नई दिल्ली: ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान पूरी तरह सफल रही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह अभ्यास शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित वैमानिकी परीक्षण रेंज में किया है। मानव रहित लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस हवाई वाहन को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ की प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ने डिजाइन और विकसित किया है।

डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि यूएवी के एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। उड़ान के बारे में अधिक जानकारी देते हुए डीआरडीओ ने एक बयान में बताया है कि पूरी तरह से स्वायत्त मोड में संचालन करते हुए यूएवी ने सफल उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल है। यह यूएवी एक छोटे, टर्बोफैन इंजन से संचालित है। यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को साबित करने के मामले में एक प्रमुख मील का पत्थर है। साथ ही ऐसी सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “चित्रदुर्ग एटीआर से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान पर डीआरडीओ को बधाई। यह स्वायत्त विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के मामले में आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों के प्रयासों की सराहना की।

0Shares

अगस्त के बाद माता वैष्णो देवी जाने की तैयारी में है तो, पढ़ें पूरी ख़बर

Katra : अगर आप माता वैष्णों देवी के दर्शन को जा रहे है तो यह खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है. आगामी अगस्त माह से श्राइन बोर्ड द्वारा कुछ बदलाव किया जा रहा है.

नए नियमों के तहत माता वैष्णो देवी की यात्रा पर्ची इतिहास बनने जा रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 62 साल से चल रही यात्रा पर्ची की जगह अब नई तकनीकयुक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सेवा शुरू कर रहा है.

नववर्ष के पहले दिन मां के भवन पर भगदड़ की घटना पर कड़ा संज्ञान लेकर बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है. इस सुविधा से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की दिक्कतें मौके पर ही दूर होंगी. ताकि भविष्य में भगदड़ जैसी संभावना भी न बन सके. आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सरवर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पुरी तरह की जानकारी होगी. श्रद्धालु यात्रा आरंभ करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेगा.

यात्रा पूरी करने के उपरांत कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेगा. यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, आरएफआइडी कार्ड की कीमत 10 रुपये में है, लेकिन श्रद्धालु को यह कार्ड निश्शुल्क मिलेगा. इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा.आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है.

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वालों के लिए जरूरी

तत्काल सुविधा लेने वाले श्रद्धालुओं के अलावा आनलाइन पंजीयन करने वालों के लिए भी आरएफआइडी कार्ड लेना अनिवार्य होगा. श्राइन बोर्ड यात्रा पंजीकरण केंद्रों के साथ दर्शन ड्योढ़ी, नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड, श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि पर और भी जगहों पर यात्रा पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को आरएफआइडी कार्ड लेने को लेकर इंतजार न करना पड़े.

फोन पर आएगा मैसेज

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगे उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है. इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है.

आरएफआइडी कार्ड पानी से भी नहीं होता खराब

आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से पालीफैब्रिक्स युक्त होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा. यात्रा पूरी करने के उपरांत इस कार्ड को नजदीकी काउंटर पर जमा करवाना अनिवार्य होगा.

यात्रा पर्ची का सफर

कई दशकों से माता वैष्णो देवी की यात्रा चली आ रही है. वर्ष 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर यात्रा पर्ची शुरू की थी. इसके बाद 1968 में पर्यटन विभाग ने कटड़ा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इमारत का निर्माण कर कार्य करवाया. 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची का जिम्मा संभाला. वर्ष 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन होते ही यात्रा पर्ची का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया. वर्ष 2001 में कंप्यूटरीकृत यात्रा पर्ची उपलब्ध होने लगी. तब परिवार का एक सदस्य यात्रा पंजीकरण केंद्र पर जाकर अन्यों का नाम बताकर पर्ची लेता था. सुरक्षा को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2013 में फोटो एसेस कार्ड सुविधा शुरू की जो वर्तमान में लगातार जारी है. श्रद्धालु की फोटो और साथ ही नाम तथा पता दर्ज किया जाता है.

यात्रा पर बारीकी से नजर रखी जाएगी

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीइओ अंशुल गर्ग ने बताया कि अगस्त से यात्रा में आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा. इसमें आनलाइन पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु भी शामिल होंगे. इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा. इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है.

