New Delhi: भारत सरकार के ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से लगभग 200 छात्रों और भारतीय नागरिकों को निकालकर भारत वापस लाया गया है।

रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने स्‍वदेश लौटने वाले इन छात्रों और नागरिकों का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्‍वागत किया। स्‍वदेश लौटने वाले इन लोगों में अधिकांश छात्र थे। इंडिगो की यह विशेष उड़ान आज सुबह दिल्ली पहुंची थी।

सभी स्‍वदेश लौटने वालों का स्वागत करते हुए, केन्‍द्रीय मंत्री खुबा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केन्‍द्र सरकार यूक्रेन से सभी भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों को यह आश्वासन दिया कि उनके मित्रों एवं सहयोगियों को भी जल्द ही यूक्रेन से निकाल लिया जाएगा।

भारत वापस लौटने पर अपने परिवारों के साथ मुलाकात करते हुए छात्रों ने केन्‍द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। विमान में सवार एक युवा छात्र ने खुशी से आंसू बहाते हुए कहा कि युद्ध से संकटग्रस्‍त देश से सुरक्षित निकासी किसी चमत्कार से कम नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इसे संभव बनाया है।

इंडिगो की इस फ्लाइट ने इस्तांबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बुधवार को भारतीय समयानुसार रात 10.35 बजे उड़ान भरी थी और यह आज सुबह 8.31 बजे नई दिल्ली पहुंची थी। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो और स्पाइसजेट यूक्रेन के पड़ोसी देशों से दिल्ली और मुंबई के लिए कई उड़ानें संचालित करने के लिए ऑपरेशन गंगा मिशन में शामिल हो गए हैं।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि भारत में बिटकॉइन वैध है या नहीं। 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपितों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है। चार हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील ऐश्वर्या भाटी ने गेन बिटकॉइन घोटाले के आरोपित अजय भारद्वाज पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सदस्य जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से पूछा कि आप ये बताएं कि बिटकॉइन वैध है या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने अजय भारद्वाज को अगस्त 2019 में एक करोड़ रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। अजय भारद्वाज पर आरोप है कि उसने बिटकॉइन में निवेश करने के नाम पर निवेशकों से धोखाधड़ी की थी। अजय भारद्वाज को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। अब ईडी का आरोप है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।

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ऋषिकेश:  पत्नी से क्लेश के चलते एक दुकानदार ने (चूहे मारने की दवा ) जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या किए जाने का असफल प्रयास किया।

जानकारी के अनुसार गंगानगर निवासी 35 वर्षीय राम अवतार पुत्र शंकर सिंह शादीशुदा है जिसके 3 बच्चे भी हैं । उसका अपनी पत्नी से बुधवार की सुबह किसी बात को लेकर मामूली विवाद हुआ था ,जिसके बाद उसने चूहे मारने की दवा खा ली, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसका जीजा मित्र पाल गंभीर हालत में लेकर उसे राजकीय चिकित्सालय उपचार हेतु लाया उसकी हालत गंभीर बनी है। राम अवतार फेरी लगाकर कपड़े बेचने का कार्य करता है। वह आर्थिक तंगी से भी गुजर रहा है।

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सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विदेश स्थित “पंजाब पॉलिटिक्स टीवी” के ऐप्स, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्सको बंद (ब्लॉक) करने का आदेश दिया है, जिसका सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे), एक संगठन जिसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है, के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। खुफिया सूचनाओं पर भरोसा करते हुए कि चैनल, अभी चल रहे राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को खराब करने के लिए ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने का प्रयास कर रहा था, मंत्रालय ने “पंजाब पॉलिटिक्स टीवी” के डिजिटल मीडिया स्रोतों को बंद (ब्लॉक) करने के लिए 18 फरवरी को आईटी नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग किया है।

बंद (ब्लॉक) किये गए ऐप्स, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सामग्री में सांप्रदायिक वैमनस्य और अलगाववाद को भड़काने की क्षमता थी और सामग्री को भारत की संप्रभुता व अखंडता, राज्य की सुरक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया। यह भी पाया गया कि अभी चल रहे चुनावों के दौरान महत्त्व पाने के लिए नए ऐप्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को लॉन्च किया गया है।

