महंगे शौक से अपराध के दलदल में फंस रहे युवा !

महंगे शौक से अपराध के दलदल में फंस रहे युवा !

बलिया, 25 अक्टूबर (हि.स.)। कम उम्र में ही लग्जरी जीवन जीने की प्रत्याशा युवाओं को किशाेरावस्था या युवा अवस्था में ही जरायम की दुनिया में धकेल रही है। यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित होने के कारण बलिया को सेफ जोन के रूप में जयराम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

बलिया रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने ट्रेनों की चेकिंग के दौरान वाराणसी-छपरा पेसेंजर ट्रेन से एक बीस वर्षीय युवती के बैग से साढ़े सात सौ जिन्दा कारतूस बरामद किए थे। इससे न सिर्फ पुलिस के कान खड़े हुए थे बल्कि यह बहुतों के लिए सोचनीय विषय बन गया। पुलिस जहां इस बरामदगी के बाद नक्सली एंगल तलाश रही है। वहीं, मनोवैज्ञानिक इसके पीछे महंगे शौक को वजह बता रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन से जिस युवती काे भारी मात्रा में कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था वह मिर्जापुर जिले के राजगढ़ की रहने वाली मनीता सिंह है। पुलिस उपाधीक्षक जीआरपी गोरखपुर रेंज सवि रत्न गौतम के अनुसार इंटर में अच्छे नम्बरों से पास होने के बाद मनीता नीट की तैयारी करने के लिए वाराणसी गई। जहां हॉस्टल में उसकी मुलाकात हाई-फाई लड़कियों से हुई। उन लड़कियों के सम्पर्क में आने के बाद मनीता को महंगे शौक का चस्का लग गया। लेकिन उसके मां-बाप हॉस्टल का खर्च ही मुश्किल से दे पाते थे। इसी दौरान हॉस्टल की लड़कियों के माध्यम से मनीता की मुलाकात गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाने के कटरिया मिवासी रोशन गुप्ता से हुई। बाद में वह गाजीपुर के ही बाराचवर निवासी अंकित पाण्डेय के संपर्क में आ गई। जिसके बाद बलिया जीआरपी द्वारा ट्रेन में चेकिंग के दौरान ट्रेन की सीट पर बैठी हुई मनीता की सीट के नीचे ट्राली बैग से 315 बोर के 750 जिन्दा कारतूस बरामद हुए। जिसके बाद युवती को गिरफ्तार कर लिया गया। युवती ने पूछताछ में स्वीकर किया है कि वह यह बैग छपरा ले कर जा रही थी। जिसे छपरा में किसी व्यक्ति को देना था।

बता दें कि कि इसी रेलवे स्टेशन पर करीब एक महीने पहले साढ़े आठ सौ जिन्दा कारतूसों के साथ दो युवक पकड़े गए थे। जिसकी छानबीन अभी चल ही रही थी कि ये दूसरी बड़ी बरामदगी हो गई। दोनों मामलों में कम उम्र के युवा ही फंसे हैं।

भौतिकता और संस्कारों की कमी से अपराध की ओर जा रहे युवा

टीडी काॅलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डाॅ. अनुराग भटनागर ने बताते हैं कि भौतिकवादी संस्कृति इसके पीछे की मूल वजह है। साथ ही परिवारों में संस्कारों की कमी के कारण भी आज के युवा अपराध के दलदल में फंस रहे हैं। श्री भटनागर ने कहा कि तेजी से एडवांस हो रही तकनीक के कारण युवाओं तक हर प्रकार की सूचना पहुंच रही है। जिसमें कम समय में गलत तरीके से पैसे कमाने की बातें भी शामिल हैं। पढ़ाई के लिए बाहर या बड़े शहरों में बच्चों को भेजने वाले अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के लगातार संपर्क में रहें। उन्हें नए-नए खतरों से आगाह करते रहें। बच्चों के फ्रेंड बनकर उनकी काउंसलिंग करते रहें। यही समय है जब माता-पिता को अपने बच्चों से खूब बात होती रहनी चाहिए।

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें