New Delhi: 74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से हुंकार भरते हुए कहा कि LoC से लेकर LAC तक जिसने भी हमें आंख दिखाई है. हमने उन्हें माकूल जवाब दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जवान क्या कर सकते हैं इसे पूरी दुनिया ने लद्दाख में देखा.

पीएम ने लाल किले से कहा कि इतनी आपदा के बाद भी सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने की गंदी कोशिश हुई है. लेकिन LoC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने भी आंख उठाई, देश की सेना ने हमारे वीर जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है. भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है. संकल्पों से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा से आगे बढ़ रहा है. इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है.

पीएम ने कहा कि मैं आज मातृभूमि पर न्योछावर उन सभी वीर जवानों को आदरपूर्वक नमन करता हूं. आतंकवाद हो या विस्तारवाद भारत आज इसका डटकर मुकाबला कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है. उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है. देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है.

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मेरे प्यारे देशवासियो,
नमस्कार!
1. 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, देश-विदेश में रह रहे, भारत के सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं! 15 अगस्त को,हम सब तिरंगे को लहराते हुए, स्वाधीनता दिवस समारोहों में भाग लेकर और देशभक्ति से भरे गीत सुनकर उत्साह से भर जाते हैं। हमारे युवाओं के लिए यह स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिन है। इस अवसर पर, हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही, हम सब,आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं।
2. हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों की नींव पर ही, आधुनिक भारत का निर्माण हो रहा है। हमारे दूरदर्शी राष्ट्र-नायकों ने, अपने विविध विचारों को राष्ट्रीयता के एक सूत्र में पिरोया था। उनकी साझा प्रतिबद्धता थी-देश को दमनकारी विदेशी शासन से मुक्त कराना और भारत माता की संतानों के भविष्य को सुरक्षित करना। उन्होंने अपने कार्य-कलापों से आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान को मूर्त रूप प्रदान किया।
3. हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है, वह भारत की मिट्टी में ही संभव था। सामाजिक संघर्ष, आर्थिक समस्याओं और जलवायु परिवर्तन से परेशान आज की दुनिया, गांधीजी की शिक्षाओं में समाधान पाती है। समानता और न्याय के लिए उनकी प्रतिबद्धता, हमारे गणतंत्र का मूलमंत्र है। गांधीजी के बारे में युवा पीढ़ी की जिज्ञासा और उत्साह को देखकर मुझे अत्यन्त खुशी होती है।
प्यारे देशवासियो,
4. इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। इस वैश्विक महामारी के कारण हम सबका जीवन पूरी तरह से बदल गया है।
5. यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते,प्रभावी कदम उठा‍लिए थे। इन असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है। राज्य सरकारों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की। जनता ने पूरा सहयोग दिया। इन प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्‍या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है। यह पूरे विश्‍व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है।
6. राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। दुर्भाग्यवश, उनमें से अनेक योद्धाओं ने,इस महामारी का मुक़ाबला करते हुए,अपने जीवन का बलिदान दिया है। ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। ये सभी योद्धा अपने कर्तव्य की सीमाओं से ऊपर उठकर, लोगों की जान बचाते हैं और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। ऐसे डॉक्टर, स्वास्थ्य-कर्मी, आपदा प्रबंधन दलों के सदस्य, पुलिस कर्मी,सफाई कर्मचारी, डिलीवरी स्टाफ,परिवहन, रेल और विमानन कर्मी,विभिन्न सेवा-प्रदाता, सरकारी कर्मचारी,समाजसेवी संगठन और उदार नागरिक, अपने साहस तथा निस्वार्थ सेवा के प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। जब गांव और नगर में कामकाज रुक जाता है, और सड़कें सुनसान हो जाती हैं,तब अपने अथक परिश्रम से ये कोरोना योद्धा सुनिश्चित करते हैं कि लोगों को स्वास्थ्य-सेवाएं और राहत, पानी और बिजली,परिवहन और संचार सुविधा, दूध और सब्जी,भोजन और किराने का सामान, दवा और अन्य आवश्यक सुविधाओं से वंचित न होना पड़े। वे अपनी जान को भारी जोखिम में डालते हैं ताकि हम सब इस महामारी से सुरक्षित रहें और हमारा जीवन तथा आजीविका, दोनों चलती रहे।
7. इसी दौरान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हमारी चुनौतियां और बढ़ गयीं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली। पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में, देशवासियों को बाढ़ के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की आपदाओं के बीच, समाज के सभी वर्गों के लोग,एकजुट होकर,संकट-ग्रस्त लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो,
8. इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरूआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके। लोगों की मदद के लिए, सरकार अनेक कदम उठा रही है। इन प्रयासों में, कॉर्पोरेट सेक्टर, सिविल सोसायटी और नागरिकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
9. किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए जरूरतमन्द लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के, दुनिया के सबसे बड़े इस अभियान को, नवंबर2020 तक बढ़ा दिया गया है। इस अभियान से हर महीने, लगभग 80करोड़ लोगों को राशन मिलना सुनिश्चित किया गया है। राशन कार्ड धारक पूरे देश में कहीं भी राशन ले सकें, इसके लिए सभी राज्यों को ‘वन नेशन – वन राशन कार्ड’ योजना के तहत लाया जा रहा है।
10. दुनिया में कहीं पर भी मुसीबत में फंसे हमारे लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध, सरकार द्वारा ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत, दस लाख से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है। भारतीय रेल द्वारा इस चुनौती-पूर्ण समय में ट्रेन सेवाएं चलाकर, वस्तुओं तथा लोगों के आवागमन को संभव किया गया है।
11. अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महामारी का सामना करने के लिए प्रभावी रणनीतियों को विकसित करने में हमारी अग्रणी भूमिका रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए, हाल ही में सम्पन्न चुनावों में मिला भारी समर्थन, भारत के प्रति व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना का प्रमाण है।
12.भारत की यह परंपरा रही है कि हम केवल अपने लिए नहीं जीते हैं, बल्कि पूरे विश्व के कल्याण की भावना के साथ कार्य करते हैं। भारत की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है,दुनिया से अलगाव या दूरी बनाना नहीं। इसका अर्थ यह भी है कि भारत वैश्विक बाज़ार व्यवस्था में शामिल भी रहेगा और अपनी विशेष पहचान भी कायम रखेगा।
प्यारे देशवासियो,
13.आज विश्व समुदाय, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’, अर्थात् ‘समस्त विश्व एक ही परिवार है’ की उस मान्यता को स्वीकार कर रहा है, जिसका उद्घोष हमारी परंपरा में बहुत पहले ही कर दिया गया था। लेकिन, आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है। हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
14. मेरा मानना ​​है कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में, जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। हमने मौजूदा संकट को सबके हित में, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्यमियों के हित में, समुचित सुधार लाकर अर्थव्यवस्था को पुन:गति प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा है। कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। अब, किसान बिना किसी बाधा के, देश में कहीं भी,अपनी उपज बेचकर उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ में संशोधन किया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मेरे प्यारे देशवासियो,
15. वर्ष 2020 में हम सबने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं। एक अदृश्य वायरस ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि प्रकृति मनुष्य के अधीन है। मेरा मानना ​​है कि सही राह पकड़कर, प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित जीवन-शैली को अपनाने का अवसर, मानवता के सामने अभी भी मौजूद है। जलवायु परिवर्तन की तरह, इस महामारी ने भी यह चेतना जगाई है कि विश्व-समुदाय के प्रत्येक सदस्य की नियति एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। मेरी धारणा है कि वर्तमान संदर्भ में ‘अर्थ-केंद्रित समावेशन’ से अधिक महत्व ‘मानव-केंद्रित सहयोग’ का है। यह बदलाव जितना अधिक व्यापक होगा, मानवता का उतना ही अधिक भला होगा। इक्कीसवीं सदी को उस सदी के रूप में याद किया जाना चाहिए जब मानवता ने मतभेदों को दरकिनार करके, धरती मां की रक्षा के लिए एकजुट प्रयास किए।
16. दूसरा सबक यह है कि प्रकृति रूपी जननी की दृष्टि में हम सब एक समान हैं तथा अपने जीवन की रक्षा और विकास के लिए मुख्यत: अपने आस-पास के लोगों पर निर्भर हैं। कोरोना वायरस मानव समाज द्वारा बनाए गए कृत्रि‍म विभाजनों को नहीं मानता है। इससे यह विश्वास पुष्ट होता है कि मनुष्यों द्वारा उत्पन्न किए गए हर प्रकार के पूर्वाग्रह और सीमाओं से, हमें ऊपर उठने की आवश्यकता है। भारतवासियों में परस्पर सहयोग और करुणा की भावना दिखाई देती है। हमें, अपने आचरण में इस सद्गुण को और अधिक समाविष्ट करना चाहिए। तभी हम, सबके लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
17. तीसरा सबक, स्वास्थ्य-सेवा को और मजबूत करने से जुड़ा है। सार्वजनिक अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के कारण गरीबों के लिए इस महामारी का सामना करना संभव हो पाया है। इसलिए, इन सार्वजनिक स्वास्थ्य-सुविधाओं को और अधिक विस्तृत व सुदृढ़ बनाना होगा।
18. चौथा सबक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित है। इस वैश्विक महामारी से विज्ञान और टेक्‍नोलॉजी को तेजी से विकसित करने की आवश्यकता पर और अधिक ध्यान गया है। लॉकडाउन और उसके बाद क्रमशः अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान शासन, शिक्षा, व्यवसाय, कार्यालय के काम-काज और सामाजिक संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है। इस माध्यम की सहायता से सभी भारतीयों का जीवन बचाने और काम-काज को फिर से शुरू करने के उद्देश्यों को, एक साथ हासिल करने में मदद मिली है। केंद्र एवं राज्‍य सरकारों के कार्यालय, अपने कार्यों के निर्वहन के लिए, बड़े पैमाने पर,वर्चुअल इंटरफ़ेस का उपयोग कर रहे हैं। न्याय प्रदान करने के लिए, न्यायपालिका ने वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही को अपनाया है। वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित करने तथा अन्य अनेक गतिविधियों को सम्पन्न करने के लिए राष्ट्रपति भवन में भी हम, प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। आईटी और संचार उपकरणों की सहायता से डिस्टेन्स एजुकेशन तथा ई-लर्निंग को बढ़ावा मिला है। कई क्षेत्रों में अब, घर से काम करने का ही प्रचलन हो गया है। प्रौद्योगिकी की सहायता से, सरकारी और निजी क्षेत्रों के अनेक प्रतिष्ठानों द्वारा, सामान्य स्तर से कहीं अधिक काम-काज करके, अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की गई है। इस प्रकार, हमने यह सबक सीखा है कि प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने से, हमारे अस्तित्व और विकास की निरंतरता को बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
