कोलकाता, 17 अगस्त (हि.स.)। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) की ओर से कोलकाता में प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के तहत बनाए गए ‘विंध्यागिरी’ युद्धपोत का जलावतरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों गुरुवार को हुआ। कोलकाता के गार्डन रीच में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “मैं विंध्यगिरी के शुभारंभ पर यहां आकर बहुत खुश हूं। यह आयोजन भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है। विंध्यगिरि स्वदेशी जहाज निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक कदम है।”

उन्होंने कहा कि मैं भारतीय नौसेना और इस जहाज के डिजाइन और निर्माण में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि गार्डन रीच शिप-बिल्डरों और इंजीनियरों ने विंध्यगिरि जैसे फ्रिगेट सहित सौ से अधिक युद्धपोतों का निर्माण और वितरण किया है। आपके कौशल और अथक प्रयासों ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया है, जिसके लिए मैं जीआरएसई की पूरी टीम की उपलब्धियों के लिए सराहना करती हूं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रोजेक्ट 17ए, जिसका विंध्यगिरि एक हिस्सा है, आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस श्रृंखला के मल्टी-मिशन फ्रिगेट हमारे समुद्री हितों के लिए सभी प्रकार के खतरों से निपटने में सक्षम होंगे।

पश्चिम बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में पश्चिम बंगाल की यह मेरी दूसरी यात्रा है। कोलकाता का जीवंत शहर, अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के साथ हमारे देश के दिल में एक विशेष स्थान रखता है। इसकी बौद्धिक जीवंतता, कलात्मक उत्साह और विश्वव्यापी भावना भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है।

युद्धपोत के नामकरण की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “जहाज का नाम उपयुक्त रूप से ”विंध्य” पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है, जो दृढ़ता का प्रतीक रही है। मुझे विश्वास है कि जब यह युद्धपोत चालू हो जाएगा, तो यह विंध्य की मजबूती का प्रतीक होगा।”

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहे हैं। बढ़ती अर्थव्यवस्था का मतलब है अधिक मात्रा में व्यापार। हमारे व्यापार-सामान का एक बड़ा हिस्सा समुद्र के माध्यम से पारगमन करता है। यह तथ्य हमारे विकास और कल्याण के लिए महासागरों के महत्व को उजागर करता है। हिंद महासागर क्षेत्र और बड़े हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के कई पहलू हैं। इसमें समुद्री डकैती, सशस्त्र डकैती, नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध मानव प्रवास, प्राकृतिक आपदाएं और ऐसे कई मुद्दे शामिल हैं। इस पृष्ठभूमि में, भारतीय नौसेना को भारत के समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने का अधिकार है। सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए नौसेना को हमेशा सक्रिय रहना होगा।

क्या है युद्धपोत की खासियत

– कर्नाटक में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया विंध्यगिरि प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है। प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत, मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा चार और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा तीन जहाज निर्माणाधीन हैं।

परियोजना के पहले पांच जहाज 2019-2022 के बीच एमडीएल और जीआरएसई द्वारा लॉन्च किए गए थे।

ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलो-ऑन हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर, प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं।

आईएनएस विंध्यगिरि – जो नीलगिरि वर्ग के युद्धपोतों में छठा और आखिरी था – ने आठ जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी लगभग 31 वर्षों की सेवा में कई बहुराष्ट्रीय अभ्यास देखे थे और समुद्री निगरानी, तटीय गश्त और समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाए थे। 2011 में एक व्यापारिक जहाज के साथ दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे सेवामुक्त कर दिया गया था।

प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है। नौसेना के अनुसार, प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 फीसदी ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों से हैं।

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। देश में मोबाइल फोन के सिम विक्रेताओं का अब पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा, जिसमें उनकी बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल है। अब बड़ी संख्या में बिजनेस कनेक्शन लेने वाले कारोबारियों को सिम देते समय सम्बन्धित कर्मचारी का केवाईसी कराना अनिवार्य होगा।

केन्द्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्वनी वैष्णव ने गुरुवार को टेलीकॉम क्षेत्र से जुड़े दो रिफॉर्म की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन रिफॉर्म का मकसद केवल उपयोगकर्ता को साइबर धोखाधड़ी से बचाना है।

उन्होंने कहा कि सिम बेचने वाले को अब गलत तरीके से इसे बेचने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके लिए उसका पुलिस और बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा और बड़ी संख्या में सिम खरीद पर रोक होगी। इसके स्थान पर बिजनेस कनेक्शन दिए जायेंगे। बिजनेस कनेक्शन के लिए एक प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्रेशन होगा। यह बिजनेस कनेक्शन पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपना केवाईसी कराना अनिवार्य होगा।

