बिहार में शराबबंदी का सच, अब कब्रिस्तान से भी निकलने लगी शराब, हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज कर काम करे रहे शराब तस्कर

सासाराम: बिहार में करीब 7 साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है इसके बावजूद शराब तस्कर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शराब की तस्करी के लिए अवैध धंधेबाज आए दिन नई-नई तरकीब अपना रहे हैं। कभी एम्बुलेंस में रखे ताबूत में छिपाकर शराब की तस्करी करते हैं तो कभी वाहनों में तहखाने बनाकर। कभी फलों और सब्जियों के बीच छिपाकर शराब दूसरे प्रदेशों से लाते हैं तो कभी सुधा दूध के टैंकर में शराब लाते हैं। इस बार तो हद ही कर दी। शराब के अवैध धंधेबाजों ने कब्रिस्तान को सुरक्षित ठिकाना बनाया।

कबिस्तान के कब्र में भारी मात्रा में देसी शराब को प्लास्टिक की बोरियों में छिपाकर रखा गया था। कब्र में छिपाकर रखे गये शराब के बारे में लोगों को तब पता चला जब वे शव को कब्रिस्तान में दफनाने के लिए पहुंचे थे।

दरिगांव थाना के कादिरगंज स्थित कब्रिस्तान आए लोगों की नजर अचानक कब्र के गड्ढे पर गई तो देखा कि प्लास्टिक की बोरियां और बैग रखा हुआ है। लोगों को शक हुआ कि कही ना कही इसमें देसी शराब है। जिसे कब्र में छिपाकर रखा गया है। लोगों ने डंडे की मदद से जब बोरियों को खंगाला तो उसमें से देसी शराब होने की बात सामने आई। कब्र से शराब की बदबू आ रही थी। लोगों को यह समझने में तनीक भी देर नहीं लगी की शराब तस्करों ने कब्रिस्तान को शराब रखने का ठिकाना बना लिया है। लोगों ने इस बात की सूचना लोकल पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कब्र में रखे बोरियों को बाहर निकाला तो उसमें देसी शराब मिली। जिसे देख स्थानीय लोग और पुलिस भी हैरान रह गयी। कब्र से बरामद देसी शराब को जब्त कर पुलिस अपने साथ थाने ले गयी। कब्र में शराब छिपाकर रखे जाने से लोग काफी आक्रोशित थे और पुलिस से मामले में कार्रवाई की बात करने लगे। सासाराम के दरिगांव थाना क्षेत्र के कादिरगंज स्थित कब्रिस्तान से भारी मात्रा में देसी शराब मिलने से इलाके के लोग भी हैरान रह गये। लोगों का कहना था कि कार्रवाई के बावजूद शराब तस्कर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।

सोनपुर अनुमंडल अस्पताल में एमएमडीपी क्लिनिक का उद्घाटन, मरीजों के बीच किट वितरित

हाथीपांव के ग्रेड तीन से ऊपर के मरीजों को दी गई एमएमडीपी किट के इस्तेमाल की जानकारी

छपरा:  फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी जिसे हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में कई वर्ष के बाद यह हाथीपांव, बढ़े हुए हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में लक्षण दिखाई देता है। जो कालांतर में मरीज को दिव्यांगता की ओर ले जाता है। जिसे लोगों को बचाने और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार और विभाग पूरी तरह से तत्पर है।

जिसको लेकर सारण जिले के सभी प्रखंडों में मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) क्लिनिक का उद्घाटन किया जा रहा है। साथ ही, फाइलेरिया के हाथीपांव मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। ताकि, किट का इस्तेमाल कर फाइलेरिया मरीज अपनी बीमारी की रोकथाम कर सकें।

इस क्रम में सोमवार को जिले के सोनपुर अनुमंडल अस्पताल में एमएमडीपी क्लिनिक का शुभारंभ सह किट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मच्छरों के काटने से फैलता है फाइलेरिया का संक्रमण :