यह फायदा होगा 

भवन मार्ग पर किसी तरह का दुव्र्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर विराम लगेगा. इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा भीड़ को नियंत्रण करना होगा. कार्ड देते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि भीड़ इकट्ठी न भवन पहुंच जाए. अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है. श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा. इसके लिए टीम बनाई जाएगी.

0Shares

मुंबई: कुर्ला इलाके के नाइक नगर में सोमवार आधीरात करीब 12 बजे चारमंजिला इमारत अचानक भरभरा कर ढह गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम पहुंची। इसके बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ। मंगलवार सुबह तक मलबे से 18 लोगों को निकालकर राजावाड़ी अस्पताल पहुंचाया गया । अभी सात लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी है। इस इमारत में 20 से 25 लोग रहते हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी।

महाराष्ट्र के पर्यटनमंत्री आदित्य ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया है। उन्होंने कहा है कि यह बिल्डिंग कलेक्टर की जमीन पर बनी थी। इसे बीएमसी जर्जर घोषित कर चुकी है। मलबे में फंसे लोगों को निकालकर राजावाड़ी अस्पताल में पहुंचा दिया गया है। अभी पांच से सात लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

0Shares

केदारनाथ यात्रा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। केदारनाथ के लिए आगामी 30 जून से हवाई सेवाएं बंद हो जाएंगी। हेली कंपनियों ने लगातार बारिश की वजह से हवाई सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है। बता दें, हेली सेवा के माध्यम से अब तक 81 हजार 494 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये हैं।

केदारनाथ के लिए 30 जून से सभी हवाई सेवाएं बंद हो जाएंगी। लगातार हो रही वर्षा के चलते हेली कंपनियों ने यह निर्णय लिया है। सितंबर से दूसरे चरण की सेवाएं फिर से शुरू होंगी। बता दें, पूर्व में हिमालयन हेली ने 10 जुलाई तक सेवाएं देने का निर्णय लिया था, लेकिन वह भी अपनी सेवाएं बंद कर देगी। वहीं, अभी नौ में से दो हवाई कंपनियां ही सेवाएं दे रही हैं। अब तक 81 हजार से अधिक यात्री हेली सेवा से दर्शनों को पहुंच चुके हैं। उधर, सितंबर से दूसरे चरण की सेवाएं फिर से शुरू होंगी।

0Shares

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार समेत विभिन्न विपक्षी दलों के प्रमुख नेता उपस्थित रहे।

संसद भवन स्थित राज्यसभा सचिवालय में महासचिव पीसी मोदी के समक्ष सिन्हा ने अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने नामांकन पत्रों के चार सेट राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपे। मोदी राष्ट्रपति चुनाव में पीठासीन अधिकारी हैं।

केंद्र सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे सिन्हा के नामांकन के अवसर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा के नामांकन दाखिल करने के मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके के वरिष्ठ नेता ए. राजा, समेत विभिन्न विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल रहे। विपक्षी दलों ने सिन्हा को गत 21 जून को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया था।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

सिन्हा का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से है। मुर्मू ने गत 24 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एनडीए के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया था।

कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिन्हा को 17 विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के एकजुट होने के बाद चुनाव में नजदीकी मुकाबला होगा।

0Shares

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है।

राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई है। एक तरफ नफरत है और एक तरफ भाईचारा और देश की भावना है। पूरा विपक्ष राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ खड़ा है।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पास 17 दलों का समर्थन है। इस लिए सिन्हा और सत्ता पक्ष के उम्मीदवार के उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर रहेगी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार समेत विभिन्न विपक्षी दलों के प्रमुख नेता उपस्थित रहे। संसद भवन स्थित राज्यसभा सचिवालय में महासचिव पीसी मोदी के समक्ष सिन्हा ने अपना नामांकन दाखिल किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

सिन्हा का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से है। मुर्मू ने गत 24 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एनडीए के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया था।

