Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच मानसून ने भी दस्तक दे दी है. ऐसे में डेंगू व चिकनगुनिया के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. इसको लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक-सह- राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने सभी सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है.

पत्र में बताया गया है कि सदर अस्पताल में 5 बेड का एक विशेष डेंगू वार्ड तैयार रखा जाए. डेंगू वार्ड में सभी बेडों को मच्छरदानी युक्त करना सुनिश्चित किया जाए. जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी यही व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जिले के अंतर्गत सभी निजी अस्पतालों एवं चिकित्सकों आदि को प्रत्येक डेंगू एवं चिकनगुनिया मरीज को अधिसूचित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. यह बताया गया है कि मेडिकल पैरामेडिकल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू चिकनगुनिया बुखार के संबंध में जागरूक करें , ताकि मरीजों की पहचान कर ससमय उनका उपचार सुनिश्चित किया जा सके. डेंगू चिकनगुनिया के उपचार के लिए दवा आदि की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

संभावित डेंगू मरीजों की प्लेटलेट्स की संख्या पर रखी जायेगी नजर

पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि सभी संभावित डेंगू मरीजों को सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल रेफर न किया जाए, बल्कि संभावित डेंगू मरीजों के खून की जांच कर डिफरेंशियल काउंट ऑफ डब्ल्यूबीसी कर उनके प्लेटलेट्स की संख्या पर नजर रखी जाए. यदि मरीज के शरीर पर लाल चकत्ते दिखता दिखाई दे, मसूड़े से खून आए, पेट में दर्द एवं पैखाना काला होने लगे तो ऐसी स्थिति में उन्हें नि:शुल्क सरकारी एंबुलेंस सेवा 102 द्वारा नजदीक के सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल में भेजने की व्यवस्था की जाए. साथ हीं मरीज के खून के नमूने नजदीक सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल भेजे जाए.

जल-जमाव वाले स्थानों पर होगा छिड़काव

डेंगू चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर एडीज के लार्वा को नष्ट करने के लिए जिला स्तर पर कार्यरत फाईलेरिया इकाई द्वारा लार्वासाईडल का छिड़काव जलजमाव वाले स्थानों, नालों में करने का निर्देश दिया गया है. स्थानीय निकायों से मच्छर नियंत्रण के कार्य में सहयोग प्राप्त किया जाए.

लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत

सिविल सर्जन डॉo माधवेश्वर झा ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है। डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगती है. वहीँ चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक होती है. गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकती है। डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है.

क्या है लक्षण

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द, जी मचलाना एवं उल्टी होना, आँख के पीछे दर्द. त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान, नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव, काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण है.

ऐसे करें बचाव

• घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें
• कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें
• सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
• मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें
• पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें
• आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें
• जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें
• खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें
• जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें
• डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें

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अंग्रेज़ी लेखक जॉर्ज ऑरवेल का जन्म 25 जून 1903 को भारत में ही बिहार के मोतिहारी में हुआ था. उनके पिता ब्रिटिश राज की भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी थे. ऑरवेल का मूल नाम ‘एरिक आर्थर ब्‍लेयर’ था. उनके जन्‍म के साल भर बाद ही उनकी मां उन्‍हें लेकर इंग्‍लैण्‍ड चलीं गयीं थीं, जहां से‍वानिवृत्ति के बाद उनके पिता भी चले गए. वहीं पर उनकी शिक्षा हुई.

जॉर्ज ऑरवेल की कालजयी रचना एनिमल फार्म (Animal Farm) में सुअरों को केन्‍द्रीय चरित्र बनाकर बोलशेविक क्रांति की विफलता पर करारा व्‍यंग्‍य किया था. अपने आकार के लिहाज से लघु उपन्यास की श्रेणी में आनेवाली यह रचना पाठकों के लिए आज भी उतनी ही असरदार है.

उनकी अन्य रचनाओं में Burmese Days (1934), A Clergyman’s Daughter (1935), Keep the Aspidistra Flying (1936), Coming Up for Air (1939), Animal Farm (1945), Nineteen Eighty-Four (1949), Down and Out in Paris and London (1933), The Road to Wigan Pier (1937), Homage to Catalonia (1938) शामिल है.

Photo: wikipedia

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एक तरफ जहां corona Virus महामारी के बीच दुनिया भर के वैज्ञानिक और लैब्स में कोरोनावायरस के वैक्सीन बनाने के लिए दिन रात मेहनत हो रही है. वहीं दूसरी तरफ भारत में योग गुरु बाबा Ramdev की पतंजलि ने आर्युवेद के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है. योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान किया कि उन्होंने कोरोनावायरस को मात देने वाली दवा बना ली है. इस दवा का नाम है कोरोनिल है.

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का दावा है कि इस महामारी को मात देने के लिए दवा को तैयार कर ली गई है. क्लिनिकली ट्रायल में लोग 3 दिन में 65% लोग ठीक हो जा रहे हैं. 7 दिन में 100 फीसदी लोग ठीक हो जा रहे हैं. मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके बाबा रामदेव ने कहा कि दुनिया महीनों से कोरोनावायरस वैक्सीन का इंतजार कर रही थी. लेकिन हमने आयुर्वेद के माध्यम से इसकी दवा बना ली है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि अगले हफ्ते तक यह दवा बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी. इस किट में मुलेठी काढा समेत कई आयुर्वेदिक चीजों को पदार्थों कल डाला गया है. साथ ही गिलोय, अश्वगंधा तुलसी, श्वासारी का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा सोमवार को ऐप भी लांच किया जाएगा.

पतंजलि ने पूरी तरह से दावा किया है कि यह दवाई आयुर्वेदिक है

इसको लेकर जानकारी देते हुए आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जब यह बीमारी नई नई आई थी. तो हमने शुरू में ही वैज्ञानिकों की टीम गठित करके इस पर काम करना शुरू कर दिया था. जिसके बाद महीनों के प्रयास के बाद हम दवा बनाने में सफल रहे हैं और लोगों पर टेस्टिंग भी सफल रही है. अब इसे लांच किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने किसी क्रिकेट टेस्ट मैच के दौरान Covid19 के लक्षण दिखाई देने की स्थिति में खिलाड़ी बदलने की कल मंजूरी दे दी. परिषद ने स्पष्ट किया है कि यह अनुमति एकदिवसीय और टी-20 मैंचों में लागू नहीं होगी. परिषद ने संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध की भी पुष्टि की है.

ICCने Covid19 महामारी के संकट से निपटने के लिए अपने अंतरिम नियमों के तहत द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के लिए नॉन न्यूट्रल अम्पायर यानी संबंधित देशों के अम्पायरों की नियुक्ति का भी फैसला किया. यह व्यवस्था लगभग दो दशक बाद फिर शुरू होगी. इसका उद्देश्य Covid19 के वैश्विक संकट के बीच यात्रा से होने वाले जोखिम को कम करना है.

अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली समिति से अनुशंसित और मुख्य कार्यकारी समिति से मान्य पांच नियमों के तहत घरेलू अंपायरों की देखरेख में होने वाली द्विपक्षीय टेस्ट श्रृंखला के मैचों में दोनों टीमों को डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम के तहत एक-एक अतिरिक्त रिव्यू का मौका दिया जाएगा.

ICCने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि खिलाडि़यों की जर्सी पर 32 इंच के अतिरिक्त लोगो की भी अनुमति दी जाएगी. इसका उद्देश्य महामारी के कारण क्रिकेट बोर्डों को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करना है.

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Chhapra (Kabir): यूनाइटेड किंगडम की वेबसाइट Art UK ने छपरा के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार की पेंटिंग को अपने वेबसाइट पर जगह दी है. इस पेंटिंग का टाइटल Love Bird है. इस वेबसाइट पर अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की पेंटिंग का चयन किया गया है.

मशहूर कलाकार एम एफ हुसैन को अपना आदर्श मानने वाले छपरा शहर के अंतरराष्ट्रीय कलाकार मेहदी शॉ की पेंटिंग तीसरी बार विदेश में धूम मचा रही है.

मॉरीशस और UK में आयोजित आर्ट गैलरी में इससे पहले भी इनकी पेंटिंग शोभा बढ़ा चुकी है. 2012 में मॉरीशस के पोर्ट लुइस में सामान्य इंटरनेशनल ग्रुप शो की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में ‘सन एंड सीजर’ प्रदर्शित हुई थी. जिसमें भारत से एकमात्र पेंटिंग का चयन किया गया था. 2013 में UK में ही लीवरपूल में आयोजित प्रदर्शनी में ‘लिविंग बर्ड’ पर बनाई गई पेंटिंग को जगह मिली थी.