भारत सरकार देश में समग्र सूचना व्यवस्था को सुरक्षित रखने और भारत की संप्रभुता व अखंडता को कमजोर करने की ताकत रखने वाले किसी भी कार्य को विफल करने के लिए सतर्क और प्रतिबद्ध है।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को धरातल पर लागू करने में केंद्रीय बजट 2022-23 की भूमिका को अहम बताते हुये कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश में शैक्षणिक सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही है, जिसने वैश्विक महामारी के दौर में भी हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाना भारत के भविष्य को सशक्त बनाना है। हमारी सरकार ने बजट से पहले और बाद में हितधारकों के साथ बातचीत करने की एक नई परंपरा विकसित की है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है। डिजिटल विश्वविद्यालय में वह क्षमता है, जो देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकता है। मैं सभी हितधारकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि डिजिटल विश्वविद्यालय जल्द से जल्द शुरू हो और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरे।

वेबिनार में प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर बजट के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुये कहा कि 2022 के बजट में पांच बातों पर विशेष जोर दिया गया है। पहला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सार्वभौमिकरण है। दूसरा- कौशल विकास, तीसरा- शहरी नियोजन और डिजाइन, चौथा है अंतरराष्ट्रीयकरण यानी भारत में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय और पांचवां महत्वपूर्ण पक्ष है एवीजीसी- एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग, कॉमिक्स। इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ने हमारी शिक्षा प्रणाली को महामारी के इस समय में चालू रखा है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहे हैं। नवाचार हमारे यहां समावेश सुनिश्चित कर रहा है। ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब्स, डिजिटल यूनिवर्सिटी से हम अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा को गांवों तक ले जा सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने विश्व मातृभाषा दिवस का उल्लेख करते हुये कहा कि मातृभाषा में दी जाने वाली शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन की पढ़ाई शुरू हो चुकी है।इस बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बहुत आवश्यक है।

बजट का सदुपयोग करने के बाबत प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है। बजट को यदि हम सही ढंग से, सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करें तो सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

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नई दिल्ली: पंजाबी अभिनेता और किसान आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला हिंसा मामले के आरोपित दीप सिद्धू की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू अपने दोस्तों के साथ स्कॉर्पियो से दिल्ली से पंजाब जा रहे थे। हरियाणा के सोनीपत में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर सिंघु बॉर्डर के पास उनकी कार एक ट्राले से टकरा गई। हाइसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई। इस हादसे में दीप के दोस्त के भी घायल होने की खबर है। विस्तृत खबर की प्रतीक्षा है।

उल्लेखनीय कि किसान आंदोलन के दौरान लालकिला में घुसने और हिंसा मामले में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू आरोपित थे।

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IRCTC से टिकट बुक करने वाले रेल यात्री ध्यान दें, पढ़ें IRCTC ने ट्वीट कर दी जानकारी

Delhi: अगर आप भी ट्रेन में सफर करने से पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते हैं या फिर आपको कहीं जाने के लिए टिकट बुकिंग करानी है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है.

IRCTC ऐप के जरिए टिकट बुकिंग करने से पहले आप ये खबर पढ़ लें. IRCTC ने ऐप के बारे में ट्वीट करके प्रमुख जानकारी दी है.

आइए आपको बताते हैं क्या है खास

IRCTC ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पर लिखा है कि क्या आप टिकट बुक करने का आसान, जल्दी वाला और सुविधाजनक तरीका देख रहे हैं तो IRCTC रेल कनेक्ट ऐप को तुरंत डाउनलोड करें. आप इसके जरिए सिर्फ 3 चरणों में अपना टिकट बुक कर सकते हैं. टिकट बुकिंग की यह सुविधा 24*7 उपलब्ध है.

IRCTC Rail Connect App के बारे में जानिए

मौजूदा उपयोगकर्ताओं के लिए लॉगिन करना काफी आसान है.

