New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) को 3 प्रतिशत बढ़ाकर 55 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2025 से लागू होगी।

68.72 लाख पेंशनभोगी होंगे लाभान्वित 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में वृद्धि के कारण सरकार पर कुल वार्षिक व्यय 10,083.96 करोड़ रुपये आएगा। इस निर्णय से लगभग 49.19 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68.72 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

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लगातार 8वें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के

नई दिल्ली:  विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स की मजबूती के कारण घरेलू शेयर बाजार आज लगातार आठवें कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। आज के कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई थी। बाजार खुलने के बाद खरीदारी के सपोर्ट से शुरुआती 10 मिनट में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों की चाल में तेजी भी आई, लेकिन इसके बाद बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण ये दोनों सूचकांक गिरावट का शिकार हो गए। हालांकि खरीदारों ने दिन में कई बार लिवाली का जोर बनाकर बाजार को सहारा देने की कोशिश भी की। इसके बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दबाव में ही बने रहे। पूरे दिन के कारोबार के बाद सेंसेक्स 0.12 प्रतिशत और निफ्टी 0.10 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुए।

आज दिनभर के कारोबार के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल्टी और एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों में लगातार बिकवाली होती रही। इसी तरह आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, हेल्थ केयर, ऑयल एंड गैस और टेक इंडेक्स भी कमजोरी के साथ बंद हुए। दूसरी ओर बैंकिंग, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज, मेटल, कैपिटल गुड्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों में खरीदारी का रुख बना रहा। ब्रॉडर मार्केट मे भी आज दबाव की स्थिति बनी रही, जिसके कारण बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.04 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ बंद हुआ। इसी तरह स्मॉलकैप इंडेक्स ने 0.08 अंक की सांकेतिक मजबूती के साथ आज के कारोबार का अंत किया।

आज दिनभर के कारोबार में एनएसई में 2,761 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें से 1,270 शेयर मुनाफा कमा कर हरे निशान में और 1,491 शेयर नुकसान उठा कर लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 16 शेयर बढ़त के साथ और 14 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 26 शेयर हरे निशान में और 24 शेयर लाल निशान में बंद हुए।

बीएसई का सेंसेक्स आज 176.83 अंक की मजबूती के साथ 80,541.77 अंक के स्तर पर खुला। कारोबार की शुरुआत होते ही खरीदारी शुरू हो जाने के कारण पहले 10 मिनट में ही ये सूचकांक 312.88 अंक की तेजी के साथ 80,677.82 अंक के स्तर तक पहुंच गया। इसके बाद बाजार में बिकवाली का दबाव बन गया, जिसकी वजह से ये सूचकांक लगातार गिरता चला गया। लगातार हो रही बिकवाली के कारण सुबह 10:30 बजे तक ये सूचकांक ऊपरी स्तर से 475 अंक से अधिक टूट कर 163.79 अंक की कमजोरी के साथ 80,201.15 अंक के स्तर तक गिर गया। दिन के कारोबार में खरीदारों ने कई बार लिवाली का जोर बनाकर इस सूचकांक को सहारा देने की कोशिश की, जिससे इसकी स्थिति में कुछ सुधार भी हुआ। पूरे दिन के कारोबार के बाद सेंसेक्स 97.32 अंक की गिरावट के साथ 80,267.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की तरह एनएसई के निफ्टी ने आज 57.04 अंक उछल कर 24,691.95 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलते ही खरीदारी के सपोर्ट से पहले 10 मिनट में ही ये सूचकांक 96.90 अंक की मजबूती के साथ 24,731.80 अंक तक पहुंच गया। इसके बाद बाजार में बिकवाली का दबाव बन जाने की वजह से ये सूचकांक गिरता चला गया। लगातार हो रही बिकवाली के कारण सुबह 10:30 बजे तक ये सूचकांक ऊपरी स्तर से 140 अंक से अधिक लुढ़क कर 47.20 अंक की कमजोरी के साथ 24,587.70 अंक तक आ गया। इसके बाद पूरे दिन शेयर बाजार में लिवालों और बिकवालों के बीच एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश चलती रही, जिसकी वजह से इस सूचकांक की चाल भी ऊपर नीचे होती रही। पूरे दिन के कारोबार के बाद निफ्टी 23.80 अंक की कमजोरी के साथ 24,611.10 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

