नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में थोड़ी और कमी आई है। गुरुवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख, 72 हजार 433 नए मरीज मिले। इस बीच कोरोना को मात देने वालों की संख्या दो लाख, 59 हजार, 107 रही। हालांकि, इस अवधि में 1008 संक्रमितों की मौत हो गई।

गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या तीन करोड़, 97 लाख, 70 हजार, 414 है। इस दौरान रिकवरी रेट में सुधार के साथ यह बढ़कर 95.14 प्रतिशत हो गया है। देश में एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 15 लाख, 33 हजार 921 तक पहुंच गयी है। दैनिक संक्रमण दर 10.99 प्रतिशत है।

आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 15 लाख, 69 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए। अबतक कुल 73 करोड़, 41 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि आज दो हिन्दुस्तान बन रहे हैं, जहां गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुये उन्होंने बेरोजगारी, छोटे उद्योगों का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की।

कांग्रेस की ओर से चर्चा में भाग लेते हुये राहुल गांधी ने सरकार पर एक के बाद एक कई हमले किये। उन्होंने कहा कि दो हिन्दुस्तान बन रहे हैं। एक अमीरों का हिन्दुस्तान और दूसरा गरीबों का हिन्दुस्तान। इन दो हिन्दुस्तानों के बीच खाई बढ़ती जा रही है। गरीब हिन्दुस्तान के पास आज रोजगार नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द नहीं था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुये कहा कि वर्ष 2021 में तीन करोड़ युवाओं ने रोजगार खोया है। पिछले 50 साल से सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज हिन्दुस्तान में है। सरकार मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया की बात कर रही है, लेकिन जो रोजगार हमारे युवाओं को मिलना चाहिए, वह नहीं मिला और जो रोजगार थे, वे भी गायब हो गये।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घटी है और वे तेजी से गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं। 27 करोड़ लोगों को हमने गरीबी से निकाला था और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि आज मेड इन इंडिया की बात हो रही है। मेड इन इंडिया हो ही नहीं सकता, क्योंकि मेड इन इंडिया वाले छोटे और मध्यम उद्योग हैं। उनको सरकार ने खत्म कर दिया है। सरकार ने असंगठित सेक्टर को खत्म कर दिया। अगर सरकार उनकी मदद करती तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तैयार हो सकता था। जो लोग देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना सकते थे, उनको सरकार ने खत्म कर दिया।

राहुल ने कहा कि सरकार जिस गरीब हिन्दुस्तान को बना रही है, वह चुप नहीं बैठा रहेगा। इस हिन्दुस्तान को दिख रहा है कि आज हिन्दुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास देश के 55 करोड़ लोगों से ज्यादा जायदाद है और यह मौजूदा सरकार ने किया है।

इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरीश द्विवेदी ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये विपक्ष को जमकर कोसा।

द्विवेदी ने कहा कि पहले जो लोग हिन्दू कहने से कतराते थे, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद अब मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं। खुद को हिन्दू बताने लगे हैं। आगे उन्होंने कहा कि जो लोग घर में भी छुप कर पूजा करते थे, वे अब मंदिर में पूजा करने की फोटो साझा कर रहे हैं। द्विवेदी का इशारा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर था।

