छपरा: श्रम संसाधन विभाग द्वारा राजेन्द्र स्टेडियम में विश्वविद्यालय स्तर का नियोजन सह मार्गदर्शन मेला लगाया गया. बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के उद्देश्य से इस नियोजन मेले का आयोजन किया गया है. जिसमें निजी कंपनियों का स्टाल लगाकर युवाओं को नौकरी दी गयी.

इस दौरान कुल 811 अभ्यर्थियों ने इन कंपनियों में रोजगार के लिए आवेदन दिए. जिसमें 323 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. जिसमें सबसे ज्यादा हेवेल्स इंडिया ने कुल 147 युवाओं का चयन किया, पी एन बी मेटलाइफ में 25 अभ्यर्थियों का चयन हुआ.

युवाओं को इन्सोरेन्स, सिक्यूरिटी, बायो टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में रोजगार देने के उद्देश्य से देशभर की 19 निजी कंपनियों के स्टाल लगवाए गये थे. नियोजक कंपनी अपनी आवश्यकता एव मापदंड के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन किया. जिसमें पी एन बी मेटलाइफ, कोटक लाइफ इंसोरेंस, हेवेल्स इंडिया लिमिटेद जैसी प्रमुख कंपनियों ने युवाओं को रोजगार दिया गया.

इससे पूर्व जिला परिषद् की अध्यक्ष मीना अरुण ने द्वीप प्रज्वल्लित कर नियोजन सह मार्गदर्शन मेले का उद्घाटन किया. इस दौरान जिला नियोजन पदाधिकारी अविनाश कुमार उपस्थित रहे.

 

(कबीर अहमद) स्वामी विवेकानंद ने कहा था की बेरोजगारी किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है. आज हमारे देश में भी बेरोजगारी एक बहुत विकट समस्या बन चुकी है.

देश की आजादी के बाद कई सरकारें आई और गईँ, लेकिन बेरोजगारी की समस्या यथावत बनी हुई है. हालाँकि कुछ सरकारों ने इस दिशा में  सार्थक पहल जरूर किये पर रोजगार को समाज के अंतिम पावदान तक ले जाने में ज्यादातर विफलता ही मिली है.

देश में रोजगार का स्वरुप आसानी से हर व्यक्ति को उपलब्ध होने जैसा नहीं है. पैसा और पैरवी का आभाव आज भी जरूरतमंदों को रोजगार दिलाने में बाधक है. देश में रोजगार का आवंटन पारदर्शी ना होना भी बेरोजगारों के लिए एक कठिन चुनौती है.

आज हमारे देश में एक पूर्ण बहुमत की सरकार है. देश के युवाओं को इस सरकार से काफी उम्मीदें हैं. सरकार को बेरोजगारी के इस विकट समस्या को समाप्त करने हेतु कुछ सार्थक पहल करने की आवश्यकता है.

बढ़ते बेरोजगारी से युवाओं में जो निराशा की भावना उत्पन्न हो रही है वो निश्चित ही देश के लिए चिंता का विषय है. सरकार को जल्द ही इस विषय में सोंचने की जरूरत है.

युवाओं का भविष्य बेरोजगारी के संकट में अंधकारमय ना हो इसके लिए बेरोजगारी उन्मूलन  योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन की भी आवश्यकता है.

किसी भी देश को ये कभी नहीं भूलना चाहिए की राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब वहां के जनता के पास रोजगार होगा. हर हाथ में काम होगा तभी राष्ट्र तरक्की के पथ पर अग्रसर हो पाएगा.