने अध्यक्ष से माफी मांगते हुए कहा कि वे अपने नेता की बुराई सहन नहीं कर पाए थे।

इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस से नेता सदन लगातार मंत्रिगण और प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान हस्तक्षेप कर रहे थे। वे बिना किसी तथ्य के आरोप लगाते रहते हैं। वे प्रस्ताव करते हैं कि उनका विषय सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए। साथ ही जब तक विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट और सिफारिशें मिल नहीं जातीं, उन्हें सदन से निलंबित रखा जाए। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अनुमोदित कर दिया।

दहेज़ में जमीन के लिए विवाहिता को मारपीट और प्रताड़ना का केस दर्ज, पति सास ससुर ननद सहित 7 आरोपी

Garkha: गड़खा थाना क्षेत्र के चिंतामनगंज में दहेज में जमीन के लिए महिला को मारपीट और प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में श्वेता सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें कहा कि 7 दिसम्बर 2022 को हिंदू रीति रिवाज से चिंतामनगंज परसा निवासी राजेंद्र सिंह के पुत्र ब्रजेश सिंह से शादी हुई। शादी में मेरे पिता ने सारा सामान नगद रुपया शिफ्ट डिजायर कार और गहना आदि दहेज में दिया मेरे पति ब्रजेश सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

शादी के बाद से ही सास-ससुर ननद नंदोई सहित अन्य लोग मिलकर छपरा में जमीन मारपीट कर जख्मी कर देते थे।26 अप्रैल 2023 को भी मारपीट कर घर से निकाल दिया था। अभी मैं मायके में रहती हूं जो गारखा थाने में आवेदन दी थी।

इस मामले में पति ब्रजेश सिंह ससुर राजेंद्र सिंह सास मीना देवी ननद सरिता देवी नंदोई सुरेंद्र सिंह, बच्चा सिंह और अजय सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया है।पुलिस मामला दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक 28 अगस्त को आयोजित होगी

Chhapra: क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के अध्यक्ष सह आयुक्त, सारण सर्वानन एम. के निर्देशालोक में बताया गया कि सारण क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की अगली बैठक 28 अगस्त सोमवार को 11.00 बजे पूर्वाहन में आयुक्त, सारण प्रमंडल के कार्यालय कक्ष में आयोजित की जायेगी।

बताया गया कि विहित प्रपत्र में आवेदक परमिट हेतु आवेदन, विहित शुल्क की पूर्ण राशि के चालान एवं सभी अद्यतन कागजातों के साथ दिनांक 17.08.2023 के अपराहन 4.00 बजे तक परिवहन विभाग के VAHAN CITIZEN PORTAL पर Online आवेदन दे सकते हैं, एवं उसकी हार्ड कॉपी कार्यालय के आवेदन पेटिका में दिनांक 17.082023 के अपराहन 5.00 बजे तक जमा करेंगे। आवेदित मार्ग 3 या तीन से अधिक प्राधिकार क्षेत्र के लिए अनुमान्य नहीं होगा।

प्राधिकार क्षेत्र से पटना जाने वाली बसों को हाजीपुर होकर जाने के लिए स्टेज कॅरेज परमिट हेतु आवेदन नहीं दिया जाएगा। प्रकाशित कार्यवली के किसी प्रस्ताव पर आपत्ति की स्थिति में आपत्तिकर्ता वाहन के सभी मान्य कागजात एवं निर्धारित शुल्क के साथ दिनांक 18.08.2023 से दिनांक ता स्वीकार्य नहीं होगी। बैठक की तिथि दिनांक 28.08.2023 को निर्धारित समय पर आवेदक एवं आपत्तिकर्ता की उपस्थिति सभी मान्य कागजातों की मूल प्रतियों के साथ वांछित होगी।

सुनवाई हेतु उपस्थित होने वाले आवेदक एवं आपत्तिकर्त्ता कोविड़ के संक्रमण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। बैठक में सुनवाई के दौरान आवेदक अपनी अनुपस्थिति में विधिवत् प्राधिकृत प्रतिनिधि / अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष रख सकते हैं। एक प्रतिनिधि मात्र एक वाहन स्वामी का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे। पूर्व से परमिटधारी वाहन स्वामी संबंधित वाहन के नए समय-सारणी हेतु दिये जाने वाले आवेदन के साथ पूर्व में निर्गत परमिट की छायाप्रति एवं उक्त परमिट के प्रत्यर्पण हेतु शपथ पत्र भी आवेदन के साथ आवेदन पेटीका में जमा करना सुनिश्चित करें। बताया गया कि नोट-क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार से निर्गत स्थायी परमिट का प्रत्यर्पण परमिट निर्गमन की तिथि से 6 माह के बाद ही किया जाएगा।

