नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व जल दिवस पर कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल सभ्यताओं की जीवनरेखा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर जल संरक्षण का आह्वान करते हुए लिखा, ” विश्व जल दिवस पर हम जल संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। जल सभ्यताओं की जीवनरेखा रहा है और इसलिए भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित करना अधिक महत्वपूर्ण है।”

इस वर्ष विश्व जल दिवस की थीम- ग्लेशियर संरक्षण

उल्लेखनीय है कि इस बार 2025के विश्व जल दिवस की थीम-ग्लेशियर संरक्षण है। यह स्थापित अवधारणा है कि ग्लेशियर (बर्फ के पहाड़) दुनिया भर में साफ पानी को बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए इनका संरक्षण जरूरी है। ग्लेशियर हमें पीने का पानी, खेती और नदियों के लिए पानी देते हैं। दुर्भाग्य से जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। अगर इन्हें बचाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में पानी की बड़ी समस्या हो सकती है।

रियो डी जनेरियो पृथ्वी सम्मेलन में हो चुकी हैं गूं

विश्व जल दिवस मनाने का विचार 1992 में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित रियो डी जनेरियो पृथ्वी सम्मेलन में सामने आया था। सम्मेलन में जल संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसी साल 22 दिसंबर को एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। अगले साल पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था।

धरती पर सिर्फ 2.5 फीसद साफ पानी

धरती का करीब 71 फीसदा हिस्सा पानी से ढका हुआ है। मगर इसका 97.5 प्रतिशत हिस्सा खारा पानी है। यह पानी समुद्रों में है। इसका पीने या रोजमर्रा के काम के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता। तथ्य यह है कि इनसान के उपयोग के लिए सिर्फ करीब 2.5 फीसदी साफ पानी ही बचता है। अफसोस यह है कि मानवजनित गलतियों (प्रदूषण, जल की बर्बादी और जलवायु परिवर्तन) के कारण यह लगातार घट रहा है।

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पटना, 21 मार्च (हि.स.)। पंजाब के बठिंडा स्थित गुरु काशी युनिवर्सिटी में बिहार के छात्रों पर हमले के पीड़ितों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई है।जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार से घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

पंजाब के बठिंडा में गुरु काशी यूनिवर्सिटी परिसर में बिहार के छात्रों को बेरहमी से पीटा गया है। इन छात्रों ने मीडिया और साेशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश से मदद की गुहार लगाई है। इसे लेकर छात्रों ने मुख्यमंत्री को ईमेल भी भेजा है। इन छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों पर तलवार से हमले किए गए जिसमें कई छात्रों के सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। छात्रों का दावा है कि पंजाब पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। इन छात्रों में बीटेक, बीफार्मा, बीसीए, एमसीए, एमबीए समेत कई दूसरे पाठ्यक्रम के छात्र हैं। पिछले 5 दिनों से स्थिति भयावह बनी हुई है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए छात्रों ने मुख्यमंत्री नीतीश और बिहार के शिक्षा मंत्री को ईमेल भेजा है। छात्रों ने नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई हैं।

 

उधर, राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- पंजाब के बठिंडा की गुरु काशी यूनिवर्सिटी में बिहार के छात्रों पर जानलेवा हमले की घटना अत्यंत निंदनीय है। बिहार के कई युवा इस घटना में घायल हुए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार में पंजाब गुंडागर्दी का गढ़ बन गया है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जातीय एवं अन्य राज्यों के प्रति वैमनस्यता बढ़ाने का काम किया है। पंजाब सरकार बिहार के छात्रों को त्वरित सुरक्षा प्रदान करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

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नई दिल्ली, 21 मार्च (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास से कथित रूप से नकदी बरामद होने का मुद्दा आज राज्यसभा में गूंजा। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को आश्वस्त किया कि इस मामले को सुलझाने के लिए एक संरचित चर्चा तंत्र की तलाश की जाएगी।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने आज सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि आज सुबह ही मैंने दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास पर भारी मात्रा में नकदी मिलने के बारे में समाचार पत्र में पढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले 50 सांसदों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के सम्बन्ध में एक नोटिस भी सौंपा था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सभापति खुद कई बार न्यायिक जवाबदेही की आवश्यकता की बातें कह चुके हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर नेता सदन को निर्देश भी दिया था। जयराम रमेश ने सभापति से अनुरोध किया कि वो न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को प्रस्ताव लाने का निर्देश दें।