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नई दिल्ली (Agency): वैवाहिक रेप का अपवाद किसी शादीशुदा महिला की यौन इच्छा की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। वैवाहिक रेप को अपराध करार देने के मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि इससे जुड़े अपवाद संविधान की धारा 19(1)(ए) का उल्लंघन है। जस्टिस राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर 3 जनवरी को भी सुनवाई करेगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील करुणा नंदी ने कहा कि वैवाहिक रेप का अपवाद यौन संबंध बनाने की किसी शादीशुदा महिला की आनंदपूर्ण हां की क्षमता को छीन लेता है। उन्होंने कहा कि धारा 375 का अपवाद दो किसी शादीशुदा महिला के ना कहने के अधिकार को मान्यता नहीं देता है। ऐसा होना संविधान की धारा 19(1)(ए) का उल्लंघन है। ये अपवाद असंवैधानिक है, क्योंकि ये शादी की निजता को व्यक्तिगत निजता से ऊपर मानता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 जनवरी को कहा था कि वैवाहिक रेप को अपराध करार देने से एक नए अपराध का जन्म होगा। जस्टिस सी हरिशंकर ने ये बातें कही थी। सुनवाई के दौरान बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस राजीव शकधर ने कहा था कि वे फिलहाल अपनी राय नहीं रखना चाह रहे हैं। ये मामला आगे बढ़ना चाहिए। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस पर अपना पक्ष रखे। सुनवाई के दौरान वकील करुणा नंदी ने कहा था कि वैवाहिक अधिकार संभोग के बाद खत्म हो जाते हैं। बाकी बातें इच्छा की होती हैं, क्योंकि कोई भी पत्नी हमेशा यौन संबंध बनाने की सहमति नहीं देती है।

सुनवाई के दौरान 31 जनवरी को करुणा नंदी ने कहा था कि वैवाहिक रेप को जब तक अपराध नहीं करार दिया जाएगा, तब तक इसे बढ़ावा मिलता रहेगा। उन्होंने कहा था कि शादी सहमति को नजरअंदाज करने का लाइसेंस नहीं देता है। उन्होंने कहा था कि जब तक वैवाहिक रेप को अपराध करार नहीं दिया जाता, इसे बढ़ावा मिलता ही रहेगा। उन्होंने कहा था कि ये मामला एक शादीशुदा महिला की ओर से बलपूर्वक यौन संबंध बनाने को नहीं करने के नैतिक अधिकार से जुड़ा हुआ है। वैवाहिक रेप किसी पत्नी को ना कहने के अधिकार को मान्यता देने की है।

हाईकोर्ट को 28 जनवरी को बताया गया कि इस मामले में दलील रखने वाले वकीलों को आलोचना झेलनी पड़ रही है। वकील जे साईं दीपक और करुणा नंदी ने ये बातें कहीं। 27 जनवरी को साईं दीपक ने कहा था कि इस मामले को कोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मेरा ये साफ मानना है कि जब विधायिका कोई फैसला नहीं ले रही है तब न्यायपालिका को अपनी राय रखनी चाहिए लेकिन जब मामला नीतिगत हो तो कोर्ट को फैसला नहीं करना चाहिए। अगर न्यायपालिका अपनी सीमा को पार करती है तो ये काफी खतरनाक परंपरा साबित होगा। तब कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट की ओर से इसी मसले पर जारी किए गए नोटिस का जिक्र करते हुए कहा था कि कोर्ट को किसी न किसी तरीके से हल निकालना ही होगा। हमारे लिए हर मसला महत्वपूर्ण है।

सुनवाई के दौरान 25 जनवरी को एनजीओ ह्दे (Hridey) ने कहा था कि पति पत्नी के बीच बने यौन संबंध को रेप नहीं करार दिया जा सकता है। इसे ज्यादा से ज्यादा यौन प्रताड़ना कहा जा सकता है। एनजीओ की ओर से पेश वकील आरके कपूर ने ये बातें कही थीं। उन्होंने कहा था कि संसद बेवकूफ नहीं है कि उसने रेप के अपवाद के प्रावधान के तहत पति को छूट दे दी है लेकिन घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति को कोई छूट नहीं दी है।

इसके पहले सुनवाई के दौरान इस मामले के एमिकस क्युरी रेबेका जॉन ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अपवाद को बरकरार रखा जाना संवैधानिक नहीं होगा। जॉन ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए, 304बी और घरेलू हिंसा अधिनियम और अन्य नागरिक उपचार सहित विभिन्न कानूनी प्रावधान धारा 375 के तहत रेप से निपटने के लिए अपर्याप्त है।

