जिसने हिंदी सिनेमा को ‘प्रेम’ दिया: जिस वक्त दूसरे फिल्मकार मारधाड़ और नाटकीयता भरी फिल्में बना रहे थे, उस दौर में निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक सूरज बड़जात्या ने भारतीय समाज और परिवार पर भरोसा कर फिल्म बनाने का साहस किया। भारतीय साझा परिवारों की पृष्ठभूमि में साफ-सुथरे पारिवारिक मेलोड्रामा, भारतीय शादियां व उसके रस्म-रिवाज, सुमधुर गानों की भरमार वाली सूरज बड़जात्या की फिल्में दर्शकों के सिर चढ़कर बोलने लगी। उनकी फिल्मों की बेशुमार सफलता ने उन्होंने फिल्म बनाने का व्याकरण बदल दिया।

22 फरवरी 1964 को जन्मे सूरज बड़जात्या ने महज 24 साल की उम्र में 1989 में ‘मैने प्यार किया’ बनाकर निर्देशन के क्षेत्र में अपना सफर शुरू किया। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और फिल्म के हीरो सलमान खान व हिरोइन भाग्यश्री रातोंरात स्टार बन गए। फिल्म में सलमान के किरदार का नाम था-प्रेम। सलमान ने बड़जात्या की अबतक की छह में से चार फिल्मों में काम किया। जिसमें उनका नाम प्रेम ही था।

पांच साल बाद 1995 में सूरज बड़जात्या ने ‘राजश्री प्रोडक्शन’ के तहत एक और फिल्म बनायी- ‘हम आपके हैं कौन।’ इस फिल्म ने भी इतिहास रच दिया। सलमान और माधुरी दीक्षित के साथ बनी इस फिल्म में 14 गाने थे। भारतीय संस्कृति में रची-बसी इस फिल्म में भारतीय शादियों को नये अंदाज में दिखाया गया। जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया। यह फिल्म ‘नदिया के पार’ की रीमेक थी। यहीं से हिंदी फिल्मों के रीमेक का ट्रेंड शुरू हुआ।

इसके बाद 1999 में ‘हम साथ-साथ हैं’, 2006 में ‘विवाह’ और 2015 में ‘प्रेम रतन धन पायो’ जैसी फिल्में बनायीं। उन्होंने वैसे तो कम ही फिल्में अबतक बनायी लेकिन यह साबित कर दिया कि फिल्मों की संख्या के मुकाबले उसकी गुणवत्ता हमेशा याद रखी जाती है।

अन्य अहम घटनाएं:

1732: अमेरिका के पहले राष्ट्रपति वाशिंगटन का जन्म।

1856: स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक स्वामी श्रद्धानंद का जन्म।

1889: स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म।

1906: हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि सोहनलाल द्विवेदी का जन्म।

1914: कांग्रेस के अध्यक्ष रहे देवकांत बरुआ का जन्म।

1944: महात्मा गांधी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी का निधन।

1958: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का निधन।

1982: सुप्रसिद्ध शायर जोश मलीहाबादी का निधन।

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अमार भायेर रोक्ते रांगानो एकुशे फरवरीः बांग्ला में लिखे गीत की इस पंक्ति का अर्थ है- 21 फरवरी मेरे भाइयों के खून से सना है।

इस गीत की पृष्ठभूमि यह है कि 21 फरवरी 1952 को सर्वदलीय केंद्रीय भाषा संग्राम समिति ने बांग्ला को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग को लेकर ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलन शुरू किया। आंदोलनकारी छात्रों को कुचलने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, जिसमें पांच छात्रों की मौत हो गई। इन शहीद छात्रों की याद में लिखा गया यह शोकगीत आगे चलकर आंदोलनकारियों का गीत बन गया। भाषा का यह विवाद पाकिस्तान के बंटवारे और बांग्लादेश के निर्माण की वजह बना। पाकिस्तान मजहब के नाम पर बना तो उससे टूटकर बांग्लादेश का निर्माण भाषा के नाम पर हुआ।

दरअसल यह विवाद पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही शुरू हो गया था। पाकिस्तान के दो प्रमुख क्षेत्र पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान थे जिसमें पूर्वी पाकिस्तान में 56 फीसदी आबादी रहती थी जो बांग्ला भाषी थी। जबकि पश्चिमी पाकिस्तान में पंजाबी, सिंधी, बलूची, पश्तो और अन्य दूसरी भाषा व बोलियों वाले लोग थे। भारत से पलायन कर पाकिस्तान पहुंचे मुसलमान आबादी उर्दू बोलने वाली थी जिनका देश की आबादी में हिस्सा केवल तीन फीसदी का था। इसके बावजूद सत्ता में इसी तबके का दबदबा था और उर्दू का वर्चस्व।

