नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा न्याय पालिका और देश के मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए विवादास्पद बयानों से स्पष्ट रूप से दूरी बना ली है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार देर रात एक्स पर एक पोस्ट जारी कर कहा कि ये दोनों बयान व्यक्तिगत हैं। भाजपा का उनसे कोई संबंध नहीं है और पार्टी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है।

जेपी नड्डा ने कहा, “भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान पूरी तरह से व्यक्तिगत हैं। भारतीय जनता पार्टी न तो इन बयानों से सहमति रखती है और न ही ऐसे किसी भी बयान का समर्थन करती है। पार्टी इन बयानों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और अदालतों के आदेशों एवं सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है। नड्डा ने कहा कि देश की अदालतें, विशेषकर सर्वोच्च न्यायालय, लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं और संविधान की रक्षा का आधार हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने दोनों सांसदों को निर्देशित किया है कि भविष्य में इस प्रकार के बयान न दें। साथ ही उन्होंने सभी पार्टी नेताओं को भी ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है।

इस घटनाक्रम के बाद भाजपा ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है।

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नई दिल्ली, 20 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पर भाजपा के दो सांसदों की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष ने इन टिप्पणियों से दूरी बनाने को “डैमेज कंट्रोल” करार दिया और कहा कि इससे कोई मूर्ख नहीं बनेगा।

रमेश ने रविवार काे अपने एक ट्वीट में लिखा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश पर भाजपा के दो सांसदों की आपत्तिजनक टिप्पणियों से भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष की दूरी बनाए जाने का कोई विशेष अर्थ नहीं है। ये सांसद घृणा फैलाने वाले बयानों को बार-बार दोहराते रहने के लिए कुख्यात हैं।” उन्होंने आगे कहा, “भाजपा अध्यक्ष का स्पष्टीकरण डैमेज कंट्रोल के अलावा कुछ नहीं है।” जयराम रमेश ने भाजपा अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उनके पास न्यायपालिका पर की जा रही अस्वीकार्य टिप्पणियों पर कोई मत नहीं है।

रमेश ने यह भी पूछा, “अगर संविधान पर इस तरह के निरंतर हमलों को प्रधानमंत्री मोदी की मौन स्वीकृति नहीं है, तो इन सांसदों के खिलाफ कड़े कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं? क्या नड्डा ने इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया?”

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कोलकाता, 20 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की हालिया घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है।

मुख्यमंत्री ने यह आरोप एक खुले पत्र के माध्यम से लगाया, जिसमें उन्होंने राज्यवासियों को सतर्क रहने की अपील की। ममता ने लिखा, “भाजपा और उसके सहयोगी अचानक पश्चिम बंगाल में बेहद आक्रामक हो गए हैं। इनके सहयोगियों में आरएसएस भी शामिल है। ये लोग एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में जानबूझकर उकसावे की राजनीति कर रहे हैं।”

ममता ने लिखा, “हम सबको प्रेम करते हैं, मिलकर रहना चाहते हैं। हम दंगों की निंदा करते हैं और उसके सख्त खिलाफ हैं। ये लोग हमें बांटने की साजिश कर रहे हैं ताकि संकीर्ण राजनीतिक लाभ हासिल किया जा सके।”

मुख्यमंत्री ने शांति और एकता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हिंसा के पीछे मौजूद अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने जनता से आपसी अविश्वास से बचने और सतर्क रहने की भी अपील की।

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लद्दाख, 19 अप्रैल (हि.स.)। गलवान और सियाचिन ग्लेशियर सहित दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिक अब अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में रह सकते हैं, क्योंकि सेना ने लद्दाख क्षेत्र में विश्वसनीय हाई-स्पीड मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान की है। पहली बार दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों जैसे डीबीओ, गलवान, डेमचोक, चुमार, बटालिक, द्रास और सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों तक विश्वसनीय 4 जी और 5 जी मोबाइल कनेक्टिविटी तक पहुंच है।

