जम्मू: जम्मू-कश्मीर में 6 घंटे के भीतर दो बार भूकंप आया। पहला भूकंप सोमवार आधीरात बाद 2 बजे के बाद आया जबकि दूसरा बुधवार सुबह करीब 8 बजे आया। इससे अब तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में आधीरात बाद 2ः20 बजे 3.9 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया।। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप कटरा से 61 किलोमीटर पूर्व में आया। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी। रात होने के चलते ज्यादातर लोगों को इस भूकंप के बारे में पता नहीं चला। जिन्हें यह भूकंप का झटका महसूस हुआ वह लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।

इस भूकंप के झटके के 6 घंटे बाद ही मंगलवार सुबह 8ः03 बजे 2.9 की तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप उधमपुर से 26 किलोमीटर पूर्व में आया। भूकंप की गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी। इस भूकंप की तीव्रता पहले भूकंप से काफी कम थी।

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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने एक सामान्य राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल (https://awards.gov.in) विकसित किया है ताकि पारदर्शिता और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों के सभी पुरस्कारों को एक मंच पर लाया जा सके।

गृह मंत्रालय के अनुसार यह पोर्टल प्रत्येक नागरिक या संगठन को भारत सरकार की ओर से विभिन्न पुरस्कारों के लिए व्यक्तियों व संगठनों को नामित करने की सुविधा प्रदान करता है।

वर्तमान में निम्नलिखित पुरस्कारों के लिए नामांकन व सिफारिशें इस पोर्टल पर की जा सकती हैं।

पद्म पुरस्कार- अंतिम तिथि 15/09/2022

वानिकी में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 30/09/2022

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 15/09/2022

राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 15/09/2022

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार – वयोश्रेष्ठ सम्मान 2022- अंतिम तिथि 29/08/2022

व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2021- अंतिम तिथि 28/08/2022

व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 28/08/2022

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में कार्यरत संस्थानों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2021- अंतिम तिथि 28/08/2022

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में कार्यरत संस्थानों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 28/08/2022

राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 31/08/2022

नारी शक्ति पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 31/10/2022

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2023- अंतिम तिथि 31/08/2022

मद्यपान और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2022- अंतिम तिथि 29/08/2022

जीवन रक्षा पदक – अंतिम तिथि 30/09/2022

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो अभियान समय की मांग की है। राहुल ने सोमवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में भारत जोड़ो यात्रा की बैठक के दौरान सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि वह भारत जोड़ो अभियान के लिए निकलेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब रुकने वाली नहीं है। इस यात्रा में अगर लोग नहीं भी आएंगे तो वह अकेले ही यात्रा शुरु कर देंगे।

राहुल ने कहा कि देश को तोड़ने वाली सोच के विरोध में देश को जोड़ने वाली सोच की बात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि कैसे कुछ लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में हर उस व्यक्ति का स्वागत है जो देश को अखंड रखने की सोच रखते हैं।

कार्यक्रम के समापन के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने आज सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से करीब डेढ़ घंटे संवाद किया। इस दौरान राहुल ने करीब 40 लोगों के सवालों के जवाब दिए।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस 07 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कर रही है। यह यात्रा लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी होगी। यात्रा 150 दिनों तक चलेगी। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक 12 राज्यों और 07 केन्द्र शासित राज्यों से होकर गुजरेगी।

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नई दिल्ली: दिल्ली की नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार की जांच को लेकर सीबीआई ने करीब 14 घंटे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर छानबीन की। सीबीआई ने उनका लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई जांच पूरी होने के बाद देर रात पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार कट्टर ईमानदार सरकार है। इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। वह सीबीआई जांच से डरते नहीं हैं। हमारी ओर से सीबीआई को जांच में हरसंभव सहयोग दिया गया है।

सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई जांच ऊपर से निर्देशित की जाती हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में कार्य हुआ है जिसका जनता को लाभ मिल रहा है। इसी के चलते उन पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने उनका मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की शराब बिक्री से जुड़ी नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर 7 राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री का आवास भी शामिल है।

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नई दिल्ली:  दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच आज होटलों और रेस्टोरेंट को खाने का सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगाने के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।

