नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने घोषणा की है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग कर बनाई गई एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन को ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) कार्यालय से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है।

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत समर्थित वैक्सीन को जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीम डीबीटी के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि डीबीटी एक बार फिर अपने मिशन को पूरा कर रहा है – इस स्वदेशी एमआरएनए-प्लेटफ़ॉर्म तकनीक के निर्माण के माध्यम से प्रौद्योगिकी-संचालित उद्यमशीलता को सक्षम बनाया गया है। हमने प्रधानमंत्री का आत्मानिर्भरता का विजन के तहत ‘भविष्य के लिए तैयार’ प्रौद्योगिकी मंच के अनुरूप प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार का हमेशा समर्थन किया है।

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नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए केन्द्र सरकार द्वार वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जा रहा है। गीता प्रेस ने सम्मान को स्वीकारते हुए कहा कि गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होना बड़े सम्मान की बात है। हालांकि, वह इसकी नकद राशि को स्वीकार नहीं करेगा जो कि एक करोड़ रुपये है।

वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। इस संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ जीवन के उत्तरोत्तर विकास और सर्वजन-कल्याण के लिए प्रयासरत है।

गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने कहा कि गांधी शांति पुरस्कार हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति का सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि हम सम्मान स्वीकार करते हैं लेकिन इसके साथ मिलनी वाली एक करोड़ रुपये की नगद राशि को नहीं लेंगे। असल में इसका कारण उन्होंने संस्था द्वारा किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं करने के सिद्धांत को बताया है। गीता प्रेस ने प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भी धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने 18 जून को विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया है। यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।

गीता प्रेस को बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है।”

गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग के भेदभाव के बगैर सभी व्यक्तियों के लिए खुला है। पुरस्कार में एक करोड़ रुपये की राशि, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला व हथकरघा विशिष्ट कृति प्रदान की जाती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शांति और सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस के योगदान का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना संस्थान द्वारा सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की सराहना करना है।

गांधी शांति पुरस्कार 2021, मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिए गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन शैली का प्रतीक है।

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नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी रवि सिन्हा को सोमवार को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का प्रमुख बनाया गया है। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने सिन्हा के नाम को मंजूरी दी है। सिन्हा सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे। सामंत का रॉ चीफ का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि सिन्हा छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। सिन्हा वर्तमान में मंत्रिमंडल सचिवालय में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत हैं। रॉ चीफ के तौर पर सिन्हा का कार्यकाल दो वर्ष के लिए होगा।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने रविवार को विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय लिया।

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अनुसार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर को वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिए गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है। यही सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के सौ साल पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना संस्थान द्वारा सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की पहचान है।

उल्लेखनीय है कि 1923 में स्थापित गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने अभी तक 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें 16.21 करोड़ श्रीमद्भगवद्गीता शामिल हैं। संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों में विज्ञापन पर भरोसा नहीं किया है। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ, जीवन की बेहतरी और सभी की भलाई के लिए प्रयासरत है।

गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में 1995 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना सभी व्यक्तियों के लिए खुला है। पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा वस्तु प्रदान की जाती है।

हाल के पुरस्कार विजेताओं में सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (2020), बांग्लादेश शामिल हैं। पिछले पुरस्कार विजेताओं में इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी, अक्षय पात्र, बेंगलुरु, एकल अभियान ट्रस्ट, भारत और सुलभ इंटरनेशनल, नई दिल्ली जैसे संगठन शामिल हैं।

