Chhapra: करोना संक्रमण के दौर में जरूरतमंद लोगों के बीच शिया वक्फ बोर्ड ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहा है. इसी क्रम शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफज़ल अब्बास ने छपरा शहर में ऑक्सीजन सिलिडर भेजा.

ऑक्सीजन की बढ़ती किल्लत और संक्रमित लोगों के परिजनों द्वारा की गई मांग पर करोना हेल्प इण्डिया के सदस्य राशिद रिज़वी को शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन अफज़ल अब्बास ने ऑक्सीजन सिलेंडर भेजा. राशिद रिजवी ने बताया कि भारी मांग को देखते हुए उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन से बात की समस्याओं को सुनते हुए उन्होंने कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर तत्काल में भेजा है वहीं उन्होंने आश्वासन दिया है कि आगे भी जब भी जरूरत पड़ेगी तो वह ऑक्सीजन सिलेंडर भेजेंगे

अफ़ज़ल अब्बास ने आश्वासन दिया के आप घबराये नहीं, बिहार वासियों के लिए जितना मुझसे होगा मैं करूँगा, उसके बाद उन्होंने कहा छपरा शहर के लिए मैं फिलहाल एक सिलिंडर भेज रहा हूँ. शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन अफ़ज़ल अब्बास के इस सराहनीय कार्य से समस्त छपरावासी उनका ह्रदय से धन्यवाद दिया.

0Shares

जब इजराइल ने आजादी की घोषणा कीः फिलिस्तीन उस्मान साम्राज्य का अहम हिस्सा था। 1878 के उस्मान साम्राज्य में आबादी का गणित कुछ ऐसा था- 87 फीसदी मुस्लिम, 10 फीसदी ईसाई और तीन फीसदी यहूदी। लेकिन यहूदियों की यह आबादी 1938 में 30 प्रतिशत हो गयी। इसके महज दस साल के भीतर 1948 में दुनिया के नक्शे पर इजराइल के रूप में आजाद देश ने जन्म ले लिया। आखिरकार इस दौरान कौन-सी ऐसी परिस्थितियां बनीं? इन सवालों का जवाब इतिहास में है।

दरअसल, सीयनिज्म आंदोलन के नाम से 1900 में पहली बार इजराइल की स्थापना की मांग उठी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद उस्मान साम्राज्य के पतन के बाद ब्रिटेन फिलिस्तीन पर राज करने लगा। अंग्रेजों ने बेलफोर्स घोषणा के जरिये यहूदियों के अलग देश की मांग का समर्थन कर दिया और यहूदियों के अप्रवासन की सहमति दे दी। जिसके बाद भारी संख्या में यहूदी फिलिस्तीन पहुंचे। लेकिन यहूदियों की बढ़ती संख्या वहां पहले से रह रहे अरब लोगों की आंखों में खटकने लगी। हिंसा व टकराव शुरू हो गया। इस स्थिति को देखते हुए 1930 में अंग्रेजों ने अप्रवासन को सीमित कर दिया जिसके विरोध में यहूदी लड़ाकों के दल गठित होने लगे। वे अरब लोगों और ब्रिटिश राज के खात्मे की कोशिशों में जुट गए। इस दौरान यहूदियों के अप्रवासन का सिलसिला भी जारी रहा। लगातार बढ़ती हिंसा के बाद ब्रिटिश राज ने यूएन से इसका हल निकालने को कहा। जिसमें नवंबर 1947 में यूएन ने फिलिस्तीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला लिया। जिसके बाद 14 मई 1948 को अंग्रेजी हुकूमत खत्म हो गया और इजराइल ने खुद को एक आजाद देश घोषित कर दिया।

अन्य अहम घटनाएंः

1607ः उत्तरी ्अमेरिका में अंग्रेजों ने अपना पहला स्थायी अड्डा स्थापित किया जिसे जेम्स टाउन वर्जीनिया का नाम दिया गया।

1610ः फ्रांस में हेनरी चतुर्थ की हत्या और लुईस 13वें फ्रांस की गद्दी पर बैठे।

1811ः पराग्वे स्पेन से मुक्त हुआ।

1944ः ब्रिटिश सैनिकों ने कोहिमा पर कब्जा किया।

1955ः आर्थिक, सैनिक व सांस्कृतिक संबंधों के विकास पर सहमति के साथ सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप के सहयोगी देशों ने पोलैंड की राजधानी वारसा में संधि पर हस्ताक्षर किये।

1963ः कुवैत संयुक्त राष्ट्र का 111वां सदस्य बना।

1973ः अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के समान अधिकार को मंजूरी दी।

1984ः फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का जन्म।

1992ः भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया।

2012ः इजराइल की जेलों में बंद 1500 फिलिस्तीनी कैदी भूख हड़ताल खत्म करने पर सहमत हुए।

0Shares

Chhapra: कोरोना महामारी के बीच रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए युवाओं ने पहल की है. युवाओं ने वैक्सीन लेने वाले युवा साथियों से रक्तदान का आह्वान किया है.

युवाओं की सामाजिक संस्था फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया के अध्यक्ष मंटू कुमार यादव ने रक्तदान कर युवाओं से रक्तदान करने की अपील की. मन्टु ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जिसमे सबसे ज्यादा युवा ही रक्तदान करते है. लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए युवाओं का वैक्सीनेशन शुरु हो चुका है. वैक्सीन लगने के 70 दिनो तक रक्तदान नही कर सकते है. जिससे भविष्य मे देश को रक्त की कमी से जुझना पड़ सकता है. इसलिए वैक्सीन लगवाने से पहले युवा रक्तदान करे.

उन्होंने बताया कि फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया के अंतर्गत अपने साथियों के साथ महामारी को देखते हुए जज्बा कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं. जिसके अंतर्गत कोरोना पॉजिटिव हो या नहीं, अगर वह बीमार है और उन्हें भोजन की जरूरत है या जो वरिष्ठ नागरिक हो जिनके घर कोई भोजन प्रबंध करने वाला ना हो तो उनको और उनके परिवार को उनके घर भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

A valid URL was not provided.

0Shares

संसद का पहला सत्रः भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 13 मई का खास स्थान है. 1952 में इसी तारीख को स्वतंत्र भारत का पहला संसद सत्र आयोजित किया गया. इससे पहले 03 अप्रैल 1952 को पहली बार उच्च सदन यानी राज्यसभा का गठन किया गया और इसका पहला सत्र 13 मई को आयोजित किया गया. इसी तरह 17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा का गठन किया गया, जिसका पहला सत्र 13 मई 1952 को आयोजित हुआ.

15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र होने के बाद से देश पर संविधान सभा और अंतरिम सरकार का शासन था. 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक पहला आम चुनाव हुआ. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के अतिरिक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अगुवाई में भारतीय जनसंघ, डॉ. भीमराव अंबेडकर की रिपब्लिकन पार्टी, लोहिया व जेपी की समाजवादी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इस चुनाव में हिस्सा लिया था.

अन्य अहम घटनाएंः

1830ः इक्वाडोर गणराज्य की स्थापना, जुआन जोस फ्लोरेंस पहले राष्ट्रपति बने.

1905ः भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का जन्म.

1960ः मैक्स इसेलीन की अगुवाई में स्विट्जरलैंड का एक खोजी दल हिमालय में धौलागिरी पर्वत शिखर पर पहुंचा.

1962ः सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने.

1981ः पोप जॉन पॉल द्वितीय को तुर्की के एक नागरिक ने वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्कावयर में गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया.

1998ः विश्व भर की आलोचना और तमाम तरह के दबावों को दरकिनार करते हुए भारत ने दो और परमाणु परीक्षण किए.

2001ः भारतीय साहित्य की जानी-मानी शख्सियत आर.के. नारायण का निधन.

 

