नई दिल्ली: नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु का अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित हो रहे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों को अपनाने वाले आठ शहरों पर एक ब्रोशर जारी किया। इन शहरों में वाराणसी, लखनऊ, बंगलुरू, पूणे, हैदाराबाद, अकोला, तूतीकोरीन और श्रीनगर शामिल हैं। इन सभी शहरों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर बेहतर उपायों का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे वहां प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मददगार बेहतरीन प्रबंधन उपायों को देश के सभी शहरों के नगर निगमों के आयुक्तों को भेजा जाएगा।

पर्यावरण भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया कि नवाचार को देश में अभियान की तरह लिया जाना चाहिए। जिन राज्यों में पर्यावरण संरक्षण के लिए बेस्ट प्रबंधन के प्रयास किए जा रहे हैं, उनका न सिर्फ स्वागत होना चाहिए बल्कि उनका इस्तेमाल कर बाकी राज्य भी लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य अब स्वच्छ वायु के लिए नित नए कदम उठा रहे हैं जिससे लोग भी जागरूक हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण में सरकारी कोशिशों के साथ जनभागीदारी भी आवश्यक है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गैरसरकारी संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, शोधकर्ता को नए दृष्टिकोण के साथ आगे आना चाहिए।

किस शहर में क्या -क्या किए गए उपाय-

श्रीनगर में प्रदूषण को बढ़ाने वाले पीएम 10 का स्तर साल 2020-21 में जहां 163

माइक्रोन था जो साल 2021-22 में घटकर 111 माइक्रोन पर आ गया। यहां पर जनभागीदारी के साथ 6 आर अभियान की शुरुआत की गई। इसके तहत पोलिथीन के उपयोग को कम करना, उसका दोबारा इस्तेमाल करना, उसके रिसाइकल पर जोर देना, वैकल्पिक व्यवस्था को बढ़ावा देना और पॉलिथीन का इस्तेमाल को बंद करने के लिए उसकी सूचना प्रशासन को देना शामिल है। इस शहर में लोगों को जागरुक करने के लिए धार्मिक गुुरु आगे आ रहे हैं। मार्केट एसोसिएशन के द्वारा लोगों को जागरुक किया जा रहा है और पोलिथीन के इस्तेमाल को बंद करने पर जोर दिया जा रहा है। यहां अबतक पॉलिथीन के इस्तेमाल को बंद करने के लिए अबतक 428 अभियान चलाए गए, 6443 किलो पॉलिथीन को जब्त किया गया और 9 लाख से अधिक जुर्माऩा वसूला गया। इस पूरे अभियान में स्थानीय लोगों ने प्रशासन का पूरा साथ दिया।

तूतीकोरीन में कचरे से किया जा रहा है धन अर्जित

तूतीकोरीन में कूड़ा प्रबंधन पर काफी काम किया जा रहा है। यहां प्रदूषण स्तर पिछले दो सालों में 84 माइक्रोन से घटकर 67 माइक्रोन रह गया है। यहां रोजाना 102 मेट्रिक टन कूड़ा निकलता है जिसमें से 96 मेट्रिक टन का निस्तारण किया जाता है। यहां बायो माइनिंग के माध्यम से कूड़े को पृथक कर रिफ्यूज्ड डिराइवड फ्यूल तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल किया जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए भी कूड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है।

वाराणसी में कूड़े के प्रबंधन के लिए कई किए जा रहे हैं कई उपाय

वाराणसी में साल 2020-21 में जहां प्रदूषण स्तर 168 माइक्रोन था वहीं साल 2021-22 में घटकर 114 माइक्रोन रह गया है। वाराणसी प्रशासन कूड़े के प्रबंधन के लिए कई सफल उपाय कर रही है। शहर में रोजाना 750 मेट्रिक टन कचरा निकलता है जिसमें 600 मेट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जाता है। कचरे के निस्तारण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए गए हैं। 24 टन कूड़े के इस्तेमाल से 200 किलोवाट बिजली भी पैदा की जा रही है। ठोस कचरे के निस्तारण के लिए 31 केन्द्र स्थापित किये गए हैं। इसके अलावा शहर में लोगों को जागरुक करने के लिए स्वच्छ समितियों का गठन किया गया है। सभी वार्ड में स्वच्छाग्राही बनाए गए हैं। कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