मंत्री ने संचार पोर्टल के माध्यम से हासिल की गई उपलब्धियों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से 52 लाख फर्जी कनेक्शन खत्म किए गए हैं। 67 हजार डीलर ब्लैकलिस्ट किए गए हैं। साइबर फ्राड से जुड़ी 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 17 हजार मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं। 67 हजार व्हाटसएप ब्लॉक किए गए हैं। एक लाख पेमेंट अकाउंट ब्लॉक किए गए हैं। तीन लाख चोरी के मोबाइल उनके मालिकों तक पहुंचाए गए हैं। एक आधार पर सिम लेने की संख्या को अभी भी नौ बनाए रखा गया है।

मंत्री ने बताया कि डिजिटल केवाईसी जल्द ही जरूरी कर दिया जाएगा। सिम कार्ड देते समय आधार कार्ड के क्यूआर कोड को सत्यापित करना जरूरी होगा। इससे फोटो शॉप के दस्तावेज की हेरफेर खत्म होगी।

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। ब्रेंट क्रूड का भाव 84 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि चेन्नई में पेट्रोल का भाव 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में हफ्ते के चौथे दिन शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड 0.12 डॉलर यानी 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 83.57 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा है। वहीं, वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड 0.04 डॉलर यानी 0.05 फीसदी की उछाल के साथ 79.42 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

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नई दिल्ली, 16 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनेक केन्द्रीय मंत्रियों, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आज (बुधवार) सुबह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्य तिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के स्मृति स्थल “सदैव अटल” पर प्रातःकाल प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राज्यसभा के उप सभापति हरिबंश, एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल, अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल, हम पार्टी के संस्थापक जीतनराम मांझी सहित सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य जन मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए अपने एक ट्वीट संदेश में कहा कि मैं भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मिलकर असाधारण अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभान्वित हुआ। उन्होंने हमारे देश को प्रगति पथ पर बढ़ाने और कई क्षेत्रों में इसे 21वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अटलजी का व्यक्तित्व बहुत विराट था। वे हमारे पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं के लिए तो आदर्श हैं ही। अपने शासनकाल में उन्होंने जिस तरह से गठबंधन सरकार चलाई, उससे अनेक दलों के लोग भी उनके प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं। यही कारण है कि वे सब भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने आए हैं।

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को 77 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, “विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं। वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व-समुदाय पूरी तरह बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया है। फिर भी, सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह सामना करने में सक्षम रही है। देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली आर्थिक वृद्धि दर भी दर्ज की है। हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्र उनका ऋणी है।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर, मुद्रास्फीति (महंगाई) चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं। सरकार ने जन-सामान्य पर मुद्रास्फीति का अधिक प्रभाव नहीं पड़ने दिया है और साथ ही गरीबों को व्यापक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है। वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। हमारी आर्थिक प्रगति की इस यात्रा में समावेशी विकास पर जोर दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है और प्राचीन काल में भी हमारे यहां जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाएं विद्यमान थीं। किन्तु लंबे समय तक चले औपनिवेशिक शासन ने उन लोकतान्त्रिक संस्थाओं को मिटा दिया था। 15 अगस्त, 1947 के दिन देश ने एक नया सवेरा देखा। उस दिन हमने विदेशी शासन से तो आजादी हासिल की ही, हमने अपनी नियति का निर्माण करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त की।”

राष्ट्रपति ने देशवासियों को याद दिलाया कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है। जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना। हम सभी, समान रूप से, इस महान देश के नागरिक हैं। हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं तथा हमारे कर्तव्य भी समान हैं।

राजधानी दिल्ली में अगले महीने आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच-समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर है। देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली आर्थिक वृद्धि भी दर्ज की है। मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है। वंचितों को वरीयता प्रदान करना हमारी नीतियों और कार्यों के केंद्र में रहता है। परिणामस्वरूप पिछले दशक में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालना संभव हो पाया है। मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं। जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पहल की गयी हैं तथा व्यापक स्तर पर कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मैं एक शिक्षक रही हूं, इस नाते भी मैंने यह समझा है कि शिक्षा, सामाजिक सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। राष्ट्रपति ने इस साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा चंद्रयान -3 के लॉन्च का जिक्र करते हुए कहा कि यह अगले कुछ दिनों में चंद्रमा पर उतरने वाले हैं। चंद्रमा का अभियान अंतरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है। हमें बहुत आगे जाना है।

