Chhapra: स्वर्णिम विहान संस्था के द्वारा रविवार को शहर के वृन्दावन पैलेस के सभागार में अभिभावक मिलन सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्वर्णकार समाज के छात्र एवं अभिभावक मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। तत्पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आनंद कुमार साह ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अमरनाथ प्रसाद, विशिष्ट अतिथि छपरा नगर निगम की उपमहापौर रागिनी देवी एवं सीए अमित कुमार मौजूद थे।
स्वर्णिम विहान के महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद ने संस्था के उद्देश्य और क्रियाकलाप से सभी को अवगत कराया तथा शैक्षणिक समिति एवं कार्यसमिति का परिचय भी दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें आत्मविश्वास देती है ताकि हम खुद के सपनों को प्राप्त कर सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने स्वर्णकार समाज के युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने, मेधावी तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सहयोग प्रदान करने और शिक्षा के द्वारा समाज का उत्थान करने हेतु स्वर्णिम विहान के द्वारा एक पहल शुरू की है।
सभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) अमरनाथ प्रसाद ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने गुरु और अपने माता-पिता के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर देना चाहिए। इस दौरान छोटी-छोटी बाधाएं या असफलता आपका रास्ता रोकेंगी लेकिन निराश नहीं होना चाहिए। माता पिता को चाहिए कि विपरीत समय में बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। इस संस्था के द्वारा हम पढ़ने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक छात्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अध्यक्ष आनंद कुमार साह ने कहा कि शिक्षा किसी व्यक्ति के जीवन की सबसे अनमोल पूंजी है। बिना शिक्षा के व्यक्ति का उत्थान संभव ही नहीं है। इसलिए अपने स्वर्णकार समाज के समग्र उत्थान के लिए चाहिए कि समाज का प्रत्येक युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राप्त करे। स्वर्णिम विहान आपके सहयोग के लिए कदम से कदम मिलकर चलने के लिए तत्पर है।
विशिष्ट अतिथि उप – महापौर रागिनी कुमारी ने कहा कि हमारे शास्त्र कहते हैं “माता शत्रु: पिता वैरी, येन बालो न पाठितः। न शोभते सभामध्ये, हंसमध्ये बको बथा।।” अर्थात वे माता पिता शत्रु के समान हैं जो अपने बच्चों को नहीं पढ़ाते। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी समाज का उत्थान संभव नहीं है और बिना शिक्षित समाज के एक सशक्त राष्ट्र की संकल्पना पूरी नहीं हो सकती। इसलिए प्रत्येक माता पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रयत्न करें। इस दौरान जो भी बाधा आएगी उसे पार करने में आपका सहयोग करने के लिए स्वर्णिम विहान की पूरी टीम सदैव तत्पर है।
विशिष्ट अतिथि सीए अमित कुमार ने बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के विचारों को साझा करते हुए कहा “शिक्षा से हमें मानसिक स्वतंत्रता मिलती है, जो सच्ची आजादी का रास्ता है।” समाज में आप चाहे कितना भी आर्थिक रूप से संपन्न हो जाएं लेकिन शिक्षा के बिना सब व्यर्थ है। इसलिए हम सभी अभिभावकों का कर्तव्य है कि अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए पहल करें और बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करें। तभी हमारे समाज का उत्थान हो सकता है।
सेवानिवृत प्राध्यापक डॉ. रामबाबू प्रसाद ने भी अपने विचार साझा किये। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. दीपक कुमार गुप्ता, के.एम. प्रसाद, विनय कुमार सरस, विनोद राज, कृष्ण कुमार वैष्णवी आदि सहित स्वर्णकार समाज के सैकड़ों शिक्षाविद एवं प्रबुद्धजन मौजूद थे।
कार्यक्रम में रानी कुमारी ने सरस्वती वंदना एवं वैष्णवी कुमारी ने मंच संचालन किया।