नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत कोरोना संक्रमित पाये गये गए हैं जिसके चलते उन्हें नागपुर के किंग्ज-वे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके इलाज में लगे डॉक्टरों ने बताया कि सरसंघचालक का स्वास्थ ठीक है, चिंता करने की कोई बात नहीं है।
संघ प्रमुख डॉ. भागवत को बीते दो दिनों से जुकाम और खासी की शिकायत थी जिसके चलते उन्होंने शुक्रवार को आरटीपीसीआर जांच करवाई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके बाद डॉ. भागवत को स्थानीय किंग्ज-वे अस्पताल में भर्ती किया गया है। 
कर्नाटक के बेंगलुरू में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा के समापन के बाद से सरसंघचालक नागपुर ही में है। वहीं बीते 06 मार्च को उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए कोविशिल्ड टीके की पहली खुराक लगवाई थी। 
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नई दिल्ली:  हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी के अध्यक्ष एवं पूर्व संसद सदस्य रविन्द्र  किशोर सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि पत्रकारिता का ध्यान नकारात्मक खबरों की बजाए सच्ची, सार्थक और सकारात्मक खबरों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता कारोबार नहीं है लेकिन अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए उसे कोरोबारी दृष्टिकोण व सार्थक के बीच एक बेहतर संतुलन बनाए रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री के देश के कोने-कोने से आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले महापुरुषों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के आह्वान को दोहराते हुए सिन्हा ने कहा कि पत्रकारिता को भी इस दिशा में भूमिका निभानी चाहिए। ऐसे महापुरुषों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर उसे राष्ट्रीय पटल पर लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता की लड़ाई में कई लोगों के योगदान के बारे में किसी को पता ही नहीं है। प्रधानमंत्री के इस आह्वान से लोगों में जागृति पैदा होगी।

बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के 73वें स्थापना दिवस के मौके पर अध्यक्ष रविन्द्र किशोर सिन्हा ने केन्द्र सरकार से एजेंसी के प्रयासों और पत्रकारिता में भूमिका को देखते हुए सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि एजेंसी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका निभाना चाहती है और ऐसे में सरकार की ओर से हो रहे प्रयासों को इसके माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है।

इस दौरान सिन्हा ने एजेंसी को अपनी भूमिका विस्तारित करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि एजेंसी को अब विशेष समाचारों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। साथ ही एजेंसी को धीरे-धीरे सभी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में समाचार देना चाहिए। उन्होंने इसके लिए भाषाई डेस्क को मजबूत किए जाने पर बल दिया और कहा कि यह केवल अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद ही काफी नहीं है बल्कि उस भाषा के अनुरूप उसमें बदलाव भी जरूरी है।

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Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत के समक्ष लालू की जमानत के लिये पैरवी की।वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से काउंटर एफिडेविट दायर करने के लिए तीन दिन का समय मांगा। जिसपर बचाव पक्ष के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कड़ा विरोध किया, जिसके बाद अदालत ने सीबीआइ को तीन दिन का समय देते हुए एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है।
 
इस मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है । हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मामले की सुनवाई की । उल्लेखनीय है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू यादव ने जमानत याचिका दाखिल किया था। मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को सात साल की सजा दी है। लालू ने अपने अधिवक्ता देवर्षि मंडल के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया था।
हाईकोर्ट में लालू की जमानत याचिका की पैरवी कर रहे अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि नौ अप्रैल को लालू की सजा की आधी अवधि पूरी हो रही है। इसलिए इसी दिन जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए से आग्रह किया गया था। लालू को चारा घोटाला के चार मामले देवघर के एक, चाईबासा के दो, दुमका के एक मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है जिसमें तीन मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है। यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वह जेल से रिहा हो जाएंगे।
फिलहाल लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में चल रहा है। अदालत में बीते 19 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई थी। अदालत ने लालू के जमानत याचिका को खारिज  करते हुए कहा था कि लालू ने दुमका कोषागार मामले में आधी सजा भी पूरी नहीं की है। 