19. ये सभी सबक, पूरी मानवता के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। आज की युवा पीढ़ी ने इन्हें भली-भांति आत्मसात किया है, और मुझे विश्वास ​​है कि इन युवाओं के हाथों में भारत का भविष्य सुरक्षित है।
20. यह दौर हम सभी के लिए कठिन है। हमारे युवाओं की कठिनाई तो और भी गंभीर दिखाई देती है। शिक्षण संस्थानों के बंद होने से हमारे बेटे-बेटियों में चिंता पैदा हुई होगी, और फिलहाल, वे अपने सपनों और आकांक्षाओं को लेकर चिंतित होंगे। मैं उन्हें यह बताना चाहूंगा कि इस संकट पर हम विजय हासिल करेंगे,और इसलिए, अपने सपनों को पूरा करने के प्रयासों में आप सभी युवाओं को निरंतर जुटे रहना चाहिए। इतिहास में, ऐसे प्रेरक उदाहरण उपलब्ध हैं जहां बड़े संकटों एवं चुनौतियों के बाद सामाजिक, आर्थिक, और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का कार्य नई ऊर्जा के साथ किया गया। मुझे विश्वास है कि हमारे देश और युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है।
21. हमारे बच्चों और युवाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से, केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ लागू करने का निर्णय लिया है। मुझे विश्वास है कि इस नीति से, गुणवत्ता से युक्त एक नई शिक्षा व्यवस्था विकसित होगी जो भविष्‍य में आने वाली चुनौतियों को अवसर में बदलकर नए भारत का मार्ग प्रशस्‍त करेगी। हमारे युवाओं को अपनी रूचि और प्रतिभा के अनुसार अपने विषयों को चुनने की आजादी होगी। उन्हें अपनी क्षमताओं को विकसित करने का अवसर मिलेगा।हमारी भावी पीढ़ी, इन योग्‍यताओं के बल पर न केवल रोजगार पाने में समर्थ होगी, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न करेगी।
22. राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक दूरदर्शी और दूरगामी नीति है। इससे शिक्षा में ‘Inclusion’, ‘Innovation’ और ‘Institution’ की संस्कृति को मजबूती मिलेगी। नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में अध्ययन को महत्व दिया गया है, जिससे बालमन सहजता से पुष्पित-पल्लवित हो सकेगा। साथ ही इससे भारत की सभी भाषाओं को और भारत की एकता को आवश्यक बल मिलेगा। किसी भी राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए उसके युवाओं का सशक्तीकरण आवश्यक होता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्यारे देशवासियो,
23. केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है। देशवासियों ने लंबे समय तक धैर्य और संयम का परिचय दिया और देश की न्याय व्यवस्था में सदैव आस्था बनाए रखी। श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित न्यायिक प्रकरण को भी समुचित न्याय-प्रक्रिया के अंतर्गत सुलझाया गया। सभी पक्षों और देशवासियों ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया और शांति, अहिंसा, प्रेम एवं सौहार्द के अपने जीवन मूल्यों को विश्व के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया। इसके लिए मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ।
मेरे प्यारे देशवासियो,
24. जब भारत ने स्वाधीनता हासिल की, तो कुछ लोगों ने यह आशंका जताई थी कि लोकतंत्रका हमारा प्रयोग सफल नहीं होगा। वे हमारी प्राचीन परंपराओं और बहुआयामी विविधता को हमारी राज्य-व्यवस्था के लोकतंत्रीकरण के मार्ग में बाधा समझते थे। लेकिन, हमने अपनी परम्पराओं और विविधता को सदैव अपनी ताकत समझकर उनका संवर्धन किया है, और इसीलिए दुनिया का यह सबसे बड़ा लोकतंत्र इतना जीवंत है। मानवता की भलाई के लिए, भारत को अग्रणी भूमिका निभाते रहना है।
25. आप सभी देशवासी, इस वैश्विक महामारी का सामना करने में, जिस समझदारी और धैर्य का परिचय दे रहे हैं, उसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। मुझे विश्‍वास है कि आप सब इसी प्रकार, सतर्कता और ज़िम्मेदारी बनाए रखेंगे।
26. हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर बौद्धिक,आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में। इसी लोक-मंगल की भावना के साथ, मैं प्रार्थना करता हूं कि समस्त विश्व का कल्याण हो:
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥
अर्थात्
सभी सुखी रहें, सभी रोग-मुक्त रहें, सब लोग अच्छाइयों पर ध्यान दें, और किसी को भी दुख न भोगना पड़े।
सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का यह संदेश, मानवता के लिए, भारत का एक अनूठा उपहार है।
27. एक बार फिर, आप सबको, 74वें स्वाधीनता दिवस की बधाई देते हुए आप सभी केअच्छे स्वास्थ्य एवं सुन्दर भविष्य की कामना करता हूं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!
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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश में पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर जारी किया है. ईमानदार टैक्सपैयर्स यानी करदाताओं के लिए एक नए मंच ‘Transparent Taxation- Honoring the Honest’ यानी ‘पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान’ का उद्घाटन किया है. देश में टैक्स सुधारों को लेकर कुछ नई घोषणाएं की हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस नई योजना के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्सेशन के पूरे प्रोसेस में बड़ी राहत दी गई है. इसके तहत नो-ह्यूमन कॉन्टैक्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है.