0Shares

नई दिल्ली: देश की तीन लोकसभा और चार राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम आ गए हैं। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन किया है। उत्तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी (सपा) से छीन ली है। रामपुर सीट को सपा नेता आजम खान का गढ़ माना जाता रहा है। भाजपा ने इस मिथक को चकनाचूर कर दिया। पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान जीत गए हैं। त्रिपुरा में मुख्यमंत्री मानिक साहा ने टाउन बरदोवाली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर सपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के उम्मीदवार आसिम राजा को हराया। भाजपा उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी को 3,67,397 और सपा के असीम रजा को 3,25,205 मत मिले हैं। आजमगढ़ में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 3,12,768 मत मिले हैं। सपा के धर्मेंद्र यादव को 3,04,089, बसपा के गुड्डू जमाली को 2,66,210 वोट मिले हैं। निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव को 8,679 मतों से हराया। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट क्रमशः सपा मुखिया अखिलेश यादव और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के इस्तीफे के चलते रिक्त हुई थी।

पंजाब में विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली आम आदमी पार्टी अपनी जमीन खोती दिख रही है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान संगरूर लोकसभा क्षेत्र से 5,822 मतों से जीते हैं। इस सीट पर भगवंत मान दो बार जीते थे। पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यहां उपचुनाव कराया गया।

दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर अपना परचम लहरा दिया है। आप उम्मीदवार दुर्गेश पाठक को 11,468 मतों से जीत मिली है। दुर्गेश पाठक को कुल 40,319 मत मिले, जबकि 28,851 मतों के साथ भाजपा के राजेश भाटिया दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस को मात्र 2,014 मत ही मिले हैं।

झारखंड की राजधानी रांची के मांडर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सत्ताधारी गठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 23,517 मतों से हराया। शिल्पी नेहा तिर्की को 95,062 मत मिले, जबकि गंगोत्री कुजूर को 71,545 मत हासिल हुए।

आंध्र प्रदेश की आत्माकुर सीट पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। एम. विक्रम रेड्डी ने 82,888 वोटों से अपने निकटतम उम्मीदवार भाजपा के भरत कुमार को हराया है। वहीं, त्रिपुरा में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को तीन और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। त्रिपुरा की टाउन बरदोवाली सीट से भाजपा उम्मीदवार मुख्यमंत्री मानिक साहा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने 6,104 वोटों से जीत दर्ज की है। यहां की जबराजनगर और सूरमा सीट भी भाजपा ने जीती है। अगरतला में कांग्रेस उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन ने जीत दर्ज की है।

0Shares

गुरुग्राम/नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को ड्राइंगरूम में अकेले बैठकर सुनने के बजाये बूथ पर सामूहिक रूप से सुनने की अपील की है।

गुरुग्राम में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुनने पहुंचे नड्डा ने कहा कि सभी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम बूथ पर सामूहिक रूप से सुनना चाहिए, इससे बूथ का सुदृढ़ीकरण होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम ड्राइंगरूम में अकेले बैठकर सुनने का नहीं है, बल्कि सामूहिक रूप से बूथ पर बैठकर सुनने का है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम कार्य को एक्टिविटी में बदलने की प्रेरणा देता है, इसलिए हम सभी को सामूहिक रूप से इस कार्यक्रम में उठाए गए सामाजिक विषयों पर चर्चा करने के साथ-साथ इन्हें अपने जीवन में भी उतारना चाहिए।

गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा के बूथ नंबर 338 पर प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात सुनने के लिए पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के साथ प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, प्रदेश के मंत्री बनवारी लाल, सांसद सुनिता दुग्गल सहित अनेक नेता मौजूद रहे।

कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि भारत के जन-जन की मूल विचारधारा लोकतंत्र ही रही है, जिसने आखिरकार आपातकाल की तानाशाही को उखाड़ फेंका। उन्होंने आपातकाल की घटना को साझा करते हुए कहा कि उन्हें कालेज की क्लास से अरेस्ट किया गया था। आपातकाल का विरोध करने वाले हजारों लोगों को जेल में लंबे समय तक बंदी बनाकर रखा गया था। नड्डा ने कहा कि अगर हम उजाला चाहते हैं, तो हमें अंधेरों को भी याद रखना होगा। इसलिए हमें आपातकाल को याद रखकर लोकतंत्र को लगातार मजबूत करने के लिए काम करना होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय मूल विचारधारा के कारण ही हम प्रजातांत्रिक हैं। इस तरह अब यही लोकतांत्रिक सोच प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार खुशहाल एवं विकसित होती जा रही है।

