नई दिल्‍ली: कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले भारतीय सेना के जवानों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी गयी. साल 1999 में हुए इस युद्ध के आज 17 साल पूरे हो गए. भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था, जिसे हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ऑपरेशन विजय नाम के इस मिशन में भारत माता के सैकड़ों वीर सपूतों ने सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जानें गंवाईं थी. आज ही दिन देश के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त करके करगिल पर तिरंगा लहराया था. आज पूरा देश करगिल के शहीदों को सलाम कर रहा है.

3 मई 1999 को सबसे पहले एक चरवाहे ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा था. पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और फिर शांत बैठा करगिल द्रास का इलाका युद्ध का मैदान बन गया. पाकिस्तान की मंशा लद्दाख को कश्मीर से अलग करने की थी. करीब दो महीने तक चली लड़ाई के बाद पाकिस्तान पूरी तरह टूट गया और फिर भारतीय जवानों ने 14 जुलाई 1999 को कारगिल में जीत का तिरगा फहराया. 1999 में 26 जुलाई के दिन कारगिल में विजय का ऐलान किया गया था.

इस अवसर पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने दिल्‍ली में अमर जवान ज्‍योति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर अपर तीनों सेना प्रमुखों ने शहीदों को नमन किया. वही द्रास समेत पूरे देश में आज विजय दिवस मनाया जा रहा है. कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि अंतिम सांस तक भारत के लिए लड़ने वाले हर जवान को उनका नमन है. उनका बलिदान हमें प्रेरित करता है. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि घुसपैठियों को करार जवाब देने वाले अपने वीर सपूतों के अदम्य साहस को भारत कभी नहीं भूलेगा.