ऑकलैंड: दुनिया की तबाही को लेकर कई बार भविष्यवाणी की गयी है. लेकिन आज तक ठोस सबूत नही मिला हैं. जिससे की इस बात को सच माना जा सकें.

एक बार फिर  कैलिफोर्निया के एक संत हैरल्ड कैपिंग ने हिसाब लगाकर चेतावनी दी है कि इस वर्ष 2 अक्टूबर की शाम 6 बजे दुनिया खत्म होने वाली है. उनका कहना है कि उस समय पर ही दुनिया की दो फीसदी आबादी तुरंत ही ‘स्वर्गवासी’ हो जाएगी और शेष आबादी किसी दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगी. पेशे से पूर्व में सिविल इंजीनियर रहे 89 वर्षीय कैपिंग प्रत्येक दिन अपनी भविष्यवाणी फैमिली रेडियो नेटवर्क के जरिए करते हैं. advertisement 1


उनका यह धार्मिक ब्रॉडकास्टिंग संगठन उनके श्रोताओं के दान से चलता है. 70 वर्षों तक बाइबल का अध्ययन करने के बाद उनका दावा है कि उन्होंने गणित की मदद से एक ऐसा तरीका विकसित किया है, जिसकी मदद से छिपी हुई भविष्यवाणियों को सामने लाया जा सकता है. उनका कहना है कि ईसा को सूली पर चढ़ाए जाने के दिन से 7,22,500 दिनों बाद पृथ्वी का अंत तय है. 7,22,500 की संख्या अहम है, क्योंकि यह 3 पवित्र संख्याओं- 5, 10 और 17 का गुणनफल है. जापान, न्यूजीलैंड और हैती में आए भूकम्प इस प्रलय के पूर्व संकेत हैं.  उल्लेखनीय है कि कैपिंग पहले भी दुनिया के खत्म होने की तारीख 6 सितंबर, 1994 घोषित कर चुके हैं, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गणना संबंधी गलती का पता चला और अब यह तारीख निकाल रहे हैं.

नयी दिल्ली:  दिल्ली-NCR, चंडीगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर  समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रविवार शाम लगभग 4 बजे झटके महसूस किये गए. भूकंप का केंद्र  हिन्दूकुश की पहाडि़यो में था. भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गयी. फिलहाल भूकंप से किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.

भूकंप के झटके आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल पड़े. रविवार का दिन होने के कारण कार्यालयों में छुट्टी होने से थोड़ी राहत रही. भूकंप के झटकों के कारण दिल्ली मेट्रो की सेवा कुछ देर के लिए रोक दी गयी. 

पटना: राजधानी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में रविवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात करीब 11:55 में भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में लमजंग में जमीन से 19 किलोमीटर निचे था. उत्तर बिहार के सिवान, गोपालगंज, सारण, पटना, सीतामढ़ी, शिवहर, रक्सौल और मुजफ्फरपुर में झटके महसूस किये गए.  

हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की जान-माल के नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है. इसके अलावा रविवार दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में भी 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके साथ उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में दोपहर 1 बज कर 21 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई. एहतियात के तौर पर लोग अपने घरों से बाहर निकल गए.

पटना: नेपाल की राजधानी काठमांडू के पास आये भूकंप के झटके उत्तर बिहार के कुछ जिलों में भी महसूस किये गए. शुक्रवार देर रात करीब 10 बजे भूकंप के झटके महसूस किया गया. झटकों से लोग आनन-फानन में घरों से बाहर निकल कर सड़क पर आ गये.

उत्तर बिहार के बेतिया, गोपालगंज, मोतिहारी, रक्सौल, दरभंगा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गए. मिली जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल का सिन्धुपाल चौक था. भूकंप से फिलहाल किसी क्षति की कोई खबर नहीं है.

काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए. झटके करीब 10-15 सेकेंड तक महसूस किए गए. रात करीब 10 बजकर 5 पांच मिनट पर आये भूकंप के झटके के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए.

भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.2 मापी गई है. भूकंप का केंद्र सिन्धुपाल चौक था. भूकंप से फिलहाल किसी के हताहत होने या नुकसान की खबर नहीं है.

बताते चले कि 25 अप्रैल 2015 को आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने नेपाल के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. इस भूकंप में 7500 से अधि‍क लोगों की जान गई थी.