कार्यक्रम के दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. हरिशंकर चौधरी ने मरीजों को संबोधित करते हुए बताया कि फाइलेरिया मरीजों की देखभाल को स्वास्थ्य विभाग एमएमडीपी किट मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। साथ ही, एमएमडीपी क्लिनिक पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा समय समय किट के उपयोग के तौर तरीके भी सिखाए जाएंगे। किट के प्रयोग से फाइलेरिया मरीजों को काफी राहत मिलती है।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलता है। सामान्यत: यह संक्रमण शुरुआती बचपन में ही हो जरूरी नहीं, यह बीमारी कई वर्षों बाद प्रकट होती है। इस प्रकार, सामान्य एवं स्वस्थ्य दिखनेवाले व्यक्ति को कुछ सालों बाद पैरों , हाथों एवं शरीर के अन्य भाग में अत्यधिक सूजन उत्पन्न होने लगती है।

फाइलेरिया का शरीर पर प्रभाव एवं लक्षण :

जिला वेक्टर जनित सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि इसका प्रभाव अस्वस्थ्य त्वचा पर होता है। इसके कारण प्रभावित अंगों में दर्द, लालपन एवं रोगी को बुखार हो जाता है। हाथ-पैर, अंडकोष व शरीर के अन्य अंगों में सूजन के लक्षण होते हैं। प्रारंभ में या सूजन अस्थायी हो सकता किन्तु बाद में स्थायी और लाइलाज हो जाता है। वहीं गंभीर रूप से पीड़ित फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है। वहीं, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार सिंह ने फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के इस्तेमाल की जानकारी दी। साथ ही, उन्हें फाइलेरिया के प्रभावित अंगों जैसे हाथों और पैरों की साफ सफाई के साथ उन्हें व्यायाम की भी जानकारी दी गई।

इस कार्यक्रम के दौरान 35 मरीजों के बीच किट का वितरण हुआ। जिसमें एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी सैप्टिक क्रीम, सूती तौलिया इत्यादि सामान शामिल हैं।

मौके पर अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडेय, बीसीएम पूनम भारती, वीबीडीएस पंकज कुमार पूर्वे, केयर बीसी विनय कुमार सिंह, समेत पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य भी उपस्थित रहे।

वंदे भारत ट्रेन के परिचालन पर प्रस्ताव पारित, बोर्ड को भेजा जायेगा प्रस्ताव

चार घंटे चली बैठक में पूरानी योजनाओं के साथ ही भावी योजनाओं पर हुई चर्चा

अमृत भारत योजना के तहत सोनपुर मंडल के तहत 30 स्टेशनों का होगा उन्नयन

सोनपुर, दिघवारा, छपरा में कई जोड़ी ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित होगा

सोनपुर:  सोनपुर के रेल प्रबंधक सभागार में सोमवार को सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी की अध्यक्षता में स्थानीय मुद्दों एवं जन आकांक्षाओं की पूर्ति एवं समाधान हेतु मंडल संसदीय समिति सोनपुर की बैठक हुई।

विश्व पर्यावरण दिवस के दिन संपन्न हुई बैठक की शुरूआत प्रकृति के संरक्षण व संबर्धन के संदेश के साथ वृक्षारोपण करते हुए हुआ। रूडी के साथ सभी सांसदों ने वृक्षारोपण करते हुए लोगों को वृक्ष लगाने का संदेश भी दिया।

बैठक में सम्मिलित होने के लिए सोनपुर मंडल के क्षेत्राधिकार के सभी दस सांसदों को स्वयं या अपने प्रतिनिधि को शामिल होने का आमंत्रण भेजा गया था। समिति के सदस्यों से प्राप्त सुझावों पर बैठक में विमर्श हुआ और वर्तमान में कार्यान्वित योजनाओं की समीक्षा और भावी योजनाओं के साथ मंडल में रेलवे की प्रगति से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दो पर विचार किया गया। इस संदर्भ में रुडी ने बताया कि बैठक में वंदे भारत ट्रेन के परिचालन पर भी प्रस्ताव पारित किया गया जिसे बोर्ड को भेजा जायेगा। बैठक रामनाथ ठाकुर, विणा सिंह, बुलो मंडल, अशफाक करीम व अन्य सांसदों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बैठक की अध्यक्षता करने वाले सारण सांसद ने कहा कि सोनपुर रेल मंडल के 30 स्टेशनों का अमृत भारत योजना के तहत उन्नयन किया जायेगा। इसके साथ ही मंडल क्षेत्र में पड़ने वाले कई नये आरओबी और एलएचएस का भी निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही सोनपुर पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत सोनपुर मंडल है जिसका इतिहास अत्यंत पुराना है। एक समय था जब सोनपुर ही देश सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म वाला स्टेशन हुआ करता था।

