मौत के सौदागर को सजा-ए-मौत का ऐलानः 26 नवंबर 2008 की वह तारीख जब आतंकियों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में खून की होली खेली। दस आतंकियों के दल ने मुंबई पर जैसे आतंक और खौफ की बरसात कर दी। 166 लोग इनकी गोलियों का निशाना बने और सैकड़ों लोग घायल हुए। दहशत पूरे देश में फैल गयी और देश का नेतृत्व जैसे सन्न रह गया। कई घंटे चले ऑपरेशन के बाद सभी आतंकियों को मार गिराया गया लेकिन एक जिंदा आतंकी अजमल कसाब पकड़ लिया गया। मुंबई पुलिस के शहीद तुकाराम ओम्बले ने जान पर खेलकर आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा। उसके जरिये दुनिया के सामने इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हुई। लंबी पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया के बाद 06 मई 2010 को विशेष अदालत ने कसाब को मौत की सजा सुनाई। हालांकि 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दी गयी।

अन्य अहम घटनाएंः
1529ः बंगाल के अफगान शासक नसरत शाह की गोगरा नदी के किनारे हुई लड़ाई में बाबर के हाथों पराजय।
1589ः महान गायक तानसेन का निधन।
1840ः दुनिया की पहली गोंद लगी डाक टिकट ‘पेनी ब्लैक’ का ब्रिटेन में इस्तेमाल।
1857ः ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की 34वीं रेजिमेंट को भंग कर दिया। इसी रेजिमेंट के सिपाही मंगल पांडेय ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था।
1861ः पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म।
1942ः फिलिपीन में अमेरिकी सेना की आखिरी टुकड़ी ने जापान के समक्ष समर्पण किया।
1944ः गांधीजी को पुणे के आगा खां पैलेस से रिहा किया गया। यह उनके जीवन की आखिरी जेलयात्रा थी।
1976ः उत्तर पूर्वी इटली में भीषण भूकंप से लगभग एक हजार लोगों की मौत। भूकंप इतना जबर्दस्त था कि उसके झटके पोलैंड तक महसूस किये गये।

 

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Begusarai: बिहार में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने खुद अपील की है कि शादी-विवाह जैसे आयोजन कुछ समय के लिए टाल दें. इसके बावजूद विवाह जारी है. शादी को लेकर बिहार के बेगूसराय में शादी करके लौटने के दौरान दूल्हे राजा मुश्किल में पड़ गए.

बेगूसराय परिहारा में एक नव दंपती को कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना भारी पड़ गया. शारीरिक दूरी तोड़ने के आरोप में पुलिस ने नवविवाहित जोड़े की गाड़ी को रोक दिया. मामला बखरी अनुमंडल क्षेत्र के परिहारा थाना क्षेत्र का है. ऐसे में दूल्हा-दुल्हन के साथ स्वजन भी मुश्किल में पड़ गए.

बताया जा रहा है कि बखरी थाना क्षेत्र के समसा निवासी विजय कुमार की शादी सहरसा जिले की नेहा कुमारी से तीन मई को हुई थी. विवाह के बाद चार मई को नव दंपती को वापस समसा आना था, लेकिन अत्यधिक बारिश की वजह से रास्ता जाम हो गया। ऐसे में उस दिन दूल्हा-दुल्हन वापस समसा नहीं आ सके.

इसी बीच पांच मई से 15 मई तक बिहार सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में लॉकडाउन लगा दिया गया. इस दौरान निजी वाहन के परिचालन पर भी रोक लगा दी गई. बुधवार को जब विजय कुमार अपनी पत्नी नेहा कुमारी के साथ वापस आ रहे थे इसी क्रम में परिहारा की पुलिस ने नव दंपती जोड़े को रोक लिया.

ओपी प्रभारी चंद्र प्रकाश महतो ने बताया कि इन लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं किया गया था और सात आठ गाड़ियों पर निर्देश से अधिक व्यक्ति सवार थे, इसीलिए इन्हें रोका गया है. बाद में वरीय पदाधिकारी के आदेश पर छोड़ दिया गया है.