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह थोड़ी हैरानी वाली बात है कि नकदी मिलने वाली घटना हुई लेकिन यह तुरंत प्रकाश में नहीं आई। अगर इसी तरह की घटना किसी नौकरशाह, उद्योगपति या राजनेता के साथ हुई होती तो वह तुरंत लक्षित हो जाता। उन्होंने कहा कि इस समय नेता सदन यहां मौजूद नहीं हैं। हम नेता सदन और नेता विपक्ष तथा लब्ध प्रतिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर संरचनात्मक नतीजे की ओर बढ़ेंगे। मुझे यकीन है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया जल्द ही सामने आएगी।

महाभियोग वाले मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों का हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है। उस पर हस्ताक्षर करने वालों से सत्यापन करवाने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। कई सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, लेकिन कइयों ने उनके हस्ताक्षर होने से इनकार किया है। सदस्यों को दूसरी बार ईमेल भेजे गए हैं, इसलिए वो जल्द अपने जवाब भेज दें। उन्होंने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या 50 से अधिक होगी तो तो मेरे स्तर पर इस प्रक्रिया में एक क्षण का विलंब नहीं होगा।

उधर, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली हाई कोर्ट के जिस न्यायाधीश के आवास पर कथित तौर पर यह नकदी मिली है, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें उनके पैतृक इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का फैसला किया है।

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नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार (21 मार्च) के लिए अपने लोकसभा सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। पार्टी ने अपने सदस्यों से बजट पारित होने के लिए सदन में उपस्थित रहने को कहा है।

लोकसभा कल गिलोटिन का प्रयोग करेगी। गिलोटिन लागू करने का स्पीकर को विशेषाधिकार होता है। संसदीय परंपरा में गिलोटिन भी हर समय लागू नहीं किया जाता है, बल्कि महत्वपूर्ण मौकों पर ही इसे लागू किया जाता है। विधायी भाषा में गिलोटिन का मतलब है वित्तीय कामकाज को एक साथ लाना और तेजी से विधेयक पारित करना।

बजट सत्र के दौरान लोकसभा में यह एक आम प्रक्रियात्मक अभ्यास है। एक बार गिलोटिन लागू हो जाने के बाद अनुदान की शेष मांगों पर बिना किसी चर्चा के मतदान कर दिया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बजट निर्धारित समय के भीतर पारित हो जाए और सरकार बिना किसी देरी के अपना कार्य जारी रख सके।

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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने वानखेड़े स्टेडियम में खेला क्रिकेट

मुंबई:  न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने गुरुवार को मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में कीवी स्पिनर एजाज पटेल, पूर्व बल्लेबाज रॉस टेलर और तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के साथ क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने भारत और न्यूजीलैंड के बीच क्रिकेट संबंधों पर चर्चा की, जिनमें कई ऐतिहासिक लम्हे और रिकॉर्ड शामिल हैं।

लक्सन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वह वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद नजर आ रहे हैं। इस दौरान न्यूजीलैंड के खिलाड़ी ट्रेंट बोल्ट, मिचेल सैंटनर और बेवन जैकब्स, मुंबई इंडियंस के लिए इंडियन प्रीमियर लीग के उद्घाटन मैच की तैयारी कर रहे थे। मुंबई इंडियंस 23 मार्च को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी।

लक्सन ने मजाकिया अंदाज में याद किया कि 2021 में इसी मैदान पर एजाज पटेल ने भारत के खिलाफ एक टेस्ट पारी में सभी 10 विकेट लेकर इतिहास रचा था, लेकिन वे खुद उन्हें आउट नहीं कर सके।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “भारत और न्यूजीलैंड को क्रिकेट से ज्यादा कुछ और नहीं जोड़ता। यहीं, वानखेड़े स्टेडियम में, एजाज पटेल ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। बस रिकॉर्ड के लिए बता दूं, उन्होंने मुझे आउट नहीं किया।”

