प्रधानमंत्री ने प्रयागराज को दी 5500 करोड़ के विकास परियोजनाओं की सौगात

महाकुम्भ नगर (प्रयागराज), 14 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 5500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री पूरी तरह से कुंभ के रंग में रंगे दिखे। उन्होंने संबोधन में कई श्लोक के जरिए प्रयागराज और कुभ की महिमा का बखान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महाकुंभ से एकता का संदेश निकलेगा, भाषा, जाति और क्षेत्र का कोई भेद नहीं होगा। यहां सब एक होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मुझे इस महाकुंभ का वर्णन करना हो तो मैं कहूंगा कि एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। इस आयोजन की भव्य एवं दिव्य सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। हमारा भारत पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, उनका संगम, उनका समुच्चय, संयोग, प्रभाव प्रताप प्रयाग है। यह केवल तीन पवित्र नदियों का संगम ही नहीं है।

श्लोक के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं सभी दैवीय शक्तियां प्रयाग में आ जाती हैं। प्रयागराज की प्रशंसा वेदों में भी किया गया है। उन्होंने प्रयाग के पवित्र स्थलों का जिक्र करते हुए गुणगान किया। यह वह धरती है जहां धर्म, अर्थ, कम और मोक्ष सुलभ है। मुझे आशीर्वाद है कि यहां बार-बार आने का सौभाग्य मिलता है। आज हमने लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन किया। अक्षय वट का पूजन किया। इन दोनों स्थलों पर कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। यहां हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है। आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सैकड़ों साल की गुलामी का कालखंड रहा हो या कोई अन्य विपरीत परिस्थिति, आस्था का यह प्रवाह कभी नहीं रुका। यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि कुंभ में आना स्वत: चेतना की प्रेरणा से होता है। ऐसा संगम शायद ही दुनिया में कहीं मिलता है। यहां ज्ञानी, अज्ञानी, छोटे-बड़े, जातियों का भेद मिट जाता है। सब एक हो जाते हैं। इस बार भी यहां अलग-अलग राज्यों से करोड़ों लोग जुटेंगे। उनकी भाषा, मान्यताएं अलग हो सकती हैं लेकिन यहां सब एक हो जाएंगे। इसीलिए मैं कहता हूं कि यह एकता का महाकुंभ होगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत की तस्वीर महाकुंभ पेश करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ में देश की स्थिति परिस्थिति पर संत महात्माओं का जुटान होता है। वे बैठकर चर्चा परिचर्चा करते थे। समाज की समस्याओं का हल निकालने का संदेश देते थे। आज भी वह प्रवाह चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ का इतना महत्व होने के बावजूद पहले की सरकारों में इस पर ध्यान नहीं दिया गया। श्रद्धालु कष्ट उठाते रहे लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। उनका सनातन भारतीय संस्कृति से लगाव नहीं था। आज की डबल इंजन की सरकार संस्कृति और सभ्यता को महत्व देने वाली हैं। इसलिए हजारों करोड़ की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। अयोध्या, वारणसी, लखनऊ, रायबरेली से कनेक्टविटी को बेहतर किया गया है। हमारी सरकार ने विकास के साथ-साथ विरासत को भी समृद्ध बनाने पर फोकस किया है। आज देश के अलग-अलग हिस्सों में बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट जैसे अन्य सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। अयोध्या के विकास के हम सब साक्षी हैं। विश्वनाथ धाम, महालोक की चर्चा आज विश्व में है। प्रयागराज का विकास इसी का प्रतीक है। हमारा यह प्रयागराज निषादराज की भी भूमि है। भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने में एक महत्वपूर्ण पड़ाव श्रृंगवेरपुर भी है। केवट ने अपने प्रभु को सामने पाकर उनके पैर धोए थे। इसमें भगवान और भक्त की मित्रता का संदेश है। श्रृंगवेरपुर धाम का विकास किया जा रहा है। भगवान राम और निषादराज की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को संदेश देती रहेगी।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कुभ की तैयारी में जुटे कर्मचारियों खासकर सफाई कर्मियों के प्रति अग्रिम आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के पुण्य में आप भी भागीदार बनेंगे। जैसे भगवान कृष्ण ने जूठे पत्तल उठाकर यह संदेश दिया था। आप ही हैं जो सुबह सबसे पहले उठते हैं और देर रात तक कार्य करते रहते हैं। वर्ष 2019 में इसलिए मैने आपके (सफाई कर्मियों) पैर धोकर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की थी।