पैसेंजर की डिटेल्स को सेव करें फ्यूचर करने के लिए

आगामी यात्राओं के लिए अलर्ट प्राप्त करें

मल्टीपल पेमेंट ऑप्शन

ट्रेन इंक्वॉयारी और बुकिंग

चेक करें ऑफिशियल वेबसाइट

ट्रेन टिकट बुकिंग के लिए आप ऑफिशियल वेबसाइट https://www.irctc.co.in/nget/train-search पर विजिट कर सकते हैं. Indian Railways के टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म IRCTC से टिकट बुकिंग को प्रोत्साहित करने को कहा है. इसके साथ ही इसने डिजिटल पेमेंट का समर्थन किया.

इस तरह आधार से अपने आईआरसीटीसी अकाउंट को करें लिंक-

आधार को आईआरसीटीसी अकाउंट से लिंक करने के लिए सबसे पहले आप IRCTC की ऑफिशियल वेबसाइट  http://irctc.co.in पर क्लिक करें.

इसके बाद अपने अकाउंट पर साइन इन करें.

इसके बाद आप My Account ऑप्शन पर क्लिक करें.

इसके बाद आधार लिंक के ऑप्शन पर क्लिक करें.

इसके बाद आधार कार्ड में अपना नाम और आधार नंबर नंबर दर्ज करें.

इसके बाद Send ऑप्शन पर क्लिक करें.

इसके बाद आपके Registered Mobile नंबर पर OTP आएगा जिसे आप दर्ज करें.

इसके बाद आपका KYC का प्रोसेस पूरा हो जाएगा.

इसके बाद आपके पास Confirmation लिंक भेजा जाएगा.

इसके बाद अकाउंट से Logout करके वापस Login करें.

इसके बाद आप KYC, आधार लिंक का स्टेटस चेक करें.

आपका अकाउंट आधार से लिंक (Aadhaar Card Link with IRCTC Account) हो जाएगा.

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नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल कर दिया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि एलआईसी मार्च के पहले हफ्ते में पूंजी बाजार में अपना आईपीओ ला सकती है। इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है।

सूत्रों ने रविवार को बताया कि इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी के बोर्ड ने आईपीओ मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी। सूत्रों के मुताबिक एलआईसी बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद इस दस्तावेज को सेबी के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के लिए दाखिल किया गया है। सेबी की मंजूरी मिलने के साथ ही एलआईसी मार्च के पहले हफ्ते में अपना आईपीओ ला सकती है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ लाने के लिए पिछले साल सितंबर में 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की थी, जिसमें गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप और नोमुरा भी शामिल हैं। वहीं, कानूनी सलाहकार के तौर पर सिरिल अमरचंद मंगलदास को नामित किया गया है। इससे पहले आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जुलाई 2021 में एलआईसी के विनिवेश को मंजूरी दी थी।

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– वायुसेना के उच्चाधिकारियों की सुरक्षा का दायित्व गरुड़ कमांडो फोर्स पर
– कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी तैनात हैं गरुड़ कमांडोज
नई दिल्ली: भारत के सबसे खूंखार माने जाने वाले 127 ‘गरुड़ कमांडो’ शनिवार को मरून बेरेट सेरेमोनियल परेड के बाद भारतीय वायुसेना को मिल गए। एयरफोर्स के विशेष बल ‘गरुड़ कमांडो फोर्स’ का प्रशिक्षण पूरा होने पर शनिवार को चांदीनगर के गरुड़ रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर (जीआरटीसी) में पासिंग आउट परेड हुई जिसकी सलामी पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ अधिकारी एयर वाइस मार्शल पीएस करकरे ने ली। वायुसेना के उच्चाधिकारियों की सुरक्षा का दायित्व भी गरुड़ कमांडो फोर्स पर ही है। इसके अलावा गरुड़ कमांडोज को कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी तैनात किया गया है।

