नई दिल्ली, 11 जून (हि. स.)। भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

यादव ने कहा, ” प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में मैं विकास और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखने के लिए उत्सुक हूं, क्योंकि देश सतत विकास का समर्थन करते हुए विकसित भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अपने सहयोगी राज्यमंत्री केवी सिंह का मंत्रालय में स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की।

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नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) निरस्त करने की याचिका पर आज सुनवाई की। कोर्ट ने इस दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली वकेशन बेंच ने अगली सुनवाई 8 जुलाई को करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है। इसलिए एनटीए को जवाब देना होगा। हालांकि बेंच ने फिलहाल काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आंध्र प्रदेश के अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और अन्य ने याचिका में पांच मई को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए परीक्षा दोबारा कराने की मांग की है। साथ ही एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। साथ ही चार जून को आए नतीजों के आधार पर होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है।

इस बारे में दूसरी याचिका छात्रा शिवांगी मिश्रा और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इसमें नीट नए सिरे से आयोजित कराए जाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि परीक्षा में धांधली का आरोप बड़ा मुद्दा बना हुआ है। नीट का आयोजन करने वाली संस्था एनटीए ने पेपर लीक या परीक्षा में धांधली के आरोपों को सिरे से इनकार कर दिया है।

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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शपथ के बाद आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में मंत्रालयों का वितरण भी हो गया है। बड़े मंत्रियों के विभागों में बदलाव नहीं हुआ है।

रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मंत्रालय पहले की ही तरह राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, अमित शाह और डॉ एस. जयशंकर के पास ही रहेगा। इसके अलावा नितिन गडकरी पहले की तरह सड़क परिवहन मंत्रालय देखेंगे। बतौर राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और अजय टम्टा उनके मंत्रालय में सहयोगी मंत्री होंगे।

मोदी कैबिनेट में शामिल शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और जेपी नड्डा को इस बार बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिवराज को कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया गया है। खट्टर शहरी विकास और विद्युत मंत्रालय संभालेंगे। नड्डा को मोदी 1.0 की ही तरह स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया है। धर्मेन्द्र प्रधान शिक्षा मंत्री, हरदीप पुरी पेट्रोलियम मंत्री, सर्वानंद सोनोवाल बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्री, भूपेंद्र यादव पर्यावरण मंत्री और अश्वनी वैष्णव रेल मंत्री बने रहेंगे। अश्वनी वैष्णव को इस बार सूचना-प्रसारण मंत्रालय भी दिया गया है।

सहयोगी दलों को भी मोदी कैबिनेट में बड़े मंत्रालय सौंपे गए हैं। चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, जीतन राम मांझी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्रालय दिया गया है।

श्रम और खेल मंत्रालय मनसुख मंडाविया, वाणिज्य मंत्रालय पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्रालय किरण रिजिजू को दिया गया है। सीआर पाटिल को जलशक्ति मंत्रालय सौंपा गया है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय गजेंद्र सिंह शेखावत, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अन्नपूर्णा देवी को दिया गया है। प्रह्लाद जोशी को नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, ज्योतिरादित्य सिंधिया को संचार मंत्रालय और गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय सौंपा गया है।

मंत्रिपरिषद की सूची इस प्रकार है:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के साथ ही कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग; अंतरिक्ष विभाग, सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और अन्य सभी विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं हैं।

कैबिनेट मंत्री

राज नाथ सिंह रक्षा मंत्री, अमित शाह गृह और सहकारिता मंत्री। नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री। जगत प्रकाश नड्डा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अलावा रसायन और उर्वरक मंत्री। शिवराज सिंह चौहान कृषि और किसान कल्याण मंत्री के साथ ही ग्रामीण विकास मंत्री। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री। डॉ. एस जयशंकर विदेश मंत्री। मनोहर लाल आवास और शहरी मामलों के मंत्री और विद्युत मंत्री।

एच. डी. कुमारस्वामी भारी उद्योग मंत्री और इस्पात मंत्री। पीयूष गोयल वाणिज्य और उद्योग मंत्री। धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री। जीतन राम मांझी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री। राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पंचायती राज मंत्री; और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री। सर्बानंद सोनोवाल बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री। डॉ. वीरेंद्र कुमार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री। किंजरापु राममोहन नायडू नागरिक उड्डयन मंत्री। प्रल्हाद जोशी उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री। जुएल ओराम जनजातीय मामलों के मंत्री। गिरिराज सिंह कपड़ा मंत्री। अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री, सूचना और प्रसारण मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री।

ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री। भूपेंद्र यादव पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री। गजेंद्र सिंह शेखावत संस्कृति मंत्री और पर्यटन मंत्री। अन्नपूर्णा देवी महिला और बाल विकास मंत्री। किरेन रिजिजू संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री। हरदीप सिंह पुरी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री। डॉ. मनसुख मंडाविया श्रम और रोजगार मंत्री और युवा मामले और खेल मंत्री। जी. किशन रेड्डी कोयला मंत्री और खान मंत्री। चिराग पासवान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री। सी आर पाटिल जल शक्ति मंत्री।

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

राव इंद्रजीत सिंह सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री। डॉ. जितेंद्र सिंह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री। अर्जुन राम मेघवाल कानून एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री। जाधव प्रतापराव गणपतराव आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री। जयंत चौधरी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री।

राज्य मंत्री

जितिन प्रसाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री। श्रीपद येसो नाइक ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री। पंकज चौधरी वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री। कृष्ण पाल सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री। रामदास अठावले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री। राम नाथ ठाकुर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री। नित्यानंद राय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री। अनुप्रिया पटेल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री। वी. सोमन्ना जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री। डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री। प्रो. एस.पी. सिंह बघेल मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री। सोभा करंदलाजे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री। कीर्तिवर्धन सिंह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री। बी.एल. वर्मा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री। शांतनु ठाकुर बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री। डॉ. एल. मुरुगन सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा संसदीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री। अजय टम्टा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री। बंदी संजय कुमार गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री। कमलेश पासवान ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री। भागीरथ चौधरी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री। सतीश चंद्र दुबे कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा खान मंत्रालय में राज्य मंत्री। संजय सेठ रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री। रवनीत सिंह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री। दुर्गादास उइके जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री। सुकांत मजूमदार शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री। सावित्री ठाकुर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री। तोखन साहू आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री। राजभूषण चौधरी जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री। भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री। हर्ष मल्होत्रा कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री। निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री। मुरलीधर मोहोल सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री। पबित्र मार्गेरिटा विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री।

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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा के मुख्यमंत्री की नियुक्ति के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। दोनों केन्द्रीय मंत्री ओडिशा रवाना हो गए हैं। इसकी घोषणा रविवार देर रात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में की।

विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड ने ओडिशा में पार्टी के विधान सभा के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि ओडिशा के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 12 जून को होगा। इस महत्वपूर्ण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे।

147 सीटों वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने 78 सीटें हासिल कीं। बीजेडी ने 51 सीटें हासिल कीं, जो बहुमत के 74 के आंकड़े से काफी पीछे हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 14 सीटें हासिल कीं।

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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने तीसरे कार्यकाल का पदभार संभालते ही किसानों को ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किस्त जारी करने से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किया। इससे 9.3 करोड़ किसानों को लाभ होगा और लगभग 20 हजार करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में वितरित किए जा रहे हैं।

फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसलिए यह उचित है कि कार्यभार संभालते ही जिस पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए जाएं वह किसान कल्याण से संबंधित हो। हम आने वाले समय में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए और भी अधिक काम करते रहना चाहते हैं।

मोदी सरकार में मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों को सहायता देने वाली इस योजना की अब तक की 16 किस्तों में 12 करोड़ 33 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 3 लाख करोड़ से अधिक सीधे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत वितरित किये गए हैं। यह निर्णय बताता है कि एनडीए सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है। वे इस कल्याणकारी निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश के करोड़ों किसानों की ओर से आभार व्यक्त करते हैं।

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नई दिल्ली, 09 जून (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में रविवार को आयोजित समारोह में उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इसी के साथ मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। पंडित नेहरू वर्ष 1952, 1957 एवं 1962 का आम चुनाव जीतकर लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बने थे। वहीं मोदी वर्ष 2014 एवं 2019 का आम चुनाव जीतकर क्रमशः पहली एवं दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। अब उन्होंने तीसरी बार शपथ ली है।

शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’, बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और माॅरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ भी मौजूद रहे।

इसके अलावा कार्यक्रम में देशभर के नेता, मुख्यमंत्री, विपक्षी नेता, सांसद, फिल्मी हस्तियां, उद्योगपति, साधु-संत और आमजन मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता, उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, फिल्म अभिनेता रजनीकांत, शाहरूख खान, अक्षय कुमार, अभिनेत्री रविना टंडन जैसी जानीमानी हस्तियां मौजूद रही।

उल्लेखनीय है कि मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संसदीय दल के नेता चुने गए थे। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा-नीत राजग ने 295 सीटें जीती हैं। इसमें भाजपा 240, तेदेपा 16, जदयू 12, शिवसेना (शिंदे गुट) 07, लोजपा (राम विलास) 05, जनसेना पार्टी 02, रालोद- 02,, राकांपा (अजित पवार) 01, अपना दल (एस) 01 और हम (सेकुलर) की 01 सीट शामिल है।

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नई दिल्ली/वाराणसी, 09 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रविवार को आयोजित समारोह में उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। पंडित नेहरू वर्ष 1952, 1957 एवं 1962 का आम चुनाव जीतकर लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बने थे।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए मोदी का जन्म गुजरात के वडनगर में 17 सितंबर 1950 को हुआ। जब वे 8 साल के थे तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। साल 1970 में वह संघ के प्रचारक बन गये। 1975 संघ द्वारा मोदी को ‘गुजरात लोक संघर्ष समिति’ का महासचिव नियुक्त किया गया था। आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए मोदी को अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह सरकार का विरोध करने वाली पम्फलेट की प्रिंटिंग में शामिल थे।

सूरत एवं वडोदरा में होने वाले संघ के कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे। वर्ष 1979 में वह संघ के संभाग प्रचारक बनाए गए। 1987 में मोदी को भाजपा की गुजरात इकाई के संगठन सचिव का दायित्व मिला। मोदी को 1996 में भाजपा के महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत दिया गया। मोदी ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा और 1991 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्ष 2001 केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और भाजपा ने उप चुनावों में कुछ राज्य विधानसभा सीटें खो दी। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पटेल की जगह मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी। सात अक्टूबर 2001 को मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 24 फरवरी 2002 को उन्होंने राजकोट विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीता। तब से लेकर लगातार मई 2014 तक वह गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहे। इसके बाद वे 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बने।

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भोपाल/दिल्ली, 09 जून (हि.स.)। एनडीए संसदीय दल के नेता नरेन्द्र मोदी ने रविवार देर शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ली है। इनमें मध्य प्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा से नवनिर्वाचित सांसद शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं। उन्होंने केन्द्र में कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

विदिशा सीट से सांसद चुने गए शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वे विदिशा से छठी बार सांसद चुने गए हैं। शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे कद्दावर नेता हैं। वह मध्य प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। वह चार बार मप्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका कार्यकाल करीब 16.5 वर्ष का रहा।

पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में जब भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 163 सीटें जीतीं, तब अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने जब डॉ मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई, तो शिवराज ने शालीनतापूर्वक इस फैसले को शिरोधार्य किया।

शिवराज सिंह चौहान ने राजनीति में कदम रखने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया था। वह छह बार उस सीट से सांसद हैं, जहां से कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सांसद थे। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने से पहले शिवराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में उन्हें ‘मामा’ नाम से भी पुकारा जाता है।

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दिल्ली/लखनऊ, 09 जून (हि.स.)। लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने रविवार को मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। राजनाथ सिंह तीसरी बार लखनऊ संसदीय सीट से निर्वाचित हुए हैं। मोदी सरकार 2.0 में राजनाथ सिंह के पास रक्षा मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी थी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह ने गृह मंत्रालय को बखूबी संभाला था। राजनाथ सिंह ने हिन्दी में पद व गोपनीयता की शपथ ली।

राजनाथ सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के बभोरा गांव में पिता राम बदन सिंह और मां गुजराती देवी के घर हुआ था। उनका जन्म किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के एक स्थानीय स्कूल से प्राप्त की और गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी के परिणाम प्राप्त करते हुए भौतिकी में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने केबी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज मीरजापुर में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में काम किया। उनके भाई का नाम जयपाल सिंह है।

