नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (हि.स.)। भारत ने नई दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग में कार्यरत प्रभारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर सहित छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इन राजनयिकों से कहा गया है कि वे आगामी 19 अक्टूबर को मध्य रात्रि से पहले भारत छोड़ दें।

निष्कासित किए गए छह राजनयिकों के नाम हैं-

1. स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, कार्यवाहक उच्चायुक्त

2. पैट्रिक हेबर्ट, उप उच्चायुक्त

3. मैरी कैथरीन जोली, प्रथम सचिव

4. लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, प्रथम सचिव

5. एडम जेम्स चुइपका, प्रथम सचिव

6.  पाउला ओरजुएला, प्रथम सचिव

उल्लेखनीय है कि कनाडा सरकार की ओर से भारतीय राजनयिकों को आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रभारी उच्चायुक्त को तलब कर विरोध दर्ज कराया था। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि राजनयिकों पर खतरे के मद्देनजर भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा सहित कुछ भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है। इन राजनयिकों को कनाडा सरकार की ओर से निशाना बनाया जा रहा था। कनाडा के राजनयिक ने विदेश मंत्रालय से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा था कि कनाडा सरकार की ओर से भारत को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए गए हैं, जिन पर भारत को कार्रवाई करनी चाहिए। कनाडा सरकार के अनुसार भारतीय राजनयिक और सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हैं। पिछले वर्ष कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था।

भारत और कनाडा के मध्य राजनयिक टकराव के बीच कनाडा और अमेरिका की मीडिया में इस आशय पर रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि भारतीय उच्चाचुक्त संजय कुमार वर्मा सहित कुछ भारतीय राजनयिकों को कनाडा से निष्कासित कर दिया गया है।

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भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम को फौलादी और अभेद्य बनाने वाले पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को दुनिया भर में वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के तौर पर मनाया जाता है. 

बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व वाले मृदुभाषी कलाम की देख रेख में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में विकास किया।

15 अक्टूबर 1931 को जन्मे कलाम देश के युवाओं को देश की सच्ची पूंजी मानते थे और बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते थे।

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (हि.स.)। सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय ने सोमवार को नई दिल्ली में महानिदेशक चिकित्सा सेवा (नौसेना) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने पैथोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल की है और वे नई दिल्ली के एम्स से ऑन्को पैथोलॉजी में सुपर स्पेशलाइज्ड हैं।

फ्लैग ऑफिसर को 30 दिसंबर, 1986 को सेना चिकित्सा कोर में कमीशन दिया गया था। प्रतिष्ठित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय पुणे की पूर्व छात्रा कविता सहाय आर्मी रिसर्च और रेफरल अस्पताल तथा बीएचडीसी में प्रोफेसर और लैब साइंसेज विभाग की प्रमुख रही हैं।

वह पुणे के सशस्त्र सेना मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग में भी प्रोफेसर रही हैं। यह पदभार संभालने से पहले वह आर्मी मेडिकल सेंटर की पहली महिला कमांडेंट थीं। वह सेना चिकित्सा कोर की कर्नल कमांडेंट के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। उन्हें 2013-14 में फिलाडेल्फिया, यूएसए से मेडिकल शिक्षा के उन्नयन के लिए प्रतिष्ठित फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च फेलोशिप से सम्मानित किया गया था।

विशिष्ट सेवा के सम्मान में फ्लैग ऑफिसर को 2024 में सेना पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2008 और वर्ष 2012 में दो बार सेना प्रमुख और 2010 में जीओसी-इन-सी (डब्ल्यूसी) की ओर से उनकी सराहना की गई है।

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मुंबई, 14 अक्टूबर (हि.स.)। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार मास्टरमाइंड प्रवीण लोणकर को मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 21 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। उसे मुंबई पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार करके आज कोर्ट में पेश किया था। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि प्रवीण लोणकर ने ही पुणे में बाबा सिद्दीकी की साजिश रची थी और अन्य पांच लोगों को शामिल करके इस घटना को अंजाम दिया है।

मुंबई पुलिस ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि बांद्रा इलाके में हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक छह संदिग्धों की पहचान की है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपितों में गुरमेल सिंह, शिव कुमार गौतम, धर्मराज कश्यप, मोहम्मद जीशान अख्तर, प्रवीण लोनकर और शुभम लोनकर शामिल हैं। पुलिस ने अब तक गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और प्रवीण लोणकर को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पोस्ट में हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले शुभम लोणकर को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उसने ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि बाबा सिद्दीकी की हत्या बिश्नोई गिरोह ने ही की है, जिसे उसके भाई प्रवीण लोणकर ने भी शेयर किया था।