मोदी ने कहा कि यहां से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ जाती है। आमतौर पर इसकी चर्चा नहीं हो पाती। पूरे कुंभ के दौरान लोग आएंगे। नाविक साथियों, पूजा पाठ कराने वाले, व्यापारियों को आर्थिक रूप से समृद्धि मिलेगी। तमाम माध्यमों से अर्थव्यवस्था में गति आएगी। सामाजिक समरसता के साथ आर्थिक शक्ति भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां पर त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने त्रिवेणी के दर्शन किए थे, आज उसी त्रिवेणी स्थल पर दुनिया के लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी का आगमन हुआ है। मै प्रयागराज और प्रदेश की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। आज वह हजारों करोड़ की परियोजनाएं लेकर आए हैं। यह सभी सनातन धर्मावलंबियों के लिए खुशी का दिन है। प्रधानमंत्री मोदी आज अक्षय वट कॉरिडोर, बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर, ऋषि भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे।

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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के हाल ही में दिए गए विवादित बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां तीन दिन पहले न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण पर संज्ञान लिया है, वहीं आज राज्यसभा के 55 सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है।

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल के नेतृत्व में सांसदों ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के बारे में उनकी हालिया टिप्पणियों को लेकर राज्यसभा महासचिव के समक्ष महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। 55 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रस्ताव पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान विचार किए जाने की उम्मीद है।

इसमें आरोप लगाया गया है कि न्यायमूर्ति यादव द्वारा दिया गया भाषण प्रथम दृष्टया नफरत फैलाने वाला भाषण है और सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देता है, जो देश के संविधान का उल्लंघन है। प्रस्ताव में आगे दावा किया गया है कि न्यायमूर्ति यादव ने अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के खिलाफ पक्षपात और पूर्वाग्रह प्रदर्शित किया है, विशेष रूप से इन समुदायों को निशाना बनाया है।

इसके अतिरिक्त यह दावा किया गया है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित राजनीतिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त करके न्यायमूर्ति यादव ने न्यायिक जीवन के मूल्यों के पुनर्कथन, 1997 का उल्लंघन किया है।

महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया है कि वे न्यायाधीश (जांच) अधिनियम 1968 के अनुसार घृणा फैलाने वाले भाषण, सांप्रदायिक विद्वेष और न्यायिक नैतिकता के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने और आरोप सिद्ध होने पर न्यायमूर्ति यादव को पद से हटाने के लिए उचित कार्यवाही शुरू करने के लिए भारत के राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजें।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए राज्यसभा महासचिव को नोटिस दिया है। उन्होंने 9 दिसंबर को उच्च न्यायालय परिसर में भड़काऊ भाषण दिया था। हमारा मानना ​​है कि न्यायाधीश को उस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें हटाया जाना चाहिए। हमने न्यायाधीश को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा का मुद्दा है। हम प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं से संविधान की रक्षा में हमारे साथ शामिल होने का आग्रह करते हैं। सुप्रीम कोर्ट को भी न्यायाधीश को हटाने का आदेश देना चाहिए और प्रस्ताव पर निर्णय होने तक उन्हें कोई काम नहीं सौंपा जाना चाहिए। 55 सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।”

