इंडियन रेलवे ने गुरुवार को 502 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है. कैंसिल ट्रेनों में दिल्ली को यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को जाने वाली कई प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं. इनमें कैफियात एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और आनंद विहार-गोरखपुर समेत कई ट्रेनों के नाम हैं.

कैंसिल ट्रेनों में 334 गाड़ियों को पूर्ण रूप से रद्द कर दिया गया है वहीं, 168 ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल की गई हैं. इसके अलावा 25 ट्रेनों को रूट को डायवर्ट किया गया है. NTES मोबाइल ऐप के जरिए भी ट्रेनों से जुड़ी सभी अहम जानकारियां हासिल की जा सकती हैं. सफर से पहले यात्री रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 डायल करके भी जरूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

दिल्ली आने वाली 10 ट्रेनें 1 से 3 घंटे तक लेट

दिल्ली आने वाली 10 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से 1 से 3 घंटे तक लेट बताई जा रही है. इन ट्रेनों में पूरी नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 2 घंटे 30 मिनट, गया न्यू दिल्ली महाबोधि एक्सप्रेस 2 घंटे 45 मिनट, डिब्रूगढ़ दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल 1 घंटे 30 मिनट, भुवनेश्वर-न्यू दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस 3 घंटे, रीवा आनंद विहार रीवा एक्सप्रेस 2 घंटे, हावड़ा न्यू दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस 2 घंटे 30 मिनट, भागलपुर आनंद विहार विक्रमशिला एक्सप्रेस 1 घंटे 30 मिनट, जबलपुर निजामुद्दीन एक्सप्रेस 2 घंटे 30 मिनट, प्रतापगढ़ पद्मावत एक्सप्रेस 1 घंटे 30 मिनट और फैजाबाद दिल्ली फैजाबाद एक्सप्रेस 1 घंटे की देरी से दिल्ली आ रही हैं.

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नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप व हत्या मामले में पटियाला कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है, अब चारों दोषियों को तीन मार्च को होगी फांसी. इससे पहले सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला अगले आदेश तक के लिए सुरक्षित रखा था और अब से कुछ देर पहले नया डेथ वारंट जारी कर दिया.

इससे पहले सुनवाई के दौरान दोषी मुकेश के वकील वृंदा गोवर ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से विशेष वकील राजीव मोहन ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपा. मोहन ने अदालत को बताया कि चार में से तीन दोषी का कानूनी विकल्प खत्म हो चुका है, इसलिए डेथ वारंट जारी किया जाये. वहीं, सुनवाई के दौरान विनय के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में बताया कि विनय पिछले एक सप्ताह से खाना नहीं खाया है, जिसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से उसका ध्यान रखने का आदेश दिया.

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नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. केजरीवाल के साथ-साथ पार्टी के छह नेता ने भी शपथ लिया जो कि उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं. रामलीला मैदान के लिए खचाखच भरा हुआ था.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि मां के लिए बच्चे का प्यार फ्री होता है. ऐसे मुख्यमंत्री पर लानत है जो स्कूल की फीस बच्चों से ले, मुफ्त इलाज न दे सके. उन्होंने कहा कि दिल्ली मॉडल अब पूरे देश में दिख रहा है. एक दिन भारत का डंका पूरे विश्व में बजेगा. आखिरी में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ‘हम होंगे कामयाब’ गीत गाया और वंदे मातरम और भारत माता की जय के साथ अपने संबोधन को समाप्त किया.


केजरीवाल ने कहा कि ये मेरी नहीं, दिल्लीवालों की जीत है. वोट देने वाले, नहीं देने वाले दोनों का मुख्यमंत्री हूं. मैं दिल्लीवालों के जिंदगी में खुशहाली लाने की कोशिश करूंगा. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जो भी राजनीतिक उठा-पटक हुई उसे भूल जाओ. हम केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे. आप किसी भी पार्टी या धर्म के हों, काम हो तो मेरे पास आ जाना. देश में दिल्ली से नई राजनीति की शुरुआत हुई है. दिल्ली के विकास के लिए प्रधानमंत्री का आशीर्वाद चाहता हूं. मैं सबके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं.

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New Delhi: पिछले साल (2019) आज ही के दिन आतंकियों ने देश को झकझोर देने वाली घटना को अंजाम दिया था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में नेशनल हाईवे पर हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से CRPF काफिले की बस को टक्कर मार दी.

धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए. इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.