अब तक की जांच के अनुसार शिव कुमार गौतम और धर्मराज कश्यप पुणे में प्रवीण लोणकर की डेयरी के पास एक कबाड़ की दुकान में काम करते थे। लोणकर भाइयों ने कथित तौर पर गौतम और कश्यप को अपराध करने के लिए भर्ती किया था। जीशान अख्तर पर तीनों शूटरों को संगठित करने का संदेह है। अख्तर इस साल 7 जून को जेल से रिहा होने के बाद गुरमेल सिंह से मिला था। पुलिस का अनुमान है कि जेल में रहने के दौरान अख्तर को बिश्नोई गिरोह के सदस्यों ने बाबा सिद्दीकी या उनके बेटे जीशान सिद्दीकी की हत्या करने के लिए अनुबंधित किया था। इस मामले में अभी भी तीन आरोपित फरार हैं। इन तीनों फरार आरोपितों की तलाश के लिए मुंबई पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान गई हैं।

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चंडीगढ़, 12 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम तीसरी बार बदलाव के साथ अब तय हो गया है। नायब सैनी और उनके मंत्री अब 17 अक्टूबर को पंचकूला में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख नेता भी मौजूद रहेंगे।

इससे पहले 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह के लिए परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों में रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी करते हुए बसों की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद कार्यक्रम में बदलाव हुआ और पंचकूला में 15 अक्टूबर को आयोजित करने की बात कही गयी। हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की तरफ से शुक्रवार को एक पत्र जारी करके पंचकूला के जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक आयोजन कमेटी का गठन तक कर दिया गया था। यह कमेटी अपने कार्यों में जुटी हुई थी। इस बीच शनिवार को फिर से कार्यक्रम में बदलाव करते हुए अब 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण रखा गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस कार्यक्रम के आयोजन की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद ही पंचकूला में यह कार्यक्रम तय किया जा रहा है।

मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेज दिया गया है। इसके अलावा धर्म गुरु, संत महात्मा भी अपना आशीर्वाद देने के लिए इस समारोह में पहुंचेंगे। इस बीच पंचकूला के सेक्टर-पांच स्थित परेड ग्राउंड में होने वाले शपथग्रहण समारोह को लेकर हरियाणा के एडीजीपी सीआईडी तथा अन्य आला अधिकारियों ने आज यहां का दौरा किया। सूत्रों के अनुसार समारोह स्थल पर 50 हजार लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके चलते शनिवार को दशहरे के दौरान भी भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पंचकूला में बैठक करके सभी नवनिर्वाचित विधायकों तथा संगठन के नेताओं को इस बारे में निर्देश जारी किए।

प्रत्येक जिला मुख्यालय पर बसें भेजने को लेकर रणनीति तैयार की गई है। इसके अलावा विधायकों से रविवार तक यह जानकारी मांगी गई है कि वह अपने हलकों से कितनी गाडिय़ां और कितने व्यक्तियों को लेकर शपथ ग्रहण समारोह में आ रहे हैं। भाजपा संगठन ने इस बात पर फोकस कर दिया है कि शपथ ग्रहण समारोह को विजय रैली में तबदील कर दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को लेकर भी मंथन चल रहा है। आमतौर पर इस तरह के कार्यक्रमों में राज्यपाल के उपस्थित होने तथा शपथ ग्रहण का प्रोटोकॉल होने के कारण राजनीतिक भाषण नहीं रखे जाते हैं लेकिन भाजपा इसका भी हल निकालने की तैयारी में कर रही है।

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– बीआरओ की 75 परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित कीं

