पटना, 11 जुलाई (हि.स.)। बिहार के जमुई जिले में एनएच- 333 के एकडरा मोड़ के पास मंगलवार को कांवरियों से भरी एक बस एक पेड़ से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गयी। बताया जा रहा है कि घटना में 46 लोग घायल हो गए। जिसमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का इलाज रेफरल अस्पताल में चल रहा है। गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को इलाज जमुई सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना बस ड्राइवर को झपकी आने के कारण हुई है ऐसा बताया जा रहा है। ड्राइवर मौके से फरार है।

छपरा जिला के दो गांव सोहन बाजार एवं कड़ी बाजार के लगभग 45 लोग एक बस से चारधाम की यात्रा पर निकले थे। सोमवार को देवघर, बासुकीनाथ एवं तारापीठ में पूजा-अर्चना कर राजगीर पूजा करने के लिए जा रहे थे।

कांवरिया ने बताया कि देर रात को हमलोग देवघर में आराम करके सुबह तीन बजे यात्रा प्रारंभ किए। एकडरा मोड़ के समीप चालक को नींद आ गई। बस असंतुलित होकर सड़क के किनारे पेड़ से टकरा गई। जिसमें लगभग 46 लोग घायल हो गये। सभी को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टर सदाब अहमद ने सभी घायलों का उपचार किया। वही गंभीर रूप से घायल भगवान सिंह, कृष्णा सिंह और मंजू देवी को जमुई रेफर किया गया।

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पटना, 11 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधान मंडल में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज बिहार विधानसभा में हंगामे के बाद विधान परिषद में भी भारी हंगामा हुआ। दूसरे दिन सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, भाजपा सदस्य शिक्षक नेताओं को नजरबंद करने के बारे में जानकारी दी।

भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि बिहार में इमरजेंसी से भी गंभीर हालात हो गए हैं। पुलिस शिक्षकों व उनके नेताओं को घर में बंद कर दी है। आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा सदस्य के समर्थन में अन्य सदस्य भी आ गए और नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए।

नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि शिक्षक संगठन से बात करेंगे और नियम के अनुसार काम करेंगे। मंत्री ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की बात से इन लोगों को संतुष्टि नहीं है तो इन्हें शिक्षकों से कोई सहानुभूति नहीं है। सभापति ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दे दिया तो आप लोग बैठ जाइए।

सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जब समीक्षा की बात कह रहे तो फिर हाऊस अरेस्ट क्यों कर रहे? आप लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं। इस पर विजय चौधरी ने जवाब दिया कि जब मुख्यमंत्री ने कह दिया है तो फिर आंदोलन क्यों? इसलिए हाऊस अरेस्ट किया गया है।

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पटना, 10 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचिवालय पहुंचे, जहां वे वन एवं पर्यावरण विभाग के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सीएम के साथ तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान सीएम महागठबंधन में मचे घमासान के सवाल से बचते नजर आए और कहा कि आप लोग पर तो एके पर्टिया का कब्जे हो गया है..छोड़िए न।

सीएम नीतीश ने कहा कि दो महीने के भीतर पूरे राज्य में चार करोड़ से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हम तो जल्दी चाहते हैं कि 97 प्रतिशत पौधारोपण हो जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में आबादी से हिसाब से पौधारोपण भी होना चाहिए। पहले कहीं पेड़ दिखता था और अब सब जगह दिखता है। अभी और ज्यादा काम हो इसके लिए लगे हुए हैं। हर स्तर पर काम हो रहा है।

इस दौरान जब मीडिया ने महागठबंधन में मचे घमासान पर सीएम से सवाल किया तो वे सवाल से कन्नी काट गए और कहा कि आप लोग पर तो एके पर्टिया का कब्जे हो गया है।छोड़िए न। इसके बाद सीएम विधानसभा के लिए रवाना हो गए।

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मुजफ्फरपुर,09 जुलाई (हि.स.)। उत्तर बिहार का चर्चित सबसे बड़ा शिवालय मुज़फ़्फ़रपुर का बाबा गरीब नाथ धाम श्रावणी मेला 2023 का आगाज हो गया है.