राजनाथ सिंह 1964 में 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। 1969 और 1971 के बीच वे गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठनात्मक सचिव थे। वे वर्ष 1972 में मीरजापुर के महासचिव भी बने। 2 वर्ष बाद वर्ष 1974 में वे राजनीति में आए, 1974 में ही उन्हें भारतीय जनसंघ की मीरजापुर इकाई का सचिव नियुक्त किया गया। 1975 में उन्हें जनसंघ का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्ष 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन से जुड़ने के लिए उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।

जेल से रिहा होने के बाद राजनाथ सिंह जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1977 में मीरजापुर से विधान सभा चुनाव लड़ा। उन्होंने सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा और मीरजापुर से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए। वह वर्ष 1980 में भाजपा के सदस्य बने और पार्टी के शुरुआती सदस्यों में से एक थे। 1991 में, जब भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई, तो उन्हें शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की प्रमुख विशेषताओं में नकल विरोधी अधिनियम-1992 शामिल था, जिसने नकल को गैर-जमानती अपराध बना दिया, विज्ञान के ग्रंथों का आधुनिकीकरण किया और वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में शामिल किया।

अप्रैल 1994 में राजनाथ सिंह राज्यसभा के लिए चुने गए। 1999 में वह भूतल परिवहन के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने। 2000 में वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत करीब थे और राज्य के लोगों के बीच उनकी बहुत साफ छवि थी। साल 2002 में उन्होंने दो साल के अंदर ही यूपी के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि उस समय जमीनी परीक्षण (प्लोर टेस्ट) के दौरान भाजपा सरकार अल्पमत में थी। निम्नलिखित कारणों से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।

2003 में राजनाथ सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री और बाद में खाद्य प्रसंस्करण के लिए नियुक्त किया गया था। इस अवधि के दौरान उन्होंने किसान कॉल सेंटर और कृषि आय बीमा योजना सहित कुछ युगांतरकारी परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने कृषि ऋण पर ब्याज दरों को कम किया और किसान आयोग की स्थापना की और फार्म आय बीमा योजना शुरू की।

मुहम्मद अली जिन्ना पर विवादास्पद बयानों के कारण प्रमुख व्यक्ति लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे के बाद, वे 31 दिसंबर 2005 को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने, इस पद पर वे 19 दिसंबर 2009 तक रहे। 24 जनवरी 2013 को, वह अपने लिए अध्यक्ष चुने गए। 2013 में नितिन गडकरी के पद छोड़ने के बाद दूसरा कार्यकाल। उन्होंने 2014 के भारतीय आम चुनाव के लिए भाजपा के अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें भाजपा के भीतर विरोध के बावजूद नरेन्द्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना शामिल था। पार्टी की शानदार जीत के बाद, उन्होंने 26 मई 2014 को गृह मंत्री का पद संभालने के लिए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

अमित शाह को गृह मंत्रालय दिए जाने के बाद 31 मई 2019 को राजनाथ सिंह भारत के रक्षा मंत्री बने। रक्षा मंत्री होने के बाद उन्होंने भारत की रणनीतिक दृष्टि में एक सूक्ष्म बदलाव का संकेत दिया। मुख्य रूप से राष्ट्र के रक्षा बजट को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया और अन्य देशों से हथियारों के आयात को कम करने और देश को हथियार उद्योग के साथ एक हथियार निर्यातक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे में हाथ नहीं डाल सकता। अब समय आ गया है कि भारत को प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में उभरने की जरूरत है।’

परिचय-

नाम: राजनाथ सिंह

उम्र: 73 वर्ष

शिक्षा : एमएससी

दल : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)

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नई दिल्ली, 9 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उनके साथ आज 30 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री और 5 सांसदों ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली। सभी ने हिन्दी में शपथ ली।

मोदी 2.0 में शामिल ज्यादातर मंत्री इस बार भी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। शीर्ष तीन नेताओं में राजनाथ, अमित शाह और नितिन गडकरी शामिल रहे। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली। नड्डा मोदी 1.0 में मंत्री रह चुके हैं जबकि चौहान पहली बार केन्द्र में मंत्री बनाए गए हैं।