नवंबर 1947 में कराची में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्धारण को हुई बैठक में उर्दू और अंग्रेजी को पाकिस्तान की सरकारी भाषा बनाने का प्रस्ताव आसानी से पास हो गया। साथ ही पाकिस्तान की लोकसेवा आयोग ने बाग्ला विषय को सूची से हटा दिया। पाकिस्तान की सरकार ने मुद्रा और सरकारी स्टाम्प से भी बांग्ला को हटा दिया। इसके खिलाफ 8 दिसंबर 1947 को ढाका विश्वविद्यालय से आंदोलनों का सिलसिला शुरू हुआ।

21 मार्च 1948 को मोहम्मद अली जिन्ना ने इस असंतोष को उस समय और हवा दे दी जब ढाका के रेसकोर्स मार्ग मैदान में उन्होंने साफ-साफ लफ्जों में बांग्ला भाषा आंदोलन को विदेशी षड्यंत्र बताते हुए सरकारी भाषा के लिए उर्दू की हिमायत की। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग भी उर्दू के अलावा किसी अन्य भाषा को पाकिस्तान की सरकारी भाषा बनाना चाहते हैं वे पाकिस्तान के दुश्मन हैं।

जिसके बाद भाषा का यह आंदोलन तेजी से सुलगता हुआ 21 फरवरी 1952 तक पहुंच गया, जब ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों पर पुलिस ने गोलियां चलाई और पांच छात्रों की मौत हो गई।

बांग्लादेश के इस भाषा आंदोलन को अलग-अलग तरीकों से याद किया जाता है। बांग्लादेश की मांग पर 1999 में यूनेस्को ने इसे अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस आयोजित किया और इसे विश्व भर में मनाया जाता है। ढाका की शहीद मीनार, ढाका विश्वविद्यालय का स्मारक छात्रों की इस शहादत की याद दिलाता है।

अन्य अहम घटनाएंः

1894ः प्रसिद्ध वैज्ञानिक शांतिस्वरूप भटनागर का जन्म।

1896ः महान कवि एवं लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म।

1991ः फिल्म अभिनेत्री नूतन का निधन।

1998ः सुप्रसिद्ध चरित्र अभिनेता ओमप्रकाश का निधन।

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रांची: करीब 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट पहले ही चारा घोटालों के सभी पांच मामलों में लालू यादव को दोषी करार दे चुकी है। इस मामले में 21 फरवरी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट लालू यादव को सजा सुनाएगी।

उल्लेखनीय है कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा से पहले ही चारा घोटाले के दो मामलों में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में अलग से केस दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एंट्री से लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि ईडी की टीम मनी लॉन्ड्रिंग एंगल समेत आय से अधिक की संपत्ति एंगल को खंगालेगी। दोनों मामलों में चूंकि लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है, ऐसे में उनकी प्रॉपर्टी को अटैच भी किया जा सकता है। ईडी ने आरसी 38 ए/96 और आरसी 45/96 केस को टेकओवर किया है। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के अन्य दोषियों के खिलाफ जांच की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 75 आरोपितों को चारा घोटाले के पांचवें मामले में दोषी करार दिया। साथ ही 34 दोषियों को तीन-तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। इस मामले में साक्ष्य के अभाव में 24 लोगों को बरी कर दिया गया। फिलहाल लालू यादव रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाजरत हैं। वह पेइंग वार्ड के पहले तल्ले पर रूम ए- 11 में भर्ती हैं।

फाइल फोटो 

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मुजफ्फरपुर: जिले के नगर थानाक्षेत्र के तिलक मैदान येजाजी मार्ग में एक सुपारी-जर्दा कारोबारी गोविन्द ड्रोलिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके दरवाजे पर ही अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक कारोबारी अपनी दुकान बंद करके स्कूटी से अपने घर पहुंचा ही था कि वैसे ही पल्सर बाइक सवार से आये दो अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। सूचना के बाद घरवाले और स्थानीय लोग खून से लथपथ कारोबारी को अस्पताल ले गए जहां उसने दम तोड़ दिया।

मौत की पुष्टि करते हुए डीएसपी नगर रामनरेश पासवान ने कहा कि बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने गोली मारी है। पुलिस कई बिन्दुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। वहीं मौके से एक खोखा भी बरामद हुआ है। आसपास लगे सीसीटीवी की भी जांच पड़ताल कर बदमाशों की शिनाख्त की जा रही है।

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आध्यात्मिक चेतना के प्रसार में जीवन लगायाः भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में शामिल वैष्णव धर्म के भक्ति योग के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु का आध्यात्मिकता के प्रसार के साथ कई दूसरे क्षेत्रों में भी अहम योगदान है। उन्होंने अराजक और अस्थिरता भरे दौर में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया, जाति व ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने का अहम संदेश दिया। विलुप्त होते वृन्दावन को दोबारा बसाने का श्रेय उन्हें दिया जाता है। कहा तो जाता है कि चैतन्य महाप्रभु न होते तो वृन्दावन आजतक मिथक रहता। उन्होंने वृन्दावन को बसाया और जीवन का आखिरी हिस्सा यहीं गुजारा।

