नई दिल्ली, 01 सितंबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान पैरा लीगल वालंटियर्स को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावा-आपत्ति दर्ज करने में मतदाताओं की मदद करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि ड्राफ्ट सूची को लेकर दावे और आपत्ति कभी भी दाखिल की जा सकती है। इसके लिए कोई डेडलाइन नहीं है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सारा मामला भरोसे की कमी का है। इस मामले में आरजेडी और एआईएमआईएम ने याचिका दायर कर बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए दावा और आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। इस मामले पर 22 अगस्त को सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद जिनका नाम वोटर लिस्ट से छूट गया है वो ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए फिजिकल जाकर फॉर्म भरना जरुरी नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ किया था कि वोटर लिस्ट के लिए निर्वाचन आयोग ने जिन 11 दस्तावेज का जिक्र किया है, उनमें से कोई एक या केवल आधार कार्ड से फॉर्म भरा जा सकता है।

कोर्ट ने इस मामले में बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे अपने बूथ लेवल एजेंट को निर्देश दें कि वे संबंधित बूथ के लोगों को वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने में मदद करें। इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार के उन सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी इस मामले में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था, जिन्होंने अभी तक याचिका दायर नहीं की है।

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New Delhi, 1 सितंबर (हि.स.)। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस कठिन से कठिन परिस्थितियों में हमेशा कंधे से कंधे मिलाकर चले हैं। दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक परिस्थितियों पर चर्चा की तथा ऊर्जा, वित्त और आर्थिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

दोनों नेताओं ने अपने समर्थन की पुष्टि की

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत-रूस संबंधों की गहराई और व्यापकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी दोनों देश हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। यह करीबी सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने इस अवसर पर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। विशेष रूप से, यूक्रेन में जारी संघर्ष और उससे जुड़े नवीनतम घटनाक्रमों पर भी गंभीर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा, “यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के विषय में हम लगातार चर्चा करते रहे हैं। हाल में किए गए शांति के सभी प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने और स्थाई शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा। यह पूरी मानवता की पुकार है।”

भारत, रूस के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है : प्रधानमंत्री

मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने इन क्षेत्रों में निरंतर प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और आगे भी साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की आवश्यकता को दोहराया।

प्रधानमंत्री ने अपने वार्ता के दौरान अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि दिसंबर में भारत में होने वाले 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए भारत उत्सुक है। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग और मित्रता ने भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत, रूस के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं दोनों नेताओं की बैठक से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी सामने आईं। राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक स्थल तक कार से यात्रा करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का लगभग दस मिनट तक इंतजार किया। उसके बाद दोनों नेता एक ही कार में यात्रा करते हुए आपसी मुद्दों पर चर्चा करते रहे।

दोनों नेताओं ने कार में लगभग 45 मिनट तक बातचीत जारी रखी

द्विपक्षीय बैठक स्थल पर पहुंचने के बाद भी दोनों नेताओं ने कार में लगभग 45 मिनट तक बातचीत जारी रखी। इसके बाद उनकी द्विपक्षीय बैठक हुई, जो एक घंटे से अधिक समय तक चली। इस बैठक में भारत-रूस संबंधों को और बेहतर बनाने पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

कार में हुई मुलाकात की प्रधानमंत्री ने तस्वीर भी साझा की। उन्होंने एक्स पर कहा, “एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही में भाग लेने के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।”

वहीं शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले भी प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने गले मिलकर मित्रता का परिचय दिया। इस अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे। यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों की मजबूती दर्शाती है।

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New Delhi, 01 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की एससीओ नीति तीन स्तंभों सुरक्षा, संपर्क और अवसर पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता की साझा चुनौती है और इस पर दोहरे मानदंड अस्वीकार्य हैं। वहीं मजबूत संपर्क से विश्वास और विकास बढ़ता है, किंतु इसमें संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससीओ बहुपक्षवाद और समावेशी विश्व व्यवस्था का मार्गदर्शक बन सकता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।

सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने उक्त बातें तियानजिन (चीन) में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद इसके बड़े अवरोध हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितनी ही माताओं ने अपने बच्चे खोए हैं और कितने बच्चे अनाथ हुए हैं। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना केवल भारत की आत्मा पर आघात नहीं थी बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और हर व्यक्ति को चुनौती थी।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर किसी भी प्रकार के दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं होंगे। मानवता के हित में सभी को एक स्वर में आतंकवाद का हर रूप और हर रंग में विरोध करना होगा।

मजबूत संपर्क से केवल व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के द्वार भी खुलते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य इस दिशा में आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अस्सीवीं वर्षगांठ पर सभी सदस्य देश मिलकर सुधार का आह्वान कर सकते हैं। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद रखना आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मत है कि मजबूत संपर्क से केवल व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के द्वार भी खुलते हैं। इसी सोच के साथ भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे उपक्रमों पर काम कर रहा है, जिससे अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ सके।

हर संपर्क प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

उन्होंने इस संदर्भ में इस बात पर बल दिया कि हर संपर्क प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए, जो एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों में भी निहित है।

प्रधानमंत्री ने अवसर को सहयोग और सुधार की संभावना बताया। उन्होंने जन संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव दिया कि एससीओ के अंतर्गत एक सभ्यतागत संवाद मंच बनाया जाए, जिससे प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर साझा किया जा सके।

भारत का विकास मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण’ के मूलमंत्र पर आगे बढ़ रहा है। कोविड-19 हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार व्यापक सुधारों पर काम कर रहा है, जिससे विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने सभी को भारत की विकास यात्रा से जुड़ने का आमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी साझेदारों के साथ समन्वय और सहयोग से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एससीओ के अगले अध्यक्ष, किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति और अपने मित्र राष्ट्रपति जापारोव को शुभकामनाएं दीं।

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New Delhi, 01 सितंबर (हि.स.)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने गले मिलकर मित्रता का परिचय दिया। इस अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे। यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों की मजबूती दर्शाती है।

प्रधानमंत्री मोदी की आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के इतर मुलाकात है जिसमें करीब 45 मिनट दोनों नेता आपसी और क्षेत्रीय हित के विषय पर चर्चा करेंगे।

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New Delhi, 30 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की सफल यात्रा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा के अगले पड़ाव चीन के लिए रवाना हो गए। चीन के तियानजिन में रविवार, 31 अगस्त से शुरू हो रहे संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान उनके कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने की उम्मीद है।

जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के अपने समकक्ष शिगेरु इशिबा को धन्यवाद देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।”

अपनी यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की सेमीकंडक्टर क्षमताओं का अवलोकन किया, एआई सहयोग पर चर्चा की तथा रणनीतिक तकनीक तथा प्रतिभा संबंधों को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार दिया 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार स्वरूप आंध्र प्रदेश से प्राप्त मूनस्टोन से बने पारंपरिक रेमन बाउल और राजस्थान की पारंपरिक शैली से सजे चॉपस्टिक भेंट किए। वहीं, इशिबा की पत्नी को कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और हस्तनिर्मित पेपर माशे बॉक्स उपहार में दिया गया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने मियागी प्रीफेक्चर के सेनदाई में स्थित टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड का संयुक्त दौरा किया। यह कंपनी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी है। मोदी को कंपनी की वैश्विक भूमिका, निर्माण क्षमताओं और भारत से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला, निर्माण और परीक्षण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं।

भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण तंत्र और जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में सहयोग गहराने की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा संवाद के अंतर्गत हुए समझौतों पर भी आगे काम करने का निर्णय हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जापान में एक घंटे में 320 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाली शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से सेनदाई तक की यात्रा की। उनके इस सफर में जापान के प्रधानमंत्री इशिबा भी रहे। वहां इशिबा ने उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया, जिसमें मियागी प्रीफेक्चर के गवर्नर सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात की। इस बातचीत में सोलह राज्यपालों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी को केवल दिल्ली-टोक्यो तक सीमित न रखते हुए राज्यों और प्रीफेक्चरों (जापान में राज्यों के लिए उपयोग शब्द) तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य-प्रीफेक्चर साझेदारी पहल के अंतर्गत व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कल अपनी यात्रा के दौरान भारत-जापान 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री इशिबा के साथ वार्ता की। भारत और जापान ने टोक्यो में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें आर्थिक, सुरक्षा, तकनीकी, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सहयोग से जुड़े कुल 20 से अधिक दस्तावेज शामिल हैं।

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Maisoor, 30 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आगामी एक सितंबर, सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर मैसूर आ रही हैं।राष्ट्रपति यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। साथ ही देवी चामुंडेश्वरी के पूजन-अर्चन और दर्शन करेंगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 1 और 2 सितंबर यानी सोमवार और मंगलवार को कर्नाटक के एतिहासिक शहर मैसूर के दौरे पर आ रही हैं। राष्ट्रपति 1 सितंबर को दोपहर 3.10 बजे मैसूर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगी। एयरपोर्ट पर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनका स्वागत करेंगे।

सदस्य प्रमोदा देवी वोडेयार के निमंत्रण पर 1 सितंबर को मैसूर पैलेस का दौरा करेंगी

राष्ट्रपति मैसूर में अखिल भारतीय वाणी एवं श्रवण संस्थान के हीरक जयंती समारोह में भाग लेंगी। साथ ही शाही परिवार की सदस्य प्रमोदा देवी वोडेयार के निमंत्रण पर 1 सितंबर को मैसूर पैलेस का दौरा करेंगी। राष्ट्रपति के मैसूर पैलेस में आगमन को लेकर 1 सितंबर से 2 सितंबर की दोपहर तक महल में आम जनता के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

राष्ट्रपति सोमवार रात 8 बजे चामुंडी हिल्स पहुचेंगी और देवी चामुंडेश्वरी की पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगी। सुरक्षा कारणों से दोपहर 2 बजे से रात 8.30 बजे तक थावरेकाटे से चामुंडी हिल्स तक आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर मैसूर शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है

चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने शनिवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा है कि राष्ट्रपति केे आगमन के मद्देनजर सुरक्षा उपाय के रूप में दोपहर 2 बजे से रात 8.30 बजे तक थावरेकाटे से चामुंडी हिल्स तक आम जनता और श्रद्धालुओं की आवाजाही पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

राष्ट्रपति सोमवार रात मैसूर में ही रुकेंगी और मंगलवार सुबह 10.30 बजे मैसूर से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर मैसूर शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

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Ramban, 30 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटा है। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है।

एक व्यक्ति अभी भी लापता है

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बचाव दल ने प्रभावित क्षेत्र से चार शव बरामद किए हैं और लापता व्यक्ति का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारी ने बताया, “बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे काफी नुकसान हुआ और क्षेत्र में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

बचाव कार्य जारी है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है

वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अयाज़ खान से घटना के संबंध में बात की है। उन्होंने बताया कि राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति अभी भी लापता है और तलाशी अभियान जारी है। सौभाग्य से, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बचाव कार्य जारी है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री ने रामबन के राजगढ़ में भूस्खलन से हुए जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

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Guwahati, 28 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार की शाम असम पहुंचेंगे, वे यहां दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।

कार्यक्रम के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री शाम 7.35 बजे गुवाहाटी के गोपीनाथ बरदलै अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे। इसके बाद वे सीधे बशिष्ठ स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय जाएंगे, जहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और रात्रिभोज लेंगे। इसके बाद वे रात विश्राम के लिए कोईनाधारा स्थित राजकीय अतिथि गृह जाएंगे।

29 अगस्त को दोपहर 2.05 बजे पशु चिकित्सा महाविद्यालय मैदान में आयोजित सभा में भाग लेंगे

