खगोल विज्ञान का ‘चमकता सितारा’: ख्यातिप्राप्त भारतीय खगोल विज्ञानी और साहा समीकरण का प्रतिपादन करने वाले प्रो. मेघनाथ साहा का जन्म 06 अक्टूबर 1893 को ढाका (अब बांग्लादेश) से 45 किमी दूर शिओरताली गांव में हुआ।

साहा समीकरण तारों में भौतिकी और रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी एक अन्य खोज आयोजनाइजेशन फॉर्मूला है जो खगोल शास्त्रियों को सूर्य व अन्य तारों के आंतरिक तापमान और दबाव की जानकारी देने में सक्षम है। इसे लेकर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री का मत था कि यह खगोल विज्ञान की 12वीं सबसे बड़ी खोज है। विज्ञान में साहा के योगदान को ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने भी स्वीकारा। डॉ. साहा के एक सिद्धांत ऊंचे तापमान पर तत्वों के व्यवहार को आइंस्टाइन ने संसार को एक विशेष देन बताया।

मेघनाथ साहा को बहुत कम उम्र में अपनी खोजों के लिए वैश्विक प्रसिद्धि मिली। वे रॉयल सोसायटी फेलो चुने गए। इसके साथ ही कई प्रमुख संस्थानों की स्थापना का श्रेय भी उन्हें जाता है। साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान और इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस जैसी महत्वपूर्व संस्थाओं की स्थापना में उन्होंने अहम योगदान दिया। उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भारत में राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया जो 22 मार्च 1957 से लागू किया गया।

प्रोफेसर साहा ने बचपन में बाढ़ की विभीषिका को करीब से अनुभव किया था, शायद इसलिए उन्होंने बाढ़ के कारणों और उसे रोकने का विशेष अध्ययन किया। साथ ही उन्होंने नदी बांध परियोजनाओं और बिजली परियोजनाओं में योगदान दिया। उन्होंने विद्यार्थी जीवन में ही विज्ञान से संबंधित पुस्तकों की कमी का भी अनुभव किया था। उस समय विज्ञान की पुस्तकें विदेशों से मंगवानी पड़ती थी, जो हर किसी के लिए बहुत मुश्किल था। आगे चलकर उन्होंने काफी हद तक इस कमी को पूरा किया। डॉ. साहा की लिखी कई पुस्तकें भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। उनकी पुस्तक थिअरी ऑफ हीटऔर मॉडर्न फिजिक्स को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

अन्य अहम घटनाएं:

1858: भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले नाना साहब पेशवा का निधन।

1922: सुप्रसिद्ध संत कृपालु महाराज का जन्म।

1930: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का जन्म।

1944: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का जन्म।

1946: फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना का जन्म।

1974: भारत के पूर्व रक्षामंत्री वीके कृष्ण मेनन का निधन।

1979: मराठी साहित्यकार और समाजसेवी दत्तो वामन पोतदार का निधन।

2007: जाने-माने भारतीय कवि और संविधान विशेषज्ञ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी का निधन।

0Shares

स्टीव जॉब्स का निधनः दुनिया की मशहूर बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल इंक के सह संस्थापक और अमेरिकी बिजनेस टाइकून स्टीवन पॉल स्टीव जॉब्स का 5 अक्टूबर 2011 को कैलिफोर्निया में निधन हो गया।

महज 56 साल की जिंदगी में स्टीव जॉब्स ने कामयाबी की ऐसी दास्तान लिख दी, जिसने बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित किया। उन्होंने दुनिया को बताया कि इंसान किसी चीज को पूरे मनोयोग से करे तो सफलता उससे दूर नहीं। खास बात यह है कि स्टीव जॉब्स ने कोई बड़ी डिग्री नहीं ली और कॉलेज की पढ़ाई भी बीच में ही छूट गयी। इसके बावजूद उन्होंने दुनिया के सबसे उन्नत किस्म के ऑपरेटिंग सिस्टम मैक का निर्माण किया। कहते हैं कि स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी का नाम, सेव के बाग में बैठे रहने के दौरान जेहन में आया था।

अन्य अहम घटनाएंः

1524: प्रसिद्ध वीरांगना रानी दुर्गावती का जन्म।

1676ः इंग्लैंड के राजा से ईस्ट इंडिया कंपनी को बंबई में भारतीय मुद्रा ढालने का अधिकार मिला।