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए)के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन का ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। इस दौरान हमने उन्हें मुंबई क्रिकेट की समृद्ध विरासत से अवगत कराया, जिसमें वानखेड़े स्टेडियम की भूमिका, महान भारतीय क्रिकेटरों का योगदान और 2011 विश्व कप जीत जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियां शामिल हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच गहरे क्रिकेट संबंधों को देखते हुए, यह गर्व का क्षण था कि हम मुंबई क्रिकेट की प्रतिभा और जुनून को दिखा सके।”

दिल्ली के आधिकारिक दौरे के दौरान प्रधानमंत्री लक्सन ने क्रिकेट से जुड़ा एक दिलचस्प क्षण साझा किया। उन्होंने पूर्व कीवी क्रिकेटर रॉस टेलर के साथ स्थानीय बच्चों के साथ क्रिकेट खेला, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिली।

लक्सन ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, “भारत और न्यूजीलैंड को क्रिकेट से ज्यादा कुछ और नहीं जोड़ता,” जिससे दोनों देशों के बीच क्रिकेट के प्रति साझा प्रेम और गहरे संबंधों का पता चलता है।

हाल ही में भारत और न्यूजीलैंड दुबई में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में आमने-सामने थे, जहां भारतीय टीम ने कीवियों को हराकर खिताब जीता। हालांकि, इससे पहले न्यूजीलैंड ने भारत की घरेलू टेस्ट जीत की लय को तोड़ते हुए पिछले साल टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी।

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बोले-अब हर साल पिता का पिंडदान सनातनी विधि से करेंगे, पिता की मौत आस्ट्रेलिया में हुई थी

वाराणसी, 20 मार्च (हि.स.)। अस्सीघाट पर एक आस्ट्रेलिया के युवक मैथ्यू को पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते देख लोग आश्चर्य चकित रह गए। घाट पर सनातनी आस्था का वैश्विक रूप देख लोगों की भीड़ घाट पर जुट गई। पिंडदान के बाद मैथ्यू ने बताया कि उनके पिता का निधन आस्ट्रेलिया में हुआ था, लेकिन वे चाहते थे कि उनका पिंडदान काशी में सनातनी विधि से हो। अपने पिता के श्राद्ध कार्य के पहले उन्होंने सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ सीखा और उन्हें इससे गहरा प्रेम हो गया। उनकी यह इच्छा है कि वह सनातन धर्म को अपनाएं और हर साल अपने पिता के पिंडदान को यहीं, काशी में सनातनी विधि से करें।

मैथ्यू ने बताया कि उसके पिता हिन्दू थे और मां क्रिश्चियन थी। मेरे पिता ने मेरी मां से कहा था कि जब उनका निधन होगा तो उन्हें दफन न करके अग्नि से दाह संस्कार करना, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। उस समय मैं छोटा था। बड़ा होने पर सनातन धर्म के बारे में जाना और उसके बारे में जानकारी हासिल की। फिर अपने पिता के तर्पण के लिए काशी आया हूं। काशी एक धार्मिक स्थल है। यहां किसी भी कर्म-कांड के लिए बेहतर स्थान है। लेकिन, पितृ कार्य और श्राद्ध कार्य यहां पर अच्छे से किए जाते हैं। बनारस मोक्ष धाम है। मैथ्यू ने बताया कि सनातन धर्म से प्रेम हो गया है। बहुत से लोगों ने सनातन धर्म को अपनाया है, मेरी भी इच्छा है। मेरे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो भारत के संस्कृति से प्रेम करते हैं।