रविवार को बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता और जितेंद्र राय में इस मेले का विधिवत उद्घाटन किया. मुजफ्फरपुर के डीएन हाई स्कूल परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में इस मेले का उद्घाटन किया गया जिसमें मुजफ्फरपुर के कई विधायक, जिलाधिकारी प्रणव कुमार समेत प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

उद्घाटन के अवसर पर मंत्री आलोक मेहता ने बताया कि यहां मेला काफी प्रसिद्ध है. झारखंड से अलग होने के बाद बिहार का सबसे बड़ा मेला मुजफ्फरपुर के बाबा गरीब नाथ मंदिर का श्रावणी मेला है. इसको राजकीय स्तर का मेला बनाने के लिए हम सब प्रयासरत है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को देर रात 12:00 बजे के बाद से बाबा गरीब नाथ मंदिर में दूर-दूर से आ रहे कावड़िया जलाभिषेक करेंगे. इसको लेकर मुजफ्फरपुर में विशेष व्यवस्था की गई है. सुरक्षा व्यवस्था में 1700 पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे

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– मामला काफी तूल पकड़ चुका है, लेकिन दोनों दल कह रहे हैं “ऑल इज वेल”

पटना, 8 जुलाई (हि.स.)। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद के मंत्रियों की औकात नौकरों-जैसी बना दी है। अफसर उनकी बात नहीं सुनते। मोदी ने कहा कि अधिकारियों की ट्रांसफार्मर-पोस्टिंग का अधिकार जदयू के मुख्यमंत्री के हाथ में है, इसलिए नौकरशाही जदयू के मंत्रियों-कार्यकर्ताओं के अलावा किसी को महत्व नहीं देती।

मोदी ने शनिवार को यहां कहा कि जो हालत शिक्षा विभाग की है, वही सभी विभागों की है। राजद कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद कोटे के विभाग में ऐसे अफसर बैठा दिये हैं, जो मंत्रियों पर लगाम कस सकें। राजद के विधान पार्षद का यह सुझाव सही है कि नीतीश कुमार को शिक्षा विभाग के अवर प्रधान सचिव को ही अपना सलाहकार बना लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री के विश्वसनीय अफसर राजद के मंत्रियों को परेशान कर रहे हैं और दूसरी तरफ जदयू के मंत्री बयान देकर अफसरों को पोलिटिकल कवर दे रहे हैं। राजद-जदयू के मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप से विकास के काम ठप हैं। मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में अब या तो मंत्री चंद्रशेखर रहेंगे या वर्तमान प्रधान सचिव। मामला काफी तूल पकड़ चुका है, लेकिन दोनों दल कह रहे हैं “ऑल इज वेल”।

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2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव नए रूप में होगा आप लिखकर रख लीजिए: प्रशांत किशोर

समस्तीपुर : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर CBI की ओर दायर चार्जशीट पर शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजनीतिक मोरालिटी का जो कंपास है वो इतना लो है कि वो जमाना चला गया कि किसी पर CBI चार्जशीट कर दे और कोई इस्तीफा दे दे। मुझे तो नहीं लगता कि जिस तरह की राजनीति ये लोग कर रहे हैं, उस हिसाब से CBI के चार्जशीट करने पर ये इस्तीफा देने वाले हैं या पद छोड़ने वाले हैं।

बिहार के समस्तीपुर जिले में पत्रकार वार्ता में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जहां तक बिहार सरकार की स्थिरता का सवाल है मेरी जो थोड़ी बहुत समझ है मैं नहीं समझता हूं कि लोकसभा चुनाव-2024 से पहले कोई परिवर्तन बिहार में होने वाला है। जिस दिन ये महागठबंधन बना था और कुछ लोग उत्साह में बता रहे थे कि इसका देशव्यापी इसका असर होगा। उस दिन भी मैंने कहा था महागठबंधन बिहार से जुड़ी घटना है और ये लोकसभा तक चलेगा। लेकिन अगला जो लोकसभा चुनाव होगा वो आप लिखकर रख लीजिए कि इस स्वरूप में नहीं होगा। मेरी बात चरितार्थ होनी भी शुरू हो गई। हाल ही में मांझी और उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन से निकल गए।