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति यादव की विवादास्पद टिप्पणी हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान की गई थी। न्यायाधीश ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था और कहा था कि भारत बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा के अनुसार काम करेगा। उन्होंने “कठमुल्ला” शब्द का भी इस्तेमाल किया, जिसका इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ एक अभद्र टिप्पणी के रूप में किया जाता है।

विवादास्पद टिप्पणी करके सुर्खियों में आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को बहरहाल अहम मामलों की सुनवाई से हटा दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 दिसंबर से शुरू होने वाले नए रोस्टर के अनुसार जस्टिस शेखर कुमार यादव अब निचली अदालत से आने वाले मामलों और 2010 से पहले अदालत में आए मामलों की ही सुनवाई करेंगे। जस्टिस शेखर यादव पहले बलात्कार जैसे संवेदनशील मामलों की भी सुनवाई करते थे, जिस पर अब रोक लगा दी गई है। उनके विवादास्पद बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में आए जस्टिस शेखर यादव के बयानों का स्वतः संज्ञान लिया था।

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– वायु सेना ने त्वरित तैनाती के लिए टैंक की एयर लिफ्टिंग क्षमता का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय लाइट टैंक ‘जोरावर’ ने 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विभिन्न रेंजों में कई राउंड फायर करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उच्च ऊंचाई वाले स्थान पर यह परीक्षण पहले चरण में रेगिस्तानी वातावरण में लगातार सटीक परिणामों के बाद किया गया है।इसी के साथ वायु सेना ने दूरदराज के स्थानों में त्वरित तैनाती के लिए टैंक की एयर लिफ्टिंग क्षमता का प्रदर्शन भी किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाइट टैंक के सफल उच्च ऊंचाई परीक्षणों पर डीआरडीओ, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और लार्सन एंड टुब्रो को बधाई दी​ है।

चीन की सीमा पर पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त तेज़ बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की तलाश पूरी हो गई है। चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे स्थानों पर उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के लिए डिजाइन किए गए स्वदेशी जोरावर लाइट टैंक का पहला परीक्षण सितंबर में रेगिस्तानी इलाकों में किया गया था। फील्ड ट्रायल के दौरान रेगिस्तानी इलाकों में सफल परिणाम मिलने के बाद अब 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विभिन्न रेंज में गोले दागने के परीक्षण किये गए हैं। इस टैंक को 25 टन वर्ग के बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के रूप में डिजाइन किया जा रहा है, ताकि उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

इस लाइट टैंक को भारतीय सेना की जरूरतों के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की चेन्नई स्थित प्रयोगशाला, कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट ने डिजाइन और विकसित किया है। इसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स ने किया है। इसकी डिजाइन से लेकर कार्यान्वयन और उच्च ऊंचाई पर प्रदर्शन तक का काम तीन वर्षों में पूरा किया गया है। भारतीय वायुसेना ने टैंक को 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर पहुंचाकर अपनी एयरलिफ्ट क्षमता का भी प्रदर्शन किया है। इससे परिचालन स्थितियों में टैंक को पहाड़ी इलाकों त्वरित रूप से तैनात करने में सहायता मिलेगी, जो सड़क या रेल के माध्यम से संभव नहीं थी।

पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाद भारतीय सेना ने चीन को चौतरफा घेरने के लिए एलएसी पर 40 से 50 टन वजन वाले रूसी मूल के भीष्म टी-90, टी-72 अजय और मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन भी तैनात कर रखे हैं। लद्दाख के ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सेना के जवानों को कई दर्रों से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के दौरान आवश्यकता पड़ने पर टी-72 और अन्य भारी टैंक उस स्थान तक नहीं पहुंच सकते हैं। इसलिए उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए हल्के वजन वाले टैंकों की जरूरत महसूस की गई, ताकि इन्हें 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया जा सके।