पीएम मोदी ने टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करते हुए Faceless Assessment Scheme की घोषणा की है. यह नई योजना 25 सितंबर, 2020 से लागू हो जाएगी. सरकार का लक्ष्य टैक्सेशन प्रोसेस में विश्वास और पारदर्शिता लाना है. इसके लिए ट्रासंपैरेंट टैक्सेशन यानी पारदर्शी कराधान मंच बनाया गया है. पीएम ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सरपेयर्स चार्टर जैसे बड़े टैक्स सुधार हैं.

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत के टैक्स सिस्टम में मौलिक और संरचनात्मक सुधार की जरूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे-धीरे विकसित हुआ है. आजादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन ज्यादातर सिस्टम का स्वरूप वही रहा.’

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Chhapra:  वर्ष 2020 के लिए ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के पदक’ से 121 पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया है. इस पदक की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी जिसका उद्देश्‍य अपराध की जांच के उच्च प्रोफेशनल मानकों को बढ़ावा देना और जांच अधिकारियों द्वारा जांच में इस तरह की उत्कृष्टता की पहचान करना है.

इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले कर्मियों में से 15 सीबीआई के, 10-10 मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र पुलिस के, 8 उत्तर प्रदेश पुलिस के और 7-7 कर्मी केरल व पश्चिम बंगाल पुलिस के हैं, बिहार के 4, तथा शेष कर्मी अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के हैं. इनमें इक्कीस (21) महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं.

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मंगलवार को देश के जाने माने शायर राहत इंदौरी का निधन हो गया वह कोरोना संक्रमित थे. मंगलवार की सुबह उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से खुद के कोरोनावायरस संक्रमित होने की जानकारी दी थी. हालांकि उसके कुछ ही घंटों बाद उनके निधन की खबर सामने आई.

70 वर्षीय डॉ राहत इंदौरी को सांस लेने में शिकायत के बाद इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई है.
अपने मुशायरे के लिए डॉ राहत इंदौरी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में मशहूर थे.