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सुकना कैंट में शस्त्र पूजा की और सेना के जवानों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, क्योंकि हमारे दिल में किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। हमने केवल तभी युद्ध लड़ा है, जब किसी देश ने हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया है। शस्त्र की पूजा करना एक प्रतीक है, जिसे जरूरत पड़ने पर पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को सुकना कैंट पहुंचे थे। उन्हें सिक्किम के गंगटोक में एक अग्रिम स्थान पर सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में जाना था लेकिन गंगटोक में खराब मौसम के कारण वह वहां नहीं पहुंच सके, इसलिए रक्षा मंत्री ने सुकना में सैन्य प्रतिष्ठान से वर्चुअल मोड में अपना संबोधन दिया था। रात में उन्होंने सैन्य अधिकारियों के सेना के प्रतिष्ठित ‘बड़ाखाना’ में शामिल हुए और सभी के साथ भोजन किया। रक्षा मंत्री ने आज पश्चिम बंगाल के सुकना कैंट में शस्त्र पूजा पूजा करके दशहरा पर्व मनाया, जो हथियारों और सैन्य कर्मियों के लिए आशीर्वाद मांगने का एक पारंपरिक समारोह है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जब भगवान राम ने बुराई के रावण पर विजय प्राप्त की तो यह मानवता की जीत थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम देख सकते हैं कि सीमाओं पर हमारे सशस्त्र बलों की सतर्क उपस्थिति के कारण किसी भी घटना की संभावना नहीं है। इसके बावजूद जो हालात चल रहे हैं, उसमें हम पड़ोसियों की ओर से किसी भी संभावित शरारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक परिदृश्य चाहे जो भी हो, तैयारी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। हम सभी को सभी विकल्पों के साथ हमेशा सक्रिय रूप से तैयार रहना चाहिए। हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ रहना चाहिए, यही हमारी जरूरत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके बाद कनेक्टिविटी और रणनीतिक तत्परता बढ़ाने के लिए 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ की 75 परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित कीं, जिससे एक अधिक सुरक्षित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम की पावन भूमि से यह प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिज़ोरम और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह के ये सभी 75 प्रोजेक्ट देश की सीमाओं को मजबूत करने और इन इलाकों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने में हमारी प्रतिबद्धता के बड़े प्रतीक हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मैं पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र की बात करूं, तो इस क्षेत्र में ऐसे अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां के लोगों के लिए जीवन-रेखा साबित हो रहे हैं। मैं ऐतिहासिक सेला सुरंग भी शामिल करता हूं, जो यहां के विकास की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है। यह सुरंग, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है। इसी प्रकार हमने भारत-चीन सीमा पर सड़कों और पुलों का निर्माण करके संचालन की दृष्टि से अच्छी प्रगति की है। पिछले साल जब अक्टूबर में विनाशकारी बादल फटने की दुर्घटना ने सिक्किम के जन-जीवन को प्रभावित किया था तो ऐसे समय में हमारे बीआरओ के जवान बड़ी मुस्तैदी के साथ सामने आए और उन्होंने बड़ी तेजी से यहां की कनेक्टिविटी बहाल करके आपदा प्रबंधन में बड़ी मदद की थी।

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चेन्नई, 11 अक्टूबर (हि.स.)। तमिलनाडु में शुक्रवार को मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर होने से तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन नंबर 12578 मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर के बाद पोन्नेरी (कवरापेट्टई) के पास एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लग गई। फिलहाल बचाव कार्य जारी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले के कवरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी से टकराने के बाद दरभंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद दरभंगा एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग भी लग गई है। घटना के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों को किसी तरह से बाहर निकाला जा रहा है। हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक दरभंगा एक्सप्रेस ने स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी है। टक्कर के समय एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड कितनी थी इसे लेकर भी अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आयी है। टक्कर के तुरंत बाद रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे हुए हैं। राहत व बचाव कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस दुर्घटना का कारण अभी तक पता नहीं सका है। अग्रिम जानकारी प्रतीक्षारत है।

Rear end collision at KAVARAIPPETTAI Railway Station around 20.30 hrs today in Chennai -Gudur section involving Train No.12578 Mysuru – Darbhanga Bagmati Express and a Goods train Help line numbers at Chennai Division 04425354151 04425330952 044-25330953 044-25354995

Major train accident in Tamil Nadu. Bagmati Express coming from Mysore to Darbhanga collides with goods train

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नई दिल्ली, 11 अक्‍टूबर (हि.स.)। तिरुचिरापल्ली से शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX 613 हाइड्रोलिक खराबी का सामना करने के बाद सुरक्षित रूप से अब तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर गई। इस विमान में क्रू मेंबर सहित 144 यात्री सवार थे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इसकी जानकारी दे दी गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी जानकारी में बताया कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) के शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्‍या IX 613 हाइड्रोलिक खराबी का सामना करने के बाद तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से लैंडिंग करा दी गई है। जानकारी के मुताबिक ये विमान दो घंटे से भी अधिक समय तक हवा में रहा, जो रात 8:14 बजे त्रिची एयरपोर्ट पर सुरक्षित रूप से उतरा। इस विमान में सवार सभी 144 यात्री सुरक्षित हैं।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस विमान को हवा में हाइड्रोलिक फेलियर का सामना करने के बाद बेली लैंडिंग की अनुमति दी गई थी। हालांकि, फ्लाइट ने सफलतापूर्वक सामान्य लैंडिंग की। विमान का पायलट लगातार एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के संपर्क में था, जिसने बेली लैंडिंग की सलाह दी थी। घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।

