जब तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया गया

जब तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया गया

जब तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया गयाः भारतीय इतिहास में 22 जुलाई कई वजहों से खास है लेकिन उनमें सबसे महत्वपूर्ण और गौरवमयी तथ्य राष्ट्र ध्वज तिरंगा से जुड़ा है।

भारत की एकता, शांति और समृद्धि को दर्शाने वाले तिरंगा को 22 जुलाई 1947 को देश की आजादी से कुछ सप्ताह पहले संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया। यह पिंगली वेंकैया की परिकल्पना थी। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियां हैं, जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी देश की ताकत और साहस को दर्शाती है। बीच में श्वेत पट्टी धर्मचक्र के साथ शांति व सत्य का संकेत है। गहरे हरे रंग की पट्टी देश के विकास और समृद्धि को दर्शाती है। सफेद पट्टी के मध्य गहरे नीले रंग के चक्र में 24 आरे हैं जो भारत की निरंतर प्रगतिशीलता का प्रतीक है। इस चक्र का रूप सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्ष फलक के चक्र में दिखने वाले की तरह है।

अन्य अहम घटनाएंः
1918ः भारत के पहले कुशल पायलट इंद्रलाल राय की पहले विश्वयुद्ध के दौरान लंदन में जर्मनी से लड़ाई के दौरान मौत।
1923ः पार्श्व गायक मुकेश का जन्म।
1933 भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी यतीन्द्र मोहन सेन गुप्त का निधन।
1968ः भारत की सुप्रसिद्ध महिला चिकित्सक पद्मभूषण मुत्तू लक्ष्मी रेड्डी का निधन।
1970ः महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस का जन्म।
1981ः भारत के पहले भूस्थिर उपग्रह ऐपल ने कार्य करना शुरू किया।
1988ः पांच सौ अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पेंटागन में जैविक हथियार बनाने के शोध के बहिष्कार का संकल्प लिया।
1999ः अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा समान कार्य के लिए समान पारिश्रमिक की कार्ययोजना लागू।
2003ः इराक में हवाई हमले में तानाशाह सद्दाम हुसैन के दो बेटों की मौत।
2012ः प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति निर्वाचित।

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