चैतन्य महाप्रभु का जन्म 18 फरवरी 1486 में पश्चिम बंगाल के नवद्वीप (नादिया) गांव में हुआ जिसे अब मायापुर कहा जाता है। राधा-कृष्ण के अनन्य भक्त चैतन्य महाप्रभु ने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। उन्होंने भजन गायकी की नयी शैली विकसित की। उनके द्वारा प्रारंभ किये गए महामंत्र नाम संकीर्तन का देश-विदेश के स्तर पर व्यापक प्रसार हुआ।उनके ऊपर कई ग्रंथ लिखे गए जिनमें प्रमुख है चैतन्य चरितामृत, चैतन्य भागवत और चैतन्य मंगल।

चैतन्य महाप्रभु का संदेश था- ‘श्रीकृष्ण ही एकमात्र देव हैं। वे मूर्तिमान सौंदर्य हैं, प्रेमपरक हैं। चैतन्य मत के व्यूह सिद्धांत का आधार प्रेम और लीला है। गोलोक में श्रीकृष्ण की लीला शाश्वत है। प्रेम उनकी मूल शक्ति है और वही आनंद का कारण है। यही प्रेम भक्त के चित्त में स्थित होकर महाभाव बन जाता है। यह महाभाव ही राधा है। राधा ही श्रीकृष्ण के सर्वोच्च प्रेम का आलम्बन हैं। वही उनके प्रम की आदर्श प्रतिमा है। गोपी-कृष्ण लीला प्रेम का प्रतिफल है।’

अन्य अहम घटनाएं:

1405: तैमूरलंग की मौत।
1546: जर्मन धर्म सुधारक मार्टिन लूथर का निधन।
1836: महान संत स्वामी विवेकानंद के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस उर्फ गदाधर चटर्जी का जन्म।
1836: भारतीय क्रांतिकारी मदनलाल धींगरा का जन्म।
1894: स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ रफी अहमद किदवई का जन्म।
1899: स्वतंत्रता सेनानी जयनारायण व्यास का जन्म।
1925: प्रख्यात लेखिका कृष्ण सोबती का जन्म।
1926: अभिनेत्री नलिनी जयवंत का जन्म।
1927: सुप्रसिद्ध संगीतकार खय्याम का जन्म।
1933: अभिनेत्री निम्मी का जन्म।

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युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943
सूर्योदय 06.45, सूर्यास्त 06.03, ऋतु – बसंत

माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, बुधवार, 16 फरवरी 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी। पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। कारोबार विस्तार के लिए नये कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को तरक्की के अवसर मिलेंगे और आय में वृद्धि होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों के साथ आनंदपूर्वक समय व्यतीत होगा। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे, जिससे समाज में सम्मान बढ़ेगा। सेहत अच्छी रहेगी।

वृषभ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यवसाय में लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलेगा और कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन अनावश्यक खर्च अधिक होने से आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। परिवार में कलह होने की संभावना रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें और सेहत का ध्यान रखें। आध्यात्मिक एवं धार्मिक कार्यों के प्रति रुझान बढ़ेगा और ईश्वर भक्ति से मन को शांति मिलेगी। बौद्धिक तथा लेखन के कार्यों में सक्रिय हो सकते हैं।

मिथुन राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यापार-धंधे में लाभ और नौकरी में आय में वृद्धि के योग रहेंगे, लेकिन नए कार्यों में शीघ्रता से बचें, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनावश्यक खर्च बढऩे की भी संभावना रहेगी। कारोबार और परिवार में सामंजस्य स्थापित होगा। बाहर जाने की योजना टल सकती है। मनोरंजन पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचें। पारिवारिक जीवन में सुख की भावना अनुभव करेंगे। परिवार में कलह की संभावना रहेगी। सेहत का ध्यान रखना होगा।

कर्क राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में स्थितियां चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं। नौकरी-व्यवस्था में उन्नति या वेतन वृद्धि का मामला टल सकता है। काम के प्रति सक्रिय रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि अचानक असुविधाजनक स्थिति बन सकती है। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा। परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। खर्च पर नियंत्रण रखें। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश फायदेमंद हो सकता है। सेहत अच्छी रहेगी। यात्रा को टालें।

सिंह राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में आकस्मिक धनलाभ और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कार्यक्षेत्र में नए योजनाओं पर काम कर सकते हैं, जिससे अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे। पैसों के लेन-देने में सावधानी बरतें। परिजनों और मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा। स्टूडेंट्स के लिए समय अच्छा है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

कन्या राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। कार्यभार की अधिकता से परिश्रम अधिक करना पड़ेगा और भागदौड़ भी रहेगी, लेकिन कार्यों में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। नए लोगों से मुलाकात होगी, जो लाभदायक रहेगी। जमीन-जायदाद और कोर्ट-कचहरी के कामों में सावधानी बरतें और लेन-देन से बचें। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे, जिससे समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। परिवार और कामकाज के बीज उलझन महसूस करेंगे। परिजनों से कलह हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें।