16 अगस्त को कोर्ट ने रेस्टोरेंट मालिकों से पूछा था कि वे अपने खाने का रेट बढ़ा सकते हैं, अलग से सर्विस चार्ज क्यों ले रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सर्विस चार्ज के बारे में लोग समझते हैं कि ये सरकार की ओर से वसूला जाने चार्ज है। इस पर रेस्टोरेंट मालिकों की ओर से कहा गया था कि ऐसा कोई नहीं समझता कि ये सरकार की ओर से वसूला जाने वाला चार्ज है।

याचिका सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने दायर किया है। याचिका में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें सिंगल बेंच ने 20 जुलाई को सीसीपीए के उस आदेश पर रोक लगा दिया था जिसमें होटलों और रेस्टोरेंट को खाने का सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगाई गई थी। जस्टिस यशवंत वर्मा की सिंगल बेंच ने ये आदेश जारी किया था। सिंगल बेंच के समक्ष याचिका द नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने दायर किया था।

एनआरएआई की याचिका में कहा गया था कि 4 जुलाई को सीसीपीए ने आदेश जारी कर होटलों और रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगा दिया। याचिका में इस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान एनआरएआई की ओर से कहा गया था तीन तरह के रेस्टोरेंट हैं। पहला वे जो सर्विस चार्ज नहीं वसूलते हैं। दूसरे जो बिना ग्राहक की सहमति के सर्विस चार्ज वसूलते हैं। और तीसरे वे जो सर्विस चार्ज को मेन्यू में प्रदर्शित करते हैं। याचिका में कहा गया था कि सर्विस चार्ज स्टाफ के लिए होता है। उन्होंने कहा था कि हास्पिटैलिटी सेक्टर में सर्विस चार्ज वसूलने की परंपरा पिछले 80 सालों से चली आ रही है।

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का 76वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश

मेरे प्यारे देशवासियो,
नमस्कार!
छिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। इस गौरवपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है। 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है। 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें।

भारत की आजादी हमारे साथ-साथ विश्व में लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है। जब भारत स्वाधीन हुआ तो अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और विचारकों ने हमारी लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली की सफलता के विषय में आशंका व्यक्त की थी। उनकी इस आशंका के कई कारण भी थे। उन दिनों लोकतंत्र आर्थिक रूप से उन्नत राष्ट्रों तक ही सीमित था। विदेशी शासकों ने वर्षों तक भारत का शोषण किया था। इस कारण भारत के लोग गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे थे। लेकिन भारतवासियों ने उन लोगों की आशंकाओं को गलत साबित कर दिया। भारत की मिट्टी में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी और मजबूत होती गईं।

अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इस प्रकार आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। भारत को यह श्रेय जाता है कि उसने विश्व समुदाय को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया।

मैं मानती हूं कि भारत की यह उपलब्धि केवल संयोग नहीं थी। सभ्यता के आरंभ में ही भारत-भूमि के संतों और महात्माओं ने सभी प्राणियों की समानता व एकता पर आधारित जीवन-दृष्टि विकसित कर ली थी। महात्मा गांधी जैसे महानायकों के नेतृत्व में हुए स्वाधीनता संग्राम के दौरान हमारे प्राचीन जीवन-मूल्यों को आधुनिक युग में फिर से स्थापित किया गया। इसी कारण से हमारे लोकतंत्र में भारतीयता के तत्व दिखाई देते हैं। गांधीजी सत्ता के विकेंद्रीकरण और जन-साधारण को अधिकार-सम्पन्न बनाने के पक्षधर थे।

पिछले 75 सप्ताह से हमारे देश में स्वाधीनता संग्राम के महान आदर्शों का स्मरण किया जा रहा है। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया। उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया। उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है। देशवासियों द्वारा हासिल की गई सफलता के आधार पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का संकल्प भी इस उत्सव का हिस्सा है। हर आयु वर्ग के नागरिक पूरे देश में आयोजित इस महोत्सव के कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। यह भव्य महोत्सव अब ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साथ आगे बढ़ रहा है। आज देश के कोने-कोने में हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों के प्रति इतने व्यापक स्तर पर लोगों में जागरूकता को देखकर हमारे स्वाधीनता सेनानी अवश्य प्रफुल्लित हुए होते।

हमारा गौरवशाली स्वाधीनता संग्राम इस विशाल भारत-भूमि में बहादुरी के साथ संचालित होता रहा। अनेक महान स्वाधीनता सेनानियों ने वीरता के उदाहरण प्रस्तुत किए और राष्ट्र-जागरण की मशाल अगली पीढ़ी को सौंपी। अनेक वीर योद्धाओं तथा उनके संघर्षों विशेषकर किसानों और आदिवासी समुदाय के वीरों का योगदान एक लंबे समय तक सामूहिक स्मृति से बाहर रहा। पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है। हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