0Shares

लेडी विद द लैंपः 12 मई 1820 को आधुनिक नर्सिंग आंदोलन की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ। सेवा और करुणा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल पूरी दुनिया में ‘लेडी विद द लैंप’ के नाम से मशहूर हैं।
समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में पैदा होने के बावजूद फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना और परिवार की कड़ी नाराजगी के बावजूद उन्होंने अभावग्रस्त लोगों की सेवा का संकल्प लिया। 1844 में उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं को सुधारने का कार्यक्रम शुरू किया।
उनका सबसे प्रमुख योगदान क्रीमिया युद्ध के दौरान रहा। 1854 में उन्होंने 38 महिलाओं का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। कहते हैं कि रात में जब चिकित्सक चले जाते थे, तब फ्लोरेंस मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जातीं। फ्लोरेंस से ही महिलाओं को नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिली। हालांकि घायलों की सेवा के दौरान उन्हें गंभीर संक्रमण भी हुआ लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ।
इस समय किए गए उनके उल्लेखनीय सेवा कार्यों के लिए उन्हें लेडी विद द लैंप का खिताब दिया गया। 1859 में उन्होंने सेंट थॉमस अस्पताल में नाइटिंगेल प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना की और उन्होंने ‘नोट्स ऑन नर्सिंग’ नामक पुस्तक लिखी। 1869 में महारानी विक्टोरिया ने उन्हें रॉयल रेडक्रॉस से सम्मानित किया। उन्होंने ताउम्र नर्सिंग के कार्यों को बढ़ाने और उसे आधुनिक बनाने के लिए काम किया। 90 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1910 को उनका निधन हो गया।
अन्य अहम घटनाएंः
1459ः राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की।
1666ः पुरंदर की संधि के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज मुगल बादशाह औरंगजेब से मिलने आगरा पहुंचे।
1784ः पेरिस समझता प्रभावी हुआ।
1847ः विलियम क्लेटन ने ओडोमीटर का आविष्कार किया।
1993ः हिंदी के मशहूर कवि शमशेर का निधन।
2008ः चीन के सिचुआन में भूकंप से 87 हजार लोगों की मौत। इसमें तीन लाख 74 हजार लोग घायल हुए।
2015ः नेपाल में आए भूकंप में 218 लोगों की मौत और 3500 से अधिक घायल।

 

0Shares

धमाके ने दुनियाभर को चौंकायाः वर्ष 1988 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 11 मई को राजस्थान के पोकरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया भर को चौंका दिया था। खासतौर पर अमेरिका और पाकिस्तान दंग रह गए थे। तब राजस्थान के पोकरण में तीन बमों का सफल परीक्षण किया गया था, जिसके ऐलान के बाद भारत न्यूक्लियर स्टेट बन गया।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में इस मिशन को इतने गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया कि अमेरिका सहित दुनिया के किसी भी देश को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस पूरी मुहिम में अहम भूमिका निभाने वालों में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीज और उस समय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार (बाद में राष्ट्रपति) एपीजे अब्दुल कलाम थे। परमाणु परीक्षण के बाद दुनिया भर में भूचाल आ गया और वाजपेयी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी।

संसद में इसका जवाब देते हुए वाजपेयी ने अपना इरादा साफ कर दिया- ‘ये बदला हुआ भारत है जो दुनिया से आंख मिलाकर और हाथ मिलाकर चलना चाहता है। यह किसी प्रतिबंध से झुकेगा नहीं और शांति व सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।’ इससे पूर्व 18 मई 1974 को इंदिरा गांधी की सरकार ने पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसे पोकरण-वन के नाम से जाना जाता है। इसे ‘स्माइलिंग बुद्धा’ का नाम दिया गया था।

अन्य अहम घटनाएंः

1752ः अमेरिका के फिलाडेल्फिया में अग्नि बीमा पॉलिसी की शुरुआत।

1784ः अंग्रेजों और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के बीच संधि ।

1940ः ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की हिंदी सेवा की शुरुआत।

1951ः राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने नवनिर्मित सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया।

1962ः सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत का राष्ट्रपति बनाया गया। उन्होंने पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का स्थान लिया।

1988ः फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया।

1995ः अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 170 से अधिक देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।

2000ः जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या एक अरब पहुंच गयी।

0Shares

• यह एक दुर्लभ फंगल इन्फेक्शन है जो कोरोना काल में ज्यादा हो रहा है
• कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में यह इन्फेक्शन दिखने को मिल रहा है
• डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक, शुगर लेवल नियंत्रित रखें

Chhapra:  कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कई लोग म्यूकोरमाइकोसिस नाम के फंगल इन्फेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। यह दुर्लभ फंगल इन्फेक्शन है जो किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर होती है| कोविड-19 और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह इन्फेक्शन और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इस संक्रमण को `ब्लैक फंगस’ के नाम से भी जाना जाता है|

क्या है म्यूकोरमाइकोसिस?
इंडियन काउन्सल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा जारी अड्वाइज़री के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन नायक, आँख, दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी हो सकता है। इस बीमारी में कई लोगों की आंखों की रौशनी चली जाती है वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है।

कोरोना के मरीजों को ज्यादा खतरा
म्यूकोरमाइकोसिस आम तौर पर उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाती है जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है इसलिए वो आसानी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज है। शुगर लेवल बढ़ जाने पर उनमें म्यूकोरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है।
यह संक्रमण सांस द्वारा नायक से व्यक्ति के अंदर चला जाता है| जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काम होती है उनको यह जकड़ लेता है।

लक्षण :

• नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए
• नाक में सूजन आ जाए
• दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें
• आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो
• सीने में दर्द
बुखार
सिर दर्द
खांसी
सांस लेने में दिक्कत
खून की उल्टियाँ होना
कभी दिमाग पर भी असर होता है

किन रोगियों में ज्यादा पाया गया है:

• जिनका शुगर लेवल हमेशा ज्यादा रहता है
• जिन रोगियों ने कोविड के दौरान ज्यादा स्टेरॉइड लिया हो
• काफी देर आय सी यू में रहे रोगी
• ट्रांसप्लांट या कैंसर के रोगी

कैसे बचें

• किसी निर्माणधीन इलाके में जाने पर मास्क पहनें
• बगीचे में जाएं तो फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व गलब्स पहनें
• ब्लड गुलुकोज स्तर को जांचते रहें और इसे नियंत्रित रखें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है हल्के लक्षण दिखने पर जल्दी से डॉक्टर से संपर्क करें| कोविड के रोगियों में अगर बार बार नाक बंद होती हो या नाक से पानी निकलता रहे, गालों पर काले या लाल चकते दिखने लगें, चेहरे के एक तरफ सूजन हो या सुन्न पद जाए, दांतों और जबड़े में दर्द, काम दिखाई दे या सांस लेने में तकलीफ हो तो यह ब्लैक फंगस हो सकता है।

0Shares

नेल्सन मंडेला की ताजपोशीः नस्लभेद के खिलाफ मुहिम में पूरी ज़िंदगी लगा देने वाले नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। वे 10 मई 1994 से 14 जून 1999 तक इस पद पर रहे।
इससे पहले 1993 में उन्हें एफडब्लूडी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नेल्सन मंडेला के राष्ट्रपति बनने का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और कड़ी यातनाओं से भरा रहा। राष्ट्रपति बनने से पहले वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे नस्लवाद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कॉंग्रेस और इसके सशस्त्र गुट `उमखोंतो वे सिजवे’ के अध्यक्ष रहे।
अपने संघर्ष के दौरान उन्होंने 27 साल रॉबेन द्वीप पर बने कारागार में बिताए जहां उन्होंने कोयला खनिक के रूप में काम किया। 1990 में एक समझौते के बाद उनकी रिहाई हुई और वे दुनिया भर में रंगभेद के खिलाफ स्वर उठाने वालों के प्रतीक और उनके लिए आदर्श व्यक्तित्व बने। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
अन्य अहम घटनाएंः
1427ः इटली के खोजकर्ता और नाविक कोलंबस ने कायमान द्वीप की खोज की।
1526ः पानीपत की लड़ाई जीतकर मुगल शासक बाबर देश की तत्कालीन राजधानी आगरा पहुंचा।
1655ः ब्रिटिश सेना ने जमैका पर कब्जा किया।
1857ः अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत। मेरठ की तीनों रेजिमेंट के सिपाहियों ने बगावत का झंडा लेकर दिल्ली कूच किया।
1945ः रूसी सेना ने चेक गणराज्य की राजधानी प्राग पर कब्जा किया।
1959ः सोवियत सेना अफगानिस्तान पहुंची।
1972ः अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1993ः संतोष यादव दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर एवरेस्ट पर दो बार पहुंचने वाली पहली महिला पर्वतारोही बनीं।

 

0Shares

ठुमरी की महारानीः 08 मई 1929 को बनारस घराने की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का जन्म हुआ। वे शास्त्रीय व उप शास्त्रीय संगीत का गायन करती थीं। ठुमरी गायन को परिष्कृत कर इसे लोकप्रिय बनाने में उनका उल्लेखनीय योगदान है। ठुमरी की महारानी के रूप में प्रतिष्ठित गिरिजा देवी को कजरी, चैती, होली, ख्याल, लोकसंगीत और टप्पा महारत हासिल थी। उन्हें 1989 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण सम्मान मिला। 91 वर्ष की आयु में 24 अक्टूबर 2017 में उनका निधन हो गया।

1886ः अमेरिकी फार्मासिस्ट जॉन एस पैंबरटन ने कोकाकोला नामक पेय विकसित किया। उस समय इसे एक टॉनिक बताया गया।

1959ः प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चीन को भारत के खिलाफ युद्ध की धमकी जैसे बयान देने से बाज आने को कहा।

1970ः ब्रिटिश रॉक बैंड द बीटल्स के सदस्यों ने औपचारिक रूप से अलग होने के एक माह बाद अपना आखिरी स्टूडियो अलबम ‘लैट इट बी’ जारी किया।