इसके बाद निर्मला सीतारमण और डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर ने शपथ ली। दोनों मोदी 2.0 में क्रमश: वित्त एवं विदेश मंत्री रहे हैं। संभावना है कि इस बार भी दोनों को यही पदभार मिले। दोनों ने अंग्रेजी ने शपथ ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस बार करनाल से चुनकर आये हैं और उन्हें भी इस बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। मनोहरलाल ने एस. जयशंकर के बाद शपथ ली।

एनडीए के सहयोगी दलों में सबसे पहले एचडी कुमारस्वामी ने शपथ ली। वे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के सुपुत्र हैं। उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली। उनके बाद पीयूष गोयल और धर्मेन्द्र प्रधान ने शपथ ली। गोयल और प्रधान दोनों पिछली मोदी सरकारों में मंत्री रहे हैं। इस बार गोयल मुंबई उत्तर से जीतकर लोकसभा में आए हैं। वे अबतक राज्यसभा में नेता सदन थे।

इसके बाद एनडीए के ही सहयोगी दल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जनता दल (यू) के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शपथ ली। इनके बाद असम के पूर्व मुख्यमंत्री और पिछली मोदी सरकार में मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा नेता डॉ विरेन्द्र कुमार ने शपथ ली।

तेलगु देशम पार्टी के नेता और तीसरी बार सांसद बने किंजरापु राम मोहन नायडू ने शपथ ली। वे मोदी 3.0 में सबसे युवा मंत्री बनने जा रहे हैं। उनके बाद प्रह्लाद जोशी ने शपथ ली। कर्नाटक से आने वाले जोशी पिछली मोदी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री रहे। इसके बाद जोएल ओराम ने मंत्री पद की शपथ ली। ओराम अटल सरकार में भी मंत्री रहे हैं और वे जनजातीय मंत्रालय के पहले मंत्री रहे हैं।

इसके बाद गिरिराज सिंह, अश्वनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेन्द्र यादव, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अन्नपूर्णा देवी, किरण रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया और जी किशन रेड्डी ने शपथ ली। ये सभी मोदी 2.0 में भी मंत्री रहे हैं। अन्नपूर्णा देवी पिछली बार राज्यमंत्री थीं। इस बार उन्हें मंत्री बनाया गया है। वे कैबिनेट में शामिल दूसरी महिला मंत्री रहीं। इनके बाद लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान और नवसारी से सांसद बने सीआर पाटिल ने शपथ ली।

इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह, डॉ जितेन्द्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, प्रतापराव जाधव और जयंत चौधरी ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली।

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नई दिल्ली, 09 जून (हि.स.)। मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भाजपा-नीत एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण से पूर्व, प्रधानमंत्री निवास पर उन सांसदों के साथ बैठक की जिनको मंत्री बनाए जाने की संभावना है। राष्ट्रपति भवन में शाम सवा 07 बजे मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।

 

सूत्रों के अनुसार बैठक में अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मनसुख मांडविया, हरदीप सिंह पुरी, बीएल वर्मा, जतिन प्रसाद, रक्षा खडसे, प्रताप जाधव, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, रामनाथ ठाकुर, चिराग पासवान, जीतन मांझी, अनुप्रिया पटेल, सर्वानंद सोनीवाल, एस. जयशंकर, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद जोशी, नित्यानंद राय, किरन रिजेजू , डॉ. जितेंद्र सिंह, सुरेश गोपीनाथ, शिवराज सिंह चौहान, जी. किशन रेड्डी , बंदी संजय कुमार, अर्जुन मेघवाल, शांतनु ठाकुर, मनोहर लाल खट्टर, कृष्णपाल गुर्जर, राव इंद्रजीत सिंह, पंकज चौधरी, सावित्री ठाकुर, राममोहन नायडू, सीआर पाटिल, रामदास आठवले, मनसुख वसावा, जयंत चौधरी, अन्नपूर्णा देवी, हर्ष मल्होत्रा, अजय टम्टा, रवनीत बिट्टू, भूपेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

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– आरएसएस को बदनाम करने का किया था प्रयास

जबलपुर, 8 जून (हि.स.)। भोजपुरी गानों से भारतीय जनता पार्टी को घेरने वाले गाने से चर्चा में आईं गायिका नेहा सिंह राठौर को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने नेहा सिंह के खिलाफ दर्ज उस आपराधिक मामले को रद्द करने से मना कर दिया, जिसमें सीधी में घटी घटना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को बदनाम करने का उन पर आरोप लगा है।

दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने आरएसएस के बारे में ट्वीट किया था। उसमें नेहा राठौर ने एक वायरल वीडियो लगाया, जिसमें दिखाया गया था कि मध्य प्रदेश के सीधी में एक आदिवासी मजदूर पर खाकी नेकर पहना व्यक्ति पेशाब कर रहा है। इसे लेकर नेहा पर यह आरोप लगा कि उन्होंने संघ के ड्रेस कोड के माध्यम से आरएसएस और भाजपा की तत्कालीन सरकार को बदनाम करने की मंशा से ये वीडियो वायरल किया। अब इसे लेकर न्यायालय ने कहा कि एक कलाकार को व्यंग्य के माध्यम से आलोचना करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन कार्टून में किसी विशेष पोशाक को जोड़ना व्यंग्य नहीं कहा जा सकता है। अभिव्यक्ति की आजादी का मौलिक अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं है, बल्कि इस पर उचित प्रतिबंध भी है।

अपना निर्णय सुनाते हुए जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कहा “चूंकि याचिकाकर्ता (नेहा) द्वारा अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया कार्टून उस घटना के अनुरूप नहीं था, जो घटित हुई थी। आवेदक द्वारा अपनी मर्जी से कुछ अतिरिक्त चीजें जोड़ी गई थीं इसलिए यह अदालत इस बात पर विचार कर रही है कि यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने अभिव्यक्ति की आजादी के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए कार्टून अपलोड किया था।”

कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने जो किया, वो बिना किसी वजह के एक खास समूह को जोड़ने वाला था। इसी वजह से ये संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के दायरे में नहीं आता और अनुच्छेद 19(2) के तहत सैटायर भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार के तहत ये कार्टून अपलोड किया। सैटायर के जरिए किसी कलाकार को निंदा करने का अधिकार है लेकिन कार्टून में एक खास परिधान दिखाने को सैटायर नहीं माना जा सकता। वहीं, कोर्ट ने नेहा सिंह राठौर से पूछा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कार्टून में विशेष विचारधारा की पोशाक क्यों जोड़ी, जबकि ये सभी को पता है कि वह आरएसएस की ड्रेस का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सच वह नहीं जो दिखाया गया, आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने के आरोपी व्यक्ति द्वारा कोई संघ पोशाक नहीं पहनी गई थी।

कोर्ट ने कहा, “विशेष पोशाक जोड़ना इस बात का संकेत था कि आवेदक यह बताना चाहती थीं कि अपराध एक विशेष विचारधारा से संबंधित व्यक्ति द्वारा किया गया था। इस प्रकार, यह सद्भाव को बाधित करने और शत्रुता, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं को भड़काने का प्रयास करने का स्पष्ट मामला था।”

जब उनके वकील ने यह बताने का प्रयास किया कि नेहा सिंह राठौर का शत्रुता को बढ़ावा देने का अपराध करने का कोई इरादा नहीं था, तब न्यायालय की ओर से कहा गया कि “मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए, यह अदालत इस बात पर विचार करती है कि हस्तक्षेप करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है।”

इसके साथ ही भोजपुरी सिंगर नेहा पर दाखिल आपराधिक केस को रद्द करने से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मना कर दिया। कोर्ट ने नेहा सिंह राठौर के वकील से ये भी पूछा था कि वो बताएं कि पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला ने पेशाब करने की घटना के वक्त वैसी ही ड्रेस पहनी थी या नहीं।

उल्लेखनीय है कि नेहा सिंह राठौर के खिलाफ इस ट्वीट पर 153ए जिसमें जाति, धर्म, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने संबंधी व्याख्या की गई है, उसके तहत केस दर्ज हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति को अर्धनग्न अवस्था में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया था। जिस पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में उनके वकील ने केस रद्द करने की अर्जी में कहा था कि उनके मुवक्किल ने 153ए का कोई उल्लंघन नहीं किया है।

वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने नेहा सिंह राठौर की अर्जी का विरोध किया और कहा कि भोजपुरी सिंगर के ट्वीट से तनाव बढ़ा और पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी की गई है।

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