बैठक में सोनपुर स्टेशन, दिघवारा और छपरा स्टेशन पर कई जोड़ी ट्रेनों का ठहराव ठहराव सुनिश्चित कराने के लिए भी विशेष चर्चा की गई। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व में रेल बजट को आम बजट में समन्वित कर साहसिक कदम उठाया जिसके कारण रेलवे की और द्रुत गति से प्रगति हो रही है और समय पर रेल परियोजनाएं पूर्ण हो रही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एक के बाद एक तमाम ऐसी योजनाओं की शुरुआत की गई है जिससे रेल यात्रियों का सफर सुविधाजनक हो रहा है। इसी कड़ी में सारण में भी रेलवे की कई योजनाओं का कार्यान्वय हो रहा है। कुछ भावी योजनाएं जिनकी संरचना पर कार्य किया जा रहा है उसके संदर्भ में बैठक में मंत्रणा की गई।

बैठक में सोनपुर रेल मंडल क्षेत्र से संबंधित सांसदों व महाप्रबंधक के साथ विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच सोनपुर मंडल में विभिन्न रेल विकास कार्यों पर विचार विमर्श किया गया साथ ही मंडल में साफ-सफाई एवं यात्री सुविधा से संबंधित कई कार्यों की समीक्षा भी की गई।

मालूम हो कि आम जन की व्यक्तिगत समस्याओं के निराकरण के साथ ही सामाजिक प्रगति और सामूहिक विकास कार्य के प्रति सजग रहने वाले सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजीव प्रताप रुडी, सारण जिला में आमजन के लिए रेल की यात्रा को सुविधाजनक बनाने का प्रयास निरंतर करते रहे है। इसी कड़ी में अब सांसद ने सारण में रेलवे के विकास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बैठक में चर्चा की।

संभावित बाढ़, सुखाड़ की पूर्व तैयारी हेतु समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने दिये कई आवश्यक निदेश

छपरा : जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में सोमवार को सारण समाहरणालय सभागार में संभावित बाढ़/सुखाड़ के पूर्व आवश्यक तैयारी से संबंधित बैठक आहूत की गई। संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से पूर्व संपूर्ण तैयारी करने का निदेश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया।

बैठक में उपस्थित उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता एवं अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारियों, तकनीकी पदाधिकारियों, सभी अंचलाधिकारियों सहित जिला परिषद अध्यक्ष तथा सभी प्रखंडों के प्रमुखगण के साथ सभागार में संभावित बाढ़ / सुखाड़ के संबंध में चर्चा की गई तथा सभी जनप्रतिनिधियों को बाढ़ के समय चलाए जानेवाले राहत कार्यों एवं अनुदान राशि की जानकारी देते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को बाढ़ / सुखाड़ के पूर्व ससमय सभी आवश्यक कार्य निष्पादित करने हेतु महत्वपूर्ण निदेश दिए गए।

जिलाधिकारी के द्वारा बाढ़ की पूर्व तैयारी में संस्थागत संरचनाओं में एन. डी. आर. एफ/ एस.डी. आर एफ की टीम की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करना, बाढ़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति का गठन करने का निदेश दिया गया। नागरिक सुरक्षा संगठन की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि यह बाढ़ के लिए बहुत की आवश्यक संगठन है। इसका गठन अवश्य ही किया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत, प्रखंड एवं जिलस्तर पर नागरिक सुरक्षा संगठन का गठन किया जाए। वर्षा मापक यंत्र की मरम्मति, वर्षापात आंकड़ों का प्रेषण ससमय करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान एवं नजरी नक्शा की तैयारी पूर्व में ही सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। उपलब्ध संसाधनों का मानचित्र तैयार करने का निदेश दिया गया।