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नेपोलियन का निधनः 05 मई 1821 को ऐतिहासिक रूप से विश्व के महान सेनापतियों में गिने जाने वाले नेपोलयन का 51 वर्ष की आयु में सेंट हेलेना में निधन हो गया। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में गिना जाता है।
फ्रांस की क्रांति में सेनापति रहे नेपोलियन कई वर्षों तक सम्राट रहा। वह यूरोप के कई अन्य क्षेत्रों का भी शासक रहा था। उसने फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन संहिता के नाम से जाना जाता है। नेपोलियन को चर्च के वर्चस्व को तोड़कर यूरोप में विज्ञान और बहुसंस्कृतिवाद से जोड़ने के लिए भी जाना जाता है। हालांकि अति महत्वाकांक्षाओं का समुंदर उसे ले डूबा। युद्ध में जैसे-जैसे उसे सफलता मिलती गयी, उसकी बढ़ती महत्वाकांक्षाओं में वह विश्व राज्य का स्वप्न देखने लगा।
इसी दौरान उसने रूस पर आक्रमण कर बड़ी भूल कर दी। रूस ने उसकी महाद्विपीय व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया। रूस पर किए गए आक्रमण में नेपोलियन की सेना को भारी क्षति पहुंची। 1815 में वाटरलू के युद्ध में पराजय के बाद अंग्रेजों उसे एक सुदूर द्वीप सेंट हेलेना में बंदी बनाकर रखा। छह वर्षों बाद उसकी मृत्यु हो गयी। कहते हैं कि बंदी रहते हुए उसे संखिया (आर्सेनिक) का विष दिया गया था जिसके चलते उसकी मौत हुई।
अन्य अहम घटनाएंः
1479ः सिखों के तीसरे गुरु अमरदास का जन्म।
1818ः महान विचारक और जाने-माने जर्मन अर्थशास्त्री कार्ल मार्क्स का जन्म।

1916ः भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का जन्म।

1980ः लंदन स्थित ईरानी दूतावास को हमलावरों के कब्जे से मुक्त कराया गया। ब्रिटिश एसएएस कमाडों ने पांच ईरानी हमलावरों को मार गिराया और एक को गिरफ्तार कर लिया।
2006ः संगीत के जादूगर कहे जाने वाले संगीत निर्देशक नौशाद अली ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

 

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एएमपीएएस और ऑस्करः 04 मई 1927 को अमेरिका में फिल्म कला अकादमी (मोशन पिक्चर आर्ट्स अकेडमी) की स्थापना हुई। जिसने फिल्म व्यवसाय से जुड़े सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों, अभिनेता-अभिनेत्रियों, लेखकों और तकनीशियनों को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए सालाना पुरस्कार देना शुरू किया, जिसे ऑस्कर पुरस्कार कहा जाता है। संस्था द्वारा पहला पुरस्कार समारोह 16 मई 1929 को आयोजित किया गया था, जिसके बाद से यह अनवरत जारी है। दुनिया भर में सिने जगत से जुड़े लोगों के लिए यह सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कारों में शामिल है।

अन्य अहम घटनाएंः

1799- टीपू सुल्तान की श्रीरंगपत्तनम में लड़ाई के दौरान मृत्यु।

1854- भारत का पहला डाक टिकट औपचारिक तौर पर जारी।

1896- लंदन डेली मेल का पहला संस्करण प्रकाशित।

1924- पेरिस में आठवें ओलंपिक खेलों की शुरुआत।

1945- जर्मनी की सेना ने नीदरलैंड, डेनमार्क और नार्वे में आत्मसमर्पण किया।

1959- पहले ग्रैमी अवॉर्ड का आयोजन किया गया।

1979- मार्गेरेट थैचर को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना गया। पूरे यूरोप में यह पद संभालने वाली वे पहली महिला बनीं।

1980- इस तारीख को कोल माइंस डे के रूप में मनाने की घोषणा की गयी।

1980- जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने चुनाव में भारी जीत हासिल की और देश के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने।