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उत्तरकाशी, 11 अक्टूबर (हि.स.)। गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में अन्नकूट पर्व के अवसर पर 2 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन 3 नवंबर को बंद किए जाएंगे। परंपरा अनुसार, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने के मुहूर्त शारदीय नवरात्र के अवसर पर तय किए जाते हैं।

शुक्रवार को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने दोनों धामों के कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की। गंगोत्री धाम में भगवती गंगा के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद होंगे। मां भगवती गंगा की डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि में भगवती मंदिर मारकंडेय में विश्राम करेगी और 3 नवंबर को मुखवा गांव में शीतकालीन प्रवास के लिए विराजमान हो जाएगी।

गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने जानकारी दी कि परंपरा अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन तय किया जाता है। इस वर्ष, मां गंगा की डोली 3 नवंबर को अपने मायके मुखवा में छह महीने के शीतकालीन प्रवास के लिए पहुंचेगी। इस अवसर पर मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

यमुनोत्री धाम के कपाट भी परंपरानुसार दशहरे के दिन तय किए गए मुहूर्त के अनुसार 3 नवंबर को भैया दूज पर बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के रावल आशीष उनियाल ने बताया कि 3 नवंबर को सोमेश्वर देवता की डोली के साथ मां यमुना की डोली खरसाली गांव के लिए रवाना होगी, जहां शीतकालीन प्रवास होगा।

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नई दिल्ली, 11 अक्‍टूबर (हि.स.)। रतन टाटा के बाद अब समूह की कमान नोएल टाटा संभालेंगे। मुंबई में शुक्रवार को टाटा ट्रस्ट की बैठक में नोएल टाटा को सर्वसम्‍म‍ति से टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सर्वसम्मति से टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन चुन लिया गया है। वे उन ट्रस्टों का नेतृत्व करेंगे, जो टाटा समूह की प्राथमिक होल्डिंग कंपनी टाटा संस में नियंत्रण हिस्सेदारी रखते हैं।

नोएल वर्तमान में टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी समूह की कंपनियों के अध्यक्ष हैं। साथ ही टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष भी हैं। नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और समूह की कई कंपनियों में भागीदारी की वजह से टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार थे।

नोएल टाटा पहले ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। ये दोनों ट्रस्ट टाटा संस में हिस्सेदारी रखते हैं। ये टाटा समूह की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 फीसदी हिस्सेदारी है।

बुधवार को 86 वर्षीय रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा की नियुक्ति हुई है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे और टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। भारत की अग्रणी सार्वजनिक धर्मार्थ संस्थाओं में से एक के रूप में ट्रस्ट का प्रबंधन इसकी दो प्रमुख संस्थाओं: सर रतनजी टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में 13 ट्रस्टियों के बोर्ड द्वारा किया जाता है।

उल्‍लेखनीय है कि टाटा ट्रस्ट्स, टाटा समूह के प्रशासन में अहम भूमिका निभाते हैं। ये टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी को नियंत्रित करते हैं, जो ऑटोमोबाइल से लेकर विमानन तक के विविध व्यवसायों की देखरेख करने वाली होल्डिंग कंपनी है। अपने धर्मार्थ और परोपकारी कार्यों के माध्यम से इन ट्रस्टों ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 456.42 करोड़ रुपये (लगभग 56 मिलियन डॉलर) दान किए हैं।

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मुंबई, 10 अक्टूबर (हि.स.)। शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा आजीवन अपनी दादी नवाजबाई टाटा की सादगी की सीख को आजीवन जीते रहे। रतन टाटा के जीवन का सफर आसान नहीं था। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन को भी पारिवारिक कलह का भी सामना करना पड़ा था। उनकी दादी ने पालन-पोषण किया और सादगीभरा शांत जीवन जीने की सीख दी थी, जिसका निवर्हन रतन टाटा ने अपने जीवन के आखिरी पड़ाव तक किया।

रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। रतन टाटा के पिता नवल टाटा को टाटा परिवार ने गोद ले लिया था। नवल टाटा होर्मुसजी टाटा के रिश्तेदार भी थे। 1948 में जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब उनके पिता नवल और मां सोनू का तलाक हो गया। तब रतन टाटा की देखभाल उनकी दादी नवाजीबाई ने की थी। उन्होंने रतन टाटा और उनके भाई दोनों का पालन-पोषण किया। इसलिए रतन टाटा को अपनी दादी की दी हुई सीख हमेशा याद रहती थी।

