पटना, 30 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को पटना के बापू सभागार में सहकारिता विभाग के एक कार्यक्रम में बिहार को कई योजनाओं की सौगात दी। इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राजग सरकार बिहार में चहुंमुखी विकास कर रही है।उन्होंने मिथिलांचल के लोगों को सौगात देते हुए मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

केंद्रीय सहकारिया मंत्री अमित शाह ने कहा कि लालू और राबड़ी का जब-जब शासनकाल आया तब-तब बिहार में विनाश हुआ। उन्होंने कहा कि लालू जी ने अगर बिहार की जनता के लिए कुछ अच्छा काम किया है तो हिसाब-किताब लेकर आइये और बताइये। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का नाम गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है। सहकारिता का सबसे ज्यादा फायदा बिहार को मिलने वाला है। लालू प्रसाद के समय सहकारिता चौपट हो गयी थी। इसको बर्बाद करने का श्रेय लालू एंड लालू कंपनी ने किया और सहकारी समितियों को भी संबोधित किया।

अमित शाह ने कहा कि बिहार की बंद पड़ी चीनी मिल को चालू करने के लिए पूरी ऊर्जा लगा देंगे। बिहार लालू-राबड़ी कालखंड में जातीय नरसंहार, चारा घोटाला को लेकर पूरे देश-दुनिया में बदनाम हुआ। बीते 20 वर्षों से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग गठबंधन सरकार में बिहार ने विकास के नए आयाम गढ़े हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब इनकी सरकार (लालू-राबड़ी) आई है तब तब विनाश आया है। उन्होंने 2025 के चुनाव में राजग सरकार बनाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर किया प्रहार-

इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आज बिहार में बहुत अच्छे से काम हो रहा है। कभी कोई इतना नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि महिलाएं कितना अच्छे से काम कर रही हैं। पहले शाम होने से पहले कोई निकलता तक नहीं था।

मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए कहा कि आज तक उन्होंने कोई कुछ किया है। शुरू से हमलोग काम करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2005 के पहले लोग शाम होने के बाद घर से निकलने से भी डरते थे। सड़कें भी नहीं थीं। यहां तक कि हिंदू-मुस्लिममें भी खूब झगड़े होते थे, लेकिन मैंने जो काम किया मैंने किया, आप लोगों ने नहीं। पहले क्या स्थिति थी। पहले स्वास्थ्य व्यवस्था की कैसी हालत थी? पहले स्वास्थ केंद्र में एक दिन में एक या दो मरीज आते थे। अस्पतालों में दवाई की व्यवस्था करवाई।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार पटना के बापू सभागार में सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने 4 विभागों की 823 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार मौजूद थे। कार्यक्रम में 100 सहकारी समितियों को माइक्रो एटीएम भी बांटे गए। साथ ही गृहमंत्री ने मिथिलांचल के लोगों को सौगात देते हुए मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का ऑनलाइन उद्घाटन किया। यहां से उन्होंने 7000 सहकारी समिति को संबोधित भी किया। इससे पहले

अमित शाह का स्वागत मखाना माला पहनाकर किया गया।

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पटना, 30 मार्च (हि.स.)। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की मैथिली मृणालिनी अध्यक्ष चुनी गई हैं। उन्होंने नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के मनोरंजन को हराया।

उपाध्यक्ष पद पर धीरज कुमार जीते हैं। वे निर्दलीय उम्मीदवार थे।
संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद एनएसयूआई के खाते में गए हैं। रोहन कुमार संयुक्त सचिव और सौम्या श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष बनी हैं। महासचिव पद पर निर्दलीय सलोनी राज ने जीत हासिल की है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सभी विजेताओं को सर्टिफिकेट दिए। उन्होंने छात्रों को बधाई दी और विश्वविद्यालय के काम में मदद करने की अपील की।

107 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला अध्यक्ष
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में नारी शक्ति का दबदबा रहा। सेंट्रल पैनल के पांच पदों में से तीन पर महिलाओं ने जीत हासिल की। पटना विवि के 107 साल के इतिहास में पहली बार अध्यक्ष पद पर किसी छात्रा अभाविप की उम्मीदवार मैथिली मृणालिनी ने जीत दर्ज की है।