प्यारे देशवासियो,
एक राष्ट्र के लिए, विशेष रूप से भारत जैसे प्राचीन देश के लंबे इतिहास में, 75 वर्ष का समय बहुत छोटा प्रतीत होता है। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर यह काल-खंड एक जीवन-यात्रा जैसा है। हमारे वरिष्ठ नागरिकों ने अपने जीवनकाल में अद्भुत परिवर्तन देखे हैं। वे गवाह हैं कि कैसे आजादी के बाद सभी पीढ़ियों ने कड़ी मेहनत की, विशाल चुनौतियों का सामना किया और स्वयं अपने भाग्य-विधाता बने। इस दौर में हमने जो कुछ सीखा है वह सब उपयोगी साबित होगा क्योंकि हम राष्ट्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम सब 2047 में स्वाधीनता के शताब्दी-उत्सव तक की 25 वर्ष की अवधि यानि भारत के अमृत-काल में प्रवेश कर रहे हैं।

हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे। इसी काल-खंड में हम बाबासाहब भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान का निर्माण करने वाली विभूतियों के vision को साकार कर चुके होंगे। एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम पहले से ही तत्पर हैं। वह एक ऐसा भारत होगा जो अपनी संभावनाओं को साकार कर चुका होगा।

दुनिया ने हाल के वर्षों में एक नए भारत को उभरते हुए देखा है, खासकर COVID-19 के प्रकोप के बाद। इस महामारी का सामना हमने जिस तरह किया है उसकी सर्वत्र सराहना की गई है। हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं। इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए हम अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं। इस आपदा में कोरोना योद्धाओं द्वारा किया गया योगदान विशेष रूप से प्रशंसनीय है।

कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में मानव-जीवन और अर्थ-व्यवस्थाओं पर कठोर प्रहार किया है। जब दुनिया इस गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है। इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। भारत के start-up eco-system का विश्व में ऊंचा स्थान है। हमारे देश में start-ups की सफलता, विशेषकर unicorns की बढ़ती हुई संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का शानदार उदाहरण है। विश्व में चल रही आर्थिक कठिनाई के विपरीत, भारत की अर्थ-व्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का श्रेय सरकार तथा नीति-निर्माताओं को जाता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान physical और digital infrastructure के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री गति-शक्ति योजना के द्वारा connectivity को बेहतर बनाया जा रहा है। परिवहन के जल, थल, वायु आदि पर आधारित सभी माध्यमों को भली-भांति एक दूसरे के साथ जोड़कर पूरे देश में आवागमन को सुगम बनाया जा रहा है। प्रगति के प्रति हमारे देश में दिखाई दे रहे उत्साह का श्रेय कड़ी मेहनत करने वाले हमारे किसान व मजदूर भाई-बहनों को भी जाता है। साथ ही व्यवसाय की सूझ-बूझ से समृद्धि का सृजन करने वाले हमारे उद्यमियों को भी जाता है। सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि देश का आर्थिक विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं।

लेकिन यह तो केवल शुरुआत ही है। दूरगामी परिणामों वाले सुधारों और नीतियों द्वारा इन परिवर्तनों की आधार-भूमि पहले से ही तैयार की जा रही थी। उदाहरण के लिए ‘Digital India’ अभियान द्वारा ज्ञान पर आधारित अर्थ-व्यवस्था की आधारशिला स्थापित की जा रही है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का उद्देश्य भावी पीढ़ी को औद्योगिक क्रांति के अगले चरण के लिए तैयार करना तथा उन्हें हमारी विरासत के साथ फिर से जोड़ना भी है।

आर्थिक प्रगति से देशवासियों का जीवन और भी सुगम होता जा रहा है। आर्थिक सुधारों के साथ-साथ जन-कल्याण के नए कदम भी उठाए जा रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की सहायता से गरीब के पास स्वयं का घर होना अब एक सपना नहीं रह गया है बल्कि सच्चाई का रूप ले चुका है। इसी तरह ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘हर घर जल’ योजना पर कार्य चल रहा है।

इन उपायों का और इसी तरह के अन्य प्रयासों का उद्देश्य सभी को, विशेषकर गरीबों को, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है। इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है। हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को, नागरिकों के मूल कर्तव्यों के रूप में, भारत के संविधान में समाहित किया गया है। देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके।