इस विषय पर उस प्राधिकार, विभाग एवं सरकार द्वारा पूर्व से निर्धारित निदेशादि प्रभावी होंगे। परिवहन विभाग के पत्रांक 5518 दिनांक 02.09.2021 के आलोक में दिनांक 09.02.2021 को आयोजित राज्य परिवहन प्राधिकार के बैठक में नीतिगत मामले-2 के अन्तर्गत परमिट संबंधी आवेदन के साथ समर्पित किये जाने वाले। निम्नांकित कागजातों एवं शुल्क को संलग्न करना अनिवार्य है। नया स्टेज कॅरेज परमिट हेतु Online आवेदन में वाहन का निबंधन पुस्त (व्हील बेस, बैठान क्षमता एवं मॉडल वर्ष का स्पष्ट उल्लेख हो) अद्यतन कर भुगतान का प्रमाण पत्र रसीद, अद्यतन बीमा कागजात. दुरुस्ती प्रमाण पत्र, समय-सारणी (छः प्रति में), कुल दूरी एवं मार्ग संख्या सहित मार्ग का नक्सा (अन्तक्षेत्रीय मार्ग हेतु), वाहन स्वामी का पासपोर्ट साईज का एक फोटो मतदाता 1 पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक की प्रति खाताधारक का नाम सहित), आवेदन शुल्क, परमिट शुल्क एवं अधिभार शुल्क की राशि, वाहन स्वामी का शपथ पत्र जिसमें वाहन परमिट से आवृत है अथवा परमिट से आवृत नहीं हैं का स्पष्ट उल्लेख हो ।

आवेदन के साथ अपलोड करने वाले सभी कागजात अद्यतन एवं वाहन स्वामी द्वारा स्वहस्ताक्षरित रहे। सभी कागजात सुस्पष्ट एवं पठनीय हो। समय-सारणी में किसी प्रकार का कटिंग या ओवरराईटिंग नहीं होना चाहिए। समय-सारणी 24 घंटे (रेलवे के समय-सारणी के अनुरूप) के प्रारूप होना चाहिए। आवेदन पत्र पर वाहन स्वामी का मोबाईल नम्बर निश्चित रूप से अंकित किया जाय। आवेदन में अधिसूचित मार्ग की संख्या का अंकन स्पष्ट रूप में होना आवश्यक है। समय-सारणी पर वाहन स्वामी का नाम, हस्ताक्षर, वाहन संख्या, मार्ग संख्या एवं मार्ग जिन प्राधिकारों के अन्तर्गत पड़ते हैं, उन प्राधिकारों के नाम का स्पष्ट रूप से अंकन होना आवश्यक है। स्टेज कॅरेज परमिट नवीकरण हेतु उपरोक शर्तों के अनुसार आवेदन एवं शुल्क के साथ हार्ड कॉपी आवेदन- पेटीका में जमा करने हेतु निदेशित किया गया।

बनियापुर से कुख्यात अपराधी रियाज अंसारी गिरफ्तार

Chhapra: सारण पुलिस ने कुख्यात अपराधी रियाज अंसारी को बनियापुर से गिरफ्तार किया है। सारण जिलान्तर्गत अपराध के मुख्य शीर्ष में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु लागातार अभियान चलाया जा रहा है।

इसी क्रम में गौरा ओ०पी० एवं बनियापुर थाना की पुलिस टीम के द्वारा मढ़ौरा (गौरा ओ०पी०) थाना कांड संख्या-542/21 दिनांक- 17.09.2021, धारा-392 भा०द०वि० में वांछित तथा लम्बे समय से फरार चल रहे अपराधी रियाज अंसारी पिता मंजुर अंसारी साकिन सतुआ थाना बनियापुर जिला-सारण को गिरफ्तार किया है।

रियाज अंसारी पर जिले के कई थानों में अपराध के कई मामले दर्ज है वही पुलिस को रियाज की कई दिनों से तलाश थी।

राजद जिला पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बने पूर्व मुखिया श्रीभगवान बैठा

Chhapra: राष्ट्रीय जनता दल के पंचायती राज प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद विद्यार्थी ने प्रदेश कार्यालय राष्ट्रीय जनता दल के कर्पूरी सभागार में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय बैठक में सारण जिला के पूर्व मुखिया श्रीभगवान बैठा को सारण जिला के पंचायती राज प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष मनोनित किया.