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यादगार तारीखः भारतीय सिने जगत के लिए 03 मई एक यादगार तारीख है। इसी दिन भारत की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ को बंबई के कोरोनेशन सिनेमा में प्रदर्शित किया गया। महान फिल्मकार दादा साहब फाल्के ने इसे बनायी थी। उन्होंने भारी मशक्कत और प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद फिल्म बनाने का न केवल अपना सपना पूरा किया बल्कि फिल्म निर्माण की संभावनाओं के द्वार खोल दिये। उसके बाद से भारतीय सिनेमा नित-नयी ऊंचाइयों को छूता रहा है।
अन्य अहम घटनाएंः
1660- स्वीडन, पोलैंड और ऑस्ट्रिया ने ओलिवा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1764- बंगाल के नवाब मीर कासिम को अंग्रेजों ने शिकस्त दी।
1765- फिलाडेल्फिया में पहला अमेरिकी मेडिकल कॉलेज खुला।
1919- अमानुल्ला खान द्वारा ब्रिटिश भारत पर आक्रमण, जिससे एंग्लो-अफगान युद्ध की शुरुआत हुई।
1951- कांग्रेस नेता व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जन्म।
1955- भाजपा नेत्री उमा भारती का जन्म। 
1955- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का जन्म।
1961- कमांडर एलन शेपर्ड अंतरिक्ष में जानेवाले पहले अमेरिकी यात्री बने।
1981- भारतीय फिल्मों में मशहूर अभिनेत्री नरगिस का निधन।
1989- देश के पहले 50 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का हरियाणा में शुरुआत।
1993- संयुक्त राष्ट्र ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा।
2006- दिग्गज भाजपा नेता प्रमोद महाजन का निधन।
 

 

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मजदूर दिवसः 01 मई 1886 में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसकी बुनियाद अमेरिका में मजदूर यूनियनों के उस प्रदर्शन ने रखी जो 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराए जाने को लेकर शुरू की गयी थी। 01 मई को अमेरिका में मजदूर यूनियनों ने इस मांग को लेकर आंदोलन और हड़ताल की शुरुआत की। जिसमें अमेरिका के लाखों मजदूरों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। कहते हैं कि लगभग ग्यारह हजार फैक्टरियों के करीब तीन लाख 80 हजार मजदूर इसमें शामिल थे। इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ। बम धमाके के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गयी। शिकागो में शहीद इन प्रदर्शनकारी मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया। 1889 के पेरिस अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में हेमार्केट में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 01 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का विधिवत ऐलान किया गया। साथ ही इस दिन कामगारों व श्रमिकों के अवकाश की भी घोषणा की गयी। भारत सहित दुनिया के तकरीबन 80 देशों में उसी समय से मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।
अन्य अहम घटनाएंः
1897- स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
1908- मुजफ्फरपुर बम कांड को अंजाम देने के बाद प्रफुल्ल चाकी ने खुद को गोली मारी।
1914- कार निर्माता कंपनी फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम का नियम लागू किया।
1923- भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
1956- जोनसा साल्क द्वारा विकसित पोलियो वैक्सीन जनता के लिए उपलब्ध करायी गयी।
1960- महाराष्ट्र और गुजरात अलग-अलग राज्य बने।
1972- देश की कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण।
2011- अमेरिका पर 2001 के हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद में मारे जाने की पुष्टि।

 