आज दिनभर हुई खरीद-बिक्री के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से जेएसडब्ल्यू स्टील 1.83 प्रतिशत, अल्ट्राटेक सीमेंट 1.50 प्रतिशत, अदानी पोर्ट्स 1.47 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 1.14 प्रतिशत और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज 1.08 प्रतिशत की मजबूती के साथ आज के टॉप 5 गेनर्स की सूची में शामिल हुए। दूसरी ओर, इंटरग्लोब एवियशन 1.97 प्रतिशत, आईटीसी 1.40 प्रतिशत, भारती एयरटेल 1.25 प्रतिशत, ट्रेंट लिमिटेड 1.12 प्रतिशत और टाइटन कंपनी 1.01 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज के टॉप 5 लूजर्स की सूची में शामिल हुए।

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ट्रू कलर्स की स्टॉक मार्केट में निराशाजनक शुरुआत, फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

नई दिल्ली:  डिजिटल टेक्सटाइल प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्ट की सप्लाई करने वाली कंपनी ट्रू कलर्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में फ्लैट एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव की वजह से कंपनी के शेयरों पर लोअर सर्किट लग गया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 191 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे।

आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग बिना किसी बदलाव के 191 रुपये के स्तर पर ही हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन गया, जिसके कारण थोड़ी देर में कंपनी के शेयर गिर कर 181.45 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर आ गए। हालांकि दोपहर 2 बजे के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण शेयर का लोअर सर्किट ब्रेक हो गया। इसके बावजूद कंपनी के शेयर ज्यादा बढ़त नहीं बना सके। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर 183.05 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 4.16 प्रतिशत के नुकसान का सामना करना पड़ा।

ट्रू कलर्स का 127.96 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 से 25 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 45.46 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 43.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 50.58 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 44.42 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 102.44 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं।

इसके अलावा 10 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी। कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 3.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 8.25 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 24.69 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 45 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 234.05 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 20.04 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 56.56 करोड़ रुपये हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 47.51 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 5.90 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 14.14 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 36.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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Chhapra: शहरवासियों को अब बड़े आयोजनों के लिए आधुनिक सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी। रविवार को साधनपुरी स्थित आशीर्वाद पैलेस में पलाश इवेंट फ्लेयर का भव्य शुभारंभ धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम और औपचारिक उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व महापौर राखी गुप्ता शामिल हुईं। उन्होंने संस्थान की सराहना करते हुए कहा, “पलाश इवेंट फ्लेयर जैसी पहल से शहर के लोगों को अब शादियों और अन्य बड़े आयोजनों के लिए बेहतरीन सुविधाएं यहीं छपरा में मिलेंगी। यह निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है और हम सब इस नई शुरुआत के साथ हैं।”

इवेंट मैनेजमेंट में नई पहचान
पलाश इवेंट फ्लेयर का उद्देश्य शादियों, पार्टियों, कॉर्पोरेट प्रोग्राम्स और अन्य विशेष अवसरों को आकर्षक व यादगार बनाना है। आयोजकों के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में सफलतापूर्वक सेवाएं देने के बाद अब कंपनी ने बिहार में अपनी सेवाओं की शुरुआत की है।

पलाश इवेंट फ्लेयर की संस्थापक आकांक्षा ओझा ने कहा कि इस सपने की नींव 2023 में रखी गई थी और अब इसे हकीकत में बदलने पर गर्व हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि इस मंच के जरिए न सिर्फ मेरे, बल्कि दूसरों के भी सपने पूरे हों। हर किसी का खास दिन पलाश इवेंट फ्लेयर की सेवाओं से और भी यादगार बने।