1864ः कलकत्ता शहर में चक्रवात से 50 हजार लोगों की मौत।

1902: ध्रुपद-धमार शैली के गायक राम चतुर मल्लिक का जन्म।

1934: भारतीय हास्य कलाकार, नाटककार, अधिवक्ता चो रामास्वामी का जन्म।

1934: हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार दुर्गा प्रसाद खत्री का निधन।

1946ः पहले कान फिल्म समारोह का समापन।

1962ः जम्स बॉन्ड सिरीज की पहली फिल्म ‘डॉ. नो’ रिलीज।

1981: हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा का निधन।

0Shares

गोपालगंज: बिहार के गोपलगंज में भी अब कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे इलाकों में होने वाले सेब की खेती जिले के 100 किसान करेंगे। इसके लिए आत्मा निदेशक ने पंचदेवरी प्रखंड के एक किसान को दो सेब के पौधे देकर खेती करने का गुर सिखाया। दो पौधे में आए सेब के फल को देखकर विभाग ने जिले के लिए 56 किसानों के लिए 1400 पौधे की मांग अमरपुरा गांधीनगर गुजरात से किया है। जो 14 प्रखंडों के 56 किसनों के बीच वितरण किया जाएगा।। इसमें एक किसान को 25 पौधे को 4.25 कट्टे जमीन पर लगानी होगी।

किसानों के चयन के लिए डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने आत्मा सहायक निदेशक को आदेश दिया है। जिसके बाद आत्मा विभाग ने प्रखंड के वैसे किसानों के चयन करने में लगे हुए जो सेव की खेती करने में उनकी रुची है.

आत्मा सहायक निदेशक विकास कुमार ने बताया कि बिहार के कई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस दिशा में शोध कर रहे हैं कि सेब की इस प्रजाति के लक्षणों में किस स्तर तक बदलाव लाया जाए कि इसकी गुणवत्ता ठंडे प्रदेशों में होने वाले फल की तरह हो जाए। साथ ही उत्पादन दर में बढ़ोतरी हो सके। सेब की इस प्रजाति के पौधे गर्मी के मौसम में फल देते हैं। जबकि सभी जानते हैं कि सेब ठंडे प्रदेशों में ठंडे मौसम में उगता है लेकिन हरमन 99 गर्मियों में भी आसानी से फल लग सकता है।

उन्होंने कहा कि इस सेब का पौधा 40 से 48 डिग्री तापमान पर भी आसानी से पनप सकता है। इसमें स्व परागण के जरिए प्रजनन होता है। इसे कोई भी अपने आंगन या बगीचे में लगा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अपने जिले और बिहार की मिट्टी में यह पौधा आसानी से उगाया जा सकता है और इसके फल का लाभ लिया जा सकता है।नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआइएफ) के अनुसार जिस गर्म प्रदेशों में होने वाले सेब की प्रजाति के जनक हिमाचल प्रदेश के विलासपुर निवासी किसान हरिमन शर्मा हैं। इसलिए इसका नाम हरिमन सेब रखा गया है।

एनआइएफ के सहयोग से इसकी नर्सरी बनाई गई है। संस्था की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में प्रयोग के तौर पर इसके पौधे लगाए जा रहे हैं। बिहार के छह जिलों में 200 पौधे लगाए गए थे। इसमें फल होने लगा है। इसकी गुणवत्ता और इसमें ठंडे प्रदेश के सेब की तुलना में कमी का अध्ययन करने के लिए इन पौधों के कई वैज्ञानिक शोध कर रहे है।

उन्होंने बताया कि चयनित किसानों को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के वैज्ञानिक विशेष प्रशिक्षण देकर सेव की खेती करने का गुर सिखाया जाएगा। इसके लिए नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने बताया कि पंचदेवरी प्रखंड के कोईसा खुर्द गांव में मनोज पंडित को दाे सेव का पौधा देकर उसे खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिसने दो पौधे को लगाकर सेव का उत्पादन किया। जिसको देखकर यहां के मिट्टी पर सेव का उत्पादन के संभावना को देखकर सेव की खेती करने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया। जिसके बाद इसकी स्वीकृति मिली। आत्मा निदेशक मानते हैं कि नौकरी से बेहतर खेती है अगर तकनीकी स्तर पर ठीक से की जाए। खेती को व्यावसायिक रूप देकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। वे बताते हैं कि दो बीघे की खेती में अगर सेब बढ़िया से फल दे तो साल में 14-15 लाख रुपया कमाया जा सकता है।दो बीघे की खेती कर कोई किसान चाहे तो महीने में 1 से 1.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है। बशर्ते कि परंपरागत खेती न कर नकदी फसलों की खेती की जाए जिसका कॉमर्शियल वैल्यू बहुत ज्यादा हो।

