नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ से जुड़ी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी। समिति ने देश में केन्द्र, राज्यों और स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने से जुड़ी व्यवस्था पर अपनी सिफारिशें प्रदान की हैं।

केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब सरकार इस विषय पर व्यापक समर्थन जुटाने का प्रयास करेगी और समय आने पर इस पर संविधान संशोधन विधेयक लाया जाएगा।

अश्वनी वैष्णव ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों और बड़ी संख्या में पार्टियों के नेताओं ने वास्तव में एक देश एक चुनाव पहल का समर्थन किया है। उच्च-स्तरीय बैठकों में बातचीत के दौरान वे अपना इनपुट बहुत संक्षिप्त तरीके और बहुत स्पष्टता के साथ देते हैं। हमारी सरकार उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास करती है, जो लंबे समय में लोकतंत्र और राष्ट्र को प्रभावित करते हैं। यह एक ऐसा विषय है, जिससे हमारा देश मजबूत होगा।

विपक्ष, खासकर कांग्रेस के इस पहल का विरोध करने के बारे में वैष्णव ने कहा कि समिति को मिली सिफारिशों पर 80 प्रतिशत से ज्यादा खासकर युवाओं ने एक साथ चुनाव कराने का पक्ष रखा है। उन्हें लगता है कि आने वाले समय में विपक्ष इस संबंध में आंतरिक दबाव महसूस कर सकता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के मौजूदा कार्यकाल में एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू किया जाएगा।

वैष्णव ने कहा कि देश में 1951 से 1967 तक एक साथ चुनाव होते रहे हैं। इसके बाद 1999 में विधि आयोग ने अपनी 170वीं रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि पांच साल में लोकसभा और सभी विधानसभाओं का एक चुनाव होना चाहिए ताकि देश में विकास होता रहे। उन्होंने बताया कि 2015 में संसदीय समिति ने अपनी 79वीं रिपोर्ट में सरकार से दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने के तरीके सुझाने को कहा था। इसके बाद, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया और उस समिति ने राजनीतिक दलों, न्यायाधीशों, संवैधानिक विशेषज्ञों सहित हितधारकों के व्यापक स्पेक्ट्रम से व्यापक परामर्श किया।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। समिति ने इस संबंध में विभिन्न पार्टियों और हितधारकों से इस पर विचार किया और पिछली सरकार के दौरान ही अपनी सिफारिशें दीं। इसमें प्रस्ताव किया गया है कि एक अवधि के बाद सभी राज्यों की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल छोटा कर एक साथ चुनाव करायें जायें। केन्द्र और विधानसभा में चुनाव के थोड़े समय बाद ही नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव कराए जायें। बहुमत न मिलने और अल्पमत की स्थिति में दोबारा चुनाव कराए जाने पर कार्यकाल केवल बाकी बचे समय के लिए हो।

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मथुरा, 19 सितम्बर (हि.स.)। मथुरा जंक्शन पर बुधवार रात कोयला लदी मालगाड़ी के 27 डिब्बे पटरी से उतर गए। कपलिंग टूटने से वैगन एक दूसरे पर चढ़ गए और पलट गए। हादसे से डाउन और अप लाइनों पर कोयले का ढेर लग गया, जिससे रेल यातायात ठप हो गया। 12 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद मथुरा-दिल्ली के बीच साढ़े दस बजे चौथी लाइन चालू कर दी गई। अन्य तीनों लाइनों पर रेल यातायात फिलहाल ठप है। रेलवे की राहत टीम और अधिकारीगण मौके पर मौजूद हैं। स्टेशन डायरेक्टर मथुरा जंक्शन एसके श्रीवास्तव ने हादसे की पुष्टि की है।

मालगाड़ी नंबर एसटीपीबी झारखंड से सूरतगढ़ थर्मल प्लांट के लिए कोयला लेकर जा रही थी। इस गाड़ी में 59 डिब्बे थे। बुधवार रात करीब 07ः54 बजे जब यह गाड़ी वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन से करीब 800 मीटर आगे निकली तो मथुरा में पिलर संख्या 1408/14 के पास मालगाड़ी के 59 में से 27 डिब्बे डिरेल हुए। मौके पर हाल यह था कि कई डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे। गाड़ी के पटरी से उतरने से वहां तेज आवाज हुई। मालगाड़ी पटरी से पलटने की जानकारी मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। तुरंत ही राहत ट्रेन मौके की ओर रवाना कर दी गई। रेलवे के डीआरएम और स्टेशन डायरेक्टर मौके पर पहुंच गये। मौके पर देखा गया कि इंजन की कपलिंग टूटी हुई थी और उसके पीछे के करीब 27 डिब्बे पटरी से उतरे हुए थे।

मालगाड़ी पलटने के बाद सभी चारों लाइनों पर यातायात ठप हो गया था। चौथी लाइन सुरक्षित लग रही थी लेकिन पहले रेलवे अधिकारियों ने उसे परखा और उसके बाद सबसे पहले एक मालगाड़ी को रात करीब 10ः30 बजे यहां से गुजारा गया। उसके सकुशल गुजर जाने के बाद इस लाइन पर झांसी से दिल्ली जाने वाली शताब्दी को गुजारा गया।

डीआरएम तेज प्रकाश अग्रवाल के अनुसार मालगाड़ी एसटीपीबी कोयला लेकर सूरतगढ़ थर्मल प्लांट जा रही थी। रात करीब 07ः54 बजे यह हादसा हुआ। मालगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गये हैं। तीन लाइनें प्रभावित हैं। चौथी लाइन से रेल यातायात सुचारू कर दिया गया है। इस हादसे के कारण कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है, जबकि कुछ को रद्द किया गया है। हादसे में कोई साजिश है या नहीं, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी हम रेल यातायात सुचारू करने में लगे हैं।

वहीं, कोसीकलां स्टेशन प्रबंधक राजू मीणा ने बताया कि हजरत निजामुद्दीन से चलकर हैदराबाद जाने वाली तेलंगाना एक्सप्रेस को कोसीकलां रेलवे स्टेशन से वापस हजरत निजामुद्दीन स्टेशन की ओर रवाना कर दिया गया। अब तेलंगाना एक्सप्रेस बदले रूट से हैदराबाद जाएगी।

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय प्राचीन श्री विजय साम्राज्य से प्रेरणा लेते हुए क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।”

उन्होंने आगे कहा, ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है। इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है।

शाह ने कहा, “यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।”

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। उन्हें आज सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। जेल से बाहर आने पर पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने उनका स्वागत किया।

केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद बाहर आकर अपने चिर परिचित अंदाज में समर्थकों और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बाबा साहब के संविधान की ताक़त है कि दिल्ली का बेटा लौट आया है, अब क्रांति की मशाल फिर से जलेगी।

उन्होंने कहा, “मैं आज जेल से 100 गुना ज़्यादा हौसले और ताक़त के साथ बाहर आया हूं। इनकी जेल की सलाख़ें और दीवार मेरे हौसले को कम नहीं कर सकीं।”

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दे दी। जमानत की शर्तों में उन्हें मामले से जुड़ी फाइलों और व्यक्तियों से दूर रहने को कहा गया है। साथ ही वे केस के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकते। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य भी नहीं कर सकते।

सुबह जमानत मिलने के बाद से ही पार्टी कार्यकर्ताओं में जश्न का महौल है। मुख्यमंत्री को जेल से बाहर आने पर देशभर से नेताओं की बधाई मिल रही है।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (हि.स.)। प्रसिद्ध बाॅलीवुड फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन गृह मंत्रालय की साइबर अपराधों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम से जुड़े हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश भी दिया है। इसे साझा करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय देश में एक सुरक्षित साइबर स्पेस बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने साइबर-सुरक्षित भारत के निर्माण के मिशन को गति देने में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को धन्यवाद दिया।

मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने आज एक वीडियो संदेश में कहा कि देश और दुनिया में बढ़ता साइबर अपराध चिंता का विषय है। गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए लगातार काम कर रहा है। वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुरोध पर इस अभियान में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर देश को इस समस्या से मुक्ति दिलानी चाहिए। हमारी थोड़ी सी सतर्कता और सावधानियां हमें साइबर अपराधियों से बचा सकती हैं।

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मुंबई, 11 सितंबर (हि.स.)। बॉलीवुड एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा के पिता ने एक बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली है। सूचना पर पुलिस माैके पर पहुंच गई है।उनके आत्महत्या करने के कारण का अभी खुलासा नहीं हुआ है।

बांद्रा इलाके में स्थित अल्मेडा पार्क बिल्डिंग से अभिनेत्री मलायका अराेड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने बुधवार सुबह 9 बजे सातवीं मंजिल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि अनिल अरोड़ा ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया। अनिल अरोड़ा के निधन की खबर मिलने मलायका अरोड़ा के पूर्व पति अरबाज खान उनके घर पहुंचे हैं। अरबाज के वहां पहुंचने का वीडियो भी शेयर किया है। अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा पुणे में थीं। पिता के निधन की खबर सुनकर वह मुंबई के लिए रवाना हो गईं हैं।

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ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश), 11 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कुछ दूर यहां इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया-2024 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता अब वैश्विक चर्चा के केंद्र में है।

भारत स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ”हम हरित ऊर्जा पर अपनी पेरिस प्रतिबद्धता को पूरा करने वाले जी 20 देशों में से पहले थे। यह प्रतिबद्धता 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले ही पूरी कर ली गई। पिछले 10 वर्ष में भारत की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले एक दशक में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 3,000 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। लेकिन हम ऐसी उपलब्धियों पर आराम नहीं कर रहे । हम मौजूदा समाधानों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम नए और नवोन्वेषी क्षेत्रों पर भी विचार कर रहे हैं। यहीं पर हरित हाइड्रोजन तस्वीर में आती है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”हरित हाइड्रोजन विश्व के ऊर्जा परिदृश्य में एक आशाजनक वृद्धि के रूप में उभर रहा है। यह उन उद्योगों को डी-कार्बोनाइजिंग करने में मदद कर सकता है जिन्हें विद्युतीकृत करना मुश्किल है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन बेहतरी के लिए कई विचारों के आदान-प्रदान में मदद करेगा। अतीत में मानवता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। हर बार, हमने सामूहिक और नवीन समाधानों के माध्यम से प्रतिकूलताओं पर विजय प्राप्त की। सामूहिक और नवोन्वेषी कार्यों की इसी भावना के साथ हम एक स्थायी भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।”

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस विजन के अनुरूप, सेमीकॉन इंडिया-2024 का आयोजन किया गया है। इसका समापन 13 सितंबर को होगा। इसका विषय शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर है।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत की सेमीकंडक्टर संबंधी रणनीति और नीति का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें भारत को सेमीकंडक्टर के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना की गई है। इसमें वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गजों के शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी देखने को मिलेगी। इस सम्मेलन में 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता हिस्सा ले रहे हैं।

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों को अब 20 किलोमीटर के दायरे में आवाजाही के लिए कोई टोल शुल्क नहीं देना हाेगा। अगर यात्रा की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक है, तभी यात्रा के दाैरान तय की गई दूरी के लिए शुल्क लिया जाएगा। इसे लेकर सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साेमवार को अधिसूचना जारी की।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रहण) नियम, 2008 में हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य टोल संग्रहण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।

मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के तहत “राष्ट्रीय परमिट वाहन के अलावा किसी यांत्रिक वाहन का चालक, स्वामी या प्रभारी व्यक्ति जो राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाइपास या सुरंग का उपयोग करता है, तब उससे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रहण प्रणाली के तहत एक दिन में प्रत्येक दिशा में बीस किलोमीटर की यात्रा तक शून्य-उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाएगा। यदि यात्रा की गई दूरी बीस किलोमीटर से अधिक है, तो वास्तविक यात्रा की गई दूरी के लिए शुल्क लिया जाएगा।”

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नई दिल्ली, 09 सितंबर (हि.स.)। देश में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। एक दिन पहले ही संदिग्ध मरीज को अस्पताल में आइसोलेट किया गया था। उसके सैंपल की जांच में एमपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है। ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है और लोगों को नही घबराने की सलाह दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन और कड़ी निगरानी में रखा हुआ है और फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है।

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कोलकाता, 09 सितंबर (हि.स.) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्थानीय रथींद्र मंच में आयोजित प्रबोधन वर्ग में अपने संबोधन में स्वयंसेवकों को बड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आप अगर संघ में आते हैं तो सेवा भाव से आइए। राष्ट्र के लिए समर्पित रहिए। अगर आप सोचेंगे कि यहां आकर नेता बनेंगे और टिकट मिलेगा तो यह भूल जाइए।

उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी विचार रखे। संघ प्रमुख ने सरकार को सलाह दी कि जनगणना के आंकड़ों का उपयोग विभिन्न विकास योजनाओं के लिए किया जाना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इन आंकड़ों का दुरुपयोग वोट बैंक की राजनीति के लिए न हो।

संघ के पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों के लिए रविवार रात आयोजित विशेष कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के लिए समाज के विभिन्न तबकों के आंकड़ों की आवश्यकता पड़ सकती है। परंतु इस बात की गारंटी होनी चाहिए कि यह डेटा राजनीतिक लाभ के लिए न इस्तेमाल हो।

संघ प्रमुख ने संबोधन में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर भी चर्चा की। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पहल ‘मिशन साहसी’ का जिक्र किया, जो समाज के हर क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि देश में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता है।

डॉ. भागवत ने शिक्षा व्यवस्था की औपनिवेशिक मानसिकता पर भी चिंता व्यक्त की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में समग्र शिक्षा के “डिकोलोनाइजेशन” (औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति) की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में ऐसे बदलाव किए जाने चाहिए, जो हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति को समझने और आगे बढ़ाने में सहायक हों।

सरसंघचालक ने “राष्ट्रहित सर्वोपरि” और “वसुधैव कुटुंबकम” के सिद्धांतों पर आधारित संघ के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में ‘स्वबोध’ (आत्मबोध) की भावना होनी चाहिए और समाज को संघ और उसके कार्यों को हर वर्ग से समझने का प्रयास करना चाहिए।

स्वतंत्रता संग्राम में संघ की भूमिका पर चर्चा करते हुए भागवत ने संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार और अनुशीलन समिति के प्रमुख क्रांतिकारियों जैसे त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती के बीच के संबंधों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज कोलकाता में अपने प्रवास के दौरान क्रांतिकारियों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में संघ की भूमिका का भी उल्लेख किया।

संघ प्रमुख भागवत ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 1943 हो या 1971 या उसके बाद जब भी ऐसी स्थिति बनी बांग्लादेश के हिंदू भाग कर भारत आए। इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि वहां से हिन्दू भागे नहीं बल्कि संगठित होकर सड़कों पर उतरे। यह अच्छे संकेत हैं। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा, “अगर आपके पास एक थीम है, तो हमारे पास एक टीम है। और अगर आपके पास एक टीम है, तो हमारे पास एक थीम है।” उनके इस संदेश ने संघ के कार्य करने के तरीके और विचारधारा को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। सरसंघचालक ने एक बार फिर से संघ के विचारों और दृष्टिकोण को समाज के सामने रखा, और संघ के सेवा भाव और राष्ट्रभक्ति को और अधिक सशक्त रूप से सामने लाने का आह्वान किया।

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बाड़मेर, 03 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान में बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस के पास भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। विमान में दो पायलट थे। दोनों सुरक्षित है। एयरफोर्स ने हादसे की पुष्टि करते हुए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदे दिए गए हैं।

वायुसेना ने एक्स हैंडल पर लिखा है, “बाड़मेर सेक्टर में नियमित रात्रि प्रशिक्षण मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग-29 में गंभीर तकनीकी खराबी आ गई। इसके कारण पायलट को विमान से बाहर निकलना पड़ा। पायलट सुरक्षित हैं और किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।”

पुलिस के अनुसार सोमवार रात करीब 10 बजे फाइटर प्लेन रहवासी ढाणी से दूर जाकर क्रैश हो गया। विमान के क्रैश होने के बाद तेज धमाके के साथ आग लग गई। हादसे की सूचना मिलने पर बाड़मेर कलेक्टर निशांत जैन, जिला पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मीणा के अनुसार कलेक्टर का कॉल आया था कि कवास के पास फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। जहां विमान क्रैश हुआ, उसके पास आबादी वाला इलाका है। पायलट प्लेन को आबादी से दूर खेत की तरफ ले गए। हादसे के बाद 400 मीटर एरिया को एयरफोर्स ने सीज कर दिया है। दोनों पायलटों ने विमान क्रैश होने से पहले ही इजेक्ट (विमान से बाहर निकलना) कर लिया था।

ग्रामीण नीमराज ने बताया कि हम खाना खाकर घर के बाहर बैठे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। ऐसा लगा जैसे कि बिजली गिरी हो। इसी दौरान पास की ढाणी से कॉल आई तो हम वहां पहुंचे। वहां देखा तो फाइटर प्लेन था, जिसमें आग लगी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक पायलट क्रैश वाली जगह से 1 किलोमीटर पहले ही फाइटर प्लेन से निकल गया था। दूसरा पायलट शहीद हुकम सिंह की ढाणी के पास मिला। दोनों सुरक्षित हैं।