स्थानीय लोगों को फायदा
पलाश इवेंट फ्लेयर के आगमन से छपरा जैसे शहर में बड़े आयोजनों के लिए अब लोगों को पटना या दूसरे बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यहां आधुनिक सजावट, थीम-बेस्ड इवेंट्स और उच्चस्तरीय मैनेजमेंट की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

शुभारंभ समारोह में बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

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नई दिल्‍ली, 22 सितंबर (हि.स)। देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें आज से लागू हो गईं। नवरात्रि के पहले दिन से लागू इन दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो दो श्रेणी हैं। लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगेगा। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें आज से प्रभावी हो गईं। इससे हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है।

रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहनों समेत करीब 400 वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मे स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने इस अवसर की पू्र्व संध्या पर पांच बजे देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे। कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।

देश में इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब- पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी लागू थे। कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था। सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी। आज साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो गईं। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, कैच-अप, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्‍तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें पांच फीसदी की स्लैब में रखा गया है। ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ पांच फीसदी हो गया है। पहले ये 12 या 18 फीसदी की स्लैब में थे।

सीमेंट पर जीएसटी की दर अब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है। टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी था। अब ये18 फीसदी के स्लैब में हैं। छोटी कारों पर अब 18 फीसदी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है। सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगेगा।

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नई दिल्‍ली, 21 सितंबर (हि.स)। देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें नवरात्रि के पहले दिन सोमवार से लागू हो जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन से लागू होने वाली जीएसटी दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो कैटेगरी होंगी। हालांकि, लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगाया जाएगा।

सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहन तक करीब 400 वस्तुएं अब सस्ती हो जाएंगी। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है।

जीएसटी दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।

जीएसटी दरों में बदलाव से अब बचेगा ज्यादा पैसा

देश में अभी तक जीएसटी का चार स्लैब लागू था, जिसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी और कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था, लेकिन अब सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी।

रोजमर्रा की चीजें अब पहले से होंगी सस्ती

सोमवार से साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, केचप, ड्राय फ्रूट्स, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्‍तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें 5 फीसदी की स्लैब में डाल दिया गया है। वहीं, कई एफएमसीजी कंपनियों ने कीमतें घटाने का ऐलान भी कर दिया है। एफएमसीजी कंपनियों ने जीएसटी 2.0 के लाभों को बिना किसी देरी के उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का संकल्‍प दोहराया है। इन कंपनियों ने अपने उत्पादों की अधिकतम खुदरा मूल्य की संशोधित सूची जारी की है।

दवाओं पर राहत, मेडिकल खर्च होगा कम

अब ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ 5 फीसदी लगेगा। पहले ये 12 फीसदी या 18 फीसदी की स्लैब में आते थे। सरकार ने मेडिकल स्टोर्स को एमआरपी घटाने या कम रेट पर दवाएं बेचने का निर्देश भी दिया है।

अब घर बनाना हुआ थोड़ा और आसान

सीमेंट पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है, जिससे घर बनाने की लागत थोड़ी कम होगी। इससे बिल्डर्स और होमबायर्स दोनों को इसका फायदा मिलेगा।

टीवी, एसी और वॉशिंग मशीन की कीमतों में कटौती

अब टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें 18 फीसदी की स्लैब में रखा गया है। कंपनियों ने कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है, जिससे ये प्रोडक्ट्स अब ज्यादा लोगों की पहुंच में होंगे।

जीएसटी कटौती का गाड़ियों पर सबसे बड़ा फायदा

छोटी गाड़ियों पर अब 18 फीसदी की जीएसटी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है, जिससे बड़ी गाड़ियों की कीमतें थोड़ी कम हो सकती हैं। कई कंपनियों ने इसकी घोषणा कर दी है।

ब्यूटी और फिटनेस सर्विस भी हो जाएगी सस्ती

अब सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है, हालांकि अब इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।

साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट जैसी चीजों पर भी राहत

हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले इन पर 12 फीसदी या 18 फीसदी टैक्स लगता था।

