कोटा, 04 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान के कोटा मंडल में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) टीम वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल कर रही है। कोटा मंडल में 180 किलाेमीटर प्रति घंटा की स्पीड से सफल ट्रायल के बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स अकाउंट पर वंदे भारत स्लीपर के ट्रायल का वीडियो पोस्ट किया है।

इस वीडियो में वंदे भारत स्लीपर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ रही है। ट्रेन की स्पीड एक फोन के स्पीडोमीटर पर देखी जा सकती है। फोन के पास पानी से पूरा भरा एक गिलास रखा है। हैरानी की बात यह है कि एक बूंद पानी नहीं छलका।

चलती ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड और स्थिर गति प्राप्त करती है। हाई स्पीड रेल यात्रा में वंदे भारत यात्रियों को आराम का अनुभव कराती है। यह पोस्ट तीन दिनों के सफल ट्रायल के बाद सामने आई है।

दो जनवरी को बूंदी जिले में कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन के दौरान ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया। एक जनवरी को रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार पकड़ी। इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से ट्रायल किया गया।

ट्रायल के दौरान ट्रेन में यात्री भार के बराबर वजन रखा गया। यह ट्रायल वंदे भारत स्लीपर रैक के विभिन्न तकनीकी मानकों के विश्लेषण के लिए किया जा रहा है, जिसमें कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमाव ट्रैक पर गति इत्यादि का परीक्षण शामिल है।

आरडीएसओ लखनऊ की निगरानी में ये ट्रायल जनवरी के अंत तक चलेंगे।

परीक्षण पूरे हो जाने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम चरण में सफल होने के बाद ही वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को ऑटोमैटिक दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से शयन सीटों और विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं।

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पिछले तीन दिनों में अपने कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की है। ये परीक्षण इस महीने के अंत तक जारी रहेंगे। उसके बाद देशभर के रेल यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।

कोटा डिवीजन में सफल परीक्षण का एक वीडियो साझा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में ट्रेन की गति का उल्लेख किया। वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक मोबाइल के बगल में पानी से भरा गिलास दिखाया गया है। वीडियो में पानी का स्तर स्थिर देखा जा सकता है। चलती ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम और स्थिर गति प्राप्त करती है। हाई-स्पीड रेल यात्रा में वंदे भारत यात्रियों को आराम का अनुभव कराती है। मंत्रालय के अनुसार, यह पोस्ट तीन दिनों के सफल परीक्षण के बाद आया है, जो 2 जनवरी को संपन्न हुआ, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने अपनी अधिकतम गति को छू लिया था।

राजस्थान के बूंदी जिले में गुरुवार को कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन के दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। वर्ष 2025 के पहले दिन रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ की निगरानी में ये ट्रायल जनवरी महीने तक जारी रहेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि एक बार ये परीक्षण पूरे हो जाने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम चरण में सफल होने के बाद ही वंदेभारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा। इन वंदेभारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से शयन सीटों और विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं।

रेल मंत्रालय ने कहा कि रेलवे नये साल में देश में यात्रियों के लिए तेज़ और सुरक्षित रेल यात्रा लाने के लिए तैयार है। छोटी और मध्यम दूरी की चेयर कार ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को तेज़, सुरक्षित और विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव देने के बाद, भारतीय रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी इसे साकार कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि रेलवे के लिए असली चुनौती बर्थ जोड़ना और ट्रेनों को पूर्ण यात्री और सामान लोड की स्थिति के लिए परीक्षण करना था ताकि उन्हें 180 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम गति प्राप्त करते हुए वंदे भारत स्लीपर कोच में परिवर्तित किया जा सके। इन सफल परीक्षणों के साथ, रेल यात्री कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई और कई अन्य मार्गों जैसे लंबी दूरी की यात्राओं में विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं। उन्हें यात्रा का समय काफी कम होने से लाभ होगा। मुंबई-दिल्ली लंबी दूरी की यात्रा की वर्तमान औसत गति 90 किमी प्रतिघंटा है, जिसमें तेजस राजधानी एक्सप्रेस के लिए अधिकतम स्वीकार्य गति 140 किमी प्रतिघंटा है, जो देश में सभी राजधानी ट्रेन सेवाओं में सबसे तेज है।

रेल मंत्रालय के अनुसार वंदे भारत ट्रेनें अब कई शताब्दी ट्रेन मार्गों पर उपलब्ध हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सबसे तेज़ ट्रेन है और 180 किमी प्रतिघंटा तक की गति तक पहुंचने में सक्षम है। अब तक यह दिल्ली और वाराणसी जैसे छोटे और मध्यम दूरी के प्रमुख शहरों को जोड़ती है और एक शानदार यात्रा अनुभव प्रदान करती है। वंदे भारत ट्रेनें गति और आराम का एक सहज मिश्रण प्रदान करती हैं। यह केवल यात्रा का एक तरीका नहीं है बल्कि आधुनिक भारतीय इंजीनियरिंग का एक अनुभव है।