विदित हो कि राजद आगामी लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में राजद कमर कसती दिखाई दे रही है. साथ ही संघठन में भी हर जाति, वर्ग, समुदाय का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

इसी क्रम में प्रदेश अध्यक्ष पंचायती राज श्री विद्यार्थी ने कहा की पूर्व मुखिया राजद के पुराने कार्यकर्ता है और दशकों से पार्टी के प्रति वफादार है, उम्मीद है की इनके पदधारण करने से सारण में पार्टी को मजबूती मिलेगी.

वाराणसी/छपरा: पूर्वोत्तर रेलवे पर वाराणसी मण्डल के छपरा जं. स्टेशन यार्ड का 20 अगस्त, 2023 तक यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के परिप्रेक्ष्य में ब्लॉक दिये जाने के फलस्वरूप गाड़ियों का नियंत्रण, शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन एवं रि-शिड्यूलिंग निम्नवत रहेगा।

नियंत्रण
– 14618 अमृतसर-बनमंखी एक्सप्रेस 09 से 20 अगस्त, 2023 तक मार्ग में 80 मिनट नियंत्रित कर चलायी जायेगी।
– 14617 बनमंखी-अमृतसर एक्सप्रेस 09 से 20 अगस्त, 2023 तक पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलायी जायेगी।
– 14005 सीतामढ़ी-आनन्द विहार टर्मिनल एक्सप्रेस 09 से 20 अगस्त, 2023 तक पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 15707 कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस 09 से 20 अगस्त, 2023 तक पूर्व मध्य रेलवे पर 40 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 15084 फर्रुखाबाद-छपरा एक्सप्रेस 09 से 20 अगस्त, 2023 तक मार्ग में 40 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 18181 टाटानगर-थावे एक्सप्रेस 09, 11, 12, 15, 16, 18 एवं 19 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 70 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 15077 कामाख्या-गोमती नगर एक्सप्रेस 09 एवं 16 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 15716 अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस 09, 11, 15, 16 एवं 18 अगस्त, 2023 को मार्ग में 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 12524 नई दिल्ली-न्यू जलापाईगुड़ी एक्सप्रेस 10, 14 एवं 17 अगस्त, 2023 को मार्ग में 65 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 09525 ओखा-नाहरलगुन विशेष गाड़ी 10 एवं 17 अगस्त, 2023 को मार्ग में 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस 10, 15 एवं 17 अगस्त, 2023 को मार्ग में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस 13 एवं 20 अगस्त, 2023 को मार्ग में 25 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 19616 कामाख्या-उदयपुर सिटी एक्सप्रेस 11 एवं 18 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 12408 अमृतसर-न्यू जलापाईगुड़ी एक्सप्रेस 12 एवं 19 अगस्त, 2023 को मार्ग में 65 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस 12, 15 एवं 19 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 19601 उदयपुर सिटी-न्यू जलापाईगुड़ी एक्सप्रेस 13 एवं 20 अगस्त, 2023 को मार्ग में 65 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 13121 कोलकाता-गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस 14 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 80 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 09466 दरभंगा-अहमदाबाद विशेष गाड़ी 14 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 05616 गुवाहाटी-उदयपुर विशेष गाड़ी 14 अगस्त, 2023 को पूर्व मध्य रेलवे पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।
– 13122 गाजीपुर सिटी-कोलकाता एक्सप्रेस 14 अगस्त, 2023 को मार्ग में 20 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।

शार्ट टर्मिनेशन
– गोरखपुर से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05156 गोरखपुर-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर सीवान में यात्रा समाप्त करेगी।
– वाराणसी सिटी से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05446 वाराणसी सिटी-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर बलिया में यात्रा समाप्त करेगी।
– सोनपुर से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05247 सोनपुर-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर छपरा कचहरी में यात्रा समाप्त करेगी।

शार्ट ओरिजिनेशन
– छपरा से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05155 छपरा-गोरखपुर अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर सीवान से चलाई जायेगी।
– छपरा से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05445 छपरा-वाराणसी सिटी अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर बलिया से चलाई जायेगी।
– छपरा से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05248 छपरा-सोनपुर अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर छपरा कचहरी से चलाई जायेगी।

रि-शिड्यिूलिंग
– छपरा से 09 एवं 16 अगस्त, 2023 को चलने वाली 09066 छपरा-सूरत विशेष गाड़ी छपरा से 50 मिनट रि-शिड्यूल कर चलाई जायेगी।
– छपरा से 09 से 20 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05443 छपरा-मऊ अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा से 50 मिनट रि-शिड्यूल कर चलाई जायेगी।
– छपरा से 11 एवं 18 अगस्त, 2023 को 05063 छपरा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस विशेष गाड़ी छपरा से 60 मिनट रि-शिड्यूल कर चलाई जायेगी।