जयपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के नॉर्थ कैंप में बुधवार को सैन्य अभ्यास के दौरान तोप से फायर करते समय हुए ब्लास्ट में दो जवानों की मौत हो गई जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल जवान को सूरतगढ़ के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि यह हादसा चार्ली सेंटर पर उस वक्त हुआ जब सैनिक गोला-बारूद लोड कर रहे थे। चार्जर में अचानक विस्फोट होने से तीन जवान इसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में जान गंवाने वाले दोनों सैनिकों के नाम और रैंक की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

उल्लेखनीय है कि महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चार दिनों के भीतर यह दूसरा बड़ा हादसा है। दोनों घटनाओं में कुल तीन जवानों की जान गई है। बीते रविवार को फायरिंग रेंज के ईस्ट कैंप में भी युद्धाभ्यास के दौरान एक जवान की मौत हो गई थी। आर्टिलरी 199 मीडियम रेजिमेंट में तैनात हवलदार चंद्र प्रकाश पटेल (31) निवासी मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, तोप को टोइंग वाहन से अटैच कर रहे थे। इस दौरान तोप फिसल गई और चंद्र प्रकाश उसके और वाहन के बीच में फंस गए। गंभीर हालत में उन्हें सूरतगढ़ आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चंद्र प्रकाश 13 वर्षों से सेना में सेवा दे रहे थे। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज सेना के अभ्यास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां नियमित तौर पर तोप और अन्य हथियारों का परीक्षण किया जाता है। सेना और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस और उसका पारिस्थितिक तंत्र दुर्भावनापूर्ण झूठ से कई वर्षों के अपने कुर्कर्मों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी-एसटी समुदाय को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।

गृहमंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए गए एक बयान को कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान बताया है। इसके चलते पार्टी के सदस्यों ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और कामकाज नहीं होने दिया। कांग्रेस के नेता देशभर में इसे मुद्दा बना रहे हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने इसे कांग्रेस का झूठ करार देते हुए पलटवार करना शुरू कर दिया है। स्वयं प्रधानमंत्री ने भी अब इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से वे स्पष्ट रूप से स्तब्ध हैं, यही कारण है कि वे अब नाटकीयता में लिप्त हैं! दुख की बात है कि उनके लिए लोग सच्चाई जानते हैं।”

चरणबद्ध एक्स पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस के पापों की सूची में कई विशेष शामिल हैं। डॉ. अंबेडकर को दो बार हराया गया, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार किया गया। उनके चित्र को सेंट्रल हॉल में गौरव का स्थान देने से इनकार किया गया। कांग्रेस कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकती की एसटी-एसटी समुदाय के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उसके शासनकाल में हुए। वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद भी उन्होंने इन समुदायों को सशक्त बनाने का कोई प्रयास नहीं किया।

मोदी ने कहा कि हमारी सरकार डॉ अंबेडकर के दृष्टिकोण को पूरा करने का अथक प्रयास कर रही है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकलना एसटी-एसटी अधिनियम को मजबूत करना, स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना और जितनी भी योजनाएं हैं उन्होंने गरीब और हाशिए पर गए लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रतिष्ठित स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का काम किया है। दशकों से चैत्य भूमि की जमीन को लेकर मामला लंबित था। हमारी सरकार ने न केवल इस मुद्दे को सुलझाया, बल्कि ‘मैं वहां प्रार्थना करने भी गया हूं।’ हमने दिल्ली में 26, अलीपुर रोड का भी विकास किया है, जहां डॉ. अंबेडकर ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। लंदन में वह जिस घर में रहते थे, उसे भी सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है।

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज प्रस्तुत किया। इस विधेयक को पेश करने के प्रस्ताव को 263 मतों के पक्ष में और 198 मतों के विरोध में पारित किया गया। खास बात यह रही की पहली बार नई संसद में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग कराई गई।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने वोटिंग की आधुनिक प्रक्रिया पर कटाक्ष करते हुए एक एक्स पोस्ट में कहा कि 129वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए मतदान के दौरान संसद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग विफल हो गई। कई वोटों की गिनती नहीं की गई। अंत में कागजी वोटों से ही सही संख्या का पता चला।