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भारतीय सिनेमा के भीष्म पितामहः महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में 30 अप्रैल 1870 में एक मराठी परिवार में महान फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्क्रीन राइटर दादा साहब फाल्के का जन्म हुआ। उनका असली नाम धुंडीराज गोविन्द फाल्के था। फाल्के को उनके पिता ने बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करायी। 1885 में वे सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में गए और उन्होंने कला भवन, बड़ौदा में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने मूर्तिकला, इंजीनियरिंग, चित्रकला, पेंटिंग और फोटोग्रॉफी की शिक्षा ली। गोधरा में एक छोटे फोटोग्राफर के रूप में जिंदगी शुरू करने वाले दादा साहब फाल्के बाद में प्रिंटिंग प्रेस का बिजनेस की तरफ मुड़े और इसका गुर सीखने जर्मनी गए।
हालांकि जल्द ही उनका झुकाव फिल्म की ओर हुआ। 1910 में आई मूक फिल्म ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ देखकर वे 1912 में लंदन गए और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सेसिल हेपवर्थ से फिल्म निर्माण के गुर सीखे। बेहद कठिन आर्थिक परिस्थियों और बहुत मशक्कत के बाद उन्होंने फिल्म बनायी- राजा हरिश्चंद्र। 3 मई 1913 को इसे मुंबई के कोरोनेशन सिनेमा में प्रदर्शित किया गया। हिन्दुस्तान की पहली फीचर फिल्म थी। इसके साथ ही फिल्मी दुनिया में महिलाओं को लाने का श्रेय भी दादा साहब फाल्के को ही जाता है। दुर्गाबाई कामत भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री हैं, जिन्हें दादा साहब फाल्के ने अपनी दूसरी फिल्म मोहिनी भस्मासुर में काम करने का मौका मिला। राजा हरिश्चंद्र से शुरू हुआ उनका करिअर 19 वर्षों तक चला। इस दौरान उन्होंने 95 फिल्में और 26 शॉर्ट फिल्में बनायीं। भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1969 से ‘दादा साहब फाल्के अवॉर्ड’ देना शुरू किया। इसे भारतीय सिनेमा का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार सबसे पहले देविका रानी को मिला।
तानाशाह का खात्माः 30 अप्रैल 1945, दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह अडोल्फ हिटलर के खात्मे की तारीख है। इसी दिन बर्लिन में सोवियत की सेनाओं से घिर जाने के बाद जमीन के 50 फुट नीचे एक बंकर में अपनी प्रेमिका इवा ब्राउन के साथ इस तानाशाह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
अन्य अहम घटनाएंः
1598- अमेरिका में पहली बार थियेटर का आयोजन।
1789- जॉर्ज वॉशिंगटन सर्वसम्मति से अमेरिका के पहले राष्ट्रपति चुने गए।
1908- खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ट के मजिस्ट्रेट की हत्या के इरादे से बम फेंका लेकिन दो निर्दोष लोग इसकी चपेट में आ गए।
1973- अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने राष्ट्रपति होने के नाते वाटरगेट कांड की जिम्मेदारी ली।
1991- बांग्लादेश में भीषण चक्रवाती तूफान में सवा लाख से अधिक लोगों की मौत, 90 लाख लोग बेघर।
1993- जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में एक मैच के दौरान उस वक्त की दुनिया की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी मोनिका सेलेस को एक हमलावर ने छुरा मारकर घायल कर दिया।
 
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Chhapra: कोविड 19 की दूसरी लहर चरम पर है. ऐसे समय में सभी लोगों को सुरक्षा के सभी पैमानों का पालन करते हुए सर्तक रहना है और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना है.

विशेषकर कोविड संक्रमण का सबसे अधिक जोखिम उम्रदराज लोगों को होता है. इसे देखते हुए उनकी सुरक्षा जरूरी है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा एम्स दिल्ली के जियाट्रिक मेडिसिन विभाग दवारा एडवाइजरी जारी की गयी है.

जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि उम्रदराज लोगों में कोविड 19 संक्रमण का जोखिम अधिक है. साथ ही कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों व उनके देखभाल में लगे लोगों को इस दौरान क्या करना चाहिए एवं क्या नहीं करना चाहिए, इसके विषय में भी आवश्यक रूप से जानकारी दी गयी है.

एडवाइजरी में कहा गया है कि 60 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग लोग कोविड संक्रमण के जोखिम का सामना सबसे अधिक कर रहे हैं. उम्रदराज लोग जिन्हें अस्थमा, गंभीर श्वसन रोग, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों से जुड़े रोग जैसे टीबी, दिल की बीमारी, किडनी व लीवर की समस्या जैसे हेपेटाइटिस, तथा पार्किंसन, मधुमेह, हाइपरटेंशन व कैंसर आदि से जूझ रहे हों, उन्हें विशेष तौर पर खुद को सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है.