जिलें मे उपलब्ध निजी नावों, पुरानी सरकारी नावों की मरम्मति आवश्यकतानुसार करने के साथ-साथ सरकारी नावों का निर्माण, जेनरेटर सेट, प्रेट्रोमेक्स, टेन्ट, महाजाल आदि की उपलब्धता बाढ़ से पूर्व सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

साथ ही राज्य खाद्य निगम के गोदामों में खाद्यान की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निदेश दिया गया। संभावित बाढ़ हेतु पॉलीथीन शीटों का क्रय, मानव एवं पशु दवा की उपलब्धता, पशु चारे की उपलब्धता आदि के क्रय हेतु आवश्यक निदेश दिया गया। इसके अलावे नावों के लंबित मजदूरी का भुगतान करने का निर्देश दिया गया।

खोज, बचाव एवं राहत दल के गठन के साथ ही शरणस्थली एवं सामुदायिक रसोई केन्द्रों के स्थल की पहचान, क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति, तटबंधों की सुरक्षा हेतु भी आवश्यक जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दिया गया। आपातकालीन संचालन केन्द्र, लाइफ जैकेट, मोटर बोट का परिनियोजन एवं आकस्मिक फसल योजन का सूत्रण का भी निदेश दिया गया। बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव हेतु बाढ़ पूर्व चेतावनी, बाढ़ से संबंधित सूचना का त्वरित प्रचार-प्रसार, बाढ़ से क्षति का त्वरित आकलन, आबादी का निष्क्रमण संबंधित सूचना का आकलन हेतु आवश्यक तैयारी करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के पश्चात की जाने वाली कार्रवाईयों पर भी अभी से तैयारी करनी होगी ताकि उस समय मुफ्त खाद्यान का वितरण, क्षतिपूर्ति का आकलन, कृषि इनपुट अनुदान, फसल सहायता योजना का लाभ प्रभावित क्षेत्रों में दिलाया जा सकें। साथ ही जल जमाव के कारण उत्पन्न स्थिति हेतु भी आवश्यक तैयारी करनी होगी ताकि महामारी से बचा जा सके।

बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता एवं अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारियों, तकनीकी पदाधिकारियों, सभी अंचलाधिकारियों सहित जिला परिषद अध्यक्ष तथा सभी प्रखंडों के प्रमुख उपस्थित थे।

जिला स्तरीय अनुकंपा समिति की बैठक संपन्न

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में सोमवार को स्थापना शाखा से संबंधित मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति हेतु जिलास्तरीय अनुकम्पा समिति की बैठक आयोजित की गई.

बैठक में कुल 06 प्रस्तावित मामलों में 02 मामलों को स्वीकृत किया गया तथा शेष 04 मामलों में आवेदक से अनियोजन प्रमाण पत्र प्राप्त कर अगली बैठक में रखने का निदेेश दिया गया.

साथ ही सामान्य शाखा से संबंधित मृत चौकीदारों-दफ़ादारों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति हेतु जिलास्तरीय अनुकम्पा समिति की बैठक आयोजित की गई तथा कुल 15 प्रस्तावित मामलों में अनियोजन प्रमाण पत्र तथा संबंधित पदाधिकारियों से स्पष्ट जांच प्रतिवेदन प्राप्त कर अगली बैठक में रखने का निदेेश दिया गया.

प्रज्ञा फिल्म्स क्रिएशंस के बैनर तले बनने वाली भोजपुरी फिल्म ”सर्विसवाली बहुरिया” की शुरुआत प्रसिद्ध सिंगर प्रियंका सिंह की आवाज में रोमांटिक गाने के साथ हो गई है। इस फिल्म में हर दिल अजीज काजल राघवानी मुख्य भूमिका में नजर आने वाली हैं। उनके साथ इस फिल्म में आनंद ओझा भी होंगे। फिल्म के निर्माता रितेश श्रीवास्तव और निर्देशक मंजुल ठाकुर हैं, जिन्होंने आनंद ओझा को उनके जन्मदिन पर यह खूबसूरत फिल्म तोहफे के रूप में दिया है। काजल राघवानी इस फिल्म में ”सर्विसवाली बहुरिया” की भूमिका में नजर आने वाली है। फिल्म के शुरुआत के मौके पर वह भी आनंद ओझा के साथ उपस्थित रहीं। मौके पर फिल्म से जुड़े अन्य कलाकार वह तकनीशियन भी मौजूद रहे।