जब आप सरकार चलाते हैं तो 7 से 8 दल मिलकर भी सरकार चलाते हैं। सरकार चलाना एक बात है और साथ मिलकर राजनीति करना अलग बात है। दलों का गठबंधन आपस में बैठकर राजनीति कर ले चुनाव लड़ ले ये संभव नहीं है। मेरा भी अपना 10 साल का अनुभव है। 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव नए रूप में होगा आप लिखकर रख लीजिए।

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पटना, 07 जुलाई (हि.स.)। पटना हाई कोर्ट में पांच दिनों तक चली जातीय गणना की सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ में सुनवाई पूरी हुई। राज्य सरकार की ओर से आज महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में पक्ष रखा।

महाधिवक्ता ने कहा कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध में आंकड़ा एकत्रित करना, जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के किया जाना है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है। शाही ने कहा कि जातियां समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियां होती है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है। जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है। ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण से किसी की निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। महाधिवक्ता ने कहा कि बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक होती हैं।

इससे पहले हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार की जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था। कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं। साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ये असंवैधानिक और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। अधिवक्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। उन्होंने कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, ऋतिका रानी, अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होनी है।

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पटना, 07 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश में मानसून पूरी तरह से एक्टिव हैं।कही हल्की तो कहीं भारी वर्षा हो रही है। हालांकि, पटना समेत दक्षिण बिहार के कई जिलों में बादल छाए रहने और धूप निकलने से उमस बढ़ी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मौसम विभाग ने 5 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी चेतावनी के मद्देनजर किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार भागलपुर और बांका में आज भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा राजधानी पटना समेत उसके आसपास के हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने के साथ-साथ कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी व में गर्जन के आसार जताए गए हैं।

उल्लेखनीय है गुरुवार को पटना समेत 26 शहरों के अधिकतम तापमान में एक बार फिर से आंशिक वृद्धि दर्ज की गई है। पटना का तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा । वही भागलपुर जिले के काल गांव में सबसे अधिक 77.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र गांगेय पश्चिम बंगाल व निकटवर्ती ओडिशा के ऊपर बना है इसके प्रभाव से वर्षा की गतिविधियां बने होने के साथ-साथ में मेघ गर्जन और बिजली चमकने की संभावना है।

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बीआरसी में BRP की बहाली, सेवानिवृत शिक्षकों का होगा चयन मिलेंगे 20 हजार प्रतिमाह, पढ़ें पूरी खबर

Chhapra: राज्य के 537 बीआरसी यानी प्रखंड संसाधन केंद्र पर बीआरपी की बहाली होगी. चयनित बीआरपी को 20 हजार प्रतिमाह वेतन दिया जायेगा. इस आशय से संबंधित पत्र निर्गत हो चुका है. हालाकि यह चयन डीईओ द्वारा किया जायेगा. जिसमे सिर्फ 65 वर्ष तक की आयु वाले सेवानिवृत शिक्षक ही शामिल हो सकेंगे.

बिहार शिक्षा परियोजना ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दिया है. चयन का अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी को देते हुए एक चयन कमिटी बनाई जानी है. जिसमे पत्र के आलोक में अर्हता पूरी करने वाले सेवा निवृत शिक्षकों को ही चयनित किया जायेगा. इस चयन के लिए 31 जुलाई आखिरी तिथि है.

चयन के लिए सभी प्रखंड में 3 पद निर्धारित है जिनके लिए बीईओ द्वारा पैनल निर्माण कर जिला को भेजा जायेगा. 3 पदो पर एक प्राथमिक, एक उच्च और एक माध्यमिक विद्यालय के सेवा निवृत शिक्षक चयनित होंगे.