सूत्रों ने उनके इस बयान का खंडन किया है। उनका कहना है कि यह पहला अवसर था जब नई लोकसभा कक्ष में स्वचालित मत रिकॉर्डिंग मशीन का उपयोग किया गया। कुल 369 सांसदों ने अपने मत मशीन के माध्यम से दर्ज किए, जबकि शेष 92 मत पर्चियों के माध्यम से डाले गए। पर्चियों से डाले गए मतों में से 43 पक्ष में और 49 विरोध में थे।

उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अब सांसद मत विभाजन के समय अपनी सीट पर लगे लाल, हरे और पीले बटन का इस्तेमाल कर क्रमशः विरोध, समर्थन और भाग नहीं लेने का विकल्प चुन सकते हैं। उनके मतदान के बाद स्क्रीन पर स्पष्ट रूप उनकी सीट नंबर के साथ उनका मत दिखाई देता है।

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा में आज एक देश-एक चुनाव (वन नेशन-वन इलेक्शन) संविधान (129वां संशोधन) विधेयक पेश होगा।

भाजपा ने कल अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। भाजपा के चीफ व्हिप ने कहा है कि दोनों सदनों में कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर चर्चा होनी है।

इस विधेयक को केंद्रीय कानूनमंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा में पेश करेंगे। बाद में इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को संदर्भित किया जाएगा। इस विधेयक का मकसद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है।

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नई दिल्ली, 15 दिसंबर (हि.स.)। सुप्रसिद्ध तबला वादक और पद्मविभूषण से सम्‍मानित उस्‍ताद जाकिर हुसैन का रविवार रात में निधन हो गया। 73 वर्षीय जाकिर हुसैन हृदय संबंधी समस्याओं की वजह से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में इलाज करा रहे थे। वहीं के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

तबले की थाप से एक पूरे युग को प्रभावित करने वाले जाकिर हुसैन पिछले कुछ वक्‍त से हृदय संबंधी बीमारी से परेशान थे। उसी का इलाज कराने के लिए वो अमेरिका के शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे।

जाकिर हुसैन की प्रबंधक निर्मला बचानी ने बताया कि अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार को रक्तचाप की समस्या थी। साथ ही उन्होंने बताया कि उस्ताद को हृदय संबंधी समस्या भी थी। जिसको लेकर वो पिछले कुछ समय से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे।

भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा हुसैन को पांच ग्रैमी अवॉर्ड से भी नवाजा गया है।

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वाराणसी 13 दिसम्बर,2024: रेलवे प्रशासन द्वारा अपरिहार्य कारणों से 05283/05284 मुजफ्फरपुर-आनन्द विहार टर्मिनस-मुजफ्फरपुर विशेष गाड़ी की आवृत्ति में कमी कर द्विसाप्ताहिक विशेष गाड़ी के रूप में चलाई जायेगी।

मुजफ्फरपुर से 14 से 31 दिसम्बर, 2024 तक चलने वाली 05283 मुजफ्फरपुर-आनन्द विहार टर्मिनस विशेष गाड़ी का संचलन प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को सप्ताह में दो दिन किया जायेगा।

इसी प्रकार आनन्द विहार टर्मिनस से 15 दिसम्बर, 2024 से 01 जनवरी, 2025 तक चलने वाली 05284 आनन्द विहार टर्मिनस-मुजफ्फरपुर विशेष गाड़ी का संचलन प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को सप्ताह में दो दिन किया जायेगा।

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– लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। भारत ने अब हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की मारक दूरी बढ़ाने की तकनीक हासिल कर ली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को ओडिशा तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) का अंतिम परीक्षण किया, जो पूरी तरह सफल रहा है। स्वदेशी रूप से विकसित यह तकनीक भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मदद करेगी।

डीआरडीओ के मुताबिक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) प्रणोदन आधारित मिसाइल प्रणाली का अंतिम प्रायोगिक परीक्षण सफल रहा है। ओडिशा तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किये गए परीक्षण में इस्तेमाल की गई जटिल मिसाइल प्रणाली ने सफलतापूर्वक प्रदर्शन करके मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। आईटीआर में तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स ने इस प्रणाली के सफल प्रदर्शन को पुष्ट किया। एसएफडीआर को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला ने डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमारत और पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया गया है।

