लखनऊ, 03 फरवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लालकृष्ण आडवाणी को केंद्र सरकार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करेगी। वह ऐसे राजनेता रहे हैं, जो एक जमाने में हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। वह सातवें उप प्रधानमंत्री थे, वहीं उनके नाम सबसे ज्यादा दिनों तक संसद में विपक्ष के नेता बने रहने का भी रिकॉर्ड है, जिसे कोई अब शायद ही तोड़ पाए। आइए हिन्दुस्थान समाचार आपको बताएगा 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी की शून्य से शिखर तक की कहानी-

1980 और 1990 के दशक में जब कांग्रेस का राज था, तब अगर किसी ने भाजपा के लिए सियासी जमीन तैयार की तो वह लालकृष्ण आडवाणी ही थे। लालकृष्ण आडवाणी को हर बार नया तमगा मिलता रहा। पीएम इन वेटिंग, कर्णदार, लौह पुरुष से लेकर कट्टरपंथी तक का खिताब उन्हें मिल चुका है। हर कोई लालकृष्ण आडवाणी को अलग-अलग रूप में याद करता है, पर 90 के दशक में जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन के लिए जमीनी संघर्ष देखा है उनके लिए लालकृष्ण आडवाणी से बड़ा हीरो कोई नहीं है। वे उन्हें लौह पुरुष कहते हैं, हिंदू हृदय सम्राट कहते हैं।

सियासी सफर
लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की, तब आडवाणी इस पार्टी से जुड़ गए। 1951 से 57 तक उन्होंने पार्टी सचिव की भूमिका संभाली। आडवाणी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की राजनीति करते थे। एक ध्वज, एक राष्ट्र और एक संविधान का राग गाने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सही उत्तराधिकारी वही थे। 1973 से लेकर 77 तक वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। जब इंदिरा गांधी के इशारे पर देश में इमरजेंसी लगा तो आडवाणी 19 महीने जेल से बाहर ही नहीं आए।

1990 में राम मंदिर आंदोलन चलाया, सोमनाथ से निकाली रथयात्रा
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना साल 1980 में हुई। 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी ही पार्टी के महासचिव रहे। उनकी जिम्मेदारी बढ़ी और 1986 से 1991 तक अध्यक्ष का पद उन्हें संभालना पड़ा। यह वही साल था जब अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन तेज हो रहा था। आडवाणी चाहते थे अयोध्या में बाबरी मस्जिद मुस्लिम पक्ष खाली करे और वहां भव्य राम मंदिर बने। उन्होंने इसी साल 1990 में राम मंदिर आंदोलन चलाया। उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली, गिरफ्तार हुए, कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगे। छह दिसंबर 1992 को जब कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा गिरा दिया, पूरे मूवमेंट का क्रेडिट लालकृष्ण आडवाणी को जा मिला। राम मंदिर चाहने वाले हिंदुओं की नजर में लालकृष्ण आडवाणी सम्राट हो गए।

इंतजार करते रह गए, नहीं बन पाए प्रधानमंत्री
लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भाजपा के अध्यक्ष रहे। राज्यसभा से लेकर लोकसभा तक, लालकृष्ण आडवाणी की हर जगह धाक रही। 1977 से 1979 तक केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभाला। वे 1999 में एनडीए की सरकार में गृह मंत्री बने, 2002 में उप प्रधानमंत्री बने। उन्होंने भाजपा को जमीन से खड़ा किया और सींचा। जो भाजपा 1984 में महज दो सीटें जीत सकी थी, उसकी अब तूती बोल रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 283 सीटों पर जीत मिली थी, 2019 के चुनाव में भाजपा ने 336 सीटें जीतीं।

अब भाजपा का दावा है कि 2024 के चुनाव में 400 सीटें जीतेगी। यह सच है कि ये उपलब्धियां उनकी मेहनत की वजह से मिलीं। उन्होंने ही भाजपा का संगठन मजबूत किया था। नरेन्द्र मोदी उनके राजनीतिक शिष्य रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक रूप से सन्यास लेने के बाद 2009 का लोकसभा चुनाव लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही लड़ा गया। भाजपा को भीषण हार मिली। वह उप प्रधानमंत्री तो बन चुके थे, प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए। वह इंतजार करते ही रह गए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बन गए।

अब मिलेगा भारत रत्न
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक शिष्य हैं। प्रधानमंत्री मोदी अक्सर उनका आशीर्वाद लेने उनके आवास पहुंचते हैं। राम मंदिर आंदोलन के दिनों से ही नरेन्द्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे हैं। लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देकर सरकार उनके योगदान के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर कर रही है।