29 अगस्त को यहां उनका कार्यक्रम प्रस्तावित है। सुबह 11 बजे कोईनाधारा अतिथि गृह से राजभवन प्रस्थान करेंगे। सुबह 11.30 से दोपहर एक बजे तक राजभवन में शिलान्यास और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

गृहमंत्री दोपहर 1.05 बजे राजभवन से लौटकर कोईनाधारा अतिथि गृह में दोपहर का भोजन करेंगे। वे दोपहर 2.05 बजे पशु चिकित्सा महाविद्यालय मैदान में आयोजित सभा में भाग लेंगे।

शाम 3.50 बजे अमित शाह श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री गोलाप बरबोरा की जन्मशती पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद शाम 5.35 बजे वे गुवाहाटी हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए प्रस्थान।

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New Delhi, 28 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सतीश कुमार का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है।

सतीश कुमार के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी है

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के स्थापना अधिकारी कार्यालय द्वारा आज जारी आदेश के अनुसार मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति (एसीसी) ने भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) से सेवानिवृत्त सतीश कुमार के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी है। वह 01 सितम्बर 2025 से एक वर्ष तक अनुबंध के आधार पर, मौजूदा शर्तों और नियमों पर कार्यरत रहेंगे या फिर अगले आदेश तक पद पर बने रहेंगे।

कुमार वर्तमान में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं। आदेश की प्रतियां प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई हैं।

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New Delhi, 28 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान की यात्रा पर रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह आठवीं जापान यात्रा होगी। इसके बाद वे शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे

प्रधानमंत्री मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज शाम जापान रवाना होंगे। इस दौरान वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 29 और 30 अगस्त को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार शामिल हैं। वे क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान के पीएम इशिबा के साथ पहली वार्षिक शिखर बैठक है और लगभग 7 वर्षों में यह उनकी पहली जापान यात्रा भी है। उन्होंने आखिरी बार 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए यात्रा की थी। साल 2014 में पद ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की यह जापान की आठवीं यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है।

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे। शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में 31 अगस्त की शाम एक स्वागत भोज शामिल है और मुख्य शिखर सम्मेलन अगले दिन 1 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है। एससीओ के दस सदस्यों में भारत के अलावा बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बुधवार को मंजूरी प्रदान की। इनकी कुल अनुमानित लागत 12,328 करोड़ रुपये है। इनमें एक नई रेल लाइन परियोजना गुजरात के कच्छ क्षेत्र में तथा तीन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम में शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। मंजूर की गई परियोजनाओं में देशलपार–हाजीपीर–लूना एवं वायोर–लाखपत नई रेल लाइन, सिकंदराबाद (सनथनगर)–वाडी तीसरी एवं चौथी लाइन, भागलपुर–जमालपुर तीसरी लाइन तथा फुरकेटिंग–न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण शामिल हैं। गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 565 किलोमीटर बढ़ा देंगी।

सरकार के अनुसार, इन परियोजनाओं का उद्देश्य यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज़ परिवहन सुनिश्चित करना है। ये पहल कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी और यात्रा सुविधा में सुधार के साथ-साथ रसद लागत को कम करेंगी और तेल आयात पर निर्भरता कम करेंगी। इसके अतिरिक्त, ये परियोजनाएं सीओ2 उत्सर्जन को कम करने में योगदान देंगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल संचालन को बढ़ावा मिलेगा। परियोजनाओं से निर्माण अवधि के दौरान करीब 251 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

प्रस्तावित नई रेल लाइन कच्छ क्षेत्र के सुदूर इलाकों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह गुजरात के मौजूदा रेलवे नेटवर्क में 145 रूट किमी और 164 ट्रैक किमी जोड़ेगी। इस पर 2526 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसे तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा। गुजरात राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यह नई रेल लाइन नमक, सीमेंट, कोयला, क्लिंकर और बेंटोनाइट के परिवहन में भी मदद करेगी। इस परियोजना का सामरिक महत्व यह है कि यह कच्छ के रण को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। हड़प्पा स्थल धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किला भी रेल नेटवर्क के अंतर्गत आएंगे क्योंकि 13 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे जिससे 866 गांवों और लगभग 16 लाख आबादी को लाभ होगा।

कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए, स्वीकृत तीन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 3,108 गांवों और लगभग 47.34 लाख की आबादी और एक आकांक्षी जिले (कलबुर्गी) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम राज्यों को लाभ होगा। इसमें कर्नाटक और तेलंगाना में फैली 173 किमी लंबी सिकंदराबाद (सनथनगर)- वाडी तीसरी एवं चौथी लाइन पर 5012 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह पांच साल में पूरी होगी। बिहार में 53 किमी लंबी भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन 1156 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल में तैयार होगी। असम में 194 किमी लंबी फुरकेटिंग- न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण परियोजना की लागत 3634 करोड़ रुपये है और चार वर्षों में पूरी की जाएगी।

रेल मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे की क्षमता में 565 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि कोयला, सीमेंट, स्टील, कंटेनर, उर्वरक, कृषि उपज और पेट्रोलियम उत्पाद जैसे माल की ढुलाई भी सुगम होगी। इनसे लगभग 68 मिलियन टन प्रतिवर्ष अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता उपलब्ध होगी।

सरकार का कहना है कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत तैयार की गई हैं। इनके पूरा होने से परिवहन लागत में कमी आएगी, तेल आयात पर निर्भरता घटेगी तथा 360 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा जो लगभग 14 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। परियोजनाओं से निर्माण अवधि के दौरान करीब 251 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है। सरकार का दावा है कि ये कदम प्रधानमंत्री मोदी के “नए भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को साकार करने में मदद करेंगे।

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New Delhi, 27 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ की ऋण अवधि के पुनर्गठन और विस्तार को मंज़ूरी दी है। ऋण अवधि अब पिछले वर्ष 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दी गई है।

इस योजना का कुल परिव्यय 7,332 करोड़ रुपये है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को आज मंजूरी दी। इस योजना का कुल परिव्यय 7,332 करोड़ रुपये है। पुनर्गठित योजना का लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना है।

एक सरकारी बयान के अनुसार पुनर्गठित योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा एवं थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन शामिल हैं।

थोक लेनदेन पर 16 सौ रुपये तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं

इस योजना का दायरा वैधानिक शहरों से आगे बढ़कर जनगणना शहरों, अर्ध-शहरी क्षेत्रों आदि तक चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। उन्नत ऋण संरचना में पहली किस्त के ऋण को बढ़ाकर 15 हजार रुपये (10 हजार रुपये से) और दूसरी किस्त के ऋण को बढ़ाकर 25 हजार रुपये (20 हजार रुपये से) कर दिया गया है, जबकि तीसरी किस्त 50 हजार रुपये पर अपरिवर्तित रहेगी।

यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तुरंत ऋण उपलब्ध होगा। इसके अलावा, डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन पर 16 सौ रुपये तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं।

यह योजना उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल कौशल और विपणन पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेहड़ी-पटरी वालों की क्षमता निर्माण पर भी केंद्रित है। एफएसएसएआई के साथ साझेदारी में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मानक स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर ली हैं

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी। हालांकि, इस योजना की शुरुआत से ही यह रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वित्तीय सहायता से कहीं बढ़कर साबित हुई है और इसने उन्हें अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए एक पहचान और औपचारिक मान्यता प्रदान की है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। 30 जुलाई तक 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13,797 करोड़ रुपये के 96 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

लगभग 47 लाख डिजिटल रूप से सक्रिय लाभार्थियों ने 6.09 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 557 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन किए हैं, जिससे उन्हें कुल 241 करोड़ रुपये का कैशबैक प्राप्त हुआ है। ‘स्वनिधि से समृद्धि’ पहल के अंतर्गत, 3,564 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के 46 लाख लाभार्थियों का प्रोफाइल तैयार किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 1.38 करोड़ से अधिक योजनाओं को मंजूरी दी गई है।

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