1. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, “15 जनवरी तक सभी 5 राज्यों में रैली और रोड शो पर प्रतिबंध रहेगा. किसी भी तरह की पदयात्रा, साइकिल या कोई भी वाहन यात्रा नहीं होगी. चुनाव आयोग ने ये तय किया है कि इन चुनावों के दौरान सभी पोलिंग स्टेशन पर कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू होगा, मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे.

2. एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 की जगह 1250 मतदाता ही मत डाल सकेंगे. पोलिंग स्टेशन की संख्या 16% बढ़ायी जाएगी. कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 सीटें अनुसूचित जातियों और 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.

3. चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों का दोनों टीकाकरण अनिवार्य होगा. सभी अधिकारियो को बूस्टर डोज़ और precautionary dose लेना होगा.

4. मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर ज्यादा भीड़ न जुटे, इसलिए पोलिंग की टाइमिंग एक घंटे बढ़ाई जाएगी. इससे पोलिंग बूथ पर भीड़ को कम रखा जा सकेगा.

5. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, उम्मीदवारों को ऑनलाइन नॉमिनेशन की सुविधा दी जाएगी जिससे निर्वाचन कार्यालय में भीड़ कम से कम हो और कोरोना नियमों का ठीक ढंग से पालन सुनिश्चित कराया जाए.

6. चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी रैली और रोड शो पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगाया है. मुख्य चुनाव आयुक्त 15 जनवरी को फिर हालात की समीक्षा करेंगे. अगर इन 5 राज्यों में कोरोना के मामले और बढ़ते हैं तो चुनाव आयोग की चुनौतियाँ और बड़ी हो सकती हैं. आगे हालात की समीक्षा के बाद ही चुनाव प्रचार के लिये कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी.

7. रात आठ बजे से सुबह बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी. सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी.चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा.

8. बंगाल चुनाव में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ने का संज्ञान देते हुए चंद्रा ने कहा कि सभी राज्यों को यह हलफनामा देना होगा कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के जिम्मेदार होंगे.

9. पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगा, जिसमें 18.34 करोड़ से अधिक वोटर हैं. इन 18.34 करोड़ मतदाताओं में से 8.55 करोड़ महिला वोटर हैं. निर्वाचन आयोग द्वारा 2,15,368 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.

10. चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि सभी आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को अपने ऊपर मुकदमों की जानकारी तीन बार अखबार में प्रकाशित करानी होगी. राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के केस की जानकारी देना अनिवार्य होगी.

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग के ऐलान के साथ ही 5 राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है और आचारसंहिता लागू हो गई है. देश में कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने यूपी में सात चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है. चुनाव आयोग ने अहम ऐलान किया है कि दागी उम्मीदवारों (Criminal background candidates) को अपना आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित कराना होगा. राजनीतिक दलों को ये बताना होगा कि उन्होंने दागी प्रत्याशियों को क्यों चुना है.राजनीतिक तौर पर सबसे अहम उत्तर प्रदेश में 7 चरण में चुनाव काफी अहम होगा. पहला चरण 10 फरवरी को होगा. इसके बाद बांकी 6 चरण के चुनाव — 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3 और 07 मार्च को होंगे. इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को चुनाव होंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होंगे. मतगणना और नतीजों का ऐलान 10 मार्च को होगा.

चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि सभी आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को अपने ऊपर मुकदमों की जानकारी तीन बार अखबार में प्रकाशित करानी होगी. राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के केस की जानकारी देना अनिवार्य होगी.

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उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा की कुल 690 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन कराते हुए मतदान कराये जायेंगे. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी. सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में (10 फरवरी 2022, 14 फरवरी 2022, 20 फरवरी 2022, 23 फरवरी 2022, 27 फरवरी 2022, 3 मार्च 2022 और 7 मार्च 2022) मतदान कराये जायेंगे. पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी 2022 को एक दिन वोटिंग करायी जायेगी.

मणिपुर में दो चरणों (27 फरवरी और 3 मार्च 2022) में वोटिंग होगी. सभी 5 राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च 2022 को आ जायेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार (8 जनवरी 2022) को नयी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों के लिए 18.34 करोड़ वोटर अपने मतदाधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें सर्विस वोटर भी शामिल हैं. चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना सुनिश्चित किया जायेगा.