इससे पहले फिल्म को लेकर काजल राघवानी एक्साइटेड नजर आईं और कहा कि ”सर्विसवाली बहुरिया” की कहानी मजेदार है। मेरा किरदार इस फिल्म में ”सर्विसवाली बहुरिया” का है। अपने इस किरदार को जीवंत करने में अपना शत प्रतिशत दूंगी। फिल्म में मेरे साथ आनंद ओझा हैं। उनके साथ काम करने का भी आनंद कुछ अलग ही होगा। उससे पहले मैं आनंद ओझा जी को जन्मदिन की बहुत सारी बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। आनंद ओझा ने भी अपने जन्मदिन पर मिली शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त करते हुए फिल्म के निर्माता निर्देशकों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि मेरे जन्मदिन पर मिलने वाला यह बेस्ट गिफ्ट है। इसके लिए मैं उन का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं और उम्मीद करता हूं कि इस गिफ्ट को हमारे दर्शक और भी खास तब बनाएंगे, जब यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इससे पहले हम आपको यह भी बता दें कि आनंद ओझा की एक्शन फिल्म माही इन दिनों चर्चा में है। इससे पहले हुए फिल्म रन में भी नजर आ चुके हैं लेकिन अब वे पारिवारिक फिल्म की ओर रुख कर रहे हैं, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी और मंजुल ठाकुर जैसे निर्देशक के साथ काम करने का मौका भला कौन छोड़ना चाहेगा। वे बेस्ट फिल्म मेकर हैं, उनके साथ काम करने को उत्साहित हूं।

गौरतलब है कि मुंबई के ट्रायों डिजिटल रिकॉर्डिंग स्टूडियो में फिल्म की पूरी कास्ट की मौजूदगी में एक गाने की रिकॉर्डिंग की गई। फिल्म के सभी गाने बेहद खूबसूरत होने वाले हैं। इस फिल्म के संगीतकार ओम झा है, जबकि गीतकार अरविंद तिवारी और वीरेंद्र पांडे हैं। फिल्म की कहानी भी अरविंद तिवारी ने ही लिखी है। संजय वासवानी भी इस फिल्म से बतौर निर्माता जुड़ गए हैं।

मुंबई, 05 जून (हि.स.)। टीवी सीरीज ”महाभारत” में ”शकुनि मामा” का किरदार निभाकर मशहूर हुए अभिनेता गूफी पेंटल का निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे। कुछ दिन पहले उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गई। गूफी पेंटल का अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे किया जाएगा।

रफू चक्कर फिल्म से डेब्यू किया थाः
गूफी पेंटल के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने 1975 में ”रफू चक्कर” से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था। वह 80 के दशक में कई फिल्मों और टीवी सीरियल में नजर आए। हालांकि, अभिनेता को असली पहचान 1988 में बीआर चोपड़ा की सुपरहिट सीरीज ”महाभारत” से मिली। इस शो में उन्होंने शकुनि मामा का किरदार निभाया था। गूफी पेंटल ”अकबर बीरबल”, ”सीआईडी”, ”राधा कृष्णा” सीरीज में भी अहम भूमिका निभाई। गूफी ने आखिरी बार स्टार भारत के सीरियल ”जय कन्हैया लाल की” में काम किया था। सीरियल में उनके अभिनय को दर्शक आज भी याद करते हैं।

आर्मी जवान से अभिनेताः
अभिनय की दुनिया में आने से पहले गूफी आर्मी में थे। एक इंटरव्यू में पेंटल ने अपने जवान होने से लेकर शकुनि मामा बनने तक की कहानी बताई। उन्होंने कहा था, ”1962 में जब चीन-भारत युद्ध छिड़ा था, तब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। युद्ध के दौरान भी कॉलेज में सेना की भर्ती चल रही थी। मैं हमेशा सेना में शामिल होना चाहता था। सेना में पहली पोस्टिंग चीनी सीमा पर आर्टिलरी डिवीजन में हुई थी। सीमा पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो नहीं था, इसलिए हम ”सेना के जवान” सीमा पर रामलीला करते थे। मैं राम लीला में सीता का रोल करता था और एक शख्स रावण के वेश में स्कूटर पर आया और मेरा अपहरण कर लिया। मुझे पहले से ही एक्टिंग का शौक था इसलिए इसने मुझे थोड़ी ट्रेनिंग दी।”