हिंदुत्व का बड़ा चेहरा
जैसे सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश को एकीकृत किया था, ठीक वैसे ही लालकृष्ण आडवाणी ने हिंदुओं के बंटे हुए तबकों को एक करके एक पार्टी के तले लाने में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान के कराची में आठ नवंबर 1927 को जन्मे लालकृष्ण आडवाणी केडी आडवाणी और ज्ञानी आडवाणी की संतान हैं। उन्होंने कराची से शुरुआती पढ़ाई की थी और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।

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नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। विकास और विरासत को अपनी सरकार की नीति बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई देश अपनी विरासत को भुलाकर विकसित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने विरासत पर शर्मिंदा होने का ट्रेंड बना लिया था और कभी आस्था के केंद्रों के विकास का महत्व नहीं समझा।

प्रधानमंत्री ने रविवार को असम में मां कामाख्या दिव्य परियोजना सहित 11 हजार करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दिव्य परियोजना के पूरा होने पर यहां भी राम मंदिर जैसा महौल बन जाएगा। इस तरह की परियोजना से गरीब से गरीब को भी कमाने के अवसर प्राप्त होते हैं। आज असम विकास और विरासत की नीति से हो रहे बदलाव का साक्षी बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर) की आधारशीला भी रखी। इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र योजना के लिए प्रधानमंत्री के विकास पहल के तहत मंजूरी दी गई है। यह परियोजना कामाख्या मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं। ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं। भारत ने हर संकट का सामना करते हुए कैसे खुद को अटल रखा, ये उसकी साक्षी हैं।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने बजट में घोषित ‘रूफटॉप सोलर’ परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार बिजली बिल शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों में हमने हर घर में बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया। अब रूफटॉप सोलर योजना के तहत सरकार एक करोड़ परिवारों को छत पर सोलर पैनल लगाने में मदद करेगी।

देश के विकास में पूर्वोत्तर की बड़ी भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केन्द्र सरकार के प्रयासों से यहां शांति का महौल बना है। सीमा से जुड़े मसले सुलझाये गए हैं, स्थायी शांति स्थापित हुई है, 10 बड़े शांति समझौते हुए हैं और बड़ी संख्या में युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। 2014 तक यहां सिर्फ 10,000 किमी नेशनल हाई-वे हुआ करते थे। पिछले 10 वर्षों में ही हमने 6,000 किमी के नए नेशनल हाई-वे बनाए हैं। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने यहां विकास पर होने वाले खर्च को 4 गुना बढ़ाया है। 2014 के बाद रेलवे ट्रैक की लंबाई 1900 किमी से ज्यादा बढ़ाई गई। 2014 से पहले की तुलना में रेल बजट करीब 400 प्रतिशत बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के जीवन को आरामदायक बनाना है। यह फोकस हमारे बजट में स्पष्ट है। बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का संकल्प लिया है।

प्रधानमंत्री 3400 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई सड़क उन्नयन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इसमें 38 पुलों सहित 43 सड़कें शामिल हैं, जिन्हें दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) कॉरिडोर कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में उन्नत किया जाएगा। प्रधानमंत्री डोलाबारी से जमुगुरी और बिश्वनाथ चारियाली से गोहपुर तक की दो 4-लेन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाएं ईटानगर से कनेक्टिविटी को बेहतर करने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने राज्य में खेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में चंद्रपुर में एक अंतरराष्ट्रीय मानक खेल स्टेडियम और नेहरू स्टेडियम को फीफा मानक फुटबॉल स्टेडियम के रूप में उन्नत करना शामिल है। प्रधानमंत्री गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास की भी आधारशिला रखी। इसके अलावा वे करीमगंज में एक मेडिकल कॉलेज के विकास की आधारशिला भी रखी।

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– समुद्र की गहराई में जाकर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के साथ नौवहन मार्गों का निर्धारण करेगा पोत
– नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करेगा जहाज

नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में शनिवार को सर्वेक्षण पोत ‘संध्याक’ औपचारिक तौर पर नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। नौसेना के बेड़े में इसे शामिल किया जाना हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री ताकत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसका उपयोग हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण में किया जाएगा जैसे चीनी नौसेना भारत और अन्य के निकट महासागर में करती है।

रक्षा मंत्रालय ने गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के साथ 30 अक्टूबर, 2018 को 2435 करोड़ रुपये की कुल लागत से चार सर्वेक्षण पोतों (लार्ज) का निर्माण करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। इन पोतों को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग क्लासिफिकेशन सोसायटी के नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। इस पोत की प्राथमिक भूमिका बंदरगाह तक पहुंचने वाले मार्गों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना और नौवहन मार्गों का निर्धारण करना होगी। इसके परिचालन क्षेत्र में ईईजेड, एक्सटेंडेड कॉन्टिनेंटल शेल्फ तक की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। ये पोत रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा भी एकत्र करेंगे।

