Chhapra: सावन के अंतिम सोमवारी पर शहर के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. इस मौके पर शहर के धर्मनाथ मंदिर में हजारों की संख्या में शिव भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे. इस दौरान मंदिर में सुबह से ही जल चढ़ाने के लिए श्रदालु पहुंचने लगे.

जय शिव के नारों से गूंज उठा मंदिर

अंतिम सोमवारी के दिन मन्दिरो में भक्तों ने बेलपत्र, भांग, धतूरे आदि से शिव लिंग पर अभिषेक किया. इन दौरान जय शिव के नारों से मंदिर गुंजायमान हो उठा.

इसके अलावें शहर के बटुकेश्वर नाथ मंदिर, उमानाथ मंदिर, मशुमेश्वर नाथ में लोगों ने जलाभिषेक किया. साथ ही साथ जिले के श्री ढोढ नाथ मन्दिर, सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहा.

 

 

Bhagalpur: जिले के सुल्तानगंज में श्रावणी मेले का शुक्रवार को उद्घाटन हुआ. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दीप प्रज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया. इस अवसर पर बिहार सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे.

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले कावरियों की सुविधा के लिए प्रबंध किए है. बाबा बैधनाथ को जल चढ़ाने के लिए कांवर में गंगा का जल लेकर लोग यही से यात्रा प्रारंभ करते है. मेले में सावन माह में लाखों श्रद्धालु पहुंचते है.

छपरा: सावन माह के तीसरे सोमवार के अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. सभी प्रमुख मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंच रहे है. सावन माह में जलाभिषेक का अपना अलग महत्त्व है. सभी शिवालयों को इस अवसर पर सजाया संवारा गया है. मंदिरों में जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था भी की गयी है.

मंदिरों में सुरक्षा को लेकर प्रशासन भी सतर्क रहा. सभी मंदिरों में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.

जिले के तमाम मंदिरों में भक्तों ने अहले सुबह से ही जलाभिषेक शुरू किया. लम्बी लम्बी कतारों में घन्टों खड़े होकर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया.

फाइल फोटो

छपरा: सावन की दूसरी सोमवारी इस बार शिव भक्तों के लिए खास दिन है. कई वर्षो बाद ऐसा संयोग आया है जब सोमवारी के दिन ही शिवरात्रि है.

छपरा टुडे से बातचीत में पंडित द्वारिका नाथ तिवारी ने बताया कि इस सोमवार शिवभक्तो पर भगवान भोले शंकर की आपार कृपा होने वाली है. काफी वर्षो बाद ऐसा संयोग आने वाला है जब सोमवारी के दिन शिवरात्रि है.

इस दिन त्रि-तिथि स्पर्शा योग है. जब त्रयोदशी को स्पर्श कर रही चतुर्दशी तिथि है. साथ ही इसी दिन रात में अमावस्या का आगमन भी हो रहा है. इस कारण इस तिथि के आगमन का विशेष महत्व है.

इस तिथि को भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करने वाले सभी भक्तों के लिए अत्यन्त पुण्य फलदायी है. उन्होंने बताया है कि यह सोमवारी सभी भक्तों को उपवास रखना चाहिए. भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए तथा शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए. एक ही दिन सोमवारी, शिवरात्रि तथा प्रदोष तीनों पावन योग है.