इन बातों के पालन करने को लेकर खास सलाह
बुजुर्ग लोगों से कहा गया है कि वह अपना अधिकांश समय घरों में ही बितायें. बाहर से मिलने के लिए आने वाले मेहमानों या अन्य किसी से सीधे संपर्क में आकर मिलने से पूरी तरह परहेज करें. यदि मिलना जरूरी है तो एक मीटर के दूरी पर रहकर मुलाकात करें.

बुजुर्गों से कहा गया है कि यदि वह घर में अकेले रह रहें हों तो अपने पड़ोसिंयों को इस बात की जानकारी जरूर दें ताकि समय समय पर आवश्यक वस्तुएं उनके दवारा उपलब्ध करायी जा सके. छोटे या बड़ी गैदरिंग जैसे बर्थ डे पार्टी, वैवाहिक समारोह या धार्मिक सभाओं में बिल्कुल हिस्सा नहीं लें.

घर में रहने के दौरान खुद को घरेलू कामकाज में व्यस्त रख एक्टिव रहें. प्रतिदिन हल्के व्यायाम तथा योगा जरूर करें. समय- समय पर नियमित रूप से 20 सेकेंड तक साबुन पानी से हाथ धोंये. विशेषकर खाना खाने से पहले व शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह धोने का खास ख्याल रखें.

खांसते व छींकते समय टिश्यू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करें. इस्तेमाल टश्यू पेपर को डस्टबिन में डालें तथा तथा रूमाल व हाथ को समय समय पर धोते रहें. अपना पौष्टिक खानपान सुनिश्चित करें. घरों में तैयार किया ताजा भोजन ही खायें. अधिक से अधिक पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखें तथा मौसमी फलों के जूस पीकर अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनायें.

चिकित्सकों दवारा बताये गये दवाओं का नियमित और समय पर सेवन करें. अपने स्वास्थ्य की निगरानी करते रहें. यदि आपको बुखार, कफ या सांस लेने में तकलीफ या स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करें. आपके साथ नहीं रहने वाले परिवार के सदस्य, रिश्तेदार व दोस्तों आदि से फोन कॉल या वीडियो काॅफ्रेंसिंग से बात करें और जरूरत पड़ने पर मदद प्राप्त करें.

सर्दी खांसी वाले लोगों के संपर्क में नहीं आयें
एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड 19 लक्षण वाले लोगों के संपर्क में आने से पूरी तरह बचें. ऐसे समय में हर उस व्यक्ति से दूर रहें जिसे सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ है. घर के बाहर किसी से भी हाथ व गले नहीं मिलायें. पार्क, बाजार या धार्मिक सभा में नहीं जायें. नंगे हाथों से नाक साफ नहीं करें. ना ही उन्हें अपने मुंह पर रख कर खांसे. गंदे हाथों से अपने आंख, चेहरा व नाक को बिल्कुल नही छूयें.

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नई दिल्ली: 18 वर्ष से अधिक की आयु समूह के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बुधवार शाम चार बजे से शुरू होगी। एक मई से 18 से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया के लिए आज शाम चार बजे से रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले रात 12 बजे से ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करनी बात कही थी। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है लेकिन सूत्रों के मुताबिक तकनीकी खामी के चलते यह प्रक्रिया शाम चार बजे शुरू हो पाएगी।
इस बार सीधे केंद्र पर वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी, इसके लिए आपको प्री-रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन कोविन, आरोग्य और उमंग एप पर करवा सकेंगे। इसमें ही आपको टीका लगवाने की तारीख और समय बताया जाएगा जिसके आधार पर वैक्सीन लगवा सकेंगे। वहीं, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वॉक इन की सुविधा मिलेगी, इनके लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं होगा।
ऐसे कराएं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कोविन 2.0 पोर्टल पर लिंक https://selfregistration.cowin.gov.in/ पर क्लिक करके करवा सकते हैं। इस लिंक पर हितग्राही को अपना मोबाइल नंबर लिखना होगा। नंबर लिखने के बाद गेट ओटीपी पर क्लिक करने से एक ओटीपी आएगा, जिसे मोबाइल में दर्ज करना होगा। इसके बाद नाम, उम्र, लिंग की जानकारी अटैच किए गए आईडी के आधार पर दर्ज करना होगा। इसके बाद केंद्र का नाम, दिनांक आदि की जानकारी अपनी सुविधा अनुसार दर्ज कर सकते हैं। संबंधित दिनांक को आपके द्वारा चाहे गए केंद्र पर अटैच की गई आईडी संबंधी दस्‍तावेज लेकर टीका लगवा सकते हैं।