बेहतर चित्रकला व खूबसूरत पेंटिंग में रुचि रखने वाले छपरा के दहियावां के रहने वाले कलाकार मेहंदी शॉ की पेंटिंग देश और विदेशों में कई आर्ट गैलरी में धूम मचा चुकी है. आयोजकों द्वारा पेंटिंग को सराहा गया है. 

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Chhapra: जन स्वास्थ्य के तत्कालीन दिशा तथा उसके अहम आयाम के विषय पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ दिल्ली के व्याख्यान में छपरा के डॉक्टर एम एस अहमद फैकल्टी के तौर पर शामिल हुए. व्याख्यान इंटरनेट के माध्यम से ब्रॉडकास्ट किया गया सी दौरान तथा -विदेश के कई वक्ता शामिल हुए. इस मौके पर सारण कमिश्नरी के प्रसिद्ध डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर एझ अहमद ने इस तरफ ध्यान आकर्षित कराया कि आने वाले दो-तीन महीनों में भारत तथा बिहार आज के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं साथ ही पर्याप्त संख्या में जांच की व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है.

साथ ही समुदाय का स्तर पर बीमारी बढ़ रही है. इसमें साइलेंट कैरियर को स्क्रीनिंग करना अत्यंत आवश्यक है. डॉ एस अहमद ने ने हाल ही में दिल्ली सरकार के साथ वहां के पॉजिटिव हेतु अपने ऐप ऐप डॉ एस अहमद ऐप के माध्यम से रोजाना 10 से 15 मरीजों को वीडियो कॉन्सुलेशन दिया करते है. डॉ एस अहमद मरीजों की मानसिक काउंसलिंग भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी इंसान अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें.

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Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना सकंक्रमण से पूरा देश जुझ रहा है। दो माह के लॉकडाउन के बाद कुछ शर्तों के साथ कंटेंमेंट जोन के बाहर में छूट दी गयी है। ऐसे में सभी को मास्क पहना अनिवार्य कर दिया गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों से होम मेड मास्क प्रयोग करने की अपील की जा रही है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों से होम मेड मास्क प्रयोग करने की भी अपील की गयी है। साथ मास्क बनाने की विधि को भी बताया गया है। घर में बने मास्क पहनने से बड़े पैमाने पर लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। घर से निकलते वक्त लोग कपड़े से घर में बने मास्क जरूर पहनें। इस तरह के मास्क को या तो ऑनलाइन खरीदा जा सकता है या फिर इन्हें घर पर ही बनाया जा सकता है। सामान्य लोगों को मेडिकल ग्रेड मास्क पहनने की जरूरत नहीं है.

आम लोग मास्क को रोज धोकर ही पहनें 

घर पर बनाया गया मास्क संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों (ड्रॉपलेट्स) को आप तक पहुंचने से रोकता है। इसे रोज धोकर ही इस्तेमाल में लाना चाहिए। साथ ही मास्क लगाए होने के बावजूद सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

सूती कपड़े से मास्क बना सकते हैं, गर्म पानी में धोना जरूरी

मैनुअल के अनुसार किसी भी सूती कपड़े का इस्तेमाल मास्क बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं कपड़ा नया ही हो। यह किसी भी रंग का हो सकता है, लेकिन एक बात का ध्यान रखना होगा कि कपड़े को उबलते पानी में अच्छी तरह से 5 मिनट के लिए धोया जाए और पहनने से पहले अच्छी तरह से सुखाया जाए। मास्क बनाने में यह भी ध्यान देना चाहिए कि यह चेहरे पर अच्छी तरह से फिट बैठता हो और इसमें किनारों पर कोई गैप न हो।

किसी दूसरे का मास्क कभी इस्तेमाल न करें

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया फेस मास्क पहनने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं। अगर फेस कवर गीला या नम हो जाता है तो तुरंत उसे बदल लें और कभी भी बिना धुले इसका इस्तेमाल न करें। अपना मास्क किसी को पहनने के लिए न दें। घर में सभी लोगों के लिए अलग मास्क होने चाहिए।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

•मास्क अच्छी तरह से फिट हो किनारों पर गैप न हो
• मास्क गीला या नम नही होना चाहिए
•मास्क को रोज धोएं
•रोजाना 5 मिनट उबलते पानी में रखें
•मास्क पहनने से पहले उसे अच्छी तरह सुखाए
• अपना मास्क किसी ओर को पहनने के लिए न दें
•मास्क बनाने के लिए आप कोई भी कपड़ा ले सकते है. लेकिन वो कपड़ा साफ होना चाहिए
•हमेशा अपने साथ एक एक्स्ट्रा मास्क रखें
• जिस पानी में आप मास्क धो रहे है उसमें नमक भी डाल सकते है.