जीआरटीसी के कमांडेंट विंग कमांडर त्रिलोक शर्मा ने मुख्य अतिथि करकरे का स्वागत किया और विभिन्न प्रशिक्षण पहलुओं पर संक्षिप्त जानकारी दी। मुख्य अतिथि ने गरुड़ रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर से ढाई साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद सफलतापूर्वक पास होने पर गरुड़ सैनिकों को बधाई दी। युवा सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बदलते सुरक्षा परिदृश्य के साथ तालमेल रखने के लिए विशेष बलों के कौशल के प्रशिक्षण और सम्मान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सफल गरुड़ प्रशिक्षुओं को मरून बेरेट, गरुड़ प्रवीणता बैज और विशेष बल टैब और मेधावी उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को ट्राफियां प्रदान कीं। एलएसी सूर्यवंशी शिवचरण अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर ट्रॉफी प्रदान की गई।

खतरनाक हथियारों से लैस भारतीय वायुसेना के ये कमांडो दुश्मन को खत्म करने के लिए जाने जाते हैं। इनकी ट्रेनिंग ऐसी होती है कि ये बिना कुछ खाए हफ्ते तक संघर्ष कर सकते हैं। पासिंग आउट समारोह के दौरान ‘गरुड़ सेना’ ने कॉम्बैट फायरिंग, होस्टेज रेस्क्यू, फायरिंग ड्रिल, असॉल्ट एक्सप्लोसिव्स, बाधा क्रॉसिंग ड्रिल, वॉल क्लाइम्बिंग, स्लाइथरिंग, रैपलिंग और मिलिट्री मार्शल आर्ट्स जैसे विभिन्न कौशल का प्रदर्शन किया। कमांडो ट्रेनिंग में इन्हें उफनती नदियों और आग से गुजरना, बिना सहारे पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है। भारी बोझ के साथ कई किलोमीटर की दौड़ और घने जंगलों में रात गुजारनी पड़ती है।

गरुड़ कमांडो फोर्स वायुसेना के सभी बेसों के अलावा वायुसेना के दूसरे महत्वपूर्ण ऑफिसों की भी सुरक्षा करती है। वायुसेना के उच्चाधिकारियों की सुरक्षा का दायित्व भी गरुड़ कमांडो फोर्स पर ही है। इसके अलावा गरुड़ कमांडोज को कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी तैनात किया गया है। जम्मू-कश्मीर एयर बेस पर 2001 में आतंकी हमले के बाद 2003 में गरुड़ कमांडो फोर्स बनाने का फैसला लिया गया था, लेकिन 6 फरवरी, 2004 को इन्हें भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। गरुड़ कमांडो को 2019 से जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेष अभियान प्रभाग में भी तैनात करना शुरू किया गया है।

भारत और चीन के बीच 2020 में लद्दाख में शुरू हुए तनाव के बाद गरुड़ कमांडोज को लद्दाख में रणनीतिक महत्व की चोटियों पर तैनात किया गया था। उनकी जिम्मेदारी चीनी हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करना है। गरुड़ कमांडो कॉर्पोरल गुरसेवक सिंह 2016 में पठानकोट हमले के दौरान शहीद हुए थे और उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। 18 नवंबर, 2017 को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकवादियों को मुठभेड़ में मारने वाले गरुड़ कमांडो कॉर्पोरल जेपी निराला को मरणोपरांत शांति काल में वीरता का सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र प्रदान किया गया है।

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– भारतीय सेना ने सभी जवानों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक स्थानों को भेजे
– भारी बर्फबारी के बाद 14,500 फीट की ऊंचाई पर हुआ था हिमस्खलन

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर में बर्फीले तूफान में फंसकर शहीद हुए सेना के सातों जवानों के पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक स्थान भेज दिए गए। इससे पहले तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रविन खोसला और अन्य सैन्य अधिकारियों ने भारतीय सेना की ओर से सभी बहादुरों को अंतिम सम्मान दिया। 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के साथ भारी बर्फबारी होने के बाद हिमस्खलन की यह घटना मैमी हट इलाके के पास हुई थी।

अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में 06 फरवरी की शाम को बर्फीले तूफान में सेना का गश्ती दल फंस गया था। पश्चिम कामेंग जिले की पुलिस के मुताबिक हिमस्खलन की यह घटना तवांग जिले के जंग पुलिस स्टेशन के तहत एलएसी के साथ जंगदा बस्ती से लगभग 35 किलोमीटर दूर के मैमी हट इलाके के पास हुई। जब सेना के इस गश्ती दल से संपर्क स्थापित नहीं हो सका तो फौरन एक एक्सपर्ट टीम क्विक रेस्पॉन्स के लिए मौके पर भेजी गई। विशेष टीमों के एयरलिफ्टिंग के साथ ही तुरंत खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया था। भारतीय सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 19 जेएके राइफल्स के सभी सात जवानों की पार्थिव देह 08 फरवरी को बरामद की थीं।

हिमस्खलन में शहीद हुए सैनिकों में हवलदार जुगल किशोर, राइफलमैन अरुण कट्टला, अक्षय पठानिया, विशाल शर्मा, राकेश सिंह, अंकेश भारद्वाज, जीएनआर (टीए) गुरबाज सिंह हैं। सैनिकों की पार्थिव देह आगे की औपचारिकताओं के लिए हिमस्खलन स्थल से निकटतम सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सैनिकों की पार्थिव देह आज तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर लाई गईं, जहां भारतीय सेना की ओर से गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रविन खोसला और अन्य सैन्य अधिकारियों ने सभी बहादुरों को अंतिम सम्मान दिया। इसके बाद शहीदों की पार्थिव देह को पंजाब, हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर राज्यों में उनके मूल पैतृक स्थानों अखनूर, कठुआ, धारकलां, खुर, बाजीनाथ, कांगड़ा, घमारवीन और बटाला भेजा गया।

सेना ने यह भी कहा कि उच्च ऊंचाई पर तैनात जवान परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए हाईटेक गैजेट्स, सर्विलांस ड्रोन, नाइट विजिल कैमरा, थर्मल इमेजिंग ट्रेसर, हेलीकॉप्टर, स्नो स्कूटर, हिमस्खलन डिटेक्टर का उपयोग करते हैं। 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के साथ भारी बर्फबारी हो रही थी। इस बार डारिया हिल में बर्फबारी ने 34 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां इससे पहले 1988 में इतनी बर्फबारी हुई थी। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा शहर में दो दशक बाद बर्फबारी हुई है।

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नई दिल्ली: मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का शनिवार को निधन हो गया। बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज ने 83 साल की आयु में पुणे स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। राहुल बजाज लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण सम्मान से भी नवाजा गया था।

राजस्थान के मारवाड़ी परिवार में पैदा हुए राहुल बजाज का जन्म 10 जून, 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। उनका संबंध राजस्थान में सीकर जिले के काशीकाबास से था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से पूरा करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) डिग्री और बंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली थी। इसके बाद राहुल बजाज ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से अपना एमबीए पूरा किया था।

उल्लेखनीय है कि दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज ने पिछले साल 29 अप्रैल, 2021 को बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए यह पद छोड़ा था। बजाज साल 1972 से समूह के चेयरमैन पद पर पर कार्यरत थे।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर अंतरिम रोक के हाईकोर्ट के आदेश पर कोई भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश अभी आया भी नहीं है। इस मसले को इतने बड़े पैमाने पर उठाने की जरूरत नहीं है। स्थानीय मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि क्या हो रहा है, हम सब जानते हैं, उचित समय पर हम हस्तक्षेप करेंगे।

बेंगलुरु के मोहम्मद आरिफ के अलावा कर्नाटक के मस्ज़िद, मदरसों के संगठन ने भी याचिका दायर की है। याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को मुस्लिम लड़कियों से भेदभाव बताया गया है और आदेश पर तत्काल रोक की मांग की गई है।

बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को कहा था कि अगली सुनवाई तक स्कूल में धार्मिक ड्रेस पहनकर स्कूल नहीं आएं। हाईकोर्ट इस मसले पर 14 फरवरी को सुनवाई करने वाला है।

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