सेना के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पूर्वी लद्दाख, पश्चिमी लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियर के अग्रिम स्थानों सहित लद्दाख के दूरदराज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभूतपूर्व मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान कर दी गई है। सेना की इस पहल से 18 हजार फीट से अधिक ऊंचाईपर अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला साबित हुई है, जिससे उन्हें अपने परिवार और प्रियजनों के साथ जुड़े रहने में मदद मिली है। भारतीय सेना ने अपने मजबूत ऑप्टिकल फाइबर केबल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के साथ भागीदारी की है।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने इस तालमेल को सक्षम करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसके तहत सेना के बुनियादी ढांचे पर कई मोबाइल टावर लगाए गए हैं, जिनमें अकेले लद्दाख और कारगिल जिलों में चार प्रमुख टावर शामिल हैं। विशेष रूप से सियाचिन ग्लेशियर पर 5 जी मोबाइल टावर की सफल स्थापना थी। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय आबादी ने इस पहल का अत्यधिक आभार के साथ स्वागत किया है। मोबाइल कनेक्टिविटी केवल एक संचार उपकरण नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना की दूरदर्शी पहल राष्ट्रीय एकीकरण और विकास के लिए अपनी स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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चेन्नई, 19 अप्रैल (हि.स.)। दक्षिण रेलवे की घोषणा के मुताबिक शनिवार को पहली लोकल वातानुकूलित इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन चेन्नई बीच और चेंगलपट्टू के बीच शुरू हुआ। 12 कोच वाली इस वातानुकूलित इलेक्ट्रिक ट्रेन का न्यूनतम किराया 35 रुपये और अधिकतम किराया 105 रुपये है।

चेन्नई बीच से पहली रेल सेवा आज सुबह 7 बजे शुरू हुई। यह ट्रेन पोर्ट, पार्क, एग्मोर, माम्बलम, गुइंडी, पारंगीमलाई, त्रिशूलम, तांबरम, पेरुंगलथुर, कुडुवनचेरी, पोथेरी, सिंगपेरुमल कोविल और परनूर रेलवे स्टेशनों से होते हुए सुबह 8.35 बजे चेंगलपट्टू पहुंची। वापसी यात्रा सुबह 9 बजे चेंगलपट्टू से शुरू हुई और सुबह 10.30 बजे कोस्ट रेलवे स्टेशन पहुंची।

ट्रेन का शेड्यूल

चेन्नई बीच से सुबह 7 बजे इस ट्रेन के रवाना होने का समय है जो 8.35 बजे चेंगलपट्टू पहुँचती है। वापसी में यह ट्रेन सुबह 9 बजे चेंगलपट्टू से रवाना होती है और सुबह 10.30 बजे चेन्नई बीच पहुंचती है। यह ट्रेन चेन्नई बीच से अपराह्न 3.45 बजे रवाना होती है और शाम 5.25 बजे चेंगलपट्टू पहुँचती है। वापसी यात्रा पर ट्रेन चेंगलपट्टू से शाम 5.45 बजे रवाना होती है और शाम 7.15 बजे चेन्नई बीच पहुँचती है।

इस ट्रेन का चेन्नई फोर्ट, पार्क, एग्मोर, माम्बलम, गुइंडी, पारंगीमलाई, त्रिशूलम, तांबरम, पेरुंगलाथुर, कुडुवनचेरी, सिंगपेरुमल कोविल और परनूर रेलवे स्टेशनों पर ठहराव है।

शुल्क विवरण

चेन्नई बीच से न्यूनतम किराया 35 रुपये और अधिकतम शुल्क किराया 105 रुपये है। चेन्नई किला, चेन्नई पार्क, एग्मोर – 35 रुपये, माम्बलम – 40 रुपये, गुइंडी, पारंगीमलाई, तिरुसुलम – 60 रुपये, तांबरम, पेरुंगलथुर – 85 रुपये, कुडुवनचेरी, पोथेरी – 90 रुपये, सिंगपेरुमल मंदिर – 100 रुपये है।

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ईस्टर की पूर्व संध्या पर शनिवार को सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।

राष्ट्रपति ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि ईस्टर के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों, विशेषकर भारत और विदेश में रहने वाले ईसाई समुदाय के सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जीवन की याद में मनाया जाने वाला ईस्टर का पवित्र त्योहार हमें निस्वार्थ प्रेम और सेवा का संदेश देता है। यीशु मसीह के बलिदान से त्याग और क्षमा की सीख मिलती है। उनके जीवन से हमें सत्य, न्याय और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा कि आइए, इस उल्लासपूर्ण अवसर पर उनके जीवन-मूल्यों का अनुसरण करें जिससे समाज में शांति और समृद्धि का संचार होता रहे।

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में एआईसीसी के महासचिवों, कांग्रेस प्रभारियों और विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के अध्यक्षों की शनिवार को यहां एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित बैठक में खरगे ने नेशनल हेराल्ड और वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर देश भर में लोगों को सच्चाई और कांग्रेस के रुख के बारे में अवगत कराने का आह्वान किया। उन्होंने देश के अन्य ज्वलंत मुद्दों को भी लगातार उठाते रहने का आग्रह किया।

खरगे ने अपने शुरुआती सम्बोधन में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में हुए एआईसीसी के सत्र की सफलता के लिए पार्टी पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वहां पारित प्रस्तावों को आप सभी को जिला, मंडल, ब्लाक और बूथ तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राहुल गांधी ने गुजरात में जिलाध्यक्षों के चुनाव को लेकर बैठक की और पर्यवेक्षकों से जिलाध्यक्षों के चयन के बारे में विचार-विमर्श किया।