सवाल ये भी है कि हिमाचल और कश्मीर में जिस तरह की मिट्टी है, वैसी बिहार में नहीं है। ऐसे में गोपालगंज में सेब की खेती कैसे हो सकती है? इसके जवाब में मनोज पंडित ने कहा कि हरमन-99 वेरायटी किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, चाहे वह पथरीली मिट्टी हो या दोमट या लाल। इस हिसाब से जिले में भी इसकी उपयुक्त खेती की जा सकती है। इस फसल के लिए सबसे जरूरी बात जलवायु है जिसे देखते हुए हरमन-99 तैयार किया गया है। हमने दो पौधे लगाकर देखा है। फल लगे है। लोग सुबह से शाम तक देखने आ रहे है। इस बार वे 25 पौधे सेव का लगाकर खेती करेंगे।आत्मा के सहायक निदेशक ने कहा कि गोपालगंज में सेब का उत्पादन होना किसानों की उपलब्धि है। आने वाले समय में किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।

0Shares

युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943
सूर्योदय 06.12, सूर्यास्त 06.10, ऋतु – वर्षा

आश्विन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, सोमवार, 04 अक्टूबर 2021 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। किसी के भी साथ धन से सम्बंधित व्यवहार न करें तथा किसी भी विवाद में न पडऩे से बचें। मन एकाग्र करने का प्रयास करें। खर्च पर संयम रखना होगा। स्वजनों के व्यवहार से मन दुखी हो सकता है। मध्याह्न के बाद आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा। मानसिक रूप से भी आप स्वस्थ महसूस करेंगे। मित्रों से उपहार आदि मिलेंगे। परिवारजनों से सुख भी आज अच्छा मिलेगा। आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में भी धन लगा रहेगा।

वृषभ राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कारोबार में अच्छा लाभ मिलेगा और लक्ष्मीजी की कृपादृष्टि बनी रहेगी। आकस्मिक धनलाभ के योग रहेंगे। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। विवाह के उत्सुक युवकों को जीवनसाथी मिलने का योग है। सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे, जिससे समाज में यश-कीर्ति मिलेगी। पर्यटन का आयोजन हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। धन व्यय में वृद्धि हो सकती है।

मिथुन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। शारीरिक रूप से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पारिवारिक जीवन में सुख-संतोष का अनुभव होगा। व्यवसाय में आपको यश की प्राप्ति होगी। आपके कार्य की सराहना होगी और ऊपरी अधिकारी आप पर प्रसन्न रहेंगे। जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से कर पाएंगे। किसी भी प्रकार के मानसिक भार से मुक्त भी हो सकते हैं। व्यापार में लाभ होगा तथा पत्नी तथा पुत्र से भी लाभ होगा। सामाजिक क्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

कर्क राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। स्वास्थ्य में भी कुछ उतार-चढ़ाव आएगा। व्यावसायिक स्थल पर भी ऊपरी अधिकारियों की वजह से परेशान हो सकते हैं। धन का व्यय अधिक होगा। संतानों की चिंता सताएगी। मध्याह्न के बाद आपके कार्य में सफलता दृष्टिगोचर होने पर आपका मन भी प्रसन्नता का अनुभव करेगा। व्यापार में भी वातावरण अनुकूल रहेगा। बुजुर्गों के आशीर्वाद से आपका कार्य संपन्न होगा। व्यवसाय में पदोन्नति के योग हैं। धन की प्राप्ति होगी।

सिंह राशि :- आज का सामान्य रहेगा। मन को शांत और प्रफुल्लित रखने के लिए ईश्वर का नाम-स्मरण, आध्यात्मिक पठन की प्रवृत्ति ही एकमात्र उपाय है। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। धन व्यय की अधिकता रहेगी, जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। व्यावसायिक स्थल पर संभलकर चलें। किसी के साथ वाद-विवाद या उग्र चर्चा करने से बचना होगा। सेहत अच्छी रहेगी।