किन चीजों पर लगेगा सबसे ज्यादा टैक्स

सरकार ने कुछ चीजों को 40 फीसदी जीएसटी स्लैब के तहत रखा है, उसमें सिगरेट, गुटखा, पान मसाला, ऑनलाइन जुए से जुड़ी सेवाएं। इसके अलावा बड़ी गाड़ियां (1200 सीसी से ऊपर, 4 मीटर से लंबी) 350सीसी से ऊपर की बाइक सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्लेवर्ड वाटर जैसे कोल्ड बेवरेजेस

उल्‍लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया है। अब कर नई दरें पांच और 18 फीसदी होंगी, जबकि विलासिता वस्तुओं पर 40 फीसदी की विशेष दर लागू होगी।

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12 लाख तक की आय को आयकर मुक्त करने के बाद, भारत सरकार का देश को एक और बड़ा दीपावली तोहफ़ा। 22 सितम्बर से जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, पढ़ने और पढ़ाने से संबंधित पुस्तकें, पेंसिल और अन्य वस्तुओं पर अब कोई GST नहीं लगेगा। कार, T.V, A.C, Monitors, मोटरसाइकिल इत्यादि पर GST की दर को 18% तक और कृषि उपकरण, साइकिल, सोलर पैनल, चेहरे पर लगने वाले पाउडर और क्रीम, दांत मंजन इत्यादि पर 5% तक कम कर दिया गया है। अब से किसी भी वस्तु पर 12% की दर से GST नहीं लगेगा। साथ ही लॉटरी, आईपीएल ( IPL ) की टिकट, बड़ी और लक्जरी कारों पर GST की दरों को बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।  सरकार का यह कदम देश में वस्तुओं  के उपयोग को बढ़ाता है जिससे 2047 तक विकसित राष्ट्र का सपना पूरा किया जा सके।

भारत में छोटे दुकानदारों के लिए GST रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और सरल बनाते हुए अब 3 दिन में GST Registration देने की घोषणा। छोटे दुकानदारों को दिए जाने वाले GST Registration पर देय कर की सीमा को 2.5 लाख तक सीमित किया गया है। बाद में इसे असीमित किया जा सकता है। GST Registration के लिए बिक्री की सीमा में कोई बदलाव नहीं करते हुए वर्तमान में वस्तु की बिक्री करने वालों के लिए 40 लाख और सेवा देने वालों के लिए 20 लाख ही रखा गया है।

घरेलू और रोज़मर्रा की चीज़ें

GST परिषद ने आम घरों में इस्तेमाल होने वाली कई वस्तुओं को सस्ता कर दिया है। UHT दूध को अब पूरी तरह कर-मुक्त कर दिया गया है। इसी तरह भारतीय ब्रेड जैसे रोटी, पराठा और पिज़्ज़ा ब्रेड पर भी अब कोई GST नहीं लगेगा। टॉयलेट सोप, शैम्पू, फेस पाउडर, टूथपेस्ट और टूथब्रश जैसी चीज़ें, जो पहले 18% पर थीं, अब सिर्फ 5% पर मिलेंगी। नमकीन, भुजिया और मिठाइयाँ जैसी खाने-पीने की चीज़ों पर भी टैक्स घटकर 5% कर दिया गया है। इससे घर-गृहस्थी के खर्च में सीधी राहत मिलेगी।

खाद्य और पेय पदार्थ

प्लांट-बेस्ड मिल्क जैसे सोया मिल्क और बादाम दूध को अब 5% दर पर रखा गया है (पहले 12%-18%)। रेडी-टू-ईट खाद्य पाउडर और चॉकलेट/कोको उत्पाद पर भी टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। वहीं, कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक जैसे Coke, Pepsi को अब 40% की ऊँची दर पर लाया गया है, जिससे ये और महंगे हो जाएंगे।

कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र

किसानों को राहत देते हुए कृषि मशीनरी (जैसे ड्रिप सिंचाई और हार्वेस्टर) पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी यह बैठक महत्वपूर्ण रही। अधिकांश दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण अब 5% या Nil पर उपलब्ध होंगे। साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण जैसे सोलर पैनल और पवन टरबाइन भी 5% की कम दर पर आएंगे। जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर GST की दरों को 18% से हटा कर GST मुक्त कर दिया गया है।