2000ः भारतीय मूल के लॉर्ड स्वराजपाल ब्रिटेन के चौथे सबसे बड़े विश्वविद्यालय ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के कुलपति बनाए गए।

2004ः श्रीलंका के महान स्पिन गेंदबाज मुरलीधरन ने 521 विकेट लेकर सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

2009ः पाकिस्तानी सेना ने स्वात घाटी में तालिबान के खिलाफ अभियान तेज किया।

2010ः छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बीजापुर-भोपालपट्टनम राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन को बारूदी विस्फोट से उड़ाया। 8 जवान शहीद हो गए।

0Shares

धरती पर गुरुदेवः विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और नोबल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ ठाकुर का 07 मई 1861 को जन्म हुआ। लोगों के दिलों में वे गुरुदेव के नाम से प्रतिष्ठित हैं। बांग्ला साहित्य के जरिये भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंकने वाले रविंद्रनाथ ठाकुर एशिया में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। साथ ही वे पहले गैर यूरोपीय थे, जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी काव्य रचना ‘गीतांजलि’ के लिए उन्हें 1913 में यह सम्मान मिला। हालांकि गुरुदेव ने इसे सीधे स्वीकार नहीं किया। उनकी ओर से ब्रिटेन के एक राजदूत ने पुरस्कार लेकर उन्हें दिया। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें ‘सर’ की उपाधि से भी नवाजा, जिसे उन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग के बर्बर कांड से आहत होकर वापस कर दिया। उन्हें यह उपाधि लेने के लिए ब्रिटिश सरकार की तरफ से मान-मनौव्वल की कोशिश भी की गयी लेकिन वे राजी नहीं हुए। स्वामी विवेकानंद के बाद वह दूसरे व्यक्ति थे, जिन्होंने विश्व धर्म संसद को दो बार संबोधित किया। गुरुदेव ने 1901 में पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र में शांति निकेतन के नाम से एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की। इसके साथ ही उनकी दो रचनाएं आगे चलकर दो देशों का राष्ट्रगान बनीं- भारत का राष्ट्रगान- `जन गण मन’ और बांग्लादेश का राष्ट्रगान- `आमार सोनार बांग्ला।’
अन्य अहम घटनाएंः
1663ः लंदन में प्रसिद्ध नाटककार थॉमस किलिग्रू द्वारा निर्मित रॉयल थियेटर की शुरुआत।
1912ः कोलंबिया विश्वविद्यालय ने विभिन्न श्रेणियों ने पुलित्जर पुरस्कार की योजना को मंजूरी दी। इसकी स्थापना जोसेफ पुलित्जर ने की थी।
1928ः ब्रिटेन ने महिलाओं की वोट देने की आयु 30 वर्ष से घटनाकर 21 वर्ष कर दी।
1973ः ईटानगर को अरुणाचल प्रदेश की नयी राजधानी बनाने का काम शुरू किया गया।
1976ः एलेक्जेंडर ग्राहम बेल को अपने आविष्कार का पेटेंट मिला जिसे उन्होंने ‘टेलीफोन’ नाम दिया।

0Shares

शुक्रवार का राशिफल

युगाब्द-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943
सूर्योदय 06.15, सूर्यास्त 06.28, ऋतु – ग्रीष्म

बैसाख कृष्ण पक्ष एकादशी, शुक्रवार, 07 मई 2021 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकते हैं, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कामकाज अच्छा चलेगा और धनलाभ के योग भी रहेंगे, लेकिन कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। काम की अधिकता से थकान का अनुभव करेंगे। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा विवाद होने की आशंका रहेगी। सेहत सामान्य रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजन का भरपूर सहयोग मिलेगा। लेन-देन से बचें।

वृषभ राशि :- बेरोजगारों के लिए दिन अच्छा है। काम मन लगाकर करें। करियर में आगे बढऩे के अवसर मिल सकते हैं। आत्मविश्वास से जोखिम भरे कामों में सफलता मिल सकती है। पैसों और बिजनेस के मामलों पर ध्यान देना होगा। सामाजिक कार्यों में रुझान बढ़ेगा। पारिवारिक संबंधों में सुधार हो सकता है। धन व्यय अधिक रहेगा। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश लाभदायक रहेगा। सेहत का ध्यान रखें।

मिथुन राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कायक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। छोटी-छोटी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें और मानसिक तौर पर भटकाव से बचें। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन अपनी वाणी से किसी को ठेस न पहुंचे, इसका द्यान रखें। मांगलिक आयोजनों में शामिल हो सकते हैं। सेहत अच्छी रहेगी।

