नई दिल्ली, 02 अगस्त (हि.स.)। विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मणिपुर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

राष्ट्रपति से मुलाकात करने वालों में कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, डीएमके नेता कनिमोझी और आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह आदि शामिल थे। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति मुर्मू को ज्ञापन भी सौंपा

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नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत में गुरुवार सुबह एक नाविक का शव लटका मिला। नौसेना ने जांच के आदेश दिए हैं। (एलसीए) नेवी और मिग-29 के लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग के बाद आईएनएस विक्रांत पूरी तरह से ऑपरेशनल होने के इंतज़ार में है, इसलिए विमानवाहक पोत फिलहाल कोच्चि में खड़ा है।

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह एक नाविक को आईएनएस विक्रांत पर लटका हुआ पाया गया। यह 19 वर्षीय नाविक अग्निवीर नहीं, बल्कि नियमित कैडर से मुजफ्फरपुर, बिहार का रहने वाला था। उसका शव युद्धपोत के एक डिब्बे में लटका हुआ पाया गया, नौसेना ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आईएनएस विक्रांत के डेक पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) नेवी और मिग-29 के लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग के बाद पूरी तरह से ऑपरेशनल होने के इंतज़ार में है, इसलिए विमानवाहक पोत फिलहाल कोच्चि में खड़ा है।

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, 45,000 टन का विक्रांत कोचीन शिपयार्ड में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। केवल अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही इस आकार के विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता है। इसका नाम विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसे 1961 से 1997 तक नौसेना ने संचालित किया था। युद्धपोत विक्रांत 262 मीटर लंबा है, इसकी ऊंचाई 61 मीटर (कील टू मस्तूल) है। इसका फ्लाइट डेक 12,500 वर्ग मीटर (10 ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल के बराबर) है। इसकी क्षमता 7,500 समुद्री मील और अधिकतम गति 28 समुद्री मील है।

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नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम का तीसरा हॉट सफल परीक्षण किया। इसरो ने ट्वीट करके जानकारी दी कि गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम पर दो और हॉट परीक्षण 26 जुलाई को सफलतापूर्वक किए गए।

इसरो ने कहा कि मिशन के लिए आवश्यक और निरंतर मोड में परीक्षण आयोजित किए गए। डी-बूस्टिंग आवश्यकताओं और ऑफ-नॉमिनल मिशन परिदृश्यों को प्रदर्शित करने के लिए तीन और हॉट परीक्षण निर्धारित हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की लॉन्चिंग के लिए इसरो कई तरह के परीक्षण कर रहा है।

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नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कह कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में बोलने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

चौधरी ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव लाने से उनकी सरकार नहीं गिरेगी लेकिन इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हम यही चाहते हैं कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री संसद के अंदर बोलें।

समाजवादी पार्टी प्रमुख व सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। इस मुद्दे पर संसद में बात होनी चाहिए, क्योंकि मणिपुर में जो भी हो रहा है, इसकी जानकारी सरकार को होगी। ऐसे में इस मुद्दे पर सदन में बात करना जरूरी है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मणिपुर में जो हुआ, वह भयावह है। वहां 55 हजार से अधिक लोगों को घरों से विस्थापित होना पड़ा है। वहां उपजी हिंसा के कारण 149 लोग मारे गए। यह कोई छोटी समस्या नहीं है। इन समस्याओं पर विरोध जताने के लिए विपक्ष के नेताओं ने काले कपड़े पहने हैं।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर की कोई चिंता नहीं है। वह देश विदेश में जाकर लगातार भाषण दे रहे हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर संसद में बोलने को तैयार नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया था। शाह ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी छिपाना नहीं चाहती है।

बीते दिनों मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र और राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है और संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग कर रहा है। मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी।

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– भारत ने फिलहाल रूस से पांच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे

– मिसाइल प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पाले में

नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। भारत अपनी 400 किलोमीटर श्रेणी की सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है। तीन स्तरीय लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। भारत ने फिलहाल रूस से पांच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे हैं, जिनमें से तीन की आपूर्ति हो चुकी है।