कन्या राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन अनावश्यक खर्च की अधिकता रहेगी। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी और परिजनों के साथ पर्यटन का आयोजन होगा। मनोरंजन के भरपूर साधन उपलब्ध होंगे, परंतु मध्याह्न के बाद अधिक विचारों के कारण मानसिक रूप से आप थक जाएंगे। क्रोध की अधिकता से आप उकता जाएंगे, वाणी पर संयम रखने पर परिस्थिति पर नियंत्रण ला सकेंगे। सेहत का ध्यान रखें।

तुला राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगी। कार्यक्षेत्र में ध्यान देने और परिश्रम से सभी कार्य सफल होंगे। काम में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। सामाजिक कार्यों में भाग ले सकते हैं, जिससे समाज में सम्मान बढ़ेगा। परिवार का वातावरण भी अनुकूल रहेगा, जिससे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रफुल्लता और स्वस्थता का अनुभव करेंगे। भावना के प्रवाह में अधिक न बह जाएं, इसका ध्यान रखें। परिजनों के साथ समय बितायेंगे। व्यापार में भागीदारों से लाभ होगा।


वृश्चिक राशि :-
आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में आर्थिक लाभ मिलेगा। व्यावसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल रहेगा। सहकर्मियों का भरपूर सहयोग मिलेगा, जिससे कार्य सफल होंगे। लेखनकार्य और सृजनात्मक कार्यों में अधिक रूचि लेंगे। बौद्धिक चर्चा में भाग लेने का विचार भी कर सकते हैं। बौद्धिक चर्चा में भाग लेने हेतु कार्य में आपको सफलता मिलेगी। यश और कीर्ति में वृद्धि होगी। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा। खान-पान का ध्यान रखें।


धनु राशि :-
आज का दिन मिला-जुला रहेगा। अपना जिद्दी रवैया छोडऩा होगा, अन्यथा परेशानी में पड़ सकते हैं। भावुकता पर संयम रखने से मानसिक व्यग्रता का अनुभव कम होगा। वित्तीय मामलों का आयोजन होगा। वस्त्राभूषण एवं सौंदर्य प्रसाधनों के पीछे खर्च होगा। परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। मध्याह्न के पश्चात विचारों में शीघ्र परिवर्तन आएंगे। नए काम की शुरुआत न करें। बौद्धिक एवं तार्किक कार्य करें। पेट सम्बंधित बीमारियों से सावधान रहें। यात्रा-प्रवास टालें।

मकर राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। मन प्रफुल्लित रहने से मानसिक रूप से हल्का महसूस करेंगे। परिवारजनों के साथ पारिवारिक प्रश्नों की चर्चा होगी, जिसका निराकरण सोचने में सफल रहेंगे। मित्रों के साथ घनिष्टता बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धियों के समक्ष विजय होंगे। आज भाग्यवृद्धि का योग है, परंतु मध्याह्न के बाद कुछ अधिक ही संवेदनशीलता का अनुभव करेंगे। मानसिक रूप से व्यग्रता का अनुभव होगा। जमीन, मकान, वाहन आदि का सौदा संभलकर करें। विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है।

कुम्भ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा। आज धार्मिक विचारों के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में खर्च भी होगा। अधिक वाद-विवाद से परिवार का वातावरण कलुषित न हो, इसका ध्यान रखिएगा। परिवारजनों को असंतोष रह सकता है, फिर भी मध्याह्न के बाद आपका मन चिंतामुक्त रहेगा। मित्रों-स्वजनों से हुइ भेंट से मन आनंदित हो उठेगा। आज भाग्यवृद्धि के योग हैं। भाई-बहनों का प्रेम आप पर बरसेगा।

मीन राशि :-
आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मन चिंतित रहेगा। आध्यात्मिकता की ओर रुझान बढ़ेगा। नकारात्मक विचारों को मन से निकाल होगा, वरना परेशानी का कारण बनेंगे। वाणी पर संयम रखें। अनापेक्षिक धन-व्यय से संभलकर चलें। निर्णयशक्ति का अभाव रहेगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों का सहयोग मिलेगा। सेहत का ध्यान रखें। विद्यार्थियों को विद्या प्राप्ति में विघ्न आ सकता है।

0Shares

इंदिरा गांधी की गिरफ्तारीः 03 अक्टूबर 1977 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उस समय केंद्र में मोरारजी देसाई की अगुवाई वाली जनता पार्टी की सरकार थी और देश के गृहमंत्री थे चौधरी चरण सिंह।