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पटना, 29 मार्च (हि.स.)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 10वीं मैट्रिक परीक्षा 2025 का रिजल्ट शनिवार दोपहर जारी कर दिया। जिसमें कुल 82.11 फीसदी छात्र सफल घोषित किए गए। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभागार में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने नतीजे की घोषणा की। इस मौके पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ भी मौजूद थे।

बिहार बोर्ड के मैट्रिक की परीक्षा का रिजल्ट आज जारी हुआ। इस वर्ष 15.68 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें 12 लाख 79 हजार 294 ने सफलता पाई। यानी 82.11 प्रतिशत छात्र मैट्रिक की परीक्षा में पास हुए। समस्तीपुर की छात्रा साक्षी कुमारी सबसे ज्यादा अंक लाकर परीक्षा में शीर्ष पर रहीं।

इस वर्ष टॉप 10 में कुल 123 छात्र हैं। यहां तक कि शीर्ष स्थान पर भी 3 छात्र हैं। इनमें समस्तीपुर की साक्षी कुमारी, पश्चिम चम्पारण के गहिरी की अंशु कुमारी और भोजपुर के रंजन वर्मा हैं। तीनों ने 489 यानी 97.80 प्रतिशत अंक हासिल किया।

बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा 17 फरवरी से 25 फरवरी तक आयोजित की गई थी। परीक्षा में करीब 15 लाख 85 हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था।इसके लिए राज्य भर में 1677 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।

पिछले साल बिहार बोर्ड कक्षा 10 के नतीजों में कुल 4,52,302 छात्रों ने प्रथम श्रेणी हासिल की थी, जिसमें 2,52,846 लड़के और 1,99,456 लड़कियाँ थीं। 5,24,965 छात्रों ने द्वितीय श्रेणी हासिल की, जिसमें 2,52,121 लड़के और 2,72,844 लड़कियाँ शामिल थीं। कुल 3,80,732 छात्रों ने तृतीय श्रेणी हासिल की, जिसमें 1,66,093 लड़के और 2,14,639 लड़कियाँ शामिल थीं।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर कल पहुंचेंगे बिहार, गोपालगंज से करेंगे चुनावी प्रचार का शंखनाद

पटना:  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 29 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। अपने दौरे में वे 30 मार्च को गोपालगंज में रैली को संबोधित करेंगे। उनके दौरे को बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान से जोड़ कर देखा जा रहा है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दो दिवसीय बिहार दौरे के तहत गृहमंत्री 29 मार्च की रात 8 बजे पटना आएंगे। 30 मार्च को गृहमंत्री बापू सभागार में 11 बजे से आयोजित सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में शामिल होंगे। जिसमें विभाग की ओर से पैक्स से संबंधित चलाई जा रही योजनाओं और कुछ नई योजनाओं का शुभारंभ होगा। दिन के साढ़े 12 बजे वे पटना से गोपालगंज के लिए रवाना होंगे, जहां रैली को संबोधित करेंगे। शाम में फिर वे पटना के राजकीय अतिथिशाला में आयोजित राजग की बैठक में शामिल होंगे। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश के साथ घटक दल के अन्य नेता शामिल हो सकते हैं।

गोपालगंज में आयोजित रैली में अमित शाह के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त राजग के घटक दलों के अन्य वरिष्ठ नेता भी मंच साझा कर सकते हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा प्रमुख चेहरे हो सकते हैं। हालांकि इसे लेकर फिलहाल पार्टी की ओर से कुछ नहीं कहा जा रहा है।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

अमित शाह के दौरे को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। जिन अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है, उनमें सिकरहना के अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राज कुमार, अमरेश कुमार वरीय उप समाहर्ता पूर्वी चंपारण, मनीष कुमार वरीय उप समाहर्ता सारण, मिन्टू चौधरी परीक्ष्य्मान वरीय उप समाहर्ता, सारण, विकास कुमार वरीय उप समाहर्ता सीवान, अमर ज्योति वरीय उप समाहर्ता सीवान, सुजीत कुमार अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नरकटियागंज, चन्द्रशेखर कुमारन भूमि सुधार उप समाहर्ता नरकटियागंज शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार में इसी वर्ष अक्टूबर-नम्वबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले गोपालगंज से अमित शाह पहली रैली कर जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मजबूत करने की हुंकार भरेंगे, वहीं विरोधियों के खिलाफ अभी से बड़ी रणनीति के तहत वे प्रहार करते नजर आ सकते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह का यह पहला बिहार दौरा है।