तुला राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, काम की अधिकता रहेगी, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। थकान के कारण स्फूर्ति का अभाव रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा बेवजह विवाद हो सकता है। विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे। कार्यों में सफलता से धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यभार की अधिकता रहेगी और कार्यक्षेत्र में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। कामकाज को लेकर छोटा प्रवास हो सकता है। नये कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी और कार्यों में सफल रहेंगे। धार्मिक और सामाजिक कार्यों के प्रति रुचि बढ़ेगी। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा और परिजनों का सहयोग भी मिलेगा, लेकिन ध्यान रखना होगा कि आपकी बातों से किसी को ठेस न पहुंचे। सेहत अच्छी रहेगी।

धनु राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यवसाय-धंधा मध्यम रहेगा और कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी, लेकिन अपने प्रयासों और कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। फिर भी आशानुरूप सफलता नहीं मिलने से मन व्यथित रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं। नये कार्यों की शुरुआत करने से बचें और पैसों का लेन-देन न करें। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।

मकर राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में प्रगति होगी और धनलाभ की स्थिति रहेगी। कारोबार अच्छा चलेगा और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। प्रॉपर्टी में निवेश का विचार करेंगे, जो लाभदायक सिद्ध होगा। परिवार के साथ आनंदपूर्व दिन व्यतीत होगा। परिजनों-मित्रों के साथ पिकनिक या किसी धार्मिक यात्रा का आयोजन हो सकता है। अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखें। क्रोध करने से बचें और सेहत का ध्यान रखें।

कुम्भ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। आर्थिक दृष्टि से स्थिति मजबूत होगी, लेकिन पारिवारिक समस्याएं आएंगी। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन कार्यभार की अधिकता से दिन भागदौड़ में बीतेगा। शारीकि रूप से थकान और अस्वस्थता का अनुभव कर सकते हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन ध्यान रखें कि परिजनों-संबंधियों के साथ अनबन न हो। क्रोध पर नियंत्रण रखें। पारिवारिक कार्यों के पीछे धन खर्च हो सकता है।

मीन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन कारोबार विस्तार की योजनाएं बना रहे हैं, तो नये कार्यों की शुरुआत से बचें, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों का सहयोग मिलेगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। पुराने मित्रों से मुकालात हो सकती है, जो लाभदायक रहेगी। दोस्तों के साथ किसी यात्रा का आयोजन भी हो सकता है। सेहत को लेकर सतर्क रहें और खान-पान का ध्यान रखें।

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खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसीवाली रानी थी: पाठ्य-पुस्तकों में शामिल कविता की ये पंक्तियां बाल मन पर जादुई असर करती है- चमक उठी सन सत्तावन की वह तलवार पुरानी थी/ बुंदेले हरबोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी/ खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसीवाली रानी थी।

ये पंक्तियां अमर कविता ‘झांसी की रानी’ का हिस्सा है। राष्ट्रीय चेतना की मुखर कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने देश की वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि स्वरूप यह कविता लिखी थी। देशभक्ति से ओत-प्रोत अपनी रचनाओं के लिए सुभद्रा कुमारी चौहान कई बार जेल भी गईं। गांधीजी के असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाली वे पहली महिला आंदोलनकारी थीं।

16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर में पैदा हुईं सुभद्रा कुमारी चौहान का बाल्यावस्था से ही लेखन के प्रति रुझान था, जो आगे चलकर राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण लेखन की तरफ उन्हें ले गया। उनकी कविता ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ की पंक्तियां हैं- ‘आ रही हिमालय से पुकार/ है उदधि गरजता बार-बार/ प्राची पश्चिम भू नभ अपार/ सब पूछ रहे हैं दिग-दिगन्त/ वीरों का कैसा हो वसंत।’

सुभद्रा कुमार चौहान की कई दूसरी रचनाएं भी बेहद लोकप्रिय हुईं। वातावरण चित्रण प्रधान शैली की उनकी भाषा सरल और काव्यात्मक है। उनकी कविता ‘यह कदम्ब का पेड़’ की पंक्तियां देखें- ‘यह कदम्ब का पेड़ अगर मां होता यमुना तीरे/ मैं भी उसपर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे/ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली/ किसी तरह नीची हो जाती यह कदम्ब की डाली।’

15 फरवरी 1948 को एक कार दुर्घटना में स्वाधीनता संघर्ष में अहम योगदान देने वाली कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का 44 वर्ष की उम्र में आकस्मिक निधन हो गया।

अन्य अहम घटनाएं:

1869: महान उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का निधन।

1921: जाने-माने लेखक राधाकृष्ण चौधरी का जन्म।

1922: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी कवि नरेश मेहता का जन्म।