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पूर्वी चंपारण,06 जुलाई(हि.स.)। मोतिहारी सेन्ट्रल जेल के एक कैदी ने गुरुवार की सुबह सदर अस्पताल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है,उक्त कैदी कल से मोतिहारी सदर अस्पताल में इलाजरत था। इसी दौरान उसने कैदी वार्ड में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।

मृतक कैदी गोपालगंज के कुचायकोट थाना के रामपुर गनव गांव का निवासी एहसान अली बताया जाता है। जो हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। जिसकी बुधवार की शाम तबीयत खराब होने के बाद जेल प्रशासन ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसने कैदी वार्ड के शौचालय के ग्रिल में अपने गमछे को फांसी का फंदा बनाकर झूलकर आत्महत्या कर लिया।

कैदी के आत्महत्या की सूचना पर एएसपी राज और एसडीएम श्रेष्ठ अनुपम ने मामले की जांच प्रारंभ कर दिया है। इस बाबत सदर अस्पताल के प्रबंधक कौशल कुमार दूबे ने बताया कि कल शाम में एहसान अली नामक कैदी को सेंट्रल जेल से सदर अस्पताल भर्ती कराया गया था। जो मानसिक रूप से परेशान था।

सदर अस्पताल के कैदी वार्ड के शौचालय में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है।वही इस मामले में सिविल सर्जन अंजनी कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर से एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। टीम के जांच करने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।जिसके बाद उसकी मौत की सही जानकारी मिल सकेगी।

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लालू यादव ने भी दिल्ली जाने से पूर्व शिक्षा मंत्री से की बात

पटना, 6 जुलाई (हि.स.)। बिहार में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच उठा विवाद थमता नहीं देख आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इनके बीच आना ही पड़ा। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और केके पाठक को मुख्यमंत्री ने गुरुवार को आवास पर बुलाया। तीनों के बीच लगभग आधे घंटे बात हुई। लालू यादव ने भी दिल्ली जाने से पहले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को आवास पर बुलाकर बात की थी। प्रो. चंद्रशेखर राजद पार्टी के हैं।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री ने मीडिया के सवाल पर कहा कि विवाद कुछ नहीं है। आप लोग चैनल के माध्यम से जो दिखा रहे हैं मैं उसी से वाकिफ हुआ हूं। साथ ही सवाल किया कि संविधान में कौन बड़ा है, सचिव या मंत्री? उन्होंने कहा कि हम चीजों को देख रहे हैं, समझ रहे हैं उसके बाद बोलेंगे।

ये है पूरा मामला
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ कृष्णा नंद यादव ने पत्र लिखा था। पत्र में शिक्षा मंत्री की ओर से केके पाठक सहित विभाग के निर्देशक स्तर के कुछ अधिकारियों की कार्यशैली पर आपत्ति जतायी गयी थी। पत्र में कहा गया था कि यह सुनिश्चित किया जाये कि लोक सेवक अपनी छवि को चमकाने, राबिनहुड की छवि बनाने के लिए विभाग के संसाधनों और सरकार का सहारा न ले सके। इसके बाद यह पत्र वायरल हो गया। केके पाठक ने शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव की विभाग में एंट्री पर रोक लगा दी। सवाल उठने लगे कि आखिर मंत्री को ऐसे पत्र लिखने की क्या जरूरत पड़ी।

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Chhapra: बिहार में केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाओं का बंटाधार राज्य सरकार ने कर रखा है, जिस कारण से योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो रही है और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के नेता कुंतल कृष्ण ने कहीं। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में केंद्र की जन उपयोगी योजनाओं के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं। जिस कारण से योजनाओं में देरी हो रही है और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

उन्होंने कहा कि विगत 9 महीने से योजनाएं बिल्कुल सुस्त पड़ी है। केंद्र की योजनाओं का बंटाधार करने में बिहार की सरकार जुटी हुई है। उन्होंने योजना की चर्चा करते हुए कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट का कार्य केंद्र के पैसे से राज्य सरकार की एजेंसी कर रही है। जिसके द्वारा मानसून आने के पहले काम को पूरा नहीं किया गया जिससे शहरों में लोग कीचड़ और जलजमाव की समस्या झेलने को मजबूर हैं। निर्माण से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही शहरी विकास योजना के तहत शहरों में किए जाने वाले विकास में भी देरी हो रही है।

बात अगर छपरा शहर की करें तो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण सारा शहर कीचड़ में तब्दील हो चुका है।  वहीं दूसरी ओर नगर निगम के द्वारा स्ट्रीट लाइट तक को नहीं बदला जा रहा है जो अपने आप में राज्य सरकार के उदासीनता का धोतक हैं।

 

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