पटना: नये साल का जश्न मनाने के लिए रक्सौल से सटे नेपाल सीमा से नेपाल जाने वाले भारतीय पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गयी है।

रक्सौल से सटे नेपाल के वीरगंज भंसार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस साल जश्न मनाने को लेकर बीते तीन दिनों के अंदर करीब 12 हजार से अधिक गाड़ियों का भंसार हुआ है। इसके अतिरिक्त पैदल नेपाल पहुंचकर बस से बड़ी संख्या भारतीय पर्यटक नेपाल पहुंचे है।

वीरगंज भंसार कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 6 बजे भंसार खुलने के साथ ही, हमलोग काम पर लग जाते थे और देर शाम तक यह काम चलता रहता था। सबसे अधिक भीड़ 30 व 31 दिसंबर को रही। जबकि एक जनवरी को भी लगभग 3 हजार से अधिक गाड़ी का भंसार नेपाल जाने के लिए हुआ।

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– बिहार के विकास के लिए जो भी संभव होगा, वह सरकार के साथ मिलकर अवश्य करेंगे : आरिफ मोहम्मद

पटना, 02 जनवरी (हि.स.)। आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में पद और गोपनियता की शपथ ली। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कृष्णन विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाई। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के अन्य मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बिहार में काफी प्रतिभा है। बिहार के लोग काफी ऊर्जावान हैं। देश में बिहार के लोगों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए जो भी संभव होगा, वह सरकार के साथ मिलकर अवश्य करेंगे। नए साल पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से राबड़ी आवास पर जाकर मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन के समय के जो भी पुराने साथी हैं, वह उन सभी को जानते हैं। इसी को लेकर उनसे भी मुलाकात हुई। उन्होंने पत्रकारों से पूछा कि क्या पुराने साथियों से मिलना कोई गुनाह है, मिल नहीं सकता हूं क्या?

उल्लेखनीय है कि बिहार के 42वें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इससे पहले केरल के राज्यपाल थे। जनता पार्टी, लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में भी वह रह चुके हैं। नीतीश कुमार के साथ केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रहने वाले आरिफ मोहम्मद तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने शाहबानो कांड पर कांग्रेस को छोड़ दिया था। बिहार को 26 साल बाद मुस्लिम राज्यपाल मिला है। आरिफ मोहम्मद खान से पहले एआर किदवई 14 अगस्त 1993 से 26 अप्रैल 1998 तक राज्य के राज्यपाल रहे थे।

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अररिया, 01 जनवरी(हि.स.)। बैंककर्मी पर गोली चलाकर गंभीर रूप से घायल करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में पांच अपराधियाें काे गिरफ्तार किया है। जिले के पलासी थाना क्षेत्र के फुलसरा सालगोड़ी मोड़ के पास अपराधियों ने 24 दिसंबर की रात को कालियागंज बंधन बैंक शाखा के कर्मचारी दीपक कुमार यादव काे गोली मार दी थी। सिकटी थाना क्षेत्र के पोखरिया के रहने वाले दीपक कुमार को कमर के पास पीठ साइड में गोली लगी थी और गंभीर हालत में उसका इलाज पूर्णिया के निजी अस्पताल में किया गया था।

बैंक कर्मी पर हुए गोलीबारी का पुलिस ने खुलासा कर लिया है।बैंककर्मी पर गोली चलवाने वाला उसकी मंगेतर ही निकली, जिन्होंने अपने बॉय फ्रेंड के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने के लिए शार्प शूटर का प्रयोग किया था और उसे 50 हजार रूपये की सुपाड़ी दी थी।

घटना के उद्भेदन को लेकर एसपी अमित रंजन ने एसआईटी का गठन किया था।गठित एसआईटी टीम ने तकनीकी अनुसंधान का सहारा लेते हुए मामले का खुलासा किया।मामले में पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान का सहारा लेते हुए मंगेतर सहित उसके बॉय फ्रेंड और तीन शूटर को गिरफ्तार किया।पुलिस ने इनके पास से 2 देसी पिस्टल,2 मैगजीन, 4 कारतूस,2 मोबाइल फोन और 30 हजार रुपये भी जब्त किया है।

एसपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बंधन बैंक कर्मी दीपक कुमार यादव की शादी निशा कुमारी के साथ तय हुई थी।घर वालों द्वारा तय शादी निशा को कबूल नहीं था।वह अपने बॉय फ्रेंड मनोहर कुमार के साथ शादी करना चाहती थी।जिसको लेकर बॉय फ्रेंड मनोहर के साथ मिलकर निशा ने अपने होने वाले पति को ही रास्ते से हटाने के लिए षडयंत्र रचा।अपने होने वाले पति को मरवाने के लिए शूटर का सहारा लिया गया।तीन शूटरों को 50 हजार रूपये में मर्डर करवाने की निशा और मनोहर ने सुपाड़ी दी।इसी सुपाड़ी के तहत 24 दिसम्बर को जब बंधन बैंक कर्मी दीपक कुमार यादव बैंक से रात को वापस लौट रहे थे तो फुलसरा सालगोड़ी मोड़ के पास अपराधियों ने उनपर गोलीबारी कर उन्हें घायल कर दिया।

एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वारदात को अंजाम देने के लिए युवती और उसके बॉयफ्रेंड ने अपराधियों को 50 हजार रुपये की सुपाड़ी दी थी।उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान 2 देसी पिस्टल,2 मैगजीन, 4 कारतूस,2 मोबाइल फोन और दिए गए 50 हजार रूपये में से 30 हजार रुपये बरामद किए गए।एसपी ने पलासी थाना पुलिस के साथ डीआईयू टीम के द्वारा सफलतापूर्वक उद्भेदन कर लिए जाने का दावा किया।

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पटना, 31 दिसंबर (हि.स.)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार काे पहली बार राज्य सरकार का रूख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा है कि री-एग्जाम होगा या नहीं इस पर आयाेग काे ही निर्णय लेना है।

चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने आयोग को छात्राें के हित में निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी है। छात्रों से जुड़े किसी भी मामले के लिए आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र है। सरकार काे पूरा विश्वास है कि आयाेग जाे भी निर्णय लेगा वह छात्राें और राज्य के हित में हाेगा। इससे पहले उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की।

उल्लेखनीय है कि 70वीं बीपीएससी पीटी रद्द करने की मांग को लेकर पटना में पिछले कुछ दिनों से अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को कई राजनीतिक दलों और नेताओं का भी साथ मिला है। आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की और फिर लाठीचार्ज भी किया था, जाे अब एक राजनीति मुददा बन गया है। इस मामले में नीतीश सरकार ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है।

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पटना, 30 दिसंबर (हि.स.)। बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी और धार्मिक न्यास बोर्ड के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल साेमवार काे पंचतत्व में विलीन हाे गये। उनकी इच्छा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार हाजीपुर के तीर्थमोक्ष धाम कोनहारा में किया गया। आचार्य किशोर कुणाल का 29 दिसंबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वह 74 साल के थे। उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

कोनहरा घाट पर जिला प्रशासन के द्वारा राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान हजारों की संख्या उनके चहेते और अनुयायियों ने आचार्य किशोर कुणाल का एक झलक पाने को लेकर व्याकुल थे। पुलिस विभाग के कई अधिकारी भी पहुंचे।

अंतिम संस्कार से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को पटना स्थित निजी आवास से महावीर मंदिर होते हुए हाजीपुर के कोनहारा घाट लाया गया था, जहां बिहार सरकार के मंत्री अशोक कुमार चौधरी, समस्तीपुर सांसद संभवी चौधरी समेत कई सांसद और विधायक शामिल हुए थे। आचार्य किशोर कुणाल के अंतिम दर्शन के लिए राज्य से बाहर से भी लाेग पहुंचे। माैके पर पूर्व सांसद रामा सिंह, लालगंज के भाजपा विधायक संजय कुमार सिंह, राजू तिवारी, मंत्री जमाखां सहित कई नेता शामिल हुए। पूर्व आईपीएस की एक झलक पाने के लिए बिहार पुलिस विभाग के कई अधिकारी और वैशाली एसपीहर किशोर राय एडीएम विनोद कुमार भी मौजूद थे।

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पटना, 30 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार की राजधानी पटना में बीते 13 दिनों से बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने के लिए आंदोलनरत अभ्यर्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मुलाकात की।

मुख्य सचिव मीणा से मुलाकात के बाद बाहर निकले अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है।

अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मुख्य सचिव ने उनकी शिकायतों को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर सक्रियता से विचार कर रही है और जल्द ही कोई निर्णय ले लेगी।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ बहुत सकारात्मक बातचीत हुई। उन्होंने हमारी चिंताओं को गंभीरता से लिया और हमें आश्वासन दिया कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के साथ बातचीत हो चुकी है और अब निर्णय सरकार को लेना है। अभ्यर्थियों ने कहा कि उनका अगला कदम सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक अभ्यर्थी ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल पटना से बाहर हैं, इसलिए उनके लौटने के बाद ही कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि यह विवाद 13 दिसम्बर को तब शुरू हुआ जब बापू सभागार के परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्रों में देरी के कारण बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का बहिष्कार किया। परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल और परीक्षा केंद्र के अंदर सुरक्षा की कमी के वीडियो ने विरोध को और हवा दी। इसके बाद बीपीएससी ने बापू सभागार केंद्र की परीक्षा रद्द करने और इसे दुबारा चार जनवरी 2025 को कराने का आदेश पारित किया लेकिन छात्रों ने कथित अनियमितताओं के कारण सभी केंद्रों पर परीक्षा रद्द करने की मांग की।