अकोला में नालियों की सफाई पर दिया जा रहा है जोर

महाराष्ट्र के अकोला में नालियों की सफाई पर खासा जोर दिया जा रहा है। यहां नालियां जाम होने के कारण बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। यहां प्रदूषण का स्तर 60 माइक्रोन से नीचे रहता है। नालियों की सफाई, डीसिल्टिंग पर जोर दिया जा रहा है।

हैदराबाद में शहरों में पौधारोपण पर दिया जा रहा है जोर

हैदराबाद में शहरों में पौधारोपण के साथ अपशिष्ट प्रबंधन पर काफी जोर दिया जा रहा है। यहां प्रदूषण का स्तर पिछले दो सालों से 88 माइक्रोन है। शहर में खाली स्थानों पर पेड़-पौधा रोपण किया जा रहा है। नदियों के किनारे एक लाख से अधिक पौधे लगाए गए। 2.32 लाख से अधिक पौधे निगम के पार्कों में लगाए ।

पुणे में परिवहन प्रदूषण पर लगाया गया लगाम

पुणे शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। यहां बड़ी संख्या में बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। शहर में चलने वाली बसो में 310 बिजली से चलने वाली बसें और 1658 बसें सीएनजी से चलने वाली हैं। यहां दो मेट्रो हैं। इसके साथ लोगों में साइकिल और पैदल चलने की आदत को बढ़ावा देने के साथ यहां की सड़कों को उनके मुफीद तैयार किया जा रहा है।

बेंगलुरू में सड़कों को किया जा रहा है साफ

बेंगलुरू में साफ शहरों के लिए साफ सड़कों पर जोर दिया जा रहा है। यहां प्रदूषण स्तर 67 माइक्रोन है। वाहनों के प्रदूषण को कम करने की दिशा में यहां सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में ई बसों को शामिल किया है। सड़कों को साफ करने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सड़कों पर धूल कण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। सड़कों के दोनों तरफ पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन को व्यवस्थित किया गया है।

लखनऊ में बनाया गया है कमांड सेंटर
लखनऊ में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों की क्रियान्वयन और निगरानी के लिए कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। स्थानीय निकाय के उपायों से यहां प्रदूषण का स्तर पिछले एक साल में 209 माइक्रोन से घटकर 148 माइक्रोन आ गया है। कंट्रोल रूम से शहर में किए जा रहे उपायों पर रियल टाइम निगरानी रखी जा रही है।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए रेलवे की जमीन को दीर्घकालिक पट्टे पर देने की नीति को मंजूरी दी है। इससे लगभग 1.2 लाख नौकरियों पैदा होंगी। यह नीति रेलवे को अधिक राजस्व भी दिलाएगी और 5 वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेलवे की जमीन को पट्टे पर दिए जाने की नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की ।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि नीति में बदलाव से बुनियादी ढांचे और अधिक कार्गो टर्मिनलों का एकीकृत विकास संभव होगा। कार्गो संबंधी गतिविधियों के लिए रेलवे भूमि को 35 वर्ष तक की अवधि के लिए भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से पट्टे पर दिया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि इससे अगले पांच वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। सौर संयंत्रों की स्थापना हेतु नाममात्र लागत पर रेलवे भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करना (जैसे पीपीपी के माध्यम से अस्पताल और केंद्रीय विद्यालय संगठन के माध्यम से स्कूल बनाना) संभव होगा।

उन्होंने कहा कि माल ढुलाई में रेलवे की मोडल हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उद्योग की रसद लागत कम होगी और रेलवे को अधिक राजस्व मिलेगा। पीएम गति शक्ति कार्यक्रम में परिकल्पित उपयोगिताओं के लिए अनुमोदन को सरल बनाया जाएगा। इससे लगभग 1.2 लाख रोजगार सृजन संभव होगा।

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– नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी करेंगे अनावरण

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को इंडिया गेट पर ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे। साथ ही इस अवसर पर वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 8 सितंबर को शाम 7 बजे ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे। कार्यालय के अनुसार सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर ग्रेनाइट से बनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह कदम प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ में से एक की तर्ज पर है यानी ‘औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान हो उसे मिटाया जाए।’