जम्मू-श्रीनगर में हुए इस हमले के बाद पूरा देश गुस्से से उबल रहा था. शहरों में पाकिस्तान और आतंकियों पर कार्रवाई की लोग मांग कर रहे थे.

पुलवामा हमले में शहीद हुए माँ भारती के वीर सपूतों को छपरा टुडे डॉट कॉम की श्रद्धांजलि.

 

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New Delhi: प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर करने का केंद्र सरकार ने फ़ैसला किया है. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अमूल्य योगदान के लिए श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र, दिल्ली को सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान, दिल्ली को सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया है.

इस बात की जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर के मध्यम से देते हुए बताया कि 14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जयंती है. सार्वजनिक जीवन में सेवा और विरासत पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलने का ऐलान किया है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, हम सब सुषमा स्वराज को याद करते हैं, जो कल (14 फरवरी) 68 वर्ष की हो जाएंगी. विदेश मंत्रालय परिवार उन्हें विशेष रूप से याद करता है.

भारत सरकार ने हाल ही में सुषमा स्वराज को पद्मविभूषण सम्मान से नवाजा था.

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New Delhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट में इनकम टैक्स का कायापलट कर दिया है. टैक्स स्लैब को 5 स्लैब में बांटा गया है. अब 5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

सरकार के बड़े बदलाव के बाद अब ऐसा होगा नया टैक्स स्लैब:

0 से 5 लाख तक- 0%

5 लाख से 7.5 लाख तक-10%

7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%

10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%

12.50 लाख से 15 लाख- 25%

15 लाख ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी

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New Delhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया. अपने भाषण में उन्होंने सरकार की योजनाओं और देश के विकाश के लिए किए जा रहे प्रयाशों की चर्चा की.
https://www.facebook.com/408219679233862/posts/2680047752051032/

#Budget वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कश्मीर की एक कविता पढ़ी – हमारा वतन खिलते हुए शालीमार जैसा, हमारा वतन डल में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन – तेरा वतन हमारा वतन दुनिया का सबसे प्यारा वतन

निर्मला सीतारमण संसद में पेश कर रहीं हैं बजट, कहा-लोगों ने मोदी सरकार को जनादेश दिया, लोगों ने हमारी आर्थिक नीति पर भी भरोसा किया – @nsitharaman
#Budget2020

वित्त मंत्री #NirmalaSitharaman के भाषण की अब तक की बड़ी बातें

– सरकारी योजनाओं से गांव के लोगों को फायदा हुआ
– घरेलू खर्च में 4 प्रतिशत की कमी आई
– इंस्पेक्टर राज को खत्म करने में मदद मिली
– महंगाई को काबू रखने में सरकार को सफलता मिली
#Budget2020

यहां देखें LIVE

https://www.facebook.com/chhapratoday/videos/564770824112787/

 

 

 

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Patna: भड़काऊ भाषण मामले में शरजील ईमाम को गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे उसके पैतृक जिले जहानाबाद के काको थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस अब उसको ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले जाने की तैयारी में है.

आपको बता दें कि शरजील ईमाम पर देशद्रोह और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. पांच राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में थी. आखिरकार बिहार से गिरफ्तारी हुई है.

शरजील पर असम समेत पूरे उत्तर पूर्व को देश से अलग करने के एक बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मामला दर्ज किया गया था. जिसे बाद सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आई थी.

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New Delhi: 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. इनमें 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 को पद्मश्री से नवाजे जाने की घोषणा की गयी है.

जॉर्ज फर्नांडिस (मरणोपरांत), अरुण जेटली (मरणोपरांत), सर अनिरुद्ध जुगनाथ, एमसी मैरी कॉम, छन्नूलाल मिश्रा, सुषमा स्वराज (मरणोपरांत), पेजावरा मठ के महंत श्री विश्वेशातीर्थ (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जायेगा.

वही मुमताज अली, सैयद मुआजेम अली (मरणोपरांत), मुजफ्फर हुसैन बेग, अजय चक्रवर्ती, मनोज दास, बालकृष्ण दोषी, कृष्णाम्मल जगन्नाथन, एससी जमिर, अनिल प्रकाश दोषी, सेरिंग नंडोल, आनंद महिंद्रा, नीलकंठ रामकृष्ण माधव मेनन (मरणोपरांत), मनोहर पर्रिकर, प्रो जगदीश सेठ, पीवी सिंधु, वेणु श्रीनिवासन को पद्म भूषण से सम्मानित किया जायेगा.