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) अपना स्वयं का 400 किलोमीटर लंबी दूरी का वायु रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है, जो रूस से लिए गए एस-400 सिस्टम के बराबर है। यह प्रस्ताव अग्रिम चरण में है और जल्द ही रक्षा मंत्रालय से मंजूरी दे दी जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2.5 बिलियन डॉलर है, जिससे भारत को हवा में दुश्मन की संपत्ति को मार गिराने की स्वदेशी क्षमता मिलेगी। मिसाइल प्रणाली में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की तीन परतें होंगी, जो विभिन्न दूरी पर लक्ष्य को भेद सकेंगी।

भारत ने पहले ही मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एमआर-एसएएम विकसित करने के लिए इजरायल के साथ काम किया है, जो 70 से अधिक किलोमीटर तक हवाई लक्ष्य पर हमला कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय प्रणाली रूस से हासिल की गई एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की श्रेणी में होगी और चीन एवं पाकिस्तान सीमा पर तैनात की जाएगी। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का विकास कार्य तब हो रहा है, जब डीआरडीओ ने जमीन आधारित और युद्धपोत आधारित दोनों प्रणालियों के लिए वायु रक्षा हथियार विकसित करने के मामले में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

एलआर-एसएएम परियोजना का नेतृत्व भारतीय वायु सेना करेगी, जो रक्षा हार्डवेयर में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है। डीआरडीओ की एलआरएसएएम परियोजना शुरू किए जाने के बाद भारतीय नौसेना ने अपनी स्वदेशी एलआर-एसएएम प्रणाली का नाम बदलकर एमआर-एसएएम कर दिया है। सेना और वायु सेना ने पहले ही इसी तरह की स्वदेशी प्रणाली को एमआर-एसएएम नाम दिया था।

भारत और रूस के बीच हुए पांच स्क्वाड्रन एस-400 मिसाइल सिस्टम का यह सौदा 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। रूस अब तक भारत को तीन एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति कर चुका है, जबकि दो सिस्टम अभी मिलने बाकी हैं। रूस से मिली दो एस-400 स्क्वाड्रन को देश की उत्तरी और पूर्वी इलाकों में तैनात किया जा चुका है। तीसरी स्क्वाड्रन को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किए जाने की तैयारी है।

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– कारगिल वार जीतने के बाद भी हमारी सेनाओं ने एलओसी पार नहीं की

– भारतीय सैनिकों की वीरता का प्रतीक है पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध

नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। कारगिल विजय दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर 1999 में हमने एलओसी पार नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं कि हम सीमा पार नहीं कर सकते थे। हम तब भी एलओसी पार कर सकते थे, हम अभी भी एलओसी पार कर सकते हैं और जरूरत पड़ी तो भविष्य में एलओसी पार करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि 26 जुलाई, 1999 को युद्ध जीतने के बाद भी हमारी सेनाओं ने इसलिए एलओसी पार नहीं की क्योंकि हम शांतिप्रिय हैं, भारतीय मूल्यों के प्रति हमारा विश्वास है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है।

लद्दाख स्थित द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर सैन्य परम्परा के साथ हुए इस श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र का मान-सम्मान और इसकी प्रतिष्ठा हमारे लिए किसी भी चीज से ऊपर है और इसके लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। हमने सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है कि जब बात हमारे राष्ट्रीय हितों की आएगी, तो हमारी सेना किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी। हम आज भी अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, सामने चाहे कोई भी हो। कारगिल की वह जीत पूरे भारत की जनता की जीत थी। भारतीय सेनाओं ने 1999 में कारगिल की चोटियों पर जो तिरंगा लहराया था, वह केवल एक झंडा भर नहीं था, बल्कि वह इस देश के करोड़ों लोगों का स्वाभिमान था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत मां के ललाट की रक्षा के लिए 1999 में कारगिल की चोटी पर देश के सैनिकों ने वीरता का जो प्रदर्शन किया, जो शौर्य दिखाया, वह इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं, क्योंकि किसी समय शून्य तापमान में भी हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें नीची नहीं की। आज दिख रहा भारत रूपी विशाल भवन हमारे वीर सपूतों के बलिदान की नींव पर ही टिका है। भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। अपने हजारों सालों के इतिहास में इस देश ने अनेक ठोकरें खाईं हैं, पर अपने वीर जवानों के दम पर यह बार-बार ऊंचा हुआ है।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेनाओं पर गर्व करते हुए कहा कि भारतीय सेना के जवानों के सामने ऐसे खतरे आते रहते हैं, जहां उनका सामना मौत से होता रहता है, लेकिन वह बिना डरे, बिना रुके सिर्फ इसलिए मौत से भिड़ जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है कि उसका अस्तित्व उसके राष्ट्र से है। कैप्टन मनोज पांडे के उस उद्घोष को भला कौन भूल सकता है, जब उन्होंने कहा था कि “यदि मेरे फर्ज की राह में मौत भी रोड़ा बनी, तो मैं मौत को भी मार दूंगा।” ऐसी वीरता के सामने तो दुनिया की कोई भी शक्ति नहीं टिक सकती, तो भला पाकिस्तान की क्या बिसात थी। भारत की तरफ चली हर एक गोली को हमारे सैनिकों ने अपनी फौलादी छातियों से रोक दिया। कारगिल युद्ध भारत के सैनिकों की वीरता का प्रतीक है, जिसे सदियों तक दोहराया जाएगा।