चरण सिंह सत्ता में आते ही इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के पक्षधर थे लेकिन मोरारजी देसाई अनावश्यक रूप से ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते थे। बाद में इंदिरा गांधी पर रायबरेली में चुनाव प्रचार के मकसद से 100 जीपें खरीदने के लिए उद्योगपतियों से आर्थिक मदद लेने और सरकारी धनराशि के उपयोग का आरोप लगा।

जीप स्कैम के रूप में तत्कालीन गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह को बड़ा हथियार मिल गया। 03 अक्टूबर की सुबह इंदिरा गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। तत्कालीन सीबीआई निदेशक एनके सिंह ने एफआईआर की प्रति इंदिरा गांधी को दी और उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

हालांकि अगले दिन 4 अक्टूबर को जब उन्हें अदालत में पेश किया गया तो मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी के समर्थन में सबूत पेश नहीं किये जाने पर इंदिरा गांधी को आरोपों से बरी कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक भूल करार दिया गया। इससे इंदिरा गांधी को जेल भेजने की चौधरी चरण सिंह की हसरत तो पूरी हो गयी लेकिन यह दांव राजनीतिक रूप से उल्टा पड़ा। आपातकाल के दौरान की गयी ज्यादतियों को लेकर लोगों के मन में इंदिरा गांधी के खिलाफ जो नाराजगी थी, वह थोड़ी कम हो गयी। इसलिए इसे ऑपरेशन ब्लंडर का नाम दिया गया।

अन्य अहम घटनाएंः

1831ः मैसुरु पर ब्रिटेन का कब्जा।

1880ः पहले मराठी संगीत नाटक ‘संगीत शाकुन्ताल’ का पुणे में मंचन।

1932: इराक यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्र हुआ।

1978: कलकत्ता में पहला और दुनिया के दूसरे टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म।

1994: भारत ने सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से दावा पेश किया।

2008: टाटा मोटर्स के चेयरमैन रतन टाटा ने सिंगूर से नैनो कार परियोजना अन्यत्र ले जाने की घोषणा की।

0Shares

भारत के दो सपूतों का जन्मः भारत के राजनैतिक इतिहास में 02 अक्टूबर का दिन खास महत्व रखता है। अलग-अलग वर्षों में इसी तारीख को देश की दो ऐसी शख्सियतों का जन्म हुआ जिन्होंने समय के फलक पर अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ी।

02 अक्टूबर 1869 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का गुजरात के पोरबंदर में जन्म हुआ। कठिन से कठिन परिस्थितियों में अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़कर महात्मा गांधी एक नयी राजनीतिक चेतना के प्रणेता बने। महात्मा गांधी के राजनीतिक प्रयोगों ने भारत ही नहीं बल्कि विश्व के दूसरे हिस्सों को भी प्रभावित किया।

02 अक्टूबर 1904 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का जन्म हुआ। 1965 के भारत और पाकिस्तान युद्ध के समय उनके साहसिक निर्णयों ने दुश्मनों की पराजय की पटकथा तैयार कर दी। जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले लालबहादुर शास्त्री जन-जन में लोकप्रिय हुए। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1964 में नेहरू जी के बाद जब वे प्रधानमंत्री बने तो देश में अनाज का संकट पैदा हो गया। अमेरिका ने शर्तों के साथ भारत को अनाज देने की पेशकश की लेकिन शास्त्री जी जानते थे कि अमेरिकी अनाज लिया तो देश का स्वाभिमान आहत होगा। ऐसे में उन्होंने अपने परिवार को एक दिन का उपवास करने को कहा। शास्त्री जी के साथ धर्मपत्नी और बच्चों ने भी उपवास रखा। खुद के परिवार का उपवास जब सफल रहा तो उन्होंने देश के लोगों से सप्ताह में एक दिन के उपवास का आह्वान किया और देशवासियों ने उनके आह्वान का पालन कर दुनिया को नया संदेश दिया। शास्त्रीजी ने कहा था- पेट पर रस्सी बांधो, साग-सब्जी ज्यादा खाओ, सप्ताह में एकदिन एक वक्त उपवास रखो, देश को अपना मान दो।

अन्य अहम घटनाएंः

1906ः भारत के विख्यात चित्रकार राजा रवि वर्मा का निधन।

1952ः सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत।

1955ः मद्रास में इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने रेल का पहला डिब्बा बनाया।

1961ः बंबई में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना।

1988ः मंडपम और पंबन को जोड़ने वाले समुद्र के ऊपर बने सबसे बड़े सड़क पुल को यातायात के लिए खोला गया।

0Shares

Chhapra: बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर सूबे के रक्तवीरो को सम्मानित किया गया. पटना के मौर्य होटल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यभर के 62 रक्तवीरो को सम्मानित किया गया. जिसमे सबसे अधिक रक्तवीर सीतामढ़ी जिले के शामिल है. दूसरे पायदान पर सारण रहा, जहां के 8 रक्तवीरो को सम्मानित किया गया.