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राहुल गांधी 7 अप्रैल को आयेंगे बिहार, संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हाेंगे शामिल

पटना:  लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार आ रहे हैं। राहुल गांधी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में शामिल होंगे।

कांग्रेस के प्रभारी सचिव सुशील कुमार पासी ने आज सदाकत आश्रम में पत्रकाराें काे संबाेधित करते हुए बताया कि राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयाेजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में भाग लेंगे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से लाेगाें काे कांग्रेस के साथ आने का आग्रह किया जायेगा।

बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गाँधी लगातार राज्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस वर्ष उनका यह तीसरा बिहार दौरा है। इससे पहले वे 18 जनवरी और 5 फरवरी को बिहार का दौरा कर चुके हैं।

राहुल गांधी का यह दौरा राज्य कांग्रेस में हुए दो बड़े बदलावों के बाद हो रहा है। कांग्रेस ने कृष्णा अल्लावारू को बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाया है और अखिलेश सिंह को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर राजेश कुमार को सौंपी गई है।

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जल्द लौटेगा विक्रमशिला विश्वविद्यालय का गौरव, मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण

भागलपुर: आठवीं सदी में तंत्र विद्या के लिए विश्वभर में अपनी पहचान बनाने वाली भागलपुर स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय का गौरव फिर से वापस लौटने वाला है। जिसको लेकर कवायद तेज हो गई है। नालंदा विश्विद्यालय के बाद अब विक्रमशीला विश्विद्यालय के दिन बहुरने वाले हैं। विक्रमशिला विश्विद्यालय को 12 वीं सदी में बख्तियार खिलजी ने नष्ट किया था। अब यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय विश्विद्यालय का निर्माण करवाने जा रहे हैं। भागलपुर के कहलगांव स्थित विक्रमशिला विश्विद्यालय के समीप केंद्रीय विश्विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने 2015 में ही 500 करोड़ रुपये इसके निर्माण को लेकर दिये थे हाल ही में राज्य सरकार ने भागलपुर जिला प्रशासन को 89 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के लिए दिया है।

बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा शुक्रवार को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ विक्रमशीला विश्विद्यालय के अवशेष स्थल पर पहुंचे। चिन्हित जमीन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जमीन सम्बन्धी कार्रवाई को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है । जमीन की डीपीआर संबंधी भी जानकारी ली। मुख्य सचिव को केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण को लेकर चिन्हित जमीन के बारे में भागलपुर के जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने नक्शा दिखाते हुए उन्हें ब्रीफ किया ।

मुख्य सचिव ने जमीन का किस्म और आसपास स्थित नदी, पहाड़ और सड़क सहित बसावट आबादी के बारे में भी विस्तृत से चर्चा की। सम्भवतः जल्द पीएम मोदी के हाथों शिलान्यास किया जाएगा। 215 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गयी है इसके डीपीआर की जिम्मेदारी नई दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को दी गयी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने भागलपुर में मंच से कहा था जल्द केंद्रीय विक्रमशीला विश्विद्यालय की स्थापना की जाएगी। 24 फरवरी को भागलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था विक्रमशिला विश्वविद्यालय ज्ञान का वैश्विक केंद्र था। हमने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के गौरव को नए नालंदा विश्वविद्यालय के माध्यम से पुनर्जीवित किया है। अब बारी विक्रमशिला की है, जहां एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना 8वीं-9वीं शताब्दी में पाल वंश के राजा धर्मपाल ने की थी। यह नालंदा विश्वविद्यालय का समकालीन था और पाल काल (8वीं से 12वीं शताब्दी) के दौरान अपनी शैक्षिक श्रेष्ठता के लिए प्रसिद्ध हुआ। जहां नालंदा विश्वविद्यालय गुप्त काल (320-550 ई.) से लेकर 12वीं शताब्दी तक प्रसिद्ध रहा, वहीं विक्रमशिला विश्वविद्यालय पाल काल में अपने उत्कर्ष पर था। नालंदा विविध विषयों के अध्ययन का केंद्र था, जबकि विक्रमशिला विश्वविद्यालय विशेष रूप से तांत्रिक और गुप्त विद्याओं में विशेषज्ञता रखता था। राजा धर्मपाल के शासनकाल के दौरान, विक्रमशिला को नालंदा से भी अधिक महत्व प्राप्त था और यह नालंदा विश्वविद्यालय के प्रशासन को भी नियंत्रित करता था। यहां पुरातात्विक उत्खनन पहले पटना विश्विद्यालय द्वारा तकरीबन 1960 से 1969 में हुआ था। उसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 1972 से 1982 के बीच खुदाई की गई थी। जिसके फलस्वरूप क्रॉस आकार का स्तूप, वर्गाकार विहार, मनौती स्तूपों के समूह भग्नावशेष में आये है।