इसके बाद भारत ने खुद ‘प्रोजेक्ट जोरावर’ के तहत 25 टन से कम वजन वाले 354 टैंकों का निर्माण करने का फैसला लिया। सैद्धांतिक रूप से डीआरडीओ को 2021 के अंत तक 354 टैंकों की आवश्यकता में से 59 का निर्माण करने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी।इसके बाद डीआरडीओ ने हल्के टैंकों को विकसित किया और एलएंडटी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। एलएंडटी ने डीआरडीओ के सहयोग से ढाई साल के भीतर स्वदेशी लाइट टैंक ज़ोरावर का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है, जिसके परीक्षण किये जा रहे हैं। उपयोगकर्ता परीक्षणों से पहले ‘जोरावर’ को कुछ और परीक्षणों से गुजरना होगा।

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा ने बुधवार को रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक 1905 के रेलवे बोर्ड अधिनियम और 1989 के रेलवे विधेयक को एकीकृत करेगा।

केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज विधेयक पर पिछले दिनों हुई चर्चा का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड और रेलवे से जुड़े विधेयक को एकीकृत करने से रेलवे का विकास और कार्यदक्षता बढ़ेगी। विधेयक के माध्यम से कानूनी ढांचे का सरलीकरण होगा।

रेल मंत्री ने विपक्ष को रक्षा और रेलवे को राजनीति से दूर रखने की अपील करते हुए उसके केन्द्रीकरण और निजीकरण से जुड़े आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में रेलवे में विकेन्द्रीकरण का कार्य हुआ है। काम में तेजी आई है।

वैष्णव ने कई मुद्दों पर चरणबद्ध तरीके से विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि रेलवे में एसी और नॉन एसी कोच का अनुपात लगातार बरकरार रखा गया है। साथ ही नॉन एसी श्रेणी में अमृत भारत ट्रेन लाई गई हैं। आज इनके माध्यम से 400 रुपये में एक हजार किमी की यात्रा की जा सकती है।

मंत्री ने विपक्ष के रेलवे सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले रेल दुर्घटनाओं में 75 प्रतिशत और पटरी से उतरने की घटनाओं में 78 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने रोजगार पर कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 4.11 लाख को रेलवे में नौकरियां दी गई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षों के दौरान 5.20 लाख लोगों को नौकरियां दी गई हैं। हमने चयन प्रक्रिया को भी कैलेंडर आधारित, सरल और पेपर लीक से मुक्त रखा है।

भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के तहत केंद्र सरकार रेलवे के संबंध में अपनी शक्तियों और कार्यों को रेलवे बोर्ड में निवेश कर सकती है। विधेयक 1905 अधिनियम को निरस्त करता है और इन प्रावधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करता है।

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। भारत सरकार ने सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बाद वहां से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है। निकाले गए लोगों में जम्मू और कश्मीर के 44 जायरीन (तीर्थयात्री) शामिल थे, जो सईदा ज़ैनब में फंसे हुए थे।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुँच गए हैं और वे उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे।

मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सीरिया में भारतीय नागरिकों के अनुरोध और सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत में भारतीय दूतावासों द्वारा समन्वित निकासी को लागू किया गया।

मंत्रालय ने सीरिया में बचे हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी (hoc.damascus@mea.gov.in) पर संपर्क में रहें।

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखा है। उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने की बात कही है।

उपराज्यपाल सचिवालय ने मंगलवार को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने के लिए दो महीने से अधिक समय तक विशेष अभियान चलाकर मौजूदा नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

दरअसल दरगाह हजरत निजामुद्दीन बस्ती के मुस्लिम नेताओं और दिल्ली के उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन दिय़ा था जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

सचिवालय के पत्र में लिखा है कि इस मुद्दे की गंभीरता के मद्देनजर उपराज्यपाल ने इच्छा व्यक्त की है कि मुस्लिम समुदाय की मांग के अनुसार सख्त और समयबद्ध कार्रवाई करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाए। साथ ही इस संबंध में साप्ताहिक रिपोर्ट नियमित रूप से सचिवालय को भेजी जाए।