सरकार के अनुसार वर्षों से, राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में आगंतुकों की बढ़ती भीड़ का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ रहा था। इसमें सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। इसके अलावा, मार्गों के पास अपर्याप्त बोर्ड, पानी की खराब सुविधाएं और बेतरतीब पार्किंग थी। साथ ही, गणतंत्र दिवस परेड और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान कम गड़बड़ी और जनता की आवाजाही पर कम से कम प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता महसूस की गई। इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास किया गया जबकि वास्तु शिल्प का चरित्र बनाये रखने और अखंडता भी सुनिश्चित की।

कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे। इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी, और देश के उनके प्रति ऋणी होने का प्रतीक होगी। मुख्य मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 28 फुट ऊंची प्रतिमा को एक ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमश्री स्कूलों (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना से जुड़ी एक नई केंद्र प्रायोजित योजना के शुभारंभ को मंजूरी दी है। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14 हजार से अधिक स्कूलों को मजबूत कर उन्हें पीएमश्री स्कूलों के रूप में तैयार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी स्कूलों को मजबूत कर उन्हें पीएमश्री स्कूलों के रूप में तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना केंद्र, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकार व स्थानीय निकायों की ओर से संचालित स्कूलों के लिए है। इसमें कुल परियोजना लागत 5 साल के लिए 27,360 करोड़ रुपये आएगी जिसमें केंद्र का हिस्सा 18,128 करोड़ होगा। इससे 18 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे।

उन्होंने बताया कि इसके तहत आने वाले स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन का उदाहरण बनेंगे और अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे। इन स्कूलों का उद्देश्य न केवल संज्ञानात्मक विकास है बल्कि छात्र का समग्र और अच्छी तरह लक्षित व्यक्ति निर्माण करना है।

इन स्कूलों की शिक्षा अधिक अनुभव देने वाली, एकीकृत, पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीला और आनंददायक होगी। प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने की प्रवृत्ति को परिणाम के आधार पर आंका जाएगा। मेंटरशिप प्रदान करके अन्य स्कूलों को उनके संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान किया जाएगा। रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ इन्हें जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्कूलों में सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ पोषण उद्यान, प्लास्टिक मुक्त परिसर, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित परंपराओं व प्रथाओं का अध्ययन जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाले मार्ग राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ कर दिया गया है।

केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से राजपथ का नाम बदले जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। इस प्रस्ताव को आज सुबह एनडीएमसी परिषद की हुई बैठक में बदल दिया गया।

नई दिल्ली के जय सिंह मार्ग स्थित एनडीएमसी मुख्यालय में हुई बैठक में मीनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, कुलजीत चहल समेत लगभग सभी सदस्य बैठक शामिल हुए। इस बैठक में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और फिर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी के बाद औपनिवेशिक मानसिकता को आगे बढ़ाया गया। राजपथ बताता है कि आप ‘राज’ के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी सिलसिले साम्राज्यवादी नीतियों, प्रतीकों को खत्म करना होगा। इसलिए राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया है।

अब ‘इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा।’ ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था।

बताया जाता है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था। प्रधानमंत्री गुरुवार को कर्तव्यपथ और उसके आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास कार्य के बाद तैयार हुए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे।

राजपथ का इतिहास :

एनडीएमसी के पूर्व अधिकारी व लुटियंस दिल्ली पर कई किताबें लिख चुके मदन थपलियाल बताते हैं, रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क बुधवार सुबह तक राजपथ के नाम से जाना जाता था। 1955 से पहले यह सड़क किंग्सवे के नाम से जानी जाती थी। जहां सिर्फ राजाओं को ही जाने की इजाजत हुआ करती थी।

ब्रिटिश काल में ब्रिटिश शासकों के अहम अधिकारी ही इस रास्ते से जाया करते थे। अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में राजपथ का नाम किंग्सवे रखा था। जो साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे। कहा जाता है कि इसी वक्त दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था और इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी। इस वक्त इस किंग्सवे का मतलब राजा का रास्ता से था।

वर्ष 1947 में जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो भारत में काफी सुधार हुए। अंग्रेजों का गुणगान करने वाले स्थानों का नाम बदला गया और कई जगहों को आम नागरिकों के लिए खोला गया। इसमें राजपथ भी शामिल था। भारत 1947 में आजाद हुआ और जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने साल 1955 में इस किंग्सवे का नाम बदलने का फैसला किया और इसका नाम राजपथ किया गया। इसका नाम राज यानी लोकतंत्र से जोड़कर रखा गया। बता दें कि इसके पास ही एक सड़क है, जिसका नाम जनपथ है।