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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना के रोकथाम की दिशा में टीकाकरण की तैयारी पर सवाल उठाने के बाद अब टीकों को कमी के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि टीके की कमी एक गंभीर समस्या है लेकिन केंद्र इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।  देशवासियों को खतरे में डालकर कोरोना वैक्सीन को एक्सपोर्ट करना सरकार की प्राथमिकता में है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अति गंभीर समस्या है, उत्सव नहीं। अपने देशवासियों को खतरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है? केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे। हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार को सभी के लिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर देना चाहिए।

इससे पहले भी राहुल ने सभी को कोरोना टीका लगाने की मांग की थी। उन्होंने बीते बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि ‘जरूरतों और इच्छा पर बहस करना हास्यास्पद है। प्रत्येक भारतीय सुरक्षित जीवन के अवसर का हकदार है।’ केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को भी इस मसले पर गंभीरता दिखानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन की खुराक की कमी को लेकर केंद्र सरकार को जानकारी दी है। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वैक्सीन को लेकर सरकार का पक्ष रखा और आश्वस्त किया कि खुराक बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 31 हजार 968 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक 1,30,60,542 मामले आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना से 780 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,67,642 तक पहुंच गई है। 
शुक्रवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक देश में 9,79,608 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना से अबतक 1,19,13,292 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 08 अप्रैल को 13,64,205 टेस्ट किए गए। अबतक देश में कुल 25,40,41,584 टेस्ट किए जा चुके हैं। 
हि.स.
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 -देश में रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत 
नई दिल्ली:  देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 31 हजार 968 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक 1,30,60,542 मामले आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना से 780 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,67,642 तक पहुंच गई है।
शुक्रवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक देश में 9,79,608 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना से अबतक 1,19,13,292 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 08 अप्रैल को 13,64,205 टेस्ट किए गए। अबतक देश में कुल 25,40,41,584 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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अवंतीपोरा: अवंतीपोरा में त्राल के नौबुग इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुक्रवार सुबह से जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों की तत्काल पहचान नहीं हो पाई। लेकिन सुरक्षाबलों के अनुसार ये दोनों आतंकी स्थानीय बताए जा रहे हैं।
शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों को नौबुग इलाके में आतंकियों के देखे जाने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस के एसओजी के जवान, सेना और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी के दौरान एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों को अपने नजदीक आते देख उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस पर  मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभी तक दो आतंकियों को मार गिराया है। माना जा रहा है कि अभी और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। खबर लिखे जाने तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी।
हिन्दुस्थान समाचार
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बीजापुर: जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में 03 अप्रैल को मुठभेड़ के बाद बंधक बनाये गए कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने गुरुवार को रिहा कर दिया। जवान को नक्सलियों से छुड़ाने के लिए सरकार ने मध्यस्थता टीम गठित की थी जिसमें पद्मश्री धर्मपानी सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यद्वक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के पुष्टि करते हुये उनकी सही सलामत वापस कैम्प लौटने की पुष्टि की है। उन्होंने जवान की रिहाई में सहयोग करने वाले समस्त नागरिकों, सामाजिक संगठनों और क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया है।
नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।मध्यस्तता टीम में शामिल पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा कर दिया है। जवान की रिहाई के लिए मध्यस्तता कराने गयी टीम के साथ स्थानीय 07 पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी। मध्यस्तता टीम के सदस्यों ने तर्रेम थाने में जवान को सौंप दिया है, जिसे तर्रेम के सीआरपीएफ कैंम्प लाया गया, जहां जवान के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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वाराणसी: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत ने पुरातात्विक सर्वे कराए जाने को लेकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र के पुरातत्व विभाग के 5 लोगों की टीम बनाकर पूरे परिसर का रिसर्च कराने को लेकर फैसला दिया। अदालत ने वादमित्र की पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की याचिका मंजूर कर ली है।
पांच लोगों की कमेटी बनाकर खुदाई कराने का आदेश 
इस मामले में न्यायालय ने पहले ही दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख आदेश के लिए आठ अप्रैल की तिथि मुकर्रर की थी। न्यायालय ने अपील मंजूर करने के बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को अपने खर्चे पर खुदाई करने और ऑब्जर्वर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी गठन करने का निर्देश भी दिया है।
याचिका मंजूर होने पर सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के अधिवक्‍ता ने कहा कि वह सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है, इसलिए फैसले के विरोध में हाईकोर्ट जायेंगे। इस मामले में सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर भी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया ने चुनौती दी थी। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 25 फरवरी, 2020 को इस चुनौती को खारिज कर दिया था।
इस फैसले के खिलाफ भी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने जिला जज के यहां निगरानी याचिका दाखिल की है जिस पर आगामी 12 अप्रैल को सुनवायी होनी है। इसी मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हाइकोर्ट में भी एक सुनवाई चल रही है। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस भी पूरी हो चुकी है, इस पर हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। 
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने न्यायालय में बहस के दौरान दलील दी थी कि वर्तमान वाद में विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति 15 अगस्त 1947 को मंदिर की थी अथवा मस्जिद की, इसके निर्धारण के लिए साक्ष्य की आवश्यकता है। विवादित स्थल विश्वनाथ मंदिर का एक अंश है, इसलिए एक अंश की धार्मिक स्थिति का निर्धारण नहीं किया जा सकता, बल्कि ज्ञानवापी परिसर का भौतिक साक्ष्य लिया जाना बेहद जरूरी है जिसे पुरातात्त्विक विभाग जांचकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर सकता है कि ढांचा के नीचे कोई मंदिर था अथवा नहीं। तथ्‍यों के आधार पर प्राचीन विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त अवशेष प्राचीन ढांचा के दीवारों में अंदरुनी और बाहरी तौर पर विद्यमान बताए गए हैं। बहस के दौरान यह भी कहा गया कि पुराने विश्वनाथ मंदिर के अलावा पूरे परिसर में अनेक देवी-देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर थे जिनमें से कुछ आज भी विद्यमान हैं।
वादमित्र का कहना था कि वर्तमान ज्योर्तिलिंग की स्थापना 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। अयोध्या मामले का हवाला देकर कहा गया कि वहां भी पुरातात्विक विभाग से रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिसके बाद ही अंतिम फैसला आया था। अदालत में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजयशंकर रस्तोगी की तरफ से वर्ष 1991 से लंबित इस प्राचीन मुकदमे में आवेदन दिया था। जिसमें कहा गया कि मौजा शहर खास स्थित ज्ञानवापी परिसर के आराजी नंबर 9130, 9131, 9132 रकबा एक बीघे नौ बिस्वा जमीन का पुरातात्विक सर्वेक्षण रडार तकनीक से करके यह बताया जाए कि जो जमीन है, वह मंदिर का अवशेष है या नहीं। साथ ही विवादित ढांचा का फर्श तोड़कर देखा जाए कि 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ का मौजूद है या नहीं। वादमित्र का पक्ष रहा कि 14वीं शताब्दी के मंदिर में प्रथम तल में ढांचा और भूतल में तहखाना है, जिसमें 100 फुट ऊंचा शिवलिंग है, यह खुदाई से स्पष्ट हो जाएगा। मंदिर हजारों वर्ष पहले 2050 विक्रमी संवत में राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। फिर सतयुग में राजा हरिश्चंद्र और वर्ष 1780 में अहिल्याबाई होलकर ने जीर्णोद्धार कराया था।