उनके निधन के बाद कई लोगों ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है

महशूर कवि कुमार विश्वास ने इंदौरी साहब के निधन पर ट्वीट कर लिखा- हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा,कभी नहीं सोचा था ! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि मक़बूल शायर राहत इंदौरीजी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है. उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे.अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगों के दिलों पर छोड़ी है.आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं.

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नई दिल्ली: Coronavirus in India: भारत में Covid-19 के एक दिन में सर्वाधिक 64,399 नये मामले आने के साथ ही रविवार को संक्रमण के कुल मामले 21,53,010 हो गये हैं.जबकि अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 14,80,884 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़े के अनुसार 861 और लोगों के दम तोड़ने से मृतकों की संख्या 43379 हो गई है. भारत में पॉजिटिविटी रेट 8.95 प्रतिशत पहुंच चुकी है. 8 अगस्त को देश में सबसे ज्यादा टेस्ट भी किए गए, आंकड़ों के अनुसार 8 अगस्त को 7,19,364 लोगों का सैंपल लिया गया जबकि अब तक कुल 2,41,06,535 लोगों की जांच की जा चुकी है.

21 लाख के चिंताजनक आंकड़ों तक पहुंचने में भारत को 192 दिन का समय लगा है. जबकि पहले एक लाख होने में 110 दिन का समय लगा था. इसके बाद 82 दिनों में 20 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. परेशान करने वाली बात ये है कि अब रोजोना नए मामलों की संख्या 60 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है. हालांकि जानकार मानते हैं टेस्ट की संख्या बढ़ने की वजह से भी मामलों की संख्या में तेजी से उछाल आया है.

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 53,879 और लोगों के इस वैश्विक महामारी से उबरने के बाद स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 14,80,884 हो गई है. इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 68.78 फीसदी हो गई है. मृतकों की दर गिरकर 2.01 प्रतिशत रह गई है. इसने बताया कि देश में इस समय 6,28,747 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.

कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में इस वायरस ने 21 लाख से ज्यादा लोगों को चपेट में ले लिया है. अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 1,62,304 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं ब्राजील में कोरोना के कुल 29,62,442 केस हैं. इधर बिहार, बंगाल , झारखंड जैसे राज्यों में अब कोरोना का संक्रमण विकराल रूप ले रहा है.

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New Delhi: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा करते हुए ट्वीट किया कि  रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की एक सूची तैयार की है जिनके आयात पर प्रतिबंध(एम्बार्गो) होगा. यह रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.

 

 

 

 

 

 

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New Delhi: जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-राज्यपाल गिरिश चंद्र मुर्मू ने आज देश के अगले महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक पद की शपथ ली.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविड ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आदि उपस्थित थे.

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New Delhi: केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एअर इंडिया का विमान रनवे पर फिसल गया. जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना देखने को मिली है. रनवे पर विमान के फिसलने के बाद विमान क्रैश हो गया और दो हिस्सों में टूट गया. विमान दुबई से आ रहा था, जिसमें 184 यात्री सवार थे. इस हादसे में कई लोग घायल हो गए हैं. वहीं हादसे में दोनों पाटलट की मौत हो गई है.

एअर इंडिया एक्सप्रेस AXB1344, बोइंग 737 दुबई से कालीकट आ रहा था. विमान में 190 यात्री सवार थे. भारी बारिश के कारण रनवे पर उतरने के बाद विमान फिसल गया और घाटी में गिर गया. वहीं विमान दो हिस्सों में टूट गया. विमान में 184 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे.

2 पायलट समेत 15 लोगों की मौत की खबर है. इस हादसे में 50 से अधिक लोग घायल है.

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केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का विमान रनवे पर फिसल गया. जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना देखने को मिली है. रनवे पर विमान के फिसलने के बाद विमान क्रैश हो गया और दो हिस्सों में टूट गया. विमान दुबई से आ रहा था, जिसमें 191 यात्री सवार थे. इस हादसे में कई लोग घायल हो गए हैं.

डीजीसीए के मुताबिक एअर इंडिया एक्सप्रेस AXB1344, B737 दुबई से कोझिकोड आ रहा था. विमान में 191 लोग सवार थे. भारी बारिश के कारण रनवे पर उतरने के बाद विमान फिसल गया और दो टुकड़ों में टूट गए.

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New Delhi: जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को शपथ ली. जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति तत्कालीन उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद हुई.

गौरतलब है कि राज्य के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था. मुर्मू को सीएजी बनाया गया है.

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