 

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क्रूर तानाशाह का खौफनाक अंतः ऐसा तानाशाह, जनता जिसे अपना मसीहा मानती थी। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब जनता ने उसकी लाश को चौराहे पर टांगकर जूते बरसाए और हिकारत से थूका। तारीख थी 28 अप्रैल 1945 और तानाशाह का नाम था- बेनिटो मुसोलिनी। क्रूरता के मामले में अपने समकालीन हिटलर से भी कई बार क्रूर। यहां तक कि वह हिटलर को एक उदार नेता मानता था। दोनों के अंत में सिर्फ दो दिनों का अंतर। मुसोलिनी अपनी प्रेमिका के साथ भीड़ का शिकार हुआ तो 48 घंटे बाद 30 अप्रैल को हिटलर ने अपनी प्रेमिका के साथ एक बंकर में आत्महत्या कर ली। 
नेशनल फासिस्ट पार्टी के नेता मुसोलिनी ने 1922 से 1943 तक लगातार 21 वर्षों तक इटली पर शासन किया। इटली के इतिहास का सबसे कम उम्र का प्रधानमंत्री। दूसरे विश्वयुद्ध में मुसोलिनी को जर्मन तानाशाह का साथ देना महंगा पड़ गया। इस फैसले के खिलाफ इटली में काफी असंतोष पैदा हुआ और इटली के राजा ने उसकी सरकार बर्खास्त कर दी। 1945 में जब यह साफ हो गया कि जर्मनी दूसरा विश्वयुद्ध हारने वाला है तब मुसोलिनी स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश में अपनी प्रेमिका और दूसरे विश्वस्त सहयोगियों के साथ पकड़ा गया। इसके दूसरे दिन 28 अप्रैल को मुसोलिनी, उसकी प्रेमिका क्लेरेटा पेतासी और पंद्रह सहयोगियों को गोली मार दी गयी। उन सबकी लाशों को वैन में भरकर मिलान शहर लाया गया और एक मैदान में सार्वजनिक तौर पर उनपर जूते बरसाए गए। लोगों ने लाशों पर थूका। लाशों को उल्टा लटकाकर उनपर पत्थर बरसाए। लाशों की तौहीन के बाद उन्हें गुमनाम स्थान पर दफनाया गया। क्रूर तानाशाह का खौफनाक अंत।
अन्य अहम घटनाएंः
1740- मराठा शासक पेशवा बाजीराव प्रथम का निधन।
1910- इंग्लैंड में पायलट क्लोड ग्राहम वाइट ने पहली बार रात में विमान को उड़ाया।
1935- रूस की राजधानी मॉस्को में भूमिगत मेट्रो रेल की शुरुआत।
1937- इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन का जन्म। सद्दाम हुसैन का जीवन अप्रत्याशित उत्थान और पतन की दास्तां है।
1964- जापान आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) में शामिल हुआ।
1986- सोवियत संघ ने हादसे के दो दिनों बाद स्वीकारा किया यूक्रेन के चेरनोबिल में परमाणु रिसाव हुआ।
1995- दक्षिण कोरिया की मेट्रो में गैस विस्फोट होने से 103 लोगों की मौत। 
2007- श्रीलंका को हराकर ऑस्ट्रेलिया चौथी बार क्रिकेट का विश्व चैम्पियन बना। 
2008- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने पीएसएलवी-सी9 के प्रक्षेपण के साथ नया इतिहास रचा।
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मुगल साम्राज्य की नींवः भारत में मुगल इतिहास के लिए 27 अप्रैल की तारीख काफी अहम है। अलग-अलग वर्षों में मुगल शासन से जुड़ी तीन महत्वपूर्ण घटनाओं का इस तारीख से संबंध है, इनमें सबसे अहम दिल्ली के तख्त-ओ-ताज से जुड़ी है।