मैथ्यू ने पूरे कार्य और कर्मकांड में रूचि दिखाई, गाइड से विधि समझी

पिंडदान कराने वाले तीर्थ पुरोहित पंडित बलराम मिश्र ने पत्रकाराें को बताया कि मैथ्यू ऑस्ट्रेलिया से बनारस आए हैं। इन्हें अपने पिताजी का श्राद्ध तर्पण करना था। अस्सी के गंगा घाट पर विधिवत तर्पण कराया गया। मैथ्यू ने पूरे कार्य और कर्मकांड में रुचि लेकर पूरे विधि विधान को समझा। उनके साथ मौजूद गाइड ने उन्हें अंग्रेजी में सभी पूजा के विधान को समझाया। लगभग एक घंटे तक विधि विधान से मैथ्यू ने घाट पर बुधवार की शाम पूजा अर्चना की। मां गंगा काे प्रणाम किया। पुरोहित मिश्रा ने बताया कि मैथ्यू की सनातन धर्म अपनाने की इच्छा है। इसलिए वाराणसी में भ्रमण कर वे तर्पण और श्राद्ध कर्म की विस्तार से जानकारी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी मोक्ष और तर्पण की भूमि है। यहां पर पितरों के मोक्ष के लिए श्राद्ध व पूजन करने देश-विदेश से लोग आते रहते हैं। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रभाव न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बढ़ रहा है।

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नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने दावा किया कि अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

छत्तीसगढ़ में गुरुवार को दो अलग-अलग अभियानों में 22 नक्सलियों के मारे जाने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में सुरक्षा बलों के 2 अलग-अलग ऑपरेशन में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सलवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के चलते वर्ष 2025 में अब तक 90 नक्सली मारे जा चुके हैं, 104 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 164 ने आत्मसमर्पण किया है। वर्ष 2024 में 290 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज़ किया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था। अभी तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को न्यूट्रलाइज़ किया जा चुका है।

बयान में कहा गया है कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच नक्सली हिंसा की घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई है। इसी प्रकार, सुरक्षाबल जवानों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु की संख्या 70 प्रतिशत की कमी के साथ 4766 से 1495 रह गई है।

मंत्रालय ने कहा है कि वर्ष 2014 तक कुल 66 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन थे जबकि मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकी संख्या बढ़कर 612 हो गई है। इसी प्रकार, 2014 में देश में 126 ज़िले नक्सल प्रभावित थे, लेकिन 2024 में ज़िलों की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है। पिछले 5 वर्षों में कुल 302 नए सुरक्षा कैंप और 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड्स बनाए गए हैं।

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नई दिल्ली, 19 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 21 से 23 मार्च तक कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित की गयी है। प्रतिनिधिसभा संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है। इसका आयोजन प्रतिवर्ष होता है। इस बार यह बैठक बेंगलुरु के चन्नेनहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में आयोजित की जा रही है।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बुधवार को बेंगलुरु में पत्रकार वार्ता में बताया कि बैठक में गत वर्ष 2024-25 का कार्यवृत्त रखा जाएगा तथा उस पर समीक्षात्मक चर्चा के साथ ही विशेष कार्यों का निवेदन भी होगा। आगामी विजयादशमी 2025 को संघ कार्य के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस निमित्त विजयादशमी (दशहरा) 2025 से 2026 तक संघ का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्य विस्तार की समीक्षा के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजन तथा अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक के बाद रानी अब्बक्का पर वक्तव्य जारी किया जाएगा। उनकी इस वर्ष 500वीं जयंती होगी।

बैठक में बांग्लादेश घटनाक्रम पर आगे की भूमिका और संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर कृतज्ञता एवं आगे की कार्य योजना से जुड़े दो प्रस्तावों पर विचार होगा। इसके साथ ही संघ की शाखाओं में अपेक्षित सामाजिक परिवर्तन के कार्यों सहित विशेष रूप से पंच परिवर्तन के प्रयासों पर चर्चा होगी। वर्तमान परिदृश्य के विश्लेषण एवं करणीय कार्यों की चर्चा भी बैठक में होगी।

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने बताया कि बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे। बैठक में मुख्य रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि, प्रांत एवं क्षेत्र स्तर के 1480 कार्यकर्ता अपेक्षित हैं। बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामंत्री एवं संगठन मंत्री भी अपेक्षित रहेंगे। इसमें मजदूर संघ, भारतीय जनता पार्टी, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद जैसे संगठन शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आज राज्यसभा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए बजट आवंटन का मुद्दा उठाया और कहा कि यह केंद्रीय बजट 2025 में स्थिर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस योजना में लोगों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन किए जाने की मांग की।