यह पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. नेल्सन मंडेला, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ जूलियस न्येरेरे, सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष (श्रीलंका) डॉ. एटी अरियारत्ने, जर्मनी के डॉ. गेरहार्ड फिशर, बाबा आमटे, डॉ. जॉन ह्यूम (आयरलैंड), चेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति वाक्लाव हवेल, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू, चंडी प्रसाद भट्ट और योही ससाकावा (जापान) को भी दिया जा चुका है।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल के दौरान राजनीतिक बंदियों को दी गई यातनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमें लोकतंत्र के खिलाफ हुए इस अपराधों को याद रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के 102वें एपिसोड में कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों और संविधान को सर्वोपरि मानते हैं। ऐसे में हम 25 जून को कभी नहीं भुला सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर आपातकाल थोपा गया था। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान अत्याचार किया गया था। इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है। इन अत्याचारों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। स्वयं उन्हें भी पुस्तक लिखने का मौका मिला। कुछ दिनों पहले उन्होंने ऐसी एक पुस्तक देखी ‘टॉर्चर ऑफ़ पॉलीटिकल प्रिजनर्स इन इंडिया’। पुस्तक में वर्णन किया गया है कि इमरजेंसी के दौरान कैसे उस समय की सरकार लोकतंत्र के रखवालों पर क्रूरता से व्यवहार कर रही थी। इसके बारे में जानकार आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।

प्रधानमंत्री ने आज जल संरक्षण, आपदा प्रबंधन, निक्षय मित्र, पेड़ लगाने की मियावाकी पद्धति, जम्मू-कश्मीर में बढ़ता डेयरी उद्योग, खिलाड़ियों के हालिया प्रदर्शन, छत्रपति शिवाजी महाराज, योग दिवस, जगन्नाथ यात्रा, आपातकाल जैसे कई विषयों पर अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री ने आज आपदा के समय भारत के लोगों के सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति और चुनौतियों का हल निकालने की क्षमता की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 दिन पहले बिपरजॉय तूफान के दौरान हमने यही ताकत देखी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तूफान की तबाही से कच्छ के लोग बहुत तेजी से उभर जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की आपदा प्रबंधन क्षेत्र में बड़ी ताकत अब दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गई है।

जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का सबसे अच्छा तरीका प्रकृति का संरक्षण है। उन्होंने कहा कि ‘कैच द रैन’ जैसे अभियानों से देश आज इस दिशा में सामूहिक प्रयास कर रहा है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की विलुप्त नदी ‘नील नदी’ को जीवंत करने का प्रयास। महाराष्ट्र के निलवांडे डैम की नहर का काम पूरा होने से जुड़ी लोगों की भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि नदी, नहर, सरोवर केवल जलस्रोत नहीं बल्कि इनसे जीवन में रंग और भावनाएं जुड़ी होती हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके सुशासन और प्रबंध कौशल से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके जल प्रबंधन, नौसेना और जलदुर्ग जैसे कार्य इतिहास का गौरव बढ़ा रहे हैं।

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने क्षय रोग यानी टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार की ओर से चलाई गई निक्षय मित्र योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2025 तक भारत को टीवी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। इसमें समाज बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। 10 लाख से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है और यह काम 85 हजार निक्षय मित्रों ने किया है।

प्रधानमंत्री ने जापान की मियावाकी पद्धति के माध्यम से कम उपजाऊ भूमि को हरा-भरा करने की दिशा में भारत में हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि केरल के राफी रामनाथ ने इस पद्धति के माध्यम से एक हर्बल गार्डन बनाया है। इसे उन्होंने विद्यावनम् नाम दिया है। इस तकनीक से शहरों में भी आसानी से पेड़ पौधे लगाए जा सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में श्वेत क्रांति की शुरुआत की बात कहते हुए प्रधानमंत्री ने बारामुला जिले में बढ़ते डेयरी उद्योग की जानकारी दी। उन्होंने ‘मीर सिस्टर डेयरी’ फार्म का उदाहरण दिया। यह डेयरी फार्म हर दिन करीब डेढ़ सौ लीटर दूध की बिक्री कर रहा है। पिछले दो-तीन वर्षों में यहां 500 से ज्यादा डेयरी यूनिट लगी है।

पिछले महीने से जुड़ी हुई खेल उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे खिलाड़ियों के लिए बेहद खास रहा है। महिला जूनियर एशिया कप, जूनियर एशिया कप, जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप, एशिया अंडर-20 एथलेटिक चैंपियनशिप का उदाहरण दिया। इन सबके पीछे कारण राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताएं हैं। जहां इन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं को दिखाने का अवसर मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपने दैनिक जीवन में योग अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इस बार के योग दिवस वाले दिन वे संयुक्त राष्ट्र में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि योग के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं करनी पड़ती और इसे कभी भी जीवन में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 21 जून को इस संबंध में संकल्प लेने का अवसर है।