एक तिब्बती व हिन्दू मन्दिर सहित अनेकों भवनों के अवशेष व कई स्तूप प्राप्त हुए थे। वर्तमान में 2024 से फिर खुदाई शुरू कर दी गयी है जहां महाविहार के आसपास कई तरह के अवशेष मिले हैं। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण होना है,जिसको लेकर हम लोगों ने स्थलीय निरीक्षण किया है। विश्वविद्यालय निर्माण के लिए भू अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, कहां कि भू अर्जन के कार्य को देखने के लिए और स्थल पर किस तरह की प्लानिंग हो रही है, उसको जाना और समझा है। कहां कि एप्रोच रोड का जो समस्या है उसको भी हमने समझा है और आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भू अर्जन से पहले सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट होता है जिसकी करवाई चल रही है। कह सकते हैं विक्रमशिला के पुनरुद्धार से न केवल बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यह शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस दौरान भागलपुर एएसपी हृदयकांत कहलगांव डीएसपी कल्याण आनंद सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

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पटना, 28 मार्च (हि.स.)। पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा दोबारा कराये जाने सम्बन्धी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाई काेर्ट के ताजा फैसले से राज्य सरकार और बीपीएससी को बड़ी राहत मिली है।

पप्पू कुमार व अन्य की याचिकाओं पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में दायर जनहित याचिका सहित सभी याचिकायों पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था, जिस पर आज कोर्ट ने ये फैसला दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बीपीएससी परीक्षा लेने के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे। साथ ही एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाए।

70वीं बीपीएससी के लिए 13 दिसम्बर को 912 केन्द्रों पर परीक्षा हुई थी, जिसमें चार लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।

याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कहा गया था कि बहुत सारे परीक्षा केंद्रों पर 13 दिसम्बर को परीक्षा जारी रहने के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाया गया लेकिन बिहार लोक सेवा आयोग ने सिर्फ पटना केंद्र की परीक्षा रद्द की। सिर्फ बापू सभागार केंद्र, पटना की ही पुनर्परीक्षा 4 जनवरी 2025 कराई गई।

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उत्तर प्रदेश मत्स्य पालको की टीम पहुंची संग्रामपुर, सीखे कश फिशरीज के गुर

– टीम में यूपी के तीन जिला के 22 मत्स्य पालक रहे शामिल

पूर्वी चंपारण:  जिले के संग्रामपुर प्रखंड के उतरी बरियरिया पंचायत में उत्तर प्रदेश के तीन जिला के 22 मत्स्य पालकाें की टीम पहुंची। जहां उन्होने कश फिशरीज के गुर सीखे। ये सभी मत्स्य पालक उतर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना अन्तर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण भ्रमण कार्यक्रम के तहत यहां पहुंचे है।


कश फिशरीज के संचालक यतेंद्र कुमार कश्यप ने किसानों को बताया कि 30 एकड़ में मत्स्य पालन व हेचरी से साल का लगभग 60 लाख की आमदनी होना निश्चित है,इसके साथ ही समय समय सरकार के द्वारा भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। मत्यस्य पालको की टीम ने घूमकर मत्यस्य पालन किये गए पोखरा व हेचरी को देखा व अन्य जानकारी प्राप्त किया।

टीम में उतर प्रदेश राज्य के संतकबीर नगर,बस्ती,सिद्धार्थ नगर के 22 मत्यस्य पालक शामिल थे। इसके साथ ही आईसीआर पीपरा कोठी वैज्ञानिक रवि कुमार, इंजीनियर विकास पराडर , सचिन कुमार सदस्य सांख्यकी कोष विभाग,अवधेश कुमार वर्मा व मत्यस्य पालक किसान मिथलेश कुमार वर्मा,अनिकेत सहनी, रामकोमल ,निषाद,चंद्रेश कुमार, त्रिलोकी कुमार आदि भी मौके पर मौजूद थे।