प्यारे देशवासियो,
आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है। जब ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना से कार्य किया जाता है तो उसका प्रभाव प्रत्येक निर्णय एवं कार्य-क्षेत्र में दिखाई देता है। यह बदलाव विश्व समुदाय में भारत की प्रतिष्ठा में भी दिखाई दे रहा है।

भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। अब देश में स्त्री-पुरुष के आधार पर असमानता कम हो रही है। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है।

हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं। समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। अनेक बेटियों ने हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश का गौरव बढ़ाया है। हमारे खिलाड़ी अन्य अंतर-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। हमारे बहुत से विजेता समाज के वंचित वर्गों में से आते हैं। हमारी बेटियां fighter-pilot से लेकर space scientist होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।

प्यारे देशवासियो,
जब हम स्वाधीनता दिवस मनाते हैं तो वास्तव में हम अपनी ‘भारतीयता’ का उत्सव मनाते हैं। हमारा भारत अनेक विविधताओं से भरा देश है। परंतु इस विविधता के साथ ही हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा है जो एक समान है। यही समानता हम सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोती है तथा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

भारत अपने पहाड़ों, नदियों, झीलों और वनों तथा उन क्षेत्रों में रहने वाले जीव-जंतुओं के कारण भी अत्यंत आकर्षक है। आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए। जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है। प्रकृति की देखभाल माँ की तरह करना हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। हम भारतवासी अपनी पारंपरिक जीवन-शैली से पूरी दुनिया को सही राह दिखा सकते हैं। योग एवं आयुर्वेद विश्व-समुदाय को भारत का अमूल्य उपहार है जिसकी लोकप्रियता पूरी दुनिया में निरंतर बढ़ रही है।
प्यारे देशवासियो,
हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी। कन्नड़ा भाषा के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध करने वाले महान राष्ट्रवादी कवि ‘कुवेम्पु’ ने कहा है:
नानु अलिवे, नीनु अलिवे
नम्मा एलु-बुगल मेले
मूडु-वुदु मूडु-वुदु
नवभारत-द लीले।
अर्थात
‘मैं नहीं रहूंगा
न रहोगे तुम
परन्तु हमारी अस्थियों पर
उदित होगी, उदित होगी
नये भारत की महागाथा।‌’
उस राष्ट्रवादी कवि का यह स्पष्ट आह्वान है कि मातृ-भूमि तथा देशवासियों के उत्थान के लिए सर्वस्व बलिदान करना हमारा आदर्श होना चाहिए। इन आदर्शों को अपनाने के लिए मैं अपने देश के युवाओं से विशेष अनुरोध करती हूं। वे युवा ही 2047 के भारत का निर्माण करेंगे।

अपना सम्बोधन समाप्त करने से पहले मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं। मैं सभी देशवासियों के सुखद और मंगलमय जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

धन्यवाद,
जय हिन्द!

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राष्ट्रपति ने देशवासियों को दी रक्षा बंधन की बधाई

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने समाज में मेल-जोल और सौहार्द को प्रोत्साहित करने के साथ ही महिलाओं के प्रति सम्मान में वृद्धि की कामना की है।

राष्ट्रपति ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि रक्षा बंधन भाई के लिए बहन के अगाध प्रेम और स्नेह की अभिव्यक्ति है। यह त्योहार भाइयों और बहनों के बीच प्यार के अटूट बंधन के प्रति नव-संकल्प का अवसर है। सहज प्रेम और परस्पर विश्वास का प्रतीक रक्षा बंधन लोगों को निकट लाने वाला त्योहार है।

उन्होंने कहा, “मेरी कामना है कि भाई-बहन के बीच परस्पर विश्वास का यह पर्व हमारे समाज में मेल-जोल तथा सौहार्द को प्रोत्साहित करे और महिलाओं के प्रति सम्मान में वृद्धि करे।”

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नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का सुप्रीम आदेश