इसी दिन 1526 में बाबर दिल्ली का सुल्तान बना। इससे पहले बाबर ने पानीपत की लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी। इसके साथ ही 1606 में यही तारीख थी जब बादशाह जहांगीर ने बगावत पर उतरे पुत्र खुसरो को गिरफ्तार करवा दिया। 1748 में 27 अप्रैल को ही मुगल बादशाह मोहम्मद शाह की मौत हुई थी।

अन्य अहम घटनाएंः
1662- नीदरलैंड और फ्रांस ने सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किए।

1848- कलकत्ता विश्वविद्यालय ने महिलाओं को विश्वविद्यालय की शिक्षा के क्षेत्र में पात्रता के लिए पहली मंजूरी दी।

1812- रंगमंच और फिल्मों की मशहूर अदाकारा जोहरा सहगल का जन्म।

1945- दूसरे विश्वयुद्ध में हिटलर के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ की सेनाओं ने संयुक्त मोर्चा खोला। जर्मनी में एल्बे नदी के किनारे अमेरिका और सोवियत संघ की सेनाओं के बीच पहली मुलाकात।

1960- नई दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज की शुरुआत।

1961- तकरीबन डेढ़ सौ साल तक ब्रिटेन के अधीन रहने वाले पश्चिम अफ्रीकी देश सियरा लिओन की आजादी का दिन। आधी रात को हरी, सफेद और नीली पट्टियों वाले राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया।

1967- अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।

1972- अंतरिक्ष यान ‘अपोलो 16’ पृथ्वी पर वापस लौटा।

1989- बांग्लादेश में तूफान से पांच सौ लोगों की मौत।

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‘गणितज्ञों के गणितज्ञ’ का निधनः 25 अप्रैल 1920 को भारत के महान वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन का निधन हो गया। महज 32 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।
1887 में कोयंबटूर के ईरोड गांव के एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए रामानुजन के बारे में कहा जाता है कि 12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और खुद कई Theorm विकसित कर लिए। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामानुजन पर एक अंग्रेज अधिकारी की नजर पड़ी और उसने रामानुजन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. जी.एच. हार्डी के पास भेजने का प्रबंध कर दिया। डॉ. हार्डी ने रामानुजन की प्रतिभा को पहचाकर दुनिया भर में उनकी ख्याति के मार्ग को पुख्ता कर दिया।
प्रो. हार्डी की देखरेख में रामानुजन ने खुद के बीस रिसर्च पेपर पब्लिश किये। 1916 में रामानुजन को कैम्ब्रिज विवि से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री मिली। 1918 में वे रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के सदस्य बने। उन्होंने बिना किसी विशेषज्ञ मदद के Identities और Equations के रूप में संकलन। जिसके कई नतीजे मौलिक थे जिनमें रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फंक्शन, विभाजन सूत्र और मोक थीटा फंक्शन शामिल था। गणित में रामानुजन का सबसे बड़ा योगदान हार्डी-रामानुजन नंबर माना जाता है। कहा जाता है कि हार्डी टैक्सी में सवार होकर अस्पताल में भर्ती रामानुजन से मिलने गए। वहां हार्डी ने टैक्सी का नंबर 1729 का जिक्र करते हुए कहा कि यह कितना बोरिंग नंबर है। जिसपर रामानुजन ने हार्डी की बात का काटते हुए कहा कि यह बोरिंग नहीं बल्कि इस रूप में बहुत दिलचस्प है क्योंकि यह सबसे छोटी संख्या है जिसे दो अलग-अलग तरीके से दो घनों के योग के रूप में लिखा जा सकता है। तब से 1729 को उनके सम्मान में हार्डी-रामानुजन नंबर कहा जाता है।
अन्य अहम घटनाएंः
1654- यहूदियों को ब्राजील से निकाला गया।
1755- रूस का पहला विश्वविद्यालय मॉस्को में खोला गया।
1828- यूनान की आजादी के समर्थन में रूस की तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा।
1959- क्यूबा ने पनामा पर आक्रमण किया।
1962- पहली बार एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान ने चांद की सतह को छुआ।
1975- सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
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