Bheldi:  छपरा-मुजफ्फरपुर एनएच- 722 पर भेल्दी चौक के समीप मंगलवार देर शाम अनियंत्रित ट्रक की ठोकर से फल विक्रेता की मौत हो गई. वहीं एक युवक घायल हो गया. मृतक की पहचान भेल्दी थाना क्षेत्र के समस्तपुरा गांव निवासी जयराम महतो के 18 वर्षीय पुत्र नीरज महतो के रूप में हुई. वह भेल्दी बाजार पर ठेला पर रखकर फल बेचा करता था.

प्राप्त जानकारी के अनुसार देर शाम वह फल बेच रहा था. तभी छपरा की ओर से आ रही अनियंत्रित ट्रक ने ठेला सहित रौंदते हुए पशु चिकित्सालय में पहुंचा दिया जहां. घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई जबकि उसी गांव के सत्यम उर्फ भुअर घायल हो गया.

जिसका इलाज चल रहा है. मृतक काफी गरीब बताया जाता है. वह फल बेच पर अपने परिवार का पालन पोषण करता था. मौत के बाद पिता जय राम महतो भाई राजन महतो समेत अन्य परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

छपरा: लगातार हो रही बारिश से शहर की सड़कों पर जलजमाव हो गया है. विगत एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने शहर की कई मुख्य सड़कों को जलमग्न कर दिया है.

आलम यह है कि उन सड़कों पर पैदल चलना दूभर है. सबसे खराब साहेबगंज से मौना चौक, साढा रोड, गुदरी बाजार, नेहरू चौक, कटहरी बाग, गांधी चौक, पुलिस क्लब जाने वाली सड़क की स्थिति है. जहां सड़कों पर एक फुट से अधिक पानी जम चुका है.

वहीं शहर के मुख्य बाजार तिनकोनिया एवं सरकारी बाजार में घुटनों तक पानी जमा हो चुका है. इस बाजार में दुकानदार किसी तरह अपनी दुकानों को खोल रहे हैं. वही कई निचले दुकानों में बारिश और नाले का पानी भी घुस चुका है. जिसके कारण दुकानदार काफी चिंतित है. उन्हें अपने सामानों को बचाने के लिए जतन करना पड़ रहा है. बारिश को लेकर अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में और दुकानों में पानी घुसने के आसार दिख रहे हैं. बहरहाल सफाई नही होने के कारण खनुआ नाले की स्थिति खराब है. पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है. जिससे दुकानदार एवं उस सड़क से गुजरने वाले के साथ साथ घर वाले भी चिंतित हैं.

Chhapra: लॉक डाउन की घोषणा के बाद शहर के लोग अचानक से बाजारों में निकल पड़े, हर तरफ सिर्फ जनता खरीददारी में जुटी थी. देखते ही देखते बाजारों में खाद्य सामग्री के दाम आसमान छूने लगे. एक दिन पहले जो आटे, दाल, आलू, चावल का भाव था उसपर दुकानदारों द्वारा अचानक 10 से 50 रुपये तक भाव बढ़ा दिया गया. जिला प्रशासन से जनता ने इसकी शिकायत की और प्रशासन द्वारा कालाबाजारी पर बंदिश लगाते हुए कई दुकानदारों के ऊपर कार्रवाई की गई.

बाजारों में कालाबाजारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री का रेट तय किया गया. बुधवार को जारी किए जिला प्रशासन के खाद्य सामग्री रेट चार्ट में सभी तरह के खाद्य पदार्थो का रेट तय किया गया है. रेट चार्ट में आटा, चावल, दाल, आलू, दूध, तेल सभी के दाम खुदरा एवं थोक दर भी निर्धारित किये गए है. जिसपर आम जनता को खरीददारी करने तथा इस तय रेट से ज्यादा राशि लेने पर प्रशासन को सूचित करने का निर्देश जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने तो अपना काम कर दिया लेकिन मार्केट कुछ और ही कह रहा है.

बुधवार को इस संदर्भ में मौना चौक के कई किराना दुकानदारों से बात की गई. दुकानदारों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि खाद्य सामग्री का रेट निर्धारण जनता के हित के लिए है. लेकिन समस्या यह है कि दुकानदार थोक भाव मे जो खरीद रहा है उसपर अपना खर्च निर्धारित कर बेच रहा है. जिसका रेट तय रेट से ज्यादा हो रहा है. छपरा की मंडी में फिलहाल खाद्य सामग्री आ नही रही है. मुख्य समान सरसों तेल, आटा, दाल, चावल आपूर्ति मंडी में पूरी तरफ ठप्प है. खाद्य समानों से लदे ट्रक रास्तों में फसें पड़े है.

दुकानदारों का कहना है कि जब समान आएगा ही नही तो निश्चित तौर पर थोक बाजार में समान का दाम चढ़ेगा. खरीददारी के अनुसार ही समानों की बिक्री त रेट निर्धारित होगा.

दुकानदारों का कहना है कि वह आपदा की घड़ी में जनता के साथ है, सरकार और प्रशासन खाद्य सामग्री का आयात सुनिश्चित करें. थोक बाजार में निर्धारित रेट के अनुसार दुकानदारों को समान मुहैया कराए वह लागत मूल्य पर जनता को समान बेचने के लिए तैयार है.

छपरा: हाल ही के दिनों में देश में नोटबंदी के बाद सरकार के द्वारा लोगों को कैशलेस लेनदेन करने के लिए जागरूक किया गया. जिसके बाद छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों ने भी अपनाया था. लेकिन अब वह कार्ड से पेमेंट लेने से कतरा रहे है. दुकानदारों द्वारा नए नए तरीके अपनाकर ग्राहकों को कार्ड से पेमेंट लेने की बजाय नगद में छूट का प्रलोभन दिया जा रहा है.fb

होली में खरीदारी करने निकले तरुण, मुकेश जैसे ग्राहकों ने बताया कि दुकानदार द्वारा कार्ड से पेमेंट लेने में आनाकानी की गयी. यही नहीं कैश पेमेंट पर छूट देने और कार्ड से पेमेंट करने पर कोई छूट नहीं देने की बात कही जा रही है. साथ ही इससे सरकार को टैक्स को भी चुराने का जुगाड़ लगाया जा रहा है.

बाजार में व्यापारियों के द्वारा ऐसा किये जाने से ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वही सरकार के कैशलेस मुहीम में भी बाधा आ रही है.