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ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बांध परियोजना पर भारत ने जताई चिंता 

नई दिल्ली: भारत ने चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपरी हिस्से में जल विद्युत परियोजना से जुड़े बांध बनाने के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है तथा अक्साई चिन में नई प्रशासनिक इकाई बनाए जाने पर सख्त विरोध दर्ज कराया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि विदेश मंत्रालय ने चीन के स्वायत्त तिब्बती क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाए जाने की रिपोर्ट पर गौर किया है। नदी के निकले क्षेत्र के देश के रूप में जल उपयोग के बारे में भारत के निश्चित अधिकार हैं। जिन्हें हमने राजनीतिक और विशेषज्ञ स्तर पर बार-बार उठाया है। हमने चीन को अपने विचार और चिताओं से अवगत कराया है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस परियोजना के संबंध में पारदर्शिता बरती जानी चाहिए तथा नदी के निचले इलाकों के प्रवाह मार्ग वाले देशों के साथ विचार विमर्श किया जाना चाहिए। भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह ब्रह्मपुत्र के निचले इलाके में आने वाले देश के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे तथा ऊपरी भाग पर ऐसी गतिविधि से परहेज करे जिससे नदी का प्रवाह प्रभावित होता हो। प्रवक्ता ने कहा कि हम स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं तथा अपने हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करेंगे।

वहीं विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में अधिकृत अक्साई चिन क्षेत्र में प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर तीव्र आपत्ति व्यक्त की है। प्रवक्ता ने कहा कि हमने चीन के होटन प्रान्त में दो नए काउंटी की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटी के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। हमने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नए काउंटी के निर्माण से न तो क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है।

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प्रधानमंत्री शनिवार को दिल्ली में ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन करेंगे

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को सुबह करीब 10:30 बजे नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव-2025 का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर उक्त जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए, महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा, जिसका विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ और आदर्श वाक्य होगा “गांव बढ़े, तो देश बढ़े”।

महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और मास्टरक्लास के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को संबोधित करके और टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करके उत्तर-पूर्व भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।

बयान में कहा गया है कि महोत्सव का एक महत्वपूर्ण फोकस उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए रोडमैप बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और विविध क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाना, ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन प्रथाओं का लाभ उठाने के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित करना और जीवंत प्रदर्शनों और प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना होगा।

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उपराष्ट्रपति ने श्रीनगर और कलबुर्गी के लिए आईओटी-एकीकृत मोबाइल क्लीनिक को हरी झंडी दिखाई

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को एस्टर डीएम हेल्थकेयर की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत आईओटी-एकीकृत टेली-मेडिसिन सेवाओं के साथ दो अत्याधुनिक मोबाइल क्लीनिकों को श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) और कलबुर्गी (कर्नाटक) में तैनाती के लिए रवाना किया।

नई दिल्ली में आज मोबाइल क्लिनिकों को हरी झंडी दिखाने से पहले उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, सुलभ स्वास्थ्य सेवा, किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मिशन रहा है और पिछले दशक में उन्होंने इस दिशा में बड़ा बदलाव लाया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य सेवा के मामले में खुद को प्रतिबद्ध किया है और फिर अंतिम छोर तक सफलतापूर्वक सेवा प्रदान की है। दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक आयुष्मान भारत कार्यक्रम लोगों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराकर वित्तीय बोझ से राहत देता है।

धनखड़ ने कहा कि भारत सरकार ने टेलीमेडिसिन की भी शुरुआत की है। यह उल्लेखनीय रूप से सफल रहा है। डायग्नोस्टिक टेस्ट, मेडिकल टेस्ट सभी इंटरनेट के उपयोग के माध्यम से उपलब्ध हैं। हमारी डिजिटल पहुंच ने वैश्विक प्रशंसा प्राप्त की है। 1.4 बिलियन की आबादी वाले देश में इस सीमा तक पहुंच है। हर गांव इस मोर्चे पर बहुत अच्छी तरह से सुसज्जित है।