प्रधानमंत्री ने पुरी में हर वर्ष आयोजित होने वाली जगन्नाथ यात्रा को एक भारत श्रेष्ठ भारत का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि 20 जून को ऐतिहासिक रथ यात्रा का दिन है। इस यात्रा का एक विशिष्ट दुनिया में पहचान है। देश के अलग-अलग राज्यों से बहुत धूमधाम से पकवान रथ यात्रा निकाली जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात कई देशवासियों के लिए नई प्रेरणा बनी है। उन्होंने प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना आनंदा शंकर जयंत से प्राप्त पत्र का उल्लेख किया। उन्हें मन की बात के एपिसोड से स्टोरी टेलिंग के बारे में पता चला और उससे प्रेरित होकर उन्होंने ‘कुट्टी कहानी’ तैयार की है। यह बच्चों के लिए अलग-अलग भाषाओं में कहानियों का बेहतरीन संग्रह है।

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लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ध्येय फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने राजनीतिक जीवन में कभी अहंकार नहीं पाला। जिस दिन व्यक्ति के अंदर अहंकार आ जाता है, उसी दिन से उसका पतन शुरू हो जाता है। इसलिए कभी मन में अहंकार नहीं आना चाहिए।

रक्षामंत्री ने कहा कि आम तौर पर जनता में यह धारणा है कि ब्यूरोक्रेट्स उस तरह से जनता के साथ पेश नहीं आते, जिस तरह से उन्हें पेश आना चाहिए। ‘जिस दिन इस देश का नेता“न’ कहना और इस देश की ब्यूरोक्रेसी ‘हाँ’ कहना सीख जाएगी, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें छात्र जीवन से ही राजनीति का कीड़ा कुरेदता था । 23 साल की उम्र में जेल गया, वह इमरजेंसी का दौर था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आपको पद पर रहते हुए इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सुझाए गए किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुनें और यदि उचित हो तो उसे अमल में भी लाएं। जनप्रतिनिधि अपनी जनता से संबंधित मुद्दों को तो आपके सामने उठाएगा ही। इसलिए आपको अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करना होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने किसी भी निर्णय के समय महात्मा गांधी के उस कथन को याद करें, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि जो सबसे गरीब आदमी तुमने देखा हो, उसकी शक्ल याद करो और अपने हृदय से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिये कितना उपयोगी होगा ? क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुंचेगा ? हमें अपने निर्णय से पहले यह सोचना पड़ेगा कि हमारे इस निर्णय से समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति पर क्या असर पड़ेगा ? जिस दिन से आप इस सोच के साथ कार्य करना शुरू करेंगे, मेरा विश्वास करिए, आपके अंदर एक आत्म संतुष्टि का भाव आएगा।

उन्होंने कहा कि कई प्रकार की चुनौतियाँ आएँगी लेकिन मेरा आपसे आग्रह है कि चाहे लाख चुनौतियाँ आएं, चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, आप अपने अंदर के बच्चे को कभी खत्म मत करिएगा। आपके अंदर का बच्चा हमेशा जीवित रहना चाहिए। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते हैं, जहां आपको समझ ही नहीं आता कि करें तो करें क्या। ऐसी स्थिति में विवेक का साथ न छोड़ें। आप विवेक के साथ चलें, तो हो सकता है कि मुश्किलें आएँ, पर उनसे निकलने का रास्ता भी आपको उन्हीं मुश्किलों में निकलता दिखाई देगा। ऐसा मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ।

उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लखनऊ दौरे का आज तीसरा दिन था। इस कार्यक्रम के बाद राजनाथ सीधे एअरपोर्ट के लिए रवाना हो गये। वहां से वह दिल्ली जायेंगे।

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नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यात्रियों के निजी सामान की चोरी के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं है। जस्टिस विक्रमनाथ की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने उपभोक्ता फोरम के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि यात्री अगर अपने सामान की सुरक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