एसएफडीआर का विकास 2013 में शुरू हुआ और वास्तविक प्रदर्शन शुरू करने के लिए पांच साल की समय सीमा तय की गई। मिसाइल का ग्राउंड आधारित परीक्षण 2017 में शुरू हुआ था। सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट का पहला परीक्षण 30 मई, 2018 को किया गया था। इस परीक्षण के जरिये भारत ने पहली बार नोजल-कम बूस्टर का प्रदर्शन किया। दूसरा परीक्षण 8 फरवरी, 2019 को हुआ, जिसमें मिसाइल ने लक्ष्य के मुताबिक वांछित गति से आखिरकार जमीन को छू लिया। इसके बाद 08 अप्रैल, 2022 को हुए बूस्टर तकनीक का सफल परीक्षण किया गया। अब अंतिम परीक्षण में भारत ने एयर-टु-एयर मिसाइलों की मारक दूरी बढ़ाने की तकनीक हासिल कर ली है।

रक्षा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने वाला पहला देश है, जो ध्वनि की गति से आठ गुना अधिक गति से यात्रा कर सकती है और वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी में एक गेम-चेंजर है, जो किसी अन्य देश के पास नहीं है। डीआरडीओ ने हाल ही में देश की पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो लगभग 3 किमी प्रति सेकंड की गति से 1,500 किमी से अधिक दूरी तक पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है। भारत के पास अब हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो गति, सीमा, सटीकता और पता लगाने की क्षमता के मामले में गेम-चेंजर है, जिससे सशस्त्र बलों को बढ़त हासिल होगी।

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प्रधानमंत्री ने प्रयागराज को दी 5500 करोड़ के विकास परियोजनाओं की सौगात

महाकुम्भ नगर (प्रयागराज), 14 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 5500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री पूरी तरह से कुंभ के रंग में रंगे दिखे। उन्होंने संबोधन में कई श्लोक के जरिए प्रयागराज और कुभ की महिमा का बखान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महाकुंभ से एकता का संदेश निकलेगा, भाषा, जाति और क्षेत्र का कोई भेद नहीं होगा। यहां सब एक होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मुझे इस महाकुंभ का वर्णन करना हो तो मैं कहूंगा कि एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। इस आयोजन की भव्य एवं दिव्य सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। हमारा भारत पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, उनका संगम, उनका समुच्चय, संयोग, प्रभाव प्रताप प्रयाग है। यह केवल तीन पवित्र नदियों का संगम ही नहीं है।