सदन में शून्यकाल के दौरान मनरेगा का मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली, मजदूरी भुगतान में लगातार देरी और मुद्रास्फीति की भरपाई के लिए अपर्याप्त मजदूरी दरें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि वर्तमान सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86,000 करोड़ रुपये पर स्थिर है। आवंटित बजट में वास्तव में 4,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। इसके अलावा अनुमान बताते हैं कि आवंटित धन का लगभग 20 प्रतिशत पिछले वर्षों के लंबित बकाये को चुकाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

सोनिया ने कहा कि इन ज्वलंत चिंताओं के मद्देनजर कांग्रेस मांग करती है कि लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में इस योजना को बनाए रखने और इसे विस्तार देने के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किया जाए। न्यूनतम दैनिक मजदूरी 150 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये की जाए और समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। अनिवार्य आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की आवश्यकताओं को हटाया जाए। इसके साथ ही गारंटीकृत कार्य दिवसों में प्रति वर्ष 100 से 150 दिन तक की वृद्धि सुनिश्चित की जाए। ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं ताकि मनरेगा सम्मानजनक रोजगार और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करे।

शून्यकाल के दौरान कुछ अन्य सदस्यों ने भी अलग-अलग मुद्दे उठाए जिनमें भाजपा की सीमा द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश में जंघई और प्रतापगढ़ के बीच ग्राम सभा नडार में रेलवे अंडर पास बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अंडर पास के अभाव में लोग रेलवे लाइन पार करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटना में लोगों की जान चली जाती है।

राजद के संजय यादव ने बिहार में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने की मांग उठाई।उन्होंने कहा कि देश में साक्षरता और स्कूल ड्रॉप आउट औसत दर बिहार में सर्वाधिक है लेकिन इस बार सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में नए विद्यालयों को खोलने की जो मंजूरी दी है, उसमें बिहार में एक भी विद्यालय नहीं है, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिले में तो जिस भवन में विद्यालय चल रहा है, वह बिल्डिंग भी अपनी नहीं है।

बीजद के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा में सिंथेटिक लैब की टेस्टिंग मशीन 15 साल से खराब होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसके अभाव में नीदरलैंड और इटली आदि देशों से टेस्टिंग करानी पड़ रही है, जिसमें कमीशनखोरी का खेल हो रहा है। मशीन की रिपेयरिंग के लिए 2021 में 40 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसके बावजूद यह भ्रष्टाचार क्यों है? इसकी जांच कराई जाए।

भाजपा के सदानंद महालू शेट तानवड़े ने डिजिटल फ्रॉड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसके जरिये साइबर ठग सामने वाले का सारा डेटा ले लेते हैं, जिसका बाद में दुरुपयोग होता है। यह निजता के अधिकार का भी हनन है। इस पर रोक लगाई जाए। भाजपा के राजीव भट्टाचार्य ने त्रिपुरा के अनानास उत्पादक बागवानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने वहां पर उनकी उपज को निर्यात करने के लिए उचित व्यवस्था किए जाने की मांग की।

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नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। भारतीय मूल की प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) पर लगभग नौ माह से अधिक समय बिताने के बाद मंगलवार तड़के धरती के लिए रवाना हुए। स्पेसएक्स यान अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से गंतव्य के लिए निकल पड़ा है। ऐसे में उनके सुरक्षित धरती पर वापसी के लिए भारत सहित पूरी दुनिया प्रार्थना कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारत के लोग सुनीता विलियम्स के अच्छे स्वास्थ्य और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सुनीता को भारत आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि वह स्वयं सुनीता से मिलने के लिए उत्सुक हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किया। प्रधानमंत्री ने यह भावुक पत्र गत 1 मार्च को लिखा था।

पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने सुनीता की उपलब्धियों पर गर्व जताया और उनकी वापसी के लिए 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, “हाल की घटनाओं ने एक बार फिर आपकी प्रेरणादायक दृढ़ता और संकल्प को प्रदर्शित किया है। भले ही आप हजारों मील दूर हों, आप हमारे दिल के करीब हैं। भारत के लोग आपकी अच्छी सेहत और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”