उन्होंने राजस्थान के सूबेदार मंगेज सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने घायल हालत में ही बंकर के पीछे पाकिस्तानी सैनिकों पर जमकर कई राउंड फायरिंग की और 7 दुश्मनों को ढेर किया। ऐसे ही न जाने कितने ही वीरों ने अपने देश के गौरव को बचाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। कई ऐसे सैनिक थे, जिनकी कुछ दिनों पहले शादी हुई थी, कई ऐसे सैनिक थे जिनका विवाह भी नहीं हुआ था, कई ऐसे सैनिक थे, जो अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत जीवन की उन सारी परिस्थितियों का सामना करते हुए राष्ट्र के अस्तित्व को बचाने का प्रयास किया, क्योंकि उनके मन में यह भावना थी कि- तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें।

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नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट तकनीकी खराबी के कारण मंगलवार को कई घंटे तक बंद रही। इससे ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक कराने वालों का खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

आईआरसीटीसी ने सुबह 10:03 बजे एक ट्वीट में कहा कि तकनीकी कारणों से टिकटिंग सेवा उपलब्ध नहीं है। हमारी तकनीकी टीम समस्या का समाधान कर रही है। जैसे ही तकनीकी समस्या ठीक हो जाएगी हम सूचित करेंगे।

इसके बाद एक अन्य ट्वीट में आईआरसीटीसी ने समस्या के दूर होने तक लोगों को टिकट बुक करने के वैकल्पिक साधनों के इस्तेमाल की सलाह दी। इस ट्वीट में कहा गया कि तकनीकी कारणों से टिकटिंग सेवा आईआरसीटीसी साइट और ऐप पर उपलब्ध नहीं है। क्रिस की तकनीकी टीम समस्या का समाधान कर रही है। वैकल्पिक रूप से टिकट अन्य बी2सी प्लेयर्स जैसे अमेज़ॅन और मेकमाईट्रिप आदि के माध्यम से बुक किए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ये प्लेयर्स रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र द्वारा संचालित आईआरसीटीसी सेवाओं के माध्यम से भी अपनी बुकिंग कराते हैं, जो रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।

अधिकारियों का कहना है कि हैकिंग का कोई प्रयास नहीं किया गया था और यह एक तकनीकी गड़बड़ी थी जिसे अब सुलझा लिया गया है। दोपहर 2:18 बजे आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर घोषणा की कि उसकी वेबसाइट पर बुकिंग की समस्या का समाधान हो गया है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग में आ रही समस्या को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) टिकट खिड़कियां खोले जाने की घोषणा की। दिल्ली रीजन की बात करें तो नई दिल्ली स्टेशन पर 2 काउंटर, शाहदरा, ओखला, निज़ामुद्दीन स्टेशन, सरोजिनी नगर, सब्जी मंडी, दिल्ली जंक्शन, कीर्ति नगर और आजादपुर रेलवे स्टेशनों पर 1-1 अतिरिक्त काउंटर खोला गया।

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नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। चंद्रयान-3 मंगलवार को चंद्रमा की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को एक बार फिर कक्षा बदलने की प्रक्रिया (अर्थबाउंड-फायरिंग-2) सफलतापूर्वक पूरा कर चंद्रयान-3 को पृथ्वी की पांचवीं कक्षा और आखिरी कक्षा में भेज दिया है। इसरो अब एक अगस्त को मध्यरात्रि 12-01 बजे के बीच चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में भेजेगा।