नड्डा के कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कभी राजनीतिक बात नहीं की। इसमें उन्होंने हमेशा जनजागरण और देश के समन्वित विकास की गहरी से गहरी बात की। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण, विज्ञान, ग्रामीण विकास, खेल कूद और नव निर्माण पर महीन से महीन चर्चा करते हुए इसे देश के जन-जन तक पहुंचाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मन की बात हमें सामाजिक, आध्यात्मिक और जन जागरण की एक सामूहिक प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि हम सब इसी तरह रविवार को सामूहिक रूप से बूथ पर बैठकर ही मन की बात सुनें। इससे पार्टी की और प्रधानमंत्री मोदी की विकसित सोच जन-जन में अधिक लोकप्रिय होगी। साथ ही इस तरह के आयोजन से हमारे बूथों का और सुदृढ़ीकरण भी होगा।

0Shares

जयपुर:  करणी विहार थाना इलाके में एक बिल्डिंग के चार मंजिल से बुजुर्ग सिक्योरिटी गार्ड ने छलांग लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। फिलहाल मृतक के आत्महत्या करने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि छत का गेट बंद मिलने पर सिक्योरिटी गार्ड को ढूंढा तो उसका शव बिल्डिंग के पास खाली प्लाट में लहूलुहान हालत में पड़ा मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है। जहां रविवार दिन में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।

थानाधिकारी जयसिंह बेसरा ने बताया कि मृतक महादेव मदान (62) मूलत: उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और पिछले 22 सालों से रजनी विहार करणी विहार स्थित मोहित कॉटेज में गारमेंट फैक्ट्री में रहता था। जो फैक्ट्री की सिक्योरिटी करता था। पुलिस की प्रारंभिक जांच पड़ताल में सामने आया कि उसने बिल्डिंग के चार फ्लोर से छलांग लगाकर आत्महत्या कर लिया। फैक्ट्री अकाउंटेंट अपने घर जाने के लिए निकला तो मृतक महादेव मदान नहीं दिखा। आवाज लगाते हुए फैक्ट्री में ढूंढते हुए छत पर जा पहुंचा,जहां चार फ्लोर का गेट बंद मिला। काफी आवाज लगाने और गेट खटखटाने के बाद भी नहीं खोला गया। शक होने पर गेट के पास स्थित छज्जे पर उतरकर छत पर पहुंचा। वहां भी महादेव मदान के नहीं मिलने पर बिल्डिंग के नीचे इधर-उधर झाक कर देखने पर पास ही खाली प्लाट में महादेव मदान पड़ा दिखा। खाली प्लाट में महादेव मदान का शव खून से लथपथ हालत में पड़ा देख पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस मौके पहुंची और सबूत जुटाकर शव को एम्बुलेंस की मदद से एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया। पुलिस ने मृतक के पास किसी प्रकार का सुसाइड नोट मिलने की बात से इंकार किया है। फिलहाल परिजनों से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

0Shares

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान के घर में ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करारी शिकस्त दी है। भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम राजा को करीब 38 हजार वोटों से पराजित किया है। हालांकि चुनाव आयोग से घोषणा होना बाकी है। यह तब हुआ है, जब आजम खान ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को रामपुर में प्रचार करने से मना किया था। आजम ने वादा किया था कि वह रामपुर संसदीय सीट पार्टी को जीत कर देंगे। वह ऐसा कर पाने में बुरी तरह असफल रहे।

2024 से पहले उप्र में हुए लोकसभा उपचुनाव को सेमी फाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। रामपुर में भाजपा को मिली जीत आने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए अच्छे संकेत हैं। आजमगढ़ सीट पर भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर मानी जा रही थी। कयास लगाए जा रहे थे कि निरहुआ आजमगढ़ में सीट निकाल सकते हैं जबकि, रामपुर में सपा के लिए लोग एकतरफा जीत का दावा कर रहे थे। मतगणना के दौरान इसके उलट स्थिति देखने को मिली। रामपुर में घनश्याम लोधी ने एक बार बढ़त बनाई तो पलट कर नहीं देखे। रामपुर में कमल खिलने से भाजपा के खेमे में खुशी की लहर है।