चुनाव आयोग ने इस बार एक घंटे ज्यादा मतदान कराने की अनुमति दी है. साथ ही कहा है कि इस बार हर मतदान केंद्र पर पिछले चुनावों की तुलना में इस बार कम वोटर मतदान करेंगे. इसलिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ायी गयी है.CT

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को मामले से जुड़े रिकॉर्ड संरक्षित करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब सरकार और सभी एजेंसियों को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सहयोग करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता लायर्स वायस की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि एसपीजी एक्ट के मुताबिक केंद्र, राज्य और हर सरकारी विभाग को इसके आदेश का पालन करना होगा। राज्य सरकार ने जो कमेटी बनाई है उसके अध्यक्ष पर भी सवाल हैं। मनिंदर सिंह ने कहा था सारे रिकॉर्ड कोर्ट के संरक्षण में लिए जाएं। बठिंडा के जिला जज या कोई और जज एनआईए के सहयोग से ऐसा करें।

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था मैं आभारी हूँ कि कोर्ट ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया है। यह दुर्लभ मामला है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से जाना होता है तो एसपीजी डीजीपी से पूछती है। जब सड़क पर ब्लॉक था तो मंजूरी क्यों दी गई। एक कार पांच सौ मीटर आगे चलती है। जो पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे, उन्होंने उस कार को भी सूचना नहीं दी कि पीएम को आगे आने से रोक दीजिए।

मेहता ने कहा कि वहां धार्मिक जगह से फ़्लाईओवर के दूसरी तरफ भी भीड़ जमा करने की घोषणा हो रही थी। अमेरिका से संचालित एक आतंकी संगठन वीडियो जारी कर रहा है। वहां कुछ ऐसा हो सकता था जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय शर्मिंदगी की वजह बनता।

सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के के एडवोकेट जनरल डी एस पटवालिया ने कहा कि हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी बनाई है। पटवालिया ने कहा था कल फिरोजपुर में एफआईआर भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने भी एक कमेटी बनाई है। अगर राज्य की कमेटी पर एतराज है तो सुप्रीम कोर्ट जैसी चाहे कमेटी बना सकता है, हमें आपत्ति नहीं है।

सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने सभी वकीलों को सुना। मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है। हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को मामले से जुड़े रिकॉर्ड संरक्षित करने का आदेश देते हैं। पंजाब सरकार और सभी एजेंसी उनसे सहयोग करें। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल चंडीगढ़ के डीजी का सहयोग लें। एनआईए के भी एक वरिष्ठ अधिकारी भी टीम में हों। फिलहाल राज्य और केंद्र की कमेटी अपना काम रोक दें। हम यह बात आदेश में दर्ज नहीं कर रहे हैं। लेकिन दोनों कमिटियों को यह सूचित कर दिया जाए।

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नई दिल्ली: चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अगले चार से छह हफ्ते तक फिजिकल सुनवाई नहीं की जा सकती है। चीफ जस्टिस ने ये टिप्पणी निचली अदालतों के जजों की सेवा शर्तों पर सुनवाई के दौरान की।

सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों ने चीफ जस्टिस के साथ बैठक की है। जस्टिस राव ने कहा कि कोर्ट अगले कुछ हफ्ते केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की ही सुनवाई करेगा। इसके लिए स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसीजर में बदलाव किया जा रहा है। अब मामलों की सुनवाई के लिए फरवरी की ही डेट दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट पिछले महीने की 17 तारीख से शुरू शीतकालीन अवकाश के बाद तीन जनवरी से केवल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहा है। तब 17 दिसंबर के पहले सुप्रीम कोर्ट फिजिकल तरीके से भी सुनवाई कर रहा था।

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-पूर्वोत्तर में रेल संपर्क को बढ़ावा

गुवाहाटी: पूर्वोत्तर में रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ के गोमतीनगर और असम में कामाख्या के बीच चलने वाली एक विशेष ट्रेन को आज झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्रेन के चलने से लोगों को अब गोमतीनगर और कामाख्या के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल जाएगी।

ट्रेन संख्या 15078/15077 गोमतीनगर-कामाख्या-गोमतीनगर साप्ताहिक एक्सप्रेस की नियमित सेवाएं गोमतीनगर से 10 जनवरी और कामाख्या से 11 जनवरी से शुरू होगी। ट्रेन संख्या 15078 प्रत्येक सोमवार को गोमतीनगर से 10.00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 15.30 बजे कामाख्या पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन संख्या 15077 कामाख्या से प्रत्येक मंगलवार को 18.30 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन 01.40 बजे गोमतीनगर पहुंचेगी।