मोबाइल क्लीनिक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह आश्वस्त होना कि आपकी पहुंच के भीतर एक मोबाइल क्लीनिक है, संकट में फंसे लोगों के लिए एक बड़ा आश्वासन है। इसलिए, यह कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी का एक बहुत ही सुखद पहलू रहा है। यह हमारी सभ्यता के लोकाचार को भी दर्शाता है। हमें समाज को वापस देने के लिए हमेशा कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि 2047 तक एक विकसित भारत को प्राप्त करना केवल एक सपना नहीं है, बल्कि एक मंजिल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिट इंडिया इस दृष्टि का आधार है। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया के लिए हमें ऐसी सुविधाओं की आवश्यकता है जो प्रारंभिक पहचान, त्वरित उपचार और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की डोरस्टेप डिलीवरी सुनिश्चित करें।

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इंदौर, 03 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आज विशेष घोष वादन कार्यक्रम इंदौर के दशहरा मैदान में आयोजित होने जा रहा है। मालवा प्रांत में पहली बार हो रहे इस कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत शिरकत करेंगे।

कार्यक्रम में एक हजार से ज्यादा स्वयंसेवक वादन की प्रस्तुति देंगे।संघ कार्यालय के अनुसार, दशहरा मैदान पर होने जा रहे घोष वादन कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत दोपहर 3ः30 बजे पहुंचेंगे। दोपहर दो बजे से आमंत्रित स्वयंसेवकों का कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना शुरू हो जाएगा।

सरसंघचालक के पहुंचने के बाद ही घोष वादन शुरू होगा। चयनित एक हजार स्वयंसेवक इस दौरान घोष वादन करेंगे। इसके बाद सरसंघचालक अपनी बात रखेंगे। पहली बार परिवार सहित पहुंच रहे स्वयंसेवकों के लिए बैठने की खास व्यवस्था की गई है।

मैदान के समीप ही पार्किंग की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में पंद्रह हजार लोग शामिल होंगे। इसमें संघ के स्वयंसेवकों के परिवारों के अलावा शहर के गण्यमान्य नागरिक, खिलाड़ी, रंगकर्मी, व्यापारी व अन्य क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया गया है।

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नई दिल्ली, 03 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हाइवे पर चलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, ट्रेन और हवाई जहाज से सफर करने वालों को भी घंटों इंतजार करना पड़ा। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शीतलहर को लेकर आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दिल्ली के आयानगर में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है।

मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि आज दोपहर से पहले तक ज्यादातर जगह स्मॉग एवं मध्यम से घना कोहरा रहने की संभावना है। कहीं-कहीं बहुत घना कोहरा भी हो सकता है। रात को भी यही स्थिति रहेगी। दिन में आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।

24 ट्रेनें लेट

घने कोहरे की वजह से विजबिलिटी कम हो गई है । इसके कारण राजधानी से आने-जाने वाली 24 ट्रेनों के परिचालन में देरी हुई। ट्रेनों के लेट होने के कारण यात्रियों को स्टेशन पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। रेलवे के मुताबिक यह देरी न्यूनतम 84 और अधिकतम 255 मिनट तक रही है। देरी से रवाना होने वाली ट्रेनों में दिल्ली सराय रोहिला-जोधपुर एक्सप्रेस, सोगरिया सुपरफास्ट एक्सप्रेस, भुवनेश्वर दुरंतो एक्सप्रेस शामिल है। देरी से दिल्ली पहुंचने वाली ट्रेनों में फरक्का एक्सप्रेस, श्रम शक्ति एक्सप्रेस, कालिंदी एक्सप्रेस, महाबोधि एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस शामिल है। इसके अलावा विमानन कंपनियों ने भी यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

बारिश के साथ तूफान का अलर्ट

आने वाले दो दिनों में ठंड का कहर और बढ़ सकता है। मौसम ज्ञान विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इसके कारण जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। दिल्ली में आठ जनवरी तक कोहरा छाए रहने की संभावना है, जबकि छह जनवरी को हल्की बारिश होने की संभावना है।

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श्रीनगर, 02 जनवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में शीतलहर जारी रहने के बीच गुरुवार को कश्मीर घाटी में ताजा बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर से लगातार दो पश्चिमी विक्षोभों के गुजरने के कारण और अधिक बारिश और बर्फबारी का अनुमान लगाया है। ताजा बर्फबारी, शून्य से नीचे के तापमान और मैदानी, ऊंचे इलाकों पर बर्फीली स्थिति को देखते हुए पर्यटकों, यात्रियों, ट्रांसपोर्टरों को सलाह दी गई है कि वह प्रशासन व यातायात सलाह का पालन करें।