मंगलवार को इसरो ने ट्वीट करके कहा कि चंद्रयान-3 पृथ्वी की पांचवीं कक्षा (पृथ्वी-बाउंड पेरिगी फायरिंग) में बेंगलुरु से सफलतापूर्वक निष्पादित की गई है। 25 जुलाई को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच चंद्रयान-3 की कक्षा को सफलतापूर्वक बदला गया।

उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के तीसरे संस्करण को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है, जिससे चंद्रमा की दुर्लभ तस्वीरें और जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

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वाराणसी, 24 जुलाई (हि.स.)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आज सुबह सात बजे कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच यहां ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष सर्वेक्षण में सहयोग कर रहा है।

इसके मद्देनजर समूची काशी में हाई अलर्ट है। इस सर्वेक्षण से अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी खुद को अलग रखा है। कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वेक्षण की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की है।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर बाकी हिस्से की एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक दे और बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है।

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नई दिल्ली, 21 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले से जुड़े मामलों की सूची तीन हफ्ते में सौंपने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि मामले के महत्व को देखते हुए हाई कोर्ट में सुनवाई ठीक ही लग रही है।

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन कमेटी कमेटी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। 26 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी केस अपने पास ट्रांसफर कर लिए थे। मस्जिद कमेटी ने यह आदेश रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नहीं है। याचिका में कहा गया है कि यह आदेश याचिकाकर्ता के अपील के वैधानिक अधिकार को भी समाप्त कर देगा, क्योंकि यह मुकदमे के दो अपीलीय चरणों को खत्म कर रहा है।

दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर करते हुए कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों पर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। हालांकि, हिंदू पक्ष इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर चुका है।

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नई दिल्ली, 20 जुलाई (हि.स.)। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को आयोग की अध्यक्ष ने इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ वीडियो के प्रसार की अनुमति देने के लिए आयोग ने ट्विटर को भी नोटिस भेजा है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है और शाम तक और भी दोषियों की गिरफ्तारी की संभावना है। हमने ट्विटर को भी अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे वीडियो के प्रसार की अनुमति देने के खिलाफ नोटिस दिया है। यह वास्तव में चौंकाने वाली घटना है। आयोग ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान और मणिपुर से ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही हैं। दोनों घटनाओं के लिए राज्य के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क किया जा रहा है। इन घटनाओं के आरोपितों को सजा दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मणिपुर में हिंसा के बीच अब एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते दिखाया गया है। साथ ही वहां खड़ी भीड़ महिला के साथ हाथापाई भी कर रही है। इसके साथ भीड़ के कुछ लोग महिला के साथ अभद्रता करते भी दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद महिलाओं के साथ दुष्कर्म होने की बात भी कही जा रही है।

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नई दिल्ली, 20 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस ने कहा है कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुआ अभद्र व्यवहार बेहद दुखद है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता रंजीत रंजन ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो अमानवीय व्यवहार हुआ है, उसे सोचकर भी हमारी रूह कांप रही है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के बाद भी क्या हम उन महिलाओं की अस्मत लौटा पाएंगे? उन्होंने कहा कि वह सदन में बैठे तमाम लोगों से पूछना चाहती हैं कि क्या इसे राजनीति का खेल कहेंगे? क्या इसे ‘ऑल इज वेल’ कहेंगे? उन्होंने कहा कि आज सवाल है कि प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि हिंसा का खमियाजा हमेशा महिलाओं को ही क्यों भुगतना पड़ता है? क्या सदन में इसकी चर्चा होगी?

महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ‘न्यू इंडिया’ में महिलाओं के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार भी हो सकता है। अभी तक मणिपुर में 150 मौतें हो चुकी हैं और 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। यह बेहद शर्मनाक है। देश के प्रधानमंत्री व तमाम केंद्रीय मंत्री अगर मणिपुर मुद्दे पर चुप हैं तो वह चाहते हैं कि मणिपुर में हिंसा हो। इस घटना की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री को लेनी होगी।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 08 मिनट 25 सेकंड का संबोधन दिया। इस संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर केवल 36 सेकंड बोले, फिर राजस्थान-छत्तीसगढ़ पर राजनीति करने लगे। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मणिपुर में हुई घटना का वीडियो देखकर पूरा देश शर्मसार है।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से ऐसे मुद्दों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

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