उधर, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पक्ष की दलील है कि जब मंदिर तोड़ा गया, तब ज्योतिर्लिंग उसी स्थान पर मौजूद था, जहां आज है। उसी दौरान राजा अकबर के वित्तमंत्री टोडरमल की मदद से नरायन भट्ट ने मंदिर बनवाया था, जो उसी ज्योतिर्लिंग पर बना है। ऐसे में विवादित ढांचा के नीचे दूसरा शिवलिंग कैसे आ सकता है। इसलिए खुदाई नहीं होनी चाहिए। उनका कहना था कि विवादित ढांचा खोदे जाने से शांति भंग भी हो सकती है। न्यायालय का यह दायित्व है कि वहां शांति बनी रहे।
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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नयी दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एम्स में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली। वे सुबह छह बजे वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए एम्स पहुंचे। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने सभी से अपील की है कि यदि वैक्सीन लेने के योग्य हैं तो जल्द अपनी डोज लें। उन्होंने कहा है कि वैक्सीनेशन हमारे पास वायरस को हराने के कुछ तरीकों में से एक है।
पीएम मोदी को कोरोना वैक्सीन देने वाले दो नर्सों में एक पुड्डुचेरी की पी. निवेदा और दूसरी पंजाब की निशा शर्मा थीं। इसके पहले प्रधानमंत्री ने 01 मार्च को एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली थी।
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– पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1.26 लाख मामले, 685 लोगों की मौत
 -देश में रिकवरी रेट 91.66 प्रतिशत
 नई दिल्ली:  देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 26 हजार 789 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ ,29 लाख ,28 हजार ,547 पर पहुंच गई है। कोरोना से पिछले 24 घंटों में 685 लोगों की मौत हो गई। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1 लाख,66 हजार,862  हो गई है।
गुरुवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में  इस समय 9 लाख,10 हजार,319 सक्रिय मरीज हैं। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 1 करोड़,18 लाख,51 हजार,393 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस समय देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 91.66 प्रतिशत हो गया है।
 24 घंटो में  12 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटों में 12 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 07 अप्रैल को 12 लाख,37 हजार,781 टेस्ट किए गए। अब तक देश में कुल 25 करोड़,26 लाख,77 हजार, 379 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभिभावकों और शिक्षकों को सलाह दी कि वे परीक्षा को लेकर बच्चों पर मानसिक दबाव न बनाएं, बल्कि उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित करें। बच्चों के सामने परीक्षा का हौवा खड़ा करने से उनका मनोबल प्रभावित होता है।

देश में बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पहले वर्चुअल “परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम में विद्यार्थियों अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित किया और उन्हें अपने सुझाव दिए। मोदी ने कहा, “बच्चों में कभी भी भय पैदा न करें। ऐसा आसान लगता है, लेकिन इससे निगेटिव मोटिवेशन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जैसे ही आपके द्वारा खड़ा किया गया हौवा खत्म होता है तो उसका मोटिवेशन भी समाप्त हो जाता है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वह परिवार में तनाव मुक्त वातावरण तैयार करें तथा बच्चों में नकारात्मक मनोवृति की बजाय आशा और विश्वास को बढ़ावा दें। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों के अध्ययन के बारे में पर्याप्त ध्यान नहीं देते, बल्कि उनकी अंक तालिका या रिपोर्ट कार्ड के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन करते हैं, जो उचित नहीं है।  
उन्होंने कहा, “बच्चों के माता-पिता के पास समय ही नहीं होता कि वे बच्चों के साथ बिता सकें। ऐसे में वे सिर्फ बच्चों के रिपोर्ट कार्ड तक ही सीमित रह जाते हैं और अपने ही बच्चे के बारे में नहीं जान पाते।”  
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा,”अभिभावकों को बच्चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए। उन्हें घर में तनावमुक्त माहौल देना चाहिए। परीक्षा जीवन में महज एक पड़ाव है। यह सब कुछ नहीं है। इसे लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है। परीक्षा के नतीजों से बच्चों की प्रतिभा का आकलन नहीं करना चाहिए।” 
मोदी ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे यह उम्मीद न रखें कि बच्चे भी उनकी जैसी ही जिंदगी जियें। मूल्यों को कभी भी बच्चों पर थोपने का प्रयास न करें। मूल्यों को जी कर प्रेरित करने का प्रयास करें।  
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना मरीज की नई लहर के कारण बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में चिंता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित राज्यों ने बोर्ड की परीक्षाओं की तिथियां पूर्वत ही रखी हैं। 
हिं.स.
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