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नफरत और बंटवारे की राजनीति में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। अब वह देश को खोना नहीं चाहते हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि प्यार नफरत को जीत लेगा। आशा डर को हरा देगी। हम सब मिलकर इसे मात देंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि 07 सितंबर एक ऐसा दिन है जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा शुरू करेगी। आज का दिन शांत, चिंतन और नए सिरे से संकल्प का दिन है। भारतीय राजनीति में यह एक टर्निंग पॉइंट है। एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि आज राहुल गांधी कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शाम 5 बजे औपचारिक शुरुआत करेंगे। यह यात्रा शुरू करने से पहले राहुल श्रीपेरंबुदुर पहुंचे। वह पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पिता राजीव गांधी के स्मारक पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल यहां पर पार्टी की ओर से आयोजित प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए।

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नई दिल्ली: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। अब वे भारत में भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने इसकी मंजूरी दे दी है।

आयोग ने इन छात्र-छात्राओं के लिए एकेडमिक मोबिलिटी प्रोग्राम को अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का फैसला किया है। हालांकि उन छात्रों को मेडिकल की डिग्री यूक्रेन के ही विश्वविद्यालय से लेनी होगी।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मुताबिक यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय मेडिकल छात्रों के संबंध में अकादमिक गतिशीलता कार्यक्रम के तहत “अनापत्ति” पत्र दी जाएगी बशर्ते कि स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम 2002 के अन्य मानदंड पूरे हों। इस संबंध में आयोग ने नोटिस जारी कर कहा है कि विदेश मंत्रालय के साथ विचार- विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है।

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जबसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़ा है तबसे वह विपक्ष को एकजुट करने में जुट गए हैं। नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं से मिलना-जुलना शुरु कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर बातचीत की है।

इस मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि आज उनके घर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पधारे। जिसके लिए वह नीतीश कुमार के प्रति आभारी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान नीतीश कुमार से देश से संबंधित कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई – शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, इन लोगों द्वारा खुलेआम आप एमएलए की खरीद फ़रोख़्त करके जनता द्वारा चुनी सरकारों को गिराना, भाजपा सरकारों का बढ़ता निरंकुश भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी आदि के मुद्दों पर चर्चा हुई।

नीतीश कुमार आज दिल्ली स्थित सीपीआई (एम) के कार्यालय भी पहुंचे। यहां उन्होंने सीताराम येचुरी से मुलाकात की। इस दौरान नीतीश ने कहा कि हम साथ हैं, इस लिए वह यहां आए हैं। येचुरी ने भी नीतीश कुमार का स्वागत किया और कहा कि जो संविधान को मानते हैं उनको साथ लेकर चलना है। ऐसे में विपक्ष को एकजुट होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सोमवार को नीतीश कुमार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात कर चुके हैं । राजग छोड़ने के बाद राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस एवं वाम दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद सीएम नीतीश कुमार पहली बार दिल्ली आए हैं। वह विपक्षी नेताओं से मिलने के बाद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे।

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जम्मू: पाकिस्तानी रेंजर्स ने मंगलवार सुबह जम्मू की अतंरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे अरनिया सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की ओर से फायरिंग का सतर्क बीएसएफ के जवानों ने भी कड़ा जवाब दिया। कुछ देर चली इस गोलीबारी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक एसपीएस संधू ने कहा कि आज सुबह बीएसएफ के सतर्क जवानों ने बीएसएफ के गश्ती दल पर पाकिस्तानी रेंजर्स की अकारण फायरिंग का करारा जवाब दिया। बीएसएफ जम्मू के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक, भारतीय पक्ष से कोई हताहत नहीं हुआ है।