अपने ही घनश्याम से हार गए आजम
सपा के कद्दावर नेता आजम खान का किला ढह गया है। भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने चुनाव जीत लिया है। परिणाम आने के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गयी है कि आजम अपने घनश्याम से शिकस्त खा गए। घनश्याम कभी आजम के बेहद करीबी हुआ करते थे। आजम के दाहिने हाथ के तौर पर वह उनकी सियासी ट्रेन दौड़ाया करते थे। भाजपा ने घनश्याम को ही टिकट दे दिया। घनश्याम को आजम के सारे दांव-पेंच पता थे। लिहाजा आजम की कोई भी चाल इस बार घनश्याम के सामने नहीं चल पाई और भाजपा को जीत मिल गई। इसके साथ ही आजम पर सियासी संकट मंडराने लगा है।

रामपुर संसदीय क्षेत्र में कब किस दल को मिली जीत
रामपुर से पहले पांच लोकसभा चुनावों में कांग्रेस जीतती रही। पहली बार 1977 में गैर कांग्रेसी दल जनता पार्टी का कब्जा हुआ। 1952 में रामपुर संसदीय सीट से पहला चुनाव कांग्रेस के कद्दावर नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद जीते। 1957 और 1962 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार क्रमश: अहमद मेहंदी और जुल्फिकार अली खान को जीत मिली। जुल्फिकार अली खान ने 1971 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने में सफल रहे। पहली बार गैर कांग्रेसी दल से 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के राजेंद्र कुमार शर्मा जीते। 1980, 1984 और 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के जुल्फिकार अली खान को लगातार इस सीट पर जीत मिली। 1991 में रामपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र कुमार शर्मा एक बार फिर चुनाव जीते। 1996 में फिर से कांग्रेस की उम्मीदवार बेगम नूर बानो ने बाजी मारी। 1998 में भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी को जीत मिली। 1999 में फिर से बेगम नूर बानो ने कांग्रेस को जीत दिलाई। 2004 और 2009 समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार जयाप्रदा ने रामपुर सीट से जीत दर्ज की। 2014 में मोदी लहर में भाजपा के डॉक्टर नेपाल सिंह इस सीट पर जीते लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के आजम खान ने जीत दर्ज की। 2022 के उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने बाजी मारी है।

0Shares

ऩई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में मुर्मु ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। आदिवासी समाज से आने वाली मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।

नामांकन से पहले द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी, बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर और बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। तत्पश्चात वह नामांकन के लिए पहुंची। राज्यसभा महासचिव और पीठासीन अधिकारी पीसी मोदी के समक्ष उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने चार सेट में नामांकन पत्र भरा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, धर्मेन्द्र प्रधान, भूपेन्द्र यादव, गिरिराज सिंह, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन मुंडा, अश्वनी चौबे तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल समेत कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल रहे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा भी शामिल रहे। बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणू देवी समेत जनता दल यूनाईटेड के अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही राजग के घटक दलों के नेता, सांसद तथा ओडिशा सरकार के मंत्री तथा तमाम सांसद उपस्थित रहे।

नामांकन से पहले संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भाजपा सोशल इंजीनियरिंग में विश्वास करती है इसलिए सब वर्ग के लोगों को संवैधानिक पदों पर बैठाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है। सबको उनका समर्थन करना चाहिए। हम अपील करते हैं कि इतनी बड़ी जनजातीय नेता को सर्वसम्मति से चुना जाए।

वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सारे भारत के लोग और खासकर आदिवासी, जनजाति समाज के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि एक आदिवासी, जनजाति महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। आज़ादी के लंबे कालखंड के बाद ऐसा अभूतपूर्व फैसला हुआ है। यह ऐतिहासिक निर्णय हुआ है।

0Shares

New Delhi: सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग,NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि राष्‍ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और NCP प्रमुख शरद पवार से बात की और अपने लिए उनकी पार्टी का समर्थन मांगा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर स्थित राज्यसभा महासचिव के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी को द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पत्र सौंपे. मुर्मू के साथ नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे. भाजपा नेताओं के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, ओड़िशा की बीजू जनता दल सरकार के दो मंत्री और उसके नेता सस्मित पात्रा, अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम और थम्बी दुरई तथा जनता दल (यूनाईटेड) के राजीव रंजन सिंह भी मौजूद थे.

0Shares