एक इंटरव्यू में बोलते हुए रतन टाटा ने अपनी दादी की यादों से जुड़े कुछ किस्से बताए थे। रतन टाटा ने कहा था कि अगर आप इस तरह से देखें तो मेरा बचपन मजेदार था। लेकिन जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई बड़े हुए, हमें उग्रता और कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसका कारण हमारे माता-पिता का तलाक था। लेकिन हमारी दादी ने हमें अच्छे से पाला। जब मेरी माँ ने दूसरी शादी की, तो स्कूल में कुछ बच्चे हमारे बारे में इधर-उधर बातें कर रहे थे। हालाँकि, हमारी दादी ने हमें हमेशा सिखाया कि सीमा पार नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज तक हमारे साथ है।

रतन टाटा ने आगे कहा था कि दादी की इसी सीख के कारण हम अक्सर ऐसे बयानों को नजरअंदाज कर देते थे और इस तरह आगे की बहस भी टाल जाते थे। मुझे अभी भी याद है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मेरी दादी मुझे और मेरे भाई को लंदन ले गई थीं। वहां मुझे जीवन का मूल्य सीखने को मिला। वह हमेशा हमसे कहती थी कि ऐसा मत कहो, जो किसी को बुरा लगे। इसीलिए हमें बचपन से सिखाया गया है कि मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। दादी हमेशा हमारे साथ थीं।

रतन टाटा ने कहा था कि मैं वायलिन सीखना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझसे पियानो सीखने को कहा। मैं अमेरिका में कॉलेज जाना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझे यूके जाने पर ज़ोर दिया। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था और वे चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं लेकिन अगर मेरी दादी नहीं होती तो मैं कभी भी अमेरिका विश्वविद्यालय में नहीं जा पाता। यह उन्हीं की वजह से था कि मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आया लेकिन वास्तुकला में डिग्री लेकर निकला। मेरे पिता बहुत परेशान थे और बहुत बहस हुई। लेकिन आखऱिकार मैं अपने पैरों पर खड़ा हो गया। मेरी दादी ने मुझे यही सिखाया है कि साहस सौम्य सम्मानजनक भी हो सकता है। रतन टाटा ने दादी की सीख को आजीवन मानते टाटा नामक ब्रांड को बड़ी नैतिकता और समर्पण के साथ पूरी दुनिया में विस्तार किया। इसके अलावा, अपने परोपकारी व्यक्तित्व के कारण, वह भारत के युवाओं के चहेते बन गए।

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– हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार पर मंथन के लिए दिल्ली में हुई पहली बैठक

चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में मिली करारी हार को लेकर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस हाईकमान ने टिकट आवंटन से लेकर चुनाव लड़ने तक की समीक्षा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान समेत पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को दिल्ली में तलब किया लेकिन तीनाें ही इस बैठक में शामिल नहीं हुए। नई दिल्ली में गुरुवार को हुई बैठक की खास बात यह रही कि इसमें कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणगुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अजय माकन विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया था लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान तथा प्रभारी दीपक बाबरिया बुलाने के बावजूद इस बैठक में शामिल नहीं हुए। दीपक बाबरिया स्वास्थ्य ठीक नहीं हाेने के कारण वीसी से शामिल हुए, जबकि हुड्डा व उदयभान पूर्व निर्धारित कार्यक्रमाें के चलते बैठक में नहीं गये।

हाईकमान ने इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड दिया था, जिसके चलते 90 में 73 सीटों पर हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार उतारे गए। चुनाव प्रचार के दौरान भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही कमान संभाली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बैठक में कहा है कि चुनाव के दौरान हमारे नेताओं के निजी हित पार्टी के हितों से ऊपर रहे। बैठक में तय किया गया कि हार के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जा रही है, जो हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। कमेटी में कौन-कौन चेहरे शामिल किए जाएंगे, अभी उनके नामों पर चर्चा नहीं हो पाई है।

करीब आधे घंटे चली मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने हुड्डा-सैलजा के मतभेदों पर कहा कि हार के बहुत सारे कारण हैं, जो चुनाव आयोग से लेकर नेताओं के मतभेद तक हैं। इन्हीं सब कारणों पर चर्चा हुई और आगे भी चर्चा करेंगे। आधे घंटे की मीटिंग में इस मामले में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका। आज की मीटिंग में हमने आगे की रणनीति पर चर्चा की है। आगे जो भी होगा, उसकी जानकारी केसी वेणुगोपाल देंगे।

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