भारत और पाकिस्तान ने फरवरी 2020 में जम्मू एवं कश्मीर में सीमाओं पर नए सिरे से संघर्ष विराम के लिए सहमति व्यक्त की थी। कुछ उल्लंघनों को छोड़कर समझौते का पालन हो रहा है, जो सीमावर्ती निवासियों और किसानों की राहत के लिए है, जिन्होंने नियंत्रण रेखा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कृषि गतिविधियों को फिर से शुरू किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार दोनों ओर से रुक-रुक कर करीब आधे घंटे तक गोलीबारी होती रही, परंतु उसके बाद वातावरण शांत हो गया। इस गोलीबारी से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अचानक से गोलीबारी पाकिस्तानी रेंजर्स की चाल भी हो सकती है। गोलीबारी की आड़ में या तो वे भारतीय सीमा में घुसपैठ करवाना चाहते थे, या फिर ड्रोन की मदद से हथियार या फिर नशीले पदार्थ की खेप को इस ओर भेजना चाहते थे जिसे सतर्क बीएसएफ जवानों ने नाकाम कर दिया। बीएसएफ तथा पुलिस ने मिलकर अरनिया सेक्टर के कई गांवों में तलाशी अभियान चलाया है ताकि किसी भी आतंकी या फिर किसी संदिग्ध वस्तु के होने की आशंका को खत्म किया जा सके।

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नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश ने मंगलवार को कुशियारा नदी के जल बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच यहां हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेसवार्ता को संबोधित किया और करारों का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कुशियारा नदी जल बंटवारे को लेकर हुए महत्वपूर्ण समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी 54 नदियां हैं जो भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरती हैं और सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी रही हैं। ये नदियां, इनके बारे में लोक-कहानियां, लोक-गीत, हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के भी साक्षी रहे हैं।

भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग की 38वीं बैठक 25 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने कुशियारा नदी के अंतरिम जल बंटवारे पर समझौता ज्ञापन के पाठ को अंतिम रूप दिया था। भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग का गठन वर्ष 1972 में एक द्विपक्षीय तंत्र के रूप में किया गया था ताकि साझा सीमा व बाउन्ड्री नदियों पर आपसी हित के मुद्दों का समाधान किया जा सके।

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नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की आबकारी नीति में कथित घोटाले के खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली समेत करीब 30 जगहों पर छापा मारा है। ईडी इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर चुका है। इस संबंध में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप हैं।

हालांकि मनीष सिसोदिया के यहां छापा नहीं मारा गया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, हरियाणा के गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु समेत 30 जगहों पर एक साथ छापा मारा गया है।

उल्लेखनीय है कि मनीष सिसोदिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। इससे पहले सीबीआई उनके और कई अफसरों के घर पर छापा मार चुकी है। सीबीआई सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। सीबीआई ने एफआईआर की कॉपी और दस्तावेज ईडी से साझा किए थे।भाजपा का कहना है कि आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ी ‘घोटाला’ है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह ‘शिगूफा’ है।

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नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय भारत दौरे के दूसरे दिन आज (मंगलवार) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी। वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगी। बांग्लादेश भारत का ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत महत्वपूर्ण भागीदार है। दोनों देशों के संबंधों के मद्देनजर इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शेख हसीना के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत और बांग्लादेश के बीच कई अहम समझौते हुए हैं। इनमें भूमि और समुद्री सीमा सीमांकन, सुरक्षा, संपर्क, विकास सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, बिजली और ऊर्जा, व्यापार और वाणिज्य, अर्थव्यवस्था, रक्षा सहित कई क्षेत्रों में ठोस परिणाम प्राप्त हुए हैं।

इस बार के दौरे में दोनों देशों के बीच एजेंडे में रक्षा सहयोग को बढ़ावा, क्षेत्रीय संपर्क पहल का विस्तार और दक्षिण एशिया में स्थिरता स्थापित करना प्रमुख रूप से शामिल है। भारत और बांग्लादेश ने पिछले कुछ सालों में कई कनेक्टिविटी पहल को पुनर्जीवित करने के अलावा क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक मॉडल बनाने की मांग की है। समझा जा रहा है कि अखौरा-अगरतला रेल लिंक जल्द खुल जाएगा। अगरतला और चटगांव कुछ हफ्तों में हवाई मार्ग से जुड़ सकता है।

नई दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय हित के मुद्दों पर चर्चा हुई। शेख हसीना ने निजामुद्दीन औलिया दरगाह का भी दौरा किया। प्रधानमंत्री हसीना के यहां पहुंचने पर नई दिल्ली हवाई अड्डे में कपड़ा और रेल राज्यमंत्री दर्शन जरदोश ने उनका स्वागत किया था।

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