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विश्व रंगमंच दिवस 2025 का थीम “रंगमंच और शांति की संस्कृति” है : कुंदन वर्मा

सहरसा: विश्व रंगमंच दिवस पर शशि सरोजिनी रंगमंच सेवा संस्थान सहरसा के नाट्य प्रशिक्षक, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म समानांतर के प्रोडक्शन नियंत्रक एवं वस्त्र डिजाइनर अभिनेता सह नाट्य निर्देशक कुन्दन वर्मा ने कहा कि रंगमंच दिवस कला के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जश्न मनाने का दिन है। ऐसा करने के लिए, पिछले 6 दशकों से हर साल 27 मार्च को एक थीम का पालन किया जाता है।

विश्व रंगमंच दिवस 2025 का थीम “रंगमंच और शांति की संस्कृति” है। अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (आईटीआई) हर साल विश्व रंगमंच दिवस के लिए कोई विशेष थीम निर्धारित नहीं करता है। “रंगमंच और शांति की संस्कृति” थीम पर केंद्रित रहेगा। यह थीम कहानी कहने और प्रदर्शन की शक्ति के माध्यम से शांति और समझ को बढ़ावा देने में रंगमंच की भूमिका पर प्रकाश डालती है।

दुनियाभर में रंगमंच के महत्व को लोगों तक पहुंचाने और इसके प्रति लोगों में रुचि पैदा करने के मकसद से हर साल 27 मार्च को World Theatre Day मनाया जाता है। रंगमंच मनोरंजन का साधन मात्र नहीं है बल्कि यह लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का भी बेहतरीन जरिया है।

भारतीय रंगमंच के तीन प्रकार विकसित हुए: शास्त्रीय काल, पारंपरिक काल और आधुनिक काल। हिन्दी रंगमंच से अभिप्राय हिन्दी और उसकी बोलियों के रंगमंच से है। हिन्दी रंगमंच की जड़ें रामलीला और रासलीला से आरम्भ होती हैं। हिंदी रंगमंच संस्कृत नाटक, लोक रंगमंच एवं पारसी रंगमंच की पृष्ठभूमि का आधार लेकर विकसित हुआ है। भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र में ‘नाट्य’ शब्द का प्रयोग केवल नाटक के रूप में न करके व्यापक अर्थ में किया है।

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मोतिहारी में 28 मार्च को होगा जाॅब कैंप का आयोजन

पूर्वी चंपारण: जिला नियोजनालय परिसर में आगामी 28 मार्च 2025 को प्रातः 11:00 बजे से एक दिवसीय जॉब कैंप सह

कैरियर मार्गदर्शन कैम्प का आयोजन होगा। कैम्प में मिडलैंड माइक्रो फिन लिमिटेड द्वारा फील्ड ऑफिसर के लिए योग्य अभ्यर्थियो का चयन किया जाएगा।इस पद के लिए योग्यता 12वीं पास एवं बाइक चलाने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस की अनिवार्यता रखी गई है।साथ ही इसके लिए पुरूष अभ्यर्थियो की आयु सीमा 18-29 वर्ष निर्धारित है।


कार्यस्थल बिहार के पूर्वी चंपारण एवं पश्चिमी चंपारण जिला होगा।फ्रेशर के लिए मानदेय 12000 इन-हैंड एवं अनुभवी के लिए 13000 से 18000 तक इन-हैंड निर्धारित किया गया है।इसके साथ ही उन्हे आवास,मेस, फ्यूल, इनसेंटिव,पीएफ,मेडिकल, बोनस, इंश्योरेंस, ग्रैजुएटी आदि प्रदान की जाएगी।इस पद के लिए 150 रिक्त पदों पर आवेदन आमंत्रित किये गये है।

अभ्यर्थी कैंप में अपना बॉयोडाटा, मूल प्रमाणपत्र,आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो के साथ जिला नियोजनालय परिसर में आयोजित रोजगार कैम्प में प्रातः 11:00 बजे उपस्थित हो सकते हैं।