नेशनल हेराल्ड की दिल्ली, लखनऊ और मुंबई की सम्पत्तियों को अटैच किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने ईडी की चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम शामिल किए जाने को षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अहमदाबाद में एआईसीसी के अधिवेशन के तत्काल बाद ही ईडी ने ये जो कार्रवाई की, उसका मकसद साफ है। रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन हुआ था तो उस समय भी वहां उसे विफल करने के लिए हमारे नेताओं के ऊपर ईडी और सीबीआई को लगा कर रेड कराई गई।

खरगे ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर लोकसभा चुनाव के पहले हमारे खाते बंद कराए गए। इसके बावजूद देश की जनता ने सच्चाई समझी और लोकसभा में हमारी संख्या पहले से दो गुनी हो गई। सरकार के वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे विपक्ष को एकजुट किया और बिल का विरोध किया। कांग्रेस और विपक्ष के दूसरे दलों ने जिन बिंदुओं को रखा था, सुप्रीम कोर्ट ने उनको महत्व दिया है और सुनवाई कर रहा है। हमें पूरा भरोसा है कि हम इस लड़ाई को भी जीतेंगे।

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के एक इमारत ढह गई, जिसके मलबे में कई लोग फंस गए। अबतक इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 8 लोग एक ही परिवार के हैं। हादसे में मकान मलिक तहसीन (60) की भी मौत हो गई है।

मौके पर एनडीआरएफ, दमकल, दिल्ली पुलिस और स्थानीय लोग बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। चार मंजिला इमारत आज तड़के 2.39 बजे अचानक जमींदोज हो गई। हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।

दिल्ली पुलिस ने इस हादसे में 11 लोगों के मरने की पुष्टि करते हुए इनके नामों की सूची भी जारी की है। मृतकों में तीन महिलायें और चार बच्चे भी हैं। इनमें आठ लोग एक ही परिवार के हैं। हादसे में 11 लोग घायल हैं, जिनमें से 6 को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और 5 का इलाज अब भी जारी है।

माना जा रहा है कि हादसे के समय इमारत में 22 से 24 लोग मौजूद थे। एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक उनकी टीम आज सुबह 4.50 बजे घटना स्थल पर पहुंची थी। उनके पहुंचने से पहले ही 10 से 15 लोगों को स्थानीय लोगों और अन्य एजेंसियों ने मलबे से निकाल लिया था। अबतक एनडीआरएफ ने 8 लोगों को निकाला है, जिनमें से 7 अचेत अवस्था में थे। एक महिला को जिंदा बचाया गया है।

डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल के मुताबिक फायर ब्रिगेड को सुबह करीब 2:50 बजे एक मकान ढहने की सूचना मिली थी। हम मौके पर पहुंचे और पाया कि पूरी इमारत ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

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आगामी फिल्म ‘फुले’ को लेकर ब्राह्मण समुदाय पर फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के एक बयान के लिए बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के बाद अनुराग कश्यप और उनके परिवार को कई धमकियां भी मिलीं। कई लोगों ने अनुराग के बयान की निंदा की और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

अब अनुराग ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट शेयर करके माफी मांग ली है। अनुराग कश्यप ने साफ कहा, “ये माफ़ी पूरी पोस्ट के लिए नहीं है, बल्कि उस एक लाइन के लिए है। उस लाइन में एक अलग संदर्भ जोड़ा गया, जिससे बहुत नफ़रत फैली। मेरी राय चाहे कितनी भी साफ़ क्यों न हो, अगर उससे मेरी बेटी की सुरक्षा प्रभावित होती है, तो वो राय मेरे लिए मायने नहीं रखती।” “मैं अपने बयान पर कायम हूं, लेकिन अगर मेरे परिवार को मेरी वजह से परेशानी हो रही है, तो मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे डांट दीजिए, लेकिन मेरे परिवार को कोई परेशानी मत दीजिए। अगर आप मुझसे माफ़ी चाहते हैं, तो मैं माफ़ी मांगता हूं। जो लोग शुद्ध मूल्यों और धर्म का प्रचार करते हैं, उन्हें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, बस यही मेरी अपेक्षा है।”

अनुराग के बयान से मचा विवादअनुराग ने कुछ दिन पहले फिल्म ‘फुले’ की पृष्ठभूमि में एक पोस्ट लिखी थी। इससे विवाद उत्पन्न हो गया। अनुराग ने लिखा, “धड़क 2 की स्क्रीनिंग के दौरान सेंसर बोर्ड ने कहा कि मोदी ने जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इसी आधार पर संतोष फिल्म भी भारत में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण समुदाय को फिल्म ‘फुले’ पर आपत्ति है, लेकिन भाई, अगर जाति व्यवस्था खत्म हो गई तो ब्राह्मण कहां से आ गए? आप कौन हैं? आप क्यों तकलीफ में हैं?”