केंद्र सरकार ने 24 जनवरी को कहा था कि वैवाहिक रेप को अपराध बनाने में परिवार के मामले के साथ-साथ महिला के सम्मान से भी जुड़ा हुआ है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उसके लिए इस मसले पर तत्काल अपना रुख बताना संभव नहीं है। अगर केंद्र आधे मन से अपना पक्ष रखेगी तो ये नागरिकों के साथ अन्याय होगा। 17 जनवरी को भी केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो वैवाहिक रेप को अपराध करार देने के मामले पर अभी रुख तय नहीं किया है। मेहता ने कोर्ट से कहा था कि ये 2015 का मामला है और अगर कोर्ट केंद्र को समय दे तो वो कोर्ट को बेहतर मदद कर पाएंगे। तब जस्टिस शकधर ने कहा था कि एक बार सुनवाई शुरू हो जाती है तो हम उसे खत्म करना चाहते हैं।

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नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2022-23 के बजट को कुछ नहीं बजट की संज्ञा दी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह मोदी सरकार का ‘जीरो सम’ बजट है। इसमें वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई क्षेत्र के लिए कुछ नहीं है।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बजट में गरीब की जेब ख़ाली, नौकरीपेशा की जेब ख़ाली, मध्यम वर्ग की जेब ख़ाली, कुछ नहीं, किसान की जेब ख़ाली युवाओं की आशा टूटी, खपत बढ़ाने और छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी की कर नीति के तहत हीरा सस्ता, ज़ेवर सस्ते, अनाज महंगा। राजा राम की कर नीति “मणि-माणिक महंगे किए, सहजे तृण,जल,नाज, तुलसी सोइ जानिए राम गरीब नवाज” कितना फर्क है।

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नई दिल्ली(एजेंसी): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में रखा। सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट को डिजिटल फॉर्म में पेश करते हुए कहा कि ये बजट अमृत काल के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट है। सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल चौथी बार आम बजट पेश किया है।

बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि गंगा नदी के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा एक से 12वीं कक्षा तक के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लाभ प्रदान करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय की मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को व्यापक रूप से नया रूप दिया है। इसके साथ ही नागरिकों की सुविधा बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा, जबकि गारंटी कवर को 50 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ रुपये तक किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 60 किलोमीटर लंबे 8 रोपवे प्रोजेक्ट के लिए कांट्रैक्ट भी दिए जाएंगे।

सीतारमण ने कहा कि फसल का मूल्यांकन करने, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भुगतान में देरी को कम करने के लिए एक ऑनलाइन बिल प्रणाली शुरू की जाएगी और इसका उपयोग सभी केंद्रीय मंत्रालय करेंगे।

इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट को मंजूरी दी, जिसके बाद सीतारमण राष्ट्रपति से स्वीकृति लेकर आम बजट पेश करने संसद भवन पहुंची।

वित्त मंत्री ने कहा अगले 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। इसके साथ ही अगले 3 वर्षों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि रेलवे छोटे किसानों और छोटे एवं मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा। रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट के लिए 17 वकीलों को जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी को मद्रास हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की अनुशंसा की है।

कॉलेजियम की 29 जनवरी को हुई बैठक में तीन हाईकोर्ट के जज के रूप में 17 वकीलों के नामों की अनुशंसा की गई। कॉलेजियम ने उड़ीसा हाईकोर्ट के जज के रूप में जिन चार वकीलों को नियुक्त करने की अनुशंसा की है उनमें वी नरसिंह, संजय कुमार मिश्रा, बिराजा प्रसन्ना सतपथी और श्रीरमन मुराहारी ऊर्फ एमएस रमन शामिल हैं। कॉलेजियम ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज के रुप में तीन वकीलों और तीन न्यायिक अधिकारियों को नियुक्त करने की अनुशंसा की है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के लिए जिन्हें जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की गई है उनमें मनिंदर सिंह भाटी, द्वारकाधीश बंसल ऊर्फ डीडी बंसल, मिलिंद रमेश फड़के, अमर नाथ केसरवानी, प्रकाश चंद्र गुप्ता और दिनेश कुमार पालीवाल शामिल हैं। कॉलेजियम ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के लिए सात वकीलों कोनाकांति श्रीनिवास रेड्डी ऊर्फ श्रीनिवास रेड्डी, गन्नामनेनी रामाकृष्ण प्रसाद, वेंकटेश्वरलू निमंगड्डा, तारलाडा राजशेखर राव, सत्ती सुब्बा रेड्डी, रवि चिमालापटी और वैद्दीबोयाना सुजाता को जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की गई है।