– कोर्ट ने कहा, नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ देश भर में दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एसआईटी बनाने की जरूरत पर दिल्ली पुलिस खुद फैसला करे।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटैजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) एक विशेषज्ञ यूनिट है। अच्छा हो कि वह जांच करे। ज़रूरी लगे तो दूसरे राज्यों से सहायता ले। सुनवाई के दौरान नूपुर के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि कई पक्षों के जवाब नहीं आए हैं। पश्चिम बंगाल से बार-बार समन आ रहा है। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई हुई है। तब मनिंदर सिंह ने कहा कि बेहतर हो कि सभी केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिए जाएं। मनिंदर सिंह ने मोहम्मद जुबैर मामले में आए आदेश का हवाला दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि 19 जुलाई को हमारी सुनवाई के बाद क्या कोई और एफआईआर दर्ज हुई है। तब मनिंदर सिंह ने कहा कि हमें दो और एफआईआर की जानकारी है। तब कोर्ट ने पूछा कि उन एफआईआर के नंबर बताइए। कोर्ट ने कहा कि हम सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ कर दिल्ली ट्रांसफर कर देंगे। तब मनिंदर सिंह ने कहा कि एफआईआर रद्द करवाने के लिए भी दिल्ली हाई कोर्ट में ही याचिका की अनुमति मिले। तब कोर्ट ने कहा कि हां, ऐसा किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल सरकार की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि दिल्ली में दर्ज जिस एफआईआर को पहली एफआईआर बताया जा रहा है, उसमें नूपुर आरोपित नहीं शिकायतकर्ता है। तब कोर्ट ने पूछा कि तो पहली एफआईआर कौन सी है, जिसमें नूपुर आरोपित हैं। तब मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि वह एफआईआर मुंबई की है। तब मनिंदर ने कहा कि नूपुर की जान पर खतरे को ध्यान में रखा जाए। तब कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली ही ट्रांसफर करेंगे। इस पर मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि यह गलत होगा। पहली एफआईआर मुंबई की है।

कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी (दिल्ली पुलिस) अपना काम कर लेगी। इस पर मनिंदर ने कहा कि असल में इनकी कोशिश है कि समन के चलते बार-बार नूपुर को बाहर जाना पड़े। मेनका ने दखल देते हुए कहा कि पहले सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर की मांग एक बार खारिज हो चुकी है। बेहतर हो कि एक संयुक्त एसआईटी बना दी जाए। तब कोर्ट ने कहा कि हमने बाद में यह पाया कि सुरक्षा कारणों से याचिकाकर्ता का देश भर की कोर्ट में जाना संभव नहीं। तब मेनका ने कहा कि खतरे की बात है तो हम सुरक्षा देंगे। 19 जुलाई को कोर्ट ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी।

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जस्टिस यूयू ललित बने भारत के 49वें चीफ जस्टिस, एनवी रमना की जगह लेंगे

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस यूयू ललित को देश का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिया है। जस्टिस यूयू ललित 27 अगस्त को चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालेंगे।

विधि मंत्रालय ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का आग्रह किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस एनवी रमना ने 4 जुलाई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी। जस्टिस रमना 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस ललित चीफ जस्टिस के रूप में 27 अगस्त को शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा। वह इस समय सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज हैं।

जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को हुआ था। जून 1983 से उन्होंने वकालत शुरू की थी। 1985 तक बांबे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद वे जनवरी 1986 में दिल्ली शिफ्ट हो गए। अप्रैल 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्ज दिया गया। 2जी के मामले में वे सीबीआई के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किए गए थे। उन्हें 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वह तीन तलाक जैसे कई ऐतिहासिक फैसले सुनाने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं।

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बधाई दी है।

राहुल ने शनिवार शाम ट्वीट कर कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बनने पर बधाई। राहुल ने संयुक्त-विपक्ष की भावना का प्रतिनिधित्व करने के लिए विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भी धन्यवाद दिया।

उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ विजयी घोषित हुए हैं। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए मतदान के बाद आए नतीजों में निर्वाचित घोषित हुए हैं। लोकसभा महासचिव एवं उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी उत्पल कुमार सिंह ने देर शाम उनके निर्वाचन की घोषणा की।

संसद भवन में आयोजित मतदान कार्यक्रम के बाद शाम को मतगणना हुई। उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा करते हुए उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि जीतने के लिए 346 मत आवश्यक थे। जगदीप धनखड़ को 528 मत प्राप्त हुए जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 मत मिले। उन्होंने बताया कि 780 के निर्वाचक मंडल में कुल 725 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। इनमें से 15 के मत अमान्य पाए गए।

उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सांसद निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए आज हुए मतदान में 780 सांसद निर्वाचक मंडल में शामिल थे। इनमें से 725 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। तृणमूल कांग्रेस ने मतदान में नहीं हिस्सा लिया। उनके 39 सांसदों ने मत नहीं डाला। मतदान कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला। मतदान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।