इन पोतों की दूसरी भूमिका युद्ध या आपातकालीन स्थिति के दौरान अस्पताल के रूप में कार्य करने की होगी। लगभग 3400 टन के विस्थापन के साथ 110 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा ‘संध्याक’ अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, रिमोट चालित वाहन, डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से लैस है। दो डीजल इंजनों से संचालित यह पोत 18 समुद्री मील से अधिक की गति से चलने में सक्षम है। ये जहाज मौजूदा संध्याक श्रेणी के सर्वेक्षण जहाजों की जगह लेंगे, जो समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने के लिए नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस हैं।

इस प्रोजेक्ट का पहला सर्वेक्षण जहाज ‘संध्याक’ (यार्ड 3025) जीआरएसई ने बनाया है, जबकि शेष तीन जहाजों के निर्माण की परिकल्पना एलएंडटी शिपबिल्डिंग, कट्टुपल्ली में की गई है। इस पोत के निर्माण की प्रक्रिया 12 मार्च, 2019 को शुरू हुई और इस पोत को 05 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया। बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजरने के बाद पिछले साल 04 दिसंबर को इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। संध्याक का निर्माण 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया गया है। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया है।

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नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न प्रदान करने की सूचना आज सोशल मीडिया पर साझा की । उन्होंने वयोवृद्ध नेता को फोन कर इसके लिए शुभकामनायें दी हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर इस सूचना को साझा करते हुए भाजपा नेता आडवाणी के साथ अपने दो पुराने फोटो अपलोड किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ”आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक आडवाणीजी का भारत के विकास में योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने गृहमंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के रूप में चिह्नित किया गया है। उनकी राजनीतिक नैतिकता ने अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। भाजपा नेता आडवाणी ने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं।

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट संसद में पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और सीतारमण का छठा बजट होगा। आम चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। इस बार के अंतरिम बजट में कई बड़े ऐलान होने के कयास हैं।

वित्त मंत्री ने हाल ही में लोकसभा चुनाव से पेश होने वाले इस अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा से इनकार किया था। सीतारमण ने कहा था कि चुनाव से पहले सिर्फ लेखानुदान पेश होगा। संसद में पारित होने के बाद लेखानुदान से सरकार को अप्रैल-जुलाई अवधि के व्यय को पूरा करने के लिए देश की संचित निधि से आनुपातिक आधार पर राशि निकालने की अनुमति होगी। चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी।

वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी, 2024 को छठी बार अपना बजट भाषण पढ़ेंगी। गुरुवार को सुबह 8:15 बजे बजट टीम के साथ फोटो सेशन होगा। सुबह 8.45 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात के बाद वित्त मंत्री 9.15 बजे संसद भवन पहुंचेंगी। सुबह 10 बजे कैबिनेट की बैठक होगी, जिसके बाद वित्त मंत्री सुबह 11 बजे सदन में बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री के बजट भाषण का सीधा प्रसारण डीडी न्यूज, ऑल इंडिया रेडियो, वित्त मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनल, संसद टीवी और हिन्दुस्थान समाचार की वेबसाइट पर लाइव देख सकते हैं।

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा की अनुमति प्रदान कर दी। अदालत के इस फैसले का विश्व हिन्दू परिषद ने स्वागत किया है।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में फैसले पर हिन्दू समाज को बधाई दी है। साथ ही आशा व्यक्त की है कि जल्द ही ज्ञानवापी ढांचे को लेकर भी हिन्दुओं के पक्ष में फैसला आएगा।

आलोक कुमार ने कहा कि ढांचे के तहखाने के दक्षिण में स्थित मंदिर में 1993 तक पूजा-अर्चना होती रही है। वादी के इस संबंध में कोर्ट में जाने पर जिला मजिस्ट्रेट को परिसर से जुड़ी देखभाल की जिम्मेदारी दे दी गई। अदालत ने कहा कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और वादी मिलकर एक पुजारी तय कर दें और यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां नियमित पूजा अर्चना होती रहे। उन्होंने कहा कि 31 वर्ष का समय क्यों लगा, यह सोचने का विषय है।

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रांची, 31 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार देर शाम अपना इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंप दिया है। वहीं चंपई सोरेन ने राज्यपाल को नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। उन्होंने 43 विधायकों का समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपा है। हालांकि राज्यपाल ने सरकार गठन का समय नहीं दिया था। जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि आपका सरकार बनाने का दावा पत्र मिला है, जल्द ही बुलाया जाएगा।

राजभवन से बाहर निकलकर चंपई सोरेन, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदीप यादव ने राजभवन के बाहर कहा कि हमारे पास 47 विधायक हैं और हमने 43 का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है।