इन 118 हस्तियों को पद्मश्री से नवाजा जायेगा

1. गुरु शशधर आचार्य
2. डॉ. योगी एरोन
3. जय प्रकाश अग्रवाल
4. जगदीश लाल आहूजा
5. काजी मासूम अख्तर
6. ग्लोरिया एरीरा
7. खान जहीरखान बख्तियारखान
8. डॉ. पद्मावती बंदोपाध्याय
9. डॉ. सुषोवन बनर्जी
10. डॉ. दिगंबर बेहरा
11. डॉ. दमयंती बेसरा
12. पवार पोपटराव भागूजी
13. हिम्मता राम भांभू
14. संजीव बाखचंदानी
15. गफूरभाई एम. बिलाखिया
16. बॉब ब्लैकमैन
17. इंदिरा पी. पी. बोरा
18. मदन सिंह चौहान
19. उषा चूमर
20. लील बहादुर चेत्री
21. ललिता और सरोजा चिदंबरम (संयुक्त रूप से)
22. डॉ. वजिरा चित्रसेन
23. डॉ. पुरुषोत्तम दाधीच
24. उत्सव चरण दास
25. प्रो. इंद्र दासनायके (मरणोपरांत)
26. एच. एम. देसाई
27. मनोहर देवदास
28. ओइनम बेमबेम देवी
29. लिया डिस्किन
30. एम. पी. गणेश
31. डॉ. बैंगलोर गंगाधर
32. डॉ. रमन गंगाखेडकर
33. बैरी गार्डिनर
34. चेवांग मोटुप गोबा
35. भरत गोयनका
36. यदला गोपालराव
37. मित्राभानु गोटिया
38. तुलसी गौडा
39. सुजॉय के. गुहा
40. हरेकला हजबा
41. इनामुल हक
42. मधु मंसूरी हसमुख
43. अब्दुल जब्बार (मरणोपरांत)
44. बिमल कुमार जैन
45. मीनाक्षी जैन
46. ​​नेमनाथ जैन
47. शांति जैन
48. सुधीर जैन
49. बेनीचंद्र जमातिया
50. के. वी. संपत कुमार और सुश्री विदुषी जयलक्ष्मी के. एस. (संयुक्त रूप से)
51. करण जौहर
52. डॉ. लीला जोशी
53. सरिता जोशी
54. सी. कमलोवा
55. डॉ. रवि कन्नन आर.
56. एकता कपूर
57. यज्दी नौशीरवान करंजिया
58. नारायण जे. जोशी करयाल
59. डॉ. नरिंदर नाथ खन्ना
60. नवीन खन्ना
61. एस.पी. कोठारी
62. वी. के. मुनुसामी कृष्णपक्ष
63. एम. के. कुंजोल
64. मनमोहन महापात्रा (मरणोपरांत)
65. उस्ताद अनवर खान मंगनियार
66. कट्टंगल सुब्रमण्यम मणिलाल
67. मुन्ना मास्टर
68. अभिराज राजेंद्र मिश्रा
69. बिनापानी मोहंती
70. डॉ. अरुणोदय मोंडल
71. डॉ. पृथ्वींद्र मुखर्जी
72. सत्यनारायण मुनदूर
73. मणिलाल नाग
74. एन. चंद्रशेखरन नायर
75. डॉ. टेट्सु नाकामुरा (मरणोपरांत)
76. शिव दत्त निर्मोही
77. पु ललिबक्थंग पचुअउ
78. मुजिक्कल पंकजाक्षी
79. डॉ. प्रशांत कुमार पट्टनायक
80. जोगेंद्र नाथ फुकन
81. रहिबई सोमा पोपेरे
82. योगेश प्रवीण
83. जीतू राय
84. तरुणदीप राय
85. एस. रामकृष्णन
86. रानी रामपाल
87. कंगना रनौत
88. दलवई चलपति राव
89. शाहबुद्दीन राठौड़
90. कल्याण सिंह रावत
91. चिंताला वेंकट रेड्डी
92. डॉ. शांति रॉय
93. राधमोहन और साबरमती (संयुक्त रूप से)
94. बटाकृष्ण साहू
95. ट्रिनिटी साइओ
96. अदनान सामी
97. विजय संकेश्वर
98. डॉ. कुशाल कोंवर सरमा
99. सईद महबूब शाह कादरी उर्फ ​​सईदभाई
100. मोहम्मद शरीफ
101. श्याम सुंदर शर्मा
102. डॉ. गुरदीप सिंह
103. रामजी सिंह
104. वशिष्ठ नारायण सिंह (मरणोपरांत)
105. दया प्रकाश सिन्हा
106. डॉ. सैंड्रा देसा सूजा
107. विजयसारथी श्रीभाष्यम
108. काले शबी महबूब और शेख महबूब सुबानी (संयुक्त रूप से)
109. प्रदीप थलप्पिल
110. जावेद अहमद टाक
111. येशे दोरजी थोंग्ची
112. रॉबर्ट थुरमन
113. अगुस इंद्र उदयन
114. हरीश चंद्र वर्मा
115. सुंदरम वर्मा
116. डॉ. रोमेश टेकचंद वाधवानी
117. सुरेश वाडकर
118. प्रेम वत्स