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Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संकट में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। ऐसी परिस्थिति में भी शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर विभाग चिंतित है। कोरोना महामारी में शिशुओं के लिए जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे एसएनएससीयू एवं एनआरसी की सुविधा पहले की तरह प्रदान की जाएगी. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार पत्र लिखकर सभी जिले के सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में शिशुओं के स्वास्थ्य संबंधित गतिविधियों के संचालित करने के लिए प्रावधान व मार्गदर्शन दिये गयें हैं। जिसमें कंटेंमेंट जोन तथा बफर जोन व ग्रीन जोन में शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन को लेकर दिशा निर्देश दिया गया है।

बीमार नवजात शिशु की देखभाल, डिस्चार्ज शिशु का फॉलो-अप तथा फैमली पार्टीसिपेट्री केयर कराना

कॉनटेनमेंट जोजन तथा बफर जोन में बीमार नवजात शिशु को नजदीक के एसएनसीयू में चिकित्सकीय सुविधा प्रदान किया जायेगा। प्रत्येक एसएनसीयू(स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में प्रवेश द्वार के पास ट्राइजिंग के लिए एक रेडिंयट वार्मर भी उपलब्ध कराया जायेगा। कोविड-19 के संदिग्ध मरीज के लिए स्टेप डाउन/ फैमली पार्टीसिपेट्री केयर कमरे को दो रेडियण्ट वार्मार के साथ तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. एसएनसीयू में फैमली पार्टीसिपेट्री केयर को वर्तमान परिस्थितियों स्थगित रखा जायेगा। बफर जोन से बाहर यानि ग्रीन जोन मंस सामान्य दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी सेवाओं को जारी रखा जायेगा।

कोविड-19 पॉजिटिव नवजात किया जायेगा पटना रेफर
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि कोविड-19 के पॉजिटिव नवजात को स्थिरीकरण करने के उपरांत राज्य सरकार के कोविड-19 के दिशा-निर्देश के आलोक में कोविड-19 के मरीजों के लिए चिन्हित संस्थानों एनएमसीएच, एएनएमएमसीएच एवं जेएलएनएमसीएच तथा नजदीकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उचित व्यवस्था के साथ रेफर किया जायेगा।

एसएनसीयू से डिस्चार्ज शिशुओं का फॉलो-अप
पत्र के अनुसार एसएनसीयू से डिस्चार्ज नवजात शिशुओं के संबंध में उनक माता या देखभालकर्ता के साथ एसएनसीयू के डाटा इंट्री ऑपरेटर के द्वारा फैसलिटी फॉलो-अप तथा आशा कार्यकर्ता के द्वारा सामुदायिक फॉलोअप दूरभाष के माध्यम से सुनिश्चित किया जायेगा. सिर्फ गंभीर नवजातों को हीं उचित वाहन के माध्यम से एसएनसीयू में भर्ती कराया जायेगा।

घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता करेंगे पूछताछ
कोविड-19 के बचाव के उद्देश्य से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान ही शिशुओं के स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक पूछताछ की जायेगी और आवश्यक सेवा के लिए सुविधाएं प्रदान की जायेगी।

गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल
कॉनटेंनमेंट व बफर जोन में नवजात शिशुओं को दूरभाष के माध्यम से नियमित गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल की सुविधा मिलेगी। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित फॉलोअप किया जायेगा। साथ हीं कोविड-19 कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान शिशुओं के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित आवश्यक पूछताछ की जायेगी और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करायी जायेगी। ग्रीन जोन में एचबीएनसी भ्रमण पूर्ववत दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा।

पोषण पुनर्वास केंद्र पर जटिलयुक्त अतिगंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन
कॉनटेंनमेंट और बफर जोन में कोविड-19 से बचाव के लिए चिकित्सकीय जटिलता वाले अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। कुपोषित बच्चों के उचित रेफरल की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। 102 एंबुलेंस सेवा मुफ्त में उपलब्ध करायी जायेगी। एनआरसी(पोषण पुनर्वास केंद्र) से डिस्चार्ज बच्चों को नियमित रूप से दूरभाष के माध्यम से फॉलोअप किया जायेगा। ग्रीन जोन में यह सेवा पूर्ववत संचालित किया जायेगा।