किस जिले में कितने रक्तवीर

मुंगेर 01
बिहार शरीफ 01
सहरसा 06
सीतामढ़ी 17
औरंगाबाद 04
छपरा 08
मुजफ्फरपुर 01
दरभंगा 02
जहानाबाद 03
भागलपुर 03
खगड़िया 02
बक्सर 02
गया 05
सासाराम 02
आरा 01
मधेपुरा 01
किशनगंज 04

सारण से इन रक्तवीरो को मिला सम्मान

अमर नाथ

सत्यानंद प्रकाश
मनंजय
रचना पर्वतभारती कुमारी

रूपेश कुमार निषादअरुण कुमार दुबे

बताते चले कि बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा विगत 1 अप्रैल 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक पुरुष वर्ग में 4 बार एवं महिला वर्ग में 3 बार रक्तदान करने वाले रक्तवीरो के नाम का चयन किया गया है. संस्थान द्वारा सभी चयनित रक्तवीरो को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है.

0Shares

• जिले में टीबी मरीजों की खोज के लिए चल रहा है अभियान
• आशा- कार्यकर्ता घर-घर जाकर कर रही मरीजों की खोज

सीवान: जिले में टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर जन-आंदोलन के रूप में अभियान चलाया जा रहा है। एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में गांव-गांव में जाकर कैंप लगाया जा रहा है। कैंप के माध्यम से चिकित्सकों व एएनएम तथा एलटी के द्वारा टीबी की स्क्रीनिंग कर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह न बताया कि एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतिवेदित सभी डायबिटीज, गुर्दा रोग से पीड़ितों एवं अन्य उच्च जोखिम युक्त समूहों की लाइनलिस्टिंग करना एवं आशा / एएनएम के माध्यम से ऐसे रोगियों में टीबी लक्षणों की पहचान की जायेगी । जिले एवं अनुमण्डल स्तर के कारागृह, सुधारगृह, बाल संरक्षण गृह, पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों में टीबी की स्क्रीनिंग तथा जाँच करना सुनिश्चित करेंगे। शहरी मलिन वस्तियों, महादलित टोला, नव निर्मित कार्यस्थलों पर काम कर रहे श्रमिकों में टी.बी. की स्क्रीनिंग तथा जाँच सुनिश्चित की जायेगी । टीबी का लक्षण दिखे तो जांच आवश्यक कराएं। टीबी का हल्का-सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको मुफ्त में दवा मिलेगी। साथ में भोजन के लिए भी पैसे मिलेंगे। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज की व्यवस्था है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। मरीजों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। साधारण टीबी और एमडीआर टीबी दोनों में से किसी भी तरह के मरीज हों, अपनी दवाओं का नियमित सेवन करें।
दुर्गम व कठिन क्षेत्रों में किया जायेगा विशेष फोकस
टीबी एचआईवी समन्वयक दिलीप कुमार ने बताया कि दूरस्थ एवं चिह्नित कठिन क्षेत्रों में आशा एवं अन्य सामुदायिक उत्प्रेरक की दो सदस्यीय घर-घर विजिट टीम का गठन किया गया है। प्रतिदिन कम कम 50 घर का भ्रमण द्वारा संभावित टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है। स्थानीय निकटतम बलगम जाँच केन्द्र अथवा ट्रूनेट लैब में सैम्पल की जाँच हो रही है। सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर सम्पर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं व्यस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करेंगे तथा योग्य बच्चों, एचआईवी व्यस्कों एवं बच्चों की लाइन लिस्टिंग की जा रही है।
दिवाल लेखन व आईईसी के माध्यम से किया जायेगा जागरूक
टीबी से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता लायी जायेगी । इसके लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जायेगा। दिवाल लेखन, बैनर-पोस्टर के माध्यम से जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। इसके साथ सामुदायिक बैठक में भी लोगों को जागरूक किया जायेगा। इस बैठक में हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जायेगा।
टीबी मरीजों को प्रोत्साहन राशि
विभाग की ओर से टीबी मरीजों को खुराक भत्ता भी दिया जाता और टीबी मरीज को जो अस्पताल तक पहुंचाता है, उसे भी 500 रुपये मेहनताना दिया जाता है। एक्टिविटी के तहत विभाग की ओर से सर्वे और उसके बाद टीबी के मरीजों को ढूंढ कर उनका इलाज और आसपास के लोगों को टीबी को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। टीबी रोग इलाज योग्य है, इसलिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सलाह अनुसार इसका इलाज हो सकता है।