1924: भारतीय मूर्तिकार और भित्ति चित्रकार केजी सुब्रह्मण्यम का जन्म।

1946: लेखक और प्रस्तोता हरीश भिमानी का जन्म।

1947: फिल्म अभिनेता रणधीर कपूर का जन्म।

1954: जाने-माने लेखक अरुण कमल का जन्म।

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गांधीवादी मालवीय जी ने क्रांतिकारियों को असाधारण बताया: पिछले कुछ समय से 14 फरवरी वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके विपरीत बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दिन हमारे देश की आजादी के लिए मातृभूमि के चरणों में बलिदान होने वालों का भी है। ऐसे क्रांतिकारी, जिनके लिए गांधीवादियों ने भी ऊपर तक फरियाद की थी।

फिलहाल, वैलेंटाइंस डे के लौकिक रूप और उसके विरोध की कहानी, जिसे सभी जानते हैं। फिर भी, लोग यह जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि प्रेमियों को कोई दिन चुनने की जरूरत क्यों पड़ी। तीसरी शताब्दी में रोम के एक शासक ने प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाए। वैलेंटाइन नाम के पादरी ने विरोध किया तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। फिर 14 फरवरी, 270 को उन्हें फांसी दे दी गयी। इस तरह यह दिन प्रेम के लिए न्योछावर होने वाले संत वैलेंटाइन के नाम हो गया।

प्रेम की पराकाष्ठा मातृभूमि के लिए शहीद होने में दिखती रही है। ऐसा ही देशप्रेम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और बटुकेश्वर दत्त जैसे असंख्य सेनानियों ने किया था। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी थी। उसी समय 14 फरवरी, 1931 को पंडित मदन मोहन मालवीय ने लार्ड इरविन को पत्र लिखा। उन्होंने इंसानियत का वास्ता देकर वायसराय से इन देशभक्तों की सजा माफ किए जाने की अपील की थी।

इसके पहले महात्मा गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस अधिवेशन ने भी फांसी की सजा की निंदा की थी। मालवीय जी ने इरविन को लिखे पत्र में कहा कि ये लोग सामान्य व्यक्ति नहीं हैं। इन्होंने स्वयं अथवा अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया है, जिसके लिए इन्हें फांसी दी जा रही है। विदेशी सत्ता कहां मानने वाली थी। उसने देशभर से की जा रही फरियाद अनसुनी कर दी। आजादी के इन दीवानों को देशभक्ति की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

एक बार फिर सीमा प्रहरियों को बनाया गया निशाना: देश के संवेदनशील राज्य जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुईं। उन्हीं में से 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ जवानों को लक्ष्य बनाने का प्रकरण है। उस दिन पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी। इस हमले में कम से कम 39 जवान शहीद हो गये थे। अगले दिन तक यह संख्या 44 हो गयी। उस आतंकी हमले में 40 से अधिक जवान घायल भी हुए थे। इस हमले को लेकर देशभर में गुस्सा, दुख और क्षोभ का वातावरण देखा गया।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:

1556: पंजाब के कलानौर में मात्र 13 वर्ष की आयु में अकबर को मुगल सम्राट बनाया गया।

1876: अलैक्जैंडर ग्राहम बेल की ओर से टेलिफोन के पेटेंट के लिए आवेदन।

1939: बम्बई (अब मुंबई) में शराबबंदी का प्रस्ताव रखा गया।

1974: रूसी लेखक अलैक्जैंडर सोल्जेंत्सिन को देश निकाले के एक दिन बाद उनपर देशद्रोह का आरोप।

1989: ईरान के धार्मिक नेता आयतुल्लाह खुमैनी का भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रूश्दी की किताब ‘सेटेनिक वर्सेज’ को ईशनिंदा करार देते हुए रूश्दी के खिलाफ फतवा। जान लेने वाले को इनाम की भी घोषणा।

1990: इंडियन एयरलाइंस के विमान दुर्घटना में 146 सवार लोगों में से 97 की मौत।

2005: स्टीव चेन, चाड हर्ली और जावेद करीम ने विडियो साझा करने के लिए ‘यू ट्यूब’ नाम की वेब साइट को पंजीकृत कराया।

2005: नेपाल में लोकतंत्र को खतरे में बताकर ब्रिटेन और फ्रांस ने अपने राजदूतों को वापस बुलाया।

2005: लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की बेरूत में एक कार बम विस्फोट में मौत।

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इंकलाबी शायर का जन्म: ‘ उतरे थे कभी ‘फ़ैज़’ वो आईना-ए-दिल में, आलम है वही आज भी हैरानी-ए-दिल का।’ हिंदुस्तान और पाकिस्तान, दोनों देशों में लोगों की जुबान पर कायम रहने वाले शायर फैज अहमद फैज का यह शेर, उन्हीं पर खूब मौजूं है।

साल 1911 की 13 फरवरी को सियालकोट में जन्मे ‘गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले, चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले’ कहने वाला यह शायर यह भी बोल गया-‘इक गुल के मुरझाने पर क्या गुलशन में कोहराम मचा, इक चेहरा कुम्हला जाने से कितने दिल नाशाद हुए।’ असल में फैज की शायरी प्यार-मोहब्बत के साथ इंकलाब की है।