स्तनपान को बढ़ावा
जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि माँ एवं नवजात शिशु को यथासंभव एक साथ रखा जाये तथा कोविड-19 के बावजूद जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करना सुनिश्चित किया जाये। शिशुओं को हर बार स्तनपान कराते समय माँ द्वारा मास्क का प्रयोग एंव हाथ की स्वच्छता का पालन सुनिश्चित किया जाये।

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Chhapra: युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्यों ने बैठक कर लॉक डाउन में किये गए कार्यो का अलोकन किया.
बैठक की अध्यक्षता रितेश सिंह ने की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सदस्यों के द्वारा इस गंभीर महामारी बीमारी कोरोना के प्रति सच्चे लगन भाव से निःस्वार्थ सेवा कर छपरा में एक मदद करने का प्रयास किया गया.

युवा क्रांति रोटी बैंक के संस्थापक विजय राज ने कहा कि हम सभी सदस्यों के भरपूर सहयोग से हमने इस विकट परिस्थितियों में अपने छपरा में कुछ अलग करने का प्रयास किया है. हमने लगातार इस लॉकडाउन में जिला प्रशासन और रेल प्रशासन के सहयोग के साथ हर जरूरतमंद प्रवासी लोगों को भोजन पानी उपलब्ध कराया. हम सब ने इस लॉक डाउन में लगभग 42 हज़ार लोगों को भोजन खिलाया. जिसमे हमारे सदस्यों और छपरा वाशियो का भरपूर सहयोग मिला. हम सब ने इस गंभीर बीमारी में हर मोहल्ले के अपने सदस्यों के द्वारा सेनेटराइज कराया और आगे भी जारी रखी है हम सब सदस्यों से जितना होगा छपरा को स्वस्थ स्वछ सुंदर रखने का प्रयास करेंगे.

युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य मनीष कुमार मनी ने कहा कि हम सब ने जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग के नियमो का पालन करते हुए हम सब ने छपरा के हर वार्ड के विभिन्न मोहल्ले में गाँव मे चिह्नित परिवार को सुखा अनाज समाग्री मास्क सेनेटराइज का वितरण किया. हम सब ने इस महामारी से बचने के लिए स्वास्थ विभाग के द्वारा दिये गए निर्देशो को लोगो के बीच रखा और इस बीमारी के प्रति सचेत रहने के लिए लोगो से आग्रह किया गया और कहा कि आगे भी हम सब अपने छपरा के लिए कुछ अच्छा करने का प्रयास करेंगे बस आप सब का साथ और आशीर्वाद हम सभी सदस्यों होनी चाहिए.

बैठक में युवा क्रांति रोटी बैंक सदस्य सुजीत गुप्ता, सन्नी खान , सुधाकर प्रसाद ,विनीत सिंह, विवेक चौहान, रजत सिंह, निशांत सिंह, विश्व विभूति, अमरेश सिंह आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: शहर की अग्रणी समाजसेवी संस्था रोट्रैक्ट क्लब ऑफ़ सारण सिटी के सत्र 2020-21 के बोर्ड मेंबर्स का प्रशिक्षण “रोट्स” गूगल मीट एप्प पर आयोजित हुआ. इस दौरान बोर्ड के आगामी अधिकारीयों को उनके कार्यों के प्रति सजगता और जिम्मेदारियों के प्रति प्रशिक्षित किया गया है.इस दौरान रोट्रैक्ट सारण सिटी के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने बताया की इस कार्यक्रम में स्पीकर और ट्रेनर के तौर पर पीडीआरआर श्याम बिहारी अग्रवाल, रोट्रैक्ट डिस्ट्रिक्ट 3250 के डीआरआर राहुल राजगडिया, आरआर इलेक्ट तसनीम ए गुल, डीआरएस शुभम तन्मय, डीआरएस इलेक्ट शिवम आशीष,रोटरी सारण के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार जुड़े थे.

कार्यक्रम का क्रियान्वयन सेक्रेटरी इलेक्ट अभिषेक श्रीवास्तव तथा संचालन अनिल कुमार ने किया. इस दौरान वर्तमान अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने बताया की कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रेसिडेंट इलेक्ट इरशाद अंसारी ने दिया जबकि अतिथि के तौर पर डीआरएस इलेक्ट आयुष शास्वत,डीआरटी प्रकाश मोदक, जोनल सुपरवाइजर इलेक्ट शिखा श्रीवास्तव, जेडआरएस इलेक्ट अमन आयुष उपस्थित थे.