इसके बाद गूफी 1969 में अपने छोटे भाई कंवरजीत पेंटल के कहने पर मुंबई आ गए। मॉडलिंग और एक्टिंग की ट्रेनिंग ली और कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इस बीच मैं बीआर चोपड़ा की महाभारत सीरीज़ के लिए एक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में काम कर रहा था।

बकौल गूफी पेंटल, ”मैं महाभारत में शकुनि के किरदार के लिए सही चेहरे की तलाश कर रहा था। मैंने सीरियल के लिए सभी किरदारों का ऑडिशन लिया। मैंने इस रोल के लिए तीन लोगों को चुना भी था। इसी बीच सीरियल के राइटर राही मासूम रजा ने मेरी तरफ देखा और मुझे शकुनि का रोल निभाने का सुझाव दिया। इस तरह मैं महाभारत का शकुनि मामा बन गया।”

गूफी पेंटल को अपने ‘शकुनि मामा’ के किरदार के लिए दर्शकों से बहुत प्यार मिला। इसके बाद उन्होंने कई टीवी सीरियल में काम किया। टीवी सीरियल करने के साथ-साथ उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपना जलवा बिखेरा।

मोतिहारी। पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में संस्कार भारती बिहार द्वारा ‘भारतीय संस्कृति और साहित्य में पर्यावरण चेतना’ विषयक ई-परिचर्चा का आयोजन संस्कार भारती बिहार के फेसबुक पृष्ठ से लाइव किया गया। विषय प्रवर्तन प्रो. अरुण कुमार भगत, सदस्य, बिहार लोक सेवा आयोग और अध्यक्षता विवेकानंद पाई, राष्ट्रीय सचिव, विज्ञान भारती ने की। मुख्य वक्ता प्रो. राम कुमार, सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं पूर्व विभागाध्यक्ष , पर्यावरण विज्ञान विभाग, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया थे। संयोजन और संचालन डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, सहायक प्रोफेसर, मीडिया अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी केविवि ने की।

प्रो. अरुण कुमार भगत ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति अरण्य संस्कृति रही है। इसलिए चार आश्रमों में गृहस्थ आश्रम के अतिरिक्त तीनों आश्रम वन में बिताने वाले रहे। अर्थात जीवन जीने के अधिकांश समय को प्रकृति के सबसे नजदीक रहकर उसे संचालित करने की व्यवस्था बनाई गई। वेद, पुराण, उपनिषद साहित्य में पर्यावरण को लेकर जो चिंतन और पद्धति है वह अन्यत्र किसी दूसरे के साहित्य में देखने को नहीं मिलती। छिति, जल, पावक, गगन, समीरा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और साहित्य में इन्हें देवता माना गया। पृथ्वी, गंगा, गाय को माता का सम्बोधन दिया गया और यह सभी पूज्य है। वैदिक काल से ही वृक्ष विशेषकर तुलसी, पीपल, बरगद आदि को पूजने की परंपरा पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को अनादि काल से दर्शाते हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में विवेकानंद पाई, राष्ट्रीय सचिव, विज्ञान भारती ने कहा कि पर्यावरण को लेकर विश्व में खूब चर्चा हो रही हैं। जलवायु परिवर्तन उन चर्चाओं के केंद्र में है। हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण को लेकर धर्म के साथ जोड़कर देखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंच महाभूत की चर्चा करते हुए श्री पाई ने कहा कि सृष्टि का आधार जल, आकाश, अग्नि, पृथ्वी और वायु हैं। यज्ञ की महत्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी यज्ञ करने पर जोर देते थे। हमारे शांति मंत्र पर्यावरण को समर्पित है। विश्व को यदि आगे ले जाना है तो प्राचीन भारतीय संस्कृति और साहित्य के पर्यावरणीय दृष्टिकोण को स्वीकार करना होगा। शिक्षा व्यवस्था में पर्यावरण संरक्षण के भारतीय चिंतन को शामिल करने की आवश्यकता है।

