Chhapra: राजद अध्यक्ष लालू यादव के बड़े बेटे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की शादी 12 मई को है. शादी को लेकर परिवार में रस्म शुरू हो गए है. साथ ही जश्न मनाया जा रहा है.

तेजप्रताप यादव के छोटे भाई व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर वीडियो शेयर किया है. जिसमे वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ नाचते दिख रहे है. शादी को लेकर पूरा परिवार जश्न मना रहा है.

वही दूसरी ओर लालू प्रसाद के पैरोल पर पटना पहुँचने की खबर भी आ रही है. वे बेटे की शादी में शामिल होने के लिए 3 दिनों की पैरोल पर आ रहे है.

Patna/Ranchi: राजद सुप्रीमो लालू यादव चारा घोटाले के दूसरे मामले में दोषी करार दिए गए है. उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई गई है. लालू को सजा सुनाये जाने के बाद जेल में माली का काम मिला है. लालू यहाँ रोजाना 93 रुपये कमाएंगे.

लालू यादव को सोमवार को हजारीबाग की ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा. जहाँ वह अपनी सजा काटेंगे.

दूसरी और राष्ट्रीय जनता दल अपने नेता की जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है.

बिहार में राजद-जदयू गठबंधन की सरकार है.कुल मिलाकर लालू राज बिहार में फिर से कायम है. लालू यादव ने बिहार विधान सभा चुनाव के पहले अपनी लडखड़ाती राजनीतिक पारी को अपने अनुभव और बुद्धिमता से जिस प्रकार संभाला है वो उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक है.

लालू प्रसाद यादव ने पहले अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी फिर अपनी बेटी मीसा भारती के जरिये बिहार की राजनीति में अपने और परिवार के लोगों की साख मजबूत करने का प्रयास किया पर कहीं ना कहीं सत्ता में फ्रंट से लीड करने की उनकी तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही थी.

ऐसे में गहन चिंतन के बाद जिस प्रकार लालू यादव ने पूरे आत्मविश्वास से अपने पुत्र तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में सक्रिय किया है और दोनों को एक मुकाम पर ला खड़ा किया है वो लालू यादव के ‘किंग मेकर’ वाली छवि को सार्थक करता है.

तेजस्वी इस समय बिहार के उप-मुख्यमंत्री है. जबकि तेजप्रताप बिहार के स्वास्थ्य मंत्री. दोनों ही नीतीश सरकार के खासमखास हैं. तेजस्वी ने जिस प्रकार हाल ही में अपने युवा जोश के साथ नीतीश कुमार के साथ कदम से कदम मिलाकर सरकार चलाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वो उनके राजनीतिक कुशलता को दर्शाता है. पिता से मिली सीख और वंशानुगत प्रभाव बिहार की राजनीति में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है.

इस बात से बिहार की जनता भलीभांति अवगत है कि लालू प्रसाद यादव ने समय रहते अपनी राजनीतिक विरासत को जिम्मेदार हाथो में सौंप दिया है. आने वाले समय में दोनों पुत्र बिहार समेत देश की राजनीति में अपनी साख मजबूत करने में सक्षम होंगे. लालू प्रसाद यादव ने अपने डगमगाते राजनीतिक भविष्य को जिस प्रकार आधार दिया है वो उनके विरोधियों के लिए बहुत बड़ी सबक है.