राष्ट्रपति ने सीमा की रक्षा कर रहे जवानों और अन्य सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा, “स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं पुनः आप सब को, विशेष रूप से सीमाओं की रक्षा करने वाले सेना के जवानों, आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले सभी बलों एवं पुलिस के जवानों तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को बधाई देती हूं।”

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– राष्ट्रगान के साथ सात बंदूकें 52 सेकंड में प्रति 2.4 सेकंड में फायर करके सलामी देंगी
– वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव कार्यक्रम स्थल पर फूलों की बारिश करेंगे

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। लाल किले की प्राचीर से इस साल पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दौरान 105 मिमी भारतीय फील्ड गन (आईएफजी) से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इस तरह की सात बंदूकें 52 सेकंड में 21 फायर करके सलामी देंगी, यानी राष्ट्रगान के साथ प्रति राउंड 2.4 सेकंड फायर होंगे। औपचारिक 21 तोपों की सलामी की अवधि राष्ट्रगान की लंबाई के साथ मेल खाती है। पिछले साल सलामी देने के लिए स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) फायर करके सलामी दी गई थी।

स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स ने इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर पारंपरिक 21 तोपों की सलामी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आईएफजी पुरानी 25-पाउंडर्स तोपों की जगह लेंगी, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को दर्शाती हैं। इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) 105 को 1972 में डिजाइन किया गया था। गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर और फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर इसका निर्माण करती हैं। ये फील्ड गन कॉम्पैक्ट लाइट हैं और इन्हें हवा से भी गिराया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को ऐतिहासिक लाल किले से 77वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने में देश का नेतृत्व करेंगे। वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को पारंपरिक संबोधन देंगे। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, इंडिया गेट, विजय चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, प्रगति मैदान, राजघाट, जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन, आईटीओ मेट्रो गेट, नौबत खाना और शीश गंज गुरुद्वारा सहित 12 स्थानों पर सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों को समर्पित सेल्फी प्वाइंट स्थापित किए गए हैं।

लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव गिरिधर अरमने करेंगे। रक्षा सचिव अरामने दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ का परिचय प्रधानमंत्री से कराएंगे। इसके बाद जीओसी नरेन्द्र मोदी को सलामी स्थल तक ले जायेंगे, जहां एक संयुक्त इंटर-सर्विसेज और दिल्ली पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री के गार्ड ऑफ ऑनर दल में सेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस के एक-एक अधिकारी और 25 कर्मी तथा नौसेना के एक अधिकारी और 24 कर्मी शामिल होंगे।

भारतीय सेना इस वर्ष के लिए समन्वय सेवा की भूमिका में है। गार्ड ऑफ ऑनर की कमान मेजर विकास सांगवान के हाथों में होगी। प्रधानमंत्री के गार्ड की कमान मेजर इंद्रजीत सचिन, नौसेना के सैन्यदल की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर एमवी राहुल रमन और वायु सेना के सैन्यदल की कमान स्क्वाड्रन लीडर आकाश गांघस के हाथों में होगी। दिल्ली पुलिस के दल की कमान एडिशनल डीसीपी संध्या स्वामी संभालेंगी। गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका स्वागत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख करेंगे।

दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्राचीर पर बने मंच तक ले जाएंगे। मेजर निकिता नायर और मेजर जास्मीन कौर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी। झंडा फहराए जाने के बाद तिरंगे को ‘राष्ट्रीय सलामी’ दी जाएगी। सेना का बैंड राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ‘राष्ट्रीय सलामी’ प्रस्तुत करने के दौरान राष्ट्रगान बजाएगा। बैंड का संचालन नायब सूबेदार जतिंदर सिंह करेंगे। इसके बाद स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स पारंपरिक 21 तोपों की सलामी देंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास कुमार सेरेमोनियल बैटरी की कमान संभालेंगे और नायब सूबेदार (एआईजी) अनूप सिंह गन पोजिशन ऑफिसर होंगे।

राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के दौरान वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव कार्यक्रम स्थल पर फूलों की बारिश करेंगे। हेलीकॉप्टर के कैप्टन विंग कमांडर अंबर अग्रवाल और स्क्वाड्रन लीडर हिमांशु शर्मा होंगे। पुष्प वर्षा के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के समापन पर राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट राष्ट्रगान गाएंगे। एनसीसी कैडेटों को वर्दी में ज्ञान पथ पर बैठाया जाएगा। लाल किले पर कार्यक्रम का फूलों से सजा एक अन्य आकर्षण जी-20 प्रतीक चिन्ह होगा।

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– उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयरबेस से ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ स्क्वाड्रन से होंगे संचालित
– आने वाले दिनों में तीनों सेनाओं को मिलेंगे, ताकि आक्रामक हमले की क्षमता बढ़ सके