मोदी ने यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडन से अपनी मुलाकातों के दौरान सुनीता की कुशलता के बारे में पूछताछ की थी। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में दिल्ली में नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मासिमिनो से मुलाकात का जिक्र किया, जहां सुनीता का नाम चर्चा में आया था। इस मुलाकात के बाद उन्हें सुनीता को पत्र लिखने की प्रेरणा मिली।

पत्र में मोदी ने सुनीता को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसमें लिखा, “आपके वापस आने के बाद, हम आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे प्रतिष्ठित बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।” उन्होंने सुनीता की मां बोनी पंड्या और उनके पति माइकल विलियम्स को भी शुभकामनाएं दीं, साथ ही उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या को याद किया, जिनसे वे 2016 में अमेरिका यात्रा के दौरान मिले थे।

उल्लेखनीय है कि सुनीता और उनके सहयोगी बुच विल्मोर 9 महीने से अधिक समय तक आईएसएस पर रहने के बाद मंगलवार को सुबह 11:05 बजे आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए। सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर की वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से हो रही है। उनकी लैंडिंग 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर होने की उम्मीद है। यह लैंडिंग मौसम और तकनीकी तैयारियों पर निर्भर है।

भारतीय मूल की प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता लिन विलियम्स नासा की एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को यूक्लिड, ओहियो, अमेरिका में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या भारत में गुजरात से थे, जबकि उनकी मां बोनी पंड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं।

सुनीता ने अमेरिकी नौसेना में एक अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में 1998 में नासा में शामिल हुईं। वह अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में जानी जाती हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जैसे कि एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (7 बार) और सबसे अधिक स्पेसवॉक समय (50 घंटे, 40 मिनट) है।

सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी के प्रयास कई तकनीकी और लॉजिस्टिक चुनौतियों से जूझते रहे हैं। दोनों 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले क्रू मिशन पर आईएसएस के लिए रवाना हुए थे, जो मूल रूप से 8 दिन का मिशन था। हालांकि, स्टारलाइनर में थ्रस्टर खराबी और हीलियम लीक जैसी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में बार-बार देरी हुई।

नासा ने शुरू में स्टारलाइनर को सुरक्षित मानते हुए इसके साथ वापसी की योजना बनाई थी लेकिन गहन जांच के बाद अगस्त 2024 में फैसला लिया कि स्टारलाइनर बिना क्रू के पृथ्वी पर लौटेगा, जो सितंबर 2024 में हुआ। इसके बाद, विलियम्स और विल्मोर को स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से लाने की योजना बनी। पहले उनकी वापसी फरवरी 2025 के लिए निर्धारित थी लेकिन स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन के लॉन्च में देरी-नए ड्रैगन यान की तैयारी और मौसम संबंधी समस्याओं ने इसे मार्च 2025 तक टाल दिया।

क्रू-10 मिशन 14 मार्च 2025 को लॉन्च हुआ और 16 मार्च को आईएसएस से जुड़ गया। इसके बाद विलियम्स और विल्मोर सहित क्रू-9 के सदस्यों (निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव के साथ) की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई।

इन प्रयासों में नासा और स्पेसएक्स की टीमें लगातार सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं, जिसके चलते हर कदम पर सावधानी बरती गई। यह घटना अंतरिक्ष यात्रा की जटिलता और अप्रत्याशित चुनौतियों को रेखांकित करती है।

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भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति अच्छी, यात्रियों को दे रहे पहले से अधिक सब्सिडी: रेल मंत्री

नई दिल्ली:  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में भारतीय रेल की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल यात्रियों को किफायती किराए पर सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान हासिल कर रही है। जहां हमारे देश में रेलवे का किराया पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के रेल किराए से भी कम है, वहीं पश्चिमी देशों में रेल किराया तो भारत की अपेक्षा 10-20 गुना अधिक है।

