Chhapra: छपरा से राजधानी पटना जाना लोगों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. छपरा से पटना के लिए मात्र 80 किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को 6 से 7 घंटे लग रहा. यह समस्या कई महीनों से बनी हुई है. सड़क जाम के कारण लोगों को 2 घंटे की दूरी को तय करने में 6 से 7 घंटे का समय लग रहा है.

NH19 पर लगने वाले जाम के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है. आए दिन NH 19 पर लंबा लंबा जाम लग रहा है. जिसके कारण घंटो तक वाहन है रेंगते नजर आ रहे हैं.  छपरा से पटना जाने के लिए फिलहाल सड़क मार्ग ही है, लॉक डाउन के कारण ट्रेनें बंद है, इसलिए लोग सड़क मार्ग के माध्यम से राजधानी जा रहे हैं. लेकिन सड़क पर लगने वाले जाम ने लोगों की समस्या को बढ़ा दी है.

सबसे ज्यादा जाम छपरा से डोरीगंज के बीच लग रहा है.  जाम के कारण गाड़ियां घंटों फंसी रह रही हैं.वहीं  प्रशासन भी इस समस्या के निदान के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रहा है. जिसके कारण इसका अंजाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. छपरा- डोरीगंज के बीच बालू लदे ट्रकों के कारण बुरी तरह जाम लग रहा है, NH पर पूरी तरह से ओवरलोड ट्रकों का कब्जा है, जिस कारण भयंकर जाम लग रहा है, और लोग अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए काफी परेशान हो रहे हैं.

यही नहीं दूसरी तरफ शीतलपुर दिघवारा के बीच भी जाम से बुरा हाल रह रहा है. शीतलपुर पट्टी पुल पर लंबा जाम लगने के कारण गाड़ियां घंटो तक फंसी रहती हैं.
वहीं NH-19 फोरलेन का निर्माण कार्य पिछले 10 सालों से लटका हुआ है, लोगों को NH-19 के पूरी तरह कंप्लीट होने का इंतजार है. ऐसे में फिलहाल छपरा से पटना जाना बेहद कठिन काम हो गया है.

छपरा से राजधानी पटना की दूरी को कम करने के लिए वीर कुंवर सिंह सेतु का निर्माण हुआ, शुरुआत में यह  लोगों के लिए यह काफी  बेहतर सिद्ध हुआ. इस रास्ते से  लोग 1:30 से 2 घंटे में पटना आसानी से पहुंचा रहे थे. लेकिन बालू लदे ट्रकों के परिचालन शुरू होने के कारण यह सेतु आम वाहनों के चलने लायक नहीं बचा.
वहीं छपरा से पटना जाने के लिए गरखा मानपुर मार्ग ही एकमात्र वैकल्पिक रास्ता बचा है. ओवरलोड वाहनों के परिचालन के यह रास्ता भी जर्जर होने लगा है.

वाराणसी: COVID 19 के मद्देनजर 3 मई 2020 तक सभी यात्री ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गईं. यूटीएस और पीआरएस सहित बुकिंग के सभी टिकट काउंटर अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.

हालांकि अगले आदेश तक ई टिकट सहित ट्रेनों के टिकटों का कोई अग्रिम आरक्षण नहीं है, ऑनलाइन रद्दीकरण की सुविधा कार्यात्मक बनी रहेगी. रद्द की गई ट्रेनों के आरक्षण के लिए पूर्ण धन वापसी होगी. जिन ट्रेनों को अभी तक कैंसिल नहीं किया गया है. उन ट्रेनों के अग्रिम टिकट बुकिंग रद्द करने पर भी पूर्ण धन वापसी की जाएगी.

COVID-19 लॉकडाउन के मद्देनजर किए गए उपायों की निरंतरता में यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रेल पर सभी यात्री ट्रेन सेवाएं जिनमें प्रीमियम ट्रेनें, मेल / एक्सप्रेस ट्रेनें, यात्री ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे आदि शामिल हैं जो 3 मई 2020 तक रद्द रहेंगी.

देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए माल और पार्सल गाड़ियों की आवाजाही बनी रहेगी. यूटीएस और पीआरएस के लिए टिकट बुकिंग के सभी काउंटर अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.

03 मई के बाद भी अगले आदेश तक ई टिकट सहित सभी प्रकार की बुकिंग रद्द रहेगी. टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन रद्दीकरण की सुविधा कार्यात्मक रहेगी. जहां तक ​​3 मई तक रद्द की गई ट्रेनों का सवाल है. रेलवे द्वारा रिफंड स्वचालित रूप से ग्राहकों को ऑनलाइन किया जाएगा. जबकि जिन लोगों ने काउंटरों पर बुक किया है, रिफंड 31 जुलाई तक लिया जा सकता है.

रद्द की गई ट्रेनों की बुकिंग के लिए टिकटों का पूरा रिफंड दिया जाएगा. उन अग्रिम बुकिंग वाले टिकटों के रद्दीकरण की भी पूर्ण वापसी होगी. जिन ट्रेनों को अभी तक रद्द नहीं किया गया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ताशकंद के लिए रवाना हो गए. पीएम मोदी ताशकंद में एससीओ यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. इस बैठक में भारत के एससीओ में पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी.

चीन एससीओ समूह का नेतृत्व कर रहा है. पीएम मोदी इस बैठक के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलने वाले हैं. पीएम इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से मुलाकात भी होगी. दोनों नेताओं के बीच एनसीजी को लेकर बातचीत हो सकती है.