वाहन और परिवहन

वाहनों के मामले में बड़े बदलाव किए गए हैं। छोटी कारें (1200cc तक पेट्रोल/एलपीजी/सीएनजी और 1500cc तक डीज़ल) पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। तीन-पहिया वाहन, बसें, एम्बुलेंस और ट्रक भी अब 18% पर आएंगे। दूसरी ओर,  बड़ी और लक्जरी कारें 40% पर कर दी गई हैं, जिससे ये और महंगी होंगी। मोटरसाइकिलें 350cc तक 18% पर और 350cc से ऊपर 40% पर रखी गई हैं। साइकिल और उनके पार्ट्स भी सस्ते हो गए हैं क्योंकि दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।

अन्य वस्तुएँ

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलावों में कोयले की दर को 5% + Cess से बढ़ाकर 18% किया गया है, जबकि तेंदू पत्ता (बीड़ी निर्माण में उपयोगी) अब 5% पर आ गया है। मार्बल और ग्रेनाइट ब्लॉक, साथ ही चश्मे एवं इसके शीशे भी अब 5% की कम दर पर मिलेंगे। साथ ही, लॉटरी, आईपीएल(IPL) टिकट पर GST को 40% कर दिया गया है।

 

 

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नई दिल्‍ली, 03 सितंबर (हि.स)। जीएसटी परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक सुधारों के तहत पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो-स्तरीय कर संरचना को अपनी मंजूरी दे दी है। इसमें रोजमर्रा के उपयोग वाले सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है। नई व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद नई दिल्‍ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। सीतारमण ने कहा, “हमने जीएसटी स्लैब कम कर दिए हैं। उन्‍होंने बताया कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी की दर में व्यापक बदलाव को मंजूरी दे दी है। चार की जगह दो कर स्लैब पांच फीसदी और 18 फीसदी किए गए हैं। उन्‍होंने आगे कहा, “ये सब 22 सितंबर 2025, नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी होगा।

उन्‍होंने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि हम क्षतिपूर्ति उपकर के मुद्दों पर भी विचार कर रहे हैं।” जीएसटी परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ” ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं। उन्‍होंने बताया कि आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले प्रत्‍येक कर की कड़ी समीक्षा इस बैठक में की गई है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि अधिकांश मामलों में जीएसटी की दरों में भारी कमी आई है जबकि श्रम प्रधान उद्योगों को अच्छा समर्थन दिया गया है। उन्‍होंने बताया कि किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को भी लाभ होगा। इसके साथ अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों को प्रमुखता दी जाएगी।”

सीतारमण ने बताया कि रोजमर्रा के उपयोग वाले सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है। उन्‍होंने कहा कि छोटी कारों, मोटरसाइकिल पर जीएसटी 28 फीसदी से 18 फीसदी लगेगा, सीमेंट पर जीएसटी 28 फीसदी की जगह अब 18 फीसदी लगेगा। उन्‍होंने कहा कि छेना, पनीर, रोटी, पराठे जैसे खाद्य उत्पादों पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह केवल जीएसटी में सुधार नहीं है, बल्कि संरचनात्मक सुधारों और लोगों के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के बाद सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) पर इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

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नई दिल्‍ली, 27 अगस्‍त (हि.स)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गया। इस तरह भारत पर अमेरिका की ओर से लगाया गया कुल शुल्क अब 50 फीसदी हो गया है। इससे 48.2 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर पड़ेगा।

अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने सोमवार को जारी मसौदा आदेश में कहा कि बढ़े हुए शुल्क उन भारतीय उत्पादों पर लागू होंगे जो “27 अगस्त, 2025 को पूर्वी डेलाइट समयानुसार रात 12:01 बजे या उसके बाद उपभोग के लिए प्रवेश किए गए हैं या उपभोग के लिए गोदाम से निकाले गए हैं।”

भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया टैरिफ भारत के लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये के निर्यात को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप ने 07 अगस्त को ही रूसी कच्चे तेल की भारत द्वारा की जाने वाली खरीद के लिए भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 फीसदी करने की घोषणा की थी, लेकिन समझौते पर बातचीत के लिए 21 दिन का समय दिया था।

भारत के समान पर 50 फीसदी टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वैलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70 फीसदी की कमी आ सकती है। वहीं, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देश इन सामानों को सस्ते दाम पर बेचेंगे। इससे भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी कम होगी।

ट्रंप का टैरिफ 70 और देशों पर भी हुआ लागू

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त को लागू हुआ, जिसके बाद करीब 70 अन्य देशों पर भी टैरिफ लागू हो गया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 फीसदी करने की घोषणा की थी।

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Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का फैसला किया है। यह बढ़ोतरी बुधवार से लागू हो गई, जिसके बाद भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर कुल टैरिफ दर 50% तक पहुंच गई है।

अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने अपने आदेश में साफ किया कि यह नियम 27 अगस्त, 2025 की आधी रात (ईस्टर्न डेलाइट टाइम) से लागू होगा। यानी इस समय के बाद भेजे गए या गोदाम से निकाले गए सामान पर यह बढ़ा हुआ शुल्क लगेगा।

किन उत्पादों पर असर पड़ेगा?

टैरिफ बढ़ने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में और महंगे हो जाएंगे। अनुमान है कि इसका असर करीब 30-35 अरब डॉलर के निर्यात पर पड़ेगा।
सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टरों में शामिल हैं –

  • समुद्री उत्पाद, खासकर झींगा
  • ऑर्गेनिक केमिकल्स
  • टेक्सटाइल और तैयार कपड़े
  • हीरे और सोने के गहने
  • मशीनरी और मैकेनिकल उपकरण
  • फर्नीचर और बेड से जुड़े आइटम


कौन से सेक्टर सुरक्षित हैं?

कुछ अहम क्षेत्रों को इस टैरिफ से बाहर रखा गया है। इनमें फार्मा, स्मार्टफोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।

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New Delhi, 27 अगस्त (हि.स.)। भारतीय उत्पादों पर अमेरिका की तरफ से लगाया गया 50 फीसदी टैरिफ आज से लागू हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्‍त टैरिफ लगाया जा रहा है। अमेरिका ने पहले ही भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्‍त से प्रभावी हो चुका है। 27 अगस्‍त से भारत पर कुल 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ लागू हो जाएगा। इससे 48 अरब डॉलर के निर्यात पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।

27 अगस्‍त से अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया है

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्‍त टैरिफ लगाया है। ट्रंप की बार-बार की धमकियों के आगे भारत नहीं झुका और रूस से तेल की खरीद जारी रखी। इसी वजह से 27 अगस्‍त से अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया है। 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ के कारण कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा और जूते का निर्यात प्रभावित हो सकता है।

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Patna/Chhapra: सारण जिला के जलालपुर अंचल में डेयरी प्रोजेक्ट प्लान्ट के निर्माण हेतु राज्य मंत्री परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है।

 निःशुल्क स्थायी अन्तर्विभागीय हस्तान्तरण की स्वीकृति

इसके लिए सारण जिलान्तर्गत अंचल जलालपुर के मौजा-बंगरा, थाना सं०-151/2 के खाता सं०-107, खेसरा सं०-426, रकबा-11-04-5 (बीघा-कट्ठा धूर) एवं खाता सं०-104, खेसरा सं०-427, रकबा-9-16-11 कुल प्रस्तावित रकबा 21 बीघा 16 धूर (15.5 एकड़) गैरमजरूआ मालिक परती कदीम शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के स्वामित्व की भूमि डेयरी प्रोजेक्ट प्लान्ट के निर्माण हेतु पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार, पटना को निःशुल्क स्थायी अन्तर्विभागीय हस्तान्तरण की स्वीकृति मंत्री परिषद ने दी है।

 

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