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। ये लगातार चौथा मौका होगा जब सीतारमण बजट पेश करेंगी। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से होगा, जो 8 अप्रैल, 2022 तक चलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को पेश किया जाएगा, जबकि बजट एक फरवरी, 2022 को संसद में 11 बजे वित्त मंत्री पेश करेंगी। बतौर वित्त मंत्री उनके नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का भी रिकॉर्ड है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में कब पेश हुआ था पहला बजट और किसके नाम क्या रिकॉर्ड दर्ज है।

भारत का पहला बजट
भारत में पहली बार 7 अप्रैल, 1860 को बजट पेश किया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश साम्राज्ञी के समक्ष भारत का बजट रखा था।

स्वतंत्र भारत का पहला बजट
आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था। उस समय (तत्कालीन) के वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने यह बजट पेश किया था।

सबसे लंबा बजट भाषण
सबसे लंबा बजट भाषण का रिकॉर्ड मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ही नाम पर है। उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट का लंबा भाषण दिया था। इस दौरान सीतारमण ने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही 2 घंटे एवं 17 मिनट के लंबे भाषण का रिकॉर्ड को तोड़ा था।

बजट भाषण में सर्वाधिक शब्द
बतौर वित्त मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 1991 में दिए गए बजट भाषण में कुल 18,650 शब्द थे। उसके बाद दूसरा स्थान अरुण जेटली के नाम है, जिनके 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे।

सबसे छोटा बजट भाषण
सबसे छोटा बजट भाषण का रिकॉर्ड तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल के नाम दर्ज है, जिन्होंने 1977 में सिर्फ 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था।

सबसे ज्यादा बजट भाषण
सबसे ज्यादा बजट भाषण का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने वर्ष 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। इसके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार, प्रणव मुखर्जी ने 8 बार, यशवंत सिन्हा ने आठ बार और मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री 6 बार बजट पेश किया है।

बजट भाषण के समय में बदलाव
आमतौर पर वर्ष 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था। लेकिन, वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे पेश करना कर दिया था।

जेटली ने एक फरवरी को पेश किया बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण ने 2017 में बजट एक फरवरी को पेश करने की परंपरा को शुरू किया। उसके बाद से आम बजट एक फरवरी को ही सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।

बजट की भाषा में किया गया बदलाव
वर्ष 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था। कोविड-19 महामारी आने के बाद वित्त वर्ष 2021-22 का बजट कागज-रहित पेश किया गया। मोदी सरकार ने इसे मोबाइल ऐप पर हिंदी और अंग्रेजी में जारी करना शुरू कर दिया है।

इंदिरा गांधी पहली महिला वित्त मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1970 में वित्त मंत्री के तौर पर आम बजट पेश किया था। उसके बाद मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2019 में पूर्णकालिक वित्त मंत्री के तौर बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।

आम बजट के साथ रेल बजट का विलय
वर्ष 2017 तक रेलवे बजट एवं आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। वर्ष 2017 में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया गया। अब सिर्फ एक ही बजट पेश किया जाता है।

बजट की छपाई अब सीमित हो गया
वर्ष 1950 तक बजट का मुद्रण राष्ट्रपति भवन में होता था, लेकिन इसके लीक होने के बाद इसकी छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगा। फिर वर्ष 1980 में वित्त मंत्रालय के भीतर ही सरकारी प्रेस में इसका मुद्रण होता रहा है, जिसे कोरोना काल में सीमित प्रति में छपाई होती है।

