Chhapra: अप्रैल का आधा माह बीतने को है. इसके साथ ही मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. गर्मी बढ़ रही हों और तापमान भो तेजी के साथ उठ रहा है. रविवार को शहर का तापमान 38 डिग्री तक पहुंच गया. हालांकि शाम ने राहत दी.

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी Lockdown के कारण लोग घरों में है जिसके कारण इसका असर सड़को पर नही दिख रहा है. धूप में तपिश है और तेज गर्मी भी. शहर के कई इलाकों में इस तापमान के बढ़ने का असर दिखने लगा है. शहरी क्षेत्रों के कई वार्ड में पानी की समस्या धीरे धीरे शुरू हो चली है. हालांकि यह समस्या अभी कुछ इलाकों में ही है लेकिन जैसे जैसे तापमान चढ़ेगा यह समस्या भी बढ़ेगी.

शहर के कई चौक चौराहों पर लगे चापाकल पानी नही दे रहे है कारण यह है कि Lockdown में यह चापाकल नियमित रूप से नही चल रहा है. अभी मई और जून के महीना बाकी है. अगर गर्मी और तापमान इसी तेजी के साथ बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में एक बार फिर बीते वर्ष की तरह स्थिति गंभीर होने वाली है.

छपरा: गर्मी और गर्म हवाएं लोगों को सता रही है. लू चलने से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. दोपहर के समय सड़के सुनसान दिख रही है. बुधवार को जिले के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गयी. तापमान इस मौसम के अधिकतम स्तर 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया. हालांकि गुरुवार और शुक्रवार को तापमान में कमी की सम्भावना जाहिर की गयी है.

गर्मी से बचाव में जुटे लोग
गर्मी से बचने के लिए शीतल पेय पदार्थ आदि का लोग सेवन कर रहे है. सत्तू, गन्ने का जूस, आइसक्रीम आदि की मांग इन दिनों बढ़ गयी है.

लू से बचना जरुरी
गर्मी और साथ में लू से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए जरुरी है कि धूप में निकलने से पहले बचाव के उपाय किये जाए. लू से बचने के लिए पानी का सेवन अधिक से अधिक करें. साथ ही छाता का प्रयोग करें. आँखों की सुरक्षा के लिए गोगल्स का करने से राहत मिलती है.

छपरा: कोहरे की चादर से शनिवार को शहर लिपटा नजर आया. कोहरे के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. घने कोहरे के कारण सड़क से गुजरने वाले वाहन हेड लाइट जला कर चलते नजर आये. आलम यह था कि सुबह 9 बजे तक सूर्य देव ने दर्शन नहीं दिए थे.

ठंड ने लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया. वहीं बाजारों में भी गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है. घने कोहरे से यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है. सुबह की अधिकतर ट्रेनें आधे से पौना घंटा तक लेट रही. वहीं बसें भी धीमी रफ्तार से चल रही है.