“यदि जाति व्यवस्था नहीं होती तो ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अस्तित्व क्यों होता?। एक बात तो यह है कि यहां कोई ब्राह्मण नहीं है, क्योंकि मोदी के अनुसार भारत में कोई जाति व्यवस्था नहीं है। या फिर वे सब एक दूसरे को मूर्ख बना रहे हैं? आपको पहले मिलकर यह तय करना चाहिए कि भारत में जाति व्यवस्था है या नहीं। लोग मूर्ख नहीं हैं। “क्या आप ब्राह्मण हैं या आपके पूर्वज थे जो अब यहां नहीं हैं…क्या निर्णय लेंगे?” इससे अनुराग के प्रति नाराजगी पैदा हो गई। अब जब अनुराग ने माफी मांग ली है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि मामला खत्म हो गया है।

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार ने धार्मिक संस्थानों और पर्यटन सेवाओं के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में जनता को सचेत करने के लिए शनिवार को चेतावनी जारी की।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। आई4सी ने एक बयान में कहा कि यह धोखाधड़ी फर्जी वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर पेड विज्ञापनों के जरिए की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन फर्जी वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर केदारनाथ, चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग, तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग, ऑनलाइन कैब या टैक्सी सेवा बुकिंग और हॉलिडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं जैसी सेवाएं देने का दावा करते हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से भुगतान करने पर लोगों को जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर हो जाते हैं, तो उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है।

आई4सी ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी है। आई4सी के अनुसार, लोग कोई भी भुगतान करने से पहले हमेशा वेबसाइट की प्रामाणिकता की जांच करें। गूगल, फेसबुक या व्हाटसएप पर प्रायोजित या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से बुकिंग की क्रॉस-चेकिंग करें। ऐसी वेबसाइटों की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या किसी भी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए आधिकारिक बुकिंग केवल https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। वहीं सोमनाथ ट्रस्ट की सेवाओं और गेस्ट हाउस बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट somnath.org है।

इन घोटालों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र बहु-आयामी रणनीति अपना रहा है। आई4सी ने कहा कि घोटाले का पता लगाने के लिए गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे आईटी मध्यस्थों के साथ नियमित रूप से स्कैम सिग्नल का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि साइबर अपराध के हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है तथा जिन राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से अपराध की शुरुआत हो रही है, उन्हें सतर्क और संवेदनशील बनाया जा रहा है।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए फर्जी वेबसाइटों या विज्ञापनों और नकली सोशल मीडिया अकाउंट की पहुंच को बंद किया जा रहा है। इसके अलावा परेशानी मुक्त शिकायत की सुविधा के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर संदिग्धों की जांच और रिपोर्टिंग सुविधा विकसित की गई है।

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कोलकाता, 19 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।

एनसीडब्ल्यू प्रमुख रहाटकर ने मुर्शिदाबाद के बेतबोना इलाके में पीड़ितों से बात करते हुए कहा, “डरने की कोई बात नहीं है। देश और आयोग आपके साथ है। खुद को अकेला मत समझिए।” उन्होंने बताया कि आयोग इस दौरे की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा।

पीड़ित महिलाओं ने आयोग को बताया कि दंगों के दौरान उन्हें किस प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ीं। उन्होंने मांग की कि जिले के संवेदनशील इलाकों में स्थायी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कैंप स्थापित किए जाएं और पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जाए। इससे एक दिन पहले शुक्रवार को आयोग की टीम ने मालदा जिले के राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित हुए लोग शरण लिए हुए हैं।

गौरतलब है कि एनसीडब्ल्यू ने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धूलियन और जंगीपुर इलाकों में 11 और 12 अप्रैल को भड़की हिंसा पर स्वत: संज्ञान लिया था। मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। आयोग ने अपने दौरे में हिंसा प्रभावित महिलाओं की स्थिति का आकलन किया और केंद्र से कार्रवाई की सिफारिश की है।

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की हत्या की कड़ी निंदा की है। भारत ने वहां की अंतरिम सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि वह बिना किसी भेदभाव के अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत के रुख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को व्यथित रूप से देखा है। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर घूमते हैं।”

जायसवाल ने आगे लिखा, “हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे।”

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंसा की ताजा घटना में दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय को शुक्रवार रात उनके घर से अगवा कर लिया गया और बाइक सवार हमलावरों के समूह ने बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे। वह इलाके के हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भी थे।

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