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– आम बजट के इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य, जानिए कब आया पहला बजट
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। ये लगातार चौथा मौका होगा जब सीतारमण बजट पेश करेंगी। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से होगा, जो 8 अप्रैल, 2022 तक चलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को पेश किया जाएगा, जबकि बजट एक फरवरी, 2022 को संसद में 11 बजे वित्त मंत्री पेश करेंगी। बतौर वित्त मंत्री उनके नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का भी रिकॉर्ड है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में कब पेश हुआ था पहला बजट और किसके नाम क्या रिकॉर्ड दर्ज है।

भारत का पहला बजट
भारत में पहली बार 7 अप्रैल, 1860 को बजट पेश किया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश साम्राज्ञी के समक्ष भारत का बजट रखा था।

स्वतंत्र भारत का पहला बजट
आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था। उस समय (तत्कालीन) के वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने यह बजट पेश किया था।

सबसे लंबा बजट भाषण
सबसे लंबा बजट भाषण का रिकॉर्ड मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ही नाम पर है। उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट का लंबा भाषण दिया था। इस दौरान सीतारमण ने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही 2 घंटे एवं 17 मिनट के लंबे भाषण का रिकॉर्ड को तोड़ा था।

बजट भाषण में सर्वाधिक शब्द
बतौर वित्त मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 1991 में दिए गए बजट भाषण में कुल 18,650 शब्द थे। उसके बाद दूसरा स्थान अरुण जेटली के नाम है, जिनके 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे।

सबसे छोटा बजट भाषण
सबसे छोटा बजट भाषण का रिकॉर्ड तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल के नाम दर्ज है, जिन्होंने 1977 में सिर्फ 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था।

सबसे ज्यादा बजट भाषण
सबसे ज्यादा बजट भाषण का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने वर्ष 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। इसके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार, प्रणव मुखर्जी ने 8 बार, यशवंत सिन्हा ने आठ बार और मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री 6 बार बजट पेश किया है।

बजट भाषण के समय में बदलाव
आमतौर पर वर्ष 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था। लेकिन, वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे पेश करना कर दिया था।

जेटली ने एक फरवरी को पेश किया बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण ने 2017 में बजट एक फरवरी को पेश करने की परंपरा को शुरू किया। उसके बाद से आम बजट एक फरवरी को ही सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।

बजट की भाषा में किया गया बदलाव
वर्ष 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था। कोविड-19 महामारी आने के बाद वित्त वर्ष 2021-22 का बजट कागज-रहित पेश किया गया। मोदी सरकार ने इसे मोबाइल ऐप पर हिंदी और अंग्रेजी में जारी करना शुरू कर दिया है।

इंदिरा गांधी पहली महिला वित्त मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1970 में वित्त मंत्री के तौर पर आम बजट पेश किया था। उसके बाद मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2019 में पूर्णकालिक वित्त मंत्री के तौर बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।

आम बजट के साथ रेल बजट का विलय
वर्ष 2017 तक रेलवे बजट एवं आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। वर्ष 2017 में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया गया। अब सिर्फ एक ही बजट पेश किया जाता है।

बजट की छपाई अब सीमित हो गया
वर्ष 1950 तक बजट का मुद्रण राष्ट्रपति भवन में होता था, लेकिन इसके लीक होने के बाद इसकी छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगा। फिर वर्ष 1980 में वित्त मंत्रालय के भीतर ही सरकारी प्रेस में इसका मुद्रण होता रहा है, जिसे कोरोना काल में सीमित प्रति में छपाई होती है।

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-अर्जेंटीना समेत लैटिन अमेरिकी देशों में हस्तिनापुर फाउंडेशन के 40 हजार से अधिक सदस्य
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय संस्कृति के विविध रंगों और आध्यात्मिक शक्ति ने हमेशा से दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर खींचा है। वर्तमान में भी यह निरंतर बढ़ रहा है। भारतीय संस्कृति का लैटिन और दक्षिण अमेरिका में भी बड़ा आकर्षण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि भारतीय संस्कृति अमेरिका और कनाडा के साथ-साथ दुबई, सिंगापुर, पश्चिमी यूरोप एवं जापान में बहुत ही लोकप्रिय है। यह बात आपके लिये सामान्य होगी, लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि भारतीय संस्कृति का लैटिन अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में भी बड़ा आकर्षण है।