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हाईकोर्ट से मिली 17 दिन की पैरोल, पिछले महीन नवंबर को भी दी थी 30 दिन की पैरोल

जोधपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। अपने आश्रम की एक नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे संत बापू आसाराम को एक बार फिर से इलाज के लिए पैरोल मिल गई है। इस बार हाई कोर्ट ने आसाराम को 17 दिन की पैरोल दी है। अब आसाराम एक बार फिर पुणे के माधोबाग में इलाज करवाएंगे। आसाराम की तीस दिन की पैरोल पूरी होने के बाद 17 दिन की पैरोल की अवधि बढ़ाई गई है।

आसाराम की पैरोल अवधि बढ़ाने के लिए आसाराम की ओर से आवेदन किया गया था। हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता और विनित माथुर की बैंच ने पुणे के माधोबाग में इलाज के लिए आशाराम की 17 दिन की पैरोल अवधि बढ़ा दी है। आसाराम अब 15 दिसंबर से 17 दिन की पैरोल पर रहेंगे। आसाराम की ओर से अधिवक्ता आरएस सलूजा और अधिवक्ता यशपाल सिंह ने पैरवी की थी।

तीसरी बार पैरोल मिली

उल्लेखनीय है कि आसाराम को तीसरी बार पैरोल मिली है। इससे पहले 7 नवंबर को तीस दिन की पैरोल जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए मिली थी। उससे पहले 7 दिन की पैरोल अगस्त में मिली थी। आसाराम पिछले एक माह से पाली रोड स्थित एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं। इलाज की अवधि से पहले उनकी ओर से उनके वकील ने अवधि और बढ़ाने के लिए आवेदन किया था जिसकी सुनवाई के दौरान आसाराम को फिर से राहत मिली।

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कोलकाता, 10 दिसंबर (हि.स.)। त्रिपुरा के बाद पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेशी नागरिकों को किसी भी होटल में जगह नहीं मिलेगी। सूबे के दार्जिलिंग जिले के होटलों ने बांग्लादेशी मेहमानों को ठहरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह फैसला ग्रेटर सिलीगुड़ी होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से लिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

एसोसिएशन के एक बयान में कहा गया है कि वर्तमान संवेदनशील माहौल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बयान के अनुसार, जब तक स्थिति सुरक्षित और सम्मानजनक नहीं हो जाती, तब तक बांग्लादेशी नागरिकों को सदस्य होटलों में चेक-इन की अनुमति नहीं दी जाएगी। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रशासन द्वारा इस मामले पर कोई निर्देश आने पर एसोसिएशन उसका पूरी तरह पालन करेगी।

राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा के लिए कदम

एसोसिएशन के सचिव उज्ज्वल घोष ने कहा कि इस फैसले से पर्यटन सीजन में नुकसान हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय गौरव पहले आता है। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। बांग्लादेश से भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं।

पूर्वी हिमालयन ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मान सबसे पहले आता है। हम इसके लिए कुछ नुकसान सहने को तैयार हैं।

यह दार्जिलिंग के होटल मालिकों का ऐसा पहला कदम नहीं है। इससे पहले मालदा जिले के होटल मालिकों ने भी बांग्लादेशी नागरिकों को अपने होटलों में ठहरने से रोकने का फैसला लिया था।

दार्जिलिंग और मालदा के होटल मालिकों के इस फैसले ने राष्ट्रीय सम्मान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। हालांकि, इस फैसले का क्षेत्रीय पर्यटन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है।

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मुम्बई, 09 दिसंबर (हि.स.)। मुंबई में कुर्ला इलाके में सोमवार रात एक सरकारी बस ने कई गाड़ियों और लोगों को कुचल दिया है। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि 25 लोग घायल हैं। घायलों को सायन और कुर्ला भाभा अस्पताल ले जाया गया है।