कोर्ट ने कहा कि यात्री के पास से एक लाख रुपये चोरी होना, रेलवे की ओर से सेवा में कमी नहीं है। दरअसल, एक यात्री एक लाख रुपये अपने साथ लेकर यात्रा कर रहा था। ट्रेन यात्रा के दौरान यात्री के पास से एक लाख की नकदी की चोरी हो गई। इसके खिलाफ उसने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की, जिसपर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम ने रेलवे द्वारा यात्री को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने का फैसला सुनाया था।

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कुपवाड़ा, 16 जून (हि.स.)। कुपवाड़ा जिले के जुमागुंड क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाबलों ने पांच आतंकियों को मार गिराया। नियंत्रण रेखा पर रातभर चली इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकी विदेशी हैं और इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।

पिछले कुछ दिनों में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकियों की घुसपैठ के बारे में विभिन्न खुफिया एजेंसियों से खुफिया सूचना प्राप्त हो रही थी। 15 जून को भी जुमागुंड इलाके से घुसपैठ की एक विशेष खुफिया सूचना प्राप्त हुई थी। भारतीय सेना और पुलिस द्वारा एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। 15 और 16 जून की मध्य रात्रि के बीच सुरक्षाबलों ने देखा कि पांच भारी हथियारों से लैस आतंकी नियंत्रण रेखा पार कर रहे है। सीमा में आने पर सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों को ललकारा गया तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों ने एक एक करके पांचों आतंकी मार गिराए। मारे गए आतंकियों की पहचान का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। उनके पास से सुरक्षाबलों को पांच एके सीरीज की राइफल, मैगजीन तथा डे-नाइट विजन गॉगल्स बरामद किया गया। खुफिया आधारित ऑपरेशन से यह स्पष्ट हो गया है कि सेना तथा पुलिस के बीच आपसी तालमेल से किसी भी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सकता है। कश्मीर में शांति और सद्भाव को बाधित करने के लिए आतंकियों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए सुरक्षाबल डटे हुए हैं।

इससे पहले एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि कुपवाड़ा में हुई मुठभेड़ में पांच विदेशी आतंकी मारे गए हैं।

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नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 से 25 जून तक अमेरिका और मिस्र की यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ बिडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बिडेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा करेंगे। यह यात्रा न्यूयॉर्क में शुरू होगी, जहां प्रधानमंत्री 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री वाशिंगटन डीसी की यात्रा करेंगे, जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और वे उच्चस्तरीय संवाद जारी रखने के क्रम में राष्ट्रपति बिडेन से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति बिडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बिडेन उसी शाम प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।

प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैकार्थी और सीनेट के अध्यक्ष चार्ल्स शूमर सहित कांग्रेस के नेताओं के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। अगले दिन 23 जून को प्रधानमंत्री के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन संयुक्त रूप से दोपहर के भोजन की मेजबानी करेंगे। आधिकारिक व्यस्तताओं के अलावा प्रधानमंत्री का प्रमुख सीईओ, पेशेवरों और अन्य हितधारकों के साथ कई क्यूरेटेड इंटरेक्शन का कार्यक्रम है। वह प्रवासी भारतीयों से भी मिलेंगे।

प्रधानमंत्री बाद में 24-25 जून तक मिस्र की यात्रा पर रहेंगे। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री को काहिरा आने का निमंत्रण दिया था। यह प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली यात्रा होगी। राष्ट्रपति सिसी के साथ अपनी बातचीत के अलावा प्रधानमंत्री के मिस्र सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, मिस्र की कुछ प्रमुख हस्तियों के साथ-साथ वहां रह रहे भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि जनवरी 2023 में राष्ट्रपति सिसी गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि रहे। उनकी राजकीय यात्रा के दौरान, संबंधों को ”रणनीतिक साझेदारी” तक बढ़ाने पर सहमति बनी थी।

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-सौराष्ट्र-कच्छ के समुद्र ने धारण किया रौद्र रूप, बचाव की सभी तैयारियां पूरी
-गुरुवार दोपहर बाद शुरू हो सकती है मूसलाधार बारिश और चलेगी तेज हवा