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-बंगाल में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार सजग रहे
-महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर कानून का त्वरित पालन हो, उनकी सुरक्षा के लिए समग्रता में प्रयास हो
-आरक्षण में परिवर्तन के लिए प्रभावित होने वालों की सहमति और सहभागिता आवश्यक

नई दिल्ली, 2 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने साफ तौर पर कहा है कि जातिगत जनगणना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए, न कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे संवेदनशील विषय को उभारना चाहिए।

रा.स्व.संघ की समन्वय बैठक के बाद एक सवाल के जवाब में अ.भा. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने साफ किया कि देश व समाज की एकता और अखंडता हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। राजनीतिक लाभ के लिए देश और समाज को बांटने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। आरक्षण के विषय पर भी संघ की नीति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हम हमेशा से संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करते आए हैं। इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन संबंधित पक्षों और लाभार्थियों को विश्वास में लेकर ही करना चाहिए। यहां भी उद्देश्य राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद पालक्काड में आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में संघ के प्रचार प्रमुख ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के उत्थान और उनके लिए योजना बनाने के समाज के सभी वर्गों के आंकड़े जुटाना अनुचित नहीं है। यह पहले भी किया जाता रहा है। पर इसका उद्देश्य समाज में विभेद पैदा करना नहीं होना चाहिए।

पालक्काड में 31 अगस्त से 02 सितम्बर तक चली संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में सभी ज्वलंत राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर व्यापक और चर्चा हुई। बैठक में बांग्लादेश के हालात और पश्चिम बंगाल में हुई घटना पर भी चर्चा हुई है। सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में बंगाल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ हुए घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई है। संघ का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ देशभर में हो रहे अपराधों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इसके लिए सख्त कानूनों और शीघ्र न्याय के अलावा समाज में जागरुकता, परिवारों में संस्कार, शिक्षा पर ध्यान और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ ने अपने शताब्दी वर्ष ( 100 वर्ष पूर्ण) होने पर जो पंच अभियान चलाने का निश्चय किया है, उसमें कुटुम्ब प्रबोधन और सामाजिक समरसता को प्राथमिकता दी है, जिसमें इन दोनों सामाजिक चुनौतियों का समाधान निहित है।

संघ की समन्वय बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई और उस पर व्यापक चर्चा की गई। संघ का कहना है कि वैश्विक स्तर से लेकर भारत के अनेक सामाजिक संगठनों ने भारत सरकार को प्रतिवेदन सौंपे हैं। हमारा मानना है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से संवाद बनाए रखना चाहिए और पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए।

महिला सशक्तीकरण के बारे में पत्रकार वार्ता के शुरूआत में ही संघ के प्रचार प्रमुख ने बताया कि समन्वय बैठक में कुल 300 प्रतिनिधियों में 32 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुईं। गत एक वर्ष में पूरे देश में मातृशक्ति के 472 सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें 5 लाख 75 हजार से अधिक माताओं-बहनों ने भागीदारी की। भारतीय चिंतन दृष्टि से समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और उनके सशक्तीकरण के लिए महिला सम्मेलनों में गंभीर चिंतन हुए हैं। समन्वय बैठक में उस पर आगे की योजना पर विचार हुआ है। उन्होंने बताया कि बैठक में आने वाले समय में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती को व्यापक स्तर पर धूमधाम से मनाने की कार्ययोजना पर भी विचार हुआ।

प्रचार प्रमुख ने बताया कि बैठक में तमिलनाडु में चल रही मिशनरी गतिविधियों पर ध्यान दिलाया गया। इसमें बताया गया कि बड़े स्तर पर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस पर आगे जमीनी हालात जानने के लिए रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके साथ ही हाल ही में वायनाड में आए भूस्खलन में संघ और सेवाभारती के कार्यकर्ताओं के सेवाकार्यों की जानकारी दी गई, साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी विचार किया गया।

संघ की समन्वय बैठक में शामिल सभी संगठनों ने संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान अपने अपने क्षेत्र में किस प्रकार योजना बनाकर पंच परिवर्तन के लिए कार्य करेंगे, इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत की। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का आधार मानकर जिन पांच आयामों को निर्धारित किया है, वे हैं- (1) स्व का बोध (2) नागरिक कर्तव्य (3) पर्यावरण (4) सामाजिक समरसता और (5) कुटम्ब प्रबोधन। इन पांच आयामों से ही देश और समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित है।

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