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Chhapra: नशे की लत शरीर के साथ-साथ घर-परिवार सब बर्बाद कर देती है. नशा हमारे सोचने-समझने की शक्ति को खत्म करने के लिए जिम्मेदार है. हमारी यही गलती हमें समाज और अपनों सभी से दूर कर बैठती है. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कही.

सिविल सर्जन ने कहा नशे की लत को तेजी से बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन व विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इससे बचने की हिदायत लोगों को दी जा रही है. लोगों को नशे से होने वाले नुकासान के विषय में बताने के लिए हर साल विश्व भर में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अपने-अपने स्तर पर लोगों को नशे से दूर रहने और सेवन न करने की सीख देती है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल एक थीम के अनुरूप मनाया जाता है. इस बार तंबाकू निषेध दिवस-2020 की थीम हटकर है. इस बार “युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू-निकोटीन के उपयोग से रोकना” नामक थीम पर ये दिवस मनाया जाएगा.

नशा छोड़ने के लिए मानसिक व शारीरिक मेहनत जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नशा छोड़ना चाहते हैं, मगर इसकी लत के कारण वह छोड़ नहीं पा रहे. नशा छोड़ने के लिए आपको मानसिक और शारीरिक दोनों तल पर मेहनत करनी पड़ेगी। जब आप मन में कुछ ठान लेते हैं, तो उसे जरूर पाकर ही रहते हैं.

नशा करने वाले दोस्तों से बनाये दूरी
सीएस ने लोगों से नशा छोड़ने की अपील करते हुए कहा, नशे की लत एक दम से छोड़ पाना आसान काम नहीं है, ऐसे में शुरुआत धीरज रखकर करें. धीरे-धीरे कम पीने की आदत डालें. अपने पास लाइटर, माचिस जैसी चीजें न रखें। नशा करने वाले दोस्तों से दूरी बना लें.

परिवार व बच्चों के साथ बितायें समय
आपका परिवार आपकी सबसे बड़ी ताकत है. अपना ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों के साथ बिताएं. कोई भी समस्या हो तो अपने माता-पिता या जीवनसाथी के साथ उसे शेयर करें. ऐसा करने से आपका ध्यान नशे की तरफ कम जाएगा. कुछ देर मुश्किल लगेगा, मगर धीरे-धीरे आसान होता जाएगा.

नशे से ऐसे बनायें दूरी

• सिगरेट की तलब होते ही मुंह में सौंफ या इलायची डाल लें, उसे लगातार चबाते रहें.
• नशा करने की तलब हो तो स्ट्रांग चाय पिएं.
• दिन में दो से तीन बार ग्रीन-टी का सेवन करें.
• निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरपी (च्यूइंग-गम) के जरिए स्मोकिंग की लत कम कर सकते हैं.
• एक्सरसाइज द्वारा खुद को फिजिकली और मेंटली स्ट्रांग बनाएं.

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Chhapra: लायंस अन्तरराष्ट्रीय द्वारा कोविड- 19 महामारी मे रिलीफ फंड द्वारा प्रदत्त 2 हज़ार पीस मास्क, 10 पीस पी पी ई किट तथा एक हज़ार पीस हैंड सैनिटाइजर लायंस क्लब छपरा सारण द्वारा सारण पुलिस कप्तान हर किशोर राय को सौंपा गया.

लायंस क्लब डिस्ट्रिक 322ई के निवर्तमान जिलापाल लायन डॉक्टर एस के पांडे तथा लायंस क्लब छपरा सारण के अध्यक्ष लायन प्रकाश सिंह के संयुक्त नेतृत्व में पुलिस कप्तान को सौंपा गया. पुलिस कप्तान हरकिशोर राय ने लायंस अंतरराष्ट्रीय की प्रशंसा की.

बताते चलें कि लायन डॉ एसके पांडेय द्वारा लॉकडाउन के दौरान निरंतर पुलिस कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया था. शहर से होकर गुजरने वाले प्रवासी के लिए खाना की व्यवस्था भी की थी.

उक्त अवसर पर लायंस क्लब महाराजगंज रघु-शांति के अध्यक्ष लायन अजय कुमार सिन्हा, निवर्तमान कैबिनेट ट्रेजरर लायन वि एन गुप्ता, जोन चेयरपर्सन लायन प्रहलाद कु सोनी, पूर्व अध्यक्ष लायन ध्रुव कुमार पांडे उपस्थित थे. उक्त जानकारी क्लब के जनसंपर्क पदाधिकारी विजय कुमार सोनी ने दी.

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