मुख्य वक्ता प्रो. राम कुमार ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस तो 1973 से मनाया जा रहा है लेकिन भारतीय संस्कृति और साहित्य में पर्यावरण शुद्धि और उसे बेहतर बनाने का चिंतन प्राचीन काल से ही रहा। जब हम सांस्कृतिक भारत की बात करते है तो नदियां और पर्वत देश को पूर्व से पश्चिम और दक्षिण से उत्तर को जोड़ती है। हमारे ऋषि मुनियों ने पर्यावरण को मनुष्य का अविभाज्य अंग माना। मनुष्य जिस तरह से भविष्य की चिंता किए बिना प्रकृति का दोहन कर रहा है, उससे वह पृथ्वी का सबसे खतरनाक प्राणियों में शामिल हो गया है। हमारे ऋषि मुनियों और पूर्वजों का पर्यावरण दर्शन अद्भुत था। आज जरूरत है उस दर्शन को आत्मसात करने का।

परिचर्चा संस्कार भारती बिहार के संगठन मंत्री वेद प्रकाश के सानिध्य में आयोजित हुई। कार्यक्रम का तकनीकी संयोजन संस्कार भारती उत्तर बिहार प्रान्त के महामंत्री सुरभित दत्त ने की। परिचर्चा के संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम से संस्कार भारती बिहार के पदाधिकारीगण, सदस्य एवं शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी व विद्वानगण उपस्थित थे।

भागलपुर में ढह गया सीएम के 1700 करोड़ ड्रीम प्रोजेक्ट, पीके का तंज कहा नीतीश कुमार में दम है तो कैमरे पर कहकर दिखाएं कि लालू और उनका परिवार भष्टाचार में नहीं है लिप्त

Patna: बिहार के भागलपुर में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल रेत की तरह भरभराकर गिर गया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद आम लोगों में चर्चा तेज है कि ये प्रोजेक्ट कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

विकास के नाम पर जनता से टैक्स के रूप में वसूली जा रही गाढ़ी कमाई की बर्बादी को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मुखर होकर अपनी बात लगातार रख रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग ये नहीं कहेंगे कि लालू ईमानदार हैं। लालू के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है। हमनें खुली चुनौती दी है नीतीश कुमार को की अगर आपमें दम है तो नीतीश कुमार कैमरा के सामने आकर एक लाइन कहकर दिखला दे कि लालू और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है। कोई अगर नीतीश कुमार से बुलवा दे कि लालू का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है। इसके बाद लोग जो कहेंगे मैं मानने के लिए तैयार हूं। नीतीश कुमार ऐसा कह ही नहीं सकते, क्योंकि जीवनभर नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति ही यही कहकर की है कि लालू भ्रष्ट हैं।

आज जिसने चोरी की है भ्रष्टाचार किया है उसके साथ जनता खड़ी नहीं है। बिहार में आज कोई उनसे सहानुभूति भी नहीं रख रहा है। बिहार में RJD की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कोई कह सकता है? इन्होंने बिहार को खूब लूटा है।

कोलकाता/ भुवनेश्वर, 5 जून (हि.स.)। ओडिशा के बालासोर के पास जहां भीषण रेल दुर्घटना हुई थी, वहां हादसे के 51 घंटे बाद आखिरकार पहली ट्रेन गुजरी। सोमवार सुबह दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि रात करीब 10:40 बजे पहली ट्रेन यहां से रवाना हुई। दुर्घटना के बाद से ही रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव मौके पर मौजूद हैं।