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। भारतीय वायु सेना में इजराइली हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल किया गया है। एक बार संचालित होने पर लंबे समय तक उड़ने वाले यह ड्रोन एक ही उड़ान में पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ पूरी सीमाओं को कवर करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस से संचालित किया जा रहा है। इस स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों दुश्मन के खिलाफ एक साथ आक्रामक हमला किया जा सके।

उपग्रह संचार लिंक से लैस हेरॉन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। सेटेलाइट से नियंत्रित होने वाला हेरॉन ड्रोन 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है। भारतीय वायु सेना अब ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है। हेरॉन मार्क-2 ड्रोन का संचालन करने वाली स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। इस स्क्वाड्रन से एकसाथ चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगरानी मिशन चलाया जा रहा है।

वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उपग्रह संचार लिंक से सुसज्जित यह भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे उन्नत ड्रोन हैं। भारतीय वायु सेना में शामिल किये गये चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस हैं। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के राडार और सेंसर, एंटी-जैमिंग क्षमता और 35 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता के साथ हेरॉन ड्रोन एलएसी के पास सभी प्रकार की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम होंगे। इन्हें इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने सभी मौसमों के रणनीतिक मिशनों के लिए विकसित किया है।

इनकी खरीद रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत की गई है। चीन के साथ जारी संघर्ष के बीच रक्षा बलों को अपनी युद्धक क्षमताओं को उन्नत करने के लिए आपातकालीन वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। इन्हीं शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय वायु सेना ने भी बड़ी संख्या में टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइलें, लंबी दूरी की सटीक-निर्देशित तोपखाने के गोले के साथ-साथ हैमर एयर-टू-ग्राउंड स्टैंड ऑफ मिसाइलों को लगभग 70 किमी. स्ट्राइक रेंज के साथ हासिल किया है। अब अगर चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई ‘नापाक’ हरकत करेगी, तो तुरंत पता चल जाएगा।

इजरायल से लिए गये हेरॉन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है। आने वाले दिनों में अगर भारतीय सेनाएं बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का खात्मा करना चाहें, तो इसके लिए सेना को वहां घुसकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी। अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अलकायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायु सेना को भी गेम चेंजर हथियार हेरॉन ड्रोन मार्क-2 मिल गया है।

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाने की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। लाल किले पर आज सशस्त्र बलों की फुल ड्रेस रिहर्सल चल रही है। स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले दिल्ली में जमीन से आसमान तक अभूतपूर्व सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया है। लाल किला और राजघाट के साथ राजधानी के चप्पे-चप्पे पर दिल्ली पुलिस नजर रख रही है।

इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो ने स्वतंत्रता दिवस समारोह एवं अगले महीने प्रस्तावित जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मद्देनजर प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों के दौरान सुरक्षा अभ्यास किया है। दोनों कार्यक्रमों के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया तंत्र के साये में निर्मित की जा रही समग्र सुरक्षा ग्रिड के हिस्से के रूप में विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से लिए गए लगभग 500 कमांडो, स्नाइपर्स और वीआईपी सुरक्षा कर्मियों की एक टुकड़ी को दिल्ली में तैनात किया गया है। एनएसजी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक हैंडल पर यह सूचना साझा की है। इसमें कहा गया है-प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने के लिए अन्य हितधारकों को शामिल कर कई तरह आकस्मिकताओं को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया।

दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के से कड़े सुरक्षा इंतजाम के साथ गश्त और वाहनों की जांच तेज कर दी है। यहां तक कि डीटीसी की बसों के रूट तक डायवर्ट किए गए। उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को नागरिकों से 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ आंदोलन में हिस्सा लेने का आग्रह कर चुके हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। इस गरिमामय समारोह में पूरे देश से लगभग 1800 विशेष अतिथि शामिल होंगे।

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नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर देश के नागरिकों से 13 से 15 अगस्त के बीच राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने आजादी के अमृत महोत्सव में एक नई ऊर्जा भरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देशवासियों को इस साल इस अभियान को नई ऊंचाई पर ले जाना है। 13 से 15 अगस्त के बीच देश की आन-बान और शान के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को फहराएं। उन्होंने नागरिकों से तिरंगे के साथ https://harghartiranga.com पर सेल्फी अपलोड करने का आग्रह किया है।

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– पुराने मिग-21 जेट को बदलने के लिए तैनात की गई है अपग्रेडेड मिग-29 की स्क्वाड्रन
– दुश्मन को जवाब देने के लिए लंबी दूरी की एयर टु एयर मिसाइलों से भी लैस किया गया

नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। भारतीय वायु सेना ने चीन और पाकिस्तान से एक साथ मुकाबला करने के लिए जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर एयरबेस पर चौथी पीढ़ी के अपग्रेडेड मिग-29 यूपीजी को तैनात किया है। यह अत्यधिक लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के साथ हमला करने में सक्षम है। इस स्क्वाड्रन को पुराने मिग-21 जेट को बदलने के लिए तैनात किया गया है।

वायु सेना के मुताबिक मिग-29 यूपीजी लड़ाकू विमान की युद्धक क्षमता अधिक है। यह एवियोनिक्स और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस है। दुश्मनों को जवाब देने के लिए इसे घातक हथियारों से भी लैस किया गया है। यह एयरबेस श्रीनगर कश्मीर घाटी के केंद्र में स्थित है और इसकी ऊंचाई मैदानी इलाकों से अधिक है। मिग-29 उन सभी मानदंडों को पूरा करता है, जिसके कारण दोनों मोर्चों पर एक साथ दुश्मनों से मुकाबला करने में सक्षम हैं। मिग-21 की तुलना में मिग-29 के कई फायदे हैं। यह लंबे समय तक कश्मीर घाटी में भारत की ओर आंख उठाकर देखने वाले दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब देने में सक्षम है।

वायु सेना के एक अधिकारी ने मिग-29 यूपीजी की लड़ाकू क्षमता के बारे में बताया कि 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के बाद यही विमान पाकिस्तानी आतंकवादी शिविरों पर अटैक करके एफ-16 को मार गिराने में भी कामयाब रहा था। मिग-29 को बहुत लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों से भी लैस किया गया है। सशस्त्र बलों को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों का उपयोग करते हुए इसे घातक हथियारों से भी लैस किया गया है।

उन्होंने बताया कि दुश्मनों के साथ एयर स्ट्राइक होने पर मिग-29 दुश्मन के विमानों की क्षमताओं को जाम करने में सक्षम है। यह रात में नाइट विजन चश्मे के साथ काम कर सकता है। हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता के कारण इसकी रेंज लंबी है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने पर 2020 में एलएसी पर चीनी विमानों का मुकाबला करने के लिए मिग-29 को तैनात किया गया था। उसी समय से कई बार चीन के नापाक मंसूबों को नाकाम किया गया है। अब मिग-29 यूपीजी लड़ाकू विमान श्रीनगर एयरबेस से पाकिस्तान और चीन पर पैनी नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर करारी शिकस्त भी देगा।

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नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस नेता व लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा की कार्यवाही से निलंबित किए जाने के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध कर रहे सांसदों ने हाथ में ”लोकतंत्र बचाओ” और ”लोकतंत्र खतरे में है” लिखी तख्तियों के साथ अंबेडकर प्रतिमा की ओर मार्च कर विरोध प्रकट किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित वरिष्ठ कांग्रेस सोनिया गांधी व विपक्ष के अनेक सांसदों ने हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गुरुवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया। सदन की ओर से उन्हें माफी मांगने को कहा गया लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी थी, जिसके चलते उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन (आईएनडीआईए) की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बोलने के दौरान ही विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए थे। इस बीच कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी को सदन की कार्यवाही से उनके व्यवहार के खिलाफ विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देने के दौरान चौधरी बार-बार प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में हस्तक्षेप कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री को भगोड़े आर्थिक अपराधी से भी जोड़ने की कोशिश की। उसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें अपने शब्द वापस लेने को कहा लेकिन वे नहीं माने।

प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में विपक्षी दलों के सदस्य नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। विपक्ष मणिपुर पर प्रधानमंत्री से बोलने की मांग कर रहा था। प्रधानमंत्री के भाषण के अंत में पेश अविश्वास प्रस्ताव भी विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से गिर गया।

इसके बाद अध्यक्ष ने भाजपा सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के व्यवहार पर सवाल उठाया। इस पर विरेन्द्र सिंह मस्त ने अध्यक्ष से माफी मांगते हुए कहा कि वे अपने नेता की बुराई सहन नहीं कर पाए थे।

इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस से नेता सदन लगातार मंत्रिगण और प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान हस्तक्षेप कर रहे थे। वे बिना किसी तथ्य के आरोप लगाते रहते हैं। वे प्रस्ताव करते हैं कि उनका विषय सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए। साथ ही जब तक विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट और सिफारिशें मिल नहीं जातीं, उन्हें सदन से निलंबित रखा जाए। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अनुमोदित कर दिया।

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