मौसम विभाग के एक बयान में कहा गया है कि 3 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी के साथ आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है। 4-6 जनवरी को मध्यम से मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू के मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और जम्मू-कश्मीर के अधिकांश स्थानों पर बर्फबारी के साथ आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। 4 जनवरी की रात से 5 जनवरी की देर रात तक अधिकतम गतिविधि होगी। 6 जनवरी को दोपहर से सुधार होगा। मौसम विभाग ने 7-10 जनवरी तक आमतौर पर शुष्क मौसम के साथ ही बादल छाए रहने का अनुमान लगाया है। ताजा बर्फबारी, शून्य से नीचे के तापमान और मैदानी, ऊंचे इलाकों पर बर्फीली स्थिति को देखते हुए पर्यटकों, यात्रियों, ट्रांसपोर्टरों को सलाह दी गई है कि वह प्रशासन व यातायात सलाह का पालन करें।

विभाग ने 4 से 6 जनवरी के दौरान ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी का अनुमान जताया है। इसी बीच गुरुवार को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 2.6 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग में शून्य से नीचे 8.6 डिग्री सेल्सियस और पहलगाम में शून्य से नीचे 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू शहर में रात का न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस, कटरा शहर में 9 डिग्री सेल्सियस, बटोटे में 4.6 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल में 2.9 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 40 दिनों तक चलने वाली भीषण सर्दी की अवधि ‘चिल्लई कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से हुई थी, जो 30 जनवरी को समाप्त होगी। इस दाैरान बच्चों और बुजुर्गों को खास तौर पर ठंड से बचने के लिए चेतावनी दी गई है।

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  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसका कुल बजट ₹69,515.71 करोड़ है: शिवराज सिंह चौहान

  • बीमा योजना में प्रौद्योगिकी सुधार के लिए ₹824.77 करोड़ आवंटित करने के साथ, नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) की स्थापना को मंजूरी दी है : श्री चौहान

    डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज को 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने को मंजूरी दी है : केंद्रीय कृषि मंत्री

    मंत्रिमंडल ने भारत के सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के बीच गैर बासमती सफेद चावल (एनबीडब्ल्यूआर) के व्यापार पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी है : शिवराज सिंह चौहान

    श्री चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अगले एक महीने के कामकाज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उन लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रहेगा।

New Delhi: केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान   ने प्रेसवार्ता कर केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि हमारे देश की जनता की जिन्दगी में नये साल में खुशियां व समृद्वि आये और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को हम पूरा कर पायें। उन्होंने कहा कि नये साल को सरकार ने किसानों को समर्पित किया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हदृय से धन्यवाद देता हूं। आज कैबिनेट ने किसानों के हित में 3 बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है।

उन्होंने कहा कि राज्य पहले अपना हिस्सा नहीं देते थे। राज्य बहुत देर करते थे लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि हम अपना हिस्सा तत्काल डालेंगे। ऐसे अनेकों फैसले फसल बीमा योजना में किये गये हैं:    

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसका कुल बजट ₹69,515.71 करोड़ है।
  • इस निर्णय का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ किसानों को जोखिम कवरेज प्रदान करना है।
  • मंत्रिमंडल ने बीमा योजना में प्रौद्योगिकी सुधार के लिए ₹824.77 करोड़ आवंटित करने के साथ, नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) की स्थापना को मंजूरी दी है।
  • प्रमुख पहलों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए उपज अनुमान प्रणाली (YES-TECH) शामिल है, जो फसल उपज अनुमानों के लिए रिमोट सेंसिंग का उपयोग करती है।
  • स्वचालित मौसम स्टेशनों के माध्यम से मौसम डेटा को बढ़ाने के लिए मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS)।
  • राज्य सरकारों की सहायता के लिए WINDS का कार्यान्वयन 2024-25 में शुरू होगा।

उन्होंने दूसरे फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि कैबिनेट ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज को 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है  कि डीएपी किसानों के लिए किफायती बना रहे।

  • पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति के तहत, उर्वरक कंपनियां निश्चित सब्सिडी के आधार पर कीमतें तय करती हैं। इसके अतिरिक्त :
  • कैबिनेट ने पहले 31 दिसंबर, 2024 तक विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी।
  • 01.01.2025 से 31.12.2025 के बीच विस्तारित अवधि के लिए अस्थायी बजटीय आवश्यकताएं ₹3850 करोड़ होंगी।
  • भुगतान 01.01.2025 से 31.12.2025 तक डीएपी की वास्तविक PoS बिक्री पर एनबीएस योजना के तहत उपलब्ध बजट से किया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने तीसरे फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने भारत के सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के बीच गैर बासमती सफेद चावल (एनबीडब्ल्यूआर) के व्यापार पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी है। इसके अर्न्तगत:

    • यह एमओयू उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर सालाना एक मिलियन मीट्रिक टन गैर बासमती सफेद चावल के व्यापार के लिए है।
    • एमओयू की अवधि चार साल होगी और इसे स्वचालित रूप से अतिरिक्त चार साल के लिए विस्तारित किया जाएगा।
    • इस समझौते का कार्यान्वयन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) द्वारा किया जाएगा, जो सहकारिता मंत्रालय द्वारा अधिकृत है।
    • एनसीईएल बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित एक सहकारी समिति है।
    • यह समझौता ज्ञापन व्यापार असंतुलन को दूर करने और भारत-इंडोनेशिया व्यापार संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
    • एनसीईएल पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से और सहकारी समितियों से खुले बाजार से गैर बासमती सफेद चावल (एनबीडब्ल्यूआर) का स्रोत करेगा, जिससे बाजार विकृत नहीं होगा।

 

श्री चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अगले एक महीने के कामकाज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उन लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रहेगा।

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नई दिल्ली, 1 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को देशवासियों को नववर्ष 2025 की शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, “सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। वर्ष 2025 सभी के लिए खुशियां, सद्भाव और समृद्धि लेकर आए। इस अवसर पर आइए हम भारत और विश्व के लिए एक उज्ज्वल, अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करें।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि 2025 में प्रवेश करते समय सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई। यह हमारे गणतंत्र की यात्रा का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह वर्ष हमारे संविधान की शताब्दी की अंतिम तिमाही में प्रवेश का प्रतीक है। 2047 में विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए, हमारे संविधान निर्माताओं के सपने को साकार करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का समय है। आइए हम दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, राष्ट्र को सर्वोपरि रखने के संकल्प के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों का पोषण करें। सभी को एक सुखद और उद्देश्यपूर्ण नववर्ष 2025 की शुभकामनाएं।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “2025 की शुभकामनाएं। यह वर्ष सभी के लिए नए अवसर, सफलता और अनंत खुशियां लेकर आए। सभी को अद्भुत स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिले।”

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कोटपूतली, 31 दिसंबर (हि.स.)। कोटपूतली के किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय चेतना को 9 दिन बीतने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। चेतना 23 दिसंबर को खेलते समय बोरवेल में गिरकर 150 फीट की गहराई में फंस गई थी। रेस्क्यू टीम ने देसी जुगाड़ से उसे 30 फीट तक ऊपर खींचने में सफलता पाई, लेकिन अब तक बच्ची को बचाने का प्रयास अधूरा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ाके की सर्दी और न्यूनतम 7-8 डिग्री तापमान के बीच काम करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। रात के समय ठंड और अधिक बढ़ जाने से ऑपरेशन और मुश्किल हो जाता है। सोमवार देर शाम एसडीआरएफ के कमांडेंट राजीव सिसोदिया ने रेस्पिरेशन जांच के लिए बोरवेल में उतरकर दीवार के दूसरी ओर जीवन के संकेतों का पता लगाने का प्रयास किया। इस तकनीक के जरिए किसी जीवित व्यक्ति की सांसों से निकली कार्बन गैस का पता लगाया जाता है। हालांकि, चेतना की स्थिति को लेकर कोई अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। 24 दिसंबर की शाम से बच्ची में कोई हलचल नहीं देखी गई है। कैमरों की मदद से भी बच्ची की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 31 दिसंबर (हि.स.)। स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) की सोमवार रात सफल लॉन्चिंग के बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि जनवरी में एनवीएस-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) पर लॉन्च करने की तैयारी चल रही है।

स्पैडेक्स की लॉन्चिंग को मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल 100वें प्रक्षेपण की तैयारी चल रही है। जनवरी में एनवीएस-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) पर लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन अगले साल के लिए निर्धारित मिशनों में से एक है।

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि 29 मई, 2023 को जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट ने एनवीएस-01 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। एनवीएस-01 उपग्रह में एक स्वदेशी परमाणु घड़ी है, जो नैविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (एनएवीआईसी) की क्षमताओं को बढ़ाती है। एनवीएस-02 मिशन इस प्रगति को जारी रखने की उम्मीद है, जो उन्नत सुविधाओं के साथ एनएवीआईसी प्रणाली को और मजबूत करेगा।

इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें विभिन्न मॉड्यूल शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर लॉन्च किया जाएगा और दो अलग-अलग मॉड्यूल में एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन मॉड्यूल को कक्षा में पहुंचने और फिर पृथ्वी की कक्षा और चंद्रमा की कक्षा दोनों में डॉक करने की आवश्यकता है। अंतिम डॉकिंग प्रक्रिया 7 जनवरी को पूरी होने की उम्मीद है।

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