हादसे के बाद मालगाड़ी विशाखापट्टनम से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए रवाना हुई। यह उसी पटरी पर चलाई गई जहां शुक्रवार शाम 7:00 बजे हादसा हुआ था। इसका एक वीडियो सामने आया है। जिसमें ट्रेन रवाना किये जाने समय रेल मंत्री हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते नजर आए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर इससे जुड़ा वीडियो साझा किया है। ट्रेन गुजरते समय वे भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे लगाते हुए लोगों को धन्यवाद देते नजर आ रहे हैं।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि क्षतिग्रस्त डाउनलाइन पूरी तरह ठीक हो गई है। खंड में पहली ट्रेन रवाना हुई। इसके कुछ देर के बाद उन्होंने बताया कि अप लाइन पर भी ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है।

इधर, सोमवार सुबह दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी बयान जारी किया है। इसमें बताया है कि डाउन लाइन पर पहली ट्रेन रात 10:40 बजे चली जबकि अप लाइन पर पहली ट्रेन रात 12:05 बजे पर चलाई गए है। दोनों ही रेलखंड पर सामान्य रेल यातायात शुरू कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि रेल दुर्घटना में अब तक 275 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 800 के करीब लोग घायल हैं। रेल मंत्री ने रविवार शाम बताया था कि रेलवे बोर्ड ने इस घटना की सीबीआई जांच की अनुशंसा की है। शुक्रवार शाम दुर्घटना के बाद से रेलवे के 1000 से अधिक मजदूर और इंजीनियर रेल यातायात सामान्य करने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे।

पटना, 5 जून (हि.स.)। पटना में 12 जून को विपक्षी पार्टियों की प्रस्तावित बैठक टल गयी है। अब यह बैठक 23 जून को होने की संभावना है। यह तीसरा मौका है जब विपक्षी एकता की बैठक को स्थगित किया गया है।

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं और 12 जून तक उनके लौटने की उम्मीद नहीं है। इसलिए 12 जून की बैठक में वे शामिल नहीं हो सकते। साथ ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी पटना आने में असमर्थ थे। ऐसे में बैठक को स्थगित करने का यही कारण हो सकता है।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार देर रात बैठक टलने के सवाल पर कहा कि बैठक से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द ही दी जायेगी।

तीसरी बार टली बैठक

विपक्षी पार्टियों की बैठक सबसे पहले 19 मई को होने वाली थी लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव और वहां कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुए पटना में विपक्षी एकता की बैठक टाल दी गई। उसके बाद मई के अंतिम सप्ताह में यह बैठक होनी थी लेकिन नहीं हो पाई। फिर नई तारीख 12 जून को दी गई।

भाजपा से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की मुहिम में लगे हैं। पिछले दिनों नीतीश कुमार ने विभिन्न राज्यों का दौरा कर विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी और दावा किया था कि बातचीत सकारात्मक हुई है। जिसके बाद 12 जून को पटना के ज्ञान भवन में देशभर के विपक्षी नेताओं की बैठक करने का ऐलान किया गया था।

पटना, 5 जून (हि.स.)। राजधानी पटना सहित राज्य के सभी जिले भीषण गर्मी की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने अब लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पटना में पिछले पांच दिनों से लगातार पारा चढ़ने से पिछले चार सालों में अधिकतम तापमान का नया रिकॉर्ड कायम किया है। सोमवार सुबह से ही तेज धूप के कारण भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में पटना समेत राज्य के नौ जिलों मुजफ्फरपुर, शेखपुरा, जमुई, बांका, नालंदा, सीवान, मधुबनी, सारण, नवादा में हीट वेव (लू) का प्रभाव बने रहने की संभावना जतायी है। जबकि राज्य के आठ जिलों पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, सुपौल, कटिहार, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, पूर्वी चंपारण में भीषण उष्ण लहर का अलर्ट है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने एडवाइजरी जारी करते हुए दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच लोगों को घर-दफ्तर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। साथ ही पर्याप्त पानी पीने और एहतियात बरतने के निर्देश दिये हैं।

रविवार को भागलपुर, वाल्मीकिनगर, सबौर, मोतिहारी, शेखपुरा, जमुई, भोजपुर, बांका में हीट वेव (लू) का प्रभाव बना रहा। जबकि पूर्णिया, फारबिसगंज, खगड़िया और कटिहार भीषण लू की चपेट में रहे। पटना समेत प्रदेश के 20 जिलों के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है।