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पटना, 30 दिसंबर (हि.स.)। बिहार लाेक सेवा आयाेग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारम्भिक परीक्षा काे रद्द करने की मांग काे लेकर अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई को साेमवार काे तलब किया था। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष आज अपराह्न राजभवन पहुंचे।

राज्यपाल ने बीपीएससी अध्यक्ष से पूरे मामले का फीडबैक लिया। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने राज्यपाल को परीक्षा के संबंध में पूरी जानकारी दी।

राज्यपाल और आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई की करीब 15 मिनट तक मुलाकात हुई। राज्यपाल से मुलाकात के बाहर आये आयाेग के अध्यक्ष ने पत्रकाराें से दूरी रखी और पत्रकाराें के सवालाें के जवाब दिये बिना ही निकल गये।

उनके हाथों एक पेपर भी मौजूद था। अध्यक्ष ने फिलहाल परीक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।

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पटना, 30 दिसम्बर (हि.स.)। छात्रों को उकसाने और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर और पार्टी अध्यक्ष मनोज भारती सहित कुल 21 नामजद और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पटना प्रशासन द्वारा बीती देर रात जारी जानकारी के मुताबिक जनसुराज पार्टी द्वारा गांधी मैदान, गांधी मूर्ति के सामने छात्र संसद के आयोजन के लिए स्वीकृति मांगी गई थी जिसे जिला प्रशासन ने अस्वीकृत करते हुए आवेदक को सूचित कर दिया था। इसके बावजूद 29 दिसम्बर को देर शाम इस पार्टी (जनसुराज) ने गांधी मूर्ति के समीप अनधिकृत रूप से लोगों की भीड़ इकट्ठा कर उन्हें उकसाया तथा विधि–व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की गई।

इनके द्वारा प्रदर्शनकारियों के साथ जेपी गोलंबर तक बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया तथा सड़क जाम कर दिया गया। वहां दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ धक्का–मुक्की की गई। इन लोगों द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन द्वारा लगाए गए लाउड स्पीकर को भी क्षतिग्रस्त किया गया। उनलोगों द्वारा मुख्य सचिव को ज्ञापन देने के लिए पांच लोगों का डेलीगेशन भेजने की बात की गई, परंतु आपसी सहमति नहीं बनने के कारण लोगों का नाम भी नहीं दिया गया। अंत में लगभग 100 की संख्या में लोग जेपी गोलंबर से हटने को तैयार नहीं थे। अतः प्रशासन द्वारा पानी की बौछार और हल्का बल प्रयोग कर इन्हें हटाया गया तथा स्थिति को सामान्य किया गया।

अनधिकृत रूप से भीड़ को इकट्ठा करने, लोगों को उकसाने तथा विधि–व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के आरोप में 21 नामजद एवं 600 से 700 अज्ञात लोगों के विरुद्ध गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर, पार्टी अध्यक्ष मनोज भारती, कोचिंग संचालक रह्मांशु मिश्रा के भी नाम शामिल हैं।

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पटना, 29 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की 70वीं पीटी परीक्षा को फिर से कराने की मांग को लेकर आंदोलनरत अभ्यर्थियों को वार्ता करने के लिए आज देर शाम बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बुलाया है।

दूसरी ओर, हजारों अभ्यर्थी जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच कर चुके हैं। गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया है। हालांकि, देखना यह है कि अभ्यर्थी मुख्य सचिव से मिलने को तैयार होते हैं या नहीं। अभ्यर्थियों की ओर से लगातार सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलने की मांग दोहराई जा रही थी।

आंदोलनरत अभ्यर्थियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग करके जेपी गोलंबर के पास रोकने की कोशिश की लेकिन छात्र-छात्राओं को पुलिस की बैरिकेडिंग रोक नहीं सकी। अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और आगे बढ़ गए। अभ्यर्थियों के साथ प्रशांत किशोर, पूर्व आईपीएस अधिकारी और जन सुराज के नेता आनंद मिश्रा सहित जन सुराज के दूसरे बड़े नेता मौजूद हैं। तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तनातनी की हालत बनी हुई है।

इसके पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि वे अभ्यर्थियों के साथ मार्च लेकर निकलेंगे और देखना चाहेंगे कि सरकार के पास कितनी लाठियां हैं। यदि एक भी लाठी चलती हैं, तो नीतीश सरकार को हिला देंगे। आज अभ्यर्थियों का हुजूम पटना के गांधी मैदान में जुटा और घंटों वहां बिहार लोक सेवा आयोग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही। इस दौरान अभ्यर्थियों ने एक ही मांग री-एग्जाम का नारा लगाया। बाद में वहां प्रशांत किशोर, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा और दूसरे शिक्षाविद् पहुंच गए।