यह ट्रेन दोनों तरफ की यात्रा के दौरान गोरखपुर, बरौनी, न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूचबिहार, न्यू बंगाईगांव और ग्वालपारा होकर चलेगी। ट्रेन में यात्रियों के लिए एसी-2 टीयर, एसी-3 टीयर, शय्या श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कोच होंगे।

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने गुरुवार को कोविड से जुड़ी परिस्थितियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। आयोग ने साथ ही कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ भी अलग से बैठक की।


दोनों बैठकों का उद्देश्य पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जमीनी हालात जानना था।

स्वास्थ्य को लेकर बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और आईसीएमआर के बलराम भार्गव भी मौजूद थे।

बैठक में चुनाव आयोग ने अधिकारियों से मतदान और चुनाव प्रचार के दौरान कैसी स्थिति रह सकती है इस बारे में जानकारी ली। बैठक में बात पर जोर रहा कि सभी पात्र आबादी को कोरोना के दोनों टीके सुनिश्चित किए जाएं।

उल्लेखनीय है कि अगले कुछ दिनों में पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की संभावना है।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब दौरे में सुरक्षा चूक मामले को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इसे गंभीर विषय बताते हुये घटना पर चिंता व्यक्त की है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान कथित सुरक्षा उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि पीएम मोदी ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा उल्लंघन का प्रत्यक्ष विवरण दिया।

राष्ट्रपति भवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की और कल पंजाब में उनके काफिले में सुरक्षा उल्लंघन का प्रत्यक्ष विवरण दिया। राष्ट्रपति ने इस गंभीर चूक पर चिंता व्यक्त की है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री का बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने का कार्यक्रम निर्धारित था। पंजाब में एक बड़ी सुरक्षा चूक के कारण प्रधानमंत्री का काफिला प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसा रहा था। इसके चलते उन्हें फिरोजपुर में रैली और शहीद स्मारक पर जाने सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौटना पड़ा था।

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फिरोजपुर/ चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुधवार को पंजाब दौरे के दौरान पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पंजाब सरकार ने फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हांस को निलंबित कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस मसले पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से इस्तीफा मांगा है।

प्रधानमंत्री आज सुबह बठिंडा पहुंचे। वहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से धुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए उड़ान भरनी थी। बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। जब सुधार नहीं हुआ तो तय हुआ कि वे सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाएंगे। पंजाब के डीजीपी ने जरूरी सुरक्षा इंतजाम की पुष्टि की। इसके बाद वो रोड ट्रिप के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री का काफिला हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर फ्लाईओवर पर पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी। करीब 20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी खामी थी।

पंजाब सरकार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बारे में पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आपातकालीन योजनाओं की तैयारी के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी। इसे पूरा नहीं किया गया। इस सुरक्षा चूक के बाद प्रधानमंत्री ने बठिंडा हवाई अड्डा लौटने का फैसला किया। सुरक्षा में इस गंभीर चूक को संज्ञान में लेते हुए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा गया है।

फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की चुनाव रैली को भी रद्द करना पड़ा। केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री को चुनाव प्रचार के अलावा राज्य की जनता को 42,750 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाएं भी समर्पित करनी थीं। इनमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, फिरोजपुर में पीजीआई सेटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल थे ।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस बारे में ट्वीट किया। पंजाब पुलिस के डीजीपी को सूचित किया गया और आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था पर सहमति व्यक्त की गई, लेकिन पंजाब पुलिस कई घंटे तक सड़क को साफ नहीं कर सकी। भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री चन्नी को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। भाजपा ने कहा कि पंजाब में पीएम मोदी को सुरक्षा नहीं दी गई और मुख्यमंत्री चन्नी को इस्तीफा दे देना चाहिए। इस मामले में पंजाब सरकार ने फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हांस को निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री चन्नी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दे सकते हैं।

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पंजाब: फिरोजपुर ज़िले में हुसैनीवाला के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में सुरक्षा में चूक हुई, प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा.
 
आज सुबह पीएम बठिंडा पहुंचे जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। बारिश और खराब दृश्यता के कारण, पीएम ने लगभग 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया. इसके बाद सड़क मार्ग से रवाना हुए. पर फिरोजपुर ज़िले में हुसैनीवाला के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में सुरक्षा में चूक हुई. प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा.
 
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी होती है. साथ ही आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी आंदोलन को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी थी, जो स्पष्ट रूप से तैनात नहीं थे.
 
इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस जाने का निर्णय लिया गया.
 