इस संबंध में निर्वाचक अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार उपराष्ट्रपति पद के लिए 50 नामांकन पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से केवल दो नाम ही सही पाए गए। इसमें राजग के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा थी। मतदान कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला जिसके बाद 6 बजे मतगणना का कार्य शुरू हुआ।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दी बधाई
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जगदीप धनखड़ को देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर फोन कर हार्दिक बधाई दी और उनके सफल कार्यकाल की कामना की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में आपके लंबे अनुभव तथा न्याय और विधि के क्षेत्र में आपके ज्ञान से देश लाभान्वित होगा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।

विपक्षी उम्मीदवार अल्वा ने दी धनखड़ को बधाई
मतदान के नतीजे आने के बाद विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनने की बधाई दी। उन्होंने विपक्ष के नेताओं और विभिन्न पार्टियों के सांसदों को उन्हें वोट करने के लिए धन्यवाद दिया।

अल्वा ने कहा कि इस चुनाव में विपक्ष को एक साथ काम करने का अवसर प्रदान किया था। हालांकि यह दुखद है कि विपक्षी पार्टियों ने सीधे और अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा को सहयोग दिया और संयुक्त विपक्ष का विचार पटरी से उतारने का काम किया।

उन्होंने कहा कि इस तरह की कृतियों से उन पार्टियों ने और उनके नेताओं ने अपनी साख को नुकसान पहुंचाया है। अंत में उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त हो चुका है लेकिन संविधान, लोकतंत्र को मजबूत करने और संसद की गरिमा को लौटाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

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अयोध्या:  श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण के शिलापूजन को शुक्रवार को 2 वर्ष पूरे हो गए। इस अवसर पर कारसेवकपुरम् सहित राम नगरी में दीपोत्सव मनाया गया।

उल्लेखनीय है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा आयोजित भव्य समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 में श्रीराममन्दिर निर्माण की आधार शिलारखी थी ।

ट्रस्ट के मार्गदर्शन में मंदिर निर्माण के काम में लगे इंजीनियर्स और मजदूर लगातार रामलला के भव्य मंदिर को मूर्त रूप देने में जुटे हैं। मंदिर की नींव के बाद गर्भगृह का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। बताया गया कि मंदिर का सुपर स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया नींव और चबूतरा पहले से बनकर तैयार हैं। मंदिर के गर्भगृह पर खंभे लगाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है। भक्तों को मंदिर के पूरे स्वरूप के दर्शन फरवरी 2024 तक हो सकेंगे।

इस अवसर पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा रंग महल बैरियर पर खुद मौजूद रहे। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस समय मंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ और रिटेनिंग वॉल का निर्माण तेजी के साथ चल रहा है।

ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर अभेद्य होगा, लगभग 50 फीट मोटी नींव पर मंदिर का प्लिंथ निर्माण करीब पूरा हो चुका है।

उन्होंने बताया कि श्रीराम मंदिर निर्माण समय से पूरा होगा ।2024 में राम भक्त श्री रामलला का नब्य मंदिर के गर्भगृह में दर्शन करेंगे। आज मंदिर परिसर में विशेष पूजा व अनुष्ठान का आयोजन सम्पन्न हुआ ।

ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर निर्माण में मंदिर का चबूतरा लगभग पूरा हो गया है।गृभगृह स्थल पर तरासे गए पत्थर लगाया जा रहा हैं। गर्भगृह स्थल के परिक्रमा पथ पर 250 पत्थर लगाया जा चुका है । निर्माण स्थल पर 3 दिशाओं में 6 मीटर ऊंची रिटेनिंगवाल बनकर तैयार हो गई हैं।

एलएंडटी के चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार ने बताया कि राम मंदिर के कुडू मंडप, नृत्य मंडप और रंग मंडप के खंभे 30 दिन में लग जाएंगे। इस मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 200 खंभे होंगे। दूसरे फ्लोर पर 114 खंभे होंगे। पूरे मंदिर में कुल 400 खंभे बनने वाले हैं।

उन्होंने बताया कि मंदिर के गर्भगृह पर खंभे लगना 1-2 दिन में शुरू हो जाएंगे। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है। मंदिर के गर्भगृह पर खंभे लगना 1-2 दिन में शुरू हो जाएंगे। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है।

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