काफी देर तक पुलिस ने प्रशांत किशोर और अभ्यर्थियों को एक तरह से गांधी मैदान में कैद कर दिया। हालत यह हो गई कि अभ्यर्थी गांधी मैदान से निकलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस उन्हें निकलने नहीं दे रही थी। कई घंटों तक अभ्यर्थियों की टोली और प्रशांत किशोर पार्टी नेताओं के साथ वहां फंसे रहे। इसके बाद पुलिस ने गेट खोला और गेट खुलते ही अभ्यर्थी कूच कर गए।

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BPSC: जिला प्रशासन के प्रस्ताव को बीपीएससी अभ्यर्थियों ने ठुकराया, मुख्यमंत्री से मिलने पर अड़े

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की जिद्द पकड़ ली है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आयोग के अधिकारियों के साथ पटना में बातचीत के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। यह प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से आया था।

प्रदर्शनकारी छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से डीएम ने पेशकश की थी। डीएम ने बताया कि हमने प्रदर्शनकारी छात्रों को बीपीएससी अधिकारियों से मिलने का प्रस्ताव दिया था ताकि वह अपनी शिकायतों को आयोग के समक्ष रख सकें लेकिन छात्रों की ओर से उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है और यह मांग उठाई है कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलना है लेकिन यह संभव नहीं है। क्योंकि, बीपीएससी एक स्वतंत्र निकाय है और इसमें सरकार की कोई दखलअंदाजी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा 13 दिसम्बर को आयोजित हुई थी। परीक्षा वाले दिन पटना के एक सेंटर पर हंगामा हुआ। इस दौरान प्रश्न पत्र भी फाड़े गए। हालांकि, उस हंगामे के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी। बाद में उस सेंटर पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया और 4 जनवरी को उसी सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है लेकिन अब छात्रों ने पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। इसको लेकर पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर उनका विरोध-प्रदर्शन भी जारी है।

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच आयोग ने यह साफ कर दिया है कि परीक्षा को रद्द किए जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग का कहना है कि यह प्रदर्शन प्रायोजित है। आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद भी छात्र अपनी मांग पर अड़े हैं। रविवार को जन सुराज संस्था के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बुलाई गई ‘छात्र संसद’ (छात्रों की सभा) को जिला मजिस्ट्रेट की ओर से अनुमति नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आगे से विरोध-प्रदर्शन में किसी भी तरह से शामिल पाए जाने वाले कोचिंग संस्थान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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पटना, 29 दिसम्बर (हि.स.)। राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य रहे पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (भापुसे) के पूर्व अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। किशोर कुणाल के निधन की पुष्टि उनके बेटे ने की है।

किशोर कुणाल को आज सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे। सेवानिवृति के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए और फिलहाल वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव थे। महावीर मंदिर न्यास बोर्ड पटना में कई स्कूल और कैंसर अस्पताल का संचालन करता है।

किशोर कुणाल राजधानी पटना में ज्ञान निकेतन जैसे चर्चित स्कूल के संस्थापक भी हैं। जब देश में वीपी सिंह की सरकार थी तो उस वक्त आचार्य किशोर कुणाल केंद्र सरकार, विश्व हिंदू परिषद् और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए थे।

किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से की। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया। वे 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बने और पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात हुए। वहां से वे 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने। वह संस्कृत अध्येता भी थे।

किशोर कुणाल को 1983 में प्रोमोशन मिला और वे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर पटना में तैनात हुए। कुणाल ने 1990 से 1994 तक गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर काम किया। एक आईपीएस अधिकारी के रूप में कुणाल पहले से ही धार्मिक कार्यों में शामिल थे। इसके बाद साल 2000 में पुलिस से रिटायर होने के बाद उन्होंने केएसडी संस्कृत यूनिवर्सिटी दरभंगा के कुलपति का पद संभाला। 2004 तक वे इस पद पर रहे और बाद में वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के प्रशासक बने और प्रचलित जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की शुरुआत की।

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पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.): पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता स्व. डॉ मनमोहन सिंह का निधन बीती रात होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 27-28 दिसम्बर की प्रगति यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।

मनमोहन सिंह साल 2004 से साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इनके निधन के बाद देश भर में 7 दिनों तक राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ को लेकर जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन को देखते हुए मुख्यमंत्री की 27 एवं 28 दिसम्बर की प्रगति यात्रा स्थगित की जाती है।

इससे पहले यह तय था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा को लेकर आज (27 दिसम्बर) मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे। यहां वे नरौली पंचायत के पंचायत भवन का निरीक्षण करेंगे। साथ ही शहर में हो रहे विकास कार्यों का मुआयना करेंगे। लेकिन, अब यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

इससे पहले डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद नीतीश ने बीती रात ट्वीट कर अपनी संवेदना जाहिर किया था और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।

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