0Shares

सर्जिकल स्ट्राइक की यादः भारतीय इतिहास में 29 सितंबर पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के लिए याद किया जाएगा। 18 सितंबर 2016 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फिदाइन दस्ते ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में इंडियन आर्मी की 12 ब्रिगेड के एडमिस्ट्रेटिव स्टेशन पर हमला कर दिया। जिसमें 18 जवान शहीद हो गए।

मारे गए आतंकियों से मिले जीपीएस सेट्स से पता चला कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे। जिसके जवाब में भारत ने 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की। यह पहला मौका था जब भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार कर ऑपरेशन को अंजाम दिया। 150 कमांडोज ने इस दौरान पीओके में तीन किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय जवानों के इस अप्रत्याशित हमले में 38 आतंकी और पाकिस्तानी सेना के दो जवान मारे गए। भारतीय सेना के दो पैरा कमांडो भी लैंड माइंस की चपेट में आने से घायल हुए थे।

अन्य अहम घटनाएंः

1836ः मद्रास चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना।
1928ः भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने ब्रजेश मिश्र का जन्म।
1932ः मशहूर हास्य अभिनेता महमूद का जन्म।
1942ः मतंगिनी हाजरा की 72 साल की उम्र में बंगाल के तुमलुक में अगस्त आंदोलन में कांग्रेस के जुलूस का नेतृत्व करते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गयी।
1947ः भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश एच.एस. कपाड़िया का जन्म।
1959ः भारत की आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को पार कर नया रिकॉर्ड बनाया। ऐसा करने वाली वे एशिया की पहली महिला बनीं।
1962ः कलकत्ता में बिरला तारामंडल की शुरुआत।

0Shares

‘बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत’– 07 अक्टूबर 1930 को सांडर्स हत्याकांड में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गयी। इन पर लाहौर के सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज अफसर जेपी सांडर्स को गोली से उड़ाने का आरोप था। इसके बाद 08 अप्रैल 1929 को दिल्ली की सेंट्रल एसेंबली में न केवल बम धमाका किया बल्कि वहां से भाग निकलने की बजाय खुद की गिरफ्तारी देकर ब्रिटिश हुकूमत के समक्ष चट्टानी हौसले का प्रदर्शन किया।

केस की सुनवाई के दौरान भगत सिंह ने कहा कि सेंट्रल हॉल धमाके में उनका इरादा किसी की जान लेना नहीं बल्कि बहरी व्यवस्था को सुनाने के लिए बम धमाके की जरूरत थी। 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में शाम सात बजे तीनों अमर सेनानियों को फांसी दी गयी। हालांकि भगत सिंह की ख्वाहिश थी कि उन्हें फांसी की बजाय गोलियों से भून दिया जाए।

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को गांव बंगा जिला लायलपुर पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने किशोरावस्था में भगत सिंह पर गहरा असर डाला। लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की। वे महान क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि अध्ययन, विचार और कलम के धनी भी थे। 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को चूमने वाले भगत सिंह का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।

अन्य अहम घटनाएं:

551 ईपू: चीन के दार्शनिक कनफ्यूसियस का जन्म।

1838: अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर ने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली।