अहमदाबाद, 15 जून (हि.स.)। अरब सागर में बना चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के समुद्र के निकट पहुंचता जा रहा है। गुरुवार शाम इसके कच्छ जिले के जखौ बंदरगाह के समीप लैंडफॉल की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल यह 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। चक्रवात अभी द्वारका के समुद्र तट से 210 किमी, नलीया से 210 किमी, पोरबंदर से 290 किमी और जखौ से सबसे नजदीक 180 किमी की दूरी पर है। खतरे को देखते हुए राज्य सरकार अपने पूरे दल-बल के साथ मुस्तैद है। राहत और बचाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एनडीआरएफ समेत सभी बचाव दलों को मौके पर पहुंचा दिया गया है।

मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका जिले में रेड अलर्ट जारी किया है। पवागढ़, सोमनाथ और द्वारका मंदिर 15 जून को बंद रहेगा। बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के कच्छ की ओर आगे बढ़ने के साथ समुद्र अपने रौद्र रूप में आ गया है। ऊंची उठ रही समुद्री लहरें भयावह मंजर को दर्शा रही है। मांडवी के समुद्र में लहरें 15 से 20 फीट तक उछल रही हैं।

दूसरी ओर चक्रवात के गुजरात में लैंडफॉल होने के खतरे को देखे हुए समुद्र किनारे के 0 से 5 और 5 से 10 किमी के अंतराल के 164 गांवों के सरपंचों से मुख्यमंत्री ने डैशबोर्ड के माध्यम से बातचीत की। देवभूमि द्वारका, जामनगर, कच्छ और गिर सोमनाथ जिले के समुद्र तटवर्तीय क्षेत्रों के लोगों से लगातार सम्पर्क किया जा रहा है।

इसके अलावा बिपरजॉय के असर से जिलों में टेलीकॉम नेटवर्क टूटने पर लोग किसी भी टेलीकॉम नेटवर्क का उपयोग कर सकेंगे। दूरसंचार विभाग के गुजरात लाइसेंस सर्विस एरियाज जीएलएसए ने इस संबंध में सभी जरूरी उपाय पहले से कर लिए हैं। इससे यदि किसी टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवा का लोग उपयोग नहीं कर पाएंगे तो उनके पास विकल्प होगा कि वे दूसरे ऑपरेटर की सेवा लें।

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नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। रेलयात्रियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए रेलवे आनंद विहार टर्मिनल-पटना के बीच सुपरफास्ट समर स्पेशल रेलगाड़ी का संचालन करेगी।

उत्तर रेलवे के अनुसार, रेलगाड़ी संख्या 02250 आनंद विहार टर्मिनल-पटना सुपरफास्ट समर स्पेशल रेलगाड़ी 16, 18, 23 तथा 25 जून को आनंद विहार टर्मिनल से सायं 07.10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 06.50 बजे पटना पहुंचेगी। वापसी दिशा में रेलगाड़ी संख्या 02249 पटना-आनंद विहार टर्मिनल सुपरफास्ट समर स्पेशल रेलगाड़ी 17, 19, 24 तथा 26 जून को पटना से सुबह 9 बजे प्रस्थान कर उसी दिन रात्रि 08.55 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी।

वानानुकूलित तथा शयनयान श्रेणी के डिब्बो वाली यह स्पेशल रेलगाड़ी रास्ते में कानपुर सेंट्रल, प्रयागराज जं. तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी।

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नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापा कार्रवाई पूरी करने के बाद सेंथिल बालाजी को हिरासत में लिया।

वी. सेंथिल बालाजी को लंबी पूछताछ के बाद पीएमएलए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए चेन्नई के ओमांदुरार सरकारी अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान मंत्री सेंथिल को रोते हुए देखा गया।

उल्लेखनीय है कि नौकरी के लिए नकदी (कैश फॉर जॉब्स स्कैम) घोटाले के तहत पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और ईडी को जांच की अनुमति दी थी। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधान के तहत तमिलनाडु के बिजली मंत्री के आवास की तलाशी ली। पिछले महीने आयकर विभाग ने भी बालाजी के करीबियों के घर में छापा मारा था।

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