श्लोक के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं सभी दैवीय शक्तियां प्रयाग में आ जाती हैं। प्रयागराज की प्रशंसा वेदों में भी किया गया है। उन्होंने प्रयाग के पवित्र स्थलों का जिक्र करते हुए गुणगान किया। यह वह धरती है जहां धर्म, अर्थ, कम और मोक्ष सुलभ है। मुझे आशीर्वाद है कि यहां बार-बार आने का सौभाग्य मिलता है। आज हमने लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन किया। अक्षय वट का पूजन किया। इन दोनों स्थलों पर कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। यहां हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है। आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सैकड़ों साल की गुलामी का कालखंड रहा हो या कोई अन्य विपरीत परिस्थिति, आस्था का यह प्रवाह कभी नहीं रुका। यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि कुंभ में आना स्वत: चेतना की प्रेरणा से होता है। ऐसा संगम शायद ही दुनिया में कहीं मिलता है। यहां ज्ञानी, अज्ञानी, छोटे-बड़े, जातियों का भेद मिट जाता है। सब एक हो जाते हैं। इस बार भी यहां अलग-अलग राज्यों से करोड़ों लोग जुटेंगे। उनकी भाषा, मान्यताएं अलग हो सकती हैं लेकिन यहां सब एक हो जाएंगे। इसीलिए मैं कहता हूं कि यह एकता का महाकुंभ होगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत की तस्वीर महाकुंभ पेश करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ में देश की स्थिति परिस्थिति पर संत महात्माओं का जुटान होता है। वे बैठकर चर्चा परिचर्चा करते थे। समाज की समस्याओं का हल निकालने का संदेश देते थे। आज भी वह प्रवाह चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ का इतना महत्व होने के बावजूद पहले की सरकारों में इस पर ध्यान नहीं दिया गया। श्रद्धालु कष्ट उठाते रहे लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। उनका सनातन भारतीय संस्कृति से लगाव नहीं था। आज की डबल इंजन की सरकार संस्कृति और सभ्यता को महत्व देने वाली हैं। इसलिए हजारों करोड़ की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। अयोध्या, वारणसी, लखनऊ, रायबरेली से कनेक्टविटी को बेहतर किया गया है। हमारी सरकार ने विकास के साथ-साथ विरासत को भी समृद्ध बनाने पर फोकस किया है। आज देश के अलग-अलग हिस्सों में बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट जैसे अन्य सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। अयोध्या के विकास के हम सब साक्षी हैं। विश्वनाथ धाम, महालोक की चर्चा आज विश्व में है। प्रयागराज का विकास इसी का प्रतीक है। हमारा यह प्रयागराज निषादराज की भी भूमि है। भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने में एक महत्वपूर्ण पड़ाव श्रृंगवेरपुर भी है। केवट ने अपने प्रभु को सामने पाकर उनके पैर धोए थे। इसमें भगवान और भक्त की मित्रता का संदेश है। श्रृंगवेरपुर धाम का विकास किया जा रहा है। भगवान राम और निषादराज की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को संदेश देती रहेगी।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कुभ की तैयारी में जुटे कर्मचारियों खासकर सफाई कर्मियों के प्रति अग्रिम आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के पुण्य में आप भी भागीदार बनेंगे। जैसे भगवान कृष्ण ने जूठे पत्तल उठाकर यह संदेश दिया था। आप ही हैं जो सुबह सबसे पहले उठते हैं और देर रात तक कार्य करते रहते हैं। वर्ष 2019 में इसलिए मैने आपके (सफाई कर्मियों) पैर धोकर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की थी।

मोदी ने कहा कि यहां से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ जाती है। आमतौर पर इसकी चर्चा नहीं हो पाती। पूरे कुंभ के दौरान लोग आएंगे। नाविक साथियों, पूजा पाठ कराने वाले, व्यापारियों को आर्थिक रूप से समृद्धि मिलेगी। तमाम माध्यमों से अर्थव्यवस्था में गति आएगी। सामाजिक समरसता के साथ आर्थिक शक्ति भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां पर त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने त्रिवेणी के दर्शन किए थे, आज उसी त्रिवेणी स्थल पर दुनिया के लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी का आगमन हुआ है। मै प्रयागराज और प्रदेश की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। आज वह हजारों करोड़ की परियोजनाएं लेकर आए हैं। यह सभी सनातन धर्मावलंबियों के लिए खुशी का दिन है। प्रधानमंत्री मोदी आज अक्षय वट कॉरिडोर, बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर, ऋषि भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे।

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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के हाल ही में दिए गए विवादित बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां तीन दिन पहले न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण पर संज्ञान लिया है, वहीं आज राज्यसभा के 55 सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है।

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल के नेतृत्व में सांसदों ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के बारे में उनकी हालिया टिप्पणियों को लेकर राज्यसभा महासचिव के समक्ष महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। 55 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रस्ताव पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान विचार किए जाने की उम्मीद है।

इसमें आरोप लगाया गया है कि न्यायमूर्ति यादव द्वारा दिया गया भाषण प्रथम दृष्टया नफरत फैलाने वाला भाषण है और सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देता है, जो देश के संविधान का उल्लंघन है। प्रस्ताव में आगे दावा किया गया है कि न्यायमूर्ति यादव ने अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के खिलाफ पक्षपात और पूर्वाग्रह प्रदर्शित किया है, विशेष रूप से इन समुदायों को निशाना बनाया है।

इसके अतिरिक्त यह दावा किया गया है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित राजनीतिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त करके न्यायमूर्ति यादव ने न्यायिक जीवन के मूल्यों के पुनर्कथन, 1997 का उल्लंघन किया है।

महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया है कि वे न्यायाधीश (जांच) अधिनियम 1968 के अनुसार घृणा फैलाने वाले भाषण, सांप्रदायिक विद्वेष और न्यायिक नैतिकता के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने और आरोप सिद्ध होने पर न्यायमूर्ति यादव को पद से हटाने के लिए उचित कार्यवाही शुरू करने के लिए भारत के राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजें।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए राज्यसभा महासचिव को नोटिस दिया है। उन्होंने 9 दिसंबर को उच्च न्यायालय परिसर में भड़काऊ भाषण दिया था। हमारा मानना ​​है कि न्यायाधीश को उस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें हटाया जाना चाहिए। हमने न्यायाधीश को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा का मुद्दा है। हम प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं से संविधान की रक्षा में हमारे साथ शामिल होने का आग्रह करते हैं। सुप्रीम कोर्ट को भी न्यायाधीश को हटाने का आदेश देना चाहिए और प्रस्ताव पर निर्णय होने तक उन्हें कोई काम नहीं सौंपा जाना चाहिए। 55 सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।”

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति यादव की विवादास्पद टिप्पणी हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान की गई थी। न्यायाधीश ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था और कहा था कि भारत बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा के अनुसार काम करेगा। उन्होंने “कठमुल्ला” शब्द का भी इस्तेमाल किया, जिसका इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ एक अभद्र टिप्पणी के रूप में किया जाता है।

विवादास्पद टिप्पणी करके सुर्खियों में आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को बहरहाल अहम मामलों की सुनवाई से हटा दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 दिसंबर से शुरू होने वाले नए रोस्टर के अनुसार जस्टिस शेखर कुमार यादव अब निचली अदालत से आने वाले मामलों और 2010 से पहले अदालत में आए मामलों की ही सुनवाई करेंगे। जस्टिस शेखर यादव पहले बलात्कार जैसे संवेदनशील मामलों की भी सुनवाई करते थे, जिस पर अब रोक लगा दी गई है। उनके विवादास्पद बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में आए जस्टिस शेखर यादव के बयानों का स्वतः संज्ञान लिया था।

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– वायु सेना ने त्वरित तैनाती के लिए टैंक की एयर लिफ्टिंग क्षमता का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय लाइट टैंक ‘जोरावर’ ने 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विभिन्न रेंजों में कई राउंड फायर करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उच्च ऊंचाई वाले स्थान पर यह परीक्षण पहले चरण में रेगिस्तानी वातावरण में लगातार सटीक परिणामों के बाद किया गया है।इसी के साथ वायु सेना ने दूरदराज के स्थानों में त्वरित तैनाती के लिए टैंक की एयर लिफ्टिंग क्षमता का प्रदर्शन भी किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाइट टैंक के सफल उच्च ऊंचाई परीक्षणों पर डीआरडीओ, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और लार्सन एंड टुब्रो को बधाई दी​ है।

चीन की सीमा पर पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त तेज़ बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की तलाश पूरी हो गई है। चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे स्थानों पर उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के लिए डिजाइन किए गए स्वदेशी जोरावर लाइट टैंक का पहला परीक्षण सितंबर में रेगिस्तानी इलाकों में किया गया था। फील्ड ट्रायल के दौरान रेगिस्तानी इलाकों में सफल परिणाम मिलने के बाद अब 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विभिन्न रेंज में गोले दागने के परीक्षण किये गए हैं। इस टैंक को 25 टन वर्ग के बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के रूप में डिजाइन किया जा रहा है, ताकि उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

इस लाइट टैंक को भारतीय सेना की जरूरतों के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की चेन्नई स्थित प्रयोगशाला, कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट ने डिजाइन और विकसित किया है। इसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स ने किया है। इसकी डिजाइन से लेकर कार्यान्वयन और उच्च ऊंचाई पर प्रदर्शन तक का काम तीन वर्षों में पूरा किया गया है। भारतीय वायुसेना ने टैंक को 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर पहुंचाकर अपनी एयरलिफ्ट क्षमता का भी प्रदर्शन किया है। इससे परिचालन स्थितियों में टैंक को पहाड़ी इलाकों त्वरित रूप से तैनात करने में सहायता मिलेगी, जो सड़क या रेल के माध्यम से संभव नहीं थी।

पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाद भारतीय सेना ने चीन को चौतरफा घेरने के लिए एलएसी पर 40 से 50 टन वजन वाले रूसी मूल के भीष्म टी-90, टी-72 अजय और मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन भी तैनात कर रखे हैं। लद्दाख के ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सेना के जवानों को कई दर्रों से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के दौरान आवश्यकता पड़ने पर टी-72 और अन्य भारी टैंक उस स्थान तक नहीं पहुंच सकते हैं। इसलिए उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए हल्के वजन वाले टैंकों की जरूरत महसूस की गई, ताकि इन्हें 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया जा सके।

इसके बाद भारत ने खुद ‘प्रोजेक्ट जोरावर’ के तहत 25 टन से कम वजन वाले 354 टैंकों का निर्माण करने का फैसला लिया। सैद्धांतिक रूप से डीआरडीओ को 2021 के अंत तक 354 टैंकों की आवश्यकता में से 59 का निर्माण करने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी।इसके बाद डीआरडीओ ने हल्के टैंकों को विकसित किया और एलएंडटी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। एलएंडटी ने डीआरडीओ के सहयोग से ढाई साल के भीतर स्वदेशी लाइट टैंक ज़ोरावर का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है, जिसके परीक्षण किये जा रहे हैं। उपयोगकर्ता परीक्षणों से पहले ‘जोरावर’ को कुछ और परीक्षणों से गुजरना होगा।

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा ने बुधवार को रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक 1905 के रेलवे बोर्ड अधिनियम और 1989 के रेलवे विधेयक को एकीकृत करेगा।

केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज विधेयक पर पिछले दिनों हुई चर्चा का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड और रेलवे से जुड़े विधेयक को एकीकृत करने से रेलवे का विकास और कार्यदक्षता बढ़ेगी। विधेयक के माध्यम से कानूनी ढांचे का सरलीकरण होगा।

रेल मंत्री ने विपक्ष को रक्षा और रेलवे को राजनीति से दूर रखने की अपील करते हुए उसके केन्द्रीकरण और निजीकरण से जुड़े आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में रेलवे में विकेन्द्रीकरण का कार्य हुआ है। काम में तेजी आई है।

वैष्णव ने कई मुद्दों पर चरणबद्ध तरीके से विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि रेलवे में एसी और नॉन एसी कोच का अनुपात लगातार बरकरार रखा गया है। साथ ही नॉन एसी श्रेणी में अमृत भारत ट्रेन लाई गई हैं। आज इनके माध्यम से 400 रुपये में एक हजार किमी की यात्रा की जा सकती है।

मंत्री ने विपक्ष के रेलवे सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले रेल दुर्घटनाओं में 75 प्रतिशत और पटरी से उतरने की घटनाओं में 78 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने रोजगार पर कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 4.11 लाख को रेलवे में नौकरियां दी गई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षों के दौरान 5.20 लाख लोगों को नौकरियां दी गई हैं। हमने चयन प्रक्रिया को भी कैलेंडर आधारित, सरल और पेपर लीक से मुक्त रखा है।

भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के तहत केंद्र सरकार रेलवे के संबंध में अपनी शक्तियों और कार्यों को रेलवे बोर्ड में निवेश कर सकती है। विधेयक 1905 अधिनियम को निरस्त करता है और इन प्रावधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करता है।

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। भारत सरकार ने सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बाद वहां से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है। निकाले गए लोगों में जम्मू और कश्मीर के 44 जायरीन (तीर्थयात्री) शामिल थे, जो सईदा ज़ैनब में फंसे हुए थे।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुँच गए हैं और वे उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे।

मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सीरिया में भारतीय नागरिकों के अनुरोध और सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत में भारतीय दूतावासों द्वारा समन्वित निकासी को लागू किया गया।

मंत्रालय ने सीरिया में बचे हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी (hoc.damascus@mea.gov.in) पर संपर्क में रहें।

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