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New Delhi:  71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया, यहाँ पढ़ें पूरा सन्देश
मेरे प्यारे देशवासियो

1. 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

2. आज से सात दशक पहले, 26 जनवरी को, हमारा संविधान लागू हुआ था। उसके पहले ही इस तारीख का विशेष महत्व स्थापित हो चुका था। ‘पूर्ण स्वराज’ का संकल्प लेने के बाद हमारे देशवासी, 1930 से 1947 तक, प्रतिवर्ष 26 जनवरी को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया करते थे। इसीलिए सन 1950 में उसी ऐतिहासिक दिवस पर, हम भारत के लोगों ने, संविधान के आदर्शों के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए, एक गणतंत्र के रूप में, अपनी यात्रा शुरू की। और तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हम गणतन्त्र दिवस मनाते हैं।

3.आधुनिक गणराज्य की शासन व्यवस्था के तीन अंग होते हैं – विधायिका, कार्य-पालिका और न्याय-पालिका। ये तीनों अंग स्वायत्त होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े होते हैं और एक दूसरे पर आधारित भी होते हैं। परंतु वास्तव में तो लोगों से ही राष्ट्र बनता है।‘हम भारत के लोग’ ही अपने गणतंत्र का संचालन करते हैं। अपने साझा भविष्य के बारे में निर्णय लेने की वास्तविक शक्ति हम भारत के लोगों में ही निहित है।

4. हमारे संविधान ने, हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास तथा परस्पर भाईचारे के लिए, यही सबसे उत्तम मार्ग है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन-मूल्यों को अपनाने से, इन संवैधानिक आदर्शों का अनुपालन हम सबके लिए और भी सरल हो जाता है। ऐसा करते हुए, हम सब, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को और भी सार्थक आयाम दे सकेंगे।

मेरे प्रिय देशवासियो,

5. जन-कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है। जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है – चाहे रसोई गैस की सबसिडी को छोड़ना हो, या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना हो।‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है।‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ अर्थात ‘सौभाग्य योजना’ से लोगों के जीवन में नई रोशनी आई है।‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है।

बढ़ते हुए जल-संकट का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ का गठन किया गया है तथा जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन’ भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा।

6. सरकार की प्रत्येक नीति के पीछे,जरूरतमंद लोगों के कल्याण के साथ-साथ यह भावना भी होती है कि “सबसे पहले राष्ट्र हमारा”। जी.एस.टी. के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी ‘एक राष्ट्र के लिए एक बाजार’ बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा। हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं – चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों।

7. देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं।

8. स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के सुलभ होने को प्रायः सुशासन की आधारशिला समझा जाता है। पिछले सात दशकों के दौरान हमने इन क्षेत्रों में एक लंबा सफर तय किया है। सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है। ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ तथा ‘आयुष्मान भारत’ जैसे कार्यक्रमों से गरीबों के कल्याण के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त होती है और उन तक प्रभावी सहायता भी पहुंच रही है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, ‘आयुष्मान भारत’ योजना, दुनिया की सबसे बड़ी जन-स्वास्थ्य योजना बन गई है। जन-साधारण के लिए, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता, दोनों में सुधार हुआ है। ‘जन-औषधि योजना’ के जरिए, किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध होने से, सामान्य परिवारों के इलाज पर होने वाले खर्च में कमी आई है।

प्यारे देशवासियो,

9. प्राचीन काल में ही, एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था की आधारशिला नालंदा और तक्षशिला के महान विश्वविद्यालयों में रखी जा चुकी थी। भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है। शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है। लंबे समय तक औपनिवेशिक शासन के कारण आई विपन्नता को दूर करने में, शिक्षा ही सशक्तीकरण के एक प्रभावी माध्यम के रूप में उभरी है। हमारी आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के आधार का निर्माण आजादी के तुरंत बाद के दौर में प्रारम्भ हुआ था। तब हमारे संसाधन बहुत ही सीमित थे। फिर भी, शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। साथ ही, शिक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए अपनी शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना है।

10. ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’, अर्थात इसरो, की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। इसरो की टीम अपने ‘मिशन गगनयान’ में आगे बढ़ रही है, और सभी देशवासी, इस वर्ष ‘भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम’ के और तेज गति से आगे बढ़ने की उत्साहपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं।

11. इसी वर्ष टोकियो में ओलंपिक खेल आयोजित होने जा रहे हैं। पारंपरिक रूप से, कई खेलों में, भारत अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। हमारे खिलाड़ियों और एथलीटों की नई पीढ़ी ने, हाल के वर्षों में, अनेक खेल प्रतियोगिताओं में देश का नाम ऊंचा किया है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में, भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।

12. प्रवासी भारतीयों ने भी सदैव देश का गौरव बढ़ाया है। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मैंने देखा है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने, न केवल वहाँ की धरती को अपने परिश्रम से समृद्ध किया है, बल्कि उन्होंने विश्व समुदाय की निगाह में भारत की छवि को भी निखारा है। कई प्रवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

मेरे प्यारे देशवासियो,

13. देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएँ प्रस्तुत करता है। हमारे किसान, हमारे डॉक्टर और नर्स, विद्या और संस्कार देने वाले शिक्षक, कर्मठ वैज्ञानिक और इंजीनियर, सचेत और सक्रिय युवा, हमारे कल–कारखानों को अपने परिश्रम से चलाने वाले श्रमिक बंधु, औद्योगिक विकास में योगदान देने वाले उद्यमी, हमारी संस्कृति और कला को निखारने वाले कलाकार, भारत के सर्विस सैक्टर को विश्व भर में सम्मानित स्थान दिलाने वाले सभी प्रोफेशनल्स तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में अपना योगदान देने वाले हमारे सभी देशवासी और खासकर, हर तरह की बाधाओं के बावजूद सफलता के नए मानदंड स्थापित करने वाली हमारी होनहार बेटियाँ, ये सभी हमारे देश का गौरव हैं।

14. इस महीने के आरंभ में, मुझे देश के ऐसे ही कुछ कर्मठ लोगों से मिलने और उनके साथ बातचीत करने का अवसर मिला, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय काम किया है। सादगी और निष्ठा के साथ चुपचाप अपना काम करते हुए, उन लोगों ने विज्ञान और इनोवेशन, खेती और वन संपदा के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-कूद, प्राचीन शिल्पकलाओं को फिर से लोकप्रिय बनाने, दिव्यांग व्यक्तियों, महिलाओं और बच्चों के सशक्तीकरण, तथा जरूरतमन्द लोगों के लिए भोजन और पोषण की व्यवस्था करने आदि, विभिन्न क्षेत्रों में, अपार योगदान दिया है। उदाहरण के लिए जम्मू-कश्मीर में सुश्री आरिफ़ा जान ने नमदा दस्तकारी को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए, तेलंगाना में सुश्री रत्नावली कोट्टपल्ली ने थेलेसिमिया से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए, केरल में श्रीमती देवकी अम्मा ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से वन-संपदा उत्पन्न करके, मणिपुर में श्री जामखोजांग मिसाओ ने सामुदायिक विकास के लिए काम करके और पश्चिम बंगाल में श्री बाबर अली ने बचपन से ही कमजोर वर्ग के बच्चों में शिक्षा का प्रसार करने के अपने सराहनीय योगदान से लोगों के जीवन में आशा का संचार किया है। ऐसे बहुत से लोग हैं, मैंने तो उन में से केवल कुछ के ही नाम लिए हैं। ऐसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि सामान्य व्यक्ति भी, अपने आदर्शों और कर्मठता के बल पर, समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। बड़ी संख्या में, ऐसे अनेक स्वैच्छिक संगठन भी हैं, जो सरकार के साथ मिलकर, राष्ट्र-निर्माण के अभियान में, अपना योगदान दे रहे हैं।

प्यारे देशवासियो,

15. अब हम इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर चुके हैं। यह नए भारत के निर्माण और भारतीयों की नई पीढ़ी के उदय का दशक होने जा रहा है। इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। समय बीतने के साथ, हमारे स्वाधीनता संग्राम के प्रत्यक्ष साक्षी रहे लोग हमसे धीरे-धीरे बिछुड़ते जा रहे हैं, लेकिन हमारे स्वाधीनता संग्राम की आस्थाएं निरंतर विद्यमान रहेंगी। टेक्नॉलॉजी में हुई प्रगति के कारण, आज के युवाओं को व्यापक जानकारी उपलब्ध है और उनमें आत्मविश्वास भी अधिक है। हमारी अगली पीढ़ी हमारे देश के आधारभूत मूल्यों में गहरी आस्था रखती है। हमारे युवाओं के लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहता है। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है।

16. राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है।

किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को, गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है। कोई भी कार्य उचित है या अनुचित, यह तय करने के लिए गांधीजी की मानव-कल्याण की कसौटी, हमारे लोकतन्त्र पर भी लागू होती है। लोकतन्त्र में सत्ता एवं प्रतिपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ, देश के समग्र विकास और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए।

प्यारे देशवासियो,

17. गणतंत्र दिवस हमारे संविधान का उत्सव है। आज के दिन, मैं संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहब आंबेडकर के एक विचार को आप सब के साथ साझा करना चाहूँगा। उन्होंने कहा था कि:

“अगर हम केवल ऊपरी तौर पर ही नहीं, बल्कि वास्तव में भी, लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए? मेरी समझ से, हमारा पहला काम यह सुनिश्चित करना है कि अपने सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, अडिग निष्ठा के साथ, संवैधानिक उपायों का ही सहारा लेना चाहिए।”

बाबासाहब आंबेडकर के इन शब्दों ने, हमारे पथ को सदैव प्रकाशित किया है। मुझे विश्वास है कि उनके ये शब्द, हमारे राष्ट्र को गौरव के शिखर तक ले जाने में निरंतर मार्गदर्शन करते रहेंगे।

प्यारे देशवासियो,

18. पूरे विश्व को एक ही परिवार समझने की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की हमारी सोच, अन्य देशों से हमारे सम्बन्धों को मजबूत बनाती है। हम अपने लोकतान्त्रिक मूल्यों तथा विकास और उपलब्धियों को समूचे विश्व के साथ साझा करते आए हैं।

गणतन्त्र दिवस के उत्सव में विदेशी राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित करने की हमारी परंपरा रही है। मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भी, कल के हमारे गणतन्त्र दिवस के उत्सव में, हमारे प्रतिष्ठित मित्र, ब्राज़ील के राष्ट्रपति श्री बोल्सोनारो हमारे सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।

विकास पथ पर आगे बढ़ते हुए, हमारा देश और हम सभी देशवासी, विश्व-समुदाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारा और पूरी मानवता का भविष्य सुरक्षित रहे और समृद्धिशाली बने।

19. मैं एक बार फिर, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं और आप सबके सुखद भविष्य की कामना करता हूं।

जय हिन्द!

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New Delhi: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए एनजीओ संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है.

कोर्ट ने यौन शोषण और सामूहिक दुष्कर्म के कई मामलों में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को
दोषी करार दिया है.

28 जनवरी को सजा पर कोर्ट में बहस होगी.

 

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New Delhi: भारतीय जनता पार्टी ने जगत प्रकाश नड्डा को निर्विरोध अपना अध्यक्ष चुन लिया है. वे पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. उनके निर्वाचन की घोषणा चुनाव प्रभारी राधामोहन सिंह ने की.

जेपी नड्डा का जन्‍म बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ. उनका परिवार हिमाचल प्रदेश से आता है. पिता शिक्षाशास्‍त्री थे. पटनायूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे. पटना में ही पढ़ाई हुई.

1975 में संपूर्ण क्रांति आंदोलन के समय, नड्डा ने राजनीति में कदम रखे. इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल होगए.

पटना यूनिवर्सिटी में 1977 के चुनाव में नड्डा सेक्रेट्री चुने गए. ABVP के काम को करीब को देखा. हिमाचल यूनिवर्सिटी से LLB कीडिग्री ली.

अपने घरेलू राज्‍य हिमाचल प्रदेश से नड्डा ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और तीन बार जीते. 1993-98, 1998-2003 और 2007 से 2012 तक राज्‍य में कैबिनेट मंत्री रहे.

2014 में कैबिनेट विस्‍तार के समय, नड्डा को केंद्र में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री बनाया गया.

लोकसभा चुनाव में नड्डा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. सपाबसपा गठबंधन के सामने उन्‍होंने बीजेपी को उतना नुकसाननहीं होने दिया. 2014 की 73 सीटों के मुकाबले BJP गठबंधन को 2019 में 64 सीटें मिलीं.

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