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बिहार विधान सभा में उठी लालू यादव काे भारत रत्न देने की मांग, सरकार ने किया खारिज

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमाे लालू यादव काे भारत रत्न देने की मांग से जुड़े प्रस्ताव काे सदन में ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया। विधानसभा में राजद ने लालू यादव काे भारत रत्न देने की मांग उठाई थी।

राजद के मुकेश रौशन बुधवार को सदन में प्रस्ताव लाए कि लालू यादव को भारत रत्न देने हेतु बिहार सरकार केंद्र सरकार से सिफारिश करे। उनकी इस सिफारिश पर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि प्रति वर्ष पद्म पुरस्कारों के साथ भारत रत्न देने की अनुशंसा की जाती है। लालू यादव को भारत रत्न देने का कोई विचार नहीं है।

विजय चौधरी ने मुकेश रौशन से अपना प्रस्ताव वापस लेने का अनुरोध भी किया, जिसे खारिज कर दिया। सदन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि लालू यादव को भारत रत्न देने की सिफारिश से जुड़ा कोई प्रस्ताव नीतीश सरकार के पास नहीं है। उनके इस जवाब से सदन में मौजूद राजद के सदस्यों को बड़ा झटका लगा। हालांकि जब मुकेश रौशन ने प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो विधानसभा स्पीकर नंद किशोर यादव ने इस मुद्दे पर वोटिंग कराने की घोषणा की। इसके बाद संकल्प को ध्वनि मत से सदन में खारिज कर दिया गया।

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नौकरी से हटाये जानें की खबर से मर्माहत बी पी एम नें की खुदकुशी

नालंदा: नालंदा जिलान्तर्गत हरनौत प्रखंड के शिक्षा विभाग के बीपीएम मनीष कुमार ने नौकरी से हटाये जाने की खबर से मर्माहत होकर आज बुधवार कि सुबह चार मंजिले छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना सें जिले में हडकंप मच गया। घटनाक्रम का खुलासा करते हुए भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य दिलीप कुमार जिला अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह, मीडिया प्रभारी मुन्ना कुमार पांडे एवं सोशल मीडिया अध्यक्ष उदय शंकर कुशवाहा ने बिहार शरीफ के सदर अस्पताल पहुंच कर बताया कि मनीष कुमार बहुत ही अच्छा काम करने वाले पदाधिकारी थे । विगत चार महीना से वेतन नहीं मिलने के कारण और अचानक से सभी बी पी एम को नौकरी से निष्कासन की खबर से वह काफी मर्माहत थे। कल शाम में भी उन्होंने सभी बीपीएम से बात किया था वह काफी डिप्रेशन में थे। इसी के कारण उन्होंने छत से कूद कर आत्महत्या कर ली।

बताते चलें की नई शिक्षा नीति के तहत सन 2023 में उस समय के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने 3 साल प्लस 2 यानि पांच साल के अनुबंध पर पूरे प्रदेश में डीपीएम, बीपीएम, बीआरपी, एमडीएम, बीआरपी, एमटीएस एवं सभी प्रखंडों में दो दो जूनियर इंजीनियर की बहाली ली गई थी लेकिन अचानक से के के पाठक के तबादला हो जाने के बाद नए अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ के द्वारा बिना किसी सूचना के सभी जिलों के शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा यह निर्देश दिए की सभी बहाल पदाधिकारी को 31 मार्च के बाद से बर्खास्त किया जाता है।एक पदाधिकारी के आदेश से नौकरी दिया जाता है जिनकी समय सीमा पूरा होने के पहले दूसरे पदाधिकारी के द्वारा आकर उसे निष्कासन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। मृतक मनीष कुमार इन्हीं सब बातों को लेकर काफी परेशान रह रहे थे ,उन्हें होली का वेतन तक नहीं मिल पाया था जिससे वह काफी दुखी थे ।

मनीष कुमार के दो छोटे-छोटे बच्चे और परिवार आज अनाथ हो गए। इसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की है। उन्होंने सरकार से इस तरह के आदेश को अविलंब निरस्त करने की मांग की है।उदय कुशवाहा ने जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से दिवंगत मनीष कुमार जो सरकारी कर्मचारी थे के परिजनों को सारी सरकारी सुविधा एवं 25 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की है।

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