प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना में फहरा रहे भारतीय संस्कृति के परचम का जिक्र करते हुये कहा कि वहां भारतीय संस्कृति को बहुत पसंद किया जाता है। उन्होंने 2018 की अपनी अर्जेंटीना यात्रा के दौरान ‘शांति के लिए योग’ कार्यक्रम के विषय में बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्जेंटीना में हस्तिनापुर फाउंडेशन नामक एक संस्था है। यह फाउंडेशन, अर्जेंटीना में भारतीय वैदिक परम्पराओं के प्रसार में जुटा है। इसकी स्थापना 40 साल पहले एक मैडम, प्रोफ़ेसर ऐडा एलब्रेक्ट ने की थी। आज प्रोफ़ेसर ऐडा एलब्रेक्ट 90 वर्ष की होने जा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ उनका जुड़ाव कैसे हुआ, यह भी बहुत दिलचस्प है। जब वे 18 साल की थी तब पहली बार भारतीय संस्कृति की शक्ति से उनका परिचय हुआ। उन्होंने भारत में काफी समय भी बिताया। भगवद् गीता और उपनिषदों के बारे में गहराई से जाना।

आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हस्तिनापुर फाउंडेशन के 40 हज़ार से अधिक सदस्य हैं और अर्जेंटीना एवं अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में इसकी करीब 30 शाखाएं हैं। हस्तिनापुर फाउंडेशन ने स्पेनिश भाषा में 100 से अधिक वैदिक और दार्शनिक ग्रन्थ भी प्रकाशित किये हैं। आश्रम में 12 मंदिरों का निर्माण कराया गया है, जिनमें अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। इन सबके केंद्र में एक ऐसा मंदिर भी है जो अद्वैतवादी ध्यान के लिए बनाया गया है।

ऐसे ही सैकड़ों उदाहरण यह बताते हैं, हमारी संस्कृति, हमारे लिए ही नहीं, बल्कि, पूरी दुनिया के लिए एक अनमोल धरोहर है। दुनिया भर के लोग उसे जानना चाहते हैं, समझना चाहते हैं, जीना चाहते हैं। हमें भी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को खुद अपने जीवन का हिस्सा बनाते हुए सब लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने रविवार को महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। वे यहां आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भी शामिल हुये। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “बापू को उनकी पुण्य तिथि पर नमन करता हूं। उनके नेक आदर्शों को और लोकप्रिय बनाने का हमारा सामूहिक प्रयास है। आज शहीद दिवस पर उन सभी महानुभावों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश की रक्षा की। उनकी सेवा और वीरता को हमेशा याद किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री आज शाम 5 बजे तीस जनवरी मार्ग (बिड़ला हाउस) भी जाएंगे और भजन संध्या में शामिल होंगे। 1948 में आज ही के दिन बिड़ला हाउस में गांधीजी की हत्या कर दी गयी थी।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि गांधी के नेक आदर्शों को और लोकप्रिय बनाने का हमारा सामूहिक प्रयास है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, बापू को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं। उनके नेक आदर्शों को और लोकप्रिय बनाने का हमारा सामूहिक प्रयास है। आज शहीद दिवस पर उन सभी महानुभावों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश की रक्षा की। उनकी सेवा और वीरता को हमेशा याद किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आज 11 बजे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। शाम को 5 बजे प्रधानमंत्री तीस जनवरी मार्ग (बिड़ला हाउस) भी जाएंगे और भजन संध्या में शामिल होंगे। 1948 में आज ही के दिन बिड़ला हाउस में गांधीजी की हत्या हुई थी।

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नई दिल्ली: देश की 75 फीसदी वयस्क आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराक लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने रविवार को ट्वीट करके कहा कि सबका साथ सबका प्रयास के मंत्र के साथ भारत ने अपनी 75 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में हम निरंतर मजबूत हो रहे हैं। हमें सभी नियमों का पालन करते रहना है और जल्द वैक्सीन लगवानी है।

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