1929: सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्म।

1947: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का जन्म।

1982: प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का जन्म।

1982: बॉलीवुड अभिनेता रणवीर कपूर का जन्म।

0Shares

सुधारवादी आंदोलन का चेहरा राजा राममोहन राय का निधनः भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत राजा राममोहन राय का 27 सितंबर 1833 को निधन हो गया। भारतीय सामाजिक व धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में राजा राम मोहन राय विशिष्ट स्थान रखते हैं। ब्रह्म समाज के संस्थापक और समाज सुधार आंदोलन के प्रणेता राजा राम मोहन राय ने स्वतंत्रता संग्राम और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान दिया। रूढ़िवाद और कुरीतियों के विरोध का चेहरा बने राय स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन वे मानते थे कि भारतीय नागरिक इस स्वतंत्रता की कीमत भी पहचानें। उन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा, जातिवाद, पर्दा प्रथा आदि का कड़ा विरोध किया।

अन्य अहम घटनाएंः
1760ः मीर कासिम ने मीर जाफर के स्थान पर बंगाल के नवाब की गद्दी संभाली।
1781ः हैदर अली और ब्रिटिश सेना के बीच सालनगढ़ की लड़ाई शुरू।
1848ः उड़िया के प्रमुख कवि राधानाथ राय का जन्म।
1871ः लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के बड़े भाई और स्वतंत्रता सेनानी विट्ठल भाई पटेल का जन्म।
1932ः फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा का जन्म।
1977ः प्रसिद्ध नर्तक उदय शंकर का निधन।
1981ः भारतीय गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी का जन्म।
1988ः फर्राटा धावक बेन जानसन को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के कारण स्वर्ण पदक वापस लेकर सोल ओलंपिक से निकाला गया।
1996ः मोहम्मद उमर की अगुवाई में तालिबान का काबुल पर कब्जा, अफगानिस्तान को इस्लामी राष्ट्र घोषित किया।
2008ः चीन के अंतरिक्ष यात्री झीगांग ने पहली बार अंतरिक्ष में चहलकदमी की।

0Shares

हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गयाः देव आनंद अथवा ‘देवानंद’ यूं ही सदाबहार नहीं कहे गए। खुद श्वेत-श्याम से शुरू कर रंगीन चित्रपट की दुनिया तक सफर करने वाले देव आनंद ने अपने चाहने वालों को सिर्फ रंगीनियां ही दिखाईं।

वैसे तो उनकी करीब हर फिल्म और उन पर फिल्माया हर गाना हिट रहा, पर उनके व्यक्तित्व को “हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया” पूरी तरह चरितार्थ करता है। देव साहब ने अपने निजी संघर्षों को भरसक सार्वजनिक नहीं होने दिया।

शुरुआती संघर्ष हो अथवा सुरैया से शादी नहीं कर पाने का गम, यह बहुत बाद में ही लोगों को पता चल पाया। उनका अपना ढंग तो ऐसा था कि वे स्टाइल नहीं अपनाते थे, स्टाइल उनके पीछे चलती रही।

दादा और नाना जैसे रोल करने के बजाय आखिरी वक्त तक उन्होंने लीड रोल में रहना ही पसंद किया। उनकी अंतिम फिल्म 88 साल की उम्र में ‘चार्जसीट’ नाम से आई। रूमानियत के इस नायक की कहानी बहुत लंबी है। संक्षेप में वे कलकल बहती नदी की तरह थे, जहां कोई मोड़ भी नहीं था।

क्या खूबी कि तीन-चार दिसंबर, 2011 की रात जब लंदन में उनकी मृत्यु हुई, तब भी कहा गया कि वह अपने चाहने वालों को अपना मृत शरीर दिखाना नहीं चाहते थे। इसीलिए आखिरी दिनों में अपनी धरती से बहुत दूर चले गये। हालांकि सच तो यह है कि ‘पद्मभूषण’ और ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ प्राप्त देव साहब आज भी लोगों के दिल के बहुत करीब बसते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएंः
1733- फ्रांस, स्पेन और सार्डीनिया का जर्मन-विरोधी करार पर हस्ताक्षर।
1772- न्यूजर्सी में एक विधेयक के जरिए डाक्टर्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य हुआ।
1820- प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का जन्म ।
1872- न्यूयॉर्क सिटी में पहले मंदिर की स्थापना।
1874- पहला ग्रैंड इंटरनेशनल राइफल मैच आयोजित।
1932- देश के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म।
1959- जापान में शक्तिशाली तूफान ‘वेरा’ से चार हजार, 580 लोगों की मौत और 16 लाख लोग बेघर।
1989- प्रख्यात पार्श्व गायक हेमंत कुमार का निधन।
2013- सीरिया में रासायनिक हथियार खत्म करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव बनाने पर अमेरिका और रूस के बीच समझौता।

0Shares