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में इस गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बुलेट की रफ्तार से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में नए मरीजों की संख्या 58 हजार 097 से ज्यादा पहुंच गई है। वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 15 हजार 389 है। जबकि इससे 534 लोगों की मौत हो गई है।

बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना से ठीक होने वाले की संख्या कुल तीन करोड़ 43 लाख, 21 हजार, 803 है। देश का रिकवरी रेट लगातार घटकर 98.01 प्रतिशत हो गया है। देश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर दो लाख 14, हजार 4 हो गई है। रोजाना संक्रमण दर 4.18 प्रतिशत हो गया है।

देश में अबतक कुल 68.38 टेस्ट किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 13 लाख 88 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।

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 चीन ने की एक बार फिर प्रोपेगेंडा वार के जरिए भारत को उकसाने की कोशिश

नई दिल्ली: चीनी सैनिकों के झंडा फहराने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद भारतीय जवानों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें नए साल के मौके पर भारतीय जवान गलवान में तिरंगा झंडा फहराते नजर आ रहे हैं। एक वीडियो के माध्यम से चीन ने नए साल के मौके पर अपना झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में फहराने की झूठी कहानी गढ़ी। भारत ने मंगलवार को नए वर्ष के मौके पर गलवान घाटी में फहराए गए तिरंगे के साथ भारतीय सैनिकों की तस्वीर जारी करके चीन के झूठ का खुलासा करके असलियत बताई है।

गलवान घाटी की हिंसा के बाद पहली बार नए साल के मौके पर भारत और चीन की सेनाओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुल 10 जगहों पर एक-दूसरे को मिठाई और गिफ्ट देने की नई परंपरा शुरू की। दोनों देशों की सेनाओं के फील्ड कमांडर्स ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के काराकोराम दर्रे, डीबीओ, चुशूल, डेमचोक, हॉट स्प्रिंग, बोटलनैक और कोंगराला एरिया सहित कुल सात जगहों पर मुलाकात की। इसके अलावा सिक्किम के नाथू ला सेक्टर और अरुणाचल प्रदेश के बूमला और वचाई-दमाई में भी भारत और चीन के सैनिकों ने एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दी और उपहारों का आदान-प्रदान किया।

भारतीय सेना ने नए साल के मौके पर एलएसी पर चीनी सेना के साथ हुई मीटिंग और उपहारों की तस्वीरें भी जारी की हैं। तस्वीरों में दोनों देशों की सेनाएं चेहरे पर मास्क और पीपीई किट पहने हुए दिखाई पड़ रहे हैं। हॉट स्प्रिंग में तो दोनों देशों के सैनिक एक छोटे से नाले पर लैडर-नुमा अस्थाई पुल पर चढ़कर एक दूसरे को मिठाई और उपहार देते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, पूर्वी लद्दाख में कई ऐसे विवादित इलाके हैं जहां अभी दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी चल रही है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ 20 माह से चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य पर अपने दावे को पुष्ट करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के नाम बदल दिए हैं, जिसे भारत ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है।

नए साल के मौके पर मिठाई और गिफ्ट देने के 24 घंटे के भीतर ही चीन ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराने का वीडियो वायरल करके एक बार फिर से प्रोपेगेंडा वार के जरिए भारत को उकसाने की कोशिश की। वायरल किये गए वीडियो में चीनी सैनिक अपना झंडा फहराते और कोई चीनी गीत गाते हुए नजर आ रहे हैं। चीन का यही राष्ट्रीय ध्वज बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर के ऊपर से फहराया गया था। वीडियो के माध्यम से चीन यह साबित करने की कोशिश में जुटा है कि उसने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में फहराया जबकि भारतीय सेना के सूत्रों ने इससे इनकार किया है। यह वही इलाका है जहां 15/16 जून, 2020 को भारत व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे।

सेना के सूत्रों का कहना है कि नए साल के मौके पर चीन ने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में नहीं, बल्कि अपने गैर विवादित हिस्से में गलवान नदी के उस मोड़ के पास फहराया है, जहां पर भारत-चीन सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था। जून में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाएं दो-दो किमी पीछे हटने को तैयार हो गई थीं। इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल व चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच वार्ता भी हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के विवादित क्षेत्र से दो-दो किमी. पीछे हटने की पुष्टि भी हुई थी। भारत ने चीन के प्रोपेगेंडा वार को झुठलाते हुए आज गलवान घाटी में फहराए गए तिरंगे के साथ भारतीय सैनिकों की तस्वीर जारी करके चीन के झूठ का खुलासा करके असलियत बताई है।

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