तभी तो पाकिस्तान में तब के तानाशाह शासक जियाउल हक ने फैज अहमद फैज की शायरी पर पाबंदी लगा दी थी। अलग बात है कि फैज के जेल में रहते इकबाल बानो ने उनकी नज्म ‘हम भी देखेंगे’ गाकर जियाउल हक की सरकार को परेशान कर डाला। नज्म की कुछ लाइनें थीं- ‘हम अहल-ए-सफ़ा मरदूद-ए-हरम, मसनद पे बिठाए जाएंगे, सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख़्त गिराए जाएंगे।’ ऐसी नज्मों और गजलों के फनकार फैज अहमद फैज को अपने ही देश में वर्षों जेल में रहना पड़ा।

अलग बात है कि एक समय जो रचनाएं पाकिस्तान रेडियो और टीवी पर प्रतिबंधित थीं, वह पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देशों में लोगों की मनपसंद बन गईं।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:

1856: ईस्ट इंडिया कंपनी का लखनऊ और अवध पर कब्जा।

1879: सरोजनी नायडू का जन्म। आजादी के आंदोलन में यह एक बड़ा नाम।

1945: सोवियत संघ का जर्मनी के साथ 49 दिन के युद्ध के बाद हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट पर कब्जा।

1959: बार्बी डॉल की बिक्री शुरू। यह सुंदर सी गुड़िया दुनियाभर में पसंद की जाती है।

1966: सोवियत संघ का पूर्वी कजाखस्तान में परमाणु परीक्षण।

1960: फ्रांस का सहारा के रेगिस्तान में पहला परमाणु परीक्षण।

1991: इराक की राजधानी बगदाद पर अमेरिका के बमवर्षक विमानों ने बम बरसाए।

2001: मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर में भूकंप से करीब 400 लोगों की मौत।

2010: अफगानिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं का अफगानिस्तान में व्यापक अभियान शुरू।

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लाखों की जान लेने वाली बीमारी पर विजय का दिनः मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म ‘आक्रोश’ जब रिलीज हुई तो दर्शकों का बड़ा तबका फिल्म के हीरो ओमपुरी के बेमिसाल अभिनय पर मुग्ध था तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं थी जो अचरज में थे कि चेहरे पर चेचक के बेशुमार दाग वाले नौजवान को फिल्म का हीरो बनाया गया। इससे पहले तक तमाम खूबसूरत चेहरे वाले ही हीरो हुआ करते थे।

आज कोरोना महामारी ने जिस तरह दुनिया भर में दहशत फैला दी है, चेचक ने उससे कहीं ज्यादा लंबे समय तक दुनिया को मानवीय नुकसान पहुंचाया। वह इसलिए क्योंकि तब ऐसी बीमारियों से लड़ने के लिए दुनिया के अधिकतर देशों में संसाधन नहीं थे। आज इस बात पर भरोसा करना कठिन है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक चेचक 3000 साल तक मानव जाति के लिए खतरा बना रहा। अकेले 20वीं शताब्दी में चेचक ने दुनिया भर में 30 करोड़ लोगों की जान ले ली।

चेचक (स्मॉलपॉक्स) तेजी से फैलने वाली बीमारी थी और बुखार आना व शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, इसके लक्षण थे। मरीज की जान लेने वाली इस बीमारी ने पूरी दुनिया को डराकर रख दिया था। खासतौर पर गरीब देशों के लिए इस संकट से पार पाना बहुत चुनौतीपूर्ण था।

इसे लेकर भारत में कई तरह की धारणाएं भी बनीं, जिनमें शीतला माता के क्रोध को इस बीमारी का कारण बताया गया। नीम के पत्तों से इसके इलाज के देशी नुस्खे भी अपनाए गए। देश में जगह-जगह आज भी शीतला माता के मंदिर हैं।

भारत में चेचक ने आजादी के दौर 1948 में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। जबकि 1974 में इस बीमारी ने 30000 भारतीयों की जान ले ली। 1966 में भारत की पूरी आबादी को चेचक का टीका दिये जाने का लक्ष्य रखा जो कई वर्षों बाद संभव हो पाया। चेचक के टीके के निशान संबंधित व्यक्ति की बाहों पर ताउम्र बने रहे।

1977 में भारत ने खुद को चेचक मुक्त घोषित किया। भारत में चेचक का आखिरी मामला 1975 में आया लेकिन दो वर्षों की लगातार निगरानी के बाद देश चेचक मुक्त हुआ। दुनिया के दूसरे देशों में अगले दो साल बाद तक चेचक के मामले पाए जाते रहे। 1977 में सोमालिया में चेचक का आखिरी मामला प्रकाश में आया। 1979 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेचक पर मानव के विजय की घोषणा की और 1980 के वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली में इस विजय अभियान की पूर्णता का ऐलान किया गया।

अन्य अहम घटनाएं:

1742: महान मराठा दिग्गज नाना फड़नवीस का जन्म।

1809: ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन का जन्म।

1809: अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन का जन्म।

1818: चिली ने स्पेन से आजादी की घोषणा की।

1948: महात्मा गांधी की अस्थियों को इलाहाबाद में गंगा नदी के साथ-साथ दूसरे पवित्र स्थलों पर विसर्जित किया गया।

2009: भारतीय वैज्ञानिकों ने विश्व का पहला भैंस क्लोन विकसित किया। जो भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है।

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माघ शुक्ल पक्ष एकादशी, शनिवार, 12 फरवरी 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी। कार्यों की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करने पड़ेगी और दिन भागदौड़ में गुजरेगा। व्यापार-धंधे में लाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन अनावश्यक खर्चों की भी अधिकता रहेगी, जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव होगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन ध्यान रहे कि आपकी बातों से किसी को ठेस न पहुंचे। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है।

वृषभ राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। गृह-नक्षत्रों की स्थिति आपके अनुकूल बनने से आकस्मिक धनलाभ के योग रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा और नौकरी में तरक्की मिलने की संभावना रहेगी। पुराने मित्रों से मुकालात हो सकती है, जो लाभदायक रहेगी। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा और परिजनों का भरपूर सहयोग रहेगा। परिजनों के साथ सैर-सपाटे में आनंतपूर्वक समय बीतेगा। यात्रा-पर्यटन का आयोजन भी हो सकता है। सेहत अच्छी रहेगी और मन प्रसन्न रहेगा।

मिथुन राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कार्यक्षेत्र में वातावरण आपके अनुकूल रहेगा और सहकर्मियों का भरपूर सहयोग मिलेगा, जिससे कार्य आसानी से पूरी रहेंगे। आकस्मिक धनलाभ के योग भी बनेंगे। रुका हुआ कार्य शुरू हो सकता है। प्रॉपर्टी में निवेश की योजना बना सकते हैं, जो भविष्य में लाभ का सौदा सिद्ध होगी। पारिवारिक वातावरण आनंद व उल्लास से भरा रहेगा। परिजनों के साथ पर्यटन का आयोजन हो सकता है। सेहत अच्छी रहेगी और पीडि़तों को बीमारियों से राहत मिलेगी।

कर्क राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी और कार्य सफलता के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। भागदौड़ के बावजूद कार्यों में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से मन व्यथित रहेगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन जिह्वा पर संयम रखना होगा, अन्यथा परिजनों से कलह होने की संभावना रहेगी। दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहेगा। खर्च पर नियंत्रण एवं धन सम्बंधित लेन-देन में अत्यंत सावधानी की आवश्यकता है। खान-पान में भी संयम बरतें।

सिंह राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में प्रतिकूलता का सामना करना पड़ सकता है। कारोबार मध्यम रहेगा और कार्यक्षेत्र में आशानुरूप सफलता नहीं मिलने से मन व्यथित रहेगा। भागदौड़ अधिक करने से शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव होगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें, अन्यथा बड़ा नुकसान होने की संभावना रहेगी। वाणी पर संयम रखें, अन्यथा परिवार में कलह हो सकती है। परिजनों का सहयोग मिलेगा। खान-पान का ध्यान रखें।

कन्या राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी, लेकिन अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी, जिससे मन में प्रसन्नता का अनुभव होगा। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी। प्रॉपर्टी में निवेश और कार्य विस्तार की योजनाएं बना सकते हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों के साथ दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। भाई-बंधुओं एवं स्नेहीजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। छोटे प्रवास पर जा सकते हैं, लेकिन सेहत का ध्यान रखना होगा।

तुला राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन कार्यभार की भी अधिकता रहेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव करेंगे। स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन जिह्वा पर संयम रखना होगा, अन्यथा परिजनों से कलह होने की संभावना रहेगी। दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहेगा। खर्च पर नियंत्रण एवं धन सम्बंधित लेन-देन में अत्यंत सावधानी की आवश्यकता है। खान-पान में भी संयम बरतें।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कार्यक्षेत्र में वातावरण आपके अनुकूल होगा। सहयोगियों का भरपूर सहयोग मिलने से कार्यों में सफलता मिलेगी। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी। आकस्मिक धनलाभ की संभावना रहेगी। कार्य विस्तार की योजनाएं बना सकते हैं। प्रॉपर्टी में निवेश लाभदायक होगा। परिवार में आनंद व उल्लास छाया रहेगा। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। परिवार में अच्छे समाचार मिल सकते हैं।

धनु राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी और दिन भागदौड़ में व्यतीत होगा। शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव कर सकते हैं। अनावश्यक खर्च की अधिकता रहेगी। परिजनों से मतभेद होने की संभावना रहेगी। कठिन परिश्रम के बावजूद संतोषजनक परिणाम नहीं मिलने से मन व्यथित हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें।