राज्यपाल से मांग की है कि विधायक बाहर खड़े हैं, चाहे तो गिनती कर लें। इसपर राज्यपाल ने कहा कि पत्र पढ़ रहा हूं। वह विचार करके उन्हें आमंत्रित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में सत्ता पक्ष के विधायकों की मंगलवार देर शाम से लेकर करीब दो घंटे तक बैठक हुई। वहीं बुधवार को भी सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया।

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। संसद का संक्षिप्त बजट सत्र आज से शुरू होगा। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। वो दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इस सत्र में कुल आठ बैठक प्रस्तावित हैं। एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश होगा। यह जानकारी संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी।

उन्होंने बताया कि अंतरिम बजट सत्र 2024 यानी सत्रहवीं लोकसभा का आखिरी सत्र (31 जनवरी से नौ फरवरी) होगा। एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस साल अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार बाद में पूर्ण बजट पेश करेगी।

वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है। इसलिए आम चुनाव की घोषणा से पहले यह सत्रहवीं लोकसभा का संभवत: आखिरी सत्र होगा। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था।

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– शाम 4.44 बजे आया भूकंप, भचाउ से 21 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में था केंद्र

भुज, 28 जनवरी (हि.स.)। कच्छ की धरती रविवार की शाम एक बार फिर कांप उठी। रविवार को 4.44 बजे 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसका केन्द्र भचाउ से 21 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में दर्ज किया गया। समग्र जिले में इसका असर महसूस किया गया। भचाउ, नेर कडोल, बंधडी आदि गांवों में लोग घबराकर घरों से बाहर दौड़ पड़े।

इससे पहले 26 जनवरी, 2001 को कच्छ में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इसके करीब 23 साल बाद फिर जनवरी महीने में भूकंप की कंपन ने लोगों में सिहरन पैदा कर दी। जिले के भचाउ, नेर कडोल, बंधडी में अधिक असर देखा गया। खावडा क्षत्र की छतों के पाइप और घरों में रखे बर्तन गिर गए। भुज के माधापर में लोग घरों से बाहर आ गए। भचाउ के भठ्ठा क्षेत्र की महिलाएं अपने बालकों के साथ घरों से बाहर दौड़ी। मांडवी में भी व्यापक असर देखा गया।

गांधीनगर स्थित सिसमोलॉजी रीसर्च सेंटर के मुताबिक कच्छ में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया है। इसका केंद्र बिंदु कच्छ के भचाउ से 21 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में दर्ज किया गया। कंपन करीब 5 से 6 सेकंड तक महसूस किया गया।

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नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रमुख देवस्थान कालकाजी मंदिर में रात को माता के जागरण का मंच गिर जाने से एक महिला की मृत्यु हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। पुलिस और दमकल विभाग ने इस हादसे की पुष्टि की है।

इस हादसे में हताहत महिला श्रद्धालु की आयु 45 वर्ष बताई गई है। पुलिस ने जागरण के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे कंट्रोल रूम को देररात करीब 12:47 बजे इस घटना की सूचना मिली।

उन्होंने बताया कि तत्काल फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां भेजी गईं। घायलों में सात की पहचान हो गई है। वह हैं-कमला देवी (60 ), शीला मित्तल (81), सुनीता (पांच), हर्ष (21), अलका वर्मा (33), आरती वर्मा (18), रिशिता ( 17), मनु देवी (32) शामिल हैं। बाकी घायलों की पहचान की जा रही है।

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा

New Delhi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने की घोषणा की है.

पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिलेगा.

कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को जयंती है। जयंती के एक दिन पूर्व भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की है।

कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ के नाम से जाना जाता है। वह दो बार कुछ समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल दिसंबर 1970 से जून 1971 तक चला था और इसके बाद वह दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक सीएम पद पर रहे थे. पहली बार वह सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय क्रांति दल की सरकार में सीएम बने थे और दूसरी बार जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे।

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नई दिल्ली, 23 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का पुण्य स्मरण किया। राष्ट्रपति ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को पराक्रम दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स हैंडल पर लिखा है, ”पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जा रही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मैं सादर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता के लक्ष्य के लिए असाधारण प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। उनके अद्वितीय साहस और करिश्माई व्यक्तित्व ने भारतवासियों को औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध निडरता से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनके ओजस्वी व्यक्तित्व का हमारे स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव पड़ा। हमारे देशवासी नेताजी को कृतज्ञतापूर्वक सदैव याद रखेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मौके पर एक्स हैंडल पर एक ओजस्वी वीडियो संदेश जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पराक्रम दिवस पर भारत के लोगों को शुभकामनाएं। आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर हम उनके जीवन और साहस का सम्मान करते हैं। हमारे देश की आजादी के प्रति उनका अटूट समर्पण प्रेरणा देता रहता है।”

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