पुलिस का कहना है कि प्रारम्भिक जांच में ब्रेक फेल होने की वजह से सरकारी बस ने लोगों को रौंदा है। एक्सपर्ट से बस के मेंटेनेंस की रिपोर्ट ली जाएगी। यह बस कुर्ला से अंधेरी की ओर जा रही थी, तभी कुर्ला इलाके के एलबीएस रोड पर हादसा हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक बाजार में एक तेज रफ्तार बस आती दिखी, जिसके बाद लोगों में चीख-पुकार मच गई। लोग बचने के लिए भागने लगे लेकिन बस ने कुछ वाहनों और लोगों को रौंद दिया। लोगों ने पुलिस से बस ड्राइवर के नशे में होने की भी बात कही। पुलिस ने मौके से भीड़ को हटाते हुए बस ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है।

फिलहाल मौके पर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की टीम राहत-बचाव कार्य में जुटी है। बीएमसी ने हादसे में घायलों और मृतकों के आधिकारिक आंकड़ों की जानकारी दी है जिसके मुताबिक 25 लोग घायल हुए हैं, जबकि तीन लोगों की मौत हुई है। हालांकि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह असाधारण नेता थे। उनका सभी क्षेत्रों के लोग सम्मान करते थे। कृष्णा का आज तड़के बेंगलुरु में उनके आवास पर निधन हो गया। 92 वर्षीय वरिष्ठ नेता कृष्णा बीमार थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ”श्री एसएम कृष्णा जी एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा सभी क्षेत्रों के लोग करते थे। उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके द्वारा विशेष रूप से दिये गये ध्यान को लेकर उन्हें बहुत याद किया जाता है। श्री एसएम कृष्णा जी एक सजग पाठक और विचारक भी थे।”प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पोस्ट में एसएम कृष्णा के साथ मुलाकातों की कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं।

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नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज सुबह संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबासाहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर का पुण्य स्मरण किया।

प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ने एक्स हैंडल पर बाबा साहेब को महापरिनिर्वाण दिवस पर नमन किया।प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ”महापरिनिर्वाण दिवस पर, हम हमारे संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर को नमन करते हैं।

” उन्होंने कहा कि समानता और मानवीय गरिमा के लिए डॉ. आम्बेडकर की अथक लड़ाई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है। आज, जब हम उनके योगदान को याद करते हैं, तो हम उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं।

उन्होंने लिखा, ”इस वर्ष की शुरुआत में मुंबई में चैत्य भूमि की अपनी यात्रा की एक तस्वीर भी साझा कर रहा हूं। जय भीम।”

भाजपा ने एक्स हैंडल पर लिखा, ”संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन।”

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मुंबई, 05 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को आजाद मैदान में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के 21वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजीत पवार ने आज छठवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार 2014 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और पूरे पांच साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद 2019 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन सिर्फ तीन दिन मुख्यमंत्री रह सके थे। बुधवार दोपहर भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी दल शिवसेना के नेता एवं कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं राकांपा के अध्यक्ष अजित पवार के साथ राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। फडणवीस सरकार को समर्थन का पत्र देने के बावजूद एकनाथ शिंदे आज शपथग्रहण के अंतिम समय तक असमंजस में थे कि वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं।

भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन के साथ चर्चा के बाद महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार को आजाद मैदान में आयोजित समारोह में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हो गए। महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना शिंदे समूह के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एपी) के अध्यक्ष अजीत पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजीत पवार ने आज छठवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रामदास आठवले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई राजनेता मौजूद रहे।

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उद्योगपति मुकेश अंबानी सपरिवार उपस्थित थे, जबकि भारत रत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, फिल्म स्टार शाहरुख खान, सलमान खान, संजय दत्त, फिल्म अमिनेत्री माधुरी दीक्षित सहित फिल्म जगत की नामी हस्तियां कार्यक्रम में उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन यह लोग किन्हीं कारणों से शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके।

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