मकर राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। गृहों की स्थिति आपके अनुकूल रहने से आर्थिक लाभ और नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं। कारोबार अच्छा चलेगा और कार्यों में सफलता मिलने से धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों के साथ आनंदपूर्वक समय व्यतीत होगा। मित्रों-परिजनों के साथ पिकनिक का आयोजन हो सकता है। मित्रों से हुई मुलाकात से आनंद मिलेगा। विवाहोत्सुकों को योग्य जीवनसाथी मिल सकता है। सेहत अच्छी रहेगी।

कुम्भ राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कार्यभार की अधिकता रहेगी, लेकिन अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी। व्यवसाय में धनलाभ और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। अधिकारी आपके काम से प्रसन्न रहेंगे। प्रॉपर्टी में निवेश लाभदायी रहेगा। वाहन-आभूषण की खरीदारी कर सकते हैं। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा और परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। घर की सजावट पर विशेष ध्यान देंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा एवं गृहस्थ जीवन आनंदपूर्ण बीतेगा।

मीन राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन अनावश्यक खर्चों की अधिकता रहेगी, जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। आध्यामितकता और धार्मिक कार्यों के प्रति रुझान बढ़ेगा। ईश्वर भक्ति से मन को शांति मिलेगी। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा विवाद में फंस सकते हैं। परिवार में कलह होने की संभावना रहेगी। सेहत का ध्यान रखना होगा।

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निःशब्द सदा, ओ गंगा तुम बहती हो क्यूंः भूपेन हजारिका की अनूठी आवाज से सजा यह अमर गीत, बहुआयामी प्रतिभा के धनी पंडित नरेंद्र शर्मा की कलम से निकला। प्रकृति और मानवीय सौंदर्य से खास मोह रखने वाले नरेंद्र शर्मा, हिंदी की साहित्यिक परम्परा को समृद्ध करने वाले सशक्त हस्ताक्षर हैं। 11 फरवरी 1989 में हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया था।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए करने वाले पंडित नरेंद्र शर्मा ने जीवन भर हिंदी में लिखा और उन्हें संस्कृतनिष्ठ शब्दों के बेजोड़ प्रयोग के लिए जाना जाता है। खूबी यह कि उन्होंने इसे काफी लोकप्रिय भी बना दिखाया। लता मंगेशकर की आवाज में 1961 में आई फिल्म ‘भाभी की चूड़ियां’ का यह गीत- ‘ज्योति कलश छलके, हुए गुलाबी-लाल-सुनहरे, रंग दल बादल के, ज्योति कलश छलके।’

या ‘विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार, करे हाहाकार/ नि:शब्द सदा, ओ गंगा तुम, बहती हो क्यों/ नैतिकता नष्ट हुई, मानवता भ्रष्ट हुई/ निर्लज्ज भाव से बहती हो क्यों?

प्रयोगधर्मी कवि पंडित नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फरवरी 1913 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा के जहांगीरपुर में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए करने के बाद ‘अभ्युदय’ पत्रिका का संपादन किया। आर्य समाज के सुधारवादी आंदोलन और राष्ट्रीय जागरण से प्रभावित रहे पंडित जी 1942 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में काफी सक्रिय रहे और इस दौरान नजरबंद किये गए। अपनी जेल यात्रा में उन्होंने कविता संग्रह ‘मिट्टी और फूल’ लिखा।

मशहूर साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा के अनुरागी रहे नरेंद्र शर्मा, उनकी सलाह पर मुंबई गए और फिल्मी लेखन के साथ आकाशवाणी से भी जुड़े। 3 अक्टूबर 1957 में रेडियो प्रसारण में एक मील का पत्थर बना ‘विविध भारती’ कार्यक्रम जुड़ा, जिसका प्रस्ताव पंडित नरेंद्र शर्मा ने ही दिया था।

बेहद सरल और सुरुचिपूर्ण शब्दावली में गढ़े गए उनके कई फिल्मी गीत आज भी सुने जाते हैं, जिनमें फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के गीत का उल्लेख समीचीन होगा- ‘यशोमती मैया से बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला।’

कविता, गद्य और नाटक की उनकी कुल 19 पुस्तकें प्रकाशित हुई जिसमें मुख्य रूप से ‘शूल-फूल’, ‘कर्णफूल’, ‘प्रवासी के गीत’, ‘पलाशवन’, ‘द्रौपदी’ की चर्चा होती है।

अन्य अहम घटनाएं:

1750: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शहादत देने वाले तिलका मांझी का जन्म।
1917: क्रांतिकारी टी. नागि रेड्डी का जन्म।
1931: भारतीय सिद्धांतकार और प्रमुख साहित्यिक आलोचक गोपीचंद नारंग का जन्म।
1942: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, उद्योगपति और मानव शास्त्री जमनालाल बजाज का निधन।
1950: भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह का जन्म।
1968: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का निधन।
1977: पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का निधन।
1993: मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक कमाल अमरोही का निधन।

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