रेल यात्रियों को दी जा रही सब्सिडी पर रेल मंत्री ने कहा कि अभी ट्रेन से प्रति किलोमीटर यात्रा की लागत ₹1.38 है, लेकिन यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जाते हैं, यानी 47% सब्सिडी दी जाती है। वित्त वर्ष 2022-23 में यात्रियों को ₹57,000 करोड़ की सब्सिडी दी गई, जो 2023-24 (प्रोविजनल फिगर) में बढ़कर करीब ₹60,000 करोड़ हो गई। हमारा लक्ष्य न्यूनतम किराए पर सुरक्षित और बेहतर सेवाएं देना है। रेल विद्युतीकरण के फायदों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि यात्रियों और कार्गो की बढ़ती संख्या के बावजूद ऊर्जा खर्च स्थिर है। भारतीय रेल 2025 में ‘Scope 1 नेट जीरो’ और 2030 तक ‘स्कोप 2 नेट जीरो’ हासिल करेगी। रेल मंत्री ने बताया कि बिहार के मढौरा कारखाने में बने लोकोमोटिव का निर्यात जल्द शुरू होगा। भारतीय रेल के पैसेंजर कोच मोज़ाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को निर्यात किए जा रहे हैं, साथ ही लोकोमोटिव भी मोज़ाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश को निर्यात हो रहे हैं। बोगी के अंडर-फ्रेम यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को और प्रपल्शन पार्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को निर्यात किए जा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि इस साल भारत में 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। साथ ही, 2 लाख नए वैगन बेड़े में जोड़े गए हैं। 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में भारतीय रेल 1.6 बिलियन टन कार्गो ढोकर दुनिया के टॉप 3 देशों में शामिल होगा, जिसमें चीन, अमेरिका और भारत होंगे। यह रेलवे की बढ़ती क्षमता और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने ऐलान किया कि रेल सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए 41,000 एलएचबी कोच तैयार किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सभी आईसीएप कोच को एलएचबी में बदला जाएगा। लंबी रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और ‘कवच’ सिस्टम तेजी से लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले रेलवे को ₹25,000 करोड़ का समर्थन मिलता था, जो अब बढ़कर ₹2.5 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। इससे बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है। वहीं 50 नमो भारत ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है, जो कम दूरी की यात्रा के लिए एसी और नॉन-एसी विकल्पों के साथ है।

हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे लेकर रेल मंत्री ने सदन को बताया कि इस दुखद हादसे की जांच हाई-लेवल कमेटी कर रही है। सीसीटीवी फुटेज समेत सभी डेटा सुरक्षित रखा गया है, करीब 300 लोगों से बातचीत कर फैक्ट्स की जांच हो रही है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए 10 महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

रेल मंत्री ने कहा कि हमारा कमिटमेंट गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए है। यही वजह है कि जनरल कोचों की संख्या एसी कोचों की तुलना में ढ़ाई गुना अधिक बढ़ाई जा रही है। वर्तमान प्रोडक्शन प्लान के अनुसार 17 हजार नॉन-एसी कोचों के मैन्युफैक्चरिंग का प्रोग्राम है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति अच्छी है और इसमें लगातार सुधार के प्रयास जारी हैं। अब रेलवे का राजस्व करीब 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपये है और 2 लाख 75 हजार करोड़ के खर्चे हैं। भारतीय रेल सभी बड़े खर्चे खुद के इनकम से कर रही है, जो कि रेलवे के बेहतर प्रदर्शन से संभव हुआ है। रेल मंत्री ने भरोसा दिलाया कि रेलवे भविष्य में और अधिक आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली के रूप में उभरेगा।

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आने वाले चुनाव मजबूती से लड़ने के लिए संगठन करें मजबूत : अखिलेश यादव

जालौन:  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार काे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर जालाैन से गुजरते हुए

पार्टी जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर और कार्यकर्ताओं से मिले। उन्हाेंने छिरिया सलेमपुर के पास अपना काफिला राेक बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष एवं कार्यकर्ताओं

काे 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी जुट जाने की बात कही।

उन्हाेंने निर्देश दिए कि जिले में संगठन को और मजबूत करें, जिससे सपा की सरकार बनाई जा सके। इसके साथ ही आगामी जिला पंचायत और ग्राम पंचायत चुनावों की तैयारियों के लिए भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर भी पार्टी को मजबूत करना है।

इससे पूर्व सपा अध्यक्ष का जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। यहां से अखिलेश यादव हमीरपुर राठ विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी चंद्रावती वर्मा और महोबा के सांसद राजेंद्र सिंह राजपूत के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल हाेने के लिए रवाना हाे गए।

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