कर्क राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। व्यापार में आर्थिक लाभ के योग बन रह रहे हैं। कार्यक्षेत्र में परिजन का भरपूर सहयोग मिलेगा। कार्यस्थल पर सोच-समझकर बोलें। उन्नति के रास्ते खुलेंगे। पुराने मित्रों का भी सहयोग मिल सकता है। सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कारोबार विस्तार के लिए नया कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा। यात्रा पर जा सकते हैं।

सिंह राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगी। व्यापार-धंधे में आकस्मिक धनलाभ के योग बन रहे हैं।

कन्या राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार विस्तार की नई योजनाएं बन सकती हैं। आकस्मिक धनलाभ मिलेगा, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। रुका हुआ पैसा मिल सकता है। उधार लेन-देन से बचें। परिश्रम और प्रयासों से सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। परिजन का भरपूर सहयोग मिलेगा। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। सेहत का ध्यान रखें। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।

तुला राशि :- आज का दिन मिलाजुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से थकान का अनुभव होगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं। परिवार में किसी से कलह होने की संभावना रहेगी। वाहन का उपयोग सावधानी से करें। सेहत का ध्यान रखें, यात्रा को टालें।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में योजना बनाना मेहनत करने से भी ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। पुराने कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। परिवार, दोस्त और रिश्तेदार आपका पूरा सहयोग करेंगे। जमीन-जायदाद के मामले में पडऩे से बचें, अन्यथा कानूनी विवाद में फंस सकते हैं। आपका व्यवहार पार्टनर को खुशी देगा। धन लाभ के नए मार्ग खुलेंगे।

धनु राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। कार्यों में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा और भौतिक सुख सुविधाओं की ओर रुझान बढ़ेगा। जमीन-जायदाद खरीदने और निवेश की योजना बन सकती है। किसी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और पूरा दिन मौज-मस्ती में व्यतीत होगा। सेहत भी अच्छी रहेगी। खान-पान का ध्यान रखें।

मकर राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में मन लगेगा और आर्थिक लाभ मिलेगा। आकस्मिक धनलाभ और नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। कामकाज से जुड़ी परेशानियां खत्म होंगी। हालांकि, कार्यभार की अधिकता रहेगी, जिससे थकान का अनुभव कर सकते हैं। परिवार और ऑफिस, दोनों जगह का माहौल खुशनुमा रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा। लेन-देन से बचें। सेहत अच्छी रहेगी।

कुम्भ राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। अचानक धनलाभ के योग भी बन रहे हैं। नौकरी में मनचाहा स्थानांतरण या पदोन्नति की संभावना रहेगी। दाम्पत्य जीवन भी सुखद रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें, अन्यता किसी विवाद में फंस सकते हैं। सेहत को लेकर सावधान भी रहें। सामाजिक और धार्मिक कार्यों में भाग ले सकते हैं। यात्रा पर जाने से बचें।

मीन राशि :- आज का दिन मिलाजुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। परिजन और मित्रों का भी सहयोग रहेगा। कार्यभार की अधिकता रहेगी। जोखिम लेने से हानि हो सकती है। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखें। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। सेहत को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।

0Shares

लखनऊ: कोविड महामारी में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उप्र सरकार रेलवे की मदद से ऑक्सीजन टैंकर मांगने की पहल की थी। इसी कड़ी में गुरुवार को पांच टैंकर दिल्ली से जामनगर भेजे गये है। अभी तक उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ एवं बरेली से बोकारो जा रही थी। आज इसी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने नई राह पकड़ी है।
गुरुवार सुबह पांच टैंकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली से जामनगर से ऑक्सीजन भरने के लिए भेजे गये हैं। 1200 किलोमीटर की यह दूरी जो सड़क मार्ग से टैंकर भेजने में पांच से छह दिन का समय लगता है। इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में यह सफर 48 घंटे से कम समय में पूरी हो जायेगी।
इस पहल से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में बहुत मदद मिलेगी। यह पहल राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के तालमेल का एक और अच्छा उदाहरण है। अभी तक प्रदेश सरकार ने 14 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाये है। ट्रेन के माध्यम से ऑक्सीजन लाने में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
उल्लेखनीय है कि, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर उप्र में भयवाह स्थिति बनी हुई। इससे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई। ऑक्सीजन की किल्लत हो गई, जिसे पूरा करने के लिए सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का निर्णय किया।
0Shares